म्यांमार में 334 परमाणु बमों जितनी ताकत से डोली धरती, तीसरे दिन भी कांप रही धरती
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म्यांमार में शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भीषण भूकंप ने म्यांमार में भारी तबाही मचाई। इस विनाकारी भूकंप से करीब 1700 लोगों की मौत हो गई है। शुक्रवार के बाद म्यांमार में रविवार को एक बार फिर भूकंप के झटके लगे हैं। इस भूकंप ने क्षेत्र को हिला दिया। रिक्टर पैमाने पर इसकी तीव्रता 5.1 मापी गई। भूकंप के कारण लोग अपने घरों से निकलकर बाहर आ गए। भूकंप का केंद्र मांडले से लगभग 21 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित था। इधर, तबाह हो चुके म्यांमार में किसी भी जीवित शख्स को खोजने के लिए बचावकर्मी अपनी कोशिश में जुटे हुए हैं।
इस बीच विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि काफी समय तक इस क्षेत्र में भूकंप के झटके (आफ्टरशॉक) आते रहेंगे। वहीं, ये भी बताया कि शुक्रवार को आए 7.7 की तीव्रता के भूकंप के दौरान 334 परमाणु बमों के बराबर उर्जा रिलीज की है। भूविज्ञानी जेस फीनिक्स ने सीएनएन से बात करते हुए बताया है कि म्यांमार में आए भूकंप में 334 परमाणु बमों जितनी ताकत थी, जिसने धरती को झूले की तरह हिला दिया।
फीनिक्स ने आगे कहा कि भूकंप के बाद आने वाले झटके अगले कई महीनों तक महसूस किए जा सकते हैं। ऐसा इसलिए होगा क्योंकि भारतीय टेक्टोनिक प्लेट म्यांमार के नीचे स्थित यूरेशियन प्लेट से टकरा रही हैं। टेक्टोनिक प्लेटें धरती की सतह के नीचे मौजूद बड़ी चट्टानें होती हैं। ये प्लेटें आपस में टकराती हैं तो भूकंप आते हैं। म्यांमार में भूकंप भारतीय और यूरेशियन प्लेटों के टकराने से आया है।
शुक्रवार को 7.7 तीव्रता के भूकंप में कई इमारतें जमींदोज हो गई हैं और सड़कों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा। अब तक 1,700 लोगों के मारे जाने और 3,400 से अधिक लोगों के लापता होने की खबर है। आशंका जताई जा रही है कि यह संख्या बढ़ सकती है।
म्यांमार लंबे समय से चल रहे गृहयुद्ध की चपेट में है और वहां पहले से ही एक बड़ा मानवीय संकट बना हुआ है। ऐसे में राहत-बचाव कार्यों में काफी मुश्किल हो रही है। म्यांमार के पड़ोसी देश थाईलैंड में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे और इसने राजधानी बैंकॉक समेत देश के अन्य क्षेत्रों को हिलाकर रख दिया था। हालात यह हैं कि अस्पतालों में जगह कम पड़ गई है और सड़कों पर अस्थाई तरीके से मरीजों का इलाज किया जा रहा है। इलाज सामग्री व दवाओं की भी काफी कमी हो गई है।
Mar 30 2025, 16:46