आगामी 12 अप्रैल को भगवान श्री चित्रगुप्त जी की निकाली जाएगी भव्य शोभा यात्रा

गोरखपुर। गोरखपुर प्रेस क्लब सभागार में कायस्थ विकास परिषद द्वारा संयुक्त रूप से प्रेसवार्ता में परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष वैद्य राजीव सिन्हा ने कहा कि आगामी 12 अप्रैल को शाम 6 बजे भगवान श्री चित्रगुप्त जी की भव्य शोभा यात्रा प्रत्येक वर्ष की भांति निकाली जायेगी।

वैद्य राजीव सिन्हा ने बताया कि भगवान चित्रगुप्त इस मृत्युलोक के समस्त प्राणियों के न्याय के देवता है। भगवान चित्रगुप्त किसी एक जाति के देवता नहीं हैं, कायस्थ जाति नहीं ब्रह्मकुल हैं, ईश्वर कभी किसी एक जाति के नहीं होते हैं, यही संदेश आज पूरे देश में देने की कोशिश कायस्थ विकास परिषद की रही हैं, कुछ दिग्भ्रमित लोग भगवान चित्रगुप्त को सिर्फ कायस्थो का देवता मानकर उनके ईश्वरत पर प्रश्नचिन्ह लगाने का काम करते हैं।कलम को आत्मसाध करने वाला हर प्राणी चित्रगुप्त का वंशज है, यह कटु सत्य हैं, कायस्थ कोई जाति नहीं बल्कि ब्रह्मकुल हैं, ईश्वर किसी एक के नहीं सभी के होते हैं, इसी सोच को विस्तार देने का कार्य विगत तीन दशको से अधिक समय से कायस्थ विकास परिषद कर रहा हैं, भगवान नित्य प्रलय के देवता हैं, केतु के अधिष्ठता देव हैं इन्ही की उपासना से केतु जैसे मारक ग्रह से बचा जा सकता हैं।

कायस्थो का जन्म ही वेदकर्म करने और कराने के लिए ही हुआ परन्तु कुछ भ्रान्तियो, दिग्भ्रमित कर अलग-अलग रूप में ईश्वर को स्थापित करने, और मनगढ़न्त रूप से व्याख्यायित करने का कार्य किया।चैत्र पूर्णिमा के दिन ही प्रभु का प्रकटोत्स्व हुआ इसी कारण नव वर्ष का शुभारम्भ इन्ही के नाम पर पड़ा दक्षिण भारत में इसे चितरई मास भी कहा जाता हैं, भगवान चित्रगुप्त धन के देवता माने जाते हैं, चैत्र मास में ही नये अन्न की पूजा होती है।इसलिए धन का देवता कहा गया, हर घर भगवान चित्रगुप्त, हर घर कलम दवात, यहीं संबृद्ध, और सुस्कृत विश्व कल्याण की कल्पना के साथ हम सब कार्य कर रहे हैं, आप सबसे भी आग्रह है, आप विश्व कल्याण की इस कल्पना को साकार करने के लिए हम सब एक साथ हो।प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से परिषद के राष्ट्रीय डॉ० संगठन मंत्री दिप्तिमान श्रीवास्तव, अरूण कुमार, डॉ० निरंकार लाल, अमरेन्द्र सिन्हा, प्रवीण गौड़, नितिन श्रीवास्तव, रविन्द्र श्रीवास्तव, चंदन श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

*श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के पहले दिन कथा सुनने का महत्व बताया*

श्रीमद्भागवत कथा सुनने से मनुष्य को जीवन के सभी प्रकार कष्टों से मुक्ति मिलती है।यह भगवान की भक्ति और कृपा से जीवन के सुखों को बढ़ाने वाली होती है।मनोयोग से कथा सुनने वाले व्यक्ति के जीवन में बहुत चमत्कारिक परिवर्तन होते हैं।

खजनी रूद्रपुर गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पहले दिन व्यास पीठ से वृंदावन से पधारे कथा व्यास तुलसीदास जी ने उपस्थित श्रद्धालु श्रोताओं को बताया कि श्रीमद्भागवत महापुराण में तमाम एेसी कथाएं हैं जो हमें अच्छा जीवन जीने की प्रेरणा देती हैं।मुख्य यजमान रामकिशोर व उर्मिला तिवारी सहित उपस्थित श्रोताओं को मंगलाचरण की कथा का विस्तार सहित वर्णन करते हुए बताया कि धुंधकारी जैसे महापापी प्रेतात्मा भी भगवान गौकर्ण से श्रीमद्भागवत कथा सुनकर सहज मोक्ष प्राप्त किए। भागवत कथा अमृत के सामान है मोक्ष प्राप्ति के लिए महाराजा परीक्षित ने अपने जीवन के अंतिम 7 दिन इसी कथा को सुन कर बिताया तथा अनंत पुण्य के भागी बने और उन्हें मोक्ष मिला। कहा कि भागवत सप्ताह के प्रत्येक दिन की कथा सुनना जीवन के लिए उपयोगी है।कलयुग में भगवत भक्ति पाने के लिए अत्यंत सरल मार्ग निर्धारित किए गए हैं।भगवान के नाम का जप करने मात्र से ही कलयुग के प्रभाव से मुक्ति पाई जा सकती है। इस दौरान बालक कृष्णा ने श्रोताओं को महाप्रसाद का महत्व बताया।

संगीतमय कथा में उपस्थित श्रोता भक्ति भजनों की धुनों पर मंत्र-मुग्ध हो कर देर रात तक झूमते नाचते रहे।

मौके पर प्रेम शंकर मिश्र, असमावती मिश्रा, अमर, संजय मिश्र, हृदय नारायण तिवारी, विष्णु राम त्रिपाठी, अनूप दुबे, राजेश उर्फ बिल्लू, ओमप्रकाश तिवारी, काजल, शालिनी, भानुप्रताप पांडेय, प्रमोद,मंगलम सहित दर्जनों लोग मौजूद रहे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने फीता काटकर दस्तक अभियान का किया शुभारंभ

*मुख्य चिकित्सा अधिकारी का नियमित भ्रमण*

गोरखपुर। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पिपराइच व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चरगावा का निरीक्षण किया गया । दिनांक 9 अप्रैल को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौरी चौरा का निरीक्षण किया गया था।

निरीक्षण में लेबर रूम, टीकाकरण कक्ष, PICU कक्ष, ओ.पी.डी. कक्ष, भर्ती मरीजों का वार्ड का निरीक्षण किया गया।

आने वाले मरीजों को उत्तम स्वास्थ्य सुविधा और साफ सफाई संबंधित आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया तथा संचालित राष्ट्रीय कार्यक्रमों के संबंध में जानकारी प्राप्त की गई।

*इतिहास विभाग में हैप्पी मिश्रा को किया सम्मानित"*

गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (गोरखपुर) के मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग की एम• ए• चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा हैप्पी मिश्रा ने विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर के कुल 7 मेडल/प्रशस्ति-पत्र व स्मृति चिन्ह हासिल कर के एक नया आयाम स्थापित किया है।

विभागाध्यक्ष प्रो• मनोज कुमार तिवारी जी ने हैप्पी मिश्रा को विभाग में डायरी और कलम देकर सम्मानित किया और छात्रा की इस उपलब्धि पर खुशी जताते हुए कहा कि- "विभाग के लिए यह हर्ष का विषय है, हैप्पी मिश्रा की यह उपलब्धि न सिर्फ उसकी व्यक्तिगत है बल्कि विभाग की भी है। निश्चित तौर पर हैप्पी मिश्रा की यह उपलब्धि विभाग एवं विश्वविद्यालय के छात्रों को विभिन्न प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर अपने भीतर के कौशल और रचनात्मकता को प्रदर्शित करने को प्रेरित करेगा।"

इस मौके पर विभाग की वरिष्ठ आचार्या प्रो• निधि चतुर्वेदी, डॉ• श्वेता, डॉ• सुनीता एवं डॉ• आशीष कुमार सिंह ने खुशी जताते हुए हैप्पी मिश्रा को शुभकामनाएं प्रेषित की।

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प्रतिभागी हैप्पी मिश्रा ने कुल 7 विभिन्न प्रतियोगिताओं में मेडल/प्रशस्ति-पत्र व स्मृति चिन्ह हासिल किया है -

1- नेशनल इंटेरिग्रेश कैम्प पुरस्कार

2-साइकिल रैली पुरस्कार

3-युवा संसद वाद - विवाद

4- बुद्ध संग्रहालय अवार्ड सर्टिफिकेट

5- कविता पुरस्कार

6- क्रिकेट प्रतियोगिता पुरस्कार

7- जिला अधिकारी पुरस्कार

*अधिवक्ता हित की लड़ाई और संघर्षों में साथ रहूंगा- देवेंद्र प्रताप सिंह एमएलसी*

खजनी गोरखपुर।।बार और बेंच में परस्पर टकराव के बावजूद आपसी संबंध मधुर होने चाहिए क्योंकि दोनों ही आम जनता के हित की रक्षा के लिए कार्य करते हैं। अधिवक्ताओं के हित और अधिकार की रक्षा की हर लड़ाई में मैं हमेशा उनके साथ रहा हूं, आगे भी अधिवक्ताओं के हित की हर लड़ाई और संघर्षों में साथ देने का वचन दिया।

उक्त विचार तहसील बार एसोसिएशन के वर्ष 2025- 26 के चुनाव में विजयी हुए पदाधिकारियों अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह महामंत्री राजनाथ दूबे वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल मिश्रा कोषाध्यक्ष दीपक मिश्र एडवोकेट के शपथ ग्रहण में पहुंचे मुख्य अतिथि एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने व्यक्त किए।

उन्होंने कहा कि अधिवक्ता समाज का प्रबुद्ध वर्ग है इनसे समाज के सभी लोगों को अपेक्षाएं रहती हैं। इसलिए अपने नैतिक मूल्यों की रक्षा करना सभी अधिवक्ताओं का धर्म है। उन्होंने अधिवक्ताओं को संगठित रहने व जनहित में कार्य करने का परामर्श दिया।

शपथग्रहण में विशिष्ठ अतिथि एड.भानू प्रताप पांडेय, एड. गिरजेश मणि त्रिपाठी, एड.धीरेंद्र कुमार तिवारी, ब्लॉक प्रमुख अंशु सिंह एसडीएम राजेश प्रताप सिंह आदि ने भी और निर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई दी। संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता महेश प्रसाद दूबे ने किया वहीं निर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण एल्डर्स कमेटी के अध्यक्ष रामप्रीत यादव ने कराया।

कार्यक्रम को चंद्रभान शुक्ला, दयानाथ दूबे, दरगाही प्रसाद आज़ाद, चंद्रमोहन लाल, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भी संबोधित किया।

अधिवक्ता हित की लड़ाई और संघर्षों में साथ रहूंगा- देवेंद्र प्रताप सिंह एमएलसी

खजनी गोरखपुर।।

बार और बेंच में परस्पर टकराव के बावजूद आपसी संबंध मधुर होने चाहिए क्योंकि दोनों ही आम जनता के हित की रक्षा के लिए कार्य करते हैं। अधिवक्ताओं के हित और अधिकार की रक्षा की हर लड़ाई में मैं हमेशा उनके साथ रहा हूं, आगे भी अधिवक्ताओं के हित की हर लड़ाई और संघर्षों में साथ देने का वचन दिया।

उक्त विचार तहसील बार एसोसिएशन के वर्ष 2025- 26 के चुनाव में विजयी हुए पदाधिकारियों अध्यक्ष कृष्ण कुमार सिंह महामंत्री राजनाथ दूबे वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल मिश्रा कोषाध्यक्ष दीपक मिश्र एडवोकेट के शपथ ग्रहण में पहुंचे मुख्य अतिथि एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने व्यक्त किए।उन्होंने कहा कि अधिवक्ता समाज का प्रबुद्ध वर्ग है इनसे समाज के सभी लोगों को अपेक्षाएं रहती हैं। इसलिए अपने नैतिक मूल्यों की रक्षा करना सभी अधिवक्ताओं का धर्म है। उन्होंने अधिवक्ताओं को संगठित रहने व जनहित में कार्य करने का परामर्श दिया।

शपथग्रहण में विशिष्ठ अतिथि एड.भानू प्रताप पांडेय, एड. गिरजेश मणि त्रिपाठी, एड.धीरेंद्र कुमार तिवारी, ब्लॉक प्रमुख अंशु सिंह एसडीएम राजेश प्रताप सिंह आदि ने भी और निर्वाचित पदाधिकारियों को बधाई दी। संचालन वरिष्ठ अधिवक्ता महेश प्रसाद दूबे ने किया वहीं निर्वाचित पदाधिकारियों को शपथ ग्रहण एल्डर्स कमेटी के अध्यक्ष रामप्रीत यादव ने कराया।

कार्यक्रम को चंद्रभान शुक्ला, दयानाथ दूबे, दरगाही प्रसाद आज़ाद, चंद्रमोहन लाल, सत्यप्रकाश श्रीवास्तव सहित अन्य अधिवक्ताओं ने भी संबोधित किया।

सौतेली मां के अन्याय से आहत युवक ने फांसी लगाई

खजनी गोरखपुर।सुख सुविधाओं में जीवन बिता चुके युवक ने अपनी सौतेली मां के अन्याय से हार कर मौत को गले लगा लिया।छत के कुंडे से फंदे पर लटके युवक का शव मिलते ही कस्बे में कोहराम मच गया।

खजनी कस्बे में खुटहना मार्ग पर स्थित बसहिया बाग में मृतक लक्ष्मण पाठक 49 वर्ष पुत्र स्वर्गीय विंध्याचल पाठक की पुरानी आरा मशीन के पिछले हिस्से में पहली मंजिल पर स्थित एक कमरे और बरामदे में लक्ष्मण अपनी पत्नी प्रियंका पाठक के साथ रहते थे। उनकी 11 वर्ष और 6 वर्ष की दो बेटियां अपने ननिहाल में थीं। आज बरामदे में फंदे से लटकता लक्ष्मण का शव मिला।

मृतक का अपनी सौतेली मां पुष्पावती पाठक से पैतृक संपत्ति का विवाद चल रहा था। पत्नी प्रियंका एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाती थी, वहीं लक्ष्मण कस्बे में एक दुकान पर मेहनत मजदूरी करते थे। आज दोपहर में लगभग 1 बजे स्कूल से घर लौटने पर पत्नी प्रियंका को बरामदे में छत के कुंडे से लटकता लक्ष्मण पाठक का शव मिला। पति को फंदे से लटका देख पत्नी प्रियंका बदहवास रोने चिल्लाने लगी घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचायत नामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

मिली जानकारी के अनुसार स्वर्गीय विंध्याचल पाठक ने लक्ष्मण पाठक की सगी मां की मौत के बाद उसकी मौसी से पुष्पावती पाठक से शादी कर ली थी। जिससे उनकी चार संतानें 3 बेटियां और एक बेटा हैं। सौतेली मां पुष्पावती पाठक ने अपने बीमार पति विंध्याचल पाठक से संपूर्ण कीमती चल अचल संपत्ति को अपने हक़ में वसीयत करा लिया था। जिसमें कुछ हिस्से को बिक्री करने के बाद अपनी बेटियों के साथ दिल्ली चली गई थीं।लक्ष्मण द्वारा पैतृक संपत्ति में अपना हक़ हिस्सा मांगने पर उसे बेदखल करते हुए संपत्तियों को अपनी 3 बेटियों नीलम , वंदना, नंदिनी, नेहा और बेटे प्रीत उर्फ दुर्गेश के नाम कर दिया था। सौतेली मां और बेटे के बीच संपत्ति का विवाद वर्षों से चल रहा था। जिसकी शिकायत कई बार स्थानीय थाना, तहसील तथा जिले के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों से भी की गई थी।

*ग्राम पंचायत अधिकारी और प्रधान का एकदिवसीय प्रशिक्षण*

खजनी गोरखपुर।।जिला मुख्यालय के गोकुल भवन सभागार में 9 अप्रैल को न्यूटन विषय पर खजनी ब्लाॅक के सभी ग्रामपंचायत अधिकारीयों एवं सभी प्रधानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। सहायक विकास अधिकारी पंचायत राजीव दुबे ने बताया कि राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान योजना अंतर्गत पीडीआई एवं एलएसडीजी कन्वर्जेंस के लिए ग्राम प्रधान, सचिव ग्राम पंचायत का एक दिवसीय विकासखंड स्तर पर प्रशिक्षण कराया जाना है। जिसमें सभी प्रधान एवं समस्त ग्राम पंचायत अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है।

बलिदानियों को समर्पित संगोष्ठी का किया गया आयोजन

गोरखपुर। भारतीय स्वातंत्र्य समर 1857 प्रथम विद्रोह के प्रथम क्रांतिकारी मंगल पांडेय के 168वें बलिदान दिवस पर मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय एवं गुरुकृपा संस्थान गोरखपुर का राष्ट्रवादी वैचारिक अधिष्ठान को बल देने वाला बलिदानियों को समर्पित संगठन अखिल भारतीय क्रांतिकारी सम्मान संघर्ष मोर्चा के संयुक्त तत्वावधान में आर्यभट सभागार में संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी के मुख्य अतिथि वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गोरक्ष प्रांत के प्रांत प्रचारक रमेश ने कहा कि स्व जगेगा तो भारत विश्व गुरु बनेगा। एकता, स्वतंत्रता और महानता जीवंत रहे इसके लिए देश के युवाओं को जगाना होगा। राष्ट्र ही प्रथम है, जननी और जन्मभूमि स्वर्ग से महान है।

प्रांत प्रचारक रमेश ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रा छात्राओं को दिए गए अपने संदेश में कहा कि पढ़ने, पलने के साथ साथ राष्ट्र को गढ़ने के लिए आपका योगदान चाहिए क्योंकि स्वतंत्रता तो मिली स्वराज्य अभी बाकी है। स्व का हमें बोध करना होगा।

रमेश ने इतिहासकारों के कथन को विचारणीय बताया कहा कि 1857 का गदर असफल नहीं था, 29 मार्च 1857 का विद्रोह पूर्णरूपेण सफल रहा जिसकीे धधकी चिंगारी से देश में चहुंओर क्रांति फैली जिसका परिणाम था कि 1947 में देश आज़ाद हुआ।

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से प्रशिक्षित स्वयंसेवक गुरुकृपा संस्थान जैसे संस्था के बैनर तले देश के लिए अपना सर्वोच्च समर्पण से जीना मरना सिखाता है। मेरा कण कण राष्ट्र के लिए बलिदान हो। उन्होंने कहा कि गुरुकृपा संस्थान क्रांतिकारी परंपरा को जीवंत रखने के लिए मै रहूं या ना रहूं यह देश रहना चाहिए। यह ऐतिहासिक एवं अद्वितीय कार्य है।

विशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखंड दिल्ली बाया बलिया गोरखपुर आए मंगल पांडेय के चौथी पीढ़ी के प्रपौत्र 80 वर्षीय रघुनाथ पांडेय ने कहा कि गुरुकृपा संस्थान का यह प्रयास अनुकरणीय एवं प्रशंसनीय है। आयोजन पर मुझे खुशी है, ऐसा आयोजन देश के हर कोने में होना चाहिए। जिससे युवा पीढ़ी को प्रेरणा मिलती रहे और उनमें देश प्रेम का उत्साह बना रहे। मैं गुरुकृपा संस्थान के सभी कर्मयोगियों की प्रशंसा करता हूं और आशीर्वाद देता हूं कि क्रांतिकारियों के प्रति ये दीवानगी और रवानगी ताउम्र बनी रहे।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो जे पी सैनी ने कहा कि अंग्रेज भली भांति जानते थे कि भारत को जितने एवं तोड़ने के लिए भेद भाव का बीजारोपण करना होगा। धर्म और संस्कृति नष्ट होता है तो राष्ट्र का अस्तित्व खतरे में पड़ जाता है। मंगल पांडेय प्रथम स्वातंत्र्य की मशाल जलाने वाले अप्रतिम योद्धा थे। मंगल पांडेय के बलिदान से देश के अन्य हिस्सों में विद्रोह को रोकने के लिए 10 दिन पहले फांसी दे दिया। प्रथम क्रांति के जनक को कैंपस की ओर से मंगल पांडेय को नमन करते हैं।

कार्यक्रम संयोजक बृजेश राम त्रिपाठी ने प्रस्ताविकी रखा, अखिल भारतीय क्रांतिकारी सम्मान संघर्ष मोर्चा संगठन के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला। मंचासिन अतिथि आगंतुकों का स्वागत स्मृति चिन्ह शॉल और बुके भेंट करके किया।

संचालन और आभार ज्ञापन का गुरूतर जिम्मेदारी कैंपस छात्र क्रिया कलाप परिषद के चेयरमैन प्रो बी के पांडेय ने किया। इसके पूर्व अतिथियों ने भारत माता एवं मंगल पांडेय के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम की विधिवत शुरुवात किया।

कार्यक्रम में प्रमुख रूप से विभाग प्रचारक अजय नारायण, महानगर दक्षिण भाग प्रचारक मनीष, प्रो पी के सिंह, प्रो गोविंद पांडेय, प्रो अवधेश सिंह, डा प्रदीप मुले, डा प्रदुम्न भारती, श्याम बिहारी अग्रवाल, मनीष जैन, शंकर शरण दूबे, महेश चंद्र दूबे, डा धीरेन्द्र सिंह, राधेश्याम मिश्रा, चंद्रेश्वर सिंह, मनोज श्रीवास्तव, अजय मिश्रा, श्रद्धानंद त्रिपाठी, श्रीकांत मिश्रा, अभिषेक जायसवाल, अवनीश मणि त्रिपाठी, डा सुधीर नारायण सिंह, डा मिलिंद राज, चिकित्साधिकारी डा ए के पांडेय साक्षी तिवारी, प्रकृति, अभिलाषा, अभिनव, सूर्यांश, सहित भारी संख्या में प्रोफेसर फैकल्टी महानगर के प्रतिष्ठित नागरिकों सहितछात्र छात्रा उपस्थित थे।