मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शामिल हुए कुदरगढ़ महोत्सव के समापन समारोह में

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि कुदरगढ़ महोत्सव आस्था, भक्ति और परंपरा का अनूठा संगम है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए योजनाबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर इस अंचल के आस्था के प्रमुख केन्द्र कुदरगढ़ मंदिर धाम को केन्द्र सरकार की ’प्रसाद योजना‘ में शामिल किया है। इससे यहां के विकास के लिए केन्द्र सरकार से मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज सूरजपुर जिले के कुदरगढ़ धाम में चैत्र नवरात्र के अवसर पर आयोजित कुदरगढ़ महोत्सव का समापन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।

कुदरगढ़ धाम में शुरू होगा चिकित्सालय

मुख्यमंत्री श्री साय ने कुदरगढ़ धाम में बनने वाले रोपवे का भूमिपूजन किया। यह रोपवे दो वर्ष में बनकर तैयार होगा। इस अवसर पर उन्होंने कुदरगढ़ धाम के विकास के लिए अनेक महत्वपूर्ण घोषणाएं की। उन्होंने प्रशासनिक भवन एवं सर्व सुविधायुक्त सामुदायिक भवन निर्माण के लिए 50-50 लाख तथा गढ़वातियां माता मंदिर में सीढ़ी निर्माण और पेयजल व्यवस्था हेतु 50 लाख सहित कुल 1 करोड़ 50 लाख रुपये के निर्माण कार्यों की घोषणा की। इस दौरान रोपवे निर्माण के लिए अनुबंध पत्र पर हस्ताक्षर किए गए। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने धाम में चिकित्सालय निर्माण की भी घोषणा की, जिससे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल सके।

105 करोड़ रूपए से अधिक लागत के कार्यो का भूमिपूजन-शिलान्यास

मुख्यमंत्री श्री साय ने श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए माता कुदरगढ़ी से प्रदेश की सुख-शांति, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की और श्रद्धालुओं को चैत्र नवरात्रि की शुभकामनाएं दी। उन्होंने इस अवसर पर 105 करोड़ रूपए से अधिक लागत के 43 विकास कार्यों का भूमि पूजन एवं लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने भटगांव विधानसभा क्षेत्र के लिए सुशासन रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया, जो राज्य सरकार की योजनाओं का प्रचार-प्रसार करेगा।

भोरमदेव मंदिर हेतु स्वदेश दर्शन योजना में 148 करोड़ रूपए मंजूर

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा दिया जा रहा है। राज्य सरकार के प्रस्ताव पर छत्तीसगढ़ के सुप्रसिद्ध भोरमदेव मंदिर के विकास के लिए भारत सरकार ने स्वदेश दर्शन योजना के तहत 148 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। प्रदेश की पांच शक्तिपीठों सूरजपुर के कुदरगढ़, चंद्रपुर की चंद्रहासिनी, रतनपुर की मां महामाया, डोंगरगढ़ की मां बम्लेश्वरी और दंतेवाड़ा की मां दंतेश्वरी शक्तिपीठ के विकास के लिए चार धाम की तर्ज पर योजना बनाई गई है। राज्य सरकार द्वारा तीर्थ दर्शन योजना पुनः प्रारंभ की गई है। इस योजना में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के साथ-साथ विधवा, परित्यक्ता और दिव्यांगजनों को तीर्थ यात्रा का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि पात्र नागरिकों से इस योजना का भरपूर लाभ उठाने की अपील की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि श्री रामलला अयोध्या धाम दर्शन योजना के तहत 22 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने रामलला के दर्शन किए। उन्होंने कहा कि प्रयागराज में कुंभ के दौरान छत्तीसगढ़ का मंडप बनाया गया था, जहां छत्तीसगढ़ के श्रद्धालुओं को ठहरने और भोजन के निःशुल्क व्यवस्था की गई थी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य को नक्सलमुक्त बनाने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों का उल्लेख करते हुए कहा कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में पुनर्वास योजनाओं के साथ-साथ समावेशी विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। अंदरूनी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही है। लोगों को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। बस्तर क्षेत्र में नियद नेल्लानार योजना के तहत नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ ग्रामीणों को केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं से लाभान्वित किया जा रहा है। यहां बस्तर ओलंपिक और बस्तर पंडुम जैसे कार्यक्रमों का आयोजन भी किया गया।

इस अवसर पर कृषि मंत्री रामविचार नेताम, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी रजवाड़े और सांसद चिंतामणि महाराज ने भी सभा को संबोधित किया। उन्होंने उपस्थित जनसमुदाय को नवरात्रि की शुभकामनाएं देते हुए प्रदेश की समृद्धि, शांति और उन्नति की कामना की। साथ ही रोपवे निर्माण के लिए बधाई देते हुए इसे ऐतिहासिक पहल बताया।

समापन समारोह में दिखी लोकसंस्कृति की झलक

समापन समारोह में छत्तीसगढ़ की समृद्ध लोकसंस्कृति की झलक देखने को मिली। कार्यक्रम के दौरान भक्ति संगीत ने श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। कार्यक्रम में माता कुदरगढ़ को समर्पित भजन प्रस्तुत कर वातावरण को भक्तिमय बना दिया। मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर विभिन्न विभागों की योजनाओं पर लगाए गए स्टॉलों का अवलोकन किया और हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण किया।

कार्यक्रम में विधायक भूलन सिंह मरावी, शकुंतला पोर्ते, रजनी शंकर त्रिपाठी, वन विकास निगम एवं कुदरगढ़ धाम ट्रस्ट अध्यक्ष रामसेवक पैकरा सहित अनेक गणमान्य नागरिक एवं श्रद्धालु उपस्थित थे।

दान धर्म और परोपकार दाऊ अग्रवाल समाज के स्वभाव में है- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

दानवीर दाऊ कल्याण सिंह अग्रवाल के नाम से राज्य अलंकरण प्रारंभ करने की मांग- दाऊ अनुराग अग्रवाल

रायपुर- दाऊ अमृष कुमार लक्ष्मेश्वर दयाल, छत्तीसगढ़ी अग्रवाल भवन पुरानी बस्ती के लोकार्पण समारोह, छत्तीसगढ़ में दान की अनोखी परंपरा स्थापित करने वाले दानदाताओं के वंशजों और छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज के केंद्रीय पदाधिकारी के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि दान धर्म और परोपकार दाऊ अग्रवाल समाज के स्वभाव में है। कोरोना काल में जब सब अपने घरों से निकल नहीं पा रहे थे तब छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज ने सबके भोजन की, विश्वास की और मुस्कान की चिंता की इस समाज ने धर्म शिक्षा स्वास्थ्य शुद्ध पेयजल जैसे विभिन्न आयाम में दान किया। यह अनुकरणीय है। कोई सोच भी नहीं सकता था ऐसा दान दाऊ कल्याण सिंह अग्रवाल ने किया है। 1728 एकड़ जमीन कृषि विश्वविद्यालय को दान अद्भुत है। अस्पताल का निर्माण आज भी लोगों को लाभ पहुंचा रहा है और एम्स की जमीन दाऊजी की दूर दृष्टि को साबित करती है। ऐसे दाऊजी को नमन है।

लोगों को संबोधित करते हुए रायपुर दक्षिण विधायक सुनील सोनी ने कहा कि आज का कार्यक्रम एक समाज के दायरे में बंद कार्यक्रम नहीं है आज के कार्यक्रम में शहर को शिक्षा स्वास्थ्य संस्कृति धर्म शादी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने वाले व दान करने वालों का सम्मान किया जा रहा है कहीं ना कहीं उसकी इस दान के पीछे दाऊ कल्याण सिंह अग्रवाल जी की प्रेरणा है। और यह परंपरा लगातार आगे बढ़े ऐसा इस आयोजन का उद्देश्य है। इस पूरे आयोजन में रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा महापौर मीनल चौबे व नान अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव भाजपा प्रवक्ता नालिनेश ठोकने भी उपस्थित थे।

कार्यक्रम के आयोजक छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज की केंद्रीय अध्यक्ष दाऊ अनुराग अग्रवाल ने बताया कि दानशीलता दिवस का उद्देश्य आज की युवा पीढ़ी जो आभासी दुनिया में जी रही है उन्हें उनके पूर्वजों के योगदान से अवगत कराना है। पूर्वजों ने दान की जो परंपरा रखी थी वर्तमान पीढ़ी उसे बहुत आगे अच्छे से आगे बढ़ा रही है भविष्य की पीढ़ी भी उससे प्रेरणा ले इसलिए ऐसे आयोजन निरंतर किए जाएंगे। अनुराग अग्रवाल ने बताया कि रायपुर अब महानगर हो गया है महानगर के लोगों को यह पता लगे की रायपुर के निर्माण में अग्रवाल समाज, मराठी समाज, ब्राह्मण समाज, बंगाली समाज, सिंधी समाज, सिख समाज सब समाजों ने मिलकर बिना भेदभाव के योगदान दिया है इसलिए यह आयोजन किया गया है।

छत्तीसगढ़ी दाऊ अग्रवाल समाज की तरफ से केंद्रीय अध्यक्ष अनुराग अग्रवाल ने मुख्यमंत्री से दानवीर दाऊ कल्याण सिंह अग्रवाल के नाम से राज्य अलंकरण प्रारंभ करने की मांग रखी है। क्योंकि प्रथम मंत्रालय दो कल्याण सिंह मंत्रालय था अतः नया रायपुर में किसी चौराहे या सड़क का नाम दाऊ कल्याण सिंह के नाम से रखने की मांग भी की गई है।

छत्तीसगढ़ी अग्रवाल समाज की अध्यक्ष पद पर दाऊ अनुराग अग्रवाल सचिव पद पर दाऊ डॉ जेपी अग्रवाल, कोषाध्यक्ष पद पर दाऊ अजय अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष पद पर दाऊ अजय दानी, उपाध्यक्ष पद पर दाऊ श्याम अग्रवाल, दाऊ गजेंद्र अग्रवाल, दाऊ डॉ राजेश अग्रवाल, सीता अग्रवाल, सह सचिव पद पर दाऊ यशवंत अग्रवाल, दाऊ संतोष अग्रवाल, दाऊ केशव मुरारी अग्रवाल, निहारिका अग्रवाल, महिला प्रतिनिधि के पद पर विंध्य अग्रवाल और युवा प्रतिनिधि के तौर पर दाऊ आशीष अग्रवाल ने मुख्यमंत्री के द्वारा महाराज अग्रसेन के नाम से शपथ ली। कार्यक्रम आभार प्रदर्शन केंद्रीय सचिव डॉक्टर दाऊ जेपी अग्रवाल ने किया।

भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार : नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को लिखा पत्र, CBI जांच की मांग …

रायपुर- छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना में भ्रष्टाचार की जांच को सीबीआई से कराए जाने की मांग को लेकर आज नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है. दरअसल, छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में भारत माला परियोजना में भ्रष्टाचार का मुद्दा खूब गरमाया था. चरणदास महंत ने विधानसभा में इस परियोजना को लेकर सरकार पर जमकर हमला बोला था. इस बीच साय कैबिनेट ने इसकी जांच ईओडब्ल्यू से कराने का फैसला किया था.

पत्र लिखकर की सीबीआई से जांच की मांग

छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने पत्र में लिखा कि छत्तीसगढ़ में भारतमाला परियोजना के अन्तर्गत रायपुर विशाखापटनम प्रस्तावित इकनोमिक कॉरिडोर के सड़क निर्माण के लिए अनुविभाग अभनपुर जिला- रायपुर अन्तर्गत निजी भूमि के अधिग्रहण से मुआवजा राशि के निर्धारण तक की प्रक्रिया में विधि विरूद्ध कार्यवाही करते हुए, लोक सेवकों तथा भूमि स्वामियों के द्वारा आपराधिक षड़यंत्रपूर्वक ऐसे भ्रष्ट आचारण किये गये हैं, जिसके कारण भारत सरकार को कम से कम रू. 43,18,27,627.00 की आर्थिक क्षति हुई है.

नेता प्रतिपक्ष डॉ महंत कहा है कि यह प्रकरण सी.बी.आई. को सौपने और भारतमाला परियोजना के लिए भूमि अर्जन, मुआवजा निर्धारण के अन्य सभी प्रकरणों की भी जांच कराई जाए. 

वक्फ संशोधन बिल : वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने कांग्रेस गठबंधन पर किया प्रहार, कहा- वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण करना इनकी मूल राजनीति

रायपुर-  भारत के दोनों सदन में वक्फ संशोधन बिल पारित हो गया है. इसे लेकर वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने बड़ा बयान दिया है. उन्होनें कांग्रेस और इंडी अलायंस पर तीखा प्रहार किया है. विपक्ष पर तुष्टिकरण की राजनीति करने और देश के हित को खतरे में डालने का आरोप लगाया है.

वित्तमंत्री ओपी चौधरी ने कहा कि कांग्रेस और इंडी अलायंस के अन्य पार्टियों का एक ही सिद्धांत रहा है. वोट बैंक के लिए तुष्टिकरण की राजनीति करना. तुष्टिकरण के लिए पॉलिसी बनाना. देश के हित और भविष्य को खतरे में डालना. यही इनकी मूल राजनीती रही है. भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट रूप से कहती आई है और करती भी है “Justice To All And Appeasement To None” यानी न्याय सभी के साथ, तुष्टीकरण किसी के साथ नहीं. इसी का उदाहरण वक्फ बोर्ड का क़ानून जो भारत सरकार पीएम मोदी और अमित शाह के नेतृत्व में लेकर आए हैं.

उन्होने कहा कि वक्फ बोर्ड से सम्बन्धित जो प्रावधान थे, वो देश के सारे कानून और नियमों को धता बताते हुए कुछ लोगों के शोषण का केंद्र बने हुए थे. मुस्लिम समाज के गरीब लोग थे उनके ये खिलाफ था. जो कानूनों को धता बताते हुए चले उस पर रोक लगाना किसी भी जिम्मेदार सरकार के लिए जरूरी है. वही काम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में हुआ है.

बता दें कि वक्फ संशोधन बिल राज्यसभा से भी पास हो गया है. राज्यसभा में बिल के पक्ष में 128 और विपक्ष में 95 वोट पड़े. राज्यसभा में बिल पर 14 घंटे से ज्यादा चर्चा के बाद देर रात 2.32 बजे राज्यसभा से वक्फ विधेयक पारित हो गया. इसी तरह लोकसभा में भी 12 घंटे की चर्चा के बाद बुधवार देर रात बिल पास हुआ. देर रात 1.56 बजे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बिल के पास होने का ऐलान किया. बिल के पक्ष में 288 वोट पड़े, जबकि विरोध में 232 वोट पड़े.

गृह मंत्री शाह के दौरे से पहले सुकमा पुलिस को बड़ी सफलता, चार ईनामी नक्सलियों ने किया समर्पण…

सुकमा- सुकमा पुलिस को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बस्तर दौरे से पहले बड़ी सफलता मिली है. 20 लाख के ईनामी चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है. 

सुकमा पुलिस अधीक्षक किरण चव्हाण के समक्ष तीन पुरुष और एक महिला नक्सलियों ने शुक्रवार को आत्मसमर्पण किया. पुरुष नक्सलियों पर जहां 8-8 लाख रुपए तो वहीं एक पुरुष और एक महिला नक्सली पर 2-2 लाख रुपए का छत्तीसगढ़ शासन ने इनाम रखा हुआ था. आत्मसमर्पण करने पर इन नक्सलियों को शासन के नई पुनर्वास नीति के तहत 25 हजार की बजाए 50 हजार रुपए प्रदान किया गया है.

छत्तीसगढ़ को 8741 करोड़ की सौगात : सीएम साय ने कहा – खरसिया-नया रायपुर- परमलकसा रेल परियोजना से खुलेगा विकास का नया द्वार

रायपुर-  प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने भारतीय रेलवे की चार महत्वपूर्ण मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनकी कुल लागत लगभग 18,658 करोड़ रुपये है। इन परियोजनाओं के माध्यम से छत्तीसगढ़ सहित महाराष्ट्र और ओडिशा के कुल 15 ज़िलों को जोड़ते हुए रेलवे नेटवर्क में 1247 किलोमीटर की महत्वपूर्ण वृद्धि होगी।

छत्तीसगढ़ के लिए विशेष रूप से स्वीकृत ‘खरसिया-नया रायपुर- परमलकसा 5वीं एवं 6वीं लाइन’ परियोजना से राज्य के औद्योगिक नक्शे में ऐतिहासिक परिवर्तन की संभावनाएं बनेंगी। यह परियोजना बलौदा बाजार जैसे क्षेत्रों को सीधी रेलवे कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे सीमेंट संयंत्रों, इस्पात इकाइयों और अन्य औद्योगिक निवेश के लिए आधारभूत संरचना तैयार होगी। यह मार्ग कृषि उत्पादों, उर्वरक, कोयला, लौह अयस्क, इस्पात, सीमेंट और चूना पत्थर जैसी सामग्रियों के परिवहन में क्रांतिकारी सुधार लाएगा। इससे माल ढुलाई की लागत घटेगी, संचालन की गति बढ़ेगी और उद्योगों को निर्बाध सप्लाई चेन मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ को मिली यह ऐतिहासिक रेल परियोजना आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की दिशा में एक ठोस कदम है। खरसिया-नया रायपुर- परमलकसा लाइन से बलौदा बाजार और आस-पास के क्षेत्रों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जा रहा है, जिससे यहाँ के युवाओं के लिए रोज़गार और स्वरोज़गार के नए द्वार खुलेंगे। यह परियोजना छत्तीसगढ़ में नया अध्याय लिखेगी, जिससे न केवल कोयला, सीमेंट और लौह अयस्क जैसे क्षेत्रों में उत्पादन और परिवहन को गति मिलेगी, बल्कि क्षेत्रीय आर्थिक सशक्तिकरण भी सुनिश्चित होगा। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आभारी हैं कि उन्होंने छत्तीसगढ़ की आवश्यकता और क्षमता को पहचान कर रेल परियोजनाओं के माध्यम से राज्य को ‘विकास के फास्ट ट्रैक’ पर लाने का काम किया है।

उल्लखेनीय है कि खरसिया से परमलकसा तक 5वीं और 6वीं नई रेल लाइन बिछाने के लिए ₹8,741 करोड़ की महत्वाकांक्षी परियोजना को स्वीकृति मिल गई है, जिससे छत्तीसगढ़ को लॉजिस्टिक्स और औद्योगिक गतिविधियों के क्षेत्र में बड़ी बढ़त मिलेगी।

मुख्य विशेषताएँ

कुल लंबाई: 278 किमी लंबा रेलमार्ग, 615 किमी ट्रैक की लंबाई

स्टेशनों की संख्या: 21

पुल और फ्लाईओवर: 48 बड़े पुल, 349 छोटे पुल, 14 आरओबी, 184 आरयूबी, 5 रेल फ्लाईओवर

ट्रैफिक क्षमता: 21 से 38 मिलियन टन कार्गो, 8 मेल/एक्सप्रेस/सेमी हाई-स्पीड ट्रेनें

ईंधन और पर्यावरण संरक्षण: 22 करोड़ लीटर डीजल की बचत प्रतिवर्ष

113 करोड़ किग्रा CO2 की कटौती – यह लगभग 4.5 करोड़ पेड़ों के लगाने के बराबर है।

लॉजिस्टिक्स लागत में भारी कमी: सड़क परिवहन की तुलना में प्रतिवर्ष ₹2,520 करोड़ की बचत

इन ज़िलों को मिलेगा प्रत्यक्ष लाभ: रायगढ़, जांजगीर-चांपा, सक्ती, बिलासपुर, बलौदा बाज़ार, रायपुर, दुर्ग और राजनांदगांव।

राज्य की प्रगति का नया युग

इस परियोजना से छत्तीसगढ़ में औद्योगिक और व्यापारिक गतिविधियों में तीव्र गति आएगी। यह पहल पर्यावरणीय स्थिरता और ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर को नया आयाम देगी।

छत्तीसगढ़ को खनिज राजस्व में ऐतिहासिक सफलता: विष्णु के सुशासन में वित्तीय वर्ष 2024-25 में मिला 14,195 करोड़ का रिकॉर्ड खनिज राजस्व

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के दूरदर्शी नेतृत्व और खनिज साधन विभाग के सचिव पी. दयानंद के निर्देशन में छत्तीसगढ़ ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में खनिज राजस्व प्राप्ति में नया कीर्तिमान स्थापित किया है।

प्रदेश में संचालित खनन संक्रियाओं से 14,195 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड खनिज राजस्व प्राप्त हुआ है, जो विगत वर्ष 2023-24 के 12,795 करोड़ रुपये की तुलना में लगभग 11% की वृद्धि (1400 करोड़ रुपये अधिक) दर्शाता है।

प्रदेश में खनिज राजस्व प्राप्ति में दंतेवाड़ा अव्वल

वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्रदेश के खनिज राजस्व संग्रहण में जिला दंतेवाड़ा ने सर्वाधिक 6580 करोड़ रुपये का योगदान देकर शीर्ष स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा, कोरबा से 2148 करोड़, रायगढ़ से 2027 करोड़, बालोद से 1313 करोड़, सरगुजा से 585 करोड़, बलौदाबाजार से 354 करोड़, कांकेर से 328 करोड़, तथा सूरजपुर से 155 करोड़ रुपये की उल्लेखनीय राजस्व भागीदारी दर्ज की गई है।

खनिज संसाधनों में राष्ट्रीय भागीदारी

छत्तीसगढ़ खनिज संसाधनों की दृष्टि से देश में महत्वपूर्ण स्थान रखता है। देश के कुल भौगोलिक क्षेत्र में मात्र 4% की हिस्सेदारी होते हुए भी छत्तीसगढ़ का देश के कुल खनिज उत्पादन मूल्य में 16% से अधिक की भागीदारी है। यहां मुख्य रूप से लौह अयस्क, कोयला, चूनापत्थर और बाक्साइट के विशाल भंडार हैं, जो खनिज राजस्व के प्रमुख स्रोत हैं। इसके अलावा, राज्य में सामरिक महत्व के खनिजों सहित कुल 28 प्रकार के खनिज भंडार की पुष्टि हुई है।

ई-नीलामी प्रणाली से अतिरिक्त राजस्व

वर्ष 2015 से खनिज विभाग द्वारा खनिजों का ई-नीलामी के माध्यम से आबंटन की कार्यवाही की जा रही है, जिससे रॉयल्टी के अलावा प्रीमियम के रूप में अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति हो रही है। खनिज राजस्व में हो रही बढ़ोत्तरी में ई नीलामी के माध्यम से स्वीकृत खदानों का योगदान अब स्पष्ट रूप से परिलक्षित हो रहा है।

खनिज विकास मद से अधोसंरचना को बल

राज्य शासन द्वारा खनिज राजस्व की कुल प्राप्ति की 5% राशि "खनिज विकास मद" में अंतरित की जाती है। इससे प्रदेश के दूरस्थ अंचलों में खनिज संसाधनों के विकास और अधोसंरचना निर्माण का कार्य किया जा रहा है। आगामी वर्ष 2025-26 के लिए लगभग 200 करोड़ रुपये प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों में केवल रेल कॉरिडोर निर्माण हेतु प्रावधानित किए गए हैं।

समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास में योगदान

प्रदेश की खनन संक्रिया केवल औद्योगिक संस्थानों को कच्चा माल प्रदान करने तक सीमित नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़ के सामाजिक और आर्थिक विकास का मजबूत स्तंभ बन चुकी है।

"छत्तीसगढ़ की धरती केवल खनिज संपदा से नहीं, विकास की असीम संभावनाओं और जनकल्याण के संकल्प से भी समृद्ध है। वित्तीय वर्ष 2024-25 में 14,195 करोड़ रुपये का रिकॉर्ड खनिज राजस्व प्राप्त कर प्रदेश ने एक नई ऊँचाई को स्पर्श किया है। यह उपलब्धि हमारी दूरदर्शी नीतियों, पारदर्शी प्रशासन, और ईमानदार कार्यसंस्कृति का प्रतिफल है।

ई-नीलामी प्रणाली, तकनीकी नवाचार और सुशासन के माध्यम से हम खनिज क्षेत्र को केवल राजस्व संग्रहण का माध्यम नहीं, बल्कि दूरस्थ अंचलों के लिए विकास के इंजन के रूप में परिवर्तित कर रहे हैं।"

- विष्णु देव साय, मुख्यमंत्री (छत्तीसगढ़)

वक्फ बिल के नाम पर मुस्लिमों को डरा रही है कांग्रेस: बृजमोहन अग्रवाल

नई दिल्ली-  भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने वक्फ संशोधन बिल को लेकर विपक्षी दलों द्वारा फैलाए जा रहे भ्रम पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा कि इस बिल में मुस्लिम समुदाय के विरोध में कुछ भी नहीं है, बल्कि यह उनकी भलाई के लिए लाया गया है।

सांसद श्री अग्रवाल ने कहा कि यह बिल मुस्लिम महिलाओं, नौजवानों और बच्चों के भविष्य को सुरक्षित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे उनके स्वास्थ्य और शिक्षा की बेहतर व्यवस्था होगी तथा वक्फ की संपत्तियों का उचित उपयोग सुनिश्चित किया जाएगा, जिससे देश और समाज को लाभ मिलेगा।

उन्होंने कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों पर निशाना साधते हुए कहा कि वे केवल मुस्लिम वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं और इस बिल के नाम पर समुदाय के लोगों में अनावश्यक भय पैदा कर रहे हैं। जबकि सच्चाई यह है कि यह संशोधन मुस्लिम समाज के हितों की रक्षा करने के लिए है, न कि उनके खिलाफ।

श्री अग्रवाल ने अपील की कि देशवासियों को विपक्ष के दुष्प्रचार से बचना चाहिए और सरकार की नीतियों पर विश्वास रखना चाहिए, जो सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास की भावना से काम कर रही है।

भारत-जापान सहयोग से छत्तीसगढ़ को अवसंरचना और औद्योगिक विकास में नए अवसर: सांसद बृजमोहन अग्रवाल

नई दिल्ली/रायपुर- रायपुर सांसद एवं वरिष्ठ भाजपा नेता बृजमोहन अग्रवाल ने संसद में छत्तीसगढ़ के हितों की पुरजोर वकालत करते हुए कहा कि भारत-जापान के साथ बढ़ते व्यापारिक और औद्योगिक सहयोग से छत्तीसगढ़ में निवेश बढ़ेगा, जिससे युवाओं को रोजगार और राज्य को आर्थिक मजबूती मिलेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से आग्रह किया कि छत्तीसगढ़ को इस सहयोग का अधिकतम लाभ मिले, इसके लिए विशेष योजनाएं बनाई जाएं।

लोकसभा में शुक्रवार को बृजमोहन अग्रवाल ने भारत-जापान संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया। उन्होंने विदेश मंत्री से हिंद-प्रशांत क्षेत्र में रणनीतिक भागीदारी, रक्षा एवं सुरक्षा सहयोग, भारतीय रक्षा उत्पादन नीति में जापान की संभावित भागीदारी, प्रौद्योगिकी और अवसंरचना में व्यापारिक संबंधों की मजबूती, भारत में जापानी निवेश की स्थिति तथा छत्तीसगढ़ को इससे होने वाले संभावित लाभों पर विस्तृत जानकारी मांगी।

विदेश राज्य मंत्री कीर्तिवर्धन सिंह ने संसद में दिए गए उत्तर में बताया कि भारत की ‘एक्ट ईस्ट’ नीति और ‘सागर’ दृष्टिकोण जापान के ‘खुले एवं मुक्त हिंद-प्रशांत’ दृष्टिकोण के साथ मेल खाते हैं। उन्होंने बताया कि क्वाड कार्य ढांचे के अंतर्गत दोनों देशों के बीच सहयोग लगातार मजबूत हो रहा है, जिससे हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्वतंत्रता, शांति और समृद्धि को बढ़ावा मिल रहा है।

रक्षा सहयोग पर चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि 22 नवंबर 2024 को लाओस में आयोजित एडीएमएम प्लस बैठक के दौरान भारतीय और जापानी रक्षा मंत्रियों के बीच वार्ता हुई। इस दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा उद्योग और प्रौद्योगिकी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए कई अहम समझौतों की पुष्टि की गई। साथ ही, दोनों सेनाओं के बीच आपूर्ति और सेवा करार को मजबूत करने और संयुक्त सैन्य अभ्यास को और व्यापक बनाने पर भी सहमति बनी।

जापान भारत में विदेशी निवेश का 5वा सबसे बड़ा स्रोत बना हुआ है। मार्च 2022 में जापानी प्रधानमंत्री महामहिम फुमियो किशिदा की भारत यात्रा के दौरान, अगले पाँच वर्षों में जापान से भारत में 5 ट्रिलियन जापानी येन के सार्वजनिक और निजी निवेश की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई थी। इस निवेश से भारत-जापान औद्योगिक प्रतिस्पर्धात्मकता साझेदारी, स्वच्छ ऊर्जा साझेदारी और सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला साझेदारी को बल मिलेगा। नवंबर 2024 में टोक्यो में आयोजित रणनीतिक व्यापार और प्रौद्योगिकी वार्ता के दौरान, दोनों देशों ने आपूर्ति श्रृंखला अनुकूलता और महत्वपूर्ण तकनीकी सहयोग को मजबूत करने पर चर्चा की।

बृजमोहन अग्रवाल ने छत्तीसगढ़ की ओर से विशेष रूप से यह प्रश्न उठाया कि जापान की ओर से किए जा रहे निवेश और रणनीतिक साझेदारी से राज्य को क्या लाभ होगा। इस पर सरकार ने जवाब दिया कि भारत-जापान सहयोग से छत्तीसगढ़ को अवसंरचना और औद्योगिक विकास में नए अवसर प्राप्त होंगे, जिससे प्रदेश के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।

राज्य सूचना आयुक्त: पूर्व आईएएस, नेता, आरटीआई एक्टिविस्ट, अधिवक्ता और पत्रकारों समेत 72 लोगों ने किया आवेदन

रायपुर- राज्य सूचना आयुक्त के रिक्त पद के लिए कुल 72 आवेदन आए हैं. सामान्य प्रशासन विभाग ने इन नामों को विभाग की वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है. राज्य सूचना आयुक्त के पद के लिए पूर्व आईएएस संजय अलंग, अमृत खलखो, उमेश कुमार अग्रवाल जैसे कई अधिकारियों ने आवेदन किया है. वहीं अधिवक्ता, नेता, आईटीआई एक्टिविस्ट और पत्रकारों की ओर से भी कई चर्चित नामों ने आवेदन किया है.

इससे पहले मुख्य सूचना आयुक्त के पद के लिए 26 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर बनी सर्च कमेटी ने आवेदकों का इंटरव्यू किया था. इस इंटरव्यू में मुख्य सचिव अमिताभ जैन, पूर्व डीजीपी अशोक जुनेजा समेत कई रिटायर्ड अधिकारी भी शामिल हुए थे. सामान्य प्रशासन विभाग अब नामों का पैनल मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता वाली कमेटी को भेजेगा. किसी एक नाम पर अंतिम मुहर यह कमेटी ही लगाएगी. इस कमेटी में नेता प्रतिपक्ष के साथ राज्य सरकार की ओर से नामित किए गए एक मंत्री को रखा जाता है. राज्य सूचना आयुक्त के रिक्त पदों को भरने के लिए नामों का चयन भी यही कमेटी करेगी.

राज्य सूचना आयुक्त के लिए इन्होंने किया है आवेदन

पूर्व आईएएस डॉ. संजय कुमार अलंग, हेमंत कुमार चंद्राकर, संजय कुमार दुबे, संदीप कुमार श्रीवास्तव, तरूण कौशिक, महेश कुमार शर्मा, केवल कान्त, डॉ. दिनेश्वर प्रसाद सोनी, संजय कुमार सिन्हा, राकेश कुमार साहू, बलराम कुमार, बृजेश नाथ पाण्डेय, बृजेश नाथ पाण्डेय, नरेन्द्र सिंह चावला, मनोज राय, यशोदा यादव, हेमराज साहू, संजय कुमार सिन्हा, उमेश कुमार अग्रवाल, अरूण उपाध्याय, आलोक मिश्रा, रूद्र अवस्थी, डॉ. जीतेन्द्र कुमार सिंगरौल, मनोज सिंह बघेल, अशोक कुमार शुक्ल, संतोष कुमार शर्मा, संतोष कुमार शर्मा, मनोज कुमार त्रिवेदी, प्रहलाद कुमार निषाद, आयुष शुक्ला, राजेश रंजन सिन्हा, सुयश शुक्ला, उन्नति साहू, कुसुम साहू, कीर्तन प्रसाद श्रीवास, घनाराम साहू, अध्यापक सिद्धी शर्मा, पियुष पाण्डेय, बृजेश कुमार मिश्रा, ज्योति दागले, रजनीश चंद्राकर, केशव केदार नाथ शर्मा, डॉ.. शिरीष चंद्र मिश्रा, डॉ. सुनील कुमार सिंह, राजकुमार मिश्रा, मनोज राय, विजय कुमार लांजे, देवी प्रसाद चन्द्राकर, सुरेन्द्र कुमार पाण्डेय, ललित कुमार सोनी, सुरेन्द्र कुमार, सुरेन्द्र कुमार, राजेश लाहोटी, रेनू नंदी, नवल सिंह ठाकुर, गुरमीत सिंह खालसा, छविलेश्वर जोशी, अमरेन्दर जीत सिंह परिहार, जयेश बोथरा, कृष्ण नन्दन खिंड, दीपक कुमार जैन, डॉ. नीरज गजेन्द्र, विद्या सोनी, राजेंद्र कुमार पाध्ये, अभिनंदन मिश्रा, अनुज कुमार पटेल, परस राम टण्डन, राजेश कुमार श्रीवास्तव, कौस्तुभ पेंडसे, अमृत कुमार खलखो, अमृत कुमार खलखो, एचएच रात्रे, गौतम कुमार, अनिल तिवारी, चैश्वनी सिन्हा, मीना चंदेल, डॉ. शिरीष चंद्र मिश्रा, लक्ष्मीकांत निर्णजक, अभिनंदन मिश्रा ने राज्य सूचना आयुक्त के लिए आवेदन किया है.