गढ़वा जिले के बरडीहा में दिव्यांग बच्चों के लिए आयोजन हुआ जाँच शिविर एवं सहायक उपकरण वितरण

गढ़वा :- झारखंड शिक्षा परियोजना, गढ़वा के द्वारा समग्र शिक्षा कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को प्रखंड संसाधन केन्द्र, बरडीहा में दिव्यांगता जांच शिविर सह सहायक उपकरण वितरण समारोह का आयोजन किया गया।

कार्यक्रम की शुरुआत चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुलदेव चौधरी, दिव्यांग विशेषज्ञ डॉ अमित कुमार एवं प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक आर्शी मुर्तुजा ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। इस शिविर में प्रखंड क्षेत्र के विभिन्न विद्यालयों के बच्चों का दिव्यांगता जांच किया गया।

जिसमें तीन वर्ष से अठारह वर्ष आयु वर्ग के हड्डी व शारीरिक रूप से कमजोर, नेत्र, मुक-बधिर, कान, मानसिक एवं शारीरिक रूप से दिव्यांग बच्चों की जांच हुई। तत्पश्चात दिव्यांग बच्चों के बीच ट्राई साइकिल, व्हील चेयर, रोलेटर, मानसिक मंदता किट, रोलेटर किट, हियरिंग एड, सीपी चेयर का वितरण किया गया। जिसमें केशर अंसारी, विमलेश यादव, अर्चना कुमारी, अनिता कुमारी, धर्मदेव

प्रजापति, जयप्रकाश विश्वकर्मा, मधु कुमारी, पूनम कुमारी, आदि शामिल थे। डॉ कुलदेव चौधरी ने कहा कि दिव्यांग बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य और समाज में बेहतर सुविधएं मिलनी चाहिए। क्योंकि एक सामान्य व्यक्ति से क्षमता कम होता है। इसलिए हो सके तो सामाजिक तौर पर या अन्य जगहों पर इन्हें प्राथमिकता देनी चाहिए। प्रतिमा मौके पर चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुलदेव चौधरी, दिव्यांग विशेषज्ञ डॉ अमित कुमार, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक आर्शी मुर्तुजा, अरविंद पाल, रिसोर्स टीचर अक्षय कुमार सिंह, एमआईएस रामेश्वर मेहता सहित विभिन्न विद्यालय के शिक्षक एवं काफी संख्या में छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था जर्जर,मरीज को एम्बुलेंस नहीं टेंपो से भेज रही सरकार.....बाबूलाल मरांडी

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने राज्य की हेमंत सरकार पर बड़ा निशाना साधा।

श्री मरांडी ने कहा कि सड़क पर घायल व्यक्ति के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था कराने के बजाय स्वास्थ्य मंत्री ने उसे टेम्पो में लादकर अस्पताल भेजा।

कहा कि अपनी पीठ खुद थपथपाने वाले स्वास्थ्य मंत्री ने स्वास्थ्य विभाग का बंटाधार कर दिया। 

कहा कि आए दिन ये खबरें आती हैं कि गरीबों ,जरूरतमंदों को सरकारी एम्बुलेंस नहीं मिल पाते।इससे अधिक शर्मनाक स्थिति और क्या हो सकती है?

कहा कि एयर एम्बुलेंस का ढोल पीटने वाली सरकार हकीकत में केवल फर्ज़ी विज्ञापनों से अपनी वाहवाही लूटने में लगी है।

कहा कि झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था इतनी जर्जर हो चुकी है कि खुद मंत्री और मुख्यमंत्री भी अपने या अपने परिजनों का इलाज राज्य के अस्पतालों में करवाने का साहस नहीं कर पाते!

झारखंड में NEET UG 2025 एमबीबीएस काउंसलिंग शुरू: 26 जुलाई तक करें पंजीकरण

झारखंड संयुक्त प्रवेश प्रतियोगी परीक्षा बोर्ड (JCECEB) ने NEET UG 2025 एमबीबीएस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया शुरू कर दी है। जो छात्र मेडिकल क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है। इच्छुक और योग्य उम्मीदवार 26 जुलाई 2025 तक ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।

यह काउंसलिंग प्रक्रिया उन सभी उम्मीदवारों के लिए है जिन्होंने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG) 2025 उत्तीर्ण की है और झारखंड के मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस सीटों पर प्रवेश पाने के इच्छुक हैं। JCECEB यह सुनिश्चित करने के लिए पूरी प्रक्रिया को सुव्यवस्थित कर रहा है कि प्रवेश निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से हो।

पंजीकरण के बाद, JCECEB 29 जुलाई 2025 को मेरिट सूची जारी करेगा। इस मेरिट सूची में उम्मीदवारों के NEET UG स्कोर और अन्य पात्रता मानदंडों के आधार पर उनकी रैंकिंग शामिल होगी। मेरिट सूची जारी होने के बाद, आगे की काउंसलिंग प्रक्रिया जैसे सीट आवंटन और दस्तावेज़ सत्यापन के चरण शुरू होंगे।

उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे JCECEB की आधिकारिक वेबसाइट पर नियमित रूप से नज़र रखें ताकि वे किसी भी महत्वपूर्ण अपडेट या घोषणा से न चूकें। समय सीमा से पहले पंजीकरण पूरा करना सुनिश्चित करें और यह भी जांच लें कि सभी आवश्यक दस्तावेज तैयार हैं। यह प्रक्रिया झारखंड के भावी डॉक्टरों के लिए पहला कदम है, और JCECEB यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि यह प्रक्रिया सभी के लिए सुचारू और कुशल हो।

पूर्वी सिंहभूम: ई-वेस्ट को सामान्य कचरे में न मिलाएं, प्रशासन की सख्त चेतावनी

जमशेदपुर, झारखंड: पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने पर्यावरण संरक्षण और उचित कचरा प्रबंधन को लेकर एक महत्वपूर्ण चेतावनी जारी की है। प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि इलेक्ट्रॉनिक कचरे (ई-वेस्ट) को सामान्य घरेलू कचरे के साथ मिलाकर डंप न किया जाए। इस निर्देश का मुख्य उद्देश्य ई-वेस्ट के वैज्ञानिक निपटान और रीसाइक्लिंग को बढ़ावा देना है, जो पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।

जिला प्रशासन ने बताया है कि ई-वेस्ट में कई प्रकार के हानिकारक रसायन और भारी धातुएं होती हैं, जैसे सीसा, पारा, कैडमियम, और ब्रोमिनेटेड फ्लेम रिटार्डेंट। जब इन सामग्रियों को सामान्य कचरे के साथ मिला दिया जाता है और लैंडफिल में फेंका जाता है, तो ये रसायन मिट्टी और पानी में रिस सकते हैं, जिससे गंभीर पर्यावरणीय प्रदूषण होता है। यह न केवल पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाता है, बल्कि भूजल को भी दूषित करता है, जिसका सीधा असर मानव स्वास्थ्य पर पड़ सकता है।

प्रशासन ने इस बात पर जोर दिया है कि ई-वेस्ट को अलग से इकट्ठा करना और अधिकृत रीसाइक्लिंग केंद्रों तक पहुंचाना अनिवार्य है। ऐसा करने से इन सामग्रियों में मौजूद मूल्यवान धातुओं और अन्य घटकों को पुनर्प्राप्त किया जा सकता है, जिससे नए उत्पादों के निर्माण के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भरता कम होती है। साथ ही, हानिकारक पदार्थों का सुरक्षित तरीके से निपटान सुनिश्चित होता है।

पूर्वी सिंहभूम जिला प्रशासन ने नागरिकों से अपील की है कि वे अपने पुराने या खराब हो चुके इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल फोन, कंप्यूटर, टीवी, रेफ्रिजरेटर, और अन्य गैजेट्स को सामान्य कूड़ेदान में डालने से बचें। इसके बजाय, उन्हें सरकार द्वारा अधिकृत ई-वेस्ट कलेक्शन सेंटर्स या रीसाइक्लिंग सुविधाओं पर जमा करें। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि इस नियम का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सकती है। यह पहल जिले में कचरा प्रबंधन को बेहतर बनाने और स्वच्छ व स्वस्थ पर्यावरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

बीबीएमयू के कॉलेज कर्मचारी 19 जुलाई से शुरू करेंगे अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल

धनबाद: स्थानीय कॉलेजों में शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों पर गहरा संकट मंडरा रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, कॉलेज कर्मचारी 19 जुलाई से अनिश्चितकालीन कलमबंद हड़ताल पर चले जाएंगे।

इस हड़ताल का आह्वान विभिन्न लंबित मांगों को लेकर किया गया है, जिसके चलते न केवल कॉलेजों में शिक्षण कार्य बाधित होगा, बल्कि प्रवेश प्रक्रिया, परीक्षा संचालन और अन्य प्रशासनिक गतिविधियां भी बुरी तरह प्रभावित होंगी।

कर्मचारियों का कहना है कि वे लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर गुहार लगा रहे हैं, लेकिन सरकार और संबंधित विभागों द्वारा उनकी अनदेखी की जा रही है। उनकी मुख्य मांगों में वेतन विसंगतियों को दूर करना, बकाया मानदेय का भुगतान, नियमितीकरण की प्रक्रिया शुरू करना और सुरक्षित कार्य वातावरण प्रदान करना शामिल है। कर्मचारियों के प्रतिनिधियों ने बताया कि उन्होंने कई बार ज्ञापन सौंपे और अधिकारियों से मुलाकात की, लेकिन कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला।

इस हड़ताल के कारण छात्रों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा। नई कक्षाओं में प्रवेश प्रक्रिया धीमी हो सकती है, जबकि चल रही परीक्षाओं के परिणाम में भी देरी की संभावना है। इसके अतिरिक्त, दैनिक प्रशासनिक कार्य जैसे प्रमाण पत्र जारी करना, शुल्क जमा करना और अन्य आवश्यक सेवाएं भी पूरी तरह से ठप हो जाएंगी।

कॉलेज प्रशासन और विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने अभी तक इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही कोई बीच का रास्ता निकालने के लिए कर्मचारियों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत शुरू की जाएगी, ताकि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए इस गतिरोध को समाप्त किया जा सके। फिलहाल, छात्रों और अभिभावकों में इस हड़ताल को लेकर चिंता का माहौल है।

जमशेदपुर में अवैध निर्माण पर शिकंजा: बिल्डरों पर होगी सख्त कार्रवाई

जमशेदपुर में अब बिना नक्शा पास कराए निर्माण कार्य करना बिल्डरों के लिए भारी पड़ने वाला है। जमशेदपुर अधिसूचित क्षेत्र समिति (जेएनएसी) और अन्य संबंधित प्राधिकरणों ने ऐसे अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का मन बना लिया है। यह निर्णय शहर में अनियोजित विकास और नियमों की अनदेखी पर लगाम लगाने के उद्देश्य से लिया गया है।

लंबे समय से जमशेदपुर में कई बिल्डर और व्यक्तिगत निर्माणकर्ता बिना आवश्यक अनुमति और स्वीकृत नक्शे के ही भवन निर्माण कर रहे थे। इससे न केवल शहरी नियोजन प्रभावित हो रहा था, बल्कि सुरक्षा मानकों और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता को लेकर भी सवाल खड़े हो रहे थे। अब प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि ऐसी मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अधिकारियों का कहना है कि भविष्य में किसी भी अवैध निर्माण की जानकारी मिलने पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। इसमें निर्माण कार्य को रोकने, जुर्माना लगाने और जरूरत पड़ने पर भवन को ध्वस्त करने तक के प्रावधान शामिल हो सकते हैं। यह कदम उन लोगों के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमर्जी से निर्माण कर रहे थे।

इस अभियान का मुख्य लक्ष्य जमशेदपुर को एक व्यवस्थित और सुरक्षित शहर बनाना है। प्रशासन की इस सख्ती से न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित होगा, बल्कि भविष्य में होने वाले अवैध निर्माणों पर भी अंकुश लगेगा। शहर के नागरिक भी इस पहल का स्वागत कर रहे हैं, क्योंकि इससे उन्हें बेहतर और सुरक्षित आवासीय सुविधाएं मिलने की उम्मीद है। बिल्डरों से अपील की गई है कि वे सभी नियमों का पालन करें और वैध तरीके से ही निर्माण कार्य करें ताकि किसी भी प्रकार की कानूनी कार्रवाई से बचा जा सके।

सिमडेगा में आकाशीय बिजली का कहर: दो की मौत, एक घायल

सिमडेगा जिले में आकाशीय बिजली गिरने से दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक अन्य गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हृदयविदारक घटना जलडेगा थाना क्षेत्र के लांबोई बड़ीसेंबर गांव में गुरुवार को शाम करीब 5 बजे उस वक्त हुई जब तेज बारिश के साथ आसमान से बिजली गिरी।

मृतकों की पहचान 45 वर्षीय बुधवा खड़िया और 40 वर्षीय बिरसा मुंडा के रूप में हुई है। दोनों ही लांबोई बड़ीसेंबर गांव के निवासी थे। घटना के समय तीनों लोग गांव के बाहर खेत में काम कर रहे थे। अचानक मौसम खराब हुआ और गरज-चमक के साथ बारिश शुरू हो गई। अभी वे सुरक्षित स्थान पर पहुंच पाते, इससे पहले ही उन पर आकाशीय बिजली आ गिरी। बिजली का इतना तेज झटका था कि बुधवा खड़िया और बिरसा मुंडा ने मौके पर ही दम तोड़ दिया।

तीसरा व्यक्ति, जिसकी पहचान 35 वर्षीय सुरेश खड़िया के रूप में हुई है, इस घटना में बुरी तरह झुलस गया। उसे तत्काल स्थानीय ग्रामीणों की मदद से सिमडेगा सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज चल रहा है। उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

इस घटना की सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पुलिस ने बताया कि प्रारंभिक जांच में आकाशीय बिजली गिरने से ही मौत की पुष्टि हुई है। इस दुखद घटना से पूरे लांबोई बड़ीसेंबर गांव में शोक का माहौल है। ग्रामीण सहमे हुए हैं और अपने प्रियजनों को खोने का गम मना रहे हैं।

यह घटना एक बार फिर आकाशीय बिजली से बचाव के उपायों पर ध्यान देने की आवश्यकता पर बल देती है। प्रशासन को ऐसे क्षेत्रों में जागरूकता अभियान चलाने और लोगों को बिजली गिरने के दौरान सुरक्षित रहने के तरीकों के बारे में शिक्षित करने की जरूरत है।

कोडरमा में भीषण सड़क हादसा: तीन की मौत, एक गंभीर

झा. डेस्क.

झारखंड के कोडरमा जिले में गुरुवार देर रात एक भीषण सड़क हादसे में तीन लोगों की दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया। यह हादसा जिले के चंदवारा थाना क्षेत्र में एनएच-31 पर हुआ, जब एक तेज रफ्तार ट्रक ने सड़क किनारे खड़े तीन बाइक सवारों और एक राहगीर को कुचल दिया।

मिली जानकारी के अनुसार, गुरुवार की देर रात करीब 11:30 बजे चार दोस्त मोटरसाइकिल से कहीं जा रहे थे। रास्ते में उनकी बाइक खराब हो गई, जिसके बाद वे उसे सड़क किनारे खड़ी करके बातचीत कर रहे थे। इसी दौरान कोडरमा से हजारीबाग की ओर जा रहे एक अनियंत्रित ट्रक ने उन्हें जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि तीनों बाइक सवारों और एक अन्य राहगीर को ट्रक ने अपनी चपेट में ले लिया।

हादसे में देवघर जिले के रहने वाले 22 वर्षीय रवि कुमार, 24 वर्षीय सुमित कुमार और 20 वर्षीय राहुल कुमार की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, एक अन्य व्यक्ति, जिसकी पहचान अभी नहीं हो पाई है, गंभीर रूप से घायल हो गया। घायल को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

दुर्घटना के बाद ट्रक चालक वाहन छोड़कर फरार हो गया। स्थानीय लोगों और पुलिस ने मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू किया। शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने ट्रक को जब्त कर लिया है और चालक की तलाश में जुट गई है। इस घटना से क्षेत्र में शोक का माहौल है और लोगों में ट्रैफिक नियमों के प्रति लापरवाही को लेकर गुस्सा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगे की जांच शुरू कर दी है।

झारखंड में मॉनसून अपने पूरे शबाब पर,लगातार हो रही भारी बारिश से जनजीवन अस्त व्यस्त

झा. डेस्क :

झारखंड में मॉनसून अपने पूरे शबाब पर है, और लगातार हो रही भारी बारिश ने जनजीवन को खासा प्रभावित किया है। राज्य की सभी प्रमुख नदियां उफान पर हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों के लिए राज्य में और अधिक बारिश का अलर्ट जारी किया है, जिससे प्रशासन और आम लोगों की चिंताएं बढ़ गई हैं।

इन राज्यों में भी भारी बारिश का अलर्ट

मौसम विभाग के ताजा अनुमान के अनुसार, झारखंड के अलावा देश के कई अन्य हिस्सों में भी अगले 24 घंटों के दौरान भारी बारिश होने की संभावना है। इनमें असम, अरुणाचल प्रदेश, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, ओडिशा, गुजरात, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ शामिल हैं। इन राज्यों के लिए भी यलो अलर्ट जारी किया गया है और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

झारखंड में नदियों का बढ़ता जलस्तर

झारखंड में दामोदर, स्वर्णरेखा, बराकर और कोयल जैसी नदियां खतरे के निशान के करीब बह रही हैं। कई जगहों पर नदी का पानी रिहायशी इलाकों और खेतों में घुस गया है, जिससे धान की फसलों को भारी नुकसान होने की आशंका है। राजधानी रांची सहित कई शहरों में सड़कों पर पानी भर गया है, जिससे यातायात व्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। लोगों को घरों में रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी जा रही है।

बचाव और राहत कार्य जारी

राज्य सरकार ने भारी बारिश और संभावित बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिए बचाव और राहत कार्यों को तेज कर दिया है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें संवेदनशील क्षेत्रों में तैनात की गई हैं। जिला प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और उन्हें हर संभव सहायता प्रदान करने का प्रयास कर रहा है। बिजली आपूर्ति में बाधा और संचार नेटवर्क पर भी इसका असर पड़ रहा है। आने वाले 24 घंटे झारखंड के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं, और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क है।

झारखंड के पेंशनधारियों को बड़ी राहत: एक साथ मिलेगी तीन महीने की बकाया पेंशन

रांची: झारखंड के वृद्धा, विधवा और दिव्यांग पेंशनधारियों के लिए एक अच्छी खबर है। राज्य सरकार ने सभी पेंशनधारियों को एक साथ तीन महीने की पेंशन देने का निर्णय लिया है। सामाजिक सुरक्षा निदेशालय ने इसके लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और उम्मीद है कि अगले सप्ताह तक सभी लाभार्थियों को 3,000 रुपये की राशि मिल जाएगी।

राज्य में कुल 11,75,646 पेंशनधारी हैं, जिनमें से 8,99,076 लोगों को वृद्धा पेंशन, 2,51,173 को विधवा पेंशन और 25,397 लोगों को दिव्यांग पेंशन का लाभ मिलता है। इन सभी पेंशनधारियों को वित्तीय वर्ष 2025-26 में अप्रैल से जून तक की बकाया पेंशन मिलेगी।

गौरतलब है कि पेंशन योजना केंद्र और राज्य सरकार द्वारा संयुक्त रूप से चलाई जाती है। केंद्र सरकार ने अपने हिस्से की 119 करोड़ रुपये की राशि पेंशन मद में उपलब्ध करा दी है। इस योजना के तहत प्रति माह पेंशनधारियों को एक हजार रुपये दिए जाते हैं, जिसमें से 200 रुपये केंद्र सरकार और 800 रुपये राज्य सरकार देती है। इस पहल से लाखों लाभार्थियों को बड़ी आर्थिक सहायता मिलेगी।