दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोरखपुर में नवाचार प्रदर्शनी का हुआ आयोजन
गोरखपुर। दिग्विजयनाथ स्नातकोत्तर महाविद्यालय गोरखपुर में संस्थागत नवाचार प्रकोष्ठ के तत्वावधान में नवाचार प्रदर्शनी का आयोजन महाविद्यालय के बहुउद्देशीय हाल में किया गया।
उक्त कार्यक्रम में मुख्य अतिथि देव कुमार गुप्ता, क्षेत्रीय अधिकारी, उ0प्र0 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, गोरखपुर ने कहा कि हमारे लिए भोजन व पानी की तुलना में आक्सीजन सर्वाधिक महत्वपूर्ण है, जिसके लिए हमें वृक्ष लगाकर वातावरण को संयमित करने का प्रयास करना चाहिए। यदि हम आने वाली पीढ़ियों को कुछ देना चाहते हैं तो उन्हें एक स्वच्छ वातावरण देने का प्रयास करना चाहिए, तुलसी व पीपल का वृक्ष हमें चौबीसों घण्टे आक्सीजन प्रदान करते हैं। उन्होंने नवाचार के संदर्भ में कहा कि घटनाओं के घटित होने के साथ ही हमारी सोच बदलती जाती है। जीवन में सभी व्यक्तियों को एक पेड़ लगाने का प्रयास अवश्य करना चाहिए।
मुख्य वक्ता प्रो0 अजय सिंह, प्राणि विज्ञान विभाग, दी0द0उ0, गोरखपुर विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने कहा कि प्रारम्भिक समय में भारत में प्रतिभा होने के बावजूद संसाधनों के अभाव में हम नवाचार को सामने नहीं ला पाते थें, परन्तु आज भारत इस दिशा में सक्षम हुआ है। शिक्षा के क्षेत्र में डिजिटलाइजेशन ने नई क्रान्ति लायी है, आज मेडिकल साइन्स में ए.आई. का बड़े स्तर पर प्रयोग हो रहा है। विज्ञान का प्रयोग अच्छे कार्यो के लिए किया जाय, परन्तु उसका दुरूपयोग न हो इस हेतु हमें प्रयास करना चाहिए। इसके साथ ही कृषि क्षेत्र में भी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए नवाचारों का प्रयोग किया जाने लगा है। महाविद्यालय में आज की प्रदर्शनी विविधता से भरी है, जो यहॉ के नवाचार को प्रमाणित कर रहा है।
विशिष्ट अतिथि प्रो. अश्वनी मिश्रा, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी, गोरखपुर ने विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि आप वर्तमान के बारे में समझे और भविष्य निर्माण के लिए कार्य करें। पूरे भू-भाग का 33ः क्षेत्र वनाच्छादित होना चाहिए, जिसके लिए हम सभी को सम्यक प्रयास करना चाहिए। इस दिशा में उ0प्र0 शासन ने 35 करोड़ पौधरोपण का लक्ष्य रखा है। यदि हम अपनी सोच सकारात्मक रखेंगे तो निश्चित रूप से नवाचार हमारे सामने दिखेगा।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. (डॉ.) ओम प्रकाश सिंह ने कहा कि हमारी परम्परा में साहित्य व शास्त्र भी विज्ञान की बातें करते हैं। आज डिजिटल युग का दौर है, इसलिए जीवन के लगभग सभी क्षेत्रों में हमें डिजीटल होना ही पड़ेगा। उन्होंने आगे कहा कि विचारों में नवीनता का आना ही नवाचार है और विज्ञान करके सीखने में ही विश्वास करता है। उन्होंने विद्यार्थियों की सराहना करते हुए कहा कि डी.एन.ए. संरचना, जी.एस.टी., जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, पवन ऊर्जा, सौर ऊर्जा, राष्ट्रीय सुरक्षा तथा कम्प्यूटर साफ्टवेयर आदि के विविध पहलुओं को विद्यार्थियों ने मॉडल के माध्यम से प्रदर्शित किया है, यह नवाचार को दर्शाता है।
उक्त कार्यक्रम की प्रस्ताविकी देते हुए कार्यक्रम के संयोजक डॉ. शुभ्रांशु शेखर सिंह ने बताया कि कुल 70 नवाचार प्रदर्शनी लगायी गयी है। उक्त कार्यक्रम में विजेता प्रतिभागियों का परिणाम देर शाम तक जारी किया जायेगा।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. नितीश शुक्ला, प्रभारी भौतिक विज्ञान विभाग ने एवं आभार ज्ञापन डॉ. पवन कुमार पाण्डेय ने किया। उक्त अवसर पर आई.क्यू.ए.सी. समन्वयक प्रो. परीक्षित सिंह, प्रो. शुभ्रा श्रीवास्तव, मुख्य नियन्ता डॉ. राम प्रसाद यादव, डॉ. हिमांशु यादव, डॉ. धीरज सिंह, डॉ. रविन्द्र नाथ, डॉ. पीयूष सिंह, डॉ. सुनील कुमार सिंह, डॉ. सुभाष गुप्ता, डॉ. हरिशंकर गुप्ता, डॉ. सूरज शुक्ला, डॉ. अनुराधा सिंह, डॉ. अनुपमा श्रीवास्तव सहित महाविद्यालय के शिक्षक, कर्मचारी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहें।
Mar 25 2025, 20:14