मिशन वात्सल्य: जनपद के 1088 जरूरतमंद बच्चों को मिला सहारा, उम्मीदों को मिले नए पंख

गोंडा, 9 मई। जनपद के 1088 बच्चों के लिए यह किसी वरदान से कम नहीं। एक समय था जब जीवन में अनिश्चितता, संघर्ष और अभाव उनके हिस्से में था। लेकिन अब मिशन वात्सल्य योजना के अंतर्गत उन्हें न सिर्फ आर्थिक सहारा मिलेगा, बल्कि जीवन में आगे बढ़ने का अवसर भी मिलेगा।18 वर्ष से कम उम्र के इन बच्चों को मिशन वात्सल्य के अन्तर्गत संचालित स्पॉन्सरशिप योजना के तहत प्रति माह 4000 रुपये की आर्थिक मदद प्रदान किए जाने के लिए चुना गया है। वर्तमान में 792 बच्चों को इससे लाभान्वित किया जा रहा है। बाकी के लिए अगले माह से बजट जारी हो जाने की उम्मीद है। 

पूर्व में इस योजना के तहत केवल 134 बच्चे लाभान्वित हो रहे थे, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 1088 हो गई है। यह न सिर्फ आंकड़ों की बात है, बल्कि उन कहानियों की शुरुआत है जो अब उम्मीद, सुरक्षा और आत्मसम्मान से लिखी जाएंगी।

जब आँसू उम्मीद में बदलते हैं

748 ऐसे बच्चे, जिनकी मां विधवा हैं, अब इस योजना से जुड़े हैं। ऐसे परिवार, जो कभी दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे थे, अब हर महीने ₹4000 की मदद से अपने बच्चों की पढ़ाई, दवा और देखभाल कर पाएंगे।

33 एचआईवी संक्रमित बच्चे, जिनके लिए समाज में कई बार संवेदनशीलता की जगह उपेक्षा मिलती है, अब इस योजना के दायरे में हैं। 44 दिव्यांग बच्चे भी अब मुख्यधारा में शामिल होकर अपना भविष्य संवारने का सपना देख सकते हैं।

हर संघर्ष की पहचान, हर दर्द को सहारा

यह योजना सिर्फ संख्याओं की नहीं है, यह उन कहानियों की है जो चुपचाप सब कुछ सहते आए हैं—10 बाल श्रमिक, 8 भिक्षावृत्ति में लिप्त बच्चे, 3 तलाकशुदा या परित्यक्त मां के बच्चे, 21 ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता दिव्यांग हैं और 32 बच्चे जिनके अभिभावक जानलेवा बीमारी से जूझ रहे हैं।इन सभी बच्चों के लिए यह योजना केवल आर्थिक सहयोग नहीं, बल्कि एक मानवीय स्पर्श है—जो उन्हें यह अहसास दिलाती है कि वे अकेले नहीं हैं।

यह है योजना के पात्र 

वे बच्चे जिनके माता-पिता नहीं रहे, जिनकी मां तलाकशुदा या अलग रह रही हो। जो बाल विवाह, बाल श्रम, तस्करी या भिक्षावृत्ति से मुक्त कराए गए हैं। जो लापता रहे हैं, बेघर हैं या जिनके माता-पिता जेल में हैं। एचआईवी, मानसिक या शारीरिक असमर्थता और गंभीर बीमारी से ग्रसित अभिभावकों वाले बच्चे भी इस योजना के पात्र हैं।प्राकृतिक आपदा, उत्पीड़न और उपेक्षा के शिकार बच्चे—अब अकेले नहीं हैं। मिशन वात्सल्य उन्हें सहारा देने, उनका जीवन बेहतर बनाने और एक नया रास्ता दिखाने का प्रयास कर रहा है।

एक मिशन, जो सिर्फ योजना नहीं, जिम्मेदारी है

जिला प्रशासन के प्रयास से यह योजना अब जनपद में एक नई पहचान बना रही है। जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष सोनी ने बताया कि बच्चों की पहचान, दस्तावेजीकरण, सत्यापन और चयन की प्रक्रिया बेहद संवेदनशीलता के साथ की गई है, जिससे सहायता केवल उन्हीं तक पहुंचे जो वास्तव में इसके हकदार हैं।

थाना छपिया पुलिस ने गौवध निवारण अधि0 के वांछित अभियुक्त को किया गिरफ्तार

गोण्डा। पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल द्वारा अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज कुमार रावत के पर्यवेक्षण व क्षेत्राधिकारी मनकापुर राजेश कुमार सिंह के नेतृत्व में थाना छपिया पुलिस द्वारा मु0अ0स0-98/25, धारा 3/5/8 गोवध निवारण अधि व 4/25 आर्म्स एक्ट के वांछित अभियुक्त नसीब अली पुत्र बेचन को ग्राम मल्हीपुर से गिरफ्तार कर लिया गया।

घटना का संक्षिप्त विवरण-

08.04.2025 को थाना छपिया पुलिस को ग्राम मल्हीपुर में प्रतिबंधित पशु के मांस पाए जाने की सूचना प्राप्त हुई थी। सूचना पर तत्काल स्थानीय पुलिस व उच्चाधिकारीगण द्वारा घटनास्थल पर पहुंचकर निरीक्षण किया गया। वादी मनीष कुमार पाण्डेय पुत्र शिव कुमार पाण्डेय नि0 हथियागढ थाना छपिया जनपद गोण्डा की तहरीर पर थाना छपिया में 03 नामजद व अज्ञात अभियुक्तों के विरूद्ध सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत हुआ। जिसमें थाना छपिया पुलिस द्वारा पूर्व में 03 आरोपी अभियुक्तों को पुलिस मुठभेड़ के दौरान गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। आज 09.05.2025 को थाना छपिया पुलिस द्वारा वांछित चल रहे आरोपी अभियुक्त नसीब अली पुत्र बेचन को ग्राम मल्हीपुर से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तार अभियुक्त के विरूद्ध थाना छपिया पुलिस द्वारा अग्रिम विधिक कार्यवाही कर माननीय न्यायालय रवाना किया गया।

पुलिस अधीक्षक गोण्डा ने जुम्मे की नमाज के दृष्टिगत स्वयं शहर क्षेत्र में भ्रमणकर कानून एवं सुरक्षा व्यवस्था की स्थिति का लिया जायजा

गोण्डा। आज 09.05.2025 को पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल द्वारा पर्याप्त पुलिस बल के साथ जुम्मे की नमाज के दृष्टिगत जनपद में कानून एवं शांति व्यवस्था बनाए रखने हेतु शहर क्षेत्र के संवेदनशील क्षेत्रों में लगातार भ्रमणशील/पैदल गस्त कर नमाज को शान्ति एवं सौहार्दपूर्ण वातावरण में सकुशल संपन्न कराया गया।पुलिस अधीक्षक गोण्डा द्वारा शहर क्षेत्र के विभिन्न मस्जिदों आदि स्थानों पर पैदल गश्त/भ्रमण कर धर्मगुरूओं, नमाजियों, आमजन एवं राहगीरों से वार्ता कर सुरक्षा का एहसास कराया गया। यातायात व्यवस्था को सुदृढ़ बनाये जाने हेतु सम्बन्धित अधिकारीगण को आवश्यक दिशा निर्देश भी दिए गए। संवेदनशील स्थानों पर पुलिस बल का समुचित व्यवस्थापन, स्थानीय अभिसूचना इकाई द्वारा नजर रखी गई, सादे वस्त्रों में भी पुलिसकर्मी एवं महिला पुलिस की संयुक्त टीमों को लगाया गया।

मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों पर सी0सी0टी0वी0 कैमरा एवं ड्रोन कैमरा से निगरानी रखी गई। सोशल मीडिया सेल द्वारा लगातार सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म (ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सएप ग्रुप आदि) की निगरानी की गई। पुलिस अधीक्षक गोण्डा के निर्देशन में जनपद के समस्त राजपत्रित अधिकारियों एवं प्रभारी निरीक्षक/थानाध्यक्षों द्वारा अपने अपने थाना क्षेत्रों में पड़ने वाली मस्जिदों पर पर्याप्त पुलिस बल की ड्यूटी लगाकर जुम्मे की नमाज को सकुशल सम्पन्न कराया गया।

इस अवसर पर पर्याप्त संख्या में पुलिस बल के अधिकारी/कर्मचारी मौजूद रहे ।

पुलिस मुठभेड़ के उपरान्त दो शातिर बदमाश पुलिस की गोली लगने से घायल सहित 03 बदमाश गिरफ्तार

गोण्डा। पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल द्वारा अपराध एवं अपराधियों के विरूद्ध चलाये जा रहे अभियान के क्रम में अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी राधेश्याम राय के पर्यवेक्षण व क्षेत्राधिकारी तरबगंज उमेश्वर प्रभात सिंह के नेतृत्व में एसओजी व थाना उमरीबेगमगंज पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा दुर्गापुर मोड़ के पास पुलिस मुठभेड़ के दौरान 03 शातिर बदमाशों-01. बृजेश उर्फ छोटू पासी, 02. पल्लू पासी, 03. नानमुन्ना लोध को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से 01 अदद पिस्टल .32 बोर मय 01 अदद खोखा व 01 अदद जिन्दा कारतूस, 01 अदद तमंचा 315 बोर मय 02 अदद खोखा व 02 अदद जिन्दा कारतूस, सोने चांदी के आभूषण व घटना में प्रयुक्त 01 अदद प्लेटिना मोटरसाईकिल बरामद किया गया।

घटना का संक्षिप्त विवरण

बीती रात्रि समय लगभग 2ः30 बजे थाना उमरीबेगमगंज क्षेत्र के रहने वाले देवीदीन पुत्र पाटनदीन निवासी पूरे तिलक धन्नीपुरवा डिक्सिर के घर में अज्ञात चोरों द्वारा चोरी की जा रही थी। चोरी की घटना के दौरान घर के एक सदस्य के जग जाने एवं बदमाशों को पकड़ने के प्रयास में बदमाशों द्वारा उसको गोली मार दी गयी थी। जिसे घायल अवस्था में जिला अस्पताल गोण्डा लाया गया था जहां पर डाक्टरो द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया था। सूचना पर तत्काल स्थानीय पुलिस व उच्चाधिकारीगण द्वारा घटनास्थल का निरीक्षण किया गया था। वादी देवीदीन की तहरीर पर थाना उमरीबेगमगंज में सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत किया गया। घटना को अत्यंत गंभीरता से लेते हुए पुलिस अधीक्षक गोण्डा द्वारा तत्काल अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी के पर्यवेक्षण में 03 पुलिस टीमों का गठन किया गया था तथा प्रभारी एस0ओ0जी0/सर्विलांस को भी घटना के सफल अनावरण हेतु लगाया गया । दिनांक 08/09.05.2025 की रात्रि एस0ओ0जी0/सर्विलांस व थाना उमरीबेगमगंज की संयुक्त पुलिस टीम अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी हेतु क्षेत्र में रवाना थी कि सूचना प्राप्त हुई की उक्त मुकदमें के वांछित अभियुक्तगण दुर्गापुर मोड़ की तरफ मोटरसाईकिल से आ रहा है ।

सूचना पर पुलिस टीम द्वारा दुर्गापुर मोड़ के पास शातिर बदमाशों को घेराबन्दी कर पकड़ने का प्रयास किया गया। जिसमें बदमाशों द्वारा स्वयं को घिरता हुआ पाकर पुलिस टीम पर फायरिंग कर दी गयी । आत्मरक्षार्थ पुलिस टीम की जवाबी फायरिंग में 02 बदमाशों- 01. बृजेश उर्फ छोटू पासी, 02. पल्लू पासी के पैर में गोली लगी तथा एक बदमाश नानमुन्ना लोध को पुलिस टीम द्वारा घेरकर पकड़ लिया गया। घायलों को उपचार हेतु जिला अस्पताल गोण्डा में भर्ती कराया गया। पुलिस द्वारा अभियुक्तगणों के कब्जे से 01 अदद पिस्टल .32 बोर मय 01 अदद खोखा व 01 अदद जिन्दा कारतूस, 01 अदद तमंचा 315 बोर मय 02 अदद खोखा व 02 अदद जिन्दा कारतूस, चोरी करने के उपकरण, सोने चांदी के आभूषण व घटना में प्रयुक्त 01 अदद प्लेटिना मोटरसाईकिल बरामद किया गया। गिरफ्तार अभियुक्तगणों के विरूद्ध थाना उमरीबेगमगंज पुलिस द्वारा सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत कर अग्रिम विधिक कार्यवाही की जा रही है।

गोंडा महायोजना-2031 स्वीकृत, अब शहर का हो सकेगा सुनियोजित विकास

देवीपाटन मण्डल। गोंडा शहर के सुनियोजित विकास को लेकर शासन ने गोंडा महायोजना - 2031 को स्वीकृति दे दी है, ये गोंडा शहर को स्मार्ट सिटी बनाने की योजना का हिस्सा है। शहर में पार्किंग, जाम की समस्या का समाधान कराने के साथ ही नई कालोनियों को विकसित करने के साथ ही सुविधाओं का विकास किया जाएगा। जिला प्रशासन ने जीआइएस (जियोग्राफिकल इन्फारमेशन सिस्टम) आधारित महायोजना लागू कर दी है। महायोजना-2031 की विस्तृत जानकारी गोंडा जिले की आधिकारिक वेबसाइट गोंडा एनआइसी डाट इन पर की जा सकती है।

आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय भारत सरकार की अमृत योजना के तहत देश के 500 शहरों को शामिल किया गया है। इनमें गोंडा समेत उत्तर प्रदेश राज्य के 59 महायोजनायें शामिल हैं। शहर में आबादी व क्षेत्रफल बढ़ने के साथ ही नागरिक सुविधाओं की मांग बढ़ती जा रही है। नई-नई कालोनियां बन रही है, संसाधनों को बढ़ाने की दरकार के बीच अब नगर के विकास को लेकर महायोजना 2031 तैयार किया गया है। यह पहला अवसर है जब बेस मैप बनाने के लिए सेटेलाइट इमेज का प्रयोग किया गया इसमें भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का भी सहयोग लिया गया है महायोजना में नगर का विकास सुनियोजित तरीके से कैसे हो। निर्धारित स्थल पर कालोनियां हो, अस्पताल, स्कूल सहित अन्य स्थल हों। बाजार से लेकर सरकारी दफ्तरों तक की स्थिति पर फोकस किया गया है।

विनियमित क्षेत्र गोंडा की अध्यक्ष जिलाधिकारी ने बताया कि जीआईएस बेस्ड गोंडा महायोजना 2031 तैयार किए जाने हेतु नगर के वर्तमान विकास का सर्वेक्षण एवं विश्लेषण किया गया है। महायोजना के प्रस्ताव को क्रियान्वित करने हेतु नीतियों का निर्धारण किया गया है। गोंडा महायोजना पर जन सामान्य, शासकीय, अर्ध शासकीय विभागों संस्थाओं तथा जनप्रतिनिधियों से प्राप्त सुझावों पर विस्तृत विचार विमर्श के उपरांत संशोधन करते हुए गोंडा महायोजना 2021 तैयार की गई है। महायोजना में ये गांव शामिलः

खेड़ा, रानीजोट, सेमटा दामन, दुल्लापुर खालसा, विमोर, रुद्रपुर विसाइन, केशवपुर कड़वा, पठवलिया, पराई हेमराज, कलन्दपुर, कसीपुर, राजापुर, हरिपुर, मथुरा चौबे, परइत सरकार, जानकी नगर, इमलिया गुरुदयाल, बरगांव, भूरा देवर, भामनी कानूनगो, देवरिया चुरामन, सोनी कपूर, गिराड गोंडा, पूरैशिवा मकटवार, छावनी सरकार, काठा माफी, छांजरी, खिरमा, उम्मेदपुर जोट, लक्ष्मण पुर, मंझवा, सेनी हटलाल, उम्दापुर पाड़ा गांव शामिल है।

खेड़ा, रानीजोट, सेमटा दामन, दुल्लापुर खालसा, विमोर, रुद्रपुर विसाइन, केशवपुर कड़वा, पठवलिया, पराई हेमराज, कलन्दपुर, कसीपुर, राजापुर, हरिपुर, मथुरा चौबे, परइत सरकार, जानकी नगर, इमलिया गुरुदयाल, बरगांव, भूरा देवर, भामनी कानूनगो, देवरिया चुरामन, सोनी कपूर, गिराड गोंडा, पूरैशिवा मकटवार, छावनी सरकार, काठा माफी, छांजरी, खिरमा, उम्मेदपुर जोट, लक्ष्मण पुर, मंझवा, सेनी हटलाल, उम्दापुर पाड़ा गांव शामिल है।

गोंडा को मिली नई स्वास्थ्य सौगात: पंडित सिंह मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का भव्य उद्घाटन

आधुनिक चिकित्सा सेवाओं से होगा क्षेत्रीय विकास : नरेंद्र सिंह

गोंडा। नवाबगंज क्षेत्र के लिए आज का दिन ऐतिहासिक बन गया जब बहुप्रतीक्षित पंडित सिंह मल्टीस्पेशलिटी हॉस्पिटल का भव्य उद्घाटन हुआ। आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं से सुसज्जित यह अस्पताल ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य सेवा का नया केंद्र बनेगा।

मंत्रोच्चार और दीप प्रज्वलन के साथ शुरू हुए उद्घाटन समारोह में जनप्रतिनिधियों, चिकित्सा विशेषज्ञों और क्षेत्रीय जनता ने उत्साह से भाग लिया। कार्यक्रम में संस्थापक परिवार की ओर से नरेंद्र सिंह ने बताया कि यह अस्पताल न सिर्फ इलाज की सुविधा देगा, बल्कि युवाओं को रोजगार भी उपलब्ध कराएगा।

हॉस्पिटल की खास सुविधाएं:

हृदय रोग, स्त्री एवं प्रसूति, बाल रोग, अस्थि रोग, नेत्र चिकित्सा, ईएनटी, न्यूरोलॉजी, डायलिसिस और जनरल सर्जरी। 24x7 इमरजेंसी सेवा, आईसीयू, ट्रॉमा यूनिट।

अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर, सीटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और पैथोलॉजी लैब।

इस अस्पताल के शुरू होने से गोंडा व आसपास के लोगों को इलाज के लिए लखनऊ जैसे बड़े शहरों की ओर रुख नहीं करना पड़ेगा। समय, पैसा और श्रम तीनों की बचत के साथ उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं अब अपने ही क्षेत्र में मिल सकेंगी।

* समर्पण की भावना से निर्मित

स्व. पंडित सिंह जी की स्मृति में स्थापित यह अस्पताल उनके सेवा भाव और समाज के प्रति समर्पण का प्रतीक है। परिवार ने इसे समाज सेवा का केंद्र बनाने का संकल्प लिया है। इस उद्घाटन के साथ गोंडा ने न केवल एक आधुनिक हॉस्पिटल पाया है, बल्कि एक ऐसी नींव भी रखी है जो आने वाले वर्षों में क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था को नई ऊंचाई देगा।

*डीएम नेहा शर्मा का एक्शन मोड: 10 दिन में पूरा हो वेंडिंग जोन का काम*

गोण्डा। जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने वेंडिंग जोन निर्माण कार्यों की धीमी गति पर सख्त रुख अपनाया है। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि गोण्डा नगर के तीनों वेंडिंग जोन का निर्माण कार्य अगले 10 दिनों में हर हाल में पूर्ण कराया जाए, ताकि पात्र दुकानदारों को व्यवस्थित ढंग से दुकानें आवंटित की जा सकें।

डीएम नेहा शर्मा द्वारा शहर की सड़कों को अतिक्रमणमुक्त बनाने एवं पटरी दुकानदारों को सम्मानजनक और स्थायी व्यापार स्थल उपलब्ध कराने की दिशा में यह महत्वपूर्ण पहल की है।

दीनदयाल अंत्योदय योजना – राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (NULM) के तहत गोण्डा नगर क्षेत्र में तीन मॉडल वेंडिंग जोन के निर्माण को मंजूरी दी गई है, जिन्हें नगर क्षेत्र के प्रमुख स्थानों पर स्थापित किया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य की धीमी प्रगति पर नाराज़गी जताते हुए संबंधित फर्म को पहले ही नोटिस जारी किया है। वहीं, गुरुवार को निर्देश जारी कर कार्य पूर्ण करने की समयसीमा भी निर्धारित कर दी गई है। डीएम ने कहा है कि अवशेष कार्य 10 दिनों के भीतर हर हाल में पूरा किया जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि कार्य पूर्ण होने के बाद टाउन वेंडिंग कमेटी की निगरानी में पारदर्शी रूप से दुकानों का आवंटन किया जाएगा।

वेंडिंग जोन का विवरण इस प्रकार है:

• पहला जोन: सिंचाई विभाग ऑफिसर्स फील्ड हॉस्टल से बाउंड्री तक

• दूसरा जोन: गांधीपार्क के मेन गेट से एलबीएस चौराहे की ओर

• तीसरा जोन: नेकी की दीवार से जीआईसी गेट तक, बहराइच रोड पर

जिलाधिकारी ने निर्देशित किया है कि हर दुकानदार से एक अंडरटेकिंग ली जाए, जिसमें यह शपथ हो कि वह केवल आवंटित स्थल पर ही व्यापार करेगा। अन्यत्र ठेला या दुकान लगाने पर अतिक्रमण मानते हुए कार्रवाई की जाएगी।

यह योजना न केवल स्ट्रीट फूड विक्रेताओं को स्थायित्व देगी, बल्कि बाजारों में अतिक्रमण कम कर यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाएगी।

डीएम नेहा शर्मा की इस सक्रियता से यह स्पष्ट होता है कि प्रशासन शहरी व्यवस्था में सुधार और गरीब वर्ग के सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।

गोंडा में गो आश्रय स्थल बन रहे आजीविका के केंद्र*

गोण्डा। जनपद में गो संरक्षण अब केवल सामाजिक दायित्व नहीं, बल्कि नवाचार और सतत आजीविका का माध्यम बन रहा है। जिला प्रशासन द्वारा अपने विशेष अभियान के तहत अब गो आश्रय स्थलों को उपयोगी उत्पादों के निर्माण केंद्रों में बदला जा रहा है, जिससे न केवल पर्यावरण लाभ हो रहा है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी नई ऊर्जा मिल रही है।

बदलेपुर: गोबर से लट्ठे, और लट्ठों से आमदनी

जनपद के बदलेपुर स्थित अस्थायी गो आश्रय स्थल पर एक अभिनव प्रयोग शुरू किया गया है। यहां गोबर से लट्ठे (ईंधन के विकल्प) बनाने की स्वचालित मशीन स्थापित की गई है। इन लट्ठों की स्थानीय बाजार में मांग तेजी से बढ़ रही है। गांवों में जहां परंपरागत लकड़ी का उपयोग अब भी जारी है, वहां यह गोबर लट्ठा एक सस्ता और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प बनकर उभरा है। इस प्रक्रिया से प्राप्त आय न केवल आश्रय स्थल के संचालन में सहयोगी बन रही है, बल्कि इसके जरिए स्थानीय महिलाओं और युवाओं को भी रोजगार मिल रहा है।

वर्मीकम्पोस्ट: गोबर से खेती के लिए वरदान

इसी तहर, इस गो आश्रय स्थल में वर्मीकम्पोस्ट यूनिट्स की स्थापना भी की गई है। यह केंचुआ खाद, जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए अत्यंत प्रभावशाली उपाय है। प्रशासन की योजना है कि इस खाद का उपयोग प्राकृतिक खेती में किया जाए, जिससे किसानों की लागत घटे और उत्पाद की गुणवत्ता बढ़े। इससे गोबर जैसे परंपरागत रूप से अनुपयोगी माने जाने वाले पदार्थ को मूल्यवान कृषि संसाधन में बदला जा रहा है।

गो संरक्षण से ग्रामीण विकास तक

जिला प्रशासन गोंडा की यह पहल गो संरक्षण को आत्मनिर्भरता, महिला सशक्तिकरण, जैविक खेती और स्वच्छता से जोड़ती है। यह 'वेस्ट टू वेल्थ' की एक जीवंत मिसाल है, जहां गोबर अब भार नहीं, बल्कि बहुआयामी अवसर बन गया है। आने वाले दिनों में इस मॉडल को जनपद के सभी आश्रय स्थलों में लागू करने की योजना है।

गोण्डा में युद्धकालीन परिदृश्य पर आधारित एयर रेड एवं सिविल डिफेंस मॉकड्रिल का हुआ आयोजन

गोण्डा। पुलिस महानिरीक्षक देवी पाटन परिक्षेत्र गोण्डा श्री अमित पाठक, जिलाधिकारी गोण्डा श्रीमती नेहा शर्मा व पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल के नेतृत्व में जनपद गोण्डा में 07.05.2025 को युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटने की प्रशासनिक तत्परता का परीक्षण करने हेतु एक व्यापक एयर रेड एवं सिविल डिफेंस मॉकड्रिल का आयोजन किया गया।

इस मॉकड्रिल का आयोजन जनपद के प्रतिष्ठित शहीदे आजम सरदार भगत सिंह (टामसन) इंटर कॉलेज में किया गया।

इस मॉकड्रिल में अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) श्री राधेश्याम राय नोडल अधिकारी की भूमिका में रहे, जबकि विभिन्न विभागों जैसे पुलिस, राजस्व, अग्निशमन, स्वास्थ्य, विद्युत, नगर निकाय, शिक्षा, सिविल डिफेंस, एनसीसी, एनएसएस, तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने समन्वित सहभागिता निभाई।

यह मॉकड्रिल एक युद्धकालीन परिदृश्य पर आधारित थी जिसमें यह मान लिया गया कि शत्रु देश द्वारा जनपद पर संभावित हवाई हमला किया गया है। इस स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा, प्रशासनिक जवाबदेही, आपदा प्रबंधन प्रणाली की तत्परता, तथा समन्वय कार्यप्रणाली की प्रभावशीलता का वास्तविक आकलन किया गया।

मॉकड्रिल का मुख्य उद्देश्य नागरिकों को युद्धकालीन परिस्थितियों में सतर्कता एवं सुरक्षा के उपायों का प्रशिक्षण देना, प्रशासनिक विभागों, आपदा प्रबंधन इकाइयों और सेवा प्रदाता एजेंसियों की तैयारियों का मूल्यांकन करना व आम जनमानस में आपदा के प्रति जागरूकता उत्पन्न करना और अफवाहों से बचने का संदेश देना था।

मॉकड्रिल में हवाई हमले की चेतावनी प्रणाली का परीक्षण 06:00 से 06:02 बजे तक सायरन बजाकर पूर्व चेतावनी जारी की गई व पूरे नगर में मॉक सायरन सिस्टम के माध्यम से नागरिकों को सूचित किया गया। बंकर में सुरक्षित प्रवेश एवं सतर्कता का अभ्यास 06:02 से 06:10 बजे हुआ जिसमें एनसीसी कैडेट्स एवं सुरक्षा बलों द्वारा नागरिकों को बंकर में सुरक्षित प्रवेश कराया गया।

हवाई हमला एवं गोलाबारी का काल्पनिक प्रदर्शन 06:10 से 06:15 बजे तक ध्वनि प्रभावों द्वारा रॉकेट हमले व बम गिरने की स्थिति के माध्यम से अनुकरण किया गया। युद्ध समाप्ति की घोषणा 06:15 से 06:18 बजे तक सायरन के माध्यम से दी गई। आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण व राहत कार्य 06:18 से 06:45 बजे तक अग्निशमन विभाग द्वारा मॉक आग बुझाने का प्रदर्शन किया गया तथा नागरिकों को अग्निकांड की स्थिति में प्राथमिक बचाव उपायों की जानकारी दी गई।

प्राथमिक चिकित्सा एवं घायल नागरिकों का उपचार 06:45 से 07:00 बजे तक स्वास्थ्य विभाग एवं स्वयंसेवकों द्वारा घायल नागरिकों को प्राथमिक उपचार व एम्बुलेंस सहायता प्रदान कर की गयी। बिजली बंद (ब्लैकआउट) अभ्यास व रात के समय निर्धारित अवधि में बिजली बंद कर नागरिकों को अंधकार में रहने का अभ्यास कराया गया ताकि शत्रु को लक्ष्य निर्धारित करना कठिन हो। संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा व अस्पताल, थाना, संचार केन्द्रों पर विशेष सुरक्षा उपाय एवं नकली छावनियाँ स्थापित की गईं।

बताया गया कि यह मॉकड्रिल न केवल प्रशासनिक दक्षता और विभागीय समन्वय का परीक्षण था, बल्कि इसने जनमानस में आपदा के प्रति गंभीरता और सतर्कता का भाव भी जागृत किया। युद्ध या किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तैयारी अत्यंत आवश्यक है, और इस प्रकार के अभ्यास से जनपद गोण्डा अब और अधिक सक्षम एवं सजग हुआ है।

यह मॉकड्रिल पूरी तरह से अभ्यास था, कृपया इसे लेकर कोई भ्रांति अथवा दहशत न फैलाएं। इसका उद्देश्य केवल जनजागरूकता एवं आपदा से निपटने की तत्परता को सुनिश्चित करना था।

जनपद के नागरिकों को युद्धकालीन एडवाइजरी जारी करते हुए बताया गया कि ऐसी स्थिति में शांत रहें और अफवाहों से बचें, केवल अधिकृत स्रोतों से प्राप्त सूचना पर ही विश्वास करें। सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाएं न फैलाएं। सुरक्षित स्थानों की जानकारी रखें व अपने घरों के आसपास के बंकर या सुरक्षित स्थानों को पहचानें साथ ही खिड़कियों व दरवाजों से दूर रहें, आंतरिक कमरों में आश्रय लें। आपातकालीन किट तैयार रखें व पानी, सूखा भोजन, प्राथमिक चिकित्सा, टॉर्च, बैटरी, पहचान पत्र, नकदी, दस्तावेज़ों की प्रतियाँ रखें। प्रशासन के निर्देशों का पालन करें व किसी भी आपदा की स्थिति में संयम रखें और बचाव टीमों के साथ सहयोग करे।

ब्लैकआउट मॉकड्रिल का सफल आयोजन, जिलाधिकारी नेहा शर्मा की निगरानी में आपदा प्रतिक्रिया का परीक्षण


गोंडा। जनपद के शहीद-ए-आज़म सरदार भगत सिंह इंटर कॉलेज परिसर में बुधवार को ब्लैकआउट मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता व निगरानी में आयोजित इस अभ्यास में बमबारी जैसी आपात स्थिति के दौरान त्वरित प्रतिक्रिया और बचाव उपायों को परखा गया।

मॉकड्रिल की शुरुआत एक फर्जी "ब्लास्ट" की सूचना से हुई, जिसके बाद पूरे परिसर की विद्युत आपूर्ति रोकी गई और ब्लैकआउट की स्थिति उत्पन्न की गई। घटनास्थल पर मौजूद सभी प्रतिभागियों को तत्काल सुरक्षित स्थानों की ओर ले जाया गया। छात्रों और स्टाफ को crouch पोज़िशन में नीचे झुककर सुरक्षित क्षेत्र में स्थानांतरित किया गया।

आपातकालीन सेवाओं की सक्रियता का परीक्षण करते हुए फायर ब्रिगेड, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस बल ने तत्काल प्रतिक्रिया दी। घायलों की पहचान की गई और अम्बुलेंस के माध्यम से उन्हें पास के अस्पताल पहुंचाया गया, जहां मेडिकल टीम ने तत्काल प्राथमिक उपचार प्रदान किया।

जिलाधिकारी नेहा शर्मा स्वयं पूरे अभ्यास स्थल पर मौजूद रहीं और हर विभाग की कार्रवाई को गहनता से परखा। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की त्वरित प्रतिक्रिया, पुलिस की स्थिति नियंत्रण व्यवस्था और नागरिक सुरक्षा बल के निर्देशों को सराहते हुए कहा,

"ऐसे अभ्यास हमारी टीमों को न केवल तैयार करते हैं, बल्कि जनता को भी सतर्क रहने का अभ्यास कराते हैं।"

उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि स्कूलों, कॉलेजों और भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में नियमित अंतराल पर इस तरह के अभ्यास कराए जाएं ताकि ज़मीनी स्तर पर तैयारियों को मज़बूती मिल सके।

प्रमुख बिंदु – मॉकड्रिल के दौरान की गई कार्रवाइयाँ:

ब्लैकआउट स्थिति के तुरंत बाद सुरक्षित स्थानों की पहचान कर लोगों को वहां पहुंचाया गया।

बमबारी जैसी स्थिति का सायरन बजाया गया, जिससे सभी सतर्क हो गए।

घायलों की पहचान कर तुरंत एम्बुलेंस से अस्पताल पहुंचाया गया।

दमकल विभाग ने आग लगने की स्थिति का अभ्यास किया।

पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर भीड़ नियंत्रण का अभ्यास किया।

नागरिक सुरक्षा दल ने माइक के माध्यम से दिशा-निर्देश दिए।

जिलाधिकारी ने मॉकड्रिल के अंत में सभी विभागों की टीमों को बधाई दी और नागरिकों के सहयोग की सराहना करते हुए कहा कि “ऐसे समन्वित अभ्यास ही वास्तविक संकट की घड़ी में जीवन रक्षक सिद्ध होते हैं।