ग्लोबल साउथ के साथ दोहरा मापदंड अपनाया गया”, ब्रिक्स समिट से पीएम मोदी ने किसे दिया कड़ा संदेश?
#bricssummitpmmodimessageonterrorism
![]()
ब्राजील के रियो डी जनेरियो में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन चल रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ब्रिक्स देशों को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में वैश्विक आतंकवाद की कड़ी निंदा की और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से एकजुटता का आह्वान किया। ब्रिक्स के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'बहुपक्षवाद, आर्थिक-वित्तीय मामलों और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को मजबूत करने' के विषय पर आयोजित सत्र के दौरान बड़ी ताकतों को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि कहा कि ग्लोबल साउथ को जलवायु वित्त, सतत विकास और प्रौद्योगिकी पहुंच पर सिर्फ दिखावटी चीजें मिली हैं।
आतंकवाद के मुद्दे पर दोहरा मापदंड अपनाने वालों को संदेश
प्रधानमंत्री मोदी अपनी पांच देशों की यात्रा के चौथे चरण में ब्राजील पहुंचे हैं। इससे पहले वे घाना, त्रिनिदाद और टोबैगो और अर्जेंटीना जा चुके हैं। रियो डी जनेरियो में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट और स्पष्ट रुख अपनाने की अपील की। पीएम मोदी ने आतंकवाद को मानवता के खिलाफ अपराध करार देते हुए कहा कि आतंकवाद की निंदा हमारा सिद्धांत होनी चाहिए, न कि सुविधा। यह देखना कि हमला किस देश में हुआ और किसके खिलाफ, मानवता के साथ विश्वासघात है। पीएम का यह बयान सीधे तौर पर चीन को संदेश के रूप में देखा जा रहा है। पिछले दिनों चीन में आयोजित एससीओ के रक्षा मंत्रियों की बैठक में उसने संयुक्त बयान के मसौदे में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले का जिक्र नहीं किया।
ग्लोबल साउथ 'डबल स्टैंडर्ड' का शिकार-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा कि ग्लोबल साउथ को जो कुछ भी मिला है, वह सिर्फ "टोकन जेस्चर" है। मतलब है कि उन्हें सिर्फ दिखावे के लिए कुछ चीजें दी गई हैं, वास्तव में उनकी मदद नहीं की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि ग्लोबल साउथ 'डबल स्टैंडर्ड' का शिकार रहा है। मतलब, उनके साथ अलग-अलग नियमों के हिसाब से व्यवहार किया गया है।
वैश्विक संस्थाओं में सुधार की जरूरत-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 20वीं सदी में बने वैश्विक संगठन आज की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम नहीं हैं। दुनिया भर में चल रहे युद्ध हों, महामारी हो, आर्थिक संकट हो या साइबर दुनिया में नई चुनौतियां, इन संगठनों के पास कोई समाधान नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, आज दुनिया को एक नई, बहुध्रुवीय और समावेशी विश्व व्यवस्था की जरूरत है। इसकी शुरुआत वैश्विक संस्थानों में व्यापक सुधारों से करनी होगी। सुधार केवल दिखावटी नहीं होने चाहिए, बल्कि उनका वास्तविक प्रभाव भी दिखना चाहिए। दुनिया को ऐसे नए सिस्टम की ज़रूरत है जिसमें कई देशों की बात सुनी जाए और सबको शामिल किया जाए। पुराने संगठनों में बदलाव ज़रूरी हैं, और ये बदलाव सिर्फ नाम के लिए नहीं होने चाहिए, बल्कि उनका असर भी दिखना चाहिए।
11 hours ago