रांची में 'पंचायत उन्नति सूचकांक' पर राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्न, बेहतर प्रदर्शन करने वाले सम्मानित
रांची, 17 जुलाई 2025: झारखंड के पंचायतों में सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) को हासिल करने और उनके सशक्तिकरण के उद्देश्य से आज रांची के एक स्थानीय होटल में पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI - 2.0) पर एक राज्य स्तरीय प्रसार कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में पंचायती राज निदेशक श्रीमती राजेश्वरी बी ने पंचायतों द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों के डेटा को पीएआई पोर्टल पर नियमित रूप से दर्ज करने की आवश्यकता पर विशेष जोर दिया।
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श्रीमती राजेश्वरी बी ने अपने संबोधन में बताया कि झारखंड ने PAI 2.0 के तहत 'स्वास्थ्य पंचायत' की थीम में उल्लेखनीय कार्य किया है। उन्होंने कहा कि पीएआई का मुख्य उद्देश्य सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना है, जिसके लिए पंचायतों को 9 विभिन्न थीम पर केंद्रित होकर काम करना है। उन्होंने सुझाव दिया कि फंड की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुए, हर साल किन्हीं दो थीम पर ध्यान केंद्रित किया जाए और अगले साल किन्हीं दो अन्य थीम पर, जिससे निर्धारित लक्ष्य प्राप्त किए जा सकें।
डेटा प्रविष्टि की निगरानी पर जोर:
जिलेवार आकलन प्रस्तुत करते हुए श्रीमती राजेश्वरी बी ने बताया कि लोहरदगा ने 59.37 प्रतिशत अंक हासिल कर प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जिसके बाद क्रमशः खूंटी, पश्चिमी सिंहभूम, धनबाद और जामताड़ा ने द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ और पंचम स्थान प्राप्त किया। उन्होंने स्वीकार किया कि अन्य पंचायतों ने भी अच्छा काम किया है, लेकिन यह भी उतना ही महत्वपूर्ण है कि किए गए कार्यों का प्रदर्शन पीएआई पोर्टल पर सुनिश्चित हो, अन्यथा पंचायतें सूचकांक में पिछड़ जाएंगी।
उन्होंने सभी जिलों के उप विकास आयुक्तों (डीडीसी) को निर्देश दिया कि वे यह सुनिश्चित करने के लिए निगरानी करें कि पोर्टल पर डेटा की प्रविष्टि हो रही है या नहीं। उन्होंने इस कार्यशाला के आयोजन का मुख्य कारण PAI पोर्टल पर कम डेटा एंट्री को बताया। उन्होंने कहा कि पंचायतें अच्छा काम करती हैं, लेकिन उसका उचित प्रदर्शन नहीं कर पातीं, जिससे सूचकांक में राज्य पिछड़ रहा है।
पंचायत सशक्तिकरण की दिशा में राज्य सरकार के प्रयास:
श्रीमती राजेश्वरी बी ने बताया कि राज्य सरकार पंचायत सशक्तिकरण की दिशा में तेजी से काम कर रही है। पंचायत भवनों को सुदृढ़ किया जा रहा है और डिजिटल पंचायत प्रोग्राम शुरू किया गया है, जिसके तहत पंचायत भवनों में सभी डिजिटल कार्य किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि अब डेटा प्रविष्टि में कोई समस्या नहीं आनी चाहिए।
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पंचायती राज में मुखिया केंद्र में हैं और पंचायत में सभी विकास कार्य मुखिया के माध्यम से ही होते हैं। विकास कार्यों और सरकार की सभी गतिविधियों में मुखिया की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाती है। उन्होंने बताया कि अब सभी जिलों में ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए जा रहे हैं, जिसके लिए एक ट्रेनिंग प्रोग्राम पोर्टल बनाया गया है, जिसमें प्रविष्टि कर ट्रेनिंग सर्टिफिकेट प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि ऐसे कार्यशालाओं से मुखियाओं को भी लाभ मिलेगा।
सम्मानित किए गए जिले और पंचायतें:
इस अवसर पर, पंचायत उन्नति सूचकांक (PAI 2.0) के तहत बेहतर कार्य करने वाले जिलों, प्रखंडों और पंचायतों को सम्मानित भी किया गया।
कार्यशाला में जिला परिषद के अध्यक्ष, विभिन्न जिलों के डीडीसी, पंचायती राज की अपर सचिव श्रीमती शैल प्रभा कुजूर, जिला पंचायत पदाधिकारी, विभिन्न पंचायतों के मुखिया, विभिन्न जिलों से आए संबंधित विभाग के पदाधिकारी, कर्मचारीगण और अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे।
Jul 18 2025, 11:47