मुंबई ट्रेन ब्लास्ट-हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, सभी 12 आरोपियों की रिहाई का दिया था आदेश
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सुप्रीम कोर्ट ने मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाकों के मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी करने के बांबे हाईकोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी है। महाराष्ट्र सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने आरोपियों को नोटिस जारी किया है। हाईकोर्ट ने 21 जुलाई को सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया था। इसके खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। हालांकि उन 12 आरोपियों को अभी वापस जेल नहीं भेजा जाएगा।
बीते दिनों बॉम्बे हाईकोर्ट ने मुंबई लोकल ट्रेन में किए गए सात बम धमाकों के मामले में सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया था। इस फैसले के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई की।
महाराष्ट्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल (एसजी) तुषार मेहता ने कहा कि हम फैसले के बाद रिहा हुए आरोपियों को सरेंडर करने का निर्देश देने का अनुरोध नहीं कर रहे। हम चाहते हैं कि फैसले पर रोक लगाई जाए। हाईकोर्ट के कुछ कमेंट MCOCA के अन्य मुकदमों को प्रभावित कर सकते हैं।
इस पर जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एनके सिंह की बेंच ने कहा कि हमें सूचित किया गया है कि सभी आरोपियों को रिहा कर दिया गया है। एसजी की दलीलों को ध्यान में रखते हुए हम इस हद तक फैसले पर रोक लगाई जाती है कि फैसले को मिसाल नहीं माना जाएगा।
हाईकोर्ट ने सभी 12 आरोपियों को बरी किया था
हाईकोर्ट ने 21 जुलाई को विशेष टाडा कोर्ट द्वारा दोषी साबित सभी 12 आरोपियों को बरी कर दिया था। निचली अदालत ने इनमें से पांच आरोपियों को मौत की सजा और सात को उम्रकैद की सजा दी थी। हाईकोर्ट ने सभी को बेकसूर करार देते हुए तत्काल जेल से रिहा करने का आदेश दिया था। अदालत ने कहा था, 'जो भी सबूत जांच एजेंसी की ओर से पेश किए गए थे, उनमें कोई ठोस तथ्य नहीं था। इसी आधार पर सभी आरोपियों को संदेह का लाभ देते हुए बरी किया जाता है।”
11 मिनट में सात बम धमाके
मुंबई लोकल ट्रेन में 11 जुलाई 2006 में हुए 11 मिनट के भीतर सात बम धमाके हुए थे। मुंबई की लोकल ट्रेनों 11 जुलाई 2006 को हुए सिलसिलेवार बम धमाके में 19 साल बाद हाईकोर्ट का फैसला था। इन धमाकों में 187 लोगों की मौत हुई थी।
Jul 24 2025, 17:39