NCERT ला रहा सैन्य-अंतरिक्ष गौरवगाथा के नए अध्याय
स्कूली पाठ्यक्रम में सैन्य शक्ति, अंतरिक्ष मिशन और पर्यावरण पर जोर
‘ऑपरेशन सिंदूर’ से लेकर चंद्रयान तक शामिल होंगे नए मॉड्यूल
नई दिल्ली | देश के स्कूली छात्रों को अब भारत की सैन्य शक्ति, अंतरिक्ष में उपलब्धियों और पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों के बारे में गहराई से जानकारी दी जाएगी। राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (NCERT) जल्द ही अपने पाठ्यक्रम में ‘ऑपरेशन सिंदूर’, ‘मिशन लाइफ’, चंद्रयान, आदित्य एल-1, और अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन मिशन जैसे अहम विषयों को शामिल करने जा रही है।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार, यह नया पाठ्यक्रम दो भागों में तैयार किया जा रहा है — कक्षा 3 से 8 और कक्षा 9 से 12 के लिए। प्रत्येक मॉड्यूल 8-10 पृष्ठों का होगा और छात्रों को देश की सैन्य, कूटनीतिक, वैज्ञानिक और पर्यावरणीय उपलब्धियों से परिचित कराएगा।
'ऑपरेशन सिंदूर': सामरिक शक्ति की केस स्टडी
इन मॉड्यूलों में खासतौर पर जम्मू-कश्मीर के पहलगाम हमले के बाद भारत द्वारा अंजाम दिए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' को एक प्रमुख केस स्टडी के रूप में शामिल किया जाएगा। हालांकि, सुरक्षा कारणों से इससे जुड़ी संवेदनशील जानकारी गोपनीय रखी जाएगी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इसका उद्देश्य छात्रों को यह समझाना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सरकार, रक्षा बलों और मंत्रालयों के बीच कैसे तालमेल होता है।
अंतरिक्ष में भारत की उड़ान
पाठ्यक्रम में भारत के वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बनने की यात्रा को भी दिखाया जाएगा। इसमें चंद्रयान, आदित्य एल1 और हाल ही में भारतीय वायुसेना के पायलट शुभांशु शुक्ला की Axiom Mission-4 के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन तक पहुंचने की ऐतिहासिक घटना शामिल होगी।
पर्यावरण संरक्षण: मिशन लाइफ
मॉड्यूल में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की पहल ‘मिशन लाइफ’ को भी शामिल किया जाएगा, जो छात्रों को जलवायु संकट से लड़ने, सतत जीवन शैली अपनाने और प्रकृति के प्रति जिम्मेदार दृष्टिकोण विकसित करने के लिए प्रेरित करेगा।
विभाजन का इतिहास भी पाठ्यक्रम में
भारत-पाकिस्तान विभाजन की भयावहता और स्वतंत्रता के बाद देश ने कैसे चुनौतियों का सामना किया — यह भी छात्रों को बताया जाएगा। इसका उद्देश्य इतिहास को केवल तथ्यों के रूप में नहीं, बल्कि भावनात्मक और सामाजिक दृष्टिकोण से समझाना है।
* राज्यों और धार्मिक संस्थानों से मिला समर्थन
हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने इसे "बहुत अच्छा प्रयास" बताया। वहीं उत्तराखंड मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष मुफ़्ती शमून क़ासमी ने भी स्वागत करते हुए कहा कि "ऑपरेशन सिंदूर जैसे विषयों को धर्म से जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए," और इसे मदरसों के पाठ्यक्रम में भी लाने की बात कही। फिलहाल शिक्षा मंत्रालय ने इन मॉड्यूलों की लॉन्च तिथि तय नहीं की है, लेकिन उम्मीद है कि तैयार होते ही इन्हें स्कूलों में लागू कर दिया जाएगा।
Jul 28 2025, 10:34