हेमंत सरकार पर 'नाम परिवर्तन घोटाले' का आरोप, भाजपा ने CBI जांच की मांग की
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने झारखंड की हेमंत सरकार पर एक नया और गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि सरकार के घोटालों की श्रृंखला में अब 'नाम परिवर्तन घोटाला' भी जुड़ गया है। शाहदेव ने आरोप लगाया कि राज्य बनने के बाद से नाम परिवर्तन संबंधी जो मैनुअल गजट नोटिफिकेशन के रजिस्टर रखे जाते थे, वे हेमंत सरकार के कार्यकाल में गायब हो गए हैं।
प्रतुल शाहदेव के अनुसार, नाम परिवर्तन से जुड़े कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं हैं, जिससे यह पता नहीं चल पा रहा है कि इस अवधि में कितने और किन लोगों के नाम बदले गए। उन्होंने यह भी बताया कि हाल के वर्षों में इस प्रक्रिया के ऑनलाइन होने के बावजूद रिकॉर्ड ठीक से नहीं रखे जा रहे हैं, और इसमें बड़ी वित्तीय अनियमितताओं के आरोप भी लगे हैं।
धर्मांतरण के आंकड़ों को छुपाने की आशंका?
भाजपा प्रवक्ता ने राज्य सरकार से सवाल किया कि क्या इन दस्तावेजों का गायब होना बड़े पैमाने पर हुए धर्मांतरण के आंकड़ों को छुपाने की कोई साजिश तो नहीं है। उन्होंने कहा कि झारखंड में धर्मांतरण में लिप्त शक्तियां बड़े पैमाने पर सक्रिय हैं। प्रतुल ने इस बात पर जोर दिया कि नाम परिवर्तन का रजिस्टर लोगों की पहचान का एक महत्वपूर्ण आधार हो सकता था। उन्होंने आशंका जताई कि संभवतः बड़े पैमाने पर हुए धर्मांतरण के वास्तविक आंकड़ों को छिपाने के लिए ये सारे दस्तावेज गायब कर दिए गए हैं। शाहदेव ने यह भी कहा कि इन दस्तावेजों के गायब होने से संबंधित व्यक्ति आधार कार्ड में बदलाव कर अपनी उम्र, धर्म और जाति तक बदल सकता है।
FIR न होना मामले को संदिग्ध बनाता है:
प्रतुल शाहदेव ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार द्वारा इस मामले में प्राथमिकी (FIR) दर्ज न करना पूरे मुद्दे को और भी संदिग्ध बना देता है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में सिर्फ राजकीय प्रेस के संजीव कुमार से स्पष्टीकरण पूछा गया है। शाहदेव ने कहा कि जब सरकारी दस्तावेज गायब होते हैं, तो प्राथमिकी दर्ज की जाती है और संबंधित अधिकारी पर कड़ी कार्रवाई होती है। लेकिन यहां सिर्फ मामले को रफा-दफा करने की साजिश चल रही है।
भाजपा प्रवक्ता ने मांग की है कि इस पूरे घटनाक्रम की सीबीआई जांच कराई जाए, क्योंकि उन्हें आशंका है कि जांच के बाद कई और चौंकाने वाले रहस्य सामने आ सकते हैं।
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Jul 23 2025, 16:51