*जागरूकता का संदेश लेकर रवाना हुआ सारथी वाहन, जनसंख्या नियंत्रण के महत्व पर की गई चर्चा


गोरखपुर। जिले में विश्व जनसंख्या दिवस पर समुदाय को जागरूक करने के लिए विविध आयोजन हुए। इसी क्रम में सीएमओ कार्यालय से सारथी वाहन को सीएमओ डॉ राजेश झा ने हरी झंडी दिखा कर शुक्रवार को रवाना किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों के बीच स्वास्थ्य विभाग ने वाद विवाद प्रतियोगिता का आयोजन कराया। प्रतियोगिता में विद्यार्थियों ने जनसंख्या नियंत्रण, छोटे परिवार के महत्व और परिवार नियोजन के महिला के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में चर्चा की।

सीएमओ डॉ राजेश जा ने उत्कृष्ट विचारों और तर्कों के लिए सभी प्रतिभागी विद्यार्थियों की सराहना की। उन्होंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाने वाली जनता इंटर कॉलेज की छात्रा अमृता, द्वितिय स्थान पाने वाली भगवती प्रसाद इंटर कॉलेज की छात्रा माही गुप्ता और तीसरा स्थान पाने वाली इसी कॉलेज की सुमुल खान एवं जुबिली इंटर कॉलेज के छात्र आदित्य नाथ को पुरस्कृत किया।

सीएमओ ने बताया कि इस वर्ष विश्व जनसंख्या दिवस का विषय "माँ और बच्चे के स्वास्थ्य और कल्याण के लिए गर्भावस्था के दौरान सही देखभाल’’ है। इस विषय का संदेश है कि जनसंख्या का नियोजन न केवल समाज की खुशहाली के लिए आवश्यक है, बल्कि परिवार के कल्याण के लिए भी नितांत जरूरी है। परिवार नियोजन न केवल मां और बच्चे के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है, बल्कि मातृ शिशु मृत्यु दर को कम करने में भी इसकी अहम भूमिका है। सारथी वाहन और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन जन तक यह संदेश पहुंचाया जाएगा।

डॉ झा ने बताया कि शुक्रवार से ही विश्व जनसंख्या स्थिरता का सेवा अदायगी पखवाड़ा शुरू हो गया है। इसके तहत इच्छुक दंपति को उनकी पसंद के अनुसार परिवार नियोजन की सेवाएं दी जाती हैं।

स्वास्थ्य विभाग गर्भनिरोधक गोलियां, महिला नसबंदी, पुरुष नसबंदी, आईयूसीडी, पीपीआईयूसीडी, कंडोम, त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन और साप्ताहिक छाया गोली जैसे साधन निःशुल्क उपलब्ध करवा रहा है। साथ ही सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों पर परिवार नियोजन परामर्शदाता दंपति को बॉस्केट ऑफ च्वाइस के बारे में परामर्श देते है और दंपति की पसंद के अनुसार उन्हें सेवा भी उपलब्ध कराते हैं।

इस अवसर पर एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश, डीपीएम पंकज आनंद, डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना, मातृ शिशु स्वास्थ्य परामर्शदाता सूर्य प्रकाश और पीएसआई इंडिया संस्था से प्रियंका सिंह प्रमुख तौर पर मौजूद रहीं।

प्रशिक्षित हुए बीपीएम, एचईओ और फार्मासिस्ट

सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत शुक्रवार को सीएमओ डॉ राजेश झा की अध्यक्षता में एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस दौरान जिले के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (बीपीएम), स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी (एचईओ) और फार्मासिस्ट को आयरन फोलिक एसिड गोलियों की आपूर्ति श्रंखला के बारे में प्रशिक्षित किया गया।

एम्स एसआरसीएन एम्स के सहयोग से हुई इस प्रशिक्षण कार्यशाला में एम्स गोरखपुर की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ प्रीति सिंह, सीएमओ डॉ राजेश झा और एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी ने महत्वपूर्ण जानकारियां दीं। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य आईएफए की समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित करना है ताकि किशोरियों, गर्भवती और बच्चों में एनीमिया की दर को प्रभावी ढंग से कम किया जा सके।

इस अवसर पर यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉ सत्या, एसआरसीएन एम्स के प्रतिनिधि के सुरेश तिवारी, प्रवीण दूबे और मनीष द्विवेद्वी ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

*मेडिकल कॉलेज में संदिग्ध हालात में डॉक्टर की मौत से हड़कंप : हॉस्टल के कमरे में बेड पर मिला शव*

गोरखपुर। बाबा राघवदास (बीआरडी) मेडिकल कॉलेज, गोरखपुर में आज़ सुबह उस समय हड़कंप मच गया, जब एनेस्थीसिया विभाग में कार्यरत एक युवा डॉक्टर संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाए गए। मृतक डॉक्टर की पहचान 32 वर्षीय अबिषो डेविड के रूप में हुई है, जो केरल के अबिविला, पामपडुमकुझी, पाल्लूरकोनाम, परास्सला, ज़िला तिरुअनंतपुरम के निवासी थे। वे मेडिकल कॉलेज के सौ सीटेट पीजी बॉयज हॉस्टल में रह रहे थे और एनेस्थीसिया विभाग में जूनियर रेजिडेंट (जेआर-3) के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे थे।

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह रोज़ की तरह जब अबिषो डेविड समय पर विभाग में उपस्थित नहीं हुए तो विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने कर्मचारी को उनके हॉस्टल कक्ष पर भेजा। कर्मचारी जब हॉस्टल पहुँचा तो उसने पाया कि कमरे का दरवाज़ा अंदर से बंद है और खटखटाने व आवाज़ लगाने पर कोई उत्तर नहीं मिल रहा।

हालात संदिग्ध देख कर्मचारी ने तुरंत विभागाध्यक्ष को सूचना दी। स्थिति को देखते हुए डॉ. सतीश कुमार स्वयं अन्य डॉक्टरों और कर्मचारियों के साथ हॉस्टल पहुँचे। काफी प्रयासों के बाद जब दरवाज़ा नहीं खुला तो उसे तोड़ने का निर्णय लिया गया। दरवाज़ा तोड़कर जब अंदर प्रवेश किया गया तो अबिषो डेविड बेड पर मृत पड़े मिले।

घटना की सूचना मिलते ही प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल, कई वरिष्ठ चिकित्सक, शिक्षक और रेजिडेंट डॉक्टर मौके पर पहुँच गए। गोरखपुर के गुलरिहा थाना पुलिस को तत्काल सूचित किया गया, जिसने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।

घटनास्थल से किसी प्रकार का स्पष्ट सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, जिससे उनकी मृत्यु को लेकर रहस्य और गहरा गया है। हालांकि कुछ लोगों का दावा है कि कमरे से कोई सुसाइड नोट मिला था, जिसे पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया है, लेकिन पुलिस ने इस दावे को नकारते हुए कहा है कि उन्हें अभी तक कोई सुसाइड नोट प्राप्त नहीं हुआ है।

मौके पर पहुंची फॉरेंसिक टीम ने कमरे से आवश्यक नमूने और संभावित साक्ष्य इकट्ठा किए हैं। हॉस्टल के अन्य रेजिडेंट डॉक्टरों और कर्मचारियों से भी पूछताछ की जा रही है ताकि घटना के पीछे की कड़ियों को जोड़ा जा सके।

घटना की सूचना प्रशासन को भी दे दी गई है। पूरे मेडिकल कॉलेज परिसर में इस घटना के बाद शोक और सन्नाटे का माहौल व्याप्त है। हॉस्टल में रहने वाले अन्य छात्रों में दहशत और असमंजस की स्थिति है। मरीजों के तीमारदारों की भीड़ भी परिसर में जमा हो गई, जिससे कुछ देर के लिए अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

विभागाध्यक्ष डॉ. सतीश कुमार ने बताया कि अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि डॉक्टर अबिषो डेविड की मौत स्वाभाविक थी या आत्महत्या। उन्होंने कहा — ‘स्थिति पूरी तरह से संदिग्ध है, कोई ठोस कारण सामने नहीं आया है। हम पुलिस और फॉरेंसिक टीम के साथ पूरी जांच में सहयोग कर रहे हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और साक्ष्यों के विश्लेषण के बाद ही सही स्थिति का खुलासा हो सकेगा।’

प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल ने भी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि यह कॉलेज के लिए एक दुखद घटना है। उन्होंने कहा कि हॉस्टल और विभाग से जुड़े सभी पहलुओं की गहनता से जाँच की जाएगी, ताकि यह पता चल सके कि कहीं कोई मानसिक दबाव, पारिवारिक परेशानी या अन्य कोई कारण तो घटना के पीछे नहीं है।

पुलिस के अनुसार, सभी संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए मामले की पड़ताल की जा रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद ही मौत के कारण का अंतिम निष्कर्ष निकल सकेगा।

बताया जा रहा है कि डॉ. अबिषो डेविड अपने सहकर्मियों के बीच मृदुभाषी, जिम्मेदार और समर्पित डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे। उनकी इस प्रकार रहस्यमयी मृत्यु ने उनके साथियों और शिक्षकों को गहरे शोक में डाल दिया है।

फिलहाल मेडिकल कॉलेज के छात्र, डॉक्टर और प्रशासन एक ही सवाल में उलझे हैं कि क्या यह मौत आत्महत्या है या कोई और राज़ छुपा हुआ है? क्या मानसिक तनाव या व्यक्तिगत कारण इस घटना के पीछे हैं? यह सब पोस्टमार्टम रिपोर्ट और फॉरेंसिक जांच पूरी होने के बाद ही सामने आ सकेगा।

बैनामे की जमीन कब्जे को लेकर एसडीएम का घेराव, वकीलों ने लगाए मुर्दाबाद के नारे

खजनी गोरखपुर।तहसील में वकीलों ने उप जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव किया और उनके चैंबर में ही धरने पर बैठ गए, एसडीएम के खिलाफ मुर्दाबाद और वापस जाओ के नारे लगाते हुए सभी वकीलों ने भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए।

धरना प्रदर्शन कर रहे वकीलों ने भूमि विवाद के मामलों में लेखपालों और कानूनगो की मनमानी और निरंकुशता, एसडीएम कोर्ट में लंबित मुकदमों की फाइलें गायब होने या नहीं मिलने, वादकारियों को न्याय नहीं मिलने, विवादित मामलों में एसडीएम द्वारा निष्पक्ष जांच और कार्रवाई नहीं करने जैसे दर्जनों गंभीर आरोप लगाए।

हंगामे की शुरुआत और धरना प्रदर्शन की नौबत तब आई जब कूड़ा भरत गांव की निवासी महिला रीमा यादव पत्नी सनोज यादव को अपने हक हिस्से के पुराने बैनामे की जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा था, महिला ने अपने बड़े ससुर रामानंद यादव के हिस्से की जमीन की रजिस्ट्री करायी है किन्तु उसकी जमीन पर उसके चचेरे ससुर बेचन यादव जबरन कब्जा करके मकान का निर्माण करा रहे हैं।

महिला के द्वारा इसकी सूचना खजनी तहसील में अपने अधिवक्ता राम करन गौड़ को दी गई, रामकरन गौड़ ने एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह से मिल कर बैनामे की जमीन पर निर्माण और कब्जा करने की जानकारी देते हुए उनसे थानाध्यक्ष खजनी को निर्माण कार्य रोकने का आदेश देने के लिए कहा किंतु एसडीएम ने ऐसा करने से साफ इंकार कर दिया। वकील ने तहसील के अन्य अधिवक्ताओं को इसकी जानकारी दी, जिसके बाद एसडीएम की कार्यप्रणाली से पहले से ही नाराज़ चल रहे वकीलों ने उनके कार्यालय में पहुंच कर नारे लगाते हुए धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया।

इस संदर्भ में एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि मामला न्यायालय में चल रहा है, फैसले से पहले किसी एक पक्ष के लिए आदेश करना उचित नहीं था, अभी काम रोक दिया गया है, वकीलों से भी बातचीत हुई है, सभी मामलों में विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

बता दें कि बैनामे की जमीन में मौके पर मिलजुमला नंबर है, किसके हिस्से में किस तरफ की कौन सी जमीन आएगी इसका फैसला नहीं हुआ है, बंटवारे और पैमाइश के बाद ही सभी के हक़ हिस्से को निर्धारित किया जा सकता है।

एनीमिया मुक्त गोरखपुर के लिए साथ मिल कर काम करेंगे शिक्षक और चिकित्सक


गोरखपुर। एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम के तहत गोरखपुर को एनीमिया मुक्त बनाने के लिए शिक्षक और चिकित्सक साथ-साथ मिल कर काम करेंगे। इसके लिए जिले के ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (बीईओ) और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के चिकित्सा अधिकारियों को बृहस्पतिवार को सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में प्रशिक्षित किया गया। इनके सहयोग से स्कूल स्तर पर ही एनीमिया की रोकथाम के लिए साझा प्रयास किए जाएंगे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने की। इस अवसर पर मौजूद प्रतिभागियों ने एनीमिया मुक्त भारत के लक्ष्य को गोरखपुर में साकार करने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।

इस अवसर पर एम्स गोरखपुर की प्रोफेसर एवं बाल रोग विभाग की अध्यक्ष डॉ. महिमा मित्तल ने बाल स्वास्थ्य पर एनीमिया के प्रभाव और उसकी रोकथाम के बारे में चर्चा की। उन्होंने समुदाय स्तर पर किए जाने वाले संभावित हस्तक्षेप के बारे में भी जानकारी दी।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेश झा ने बताया कि एसआरसीएन-एम्स गोरखपुर द्वारा शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में यह प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस प्रशिक्षण का उद्देश्य बीईओ और आरबीएसके के नोडल अधिकारियों को एनीमिया उन्मूलन के लिए प्रभावी कार्यान्वयन की दिशा में प्रशिक्षित करना था। अपने सम्बोधन में उन्होंने एनीमिया नियंत्रण के लिए समन्वित प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया।

इस दौरान अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी आरसीएच डॉ एके चौधरी ने जिले में चल रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने एनीमिया नियंत्रण में सामूहिक सहभागिता की विशेष आवश्यकता जताई।

प्रशिक्षण में यूनिसेफ की राज्य प्रतिनिधि डॉ. सत्य ने प्रतिभागियों को राष्ट्रीय रणनीति और वैश्विक परिप्रेक्ष्य के बारे में बताया। साथ ही यूनिसेफ के प्रतिनिधि सुरेश तिवारी, एसआरसीएन एम्स के प्रतिनिधि प्रवीण दुबे और मनीष ने तकनीकी सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को विभिन्न कार्यान्वयन मॉडल, पोषण संवर्धन गतिविधियों एवं फील्ड स्तर पर डेटा एकत्रीकरण की विधियों के बारे में प्रशिक्षित किया।

प्रशिक्षित हुईं आशा कार्यकर्ता

सीएमओ कार्यालय के प्रेरणा श्री सभागार में ही नगरीय क्षेत्र की आशा कार्यकर्ताओं का एक्सपेंडेड सर्विस पैकेज को लेकर बृहस्पतिवार को भी प्रशिक्षण जारी रहा। इस आयोजन में पहुंचे सीएमओ डॉ राजेश जा ने कहा कि आशा कार्यकर्ता स्वास्थ्य सेवा की रीढ़ हैं। कुशल आशा कार्यकर्ता के माध्यम से ही समुदाय तक गुणवत्तापूर्ण सेवाएं पहुंचाना संभव है।इस अवसर पर डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय और शहरी स्वास्थ्य समन्वयक सुरेश सिंह चौहान भी मौजूद रहे।

दस्तक का होगा उद्घाटन, होंगी प्रतियोगिताएं

सीएमओ डॉ झा ने बताया कि बसंतपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र से शुक्रवार को सुबह दस बजे से दस्तक अभियान का उद्घाटन होगा। इसके अलावा विश्व जनसंख्या दिवस पर स्कूली बच्चों के बीच वाद विवाद प्रतियोगिता का भी आयोजन होगा, जिसका पुरस्कार वितरण प्रेरणा श्री सभागार में अपराह्न दो बजे से किया जाएगा।

ई-आरोग्य पाठशाला में नियमित टीकाकरण को लेकर हुई बात

गोरखपुर। जिले के सीएमओ डॉ राजेश झा की पहल चल रही ई-आरोग्य पाठशाला में इस मंगलवार नियमित टीकाकरण (आरआई) कार्यक्रम को लेकर चर्चा हुई। आरआई महाप्रबंधक डॉ मनोज शुक्ला ने आरआई कार्यक्रम से संबंधित प्रमुख हस्तक्षेपों और मुख्य संदेशों के बारे में जानकारी दी। वहीं जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा ने प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों और अधीक्षक के साथ एक वर्चुअल बैठक में सर्पदंश की दशा में उठाए जाने वाले प्रभावी कदम और एंटी स्नक वेनम की उपलब्धता के बारे में बात की।

इस अवसर पर सीएमओ डॉ राजेश झा ने बताया कि सभी ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाइयों, शहरी स्वास्थ्य केंद्रों और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर नियमित टीकाकरण की सुविधा उपलब्ध है। वहीं ब्लॉक स्तरीय चिकित्सा इकाइयों पर एंटी स्नेक वेनम की सुविधा भी मौजूद है।

ई-आरोग्य पाठशाला में नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए आरआई महाप्रबंधक डॉ मनोज शुक्ला ने कहा कि टीकाकरण की सेवा देने के साथ साथ सही संदेश देना नितांत जरूरी है। लोगों को यह बताया जाना चाहिए कि सरकारी अस्पतालों से लगने वाले गुणवत्तायुक्त टीके बच्चे के जन्म से पांच साल की उम्र तक कुल सात बार लगाए जाते हैं। इन टीकों से बारह प्रकार की गंभीर बीमारियों से जीवन की रक्षा होती है।

लाभार्थी को एक टीका लगने के बाद यूविन पोर्टल के जरिये अगले टीके की सूचना दी जाती है। ऐसे में उन्हें संदेश दिया जाए कि निर्धारित तिथि पर आकर टीकाकरण अवश्य करवा लें। नियमित टीकाकरण के साथ ही यह भी बता दें कि कुछ टीकों के लगने के बाद बुखार होना स्वाभाविक है और इनसे घबराने की जरूरत नहीं है। ऐसे टीके लगाते समय बुखार की दवा भी अवश्य दे दें। लाभार्थी समुदाय में टीकाकरण की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए कोल्ड चेन को हमेशा मेंटेन रखना चाहिए।

वर्चुअल बैठक में सर्पदंश के बारे में चर्चा करते हुए डीआईओ डॉ नंदलाल कुशवाहा ने कहा कि इसका इलाज जिला अस्पताल और सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में मौजूद है। सांप काटने के लक्षण दिखते ही बिना देरी किए मरीज को अस्पताल लाना चाहिए। झाड़ फूंक में समय बिल्कुल नहीं गंवाना चाहिए। सर्पदंश के प्रमुख लक्षणों में धुंधला दिखना, तेज ह्रदय गति, कमजोर नाड़ी, निम्न रक्तचाप, सांस लेने में कठिनाई, उल्टी, मतली या दस्त, काटे गए जगह पर दर्द, लालिमा, सूजन, फफोले पड़ना और घाव पर दांत के निशान शामिल हैं। ये लक्षण दिखते ही बिना देरी किए यथाशीघ्र अस्पताल पहुंचना चाहिए।

सीएमओ कार्यालय से एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी, डिप्टी सीएमओ डॉ राजेश, डब्ल्यूएचओ प्रतिनिधि डॉ विनय और जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह भी बैठक में शामिल हुए। ई-आरोग्य पाठशाला के आयोजन में डीसीपीएम रिपुंजय पांडेय और इको इंडिया की टीम ने विशेष सहयोग किया।

लिंक एक्सप्रेस-वे पर टोल प्लाजा के पास भिड़ी बाइक और बुलेट

खजनी गोरखपुर।थाना क्षेत्र में स्थित लिंक एक्सप्रेस-वे पर भगवानपुर टोल प्लाजा के पास अनियंत्रित हीरो होंडा एक्सप्लेडर बाइक और बुलेट के बीच टक्कर हो गई। हादसा होते ही टोल प्लाजा के पास मौके पर मौजूद यूपीडा के कर्मचारियों ने घायलों को इलाज के लिए गोरखपुर जिला अस्पताल भेजा।

मौके पर पहुंचे खजनी थाने के एसएसआई बलराम पांडेय के साथ थाने की पुलिस टीम ने घटना की जांच पड़ताल की, मिली जानकारी के अनुसार तेज गति से गोरखपुर की ओर जा रही हीरो होंडा एक्सप्लेडर बाइक यूपी 57 बी 5665 अनियंत्रित हो कर रायल एन्फिल्ड बुलेट यूपी 53 ईजेड 2312 से टकरा गई।

हादसे में देवरिया जिले के पड़ौली के निवासी अभिषेक सिंह, शालिनी सिंह और जान्हवी खान घायल हो गए, सभी को इलाज के लिए गोरखपुर जिला अस्पताल भेजा गया, जहां जान्हवी की हालत गंभीर बताई गई है।

खजनी थानाध्यक्ष अनूप सिंह ने बताया कि तहरीर मिलने पर केस दर्ज कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।

बाउंड्री के भीतर शौचालय नहीं बनाने दे रहे पड़ोसी, महिला ने लगाई अधिकारियों से गुहार

खजनी गोरखपुर।ब्लॉक के बनकटां गांव की निवासी महिला कमलेश सिंह पत्नी राजेन्द्र सिंह को पड़ोसी अपनी बाउंड्री के भीतर शौचालय का निर्माण नहीं कराने दे रहे हैं। पीड़ित महिला ने बताया कि पिछले दिनों जब शौचालय बनाने के लिए मिस्त्री और मजदूर पहुंचे तो पड़ोस के लोगों ने उन्हें धमकी दे कर भगा दिया।

सिकरीगंज थाने की दुघरा चौकी से पहुंची पुलिस टीम ने पड़ोसियों के कहने पर उनका काम बंद करा दिया।

पीड़िता ने तहसीलदार खजनी ध्रुवेश कुमार सिंह को तथा क्षेत्राधिकारी खजनी उदय प्रताप सिंह को प्रार्थनापत्र देकर न्याय की गुहार लगाई है।

तहसीलदार ध्रुवेश कुमार सिंह ने लेखपाल को मौके पर पहुंचकर जांच करने और समाधान कराने का आदेश दिया है। वहीं क्षेत्राधिकारी खजनी ने दोनों पक्षों को कार्यालय बुद्धवार को अपने में बुलाया है, उन्होंने कहा कि महिला की अपने निजी कब्जे की जमीन में शौचालय का निर्माण कराने से कोई नहीं रोक सकता।

बैनामे की जमीन पर कब्जे के लिए भटक रहा फरियादी

खजनी गोरखपुर।तहसील के बेलघाट थाना क्षेत्र छितौनी भीम गांव के निवासी प्रभुनाथ की बैनामे की खाली जमीन पर विपक्षियों ने जबरन कब्जा कर लिया है। लेखपाल और कानूनगो की रिपोर्ट हाथों में लिए पीड़ित न्याय के लिए भटक रहा है।

एसडीएम खजनी और मुख्यमंत्री हेल्पलाइन आईजीआरएस पर की गई शिकायत में प्रभुनाथ ने बताया कि वर्ष 2009 में आराजी 968 के रकबा 0.243 में कई लोगों ने मिलकर बैनामा लिया है, जिसमें उनकी 24.5 डिसमिल बैनामे की जमीन है। पिछले दिनों बेलघाट थाने से सिर्फ 100 मीटर की दूरी पर स्थित उनकी जमीन के हिस्से में लोगों ने दीवार चला कर जबरन कब्जा कर लिया है। पीड़ित ने बताया कि लेखपाल कानूनगो की स्पष्ट रिपोर्ट के बाद भी उन्हें अपनी जमीन पर कब्जा नहीं मिल पा रहा है।

अपने हिस्से की जमीन के बंटवारे के लिए पीड़ित ने एसडीएम कोर्ट में दफा 24 के तहत बंटवारे का वाद दाखिल किया है, जिसका फैसला अभी लंबित है, इस बीच विपक्षी लोग लगातार उनके हिस्से की जमीन पर दीवार चला कर जबरन कब्जा कर रहे हैं, पीड़ित ने बताया कि 200 मजदूरों को एक साथ लगा कर 8 फुट ऊंची दीवार खड़ी कर ली गई है। एसडीएम कोर्ट का फैसला आने से पहले ही यदि उनके हिस्से की जमीन में दूसरे लोगों ने कब्जा कर लिया तो उन्हें अपने हिस्से को बैनामे की 24.5 डिस्मिसल जमीन कभी नहीं मिल पाएगी।

इस संदर्भ में एसडीएम खजनी राजेश प्रताप सिंह ने कहा कि मामले की जांच कराने के बाद कार्रवाई की जाएगी।

*ईंट से महिला का सर फोड़ कर हत्या के प्रयास का आरोपी गिरफ्तार*

खजनी गोरखपुर।।थाने के पास स्थित कंपोजिट स्कूल की बाउंड्री के समीप महिला की कनपटी पर ईंट से मारकर हत्या करने का प्रयास करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। विधिक कार्रवाई के बाद उसे शनिवार को न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाएगा।

महिला के पिता ने खजनी थाने में तहरीर देकर घटना की जानकारी देते हुए बताया कि उनकी बेटी सोनी निषाद पत्नी अनूप निषाद अपनी ससुराल हरपुर बुदहट थाना क्षेत्र के छपियां से अपने मायके हरनहीं आ रही थी। इस दौरान बांसगांव थाने की हरनहीं चौकी क्षेत्र के हरनहीं कस्बे के निवासी प्रेम जायसवाल के पुत्र सचिन जायसवाल ने पुराने परिचय का हवाला देकर खजनी कस्बे में जबरदस्ती जरूरी बातचीत करने का हवाला देकर रास्ते में रोक लिया था। तथा बातचीत के बहाने से स्कूल परिसर में ले जा कर युवक ने महिला की कनपटी पर ईंट से मारकर उसे मृत समझ कर फरार हो गया था। महिला के पिता एवं सूत्रों की मानें तो आरोपी युवक महिला से एक तरफा प्यार करता था, किंतु पिता ने अच्छा रिश्ता देखकर बिटिया की शादी कर दी थी।

महिला अपने ससुराल में खुशहाल थी, वह आरोपी युवक के साथ कोई संबंध नहीं रखना चाहती थी, किंतु एक तरफा प्रेम करने वाले कुंठित युवक को महिला की खुशहाली बर्दाश्त नहीं हो रही थी। यही वजह है कि पहले उसने झांसा देकर पुराने परिचय का हवाला देकर महिला को जरूरी बातचीत के बहाने से एकांत स्थान पर ले जा कर महिला का सिर ईंट से फोड़ कर उसे मृत समझ कर फरार हो गया था।

गंभीर रूप से घायल महिला का गोरखपुर बीआरडी मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा है।

इस बीच पिता की तहरीर पर खजुरी पुलिस ने थानाध्यक्ष अनूप सिंह के निर्देश पर मुकदमा अपराध संख्या 239/2025 में बीएनएस की धारा 109 के तहत हत्या के प्रयास का केस दर्ज कर आरोपी की तलाश शुरू कर दी। आरोपी युवक की तलाश में पुलिस की कई टीमें लगाई गई थी, आखिरकार पुलिस ने अपराह्न 3 बजे के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया।

*तहसील समाधान दिवस में पहुंचे 61 फरियादी, 7 मामले मौके पर निस्तारित हुए*

खजनी तहसील में आयोजित जुलाई महीने के पहले समाधान दिवस की अध्यक्षता कर रहे एसडीएम राजेश प्रताप सिंह के समक्ष कुल 61 फरियादी अपनी समस्याएं लेकर पेश हुए, जिनमें 32 मामले भूमि विवादों के तथा 15 मामले पुलिस विभाग से संबंधित पाए गए शेष 7 मामले अन्य विभागों से संबंधित पाए गए, मौके पर 7 मामलों का समाधान करा दिया गया।

इस दौरान छितौनी बुजुर्ग गांव के निवासी रामधारी ने एसडीएम को प्रार्थनापत्र देकर बताया कि लेखपाल और कानूनगो ने उन्हें मृतक दर्शा कर उनकी 20 डिसमिल जमीन को एक महिला के नाम पर वरासत कर दिया है, जबकि वह जीवित हैं, एसडीएम ने बताया ऐसा कंप्यूटर ने नाम दर्ज करते हुए गलती से हो गया है, स्थगन आदेश दे दिया गया है जमीन पुनः उन्हीं के नाम पर हो जाएगी। गहना गांव के निवासी श्रीकांत यादव ने बताया कि धारा 24 में उनकी जमीन के पत्थर नस्ब का आदेश वर्ष 2022 में हुआ, किंतु अब तक पत्थर नस्ब नहीं हुआ, लेखपाल कानूनगो ने उनके विरोधी पक्ष को उनके हिस्से से लगभग 6 कट्ठे जमीन अधिक नाप कर दे दी है। उनकी शिकायत पर तहसील प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है। डोहरियां गांव के निवासी दीनानाथ मोदनवाल ने गांव की पोखरी और खलिहान की जमीन पर अवैध कब्जे की शिकायत की, एसडीएम ने सभी मामलों में मौके पर पहुंच कर जांच और समाधान कराने का आदेश दिया।

समाधान दिवस में दिवस प्रभारी तहसीलदार ध्रुवेश कुमार सिंह क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह नायब तहसीलदार राकेश शुक्ला समेत अन्य विभागों के अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।