संगीतमय श्रीमद्भागवत महापुराण कथा में उमड़े श्रद्धालु श्रोता
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खजनी गोरखपुर।ब्लाॅक के डोंड़ो गांव में चल रही श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के छठवें दिन व्यास पीठ से अयोध्या से पधारे कथाव्यास भागवताचार्य प्रदीप मिश्र महाराज ने उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं को कंस के बुलावे पर आक्रुर का वृंदावन जाने तथा उनके साथ भगवान श्रीकृष्ण के गोकुल को छोड़ कर मथुरा जाने, कंस के वध, माता देवकी पिता वसुदेव से भगवान के मिलन के कारूणिक प्रसंग, ऋषि सांदीपन आश्रम पहुंच कर विद्याध्ययन, जरासंध से युद्ध, द्वारिकापुरी के निर्माण, बृजवासियों को द्वारिकापुरी ले जाने, बलराम के रेवती से विवाह तथा कृष्ण रूक्मिणी विवाह का विस्तार सहित वर्णन सुनकर उपस्थित श्रोता भावविभोर हो उठे।
कथा व्यास ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण से एकाकार होकर ही जीव मूक्ति प्राप्त कर सकता है। उन्होंने श्रद्धालु श्रोताओं को श्रीमद्भागवत गीता में भगवान के श्री मुख से निकले संदेश निष्काम सेवा तथा अनन्य भाव से भगवान का चिंतन करने वाले भक्तों के लिए "तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेम वहाम्यहम" तथा "सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज। अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुच:।। की व्याख्या करते हुए जीवन के सभी कर्मों को भगवान को समर्पित करने का संदेश दिया।
संगीतमय कथा सुन कर उपस्थित श्रोता भक्ति रस में सराबोर मंत्रमुग्ध हो कर झूमने लगे। कथा में मुख्य यजमान श्रीमती उषा शुक्ला और राम अंजोर शुक्ल सहित बड़ी संख्या में गांवों तथा आसपास के क्षेत्र के लोग उपस्थित रहे। इस अवसर पर भगवान श्रीकृष्ण और माता रूक्मिणी के विवाह की मनमोहक झांकी सजाई गई।
Jun 12 2025, 19:48