मालिक की मौत के बाद अनाथ हुआ डॉगी,फिर पुलिस अफसर ने लिया गोद, अब पेश की वफादारी की अनोखी मिसाल
जानवरों में कुत्ते को सबसे ज्यादा वफादार माना जाता है. इंसान की प्रति उसकी वफादारी और प्रेम के कई किस्से हमें अपने इर्द-गिर्द मिल जाते हैं. ऐसा ही एक किस्सा कर्नाटक से सामने आया है. एक साल पहले भूस्खलन में अपने मालिक को खोने वाला एक पालतू कुत्ता अचानक इस हादसे से अनाथ हो गया. वह रोज मलबे के पास अपने मालिक के इंतजार में बैठा रहता. एक पुलिस अधिकारी की उसपर नजर पड़ी. जब उसके बारे में जानकरी मिली तो उन्होंने उसे अपना लिया.
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पुलिस अफसर ने कुत्ते को गोद लिया और उसे ट्रेनिंग दी. नतीजन, वह अपने दूसरे मालिक के भरोसे पर खरा उतरा. उसने दौड़ प्रतियोगिता में मेडल जीता. अब यह अपने नए मालिक की घर वापसी तक उनका दरवाजे पर बैठकर इंतजार करता है. उन्हें सेल्यूट करता है और अपना प्यार उड़ेलता है. आज यह कुत्ते उनके घर का सदस्य बन चुका है. आइए जानते हैं इस वफादार जानवर की कहानी.
हादसे में अनाथ हुआ पालतू कुत्ता
कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ जिले के शिरूर में 16 जुलाई 2024 को हुए भूस्खलन ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था. भारी बारिश के कारण नेशनल हाईवे पर पहाड़ धसकने से कई लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी. इस घटना में सड़क के किनारे होटल चलाने वाले एक आदमी सहित उनकी पत्नी और दो बच्चों की भी मलबे में दबकर मौत हो गई. इस हादसे के बाद घटना स्थल पर कई दिन तक लोगों को निकालने का सर्च ऑपरेशन चलता रहा. इस दौरान पुलिस के अधिकारी ने एक कुत्ते को नोटिस किया, जो कि रोजाना घटना स्थल पर आकर बैठ जाता था. यहां वह कुत्ता अपने मालिक का इंतजार करता था.
रोज करता था मालिक का इंतजार
मृतक लक्ष्मण नायक का एक पालतू कुत्ता था, जो कि हादसे के बाद वह अनाथ हो गया. कुत्ते के दिल में अपने मालिक के लिए प्रेम और वफादारी बरकरार रही. वह रोज उसी स्थान पर जाकर अपने मालिक की इंतजार करता था. इस दौरान वहां मौजूद लोगों की भावनाएं उससे जुड़ने लगीं. कुत्ते का यह प्रेम उत्तर कन्नड़ के पुलिस अधीक्षक(एसपी) एम नारायण के दिल को छू गया. उन्होंने उसे अपनाने का फैसला कर लिया और उसे पालन-पोषण के लिए अपने घर ले गये.
पुलिस डॉग के रूप में मिली नई पहचान
एसपी एम नारायण ने न सिर्फ इस कुत्ते को अपने घर में जगह दी, बल्कि उसे पुलिस डॉग की ट्रेनिंग भी दिलवाई. 9 मार्च को आयोजित मादक पदार्थ और साइबर अपराध मुक्त कर्नाटक अभियान के तहत हुई मैराथन में 5 किमी दौड़कर पदक भी जीता. अब यह कुत्ता पुलिस डॉग की तरह काम कर रहा है. कुत्ते को एसपी ने खुद प्रशिक्षित किया और अन्य पुलिस कुत्तों की तरह यह भी बहुत ही स्मार्ट तरीके से काम कर रहा है.
घर का सदस्य बना वफादार साथी
एसपी नारायण के अनुसार, अब यह कुत्ता उनके घर के सदस्य की तरह बन गया है. जब भी वह ऑफिस जाते हैं, तो वह उन्हें सलाम करता है. उनके लौटने तक गेट पर बैठकर वह इंतजार करता है. उन्होंने कहा कि इसे शिरूर में छोड़ दिया जाता तो यह भी आम कुत्तों की तरह हो जाता. लेकिन उचित देखभाल और प्रशिक्षण ने इसे बहुत खास बना दिया है. उत्तर कन्नड़ जिला पुलिस अधीक्षक का यह कदम न केवल सराहनीय है बल्कि यह दर्शाता है कि पशु प्रेम और जिम्मेदारी का सही रूप कैसा होना चाहिए.
6 hours ago