मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने रथयात्रा के अवसर पर दिशोम गुरुजी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की, देखें वीडियो
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चतरा जिला ने नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम में हासिल की शीर्ष रैंकिंग, नीति आयोग से मिलेगा 10 करोड़ रुपये का पुरस्कार
चतरा जिला ने नीति आयोग के आकांक्षी जिला कार्यक्रम में देश के 112 आकांक्षी जिलों में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इस उपलब्धि के लिए चतरा को 10 करोड़ रुपये का पुरस्कार मिलेगा, जो जिले के विकास कार्यों में गति लाने में मदद करेगा।
चतरा की सफलता के कारण
- स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण में उत्कृष्ट प्रदर्शन: चतरा ने स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि, वित्तीय समावेशन और बुनियादी ढांचे जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किया है।
- नवाचार और प्रभावी क्रियान्वयन: जिला प्रशासन के नवाचार, संवेदनशील योजनाएं और प्रभावी क्रियान्वयन ने इस सफलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
पुरस्कार और इसके लाभ
- 10 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि: नीति आयोग द्वारा शीर्ष प्रदर्शन करने वाले जिले को यह पुरस्कार दिया जाता है ताकि वे अपनी योजनाओं को और बेहतर ढंग से लागू कर सकें।
- विकास को नई गति: इस पुरस्कार राशि से चतरा में स्थानीय विकास परियोजनाओं को नया आयाम मिलेगा।
आकांक्षी जिला कार्यक्रम क्या है?
- देश के पिछड़े जिलों का विकास: नीति आयोग का आकांक्षी जिला कार्यक्रम देश के 112 सबसे कम विकसित जिलों को तेजी से विकसित करने के उद्देश्य से शुरू किया गया था।
- पांच प्रमुख क्षेत्र: इस कार्यक्रम का फोकस स्वास्थ्य, शिक्षा, कृषि, वित्तीय समावेशन और बुनियादी ढांचे पर है।
गढ़वा की उपलब्धि
- शिक्षा क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन: गढ़वा को शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए चुना गया है। यह जिले के शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
झारखंड में 'नशा मुक्त भारत' अभियान का समापन: ग्रामीण विकास मंत्री बोलीं- यह सिर्फ शुरुआत है; 27,000 एकड़ अफीम की खेती नष्ट
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रांची- झारखंड में 10 जून से 26 जून तक आयोजित मादक पदार्थों के दुरुपयोग के विरुद्ध राज्यव्यापी जागरूकता अभियान का समापन आज डोरंडा स्थित शौर्य सभागार में सम्पन्न हुआ। समापन समारोह की मुख्य अतिथि ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने इसे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दूरदृष्टि सोच और संवेदनशील नेतृत्व का परिणाम बताया। उन्होंने कहा कि यह अभियान का समापन नहीं बल्कि राज्य को नशामुक्त एवं अपराधमुक्त बनाने की दिशा में एक नई शुरुआत है।
नशे के बड़े सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता
दीपिका पांडेय सिंह ने कहा कि आज झारखंड विकसित राज्यों की श्रेणी में कदम से कदम मिला कर चल रहा है जहाँ सभी आधारभूत संरचनाओं को सुदृढ़ किया जा रहा है वही दूसरी ओर झारखंड सामाजिक बुराइयों के खिलाफ भी मुखर होकर खड़ा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि नशे के बड़े सौदागरों पर कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि समाज के ताने-बाने को नष्ट करने वाले तत्वों पर रोक लगाई जा सके।
अफीम की खेती के खिलाफ चलाया गया व्यापक अभियान “कॉम्प्रिहेंसिव सफलता”
मुख्य सचिव अलका तिवारी ने अपने संबोधन में कहा कि अफीम की खेती और नशे के कारोबार ने राज्य के कई हिस्सों को अपनी चपेट में लिया है। उन्होंने बताया कि इस बार राज्य सरकार ने तकनीक एवं बहु-विभागीय समन्वय के ज़रिए अफीम की खेती का बड़े पैमाने पर विनष्टीकरण किया है। अफीम की खेती के खिलाफ चलाए गए व्यापक अभियान को उन्होंने “कॉम्प्रिहेंसिव सफलता” बताया।
इस वर्ष 27,000 एकड़ भूमि पर फैली अफीम की खेती को किया गया नष्ट
राज्य के पुलिस महानिदेशक श्री अनुराग गुप्ता ने जानकारी दी कि इस वर्ष 27,000 एकड़ भूमि पर फैली अफीम की खेती को नष्ट किया गया। उन्होंने बताया कि खूंटी जैसे संवेदनशील जिलों में स्थानीय ग्रामीणों ने भी स्वेच्छा से इस अभियान में भागीदारी की। उन्होंने ब्राउन शुगर को युवाओं के लिए घातक बताते हुए कहा कि अब सप्लाई चेन तोड़ने की दिशा में पुलिस पैडलर्स, डीलर्स और सप्लायरों पर सख्त कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि अब तक ड्रग्स के विरुद्ध कुल 350 मामले दर्ज किए गए हैं और 318 आरोपियों की गिरफ्तारी हुई है।
नशा उन्मूलन से जुड़े पाठ्यक्रमों को किताबों में किया जाए शामिल
स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री अजय कुमार ने स्कूलों, कॉलेजों और आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से निरंतर जागरूकता कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सुझाव दिया कि नशा उन्मूलन से जुड़े पाठ्यक्रमों को किताबों में शामिल किया जाए एवं NSS वालंटियर की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाए।
अभियान के तहत 12,000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम किए गए आयोजित
गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की प्रधान सचिव श्रीमती वंदना दादेल ने बताया कि अफ़ीम की अफ़ीम की खेती से राज्य के 238 पंचायत प्रभावित हैं, जहां जागरूकता अभियान आगे भी जारी रहेगा। उन्होंने बताया कि बीते दो हफ्तों में 12,000 से अधिक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए गए। इस दौरान 3,000 से अधिक स्कूलों में 22 लाख बच्चों को शामिल करते हुए विशेष अभियान चलाया गया। साथ ही डोर-टू-डोर प्रचार, मास्टर ट्रेनर्स की तैयारी और यूनिसेफ की तकनीकी सहायता इस अभियान की खास विशेषताएं रहीं।
समाज कल्याण सचिव श्री मनोज कुमार ने अपने स्वागत संबोधन में कहा कि यह अभियान सिर्फ दंडात्मक नहीं बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से प्रेरित रहा। ड्रग्स पीड़ितों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाते हुए उन्हें पुनर्वास की दिशा में बढ़ाया गया है।
समारोह के अंत में जागरूकता अभियान में विशेष भूमिका निभाने वाले विभागों और स्वयंसेवी संगठनों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। साथ ही resistjharkhand.gov.in पोर्टल का लोकार्पण भी हुआ। इस पोर्टल पर नशामुक्ति से जुड़ी सभी जानकारियां, जागरूकता सामग्री और राज्य की उपलब्धियों को समाहित किया गया है।
कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव श्री राहुल पुरवार ,स्कूली शिक्षा सचिव श्री उमाशंकर सिंह, पर्यटन सचिव श्री मनोज कुमार, उपायुक्त श्री मंजूनाथ भजंत्री, आईजी असीम विक्रांत मिंज समेत कई वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
रांची की बेटी डॉली जैन: साड़ी ड्रेपिंग की वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर, जिन्होंने अपनी कला से पाई देश-विदेश में पहचान
रांची: मात्र 18.5 सेकंड में साड़ी पहनाने का वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने वाली मशहूर साड़ी ड्रेपिंग आर्टिस्ट डॉली जैन बुधवार को अपनी जन्मभूमि रांची पहुंचीं. वह एक फैशन और ब्राइडल एग्जिबिशन 'ब्राइडल स्टोरी' के उद्घाटन समारोह में शामिल होने आई थीं. उन्होंने रांची को अपनी जन्मभूमि बताते हुए कहा, "यहां आते ही मां की गोद का एहसास होता है. मैंने यहीं से सबकुछ पाया है."
शिक्षा की बाधाएं और सपनों की उड़ान
डॉली जैन का जन्म रांची के सेवा सदन में हुआ था. उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा महावीर चौक स्थित स्कूल से शुरू की, लेकिन पारिवारिक परिस्थितियों के कारण वह सातवीं कक्षा के बाद आगे नहीं पढ़ सकीं. उन्होंने बताया, "पढ़ने की इच्छा थी, लेकिन हालात ने इजाजत नहीं दी. फिर भी जब आपके भीतर कुछ खास होता है, तो आप खुद को साबित कर ही देते हैं."
साड़ी को बनाया ग्लैमर का प्रतीक और रिकॉर्ड्स का सफर
औपचारिक शिक्षा न होने के बावजूद, डॉली ने साड़ी पहनाने की कला को एक सफल पेशे में बदल दिया और देश-विदेश में अपनी पहचान बनाई. आज उनके नाम 325 से अधिक तरीकों से साड़ी बांधने का रिकॉर्ड दर्ज है. वह श्रीदेवी, दीपिका पादुकोण, आलिया भट्ट, सोनम कपूर, नीता अंबानी, कटरीना कैफ, सारा अली खान सहित कई बॉलीवुड और हाई-प्रोफाइल हस्तियों के लिए साड़ी ड्रेपिंग कर चुकी हैं. डॉली के इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर लाखों फॉलोअर्स हैं, जहां वह महिलाओं को स्टाइलिंग और ड्रेपिंग के टिप्स साझा करती हैं.
श्रीदेवी से मिली प्रेरणा
डॉली ने खुलासा किया कि उन्हें यह पेशा अपनाने की प्रेरणा दिवंगत अभिनेत्री श्रीदेवी से मिली थी. एक बार मुंबई में श्रीदेवी से मिलने पर जब उन्होंने उनकी साड़ी ठीक की, तो श्रीदेवी ने उनकी तारीफ करते हुए कहा, "साड़ी जैसे तुम्हारी उंगलियों पर खेल रही हो." श्रीदेवी ने ही उन्हें इस कला को पेशे के तौर पर अपनाने की सलाह दी, जिसके बाद डॉली ने इसे गंभीरता से लेना शुरू कर दिया.
साड़ी से दूरी से लेकर अटूट प्रेम तक का सफर
शादी के बाद कोलकाता में रहने वाली डॉली ने बताया कि उनके ससुराल में केवल साड़ी पहनने की परंपरा थी, जबकि उन्हें साड़ी पसंद नहीं थी. लेकिन, धीरे-धीरे उन्हें इस परिधान से प्रेम हो गया. वह रात 11 बजे से लेकर डेढ़ बजे तक खुद पर साड़ी पहनाने की प्रैक्टिस करती थीं. उन्होंने कहा, "कैसे साड़ी पहनाएं, कैसे खुद पहनें. फिर इसे नेम, फेम और अर्निंग से जोड़ दिया."
सामाजिक आलोचना से मिली ताकत
डॉली ने बताया कि उनके इस सफर में उन्हें समाज से कई तरह की आलोचनाएं सुननी पड़ीं. लोग कहते थे, "'साड़ी पहनाना कोई प्रोफेशन है?' खासकर जैन समाज में यह काम स्वीकार्य नहीं था. लोगों ने कहा तुम टाइम वेस्ट कर रही हो," लेकिन आज वही समाज उनकी ताकत बन गया है.
महिलाओं के लिए प्रेरणादायक संदेश
डॉली जैन महिलाओं को प्रेरित करते हुए कहती हैं, "महिलाएं सपने देखें, उन्हें पूरा करें. मगर परिवार को साथ लेकर चलें. 24 घंटे में सिर्फ आधा घंटा खुद के लिए निकालें, वही आपकी पहचान बनेगी. मैंने समाज की सोच बदली है, आप भी बदल सकती हैं." उनकी यह कहानी न केवल साड़ी ड्रेपिंग की कला में उनके अदम्य साहस को दर्शाती है, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए एक प्रेरणा है जो सामाजिक बाधाओं के बावजूद अपने सपनों को साकार करना चाहती हैं.
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन दिल्ली में पिता का हाल-चाल जानने पहुंचे
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन अपने पिता शिबू सोरेन का हाल-चाल जानने के लिए दिल्ली पहुंचे, जो दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं। शिबू सोरेन की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें रांची से दिल्ली लाया गया था। अस्पताल में डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है और फिलहाल उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है।
शिबू सोरेन की स्थिति के बारे में महत्वपूर्ण बातें
- हास्पिटलाइजेशन: शिबू सोरेन पिछले तीन दिनों से सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती हैं।
- स्वास्थ्य: उनकी हालत स्थिर है, लेकिन नियमित जांच और इलाज चल रहा है।
- सीएम की दिल्ली यात्रा: हेमंत सोरेन पिता का हाल-चाल जानने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं और जल्द ही वापस रांची लौटने वाले हैं।
परिवार के साथ सीएम की मौजूदगी
- परिवार के साथ: सीएम हेमंत सोरेन के साथ उनकी मां और पत्नी भी दिल्ली में हैं।
- वापसी की संभावना: संभावना है कि 1-2 दिनों में सीएम पिता को साथ लेकर वापस रांची लौटेंगे।
झारखंड की राजनीति में शिबू सोरेन का महत्व
- राजनीतिक विरासत: शिबू सोरेन झारखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण व्यक्ति हैं और उनके बेटे हेमंत सोरेन वर्तमान में राज्य के मुख्यमंत्री हैं।
- जेएमएम के संस्थापक: शिबू सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक हैं और उनकी राजनीतिक विरासत को उनके बेटे ने आगे बढ़ाया है।
भारत निर्वाचन आयोग की नई पहल: ECINET के माध्यम से उपचुनावों में पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि
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भारत निर्वाचन आयोग ने हाल ही में संपन्न हुए पांच विधानसभा उपचुनावों में अपने नए डिजिटल प्लेटफॉर्म, ECINET, को सफलतापूर्वक लागू किया है। इस प्लेटफॉर्म का उद्देश्य मतदाताओं और अन्य हितधारकों के लिए चुनाव संबंधी जानकारी का समय पर और अद्यतन प्रकटीकरण सुनिश्चित करना है, जिससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता और दक्षता में वृद्धि हो सके।
ECINET की विशेषताएं और इसके लाभ
- एकल प्लेटफॉर्म पर 40 से अधिक मोबाइल और वेब एप्लिकेशन: ECINET एक वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म है जो भारत निर्वाचन आयोग के विभिन्न एप्लिकेशन को एकीकृत करता है, जिससे जानकारी की पहुंच और प्रबंधन में सुधार होता है।
- वोटर टर्नआउट रुझानों को सीधे अपलोड करना: पीठासीन अधिकारियों द्वारा VTR रुझानों को सीधे ECINET पर अपलोड किया गया, जिससे जानकारी तेजी से साझा हुई और पारदर्शिता बढ़ी, साथ ही VTR रुझानों को प्रकाशित करने में लगने वाले समय में काफी कमी आई।
- इंडेक्स कार्ड का तेजी से प्रकाशन: ECINET के माध्यम से इंडेक्स कार्ड का प्रकाशन 72 घंटों के भीतर किया गया, जो पहले कई दिनों या सप्ताहों में होता था, जिससे डेटा की उपलब्धता में काफी सुधार हुआ।
ECINET के प्रभाव
- समय पर अपडेट: ECINET ने अनुमानित मतदाता प्रतिशत रुझानों पर समय पर अपडेट प्रदान करना संभव बनाया, जिससे चुनाव प्रक्रिया में अधिक पारदर्शिता और विश्वसनीयता आई।
- पारदर्शिता में वृद्धि: ECINET ने पारदर्शिता में वृद्धि की और जानकारी को अधिक सुलभ बनाया, जिससे मतदाताओं और अन्य हितधारकों को चुनाव प्रक्रिया में अधिक विश्वास हुआ।
- डेटा की पहुंच में सुधार: ECINET ने शोधकर्ताओं, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, पत्रकारों और आम जनता के लिए निर्वाचन क्षेत्र स्तर पर चुनाव-संबंधी डेटा की पहुंच में सुधार किया, जिससे चुनाव प्रक्रिया का विश्लेषण और मूल्यांकन करने में मदद मिली।
रांची में बाघ के आवासीय परिसर में घुसने की घटना: प्रशासन ने जारी की निषेधाज्ञा
रांची जिले के सिल्ली प्रखंड में एक बाघ के आवासीय परिसर में घुसने की खबर है, जिसके बाद प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर निषेधाज्ञा लागू कर दी है। बाघ को रेस्क्यू करने के प्रयास जारी हैं।
निषेधाज्ञा की शर्तें
- पाँच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक: किसी भी सार्वजनिक स्थान पर पाँच या अधिक लोगों के एकत्र होने पर रोक लगाई गई है, ताकि रेस्क्यू टीम को अपने काम में कोई बाधा न हो।
- ध्वनि विस्तारक यंत्रों के उपयोग पर रोक: किसी भी प्रकार के ध्वनि विस्तारक यंत्रों का उपयोग करने पर रोक लगाई गई है, ताकि बाघ को कोई परेशानी न हो।
- अस्त्र-शस्त्र और हरवे हथियार लेकर चलने पर रोक: किसी भी प्रकार के अस्त्र-शस्त्र और हरवे हथियार लेकर चलने पर रोक लगाई गई है, ताकि किसी भी तरह की अनहोनी न हो।
- बैठक या आमसभा आयोजित करने पर रोक: किसी भी प्रकार की बैठक या आमसभा आयोजित करने पर रोक लगाई गई है, ताकि रेस्क्यू टीम को अपने काम में कोई बाधा न हो।
निषेधाज्ञा की अवधि
यह निषेधाज्ञा 25 जून 2025 को शाम 9 बजे तक प्रभावी रहेगी। प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने और आदेश का पालन करने की अपील की है।
प्रशासन की कार्रवाई
प्रशासन ने बाघ को रेस्क्यू करने के लिए एक टीम का गठन किया है, जो बाघ को सुरक्षित रूप से पकड़ने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा, प्रशासन ने ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए भी आवश्यक कदम उठाए हैं।
निष्कर्ष
रांची जिले में बाघ के आवासीय परिसर में घुसने की घटना के बाद प्रशासन ने निषेधाज्ञा लागू कर दी है। प्रशासन ने ग्रामीणों से शांति बनाए रखने और आदेश का पालन करने की अपील की है। बाघ को रेस्क्यू करने के प्रयास जारी हैं और प्रशासन ने आवश्यक कदम उठाए हैं ताकि किसी भी तरह की अनहोनी न हो।
जनता के सवालों पर भाजपा ने किया सभी 264 प्रखंडों में किया आक्रोश प्रदर्शन, राज्य भर में लाखों कार्यकर्ता उतरे सड़कों पर।
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हेमंत सरकार पार्ट 2 को 6 महीने की मोहलत के बाद आज प्रदेश भाजपा ने सड़कों पर उतर कर राज्य के सभी 264 प्रखंड /अंचल कार्यालयों में आक्रोश प्रदर्शन किया और हेमंत सरकार को कड़ी चेतावनी दी।
पूरे प्रदेश के अलग अलग प्रखंडों में प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी सहित कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रविंद्र कुमार राय ,पूर्व मुख्यमंत्री,चंपई सोरेन ,प्रदेश महामंत्री एवम सांसद आदित्य साहू, मनोज कुमार सिंह ,पूर्व नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी , सांसद,विधायक गण,प्रदेश के पदाधिकारियों ने प्रदर्शन का नेतृत्व किया। प्रदर्शन के दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार की विफलताओं से संबंधित नारे बाजी की,जनता को संबोधित किया एवं ज्ञापन भी सौंपा।
गिरिडीह जिलांतर्गत तीसरी और गावां प्रखंड कार्यालय में आक्रोश प्रदर्शन का नेतृत्व प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने किया।
जनता को संबोधित करते हुए राज्य सरकार पर जमकर बरसे।उन्होंने हेमंत सरकार की नाकामियों को उजागर किया।
श्री मरांडी ने कहा कि राज्य सरकार आदिवासी,दलित,महिला,किसान , युवा विरोधी सरकार है।हेमंत सरकार पार्ट 2 भी उसी तर्ज पर चल रही जैसा पिछले पांच वर्षों में चली। इसके नीयत और नीति में कोई बदलाव नहीं आया है।
कहा कि आज दलाल,बिचौलिए राज्य के खान खनिज को लूट रहे हैं।लेकिन गांव में गरीबों को प्रधानमंत्री आवास ,अबुआ आवास बनाने केलिए बालू नहीं मिल रहा।
कहा कि माफिया लोग गांव से नदी के बालू को बाहर ले जा रहे और स्थानीय लोगों के ट्रैक्टर को पुलिस पकड़कर मुकदमा करती है।
कहा कि आवास की योजना में पदाधिकारी 25 हजार तक कमीशन ले रहे और बालू भी गरीबों को नहीं मिल रहा तो फिर गरीब अपना आवास कैसे बनाए।
कहा कि अगर भविष्य में थाना पुलिस ऐसा करे तो थानेदार से सभी ट्रैक्टर वाले पैसा से बालू की मांग करें,नहीं मिलने पर आंदोलन करें। उन्होंने आंदोलन में स्वयं भाग लेने का आश्वासन भी दिया।
कहा कि गरीबों को यह सरकार चारों तरफ से परेशान कर रही। जमीन के कागजात बिना पैसे के नहीं बन रहे। जिसके कारण गरीबों के जमीन और अवैध कब्जे हो रहे।
कहा कि प्रखंड के अस्पतालों में डॉक्टर्स नहीं एम्बुलेंस नहीं, दवाई नहीं । मजबूरी में गरीब जिला मुख्यालय या फिर रांची राजधानी के अस्पतालों में जाने को मजबूर है।
कहा कि आज राज्य के युवा हताश और निराश हैं। वेकेंसी के साथ ही नौकरियों को बेच दिया जा रहा। झारखंड के युवाओं को राज्य सरकार नीतिगत संरक्षण नहीं दे रही जिसके कारण राज्य से बाहर के लोग नौकरियों को छीन रहे,खरीद रहे।
कहा कि नई शिक्षा नीति में इंटर की पढ़ाई को विश्वविद्यालय की शिक्षा से बाहर कर दिया है।लेकिन राज्य सरकार ने पिछले 5 वर्षों से इंटर कॉलेज की व्यवस्था को सुदृढ़ नहीं किया। आज लाखों छात्र इंटर में नामांकन केलिए चिंतित हैं।
कहा कि राज्य में अपराधी बेखौफ हैं,बेलगाम हैं। कहीं भी किसी वक्त अपराधी हत्या,लूट डकैती,बलात्कार की घटनाओं को अंजाम देने में सफल हो जा रहे।
कहा कि राज्य सरकार ने फिर एकबार धान की खरीदारी में किसानों को परेशान किया है। 3200 रुपए प्रति क्विंटल खरीद की घोषणा करने वाली सरकार किसानों से 2400 रुपए क्विंटल धान की खरीदारी की। और उसके भी पैसे आज तक किसानों को नहीं मिले हैं। 2400 रुपए में भी राज्य सरकार की बोनस राशि 100 रुपए ही है, बाकी 2300 रुपए केंद्र सरकार की है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार ने वोट लेकर जनता को दुबारा ठगा है। पदाधिकारियों के पद बेचे जा रहे इसलिए वे लोग काम नहीं कर रहे बल्कि कमाने में लगे हैं।
कहा कि पदाधिकारियों का काम जनता की सेवा करना है। अगर वे ऐसा नहीं करते तो भाजपा बार बार जनता की समस्याओं केलिए आंदोलन करने की मजबूर होगी। हम चुप नहीं बैठेंगे।
कहा कि थाना ब्लॉक अंचल जिला सभी सरकारी कार्यालयों की स्थिति एक जैसी है। आज भाजपा ने प्रखंड कार्यालयों पर प्रदर्शन कर चेतावनी दी हैं।लेकिन यह शुरुआत है अंत नहीं। अगर राज्य सरकार नहीं सुधरती है तो भाजपा थाना,जिला सहित जन मुद्दों से जुड़े अन्य कार्यालयों पर बड़ा प्रदर्शन और उसे ठप कराने को मजबूर होंगे।
Jun 29 2025, 19:55