तहव्वुर राणा को 18 दिन की रिमांड, आज से होगी पूछताछ, एनआईए मुख्यालय में गुजरी पहली रात
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मुंबई हमले का आतंकी तहव्वुर राणा अभी एनआईए की कस्टडी में है। भारत लाने के बाद उसे आधी रात को पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उसे 18 दिनों की एनआईए की रिमांड में भेज दिया। एनआईए ने 20 दिनों की हिरासत मांगी थी। कोर्ट ने इस मामले में काफी समय तक सोच-विचार के बाद उसे 18 दिनों की हिरासत दी है।
दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में देर रात तहव्वुर राणा को पेश किया गया। एनआईए के वकील दयान कृष्णन ने अदालत के सामने राणा के खिलाफ सबूत पेश किए। एनआईए ने अदालत से तहव्वुर की 20 दिन की रिमांड की मांग की थी। बहस के बाद कोर्ट ने फैसले सुरक्षित रख लिया। वहीं रात करीब 2.10 बजे अदालत ने फैसला सुनाते हुए राणा की 18 दिन की कस्टडी एनआईए को दे दी।
तहव्वुर राणा को गुरुवार देर रात राष्ट्रीय जांच एजेंसी मुख्यालय लाया गया है। सूत्रों का कहना है कि एनआईए की रिमांड मिलने के बाद तहव्वुर राणा को जल्द ही नींद आ गई। सुबह आठ बजे तक वह अभी नींद में ही था। एनआईए के अधिकारियों ने जब जाकर चेक किया कि आतंकी तहव्वुर जगा है या नहीं, तो उसे गहरी नींद में ही पाया। उसे जगाने की कोशिश नहीं की।
आतंकी राणा की भारत में पहली रात एनआईए के मुख्यालय के बनी अंदर बनी सेल में कटी। आज राणा से एनआईए की विशेष टीम पूछताछ करेगी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस टीम में एनआईए के वरिष्ठ अधिकारी शामिल किए गए हैं। जो राणा से मुंबई हमले की साजिश को लेकर पूछताछ करेंगे।
एनआईए ने कहा कि एजेंसी उससे विस्तार से पूछताछ करेगी, ताकि हमले को लेकर सभी तरह की बातों और उनकी साजिश के एक-एक कदम को लेकर सबूत जुटाए जा सके। 18 दिनों तक एनआईए की हिरासत में रहने के बीच तहव्वुर से एनआईए उससे विस्तार से पूछताछ करेगी। एनआईए 2008 के खतरनाक हमलों के पीछे की पूरी साजिश का पता लगा सके, इसलिए उसे पूछताछ के लिए ये समय चाहिए था। मुंबई हमले में कुल 166 लोग मारे गए थे और 238 से ज्यादा लोग घायल हुए थे।
इससे पहले राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि उसने 26 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा का प्रत्यर्पण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। 2008 के भयावह हमले के प्रमुख साजिशकर्ता को न्याय के कठघरे में लाने के लिए सालों की लगातार, ठोस और संगठित कोशिशों के बाद यह प्रत्यर्पण संभव हो सका है।
राणा अमेरिका में न्यायिक हिरासत में था। भारत और अमेरिका के बीच हुई प्रत्यर्पण संधि के तहत उसके प्रत्यर्पण प्रक्रिया शुरू हुई थी। तहव्वुर राणा को अमेरिका से भारत लाने में लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी गई। तहव्वुर साल 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मुख्य साजिशकर्ताओं में से एक डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाऊद गिलानी का करीबी सहयोगी है। राणा पर कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं, जिनमें आपराधिक साजिश, भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ना, हत्या, जालसाजी और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम शामिल हैं।
Apr 11 2025, 11:30