नेपाल में ऐसा क्या हुआ भड़क गई हिंसा? सड़कों पर उतर आए लोग, काठमांडू में सेना तैनात

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नेपाल में शुक्रवार को राजशाही समर्थकों ने एक बड़ा प्रदर्शन किया था। इस दौरान काठमांडू में प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर तोड़फोड़ और आगजनी की। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हिंसक झड़प में एक पत्रकार समेत दो लोगों की मौत हो गई और कई लोग घायल हुए हैं।झड़प के बाद हालात खराब हो गए हैं। नेपाल की राजधानी काठमांडू में सेना को बुलाया गया है और कई इलाकों में कर्फ्यू लगाया गया है।

नेपाल में साल 2008 में खत्म हुई राजशाही को फिर से बहाल करने की मांग करते हुए पूर्व नरेश ज्ञानेंद्र के समर्थक सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। यह प्रदर्शन राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी) ने आयोजित किया था जिसे नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह का समर्थन प्राप्त है और यह पार्टी देश में राजशाही स्थापित करने की मांग कर रही है। राजशाही की वापसी की मांग को लेकर किए जा रहे आंदोलन का नेतृत्व नवराज सुवेदी कर रहे हैं। वे राज संस्था पुनर्स्थापना आंदोलन से जुड़े हैं। आंदोलनकारियों का दावा है कि संवैधानिक राजशाही हिंदू राष्ट्र की बहाली ही देश की समस्याओं का समाधान है।

शुक्रवार को नेपाल में हुई हिंसा में दो लोगों की मौत हुई है, जिनमें से एक प्रदर्शनकारी और एक पत्रकार शामिल है। हिंसा इस कदर नियंत्रण से बाहर हो गई थी कि हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू लगाना पड़ा और सेना की तैनाती करनी पड़ी। हिंसा के मामले में पुलिस ने शुक्रवार को 17 लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें राजशाही समर्थक राजनीतिक पार्टी राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी के उपाध्यक्ष रबिंद्र मिश्रा, महासचिव धवल शमशेर राना, राजशाही समर्थक कार्यकर्ता स्वागत नेपाल और संतोष तमांग आदि शामिल हैं। इन लोगों पर हिंसा भड़काने का आरोप है। कई नेताओं को नजरबंद किया गया है। अब तक हिंसा के मामले में कुल 51 लोगों की गिरफ्तारी हुई है।

नेपाल के पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल ने पूर्व राजा ज्ञानेंद्र शाह पर हिंसा भड़काने का आरोप लगाया है। पूर्व पीएम ने ज्ञानेंद्र शाह के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। पुष्प कमल दहल प्रचंड ने शनिवार की सुबह हिंसा प्रभावित इलाकों का दौरा किया। इस दौरान वे सोशलिस्ट फ्रंट के कार्यालय भी पहुंचे, जिसे हिंसा के दौरान नुकसान पहुंचाया गया।

पूर्व पीएम पुष्प कमल दहल प्रचंड ने कहा कि 'अब ये पूरी तरह से साफ हो गया है कि इस सब के पीछे ज्ञानेंद्र शाह हैं। ज्ञानेंद्र शाह की नीयत सही नहीं है। ये पहले भी देखा गया और अब भी देखा जा रहा है, लेकिन अब समय आ गया है कि सरकार कड़ी कार्रवाई करे। घटना की पूरी जांच हो और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए। ज्ञानेंद्र शाह को अब पूरी आजादी नहीं दी जा सकती। यह पूरी तरह से अस्वीकार्य है और नेपाल सरकार को इस मुद्दे पर गंभीर होने की जरूरत है।

दरअसल, राजनीतिक अस्थिरता के बीच नेपाल में राजशाही को बहाल किए जाने को लेकर कुछ समय से सरगर्मी तेज़ हुई है। बीते कुछ दिनों में कई ऐसी रैलियां और प्रदर्शन हुए जिसमें राजशाही को फिर से स्थापित किए जाने की मांग की गई। हाल ही में नेपाल के पूर्व राजा ज्ञानेंद्र की सक्रियता भी देखी गई है।

इस महीने 5 मार्च को काठमांडू में राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने एक बाइक रैली की थी, जिनमें नेपाल के राष्ट्रध्वज के साथ लोग शामिल हुए। छह मार्च को पोखरा में ज्ञानेंद्र ने पूर्व राजा वीरेंद्र की मूर्ति का अनावरण किया गया और इस दौरान सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों ने राजशाही व्यवस्था वाला राष्ट्रगान गाया। ज्ञानेंद्र बीर बिक्रम शाह नेपाल में लोकतंत्र आने के बाद से इस तरह सार्वजनिक रूप से न के बराबर दिखते थे। कुछ खास मौकों पर बहुत ही औपचारिक बयान जारी करते थे।

वहीं, नौ मार्च को वह पोखरा से काठमांडू पहुंचे, जहां हजारों लोगों की भीड़ उनके स्वागत में इकट्ठा हुई थी। इसी भीड़ में एक व्यक्ति, ज्ञानेंद्र की तस्वीर के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लेकर खड़ा था।

म्यांमार की मदद के लिए भारत का “ऑपरेशन ब्रह्मा”, भूकंप से तबाही के बीच पहुंचाई राहत सामग्री

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पड़ोसी मुल्क म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप में भारी तबाही पहुंचाई है। अब तक 1000 से ज्यादा मौतों की जानकारी आई है। 1670 से अधिक लोग घायल हैं। ऐसे मुश्किल वक्त में भारत ने मदद का हाथ बढ़ाया है। भारत ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत राहत सामग्री भेजी है। वायुसेना का विमान सी-130 जे करीब 15 टन राहत सामग्री लेकर यांगून पहुंच गया है। इसमें टेंट, कंबल, स्लीपिंग बैग, खाने के पैकेट, स्वच्छता किट, जनरेटर और आवश्यक दवाएं भेजी गईं हैं। वहीं पीएम मोदी ने म्यांमार के जनरल से बात की है।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि ऑपरेशन ब्रह्मा शुरू हो गया है। भारत से मानवीय सहायता की पहली खेप म्यांमार के यांगून हवाई अड्डे पर पहुंच गई है। विदेश मंत्री ने कहा कि IAF_MCC-130 कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, भोजन के पैकेट और रसोई सेट भेजा गया है। इसके जरिए मेडिकल सुविधाएं भी भेजी गई हैं।

यही नहीं, भूकंप की वजह से प्रभावित क्षेत्रों पर एडीआरएफ की 8वीं बटालियन और भारतीय वायुसेना म्यांमार में भूकंप प्रभावित लोगों की मदद के लिए इस रेस्क्यू ऑपेशन का हिस्सा बने हैं।

पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा कि म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की। विनाशकारी भूकंप में हुई मौतों पर अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की। एक करीबी दोस्त और पड़ोसी के रूप में भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है। ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत आपदा राहत सामग्री, मानवीय सहायता, खोज और बचाव दल को प्रभावित क्षेत्रों में तेजी से भेजा जा रहा है।

बता दें कि म्यांमार में भूकंप के कई झटके महसूस किए गए। इनमें से एक झटका 7.2 तीव्रता का था। म्यांमार और थाईलैंड में शुक्रवार को आए भूकंप ने भयंकर तबाही मचाई। अकेले म्यांमार में भूकंप में एक हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। सैकड़ों लोग लापता हैं। वहीं इस भूकंप में अभी तक 1500 से अधिक लोग घायल हो चुके हैं। राहत-बचाव कार्य तेजी से चल रहा है। भारत ने भी पड़ोसी देश म्यांमार की मदद का एलान किया है।

मस्क ने अपने ही घर में किया सौदा, अपनी सोशल मीडिया कंपनी एक्स को xAI को बेच दिया

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दुनिया के सबसे बड़े रईस एलन मस्क ने एक बड़ा फैसला लिया है। उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स यानी ट्विटर को बेच दिया है। हैरान करने वाले बात यह है कि एलन मस्क ने एक्स को किसी अन्य को नहीं, बल्कि अपनी ही कंपनी xAI को बेचा है। यह डील पूरे 33 अरब डॉलर में हुई है। यह डील शेयरों में हुई है।

मस्क ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि यह कदम xAI की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञता को एक्स के व्यापक उपयोगकर्ता आधार के साथ जोड़कर "अपार संभावनाओं को अनलॉक" करेगा। उनके अनुसार, इस सौदे में xAI का मूल्य 80 बिलियन डॉलर और एक्स का मूल्य 33 बिलियन डॉलर है।

आपको याद दिला दें कि एलन मस्क ने 2022 में ट्विटर को 44 अरब डॉलर में खरीदा था। इसके बाद उन्होंने इसका नाम बदलकर एक्स कर दिया, अधिकतर कर्मचारियों को निकाल दिया और प्लेटफॉर्म की नीतियों में कई बड़े बदलाव किए। बता दें कि अभी एक्स के 600 मिलियन से ज्यादा एक्टिव यूजर्स हैं।

मोहम्मद यूनुस ने जल प्रबंधन के लिए चीन से मांगा 50 साल का मास्टर प्लान, भारत के लिए चिंता का विषय

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बांग्लादेश के नोबेल पुरस्कार विजेता और प्रसिद्ध अर्थशास्त्री मोहम्मद यूनुस ने देश के जल प्रबंधन संकट को हल करने के लिए चीन से 50 साल का मास्टर प्लान तैयार करने में मदद मांगी है। इसमें तीस्ता नदी का जल प्रबंधन भी शामिल है। उन्होंने चीन को 'जल प्रबंधन का मास्टर' बताते हुए कहा कि वे चीन से सीखना चाहते हैं कि जल संसाधनों को लोगों के लिए अधिक उपयोगी कैसे बनाया जा सकता है।

यूनुस चार दिवसीय चीन दौरे पर हैं और शुक्रवार को उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। सरकारी समाचार एजेंसी बांग्लादेश संगबाद संघ (बीएसएस) के मुताबिक, यूनुस ने चीन के जल संसाधन मंत्री ली गुओयिंग से मुलाकात के दौरान चीन की बाढ़ और जल प्रबंधन प्रणाली की सराहना की। उन्होंने कहा, हमारे देश में भी वहीं समस्याएं हैं, जो चीन में हैं। इसलिए अगर आप हमारे साथ अपने अनुभव साझा करें, तो हमें खुशी होगी।

उन्होंने तीस्ता नदी से जुड़े मुद्दों पर खास फोकस किया लेकिन यह भी कहा कहा कि बांग्लादेश की समस्या एक नदी तक सीमित नहीं बल्कि, पूरी जल प्रणाली से जुड़ी है। बीएसएस के मुताबिक, चीनी मंत्री इस बात को माना कि चीन और बांग्लादेश दोनों को जल प्रबंधन से जुड़ी समान चुनौतियों का सामना करना पड़ता। उन्होंने बांग्लादेश को तकनीकी सहयोग देने का आश्वासन दिया।

इससे पहले, यूनुस ने जिनपिंग के साथ बैठक की। जिसके बाद दोनों देशों ने एक संयुक्त बयान जारी किया। इसमें कहा गया कि दोनों देश जल विज्ञान पूर्वानुमान, बाढ़ रोकथाम, आपदा प्रबंधन, नदी की खुदाई और जल संसाधन प्रबंधन में सहयोग बढ़ाएंगे। संयुक्त बयान में कहा गया कि बांग्लादेश सरकार ने तीस्ता नदी के समग्र प्रबंधन और पुनरुद्धा परियोजना (टीआरसीएमआरपी) में चीनी कंपनियों की भागीदारी का स्वागत किया है।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना ने अपनी नई दिल्ली यात्रा के दौरान 22 जून, 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में तीस्ता नदी जल प्रबंधन का काम भारत को देने का वादा किया था। दोनों नेताओ में सहमति बनी थी कि जल्द ही एक भारतीय टीम ढाका का दौरा करेगी जो तीस्ता जल प्रबंधन की भावी योजना की रूपरेखा तैयार करेगी। अब बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस ने चीन की कंपनियों को भारत के लिए बेहद संवेदनशील इस नदी परियोजना का काम देने का वादा किया है।

चीन पहले से ही बांग्लादेश में कई इंफ्रास्ट्रक्चर और जल परियोजनाओं में निवेश कर रहा है, जिससे उसकी इस क्षेत्र में पकड़ मजबूत होती जा रही है। यदि चीन बांग्लादेश के जल संसाधन प्रबंधन में प्रमुख भूमिका निभाता है, तो इससे भारत की जल कूटनीति और रणनीतिक हितों पर असर पड़ सकता है। भारत-बांग्लादेश के बीच तीस्ता नदी जल बंटवारे को लेकर पहले ही मतभेद रहे हैं, और चीन की बढ़ती भागीदारी से यह मुद्दा और जटिल हो सकता है। यदि बांग्लादेश चीन पर अत्यधिक निर्भर हो जाता है, तो इससे भारत और बांग्लादेश के बीच जल समझौतों पर भी असर पड़ सकता है। हालांकि भारत अभी स्थिति पर करीबी नजर बनाए हुए हैं।

कुणाल कामरा की मुश्किलें बढ़ीं, एक ही थाने में दर्ज हुए तीन मामले

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कॉमेडियन कुणाल कामरा इस समय सुर्खियों में बने हुए हैं। महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर टिप्पणी करने के मामले में कामरा की मुश्किलें बढ़ती ही जा रही हैं। इस मामले में कॉमेडियन के खिलाफ तीन केस रजिस्टर किए गए हैं। तीनों केस एक ही पुलिस स्टेशन में दर्ज किए गए हैं।

कुणाल कामरा के खिलाफ जो तीन मामले खार पुलिस स्टेशन में दर्ज हैं, उनमें से एक शिकायत जलगांव शहर के मेयर की है। खार पुलिस ने नासिक के एक होटल व्यवसायी और एक व्यापारी की शिकायत पर भी मामला दर्ज किया है। खार पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है। बता दें कि खार पुलिस कामरा को पूछताछ के लिए दो बार बुला चुकी है, लेकिन कामरा अभी तक पूछताछ के लिए हाजिर नहीं हुए हैं।

खार पुलिस स्टेशन के समन पर कुणाल कामरा ने पुलिस से एक हफ्ते का वक्त मांगा था। हालांकि पुलिस ने उसे रिजेक्ट कर दिया था। खार पुलिस ने कॉमेडियन को दूसरा समन भेजते हुए उन्हें 31 मार्च को जांच के लिए हाजिर होने के लिए कहा था। कुणाल कामरा ने 2 अप्रैल तक का समय मांगा था लेकिन पुलिस ने समय ना देते हुए 31 मार्च को सुबह 11 बजे तक खार पुलिस स्टेशन में हाजिर होने के लिए कहा गया है।

इधर, शुक्रवार को कुणाल कामरा ने मद्रास हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उन्होंने हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत की याचिका दायर की। अग्रिम जमानत के लिए दी गई याचिका में कामरा ने दलील दी कि वह तमिलनाडु के वल्लुपुरम जिले से हैं। उन्हें मुंबई पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने का डर है। इसके बाद राजनेता के बारे में कथित विवादास्पद टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज कई एफआईआर के संबंध में अग्रिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति सुंदर मोहन ने शर्तों के साथ 7 अप्रैल तक अंतरिम अग्रिम जमानत का आदेश दिया है।

बता दें कि कॉमेडियन ने अपने एक कॉमेडी शो के दौरान महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का बिना नाम लिए उन पर गाने के माध्यम से तंज कसा था। कामरा ने बिना नाम लिए एकनाथ शिंदे के लिए 'गद्दार' जैसे शब्द का इस्तेमाल किया था। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी के साथ वायरल हुआ। इससे नाराज शिवसेना समर्थकों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कॉमेडियन ने जिस क्लब में यह शो किया था, वहां तोड़फोड़ की। इसके बाद कामरा के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराई।

हमारे दोस्त मोदी बुद्धिमान और महान प्रधानमंत्री हैं”, भारत के साथ व्यापार समझौते को लेकर ट्रंप आश्वस्त

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जमकर तारीफ की है और उन्हें 'घनिष्ठ मित्र' और 'बहुत स्मार्ट शख्स' बताया है। साथ ही ट्रंप ने भरोसा जताया कि अमेरिकी वस्तुओं पर भारत के उच्च टैरिफ की उनकी लंबे समय से चली आ रही आलोचनाओं के बावजूद, अमेरिका और भारत के बीच चल रही व्यापार वार्ता सकारात्मक समाधान पर पहुंचेगी।

शुक्रवार को वॉइट हाउस में पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने उम्मीद जताई कि भारत के साथ चल रही टैरिफ वार्ता बहुत अच्छी तरह से काम करेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने पत्रकारों से कहा, 'प्रधानमंत्री मोदी हाल ही में यहां आए थे और हम हमेशा से बहुत अच्छे दोस्त रहे हैं। पीएम मोदी को लेकर ट्रंप ने आगे कहा, वे बहुत स्मार्ट व्यक्ति हैं और मेरे बहुत अच्छे मित्र हैं। हमारी बातचीत बहुत अच्छी रही। मुझे लगता है कि भारत और हमारे देश के बीच सब कुछ बहुत अच्छा होने वाला है। उन्होंने आगे कहा, मैं कहना चाहता हूं कि आपके पास एक महान प्रधानमंत्री है।

ट्रंप का इशारा अमेरिका और भारत के बीच चल रही द्विपक्षीय व्यापार समझौता वार्ता की ओर था। यह वार्ता 26 मार्च, 2025 से नई दिल्ली में शुरू हुई, जिसमें अमेरिकी सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक टीम भारत आई है। यह टीम 29 मार्च तक भारत में रहकर चर्चा करेगी। अब अमेरिकी राष्‍ट्रपति के प्रधानमंत्री मोदी को दोस्‍त बताने और ‘बातचीत अच्‍छी चलने’ की जानकारी देने से कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों देशों के बीच टैरिफ को लेकर बात बन गई है। वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल भी कह चुके हैं कि वार्ता अच्छी तरह से आगे बढ़ रही है और द्विपक्षीय समझौता दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा।

ट्रंप का ताजा बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिका 2 अप्रैल से भारत समेत कई देशों पर पारस्परिक टैरिफ लागू करने की तैयारी कर रहा है। अगर द्विपक्षीय व्यापार समझौता हो गया तो भारत अमेरिका द्वारा 2 अप्रैल लगाए जाने वाले ‘रेसिप्रोकल टैरिफ’ से बच जाएगा। अगर समझौता होता है, तो भारत-अमेरिका व्यापार को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। नहीं तो टैरिफ वॉर का खतरा बना रहेगा। ट्रंप ने लगातार भारत की व्यापार नीतियों की आलोचना की है। उन्होंने भारत को टैरिफ किंग कहा है और इसके आयात शुल्क को बहुत अनुचित बताया है।

वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण आज, भारत में नहीं दिखाई देगा भारत में दोपहर 2.20 बजे शुरू होकर शाम 6:13 बजे समाप्त होगा

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

वर्ष 2025 का पहला सूर्य ग्रहण 29 मार्च को आंशिक रूप में होगा। नासा के अनुसार यह आंशिक सूर्य ग्रहण यूरोप, एशिया, अफ्रीका, उत्तरी और दक्षिणी अमेरिका तथा आर्कटिक के कुछ क्षेत्रों में देखा जा सकेगा। भारत में यह नहीं दिखाई देगा क्योंकि इस दौरान चंद्रमा की छाया भारतीय उपमहाद्वीप तक नहीं पहुंचेगी।कुछ स्थानों पर यह ग्रहण सूर्योदय के साथ मेल खाएगा, जिससे दो सूर्योदय जैसा दृश्य देखने को मिलेगा। जैसे ही सूर्य उदय होगा, ग्रहण पहले से ही जारी रहेगा और जब यह समाप्त होगा, तब सूर्य फिर से उदय होता हुआ प्रतीत होगा जिससे यह अनूठी खगोलीय घटना बनेगी। समय के अंतर, तारामंडल की स्थिति और पृथ्वी व चंद्रमा के संरेखण (एलायनमेंट) के कारण यह भारत में नहीं देखा जा सकेगा, लेकिन खगोलीय परिस्थितियों के मद्देनजर आंशिक सूर्य ग्रहण की भारत में 2:20 बजे शुरुआत होगी। शाम 4:17 बजे यह चरम पर होगा और शाम 6:13 बजे समाप्ति होगी।

इस तरह देख सकते हैं सूर्य के धब्बे

नासा के अनुसार, आंशिक सूर्य ग्रहण के दौरान या किसी भी अन्य दिन, सुरक्षित सौर फिल्टर का उपयोग करके सूर्य के धब्बों को देखा जा सकता है। ये काले धब्बे वास्तव में सनस्पॉट होते हैं, जो सूर्य के सतह पर अपेक्षाकृत ठंडे क्षेत्र होते हैं और चुंबकीय गतिविधियों के कारण बनते हैं। ये सनस्पॉट सूर्य पर सक्रिय क्षेत्रों का हिस्सा होते हैं और सौर विस्फोटों के कारण बनते हैं। सूर्य के 11 वर्षीय प्राकृतिक चक्र के दौरान इन धब्बों की संख्या घटती-बढ़ती रहती है। वैज्ञानिक इन धब्बों का अध्ययन करके सूर्य की गतिविधियों का विश्लेषण करते हैं।

81.4 करोड़ से अधिक लोग देख सकेंगे आंशिक ग्रहण

टाइम एंड डेट वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार दुनिया भर के 9.94 फीसदी यानी 81.4 करोड़ से अधिक लोगों को यह आंशिक सूर्य ग्रहण नजर आएगा। हालांकि ग्रहण के चरम बिंदु को देखने का अवसर मात्र 44,800 लोगों को ही मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में एक बार फिर नक्सलियों पर कड़ा प्रहार, 16 के मारे जाने की खबर, सुकमा में चल रही मुठभेड़

#sukma_naxal_encounter

छत्तीसगढ़ में लगातार नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है। एक बार फिर छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में शनिवार सुबह सुरक्षाकर्मियों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ में अब तक 16 नक्सली के मारे जाने की खबर है। संख्या बढ़ भी सकती है। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने अपडेट देते हुए बताया कि 16 नक्सलियों के शव बरामद किए गए हैं। दो जवानों को मामूली चोटें आईं हैं।

जानकारी के मुताबिक जिले के गोगुंडा की पहाड़ी में लगातार फायरिंग चल रही है। सुबह से ही लगातार इस इलाके में गोलीबारी हो रही है।फिलहाल सुकमा एसपी किरण चव्हाण लगातार मुठभेड़ की मॉनिटरिंग कर रहे हैं।किरण चव्हाण ने बताया कि सुकमा-दंतेवाड़ा सीमा पर उपमपल्ली केरलापाल इलाके के जंगल में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हो रही है। इलाकों में लगातार जवानों की टीम सर्चिंग कर रही है।

सुकमा के थाना केरलापाल क्षेत्र में नक्सलियों के होने की सूचना पर 28 मार्च डीआरजी और सीआरपीएफ की संयुक्त पुलिस पार्टी नक्सल विरोधी सर्च अभियान में रवाना हुए थे। अभियान के दौरान आज शनिवार की सुबह सुरक्षाबलों और नक्सलियों के मुठभेड़ हो गई। गोलीबारी की आवाज से पूरा इलाका गूंज गया। इस बीच रूक-रूक कर मुठभेड़ होती रही. मुठभेड़ स्थल व आस-पास क्षेत्रों की सुरक्षा बलों द्वारा सघन सर्चिंग जारी है।

बता दें कि गृहमंत्री अमित शाह कह चुके हैं कि 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है। 20 मार्च को नक्सलियों से हुई मुठभेड़ के बाद देश के गृह मंत्री अमित शाह ने इसे नक्सलमुक्त भारत अभियान कहा। उन्होंने एक्स पर लिखा था,नक्सलमुक्त भारत अभियान की दिशा में आज हमारे जवानों ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है। छत्तीसगढ़ के बीजापुर और कांकेर में हमारे सुरक्षा बलों के 2 अलग-अलग ऑपरेशन्स में 22 नक्सली मारे गए। मोदी सरकार नक्सलियों के विरुद्ध रुथलेस अप्रोच से आगे बढ़ रही है और समर्पण से लेकर समावेशन की तमाम सुविधाओं के बावजूद जो नक्सली आत्मसमर्पण नहीं कर रहे, उनके खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है। अगले साल 31 मार्च से पहले देश नक्सलमुक्त होने वाला है।

म्यांमार में भूकंप से तबाही, मौत का आंकड़ा 700 के करीब, 10 हजार लोगों के मरने की आशंका

#myanmarthailandearthquake

भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में शुक्रवार को भयानक भूकंप आया। 7.7 तीव्रता वाले भूकंप ने बड़ी तबाही मचाई है। म्यांमार में भूकंप से मरने वालों की संख्या बढ़कर 704 हो गई है तथा घायलों की संख्या बढ़कर 1,670 हो गई। अमेरिका के अमेरिका के जियोलॉजिकल सर्वे ने कहा है कि मौतों का आंकड़ा 10,000 तक पहुंच सकता है। देश में रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। रेस्क्यू ऑपरेशन अभी चल ही रहा है, इसी के चलते बचाव कार्य जारी रहने के चलते मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है। भूकंप के झटके थाईलैंड, बांग्लादेश, चीन और भारत तक महसूस किए गए।

म्यांमार के 6 राज्यों और पूरे थाईलैंड में इमरजेंसी

म्यांमार में शुक्रवार सुबह 11:50 बजे 7.7 तीव्रता का भूकंप आया। म्यांमार और थाईलैंड में यह 200 साल का सबसे बड़ा भूकंप है। म्यांमार की सैन्य सरकार ने कम से कम 704 लोगों की मौत की पुष्टि की है, जबकि 1,670लोग घायल हैं। उधर, थाईलैंड में 10 लोगों की मौत हुई है। इस तरह इस आपदा में अब तक 700 से ज्यादा लोगों ने जान गंवाई है। भारी तबाही के चलते म्यांमार के 6 राज्यों और पूरे थाईलैंड में इमरजेंसी लगा दी गई है।

लगातार झटके महसूस हो रहे

अभी भी लगातार झटके महसूस हो रहे हैं, जो लोगों को डरा रहे हैं। शुक्रवार को रात 11:56 बजे म्यांमार में फिर भूकंप के झटके लगे। स्थानीय समय के मुताबिक शुक्रवार रात 11:56 बजे म्यांमार में 4.2 तीव्रता का भूकंप आया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने एक्स पर एक पोस्ट में बताया कि भूकंप की तीव्रता 4.2 रही। यह 10 किमी की गहराई में आया। भूकंप से हुई तबाही का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक 30 मंजिला इमारत जमींदोज हो गई, जिसमें 43 मजदूर फंसे हुए हैं।

म्यांमार में भूकंप के बाद भारत ने मदद भेजी

म्यांमार में आए भूकंप के बाद भारत ने मदद भेजी है। 15 टन वाली राहत सामग्री की पहली खेप वहां पहुंच गई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी पुष्टि की। जायसवाल ने कहा कि इसे ‘ऑपरेशन ब्रह्मा’ नाम दिया गया है।

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को सोशल मीडिया पर लिखा कि म्यांमार के लोगों के लिए पहली खेप के रूप में तात्कालिक मानवीय सहायता भेजी गई है। उन्होंने बताया कि भारतीय वायु सेना का सी-130 प्लेन कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, फूड पैकेट और किचन सेट ले जा रहा है। प्लेन में एक सर्च और रेस्कूय टीम के अलावा मेडिकल टीम भी है। जयशंकर ने कहा कि हम स्थिति पर नज़र बनाए रखेंगे और आगे भी सहायता भेजी जाएगी।

दक्षिण-पूर्व एशिया में दो तेज भूकंप के झटकों से जमकर तबाही, थाइलैंड की राजधानी बैंकॉक में एक निर्माणाधीन उंची इमारत हुई धराशायी

डेस्क : दक्षिण-पूर्व एशिया में आज शुक्रवार को आए दो तेज भूकंप के झटकों से जमकर तबाही हुई। थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक में कई इमारतें हिल गईं। इस दौरान एक निर्माणाधीन ऊंची इमारत देखते ही देखते धराशायी हो गई। बैंकॉक में ऊंची-ऊंची छतों वाले पूलों से पानी बहकर सड़कों पर आ गया और कई इमारतों से मलबा गिरने लगा। इसके अलावा शहर के साथ-साथ पड़ोसी म्यांमार में भी लोग दहशत में देखे गए।

प्रारंभिक रिपोर्टों के मुताबिक, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण और जर्मनी के जीएफजेड भूविज्ञान केंद्र ने बताया कि दोपहर के भूकंप का केंद्र म्यांमार में 10 किलोमीटर (6.2 मील) की गहराई में था। इस भूकंप से तेज झटके महसूस किए गए और करीब 2 घंटे पहले एक हल्का झटका भी दोनों देशों में महसूस किया गया था। बैंकॉक में स्थानीय समय के अनुसार, भूकंप दोपहर करीब 1:30 बजे आया, जिसके बाद इमारतों में अलार्म बजने लगे। घनी आबादी वाले क्षेत्रों की ऊंची इमारतों और होटलों से लोगों को बाहर निकाला गया।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, भूकंप के तुरंत बाद सोशल मीडिया पर कई वीडियो वायरल होने लगे। इसमें निर्माणाधीन इमारत ढहती हुई दिखाई दे रही थी। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हो पाई है। अब तक किसी के हताहत होने की तत्काल कोई सूचना नहीं है।