*70 करोड़ से बनेगा ऑडिटोरियम आधुनिक सुविधाओं से होगा लैस*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सरपतहां में 70 करोड़ की लागत से आधुनिक ऑडिटोरियम बनाया जाएगा। ऑडिटोरियम में मीटिंग हॉल के अलावा केबिन और कार्यक्रम के लिए एक मल्टीपर्पज हॉल बनाया जाएगा। जिला प्रशासन की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेज दिया गया है। उम्मीद है जल्द ही प्रशासन की स्वीकृति मिलेगी। जिले में मुख्यमंत्री के दौरे के बाद से ही कार्यों में तेजी आई है। जिलाधिकारी शैलेश कुमार खुद विकास परियोजनाओं की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिले में आधुनिक ऑडिटोरियम की स्वीकृति प्रदान की थी। सीएम की घोषणा के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग की ओर से ऑडिटोरियम का सर्वे किया गया। जिसके बाद जिलाधिकारी शैलेश कुमार ने इसे शासन को भेज दिया है। करीब 70 करोड़ की लागत से बनने वाले इस आधुनिक ऑडिटोरियम में मीटिंग हॉल, कार्यक्रम या संगोष्ठी इत्यादि के लिए मल्टीपर्पज हॉल और बनाया जाना है। सर्वे रिपोर्ट पीडब्ल्यूडी प्रमुख सचिव की ओर से मुख्यमंत्री पोर्टल पर अपलोड किया गया है। जल्द ही स्वीकृति मिलने की उम्मीद है। जिलाधिकारी शैलेश कुमार ने बताया कि ऑडिटोरियम के लिए प्रस्ताव बनाकर भेजा गया है। स्वीकृति मिलने पर काम किया जाएगा।

*माता पार्वती के साथ विराजमान हैं महादेव*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। वाराणसी, प्रयागराज और विंध्यक्षेत्र के मध्य विराजमान बाबा सेमराध नाथ धाम में महादेव मां पार्वती के साथ विराजमान हैं। जिला मुख्यालय से 25 किमी दक्षिण जंगीगंज सेमराध गंगातट पर स्वयंभू बाबा सेमराध नाथ जमीन से 15 फीट नीचे कुएं में विराजमान हैं।

सेमराधनाथ धाम में हर महीने हजारों श्रद्धालु दर्शन को पहुंचते हैं, लेकिन सावन में यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है। मान्यता है कि इस समय भगवान विष्णु सयन में रहते हैं। इसलिए सृष्टि के संचालन का कार्य भगवान शिव के हाथ में होता है। श्रावण मास में जलाभिषेक पूजन दर्शन रुद्राभिषेक आदि का विशेष महत्व है। बाबा सेमराध नाथ अनादीकाल से विराजमान हैं। सेमराध नाथ मंदिर के प्रधान पुजारी सचिन गोस्वामी ने बताया कि एक बार नाव से व्यापार होने के कारण किसी व्यापारी की नाव यहां आकर रात्रि विश्राम के लिए रुक गई। महादेव ने उसे स्वप्न में दर्शन देकर अपने उपस्थिति का आभास दिया। व्यापारी ने स्वप्न में दिखी इस जगह पर जब खुदाई करवाई तो भगवान शिव की मूर्ति दिखाई पड़ी। मान्यता है कि व्यापारी महादेव के शिवलिंग को अपने साथ ले जाना चाहता था, इसलिए खुदाई शुरू कराई। जैसे-जैसे खुदाई होती, वैसे-वैसे महादेव का शिवलिंग अंदर समाता जाता। जिसके बाद उसने वहीं महादेव की स्थापना की। यहीं कारण है महादेव का यह शिवलिंग जमीन से 15 फीट नीचे कुएं में विराजमान हैं।

भदोही में एक ऐसा मंदिर का शिवलिंग है अद्भुत, साल में तीन बार बदलता है रंग

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। पूर्वांचल में ऐसे कई धार्मिक मंदिर व धरोहर हैं जिनका इतिहास पौराणिक तो है ही लोगों के आस्था का केंद्र भी है। इन्हीं प्राचीन व पौराणिक मंदिर व तीर्थ स्थलों में शुमार है जिले के गोपीगंज क्षेत्र के तिलंगा में स्थित तिलेश्वर नाथ मंदिर। दरअसल इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग साल में तीन बार अपने स्वरूप बदलने के कारण प्राचीन काल से ही लोगों की आस्था का प्रतीक है।

सावन में इस मंदिर का माहात्म्य काफी बढ़ जाता है। उन्हें प्रसन्न करने के लिए भक्त सैकड़ों किलोमीटर की पैदल कांवर यात्रा कर उनका जलाभिषेक करने पहुंचते हैं।गौरतलब हो कि देश में अनेक ऐसे शिवलिंग है जो अपने अदभुत व अलौकिक शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है। भगवान शिव के कुछ शिवलिंगों में अपने आप जल की धारा बरसती है तो कुछ शिवलिंग का आकार दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इसी क्रम में जिले में स्थित तिलेश्वर नाथ मंदिर में स्थापित शिवलिंग जहां सावन में भक्तों का रेला उमड़ता है।

गंगा के तट पर स्थित मंदिर का यह शिवलिंग अपने रहस्यमयी स्वरूप के लिए जाना जाता है।पांडवकालीन शिवलिंग वर्ष की तीन ऋतुओं में तीन बार अपना स्वरूप बदलने के लिए प्रसिद्ध है। इस पर भक्तों की अपार श्रद्धा और विश्वास है। मान्यता है कि पांडवों ने इसे अपने अज्ञातवास के दौरान स्थापित किया था। महाभारत के वन पर्व में इसका उल्लेख भी मिलता है। इस मूर्ति का हर चार महीने में स्वत: रंग बदल जाता है। सावन में काला स्वरूप, गर्मी में गेहुंआ और ग्रीष्म ऋतु में यह शिवलिंग भूरे स्वरूप में हो जाता है। मंदिर केप्रधान पुजारी मल्लू बाबा बताते हैं कि 1997 श्री तिलेश्वरनाथ शृंगार समिति के नेतृत्व में मंदिर सुंदरीकरण के लिए खुदाई की गई थी। 20 फीट खुदाई के बाद भी शिवलिंग का अंतिम छोर नहीं मिल पाया था।

मंदिर के पुजारी महादेव गोसाई ने शिवलिंग के रहस्य के बारे में बताया कि यह शिवलिंग सावन के महीने में चप्पड़ (ऊपरी परत) छोड़ता है, लेकिन वह आज तक किसी के हाथ नहीं लग सका है। उन्होंने बताया कि सच्चे मन से जो भी मुराद मांगी जाती है, वह अवश्य पूरी होती है।

भदोही में 13.41 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य:नोडल अधिकारी और डीएम ने 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान में किया वृक्षारोपण

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। यूपी रोडवेज के प्रबंध निदेशक मासूम अली सरवर ने बतौर नोडल अधिकारी भदोही के औराई क्षेत्र के मल्लूपुर में वृक्षारोपण किया है। उन्होंने ‘एक पेड़ मां के नाम’ लगाने का संदेश दिया। कहा कि पर्यावरण संतुलन के लिए हर व्यक्ति को एक पेड़ अवश्य लगाना चाहिए। इस दौरान जिलाधिकारी शैलेष कुमार, सीडीओ, डीएफओ, डीपीआरओ व पत्रकारों ने भी इस अवसर पर पौधे लगाए। 'वृक्षारोपण जन आंदोलन' प्रदेशव्यापी अभियान के तहत भदोही में कुल 13,41,700 पौधे लगाए जा रहे हैं।

प्रबंध निदेशक रोडवेज ने कहा कि "एक पेड़ मां के नाम" अभियान से आमजनमानस भावनात्मक रूप से जुड़े, और हर व्यक्ति अपने घर - संस्थान एवं खाली जगह पर पौधे अवश्य लगाए। उन्होंने महाकुंभ 2025 में ड्यूटी करने वाले रोडवेज कर्मियों को मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए 10-10 हजार रुपये बोनस के लिए आभार भी जताया गया।

यूपीएसआरटीसी ने 11,786 चालकों और 12,285 परिचालकों के खातों में कुल 24 करोड़ 71 लाख रुपये की राशि ट्रांसफर की गई है। जिलाधिकारी शैलेश कुमार ने पौधरोपण कर कहा कि, बढ़ती आबादी के बीच शुद्ध एवं स्वच्छ हवा की निरंतरता हेतु पेड़ लगाना अत्यंत आवश्यक है। साथ ही उसकी सुरक्षा एवं संरक्षा उससे भी अधिक जरूरी है। जिले में लगाए जा रहे पौधों की देखभाल के लिए भी जरूरी कदम उठाए जाएंगे।

भदोही में 556 करोड़ में बनेगा धनतुलसी गंगा घाट पर पक्का पुल

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जिले के सीतामढ़ी कोनिया क्षेत्र में धनतुलसी गंगा घाट पर 556 करोड़ की लागत से पक्का पुल का निर्माण होगा। सीएम योगी की घोषणा के बाद डीएम शैलेश कुमार के निर्देश पर पीडब्ल्यूडी विभाग ने सर्वे किया। सर्वे रिपोर्ट मिलने के बाद जिलाधिकारी ने शासन को पक्का पुल निर्माण का प्रस्ताव भेजा है। मुख्यमंत्री घोषणा प्रकोष्ठ की ओर से पीडब्ल्यूडी प्रमुख सचिव को पत्र जारी कर प्रस्ताव को मुख्यमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर फीड करने का निर्देश दिया गया है।

जिले में तीन ओर से गंगा से घिरे कोनिया इलाके में दो दशक से पक्का पुल बनाने की मांग उठ रही थी। भौगोलिक रूप से यह परिक्षेत्र भले ही प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण है, लेकिन गंगा का तटवर्ती इलाका होने के कारण यहां परिवहन की चुनौतियां लंबे समय से बरकरार रही हैं। यहां लोगों की सहूलियत के लिए हर साल पीपा पुल का निर्माण कराया जाता था, लेकिन मानसून सीजन आते ही पुल को खोल दिया जाता है। गंगा में नावों का संचालन किया जाता था।

गंगा जब पूरे उफान पर होती तो नावों का संचालन ठप हो जाता है। ऐसे में यहां के लोगों को मिर्जापुर जाने के लिए करीब 150 किमी का अतिरिक्त चक्कर लगाना होता था। बीते दिनों जिले के दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने धनतुलसी गंगा घाट पर पक्का पुल निर्माण की मंजूरी दी थी। सीएम की घोषणा के बाद जिलाधिकारी शैलेश कुमार ने सक्रियता दिखाई और स्थानीय स्तर से सर्वे करवाकर प्रस्ताव भेजा गया। इसके बाद मुख्यमंत्री घोषणा प्रकोष्ठ की ओर से लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को पत्र जारी कर पक्का पुल के निर्माण लागत इत्यादि की रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय की वेबसाइट पर अपलोड करने का निर्देश दिया गया। इसके बाद पक्का पुल निर्माण के लिए 556 करोड़ रुपये की स्वीकृत मिलेंगी।

पर्यटन के खुलेंगे रास्ते, बढ़े शहरों से बढ़ेगी व्यवसायिक कनेक्टिविटी

धनतुलसी गंगा घाट पर पक्का पुल बनाए जाने से बाढ़ और गंगा कटान प्रभावित क्षेत्र कोनिया की पांच दशक से होती आ रही मांग पूरी होगी। प्रयागराज के मांडा क्षेत्र से भदोही, प्रयागराज, जौनपुर और भदोही से सटे अन्य जनपदों में आपस में व्यावसायिक कनेक्टिविटी बढ़ेगी। वहीं, पुल के निर्माण से मिर्जापुर, नैनी, मध्यप्रदेश, मिर्जापुर प्रयागराज हाइवे से जुड़ने का लाभ मिलेगा। वहीं मध्यप्रदेश की दूरी भी कम हो जाएगी। वहीं मेजा, लेडियारी, भारतगंज जैसी पुरानी गल्ला और कपड़ा मंडियों से जिले की कनेक्टिविटी हो जाएगी। इससे व्यवसायिक गतिविधियों में तेजी आएगी। वहीं सीतामढ़ी में सैलानियों और श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी। जिसका लाभ स्थानीय लोगों को मिलेगा। वहीं, बाढ़ के समय कोनिया के लोगों को आवागमन के लिए अतिरिक्त सड़क की सुविधा मुहैया होगी। मांडा व छिवकी रेलवे स्टेशनों तक जाने में सरलता होगी।

सीएम की घोषणा के बाद मिले निर्देश के अनुसार स्थानीय स्तर पर सर्वे करवाकर शासन को पक्का पुल निर्माण के लिए 556 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया है। शासन स्तर से ही प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। इसके बाद उम्मीद है कि जल्द ही पक्का पुल के लिए धनराशि स्वीकृत की जाएगी। -

शैलेश कुमार, जिलाधिकारी, भदोही।

साधकों की साधनास्थली रही है बाबा बड़ेशिव धाम

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जिले में शिवभक्तों की आस्था का प्रमुख केन्द्र बाबा बड़े शिव मंदिर का इतिहास 16वीं शताब्दी से जुड़ा हुआ है। मंदिर परिसर का सुरम्य वातावरण हर किसी को आकर्षित करता है। शायद यहीं कारण है कि यह मंदिर परिसर निर्माण काल से ही साधकों की साधना स्थली रही है। यहां मोरंग के राजा के साथ ही मौनी स्वामी ने साधना की थी। वहीं आज भी जनवरी-फरवरी माह के दौरान नागा साधु एक महीने तक यहां रूक कर भोलेनाथ की साधना करते हैं।

मंदिर का सुरम्य वातावरण न सिर्फ आम लोगों को बल्कि साधु-संतों को भी आकर्षित करता है। इस मंदिर की एक और खासियत है। मंदिर के चारों तरफ हनुमान जी मूर्ति विराजमान है। मंदिर के ठीक सामने एक प्राचीन तालाब है। जिसमें कमल पुष्प सुशोभित होते हैं। इसके अलावा चारों तरफ घने पेड़ों का परिक्षेत्र है। यह साधकों को भी आकर्षित करती है। लगभग 60 वर्ष पूर्व मोरंग के राजा, जो राजा बाबा के नाम से प्रसिद्ध हुए।

इस स्थान को अपनी तपस्थली बनाई। इसी तरह मौनी स्वामी ने भी यहीं पर पीपल के वृक्ष के नीचे साधना की। पीपल का वृक्ष आज भी है। जनवरी-फरवरी में महाकुंभ के समय नागा साधु एक महीने तक मंदिर पर प्रवास कर साधना करते हैं। मंदिर सचिव रामकृष्ण खटटू ने बताया कि सावन मास में यहां पर निरंतर भंडारा चलता है।

*19 जुलाई को होगी इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट परीक्षा*

जीसाईसी में दो पालियों में होगी परीक्षा,417 विद्यार्थी होंगे शामिल

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जिले में इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट परीक्षा 19 जुलाई को विभुति नारायण राजकीय इंटर कॉलेज ज्ञानपुर में होगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद ने इसकी तिथि तय कर दी। 19 जुलाई को इंप्रूवमेंट में 114 और कंपार्टमेंट में 303 छात्र-छात्राएं परीक्षा शामिल होंगे। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल की परीक्षा 24 फरवरी से 12 मार्च तक हुई। मूल्यांकन के बाद 25 अप्रैल को परिषद ने रिजल्ट जारी किया। इसमें हाईस्कूल में 30 हजार 181 छात्र - छात्राओं में 26 हजार 912 परीक्षा में शामिल हुए। 23 हजार 814 विद्यार्थी सफल और करीब तीन हजार अनुत्तीर्ण हुए।

इंटरमीडिएट में 25 हजार 967 में 23 हजार 932 परीक्षा में शामिल हुए। 21 हजार 611 छात्र - छात्राएं उत्तीर्ण और 2321 अनुत्तीर्ण हो ग‌ए। परिषद की तरफ से एक विषय में अनुत्तीर्ण होने वाले छात्र - छात्राओं को आगे बढ़ने के लिए इंप्रूवमेंट और कंपार्टमेंट परीक्षा कराई जाती है। 10 जून तक इसके लिए आवेदन लिए गए। अब परिषद ने परीक्षा की तिथि तय कर दी।

जिला विद्यालय निरीक्षक अंशुमान ने बताया कि परिषद ने जीआईसी को केंद्र बनाते हुए 19 जुलाई को परीक्षा तिथि तय की है। उन्होंने बताया कि पहली पाली में इंप्रूवमेंट की परीक्षा साढ़े आठ बजे से 11.45 बजे तक और कंपार्टमेंट की परीक्षा दोपहर दो से सवा पांच बजे तक होगी। छात्र - छात्राएं परिषद की वेबसाइट पर जाकर प्रवेश पत्र डाउनलोड कर सकते हैं। परीक्षा के दिन छात्र - छात्राएं समय से 45 मिनट पहले आएं।

बुजुर्गों को ठगने वाले गिरोह का पर्दाफाश:आजमगढ़, देवरिया और वाराणसी के तीन शातिर आरोपी गिरफ्तार, ऑटो और हथियार बरामद

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। भदोही जिले की औराई थाना पुलिस और सर्विलांस टीम ने एक अंतर्जनपदीय गिरोह का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने तीन शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से तमंचा, कारतूस, नगदी और एक ऑटो बरामद हुआ है।‌घटना 30 जून की है, जब घोसिया नगर के रहने वाले एक लाख अहमद ने थाने में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि आरोपी उन्हें बैंक में एक लाख और पोस्ट ऑफिस में दो लाख रुपए जमा करने का झांसा देकर अपने साथ ले गए।

रास्ते में आरोपियों ने उनसे 49,000 रुपए लेकर फरार हो गए। गिरफ्तार आरोपियों में आजमगढ़ निवासी अंगद पांडे, देवरिया के पप्पू पटेल और वाराणसी के लंका क्षेत्र निवासी रंजीत राजभर शामिल हैं। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे एक संगठित गिरोह के रूप में काम करते हैं। उनका मुख्य निशाना बुजुर्ग लोग होते हैं। लूट की रकम को आपस में बांटकर अपने खर्चों में इस्तेमाल करते हैं। अपर पुलिस अधीक्षक शुभम अग्रवाल ने पुलिस लाइन में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान यह जानकारी दी।

स्वास्थ्य और पर्यावरण के लिए साइकिल यात्रा:भदोही में सैकड़ों लोगों ने साइकिल चलाकर दिया स्वच्छ पर्यावरण का संदेश

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। भदोही साइकिलिंग क्लब ने स्वास्थ्य और पर्यावरण जागरूकता के लिए एक विशेष साइकिल यात्रा का आयोजन किया। यात्रा राजमार्ग बड़ा चौराहा से शुरू हुई। बिरन‌ई प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक मुश्ताक अंसारी ने हरी झंडी दिखाकर यात्रा को रवाना किया। यात्रा कांजी हाउस,झिलियापुल , गोपपुर और अमवा होते हुए सारीपुर पहुंची। सारीपुर में प्रधान प्रति राम श्रृंगार चौधरी ने अपने समर्थकों में प्रधान प्रति अधिवक्ता राम श्रृंगार चौधरी ने अपने समर्थकों के साथ साइकिल चालकों का फूल मालाओं से स्वागत किया। उन्होंने सुबह की शुद्ध हवा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने लोगों से सूर्योदय से पहले उठने और छोटी दूरी के लिए साइकिल या पैदल चलने का आग्रह किया।

साइकिल यात्रा सातीपुर से आगे लोहरा खास, पर्वतपुर,हिराचक हिराचक डेहरिया और चक दफ्तरबंद के आसपास के क्षेत्रों में पहुंची। यात्रा के दौरान प्रतिभागियों ने पर्यावरण और और स्वास्थ्य विभाग के नारे लगाए। यात्रा का समापन अमवा ब्रिज के नीचे हुआ। इस यात्रा में एडवोकेट शमीमुद्दीन अंसारी,विराट चौधरी, सरफराज अहमद, हेमंत चौधरी समेत कई गणमान्य लोगों ने भाग लिया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगों को स्वास्थ्य और पर्यावरण के प्रति जागरूक करना था।

विश्वविद्यालय बनाने की तैयारी तेज, सत्यापन करने केएनपीजी आएगी उच्च शिक्षा विभाग की टीम

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। जिले के सबसे पुराने काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को विश्वविद्यालय बनाए जाने के रास्ते धीरे-धीरे खुलने लगे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जिस शर्त के साथ केएनपीजी को विश्वविद्यालय बनाए जाने का ऐलान किया था। उस पर तेजी से कार्रवाई हो रही है। जिलाधिकारी शैलेश कुमार के आदेश के बाद राजस्व विभाग से नापी कराए जाने के बाद महाविद्यालय के पास खुद की 63 एकड़ जमीन मिली है।

 उच्च शिक्षा विभाग की टीम इसी सप्ताह भौतिक सत्यापन के लिए आने वाली है, जो कॉलेज का निरीक्षण कर अपनी रिपोर्ट शासन को देगी। काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय को लंबे समय से विश्वविद्यालय बनाए जाने की मांग हो रही है। एक अगस्त 1951 को स्थापित यह महाविद्यालय 75 सालों में उच्च शिक्षा में मानकों को स्थापित किया। बीते दिनों जिले के दौरे पर आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 50 एकड़ जमीन की उपलब्धता होने पर महाविद्यालय को राज्य विश्वविद्यालय का दर्जा दिए जाने का वादा किया था। उन्होंने जिला प्रशासन से जमीन तलाश करने का निर्देश दिया। 

सीएम के आदेश के बाद डीएम शैलेश कुमार ने स्थानीय स्तर जमीन की तलाश कराई। राजस्व टीम की टीम की ओर से केएनपीजी के जमीन की मापी कराई गई। महाविद्यालय के पास खुद की लगभग 63 एकड़ जमीन है। जमीन की उपलब्धता के बाद जिलाधिकारी शैलेश कुमार ने शासन को इसकी रिपोर्ट भेजी। इसके बाद अब उच्च शिक्षा विभाग की टीम इसी सप्ताह महाविद्यालय का निरीक्षण करने आ रही है। टीम न सिर्फ महाविद्यालय में जमीन की उपलब्धता का भौतिक सत्यापन करेगी, बल्कि महाविद्यालय में तमाम भवन इत्यादि को देखकर अपनी रिपोर्ट शासन को भेजेगी।

महाविद्यालय के पास कहां कितनी जमीन

काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय के पास जोरई, वेदपुर, ददरहां महाविद्यालय के जीर्ण-शीर्ण भवन को मिलाकर 15.56 हेक्टेयर यानि की 38.5 एकड़ भूमि, महाविद्यालय का मुख्य व प्रशासनिक भवन 3. 380 हेक्टेयर यानि कि 3.35 एकड़ और वेदपुर में ही 6.668 हेक्टेयर यानि 16.50 एकड़ महाविद्यालय की जमीन वेटेनरी कॉलेज के नाम से दर्ज है। जिस पर अब तक किसी प्रकार का कोई निर्माण नहीं हो सका है। अब प्रशासन की ओर से इन जमीनों की रिपोर्ट बनाकर भेजी गई है।

मुख्यमंत्री ने केएनपीजी को राज्य विश्वविद्यालय के लिए 50 एकड़ जमीन तलाशने का निर्देश दिया था। जमीन की नापी इत्यादि के बाद महाविद्यालय के पास खुद की 63 एकड़ जमीन है। इसकी रिपाोर्ट शासन को भेजी है। शासन स्तर से उच्च शिक्षा विभाग की टीम इसी सप्ताह निरीक्षण को आ रही है, जो महाविद्यालय का भौतिक सत्यापन करेगी। अगर सबकुछ ठीक रहा तो आने वाले कैबिनेट की बैठक में केएनपीजी को राज्य विश्वविद्यालय का प्रस्ताव पास हो सकता है। - शैलेश कुमार, जिलाधिकारी।