अशोक कुमार सहगल ने PVUNL के नए CEO के रूप में कार्यभार संभाला, ऊर्जा क्षेत्र में 35 वर्षों का अनुभव

पतरातू, झारखंड | 6 जुलाई 2025: श्री अशोक कुमार सहगल ने आज पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL), पतरातू के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) का पदभार ग्रहण कर लिया है. उनके पास एनटीपीसी में 35 वर्षों से अधिक का समृद्ध और बहुआयामी अनुभव है, जो PVUNL की निर्माणाधीन परियोजनाओं को नई गति देने में महत्वपूर्ण साबित होगा.

PVUNL: झारखंड के ऊर्जा परिदृश्य को सशक्त करने का लक्ष्य

पतरातू विद्युत उत्पादन निगम लिमिटेड (PVUNL) एनटीपीसी और JBVNL का एक संयुक्त उपक्रम है. इसकी स्थापना झारखंड में 4000 मेगावाट क्षमता का आधुनिक ताप विद्युत संयंत्र स्थापित करने के उद्देश्य से की गई थी. इसकी पहली चरण की परियोजना 2400 MW (3X800) मेगावाट की है, जिसमें से पहली इकाई का कार्य तेजी से चल रहा है. श्री सहगल के नेतृत्व में उम्मीद है कि यह परियोजना अपने निर्धारित लक्ष्यों को और भी तेजी से प्राप्त करेगी.

अनुभवी नेतृत्व और बहुआयामी पृष्ठभूमि

श्री सहगल ने वर्ष 1989 में एनटीपीसी में एक्जीक्यूटिव ट्रेनी के रूप में कमीशनिंग एंड टेस्टिंग डिपार्टमेंट से अपनी सेवा शुरू की थी. तब से, उन्होंने संचालन, अनुरक्षण, टरबाइन तकनीक, परियोजना प्रबंधन, प्लांट ओवरऑल ऑपरेशन, तथा कॉर्पोरेट मॉनिटरिंग जैसे विविध तकनीकी और प्रबंधकीय क्षेत्रों में उल्लेखनीय योगदान दिया है. उन्होंने तालचर कनिहा में परियोजना प्रमुख (BUH) के तौर पर भी कार्य किया, जिस दौरान इस प्रोजेक्ट ने कई महत्वपूर्ण कीर्तिमान स्थापित किए और एनटीपीसी में अग्रणी परियोजना बना.

शैक्षणिक रूप से, श्री सहगल ने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में स्नातक (B.E.) की उपाधि प्राप्त की है. इसके अलावा, उन्होंने आईआईटी दिल्ली से पावर इंजीनियरिंग में एम.टेक, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) बेंगलुरु से उच्च प्रबंधन प्रशिक्षण, और इग्नू से फाइनेंस में पी.जी. डिप्लोमा भी किया है. उन्होंने अमेरिका के सिलिकॉन वैली में एडवांस मैनेजमेंट प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है, जिससे उनके नेतृत्व कौशल और वैश्विक दृष्टिकोण को और सुदृढ़ता मिली है. उनका यह बहुआयामी शैक्षणिक और व्यावसायिक अनुभव निश्चित रूप से PVUNL को तकनीकी उत्कृष्टता और परियोजना लक्ष्यों को प्राप्त करने में उत्कृष्ट मार्गदर्शन प्रदान करेगा.

श्री सहगल अपने सौम्य व्यवहार, सशक्त नेतृत्व क्षमता, तकनीकी कुशलता और व्यावसायिक निर्णय शक्ति के लिए जाने जाते हैं. उनके नेतृत्व में PVUNL अपनी निर्माणाधीन 3x800 मेगावाट ताप विद्युत परियोजना के कार्यान्वयन में और भी गति प्रदान करेगा, जिससे झारखंड राज्य के ऊर्जा परिदृश्य को सशक्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा सकेगी.

झारखंड के लाल 'कैप्टन कूल' महेंद्र सिंह धोनी 44 साल के हुए, सीएम हेमंत सोरेन समेत देशभर से मिल रही बधाइयां

रांची, झारखंड: भारतीय क्रिकेट के सबसे सफल कप्तानों में से एक और 'कैप्टन कूल' के नाम से मशहूर महेंद्र सिंह धोनी आज अपना 44वां जन्मदिन मना रहे हैं. सोमवार, 7 जुलाई 2025 को मनाए जा रहे उनके इस खास दिन पर देश-विदेश से लाखों प्रशंसक, खेल हस्तियां और राजनेता उन्हें हार्दिक शुभकामनाएं दे रहे हैं. धोनी के गृह नगर रांची में उनके चाहने वालों का उत्साह चरम पर है, जहां बड़ी संख्या में उनके फैंस जन्मदिन की बधाई देने उनके फार्महाउस भी पहुंचे हैं. इसी बीच, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी बेहद खास अंदाज में अपने सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए माही को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं.

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का भावुक संदेश

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पूर्व में ट्विटर) पर महेंद्र सिंह धोनी के लिए एक बेहद ही भावुक और आत्मीय संदेश लिखा. धोनी को जन्मदिन की बधाई देते हुए सीएम ने ट्वीट किया, "झारखण्ड के लाल कैप्टन कूल माही को जन्मदिन की ढेरों बधाई, शुभकामनाएं और जोहार, मरांग बुरु आपको सदैव उत्तम स्वास्थ्य और सुदीर्घ जीवन प्रदान करें, यही कामना करता हूँ." मुख्यमंत्री का यह संदेश धोनी के प्रति उनके सम्मान, झारखंड से उनके गहरे जुड़ाव और राज्य के एक प्रतिष्ठित बेटे के रूप में उनकी पहचान को दर्शाता है. 'मरांग बुरु' का उल्लेख झारखंड के आदिवासी समुदाय की परंपराओं और विश्वासों से जुड़ा एक आशीर्वाद है, जो संदेश को और भी व्यक्तिगत और सांस्कृतिक महत्व प्रदान करता है.

धोनी का अतुलनीय योगदान और लोकप्रियता

महेंद्र सिंह धोनी, जिन्हें प्यार से 'माही' बुलाया जाता है, भारतीय क्रिकेट इतिहास के सबसे सफल कप्तानों में से एक हैं. उनकी कप्तानी में भारत ने 2007 का टी20 विश्व कप, 2011 का वनडे विश्व कप और 2013 की चैंपियंस ट्रॉफी जीती, जिससे वह आईसीसी के तीनों प्रमुख टूर्नामेंट जीतने वाले दुनिया के एकमात्र कप्तान बन गए. धोनी अपनी शांत स्वभाव, दबाव में बेहतरीन प्रदर्शन करने की क्षमता और अप्रत्याशित फैसलों के लिए जाने जाते हैं, जिसके कारण उन्हें 'कैप्टन कूल' का खिताब मिला.

उनके नेतृत्व कौशल, फिनिशिंग क्षमताओं और विकेटकीपिंग में फुर्ती ने उन्हें दुनिया भर में करोड़ों प्रशंसकों का चहेता बना दिया है. क्रिकेट से संन्यास लेने के बाद भी उनकी लोकप्रियता में कोई कमी नहीं आई है. रांची स्थित उनका फार्महाउस अक्सर फैंस के लिए एक तीर्थस्थल बन जाता है, जहां वे अपने पसंदीदा खिलाड़ी की एक झलक पाने या उन्हें जन्मदिन की बधाई देने के लिए इकट्ठा होते हैं.

जन्मदिन पर देश-विदेश से शुभकामनाओं का तांता

धोनी के 44वें जन्मदिन पर क्रिकेट जगत, बॉलीवुड, राजनीति और विभिन्न क्षेत्रों की हस्तियों ने उन्हें शुभकामनाएं भेजी हैं. सोशल मीडिया पर और जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहां प्रशंसक उनकी पुरानी तस्वीरें, वीडियो और यादगार लम्हों को साझा कर रहे हैं. यह बताता है कि धोनी केवल एक क्रिकेटर नहीं, बल्कि एक प्रेरणा और लाखों लोगों के लिए एक आदर्श हैं.

झारखंड के लिए धोनी का महत्व सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है. उन्होंने राज्य को वैश्विक मानचित्र पर लाने में मदद की है और युवाओं के लिए एक प्रेरणा स्रोत बने हैं. मुख्यमंत्री सोरेन का यह विशेष संदेश इसी भावना को दर्शाता है, जिसमें एक 'झारखंड के लाल' के रूप में धोनी के योगदान को सराहा गया है.

धोनी वर्तमान में अपने परिवार के साथ जन्मदिन मना रहे हैं, और उम्मीद है कि आने वाले वर्षों में भी उनका स्वास्थ्य उत्तम बना रहे, जैसा कि मुख्यमंत्री ने भी कामना की है.

पिता के इलाज के लिए दिल्ली में रहते हुए भी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की झारखंड पर डिजिटल पकड़, X के जरिए निपटा रहे जनशिकायतें

रांची, झारखंड: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 24 जून से अपने पिता शिबू सोरेन के इलाज के सिलसिले में दिल्ली में हैं, लेकिन इस दौरान भी वे राज्य के सभी प्रशासनिक कार्यों पर पैनी नजर बनाए हुए हैं. मुख्यमंत्री लगातार सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' (पहले ट्विटर) के माध्यम से न केवल आला अधिकारियों को निर्देशित कर रहे हैं, बल्कि आम जनता की समस्याओं का त्वरित समाधान भी सुनिश्चित करा रहे हैं.

एक्स (X) के जरिए एक दर्जन से अधिक शिकायतों का निपटारा

दिल्ली में रहते हुए भी सीएम हेमंत सोरेन ने अब तक एक दर्जन से अधिक जनशिकायतों का निपटारा किया है. इनमें स्वास्थ्य, सामाजिक सुरक्षा और दिव्यांगजनों से जुड़ी शिकायतें प्रमुख रही हैं. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से ही उन्होंने घायल अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी विमल तिकी को शीघ्र बेहतर इलाज कराने का निर्देश अधिकारियों को दिया. वहीं, मूकबधिर सौम्या को आवश्यक मशीन मुहैया कराने का भी आदेश दिया. मुख्यमंत्री ने सभी मामलों में व्यक्तिगत दिलचस्पी दिखाते हुए संबंधित अधिकारियों को तुरंत जरूरी निर्देश दिए.

उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री से लेकर विभिन्न जिलों के उपायुक्तों तक को एक्स पर ही टैग करते हुए निर्देशित किया, जिसकी वजह से समयबद्ध कार्रवाई सुनिश्चित हो सकी.

डिजिटल सक्रियता और लोकप्रियता

झारखंड की राजनीति में हेमंत सोरेन की डिजिटल पकड़ उन्हें एक अलग पहचान दे रही है. श्री सोरेन नियमित रूप से अपने सरकारी निर्णयों, जनकल्याण योजनाओं और राजनीतिक विचारों को सोशल मीडिया के जरिए साझा करते हैं. मुख्यमंत्री की डिजिटल सक्रियता और समस्याओं के प्रति संवेदनशीलता की सराहना सोशल मीडिया पर भी हो रही है.

सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की लोकप्रियता की बात करें तो झारखंड में अन्य सभी नेताओं के मुकाबले सीएम के फॉलोअर्स सबसे अधिक हैं. एक्स पर उनके फॉलोअर्स की संख्या लगभग 10.1 लाख है, जो उन्हें न सिर्फ झारखंड, बल्कि देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों की तुलना में भी सोशल मीडिया पर मजबूत बनाती है. इंस्टाग्राम पर भी हेमंत सोरेन के फॉलोअर्स की संख्या 2.46 लाख से अधिक है, जो उन्हें युवा वर्ग के बीच लोकप्रिय सिद्ध करती है.

डुमरी विधायक जयराम महतो कल टॉप-40 छात्रों को करेंगे सम्मानित, देंगे तीन माह के वेतन का 75% प्रोत्साहन राशि

डुमरी, झारखंड: डुमरी विधानसभा क्षेत्र के विधायक जयराम महतो ने अपने विधानसभा क्षेत्र के होनहार विद्यार्थियों को सम्मानित करने की घोषणा की है. कल, 7 जुलाई को नावाडीह स्टेडियम में एक सम्मान समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसमें 10वीं और 12वीं कक्षा के टॉप-10 विद्यार्थियों को विधायक अपने तीन माह के वेतन का 75 प्रतिशत हिस्सा प्रोत्साहन राशि के रूप में देंगे.

40 विद्यार्थियों की सूची जारी, मैट्रिक और इंटर के टॉपर शामिल

विधायक जयराम महतो ने इस सम्मान समारोह के लिए कुल 40 विद्यार्थियों की एक सूची जारी की है. इस सूची में मैट्रिक के 10 टॉप विद्यार्थी, और इंटर के तीनों संकायों (विज्ञान, वाणिज्य, कला) से 10-10 टॉप विद्यार्थियों के नाम शामिल हैं.

वादे के अनुसार प्रोत्साहन राशि का वितरण

विधायक जयराम महतो ने बताया कि यह उनके पूर्व में किए गए वादे के अनुरूप है, जिसके तहत वे अपने तीन माह के वेतन का 75 प्रतिशत डुमरी विधानसभा के 10वीं और 12वीं के टॉप-10 विद्यार्थियों के बीच प्रोत्साहन राशि के रूप में वितरित करेंगे. उन्होंने यह भी कहा कि अगर डुमरी विधानसभा क्षेत्र में किसी भी विद्यार्थी को जारी सूची से अधिक अंक मिले हैं, तो वे 9955000143 या 6206920887 नंबर पर कॉल कर इसकी जानकारी दे सकते हैं. यह पहल क्षेत्र में शिक्षा और छात्रों के प्रोत्साहन के प्रति विधायक की प्रतिबद्धता को दर्शाती है.

झारखंड में शराब संकट: दुकानों का ऑडिट अधूरा, बिक्री ठप, नई उत्पाद नीति जल्द लागू करने की मांग

रांची, झारखंड: झारखंड में शराब की दुकानों पर इन दिनों ताले लटके हुए हैं, क्योंकि राज्य की शराब दुकानों का ऑडिट अभी तक पूरा नहीं हो पाया है. इस कारण फिलहाल शराब की दुकानों से शराब नहीं मिल रहा है. झारखंड स्टेट बेवरेजेज कॉरपोरेशन लिमिटेड (JSBCL) ने पहले 5 जुलाई तक दुकानों के ऑडिट और हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया पूरी करने का निर्देश दिया था, लेकिन अब यह प्रक्रिया अगले सप्ताह तक खिंचने की संभावना है.

750 दुकानों का ही हुआ ऑडिट, बिक्री अभी भी रुकी

राज्य की कुल 1453 शराब दुकानों में से अब तक केवल 750 दुकानों का ही ऑडिट कार्य पूरा हुआ है. चौंकाने वाली बात यह है कि जिन दुकानों का ऑडिट पूरा हो गया है, उनसे भी फिलहाल शराब की बिक्री नहीं हो रही है. दुकानों के हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया पूरी होने के बाद ही इनके संचालन को लेकर फिर से निर्देश जारी किया जाएगा. प्राप्त जानकारी के अनुसार, जिलों को अगले सप्ताह तक सभी दुकानों के ऑडिट कार्य को पूरा करने का निर्देश दिया गया है. ऑडिट के दौरान दुकानों में शराब के स्टॉक और बिक्री के बाद जमा राशि का सत्यापन किया जा रहा है.

व्यापारियों ने जल्द नीति लागू करने की मांग की

झारखंड शराब व्यापारी संघ के प्रदेश महासचिव सुबोध कुमार जायसवाल ने इस स्थिति पर चिंता व्यक्त की है. उन्होंने कहा कि हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया पूरी नहीं होने के कारण कई दुकानों में शराब की आपूर्ति नहीं हो पा रही है. जिन दुकानों का ऑडिट पूरा हो गया है, उन्हें भी अगले आदेश तक बंद रखा गया है, और जो दुकानें खुली हैं, उनमें भी शराब का स्टॉक नहीं है. जायसवाल ने मांग की है कि हैंडओवर-टेकओवर की प्रक्रिया जल्द पूरी की जाए और राज्य में नई उत्पाद नीति शीघ्र लागू की जाए, ताकि राज्य के राजस्व को हो रहे नुकसान को रोका जा सके और ग्राहकों को भी सुविधा मिल सके.

रांची में मुहर्रम जुलूस और रथयात्रा के कारण ट्रैफिक व्यवस्था में बड़ा बदलाव, रविवार को 'ड्राई डे' घोषित


रांची, झारखंड: राजधानी रांची में रविवार को मुहर्रम का जुलूस निकाला जाएगा, जिसके मद्देनजर ट्रैफिक व्यवस्था में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं. रांची के ट्रैफिक एसपी कैलाश करमाली ने इस संबंध में आदेश जारी किया है. इसके अलावा, मुहर्रम को लेकर पूरे रांची जिले में रविवार को 'ड्राई डे' भी घोषित किया गया है.

मेन रोड समेत कई इलाकों में वाहनों की आवाजाही बंद

रविवार को मेन रोड (महात्मा गांधी मार्ग) पर सुबह 10:00 बजे से जुलूस के समापन तक सभी प्रकार के वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक रहेगी. इसके साथ ही, कर्बला चौक और डोरंडा यूनुस चौक में भी वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा.

इनके अतिरिक्त, कई अन्य प्रमुख रास्तों पर भी वाहनों का प्रवेश बंद रहेगा:

  • किशोरी यादव चौक से अपर बाजार, महावीर चौक होकर शहीद चौक की ओर.
  • कमांडेंट आवास मोड़ से राजेंद्र चौक तक.
  • शहीद चौक से अपर बाजार, महावीर चौक की ओर.
  • सुभाष चौक से अपर बाजार, महावीर मंदिर की ओर.
  • प्लाजा चौक से अलबर्ट एक्का चौक आने वाले मार्ग में.
  • पुरुलिया रोड से सर्जना चौक की ओर.
  • एसएन गांगुली रोड, विष्णु गली, बुधिया गली और वूल हाउस के पास मेन रोड आने वाले मार्ग.
  • कर्बला चौक से रतन टॉकीज आने वाले रास्ते में.
  • कचहरी चौक से शहीद चौक और अलबर्ट एक्का चौक आने वाले रास्ते में.
  • चडरी तालाब से अलबर्ट एक्का चौक की ओर.
  • कडरू से रेडिसन ब्लू होटल होकर मेन रोड आने वाले मार्ग में.
  • मेकॉन से राजेंद्र चौक आने वाले मार्ग में.

रांची में 'ड्राई डे' और सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

मुहर्रम के अवसर पर रांची जिला में रविवार को 'ड्राई डे' घोषित किया गया है. सहायक उत्पाद आयुक्त ने शराब की खुदरा दुकानों, बार, क्लब और थोक बिक्री (जेएसबीसीएल) के देशी और विदेशी शराब की दुकानों को बंद रखने का आदेश दिया है. उन्होंने सख्त चेतावनी दी है कि ड्राई डे पर शराब की बिक्री और आपूर्ति का उल्लंघन पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. संबंधित अधिकारियों को भी आदेश का अनुपालन सुनिश्चित करने, खुदरा दुकानों को सील करने के साथ-साथ निगरानी के लिए गश्ती और छापामारी कर अवैध शराब बिक्री पर रोक लगाने को कहा गया है.

मुहर्रम जुलूस में सुरक्षा का विशेष ध्यान रखते हुए डोरंडा से लेकर मेन रोड और अन्य संवेदनशील जगहों पर 1000 पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं.

रथयात्रा मेला और अतिरिक्त बल की तैनाती

महत्वपूर्ण बात यह है कि रांची के जगन्नाथपुर में चल रहे रथयात्रा मेला का आज आखिरी दिन है, जिसमें 'घुरती रथ' का कार्यक्रम होगा. ऐसे में घुरती रथ और मुहर्रम दोनों आयोजनों को देखते हुए रांची सहित पूरे राज्य में अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं. 5000 होमगार्ड जवान के अलावा 3600 सशस्त्र बलों की तैनाती की गई है. रथयात्रा मेला में ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों से लगातार निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना से बचा जा सके.

रामगढ़ कोल माइंस हादसे के बाद एक बार फिर अवैध खनन पर उठे गंभीर सवाल, इस खनन के कारण चाल धसने से 4 की मौत 4 घायल

झारखंड के रामगढ़ कोल माइंस हादसे ने एक बार फिर अवैध खनन पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। सीसीएल करमा प्रोजेक्ट (सुगिया) में शुक्रवार देर रात हुए हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई, जबकि 4 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

यह हादसा 4-5 जुलाई की दरम्यानी रात उस वक्त हुआ जब अवैध खनन के दौरान अचानक चाल धंस गई। बताया जा रहा है कि मौके पर 8-10 लोग फंसे हुए थे। सुबह से ही घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गई और राहत व बचाव कार्य शुरू हुआ। दोपहर तक मलबे से 4 शव निकाले गए और 4 लोग जख्मी हालत में मिले।

घायलों में दो की स्थिति गंभीर है – एक व्यक्ति का पैर बुरी तरह जख्मी है, जबकि एक महिला की कमर टूट गई है। हादसे से आक्रोशित ग्रामीणों ने शवों को प्रोजेक्ट ऑफिस के पास रखकर मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन किया।

स्थानीयों के मुताबिक, कुछ दिन पहले सीसीएल ने ओपन कास्ट ब्लास्टिंग की थी लेकिन बारिश के चलते काम रोक दिया गया था। खदान बंद होने के बावजूद वहां अवैध खनन जारी था, जो हादसे की वजह बना।

नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस हादसे के लिए राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि झारखंड में पुलिस और सत्ता के संरक्षण में अवैध खनन फल-फूल रहा है और सरकार आंखें मूंदे बैठी है।

सड़क हादसे में दो व्यवसायी घरानो के इकलौते पुत्र की दर्दनाक मौत, जिले में शोक की लहर

धनबाद के राजगंज क्षेत्र में डोमनपुर के पास शनिवार तड़के एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसने पूरे शहर को शोक में डुबो दिया। इस हादसे में धनबाद के दो जाने-माने व्यवसायियों के इकलौते पुत्र – साहिल कृष्णानी और अनमोल सिंह – की मौके पर ही मौत हो गई।

साहिल, रेमेंड्स शोरूम के मालिक विशाल कृष्णानी के बेटे थे, जबकि अनमोल सिंह मोटर पार्ट्स व्यवसायी हर्दियाल सिंह के पुत्र थे। दोनों युवक कोलकाता में उच्च शिक्षा ले रहे थे और शुक्रवार को ही धनबाद लौटे थे।

घटना सुबह करीब 5 बजे की है जब उनकी I-20 कार (नं. JH10CT-0014) तेज गति से जीटी रोड के कोलकाता-दिल्ली लेन पर राजगंज की ओर बढ़ रही थी। कार अचानक अनियंत्रित होकर डिवाइडर से टकरा गई, जिससे उसके चारों टायर फट गए और गाड़ी कई बार पलटी खाते हुए लगभग 300 मीटर दूर सर्विस लेन में जा गिरी।

मौके पर पहुंची पुलिस ने कार का दरवाजा तोड़कर दोनों युवकों को बाहर निकाला और एसएनएमसीएच अस्पताल भेजा, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

घटना के बाद से धनबाद के व्यवसायिक जगत में शोक की लहर है। बैंक मोड़ चेंबर और अन्य कारोबारी संगठन के पदाधिकारी अस्पताल पहुंचे और परिजनों को ढांढस बंधाया।

झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन की तबीयत में सुधार, नेताओं का अस्पताल पहुंचना जारी

रांची/दिल्ली, 5 जुलाई 2025: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद शिबू सोरेन की तबीयत में लगातार सुधार हो रहा है. 'दिशोम गुरु' के नाम से विख्यात शिबू सोरेन का दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल में इलाज चल रहा है, जहां डॉक्टरों ने उनकी हालत पर संतोष व्यक्त किया है. वे दिन-रात चिकित्सकों की कड़ी निगरानी में हैं.

गुरुजी के स्वास्थ्य में सुधार की खबर के बीच, झारखंड के राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज है. झामुमो और गठबंधन सहयोगी दलों के कई वरिष्ठ नेता लगातार दिल्ली पहुंच रहे हैं और उनके स्वास्थ्य का हालचाल जान रहे हैं.

शुक्रवार को राज्यसभा सांसद महुआ माजी शिबू सोरेन को देखने के लिए अस्पताल पहुंचीं. उन्होंने इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात कर गुरुजी के स्वास्थ्य की जानकारी ली. राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी भी दिल्ली पहुंचे हैं और उन्होंने अस्पताल में शिबू सोरेन से मुलाकात की. स्वास्थ्य मंत्री के साथ झारखंड के पूर्व प्रभारी गुलाम अहमद मीर भी अस्पताल पहुंचे.

इसके अलावा, झारखंड सरकार के पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर और पूर्व विधायक उमाशंकर अकेला ने भी दिल्ली में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की. कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव भी पिछले दिनों अस्पताल पहुंचे थे और उन्होंने गुरुजी का हालचाल लिया था. सोरेन परिवार के सदस्य लगातार दिल्ली में कैंप कर रहे हैं ताकि शिबू सोरेन के स्वास्थ्य पर पूरी नजर रखी जा सके और उन्हें हर संभव चिकित्सा सुविधा मिल सके.

सूत्रों के अनुसार, शिबू सोरेन को कुछ दिनों पहले स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था. हालांकि, उनकी वर्तमान स्थिति स्थिर बताई जा रही है और वे धीरे-धीरे स्वस्थ हो रहे हैं. डॉक्टरों की टीम उनके स्वास्थ्य की लगातार निगरानी कर रही है और उन्हें उचित उपचार प्रदान किया जा रहा है.

शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति के एक बड़े स्तंभ हैं और उनके स्वास्थ्य को लेकर राज्यभर में उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं में चिंता का माहौल था. उनकी तबीयत में सुधार की खबर से उनके लाखों समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं में राहत की लहर है. सभी उनकी शीघ्र पूर्ण स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं. झारखंड से दिल्ली आने-जाने वाले नेताओं का सिलसिला अभी भी जारी है, जो गुरुजी के प्रति उनके सम्मान और चिंता को दर्शाता है.

बेरोजगार युवाओं के प्रति संवेदनहीन है हेमंत सरकार....बाबूलाल मरांडी

विधानसभा चुनाव से पूर्व राज्य सरकार ने उत्पाद सिपाही भर्ती की दौड़ आयोजित कराई थी। सरकार के कुव्यवस्था और हठधर्मिता के कारण कई युवाओं की मौत होने लगी, लेकिन सरकार ने दौड़ को नहीं रोका जिससे मौत का आंकड़ा बढ़ता ही चला गया।

कहा कि युवाओं को उम्मीद थी कि सरकार जल्द लिखित परीक्षा लेगी, लेकिन हेमंत सरकार गठन के 6 माह बीत जाने के बाद भी लिखित परीक्षा न होने के कारण अबतक उत्पाद सिपाही भर्ती प्रक्रिया पर संशय बना हुआ है।

कहा कि झारखंड के युवा हेमंत सरकार की राजनीति के सबसे आसान शिकार हैं। साधन संपन्न धनाढ्य परिवार में जन्म लेने के कारण मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन जी ने अपने युवावस्था में साधारण युवकों के संघर्ष को महसूस नहीं किया है। इसलिए उनकी शासन पद्धति में भी युवाओं के प्रति संवेदनहीनता नज़र आती है।

कहा कि हेमंत जी सारी शर्म हया त्यागकर युवाओं के मुद्दे से बेपरवाह नज़र आते हैं। जब भी युवाओं द्वारा नौकरी की मांग की जाती है तो परीक्षा कैलेंडर का झुनझुना थमा दिया जाता है।

कहा कि आज झारखंड में युवाओं का भविष्य अंधकारमय हो चुका है। न कोई ठोस नियोजन नीति, न पारदर्शी परीक्षा, न ससमय रिजल्ट... युवाओं को मिलता है तो सिर्फ फर्ज़ी आश्वासन!