श्रावण माह की कांवड़ यात्रा शुरू, हरिद्वार में उमड़ा आस्था का सैलाब

हरिद्वार, उत्तराखंड। श्रावण मास के आगमन के साथ ही हरिद्वार में श्रद्धा और भक्ति की गूंज सुनाई देने लगी है। शुक्रवार से कांवड़ यात्रा का शुभारंभ हो गया है। श्रावण कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से लेकर चतुर्दशी तक चलने वाली इस यात्रा में लाखों शिवभक्त हर की पैड़ी से गंगाजल लेकर उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब और मध्य प्रदेश के शिवालयों में जलाभिषेक करेंगे।

श्रावण मास में शिवभक्तों की तीन महायात्राएं प्रमुख रूप से होती हैं—कांवड़ यात्रा, अमरनाथ यात्रा और कैलाश मानसरोवर यात्रा। ये तीनों यात्राएं भक्तों के लिए कठिन साधना जैसी होती हैं, लेकिन भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के बाद यही यात्राएं भक्तों के लिए अत्यंत आनंददायक अनुभव बन जाती हैं। हरिद्वार धार्मिक रूप से इसलिए भी विशेष महत्व रखता है क्योंकि मान्यता है कि श्रावण मास में भगवान शिव कनखल के राजा दक्ष को दिया गया वचन निभाने के लिए हर वर्ष यहां पधारते हैं। इस अवसर पर धर्मनगरी हरिद्वार 'बोल बम' और 'हर हर महादेव' के जयघोष से गूंज रही है।

वर्ष में दो बार कांवड़ यात्रा का आयोजन होता है- फागुन मास में महाशिवरात्रि के अवसर पर और श्रावण मास में शिव चौदस के दिन। इस बार 23 जुलाई को शिव चौदस मनाई जाएगी। धार्मिक पंचांग के अनुसार, एकादशी, द्वादशी और त्रयोदशी की तिथियां एक साथ पड़ने से त्रयोदशी का क्षय हो रहा है, जिसके कारण शिव चौदस इसी दिन मनाई जाएगी। प्रशासन ने लाखों कांवड़ियों की संभावित भीड़ को देखते हुए सुरक्षा, चिकित्सा और यातायात के पुख्ता इंतजाम किए हैं। सभी श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे नियमों का पालन करें और यात्रा को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न करें।

मानसून से थमी चारधाम यात्रा, केदारनाथ में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट

रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड। मानसून के सक्रिय होते ही चारधाम यात्रा पर व्यापक असर पड़ा है। खासकर केदारनाथ धाम जाने वाले श्रद्धालुओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। रुद्रप्रयाग-गौरीकुंड हाईवे और गौरीकुंड-केदारनाथ पैदल मार्ग भूस्खलन और मलबा आने के कारण बाधित हो गए हैं, जिससे यात्रा की रफ्तार थम गई है।

पिछले एक सप्ताह से केदारनाथ पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। जुलाई के शुरुआती नौ दिनों में केवल 27,280 श्रद्धालु ही धाम पहुंच सके हैं, जबकि मानसून पूर्व जून में यह आंकड़ा 6.18 लाख और मई में करीब 6.97 लाख था। बुधवार को तो सिर्फ 1,165 श्रद्धालु ही बाबा केदार के दर्शन कर सके, जो इस यात्रा सीजन की सबसे कम संख्या रही। श्रद्धालुओं की संख्या घटने से स्थानीय व्यापार भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। केदारनाथ में कैंटीन संचालित करने वाले राकेश नेगी कहते हैं, यात्रा में गिरावट के कारण कारोबार लगभग ठप हो गया है। वहीं गढ़वाल मंडल विकास निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक गिरवीर सिंह रावत ने कहा कि हर दिन कई बुकिंग रद्द हो रही हैं, जिससे निगम को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।

बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी युदवीर पुष्पवाण के अनुसार, जून के तीसरे सप्ताह से ही यात्रा में गिरावट शुरू हो गई थी। वर्तमान में प्रतिदिन केवल 1,500 से 2,000 श्रद्धालु ही केदारनाथ पहुंच रहे हैं। प्रशासन और संबंधित एजेंसियां मार्गों को सुचारू करने में जुटी हैं, लेकिन मौसम की अनिश्चितता और भारी बारिश के कारण कार्य में बाधाएं आ रही हैं। यात्रियों को सलाह दी गई है कि वे मौसम की स्थिति देखकर ही यात्रा की योजना बनाएं।

काशीपुर में सूर्या रोशनी फैक्ट्री में हाइड्रोजन सिलेंडर विस्फोट, एक की मौत, कई घायल

काशीपुर, उत्तराखंड। काशीपुर स्थित सूर्या रोशनी लिमिटेड फैक्ट्री में गुरुवार सुबह करीब 11:30 बजे उस समय हड़कंप मच गया, जब मुरादाबाद रोड पर स्थित फैक्ट्री परिसर में हाइड्रोजन सिलेंडर जोरदार धमाके के साथ फट गया। इस भीषण विस्फोट की आवाज कई किलोमीटर दूर तक सुनाई दी, जिससे पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, विस्फोट के तुरंत बाद फैक्ट्री परिसर धुएं के घने गुबार से भर गया और वहां काम कर रहे कर्मचारियों में चीख-पुकार मच गई। फैक्ट्री प्रबंधन ने आनन-फानन में सभी कर्मचारियों को छुट्टी देकर बसों से बाहर भेजा और पूरा परिसर सील कर दिया गया।

एचआर हेड संजीव के अनुसार, घटना में केवल एक महिला को हल्की चोटें आई हैं, लेकिन चश्मदीदों का दावा है कि अंदर मौजूद 10 से 12 कर्मचारी झुलस गए हैं और कई की हालत गंभीर है। वहीं, एक व्यक्ति की मौत की भी सूचना मिल रही है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है।

पुलिस और प्रशासन की टीमें मौके पर पहुंच चुकी हैं और राहत व बचाव कार्य जारी है। फिलहाल फैक्ट्री परिसर को आमजन के लिए बंद कर दिया गया है और जांच जारी है।

इस हादसे ने एक बार फिर औद्योगिक सुरक्षा, विशेष रूप से खतरनाक गैसों के प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोग दहशत में हैं और क्षेत्र में भय का माहौल बना हुआ है।

— संवाददाता, काशीपुर

उत्तराखंड में फर्जी साधुओं पर कार्रवाई के लिए ‘ऑपरेशन कालनेमि’ शुरू, सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश

— ब्यूरो चीफ, देहरादून

देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में धर्म की आड़ में ठगी और पाखंड फैलाने वालों के खिलाफ अब सख्त कार्रवाई होगी। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ऐसे फर्जी साधु-संतों के खिलाफ 'ऑपरेशन कालनेमि' शुरू करने का ऐलान किया है। इस अभियान का उद्देश्य सनातन धर्म की गरिमा की रक्षा और समाज में सौहार्द बनाए रखना है।

हरिद्वार, ऋषिकेश जैसे धार्मिक स्थलों पर हाल के वर्षों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां असामाजिक तत्व साधु-संतों का भेष धारण कर लोगों, विशेषकर महिलाओं को ठगने और उनकी भावनाओं से खिलवाड़ करने में लगे हुए थे। इससे न केवल आमजन की धार्मिक आस्था आहत हो रही है, बल्कि सनातन परंपरा की छवि को भी ठेस पहुंच रही है।

सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि किसी भी धर्म का व्यक्ति अगर साधु के भेष में अपराध करता पाया जाए, तो उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आस्था के नाम पर पाखंड फैलाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

‘कालनेमि’ नाम पौराणिक कथा से लिया गया है, जिसमें एक असुर साधु का भेष धारण कर लोगों को भ्रमित करता था। आज के समय में भी ऐसे ‘कालनेमि’ सक्रिय हैं, जो धर्म की आड़ में अपराध कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड सरकार जनभावनाओं, सनातन संस्कृति और सामाजिक समरसता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। ऑपरेशन ‘कालनेमि’ के तहत पुलिस और प्रशासन इन फर्जी बाबाओं की पहचान कर उन पर निगरानी रखेगा और आवश्यकतानुसार कार्रवाई करेगा।

गुरु पूर्णिमा पर हर की पैड़ी में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब

— संवाददाता, हरिद्वार

हरिद्वार ( उत्तराखंड )। गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर हरिद्वार स्थित हर की पैड़ी पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। देश के कोने-कोने से आए हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाई और गुरुजनों के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की।

गंगा तट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। भोर होते ही श्रद्धालुओं ने हर की पैड़ी पर पहुँचकर गंगा स्नान किया और सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। मान्यता है कि गुरु पूर्णिमा पर गंगा स्नान से समस्त पापों का नाश होता है और जीवन में गुरु कृपा बनी रहती है।

हर की पैड़ी और आस-पास के घाटों पर सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए थे। पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों की टीम लगातार निगरानी में जुटी रही। घाटों पर जगह-जगह पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे ताकि कोई भी अप्रिय घटना न हो।

श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना कर अपने गुरुओं का स्मरण किया और विधिवत पूजा कर उनसे आशीर्वाद प्राप्त किया। गंगा की धारा में डुबकी लगाते श्रद्धालुओं के चेहरों पर भक्ति व आस्था की झलक स्पष्ट दिखाई दी। कई श्रद्धालु अपने परिवार सहित घाटों पर उपस्थित रहे और गुरु पूर्णिमा को आध्यात्मिक उल्लास के साथ मनाया।

दूसरे युवक से हुई नजदीकी तो प्रेमी के सिर पर हुआ खून सवार, प्रेमिका और 6 माह की बच्ची का गला रेतकर बेरहमी से की हत्या

डेस्क: · दिल्ली के मजनू का टीला में अपनी पूर्व प्रेमिका और छह महीने की बच्ची की गला रेतकर बेरहमी से हत्या करने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है। एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। आरोपी की पहचान निखिल के रूप में हुई है, जिसकी उम्र 22 से 25 वर्ष के बीच है। उसे उत्तराखंड के हल्द्वानी से पकड़ा गया, जहां का वह मूल निवासी है। पुलिस ने बताया कि सिविल लाइंस थाने की एक टीम घटनास्थल पर पहुंची और दोनों पीड़ितों को एक कमरे में खून से लथपथ पाया।

मिली जानकारी के अनुसार, तिमारपुर स्थित एक रेस्तरां में काम करने वाले निखिल और पीड़िता के रिश्ते के बारे में दोनों के परिवार वालों को पता था और वे दोनों की शादी कराने की योजना भी बना रहे थे। बताया कि वे लगभग छह साल से रिश्ते में थे। महिला के बड़े भाई-बहनों की शादी के बाद उनके परिवार वाले उनकी शादी कराने की योजना बना रहे थे। लेकिन, निखिल ने पिछले साल से पीड़िता को पीटना शुरू कर दिया था और दोनों के बीच अक्सर झगड़े होते थे। पीड़िता हाल ही में उसके साथ रिश्ता खत्म करने के बाद अपनी सहेली के घर रहने लगी थी। उसके चले जाने से क्रोधित होकर निखिल पूर्व प्रेमिका के दोस्त के घर गया, जहां वह रह रही थी और मंगलवार दोपहर को उसने महिला और बच्ची की हत्या कर दी।

इसके बाद निखिल ने घर में आत्महत्या करने की कोशिश की, लेकिन असफल होने पर वह ​हल्द्वानी​ में अपनी बहन के घर भाग गया। आरोपी ने हत्या में इस्तेमाल चाकू को पानी से साफ किया और अपराध छिपाने के लिए उसे अपने साथ ले गया। पकड़े जाने से बचने के लिए उसने अपना मोबाइल फोन भी अपराध स्थल पर छोड़ दिया ताकि पुलिस उसे पकड़ न सके। महिला के भाई ने बताया कि उन्हें पता ही नहीं चला कि मामला कैसे बढ़ गया और खबर सुनते ही वे नैनीताल से तुरंत आ गए। उन्होंने कहा कि मेरी मां खबर सुनने के बाद से ही बेसुध हैं। हम पूरी तरह टूट चुके हैं।

पुलिस उपायुक्त राजा बंथिया ने बताया कि महिला को निखिल के साथ कई समस्याएं थी और अक्सर उनके झगड़े होते रहते थे। जिस कारण वह उसे छोड़कर सहेली (शिकायतकर्ता महिला) के परिवार के साथ रहने लगी। घटना के समय, बच्ची की मां (सूचना देने वाली महिला) अपने पति के साथ पांच-वर्षीय अपनी दूसरी बेटी को स्कूल से लाने बाहर गई हुई थी। 

पुलिस सूत्रों के अनुसार, महिला निखिल को छोड़कर चली गई थी, जिससे नाराज होकर उसने (आरोपी ने) कथित तौर पर पीड़िता की हत्या कर दी, जबकि महिला को सहारा देने के कारण उसकी सहेली से बदला लेने के लिए उसकी बेटी को भी मार डाला। दोनों मृतकों के शव उनके परिवारों को सौंप दिए गए। महिला का शव उसके परिवार वाले नैनीताल ले गए, जबकि बच्ची को दिल्ली में दफनाया जाएगा।

वेतन न मिलने से नाराज ऋषिकुल-गुरुकुल कर्मचारियों का आंदोलन तेज

* तालाबंदी कर धरने पर बैठे कर्मचारी, कुलपति के अनुरोध को ठुकराया

हरिद्वार ( उत्तराखंड )। वेतन भुगतान में लगातार हो रही देरी के विरोध में ऋषिकुल और गुरुकुल आयुर्वेदिक चिकित्सालय विश्वविद्यालय हरिद्वार के कर्मचारियों का आक्रोश बुधवार को फूट पड़ा। कर्मचारी संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों ने तालाबंदी करते हुए धरना प्रदर्शन किया और साफ कहा कि जब तक वेतन उनके खाते में नहीं आ जाता, आंदोलन जारी रहेगा।

धरने को संबोधित करते हुए डॉ. संजय त्रिपाठी और डॉ. शोभित ने कहा कि वेतन में देरी की समस्या कोई नई नहीं है, लेकिन अब कर्मचारी अस्थायी आश्वासनों से थक चुके हैं। जब तक पूर्ण और स्थाई समाधान नहीं मिलेगा, आंदोलन नहीं रुकेगा। कुलपति और कुल सचिव द्वारा आंदोलन स्थगित करने के अनुरोध को भी कर्मचारियों ने ठुकरा दिया। नर्सिंग अधीक्षक आनंदी शर्मा, सुनीता तिवारी और बीना मठपाल ने कहा कि यदि बजट आ भी जाए, तब भी जब तक स्थाई समाधान नहीं होगा, आंदोलन सांकेतिक रूप में जारी रहेगा। उन्होंने मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप कर ठोस कार्रवाई की मांग की।

कार्यकारी अध्यक्ष के.एन. भट्ट, प्रदेश महामंत्री के.के. तिवारी और अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि बार-बार हड़ताल का सीधा असर रोगियों पर पड़ता है, पर शासन और विश्वविद्यालय प्रशासन उन्हें विवश कर रहा है। चार वर्षों से वेतन नियमितीकरण की मांग की जा रही है, लेकिन हर बार सिर्फ वादे मिलते हैं। धरने में बड़ी संख्या में चिकित्सक, स्टाफ नर्स, फार्मासिस्ट और अन्य कर्मचारी शामिल रहे। सभी ने एकजुट होकर एलान किया कि अब केवल आश्वासन नहीं, बल्कि ठोस और स्थायी समाधान ही आंदोलन को खत्म करेगा।

ऋषिकेश में गंगा स्नान के दौरान मां-बेटी बहीं, सर्च ऑपरेशन जारी

* एसडीआरएफ और जल पुलिस की संयुक्त टीम तलाश में जुटी, मुरैना (मप्र) की हैं पीड़ित महिलाएं

ऋषिकेश ( उत्तराखंड )। योगनगरी ऋषिकेश के राम तपस्थली ब्रह्मपुरी क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब गंगा स्नान के दौरान मध्य प्रदेश के मुरैना निवासी मां-बेटी गंगा में बह गईं। दोनों महिलाएं कथा सुनने के लिए ऋषिकेश आई थीं और सुबह स्नान के दौरान यह हादसा हुआ।

डूबने वालों की पहचान 18 वर्षीय गौरी उपाध्याय और उसकी माता मनु उपाध्याय के रूप में हुई है। हादसे की सूचना मिलते ही आश्रम के संचालक ने परिजनों के साथ मौके पर पहुंचकर पुलिस कंट्रोल रूम को सूचित किया। तत्काल प्रभाव से मुनि की रेती थाना पुलिस, एसडीआरएफ और जल पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन शुरू किया गया।

एसडीआरएफ इंस्पेक्टर कविंद्र सजवाण ने बताया कि गंगा का तेज बहाव और पानी की मटमैली स्थिति के चलते खोजबीन में दिक्कतें आ रही हैं। बरसाती नालों के पानी से गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है और दृश्यता बहुत कम हो गई है, जिससे राहत और बचाव कार्य चुनौतीपूर्ण हो गया है। बैराज प्रशासन और हरिद्वार की जल पुलिस को भी अलर्ट कर दिया गया है। गोताखोरों की टीम गंगा में मां-बेटी की तलाश कर रही है, लेकिन अब तक कोई सफलता नहीं मिल सकी है।

गौरतलब है कि मानसून के दौरान गंगा में बहाव काफी तेज हो जाता है और हर वर्ष इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से गंगा में सावधानीपूर्वक स्नान करने की अपील की है।

चार धाम यात्रा 24 घंटे के लिए स्थगित, भारी बारिश का अलर्ट

देहरादून। उत्तराखंड में भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए चार धाम यात्रा को अगले 24 घंटों के लिए अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय तीर्थयात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।

गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने जानकारी देते हुए बताया कि मौसम विभाग द्वारा भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है, जिसे गंभीरता से लेते हुए यात्रा को अस्थायी रूप से रोका गया है। उन्होंने कहा, "पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों को हरिद्वार, ऋषिकेश, श्रीनगर, रुद्रप्रयाग, सोनप्रयाग और विकासनगर जैसे प्रमुख पड़ावों पर तीर्थयात्रियों को रोकने के निर्देश दिए गए हैं।"

आयुक्त ने यात्रियों से अपील की है कि वे मौसम की स्थिति सामान्य होने तक धैर्य बनाए रखें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें। राज्य सरकार लगातार मौसम विभाग और आपदा प्रबंधन इकाइयों के संपर्क में है और स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है।

उल्लेखनीय है कि जून के अंत में पर्वतीय क्षेत्रों में भारी वर्षा आम बात है, जिससे भूस्खलन और सड़कें बंद होने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। प्रशासन ने स्थानीय अधिकारियों को सतर्क रहने और आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयार रहने के निर्देश भी जारी किए हैं।

तीर्थयात्रियों को सलाह दी गई है कि वे यात्रा से पहले मौसम की ताज़ा जानकारी लें और अनावश्यक जोखिम से बचें। यात्रा फिर से शुरू करने की जानकारी जल्द ही प्रशासन द्वारा जारी की जाएगी।

रेखा आर्य ने हल्द्वानी शहर में तीन नवनिर्मित आंगनबाड़ी भवनों का किया लोकार्पण , रेखा आर्य ने कहा भविष्य निर्माण का केंद्र बनें

डेस्क :– उत्तराखंड की महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य ने गुरुवार को हल्द्वानी शहर में तीन नवनिर्मित आंगनबाड़ी भवनों का लोकार्पण किया। कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र आने वाले समय में भविष्य निर्माण का केंद्र बनें।

कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र कोई सामान्य भवन नहीं हैं। बल्कि बच्चों को स्वस्थ, शिक्षित और संस्कारी बनाकर उत्तराखंड के भविष्य को संवारने का माध्यम हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों को उचित पोषण और शिक्षा देने की शुरुआती जिम्मेदारी आंगनबाड़ी केंद्रों पर ही है। अगर बच्चों का बचपन स्वस्थ रहेगा तो प्रदेश को ज्यादा कुशल मानव संसाधन उपलब्ध होगा। मंत्री ने कहा कि हाल ही में 7000 से ज्यादा आंगनबाड़ी कर्मियों और सहायिकाओं की नियुक्ति होने के बाद निश्चित रूप से आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्य कुशलता में बढ़ोतरी होगी।

मंत्री आर्य ने आंगनबाड़ी कर्मियों और सहायिकाओं से एकल महिला स्वरोजगार योजना के प्रचार पर फोकस करने को कहा। मंत्री ने कहा कि इस योजना के बारे में अपने क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा पात्र महिलाओं तक इसकी जानकारी पहुंचाएं। जिससे वह सरकारी सहायता प्राप्त करके अपना रोजगार शुरू कर सकें।