छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के घर ईडी की रेड, बेटे चैतन्य बघेल से जुड़े कई ठिकानों पर छापा

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर पर प्रवर्तन निदेशालय का छापा पड़ा है। ईडी की टीम ने सोमवार तड़के भिलाई स्थित भूपेश बघेल के निवास और बेटे चैतन्य बघेल के घर पर छापेमारी की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने राज्यभर में कुल 14 स्थानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई कथित आर्थिक अनियमितताओं और धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) से जुड़े मामलों को लेकर की जा रही है।

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने यह छापेमारी मनी लॉन्ड्रिंग मामले से जुड़े कथित शराब घोटाले के सिलसिले में की है। ईडी दावा कर चुकी है कि छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ, जबकि शराब सिंडिकेट ने कथित तौर पर अपराध की आय के रूप में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की हेराफेरी की। मामले के सिलसिले में राज्य सरकार के अधिकारियों और व्यापारियों सहित कई व्यक्तियों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है।

इसी साल ईडी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को गिरफ्तार किया था। उनसे हुई पूछताछ के आधार पर आज तफ्तीश का दायरा अब चैतन्य बघेल तक पहुंचता हुआ दिखाई दे रहा है।

अगुस्ता वेस्टलैंड केसः जमानत के बाद भी जेल में रहना चाहता है क्रिश्चियन मिशेल, जानें क्या बताई वजह

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अगस्‍ता वेस्‍टलैंड हेलिकॉप्‍टर खरीद मामले में कथित घोटाले की बिचौलिए की भूमिका निभाने वाले क्रिश्चियन मिशेल को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट से जमानत मिल गई। लेकिन उन्‍होंने जमानत पर जेल से बाहर आने से इनकार कर दिया है।जेम्स ने "सुरक्षा जोखिम" के कारण जमानत पर बाहर जाने के बजाय अपनी सजा पूरी करने पर भारत छोड़ने की पेशकश की। उन्होंने कहा कि दिल्ली उनके लिए सुरक्षित नहीं है।

राउज एवेन्‍यू कोर्ट में क्रिश्चियन मिशेल की जमानत से जुड़ी शर्तों पर सुनवाई शुरू होने पर जज ने कहा कि ऐसा व्‍यक्ति जो 6 साल से जेल में बंद है, वह स्‍थानीय जमानतदार कोर्ट में कैसे पेश कर सकता है। इसके बाद स्‍पेशल जज ने मिशेल से उनका हालचाल पूछा। जज ने कहा, आप कैसे हैं, भगवान की कृपा से पिछले 2 महीनों में आपके साथ अच्छा हो गया है, आपको सीबीआई और ईडी के मामले में जमानत मिल गई है।

इस पर मिशेल ने जज से कहा, मेरे लिए दिल्ली बस एक बड़ा कारागार है। क्रिश्चियन मिशेल ने जज से कहा कि उसे जमानत मिल गई है, लेकिन वह जमानत पर जेल से बाहर नहीं आना चाहता है। मिशेल ने कोर्ट से कहा कि वह अपनी सजा पूरी करके देश छोड़ना चाहता हैं।

न्यायाधीश ने मिशेल से पूछा कि जब उसे जमानत मिल गई है तो वह जेल में कैसे रह सकता है। मिशेल ने कहा,मैं जमानत स्वीकार नहीं कर सकता। यह असुरक्षित है। हर बार जब मैं तिहाड़ (जेल) से बाहर निकलता हूं, तो कुछ न कुछ होता है। जमानत बांड प्रस्तुत करने के पहलू पर, उन्होंने कहा, एक व्यक्ति जो छह साल से जेल में है, वह स्थानीय जमानतदार कैसे पेश कर सकता है? मिशेल द्वारा इस बात पर जोर दिए जाने के बाद कि वह सुरक्षा कारणों से जमानत पर रिहा नहीं होना चाहता, न्यायाधीश ने पूछा, क्या आप दिल्ली में कोई सुरक्षित स्थान नहीं ढूंढ सकते? इसके बाद मिशेल ने निजी तौर पर उस घटना के बारे में बताने" की पेशकश की, जिसका सामना उसने एम्स में भर्ती होने के दौरान किया था।

इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने 4 मार्च को ईडी मामले में उसे जमानत दे दी थी और मिशेल को आवश्यक जमानत शर्तों के साथ पेश करने का निर्देश दिया था, जबकि सर्वोच्च न्यायालय ने 18 फरवरी को निचली अदालत की शर्तों के अधीन सीबीआई मामले में राहत प्रदान की थी।

पाकिस्तान में मारा गया बारत का एक और दुश्मन, कुलभूषण जाधव के आरोपी की हत्या

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पाकिस्तान में भारत का एक और दुश्मन ढेर हो गया है। बलूचिस्तान के तुर्बत में मुफ्ती शाह मीर की गोली मारकर हत्या कर दी। शाह मीर मस्जिद के बाहर हमला हुआ। इस दौरान हमलावरों ने उस पर अंधाधुंल गोलियां बरसा दीं। बताया जा रहा है कि शाह मीर भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के अपहरण में भी शामिल था।

शाह मीर शुक्रवार को नमाज पढ़कर के बाद मस्जिद से बाहर आ रहा था। इसी दौरान हमलावरों ने उस पर अंधाधुंल गोलियां बरसा दीं। शाह को गंभीर हालत में तुर्बत के अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। स्थानीय पुलिस का कहना है कि घटना की जांच की जा रही है और हमलावरों की तलाश के लिए ऑपरेशन शुरू किया गया है। अभी तक इस हत्या के पीछे का मकसद पता नहीं चल सका है।

पाकिस्तान की मीडिया ने मुफ्ती शाह मीर को तुर्बत और बलूचिस्तान का जानामाना धार्मिक विद्वान बताया है। शाह को पाकिस्तान के नेशनल असेंबली के मेंबर और सीनियर नेता मौलाना फजलुर्रहमान का करीबी माना जाता था। दूसरी ओर ये दावा भी किया जाता है कि शाह पर बलूचिस्तान में आतंक को बढ़ावा देने के आरोप थे। वह पाक की खुफिया एजेंसी आईएसआई के एजेंट के तौर पर काम करता था। आईएसआई के एजेंट के तौर पर भारत के नेवी अफसर कुलभूषण जाधव को ईरान से अगवा कर पाकिस्तान लाने में भी उसका हाथ होने का दावा किया जाता है।

मुफ्ती शाह मीर ने आईएसआई के इशारे पर अफगानिस्तान में भी अपनी पैठ बनाई थी। वहां उसने खुद को एक आतंकवादी के रूप में पेश किया और पाकिस्तानी फौज को सटीक जानकारियां दीं। पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई लड़ रहे गुटों से जुड़ी सटीक जानकारी शाह मीर ने आईएसआई को दी। इन्हीं जानकारियों के आधार पर पाकिस्तानी फौज ने हाल के दिनों में इन गुटों पर बड़ी कार्रवाई भी की।

दिल्ली की महिलाओं का इंतजार खत्म, 2500 रुपये वाली योजना को कैबिनेट की मंजूरी

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महिला दिवस के मौके पर दिल्‍ली की महिलाओं को बड़ी सौगात मिली है। दिल्ली में महिला समृद्धि योजना लागू हो गई है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2500 रुपये मिलेंगे। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने यह योजना लागू किए जाने का ऐलान किया। अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बीजेपी ने दिल्ली जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, सीएम रेखा गुप्ता और दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा मौजूद रहे। इस दौरान महिला समृद्धि योजना को लेकर घोषणा की गई।

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा, पीएम मोदी ने कहा कि हम महिला समृद्धि योजना लाएंगे। हम दिल्ली में महिलाओं को 2500 रुपये देने का वादा पूरा करने का ऐलान करते हैं। पीएम मोदी ने 5100 करोड़ रुपये का प्रबंधन किया है। ताकि महिला समृद्धि योजना का वादा पूरा किया जा सके। महिला समृद्धि योजना तुरंत लागू होगी। इसका फैसला कैबिनेट ने कर दिया है।

दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने इस दौरान उन्होंने कहा कि दिल्ली की जनता से किए वो हर वादे पूरे करेंगे। पीएम मोदी जो कहते हैं वो करके दिखाते हैं। इतना बड़ा फैसला बीजेपी ही कर सकती है। उन्होंने कहा कि केवल बीजेपी में ही महिलाओं का सम्मान है। आम आदमी पार्टी ने महिला सांसद का अपमान किया।

दिल्ली में इस योजना का लाभ प्रत्येक परिवार से एक महिला को मिलेगा। अप्रैल से पात्र महिलाओं को यह सहायता राशि मिलनी शुरू हो सकती है। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव के अनुसार दिल्ली में करीब 17-18 लाख महिलाओं को इस योजना का लाभ मिलेगा। योजना को कैबिनेट से मंजूरी मिल चुकी है। 

महिला समृद्धि योजना के लाभार्थी की न्यूनतम उम्र 21 साल और अधिकतम सालाना इनकम 2.50 लाख रुपये होनी चाहिए। इसके साथ ही जिन महिलाओं को विधवा पेंशन, वृद्धावस्था पेंशन, सरकारी पेंशन जैसी योजनाओं का लाभ पहले से मिल रहा है। उन्हें इस योजना में शामिल नहीं किया गया है। महिला समृद्धि योजना के लिए रजिस्ट्रेशन के लिए दिल्ली का वोटर कार्ड, आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता, आय प्रमाण पत्र, आधार और बैंक खाते से मोबाइल नंबर लिंक होना जरूरी है। सरकार ने महिला समृद्धि योजना के तहत रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू करने के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल भी लॉन्च करने की योजना बनाई है। सूत्रों की मानें तो दिल्ली में महिला समृद्धि योजना का लाभ गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को दिया जाएगा। इसके लिए उनके पास बीपीएल कार्ड होना अनिवार्य है।

अपने ही लोगों पर भड़के राहुल गांधी, बोले- कांग्रेस में नेताओं की कमी नहीं, बब्बर शेर लेकिन चेन से बंधे

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देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस इन दिनों गर्त में गिरती जा रही है। लगातार चुनावों में हार का सामना कर रही कांग्रेस ने अपना जनाधार खो दिया है। पार्टी के गिरते परफॉर्मेंस के बीच राहुल गांधी गुजरात में हैं। गुजरात में 2027 में विधानसभा चुनाव होने हैं, इससे पहले राहुल गांधी ने राज्य पर अपना फोकस लगाया है। राहुल दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। आज दूसरा दिन है। राहुल गांधी ने आज अहमदाबाद में पार्टी कार्यकर्ताओं और स्थानीय निकाय चुनाव की तैयारियों लगे पार्टी पदाधिकारियों को संबोधित किया। राहुल ने कई चौंकाने वाली टिप्पणियां कीं और अपनी ही पार्टी को आईना दिखाया।

कांग्रेस के आधे नेता बीजेपी से मिले-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने अहमदाबाद के जेड हॉल में प्रदेश के करीब 2 हजार कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। इस दौरान तेवर दिखाते हुए राहुल गांधी ने कहा कि गुजरात में कांग्रेस की लीडरशीप में दो तरह के लोग हैं। उनमें बंटवारा है। एक हैं जो जनता के साथ खड़े हैं उनके लिए लड़ते हैं, उनकी इज्जत करते हैं जिनके दिल में कांग्रेस की विचारधारा है। दूसरे हैं, जो जनता से कटा हुआ है दूर बैठता है और उसमें से आधे बीजेपी से मिले हैं।राहुल ने आगे कहा, मेरी जिम्मेदारी है कि जो ये दो ग्रुप हैं इनको छांटना है।

कांग्रेस पार्टी बारात के घोड़े को रेस में डाल देती है-राहुल गांधी

कांग्रेस में नेताओं की कमी नहीं है। बब्बर शेर हैं लेकिन पीछे से चेन लगी हुई है तो वे चेन से बंधे हैं। राहुर लांधी ने आगे कहा कि एक मेरी बैठक हो रही थी, जिसमें एक कार्यकर्ता ने कहा कि दो तरीके के घोड़े होते हैं, एक होता है रेस का और दूसरा होता है बारात का। कांग्रेस पार्टी बारात के घोड़े को रेस में डाल देती है और रेस के घोड़े को बारात में डाल देती है। अब गुजरात की जनता भी ये देख रही है कि रेस में बारात के घोड़े डाले हुए हैं।

लोगों को निकालना पड़े तो निकाल देना चाहिए-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा कि पहला काम हमें ये करना है कि हमें पार्टी के भीतर जो गुटबाजी है, उसे अलग करना है और इसके लिए 20-30 लोगों को निकालना पड़े तो निकाल देना चाहिए। राहुल गांधी ने आगे कहा कि दिल में कांग्रेस होनी चाहिए। हाथ कटे तो खून कांग्रेस का निकलना चाहिए। मुझे गुजरात के चुनाव के बारे में बात नहीं करनी है। कांग्रेस पार्टी की विचारधारा गुजरात की विचार धारा हैं, जो गांधी ने सिखाया पटेल ने सिखाया है। नेताओं को जनता से जुड़ने की जरूरत है। हमने भारत जोड़ो यात्रा में ये कर दिखाया है। हमारे नेताओं को जनता के पास जाने की जरूरत है।

पाक के बाद चीन के करीब हो रहा बांग्लादेश, भारत के बिगड़ते संबंधों के बीच मोहम्मद यूनुस का चीन दौरा

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शेख हसीना के तख्तापलट के बाद बांग्लादेश के दोस्तो की फेहरिस्त बदल रही है। कभी शेख हसीना के लिए भारत सबसे करीबी दोस्त हुआ करता था। मोहम्मद यूनुस के मुख्य सलाहकार बनते ही यही भारत बांग्लादेश की आंखों को खटकने लगा है। मोहम्मद यूनुस पाकिस्तान से गलबहियां करने के बाद अब ढाका को बीजिंग के करीब ले जाने में जुट गए हैं। इसी क्रम में मोहम्मद यूनुस चीन की यात्रा पर जाने वाले हैं। मुहम्मद यूनुस द्विपक्षीय बैठक के लिए 26 मार्च को चीन का दौरा करेंगे। यूनुस 26 से 29 मार्च तक चीन के दौरो पर रहेंगे।

नोबेल पुरस्कार विजेता, जिन्होंने शेख हसीना के जाने के बाद बांग्लादेश के अंतरिम नेता के रूप में पदभार संभाला था।7 अगस्त, 2024 को पदभार संभालने के बाद यूनुस की यह पहली चीन यात्रा होगी। रिपोर्ट के अनुसार, 28 मार्च को बीजिंग में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं। यूनुस सबसे पहले 25 मार्च को हैनान प्रांत में बोआओ फोरम फॉर एशिया (बीएफए) सम्मेलन में भाग लेंगे। बीएफए के महासचिव झांग जून ने मुख्य सलाहकार को चीन में सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। बाद में, चीनी अधिकारियों ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में बीजिंग में यूनुस की मेजबानी करने का प्रस्ताव रखा।

रविवार को द डेली स्टार को ढाका में एक राजनयिक सूत्र ने बताया, हम मुख्य सलाहकार के दौरे की तैयारी कर रहे हैं और सहयोग के संभावित क्षेत्रों की तलाश में हैं, जिसमें द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर की संभावना भी शामिल हैष बीएफए सम्मेलन, जिसे अक्सर ‘एशियन दावोस’ कहा जाता है, चीन के दक्षिणी हैनान प्रांत के बोआओ में होता है। प्रोफेसर यूनुस को बीएफए के महासचिव झांग जुन से निमंत्रण मिला है और वह 26 मार्च की शाम को चीनी अधिकारियों की ओर से आयोजित विशेष उड़ान से हैनान जाएंगे। विदेश मंत्रालय के अधिकारी ने कहा, पिछले सप्ताह, ढाका में चीनी दूतावास ने विदेश मंत्रालय को पुष्टि की कि राष्ट्रपति शी के साथ बैठक निर्धारित है। इसके बाद, मुख्य सलाहकार ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की।

नई दिल्ली चीन और पाकिस्तान के साथ ढाका के बढ़ते संबंधों पर कड़ी नज़र रख रही है। हसीना के सत्ता से बाहर होने के बाद, बांग्लादेश के साथ भारत के रिश्ते खराब हो गए हैं।अभी दो दिन पहले, भारत ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सत्र में आरोप लगाया था कि बांग्लादेश पर संयुक्त राष्ट्र की तथ्य-खोजी रिपोर्ट ने “अल्पसंख्यकों के खिलाफ़ बदले की हिंसा” की अवधारणा को “मुख्यधारा में ला दिया है।”

मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार बांग्लादेश को तेजी से चीन के करीब ले जा रही है। इसके पहले यूनुस सरकार ने तीस्ता नदी के प्रबंधन के लिए चीन की तरफ हाथ बढ़ाया था। इसके लिए चीन की सरकारी कंपनी को इस साल दिसम्बर तक कॉन्सेप्ट नोट और 2026 के आखिर तक रिसर्च तैयार करने को कहा गया है। यह वही प्रोजेक्ट है, जिसे पूर्व पीएम शेख हसीना की सरकार भारत के साथ आगे बढ़ाना चाहती थी। अब 1 अरब डॉलर की इस परियोजना को लेकर यूनुस सरकार चीन के साथ आगे बढ़ी है।

विज्ञान ने भी माना भगवान की मौजूद, हार्वर्ड के वैज्ञानिक ने फॉर्मूले से किया साबित

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पूरा ब्रह्मांड एक व्यवस्थित तरीके से चलता है। दिन ढलते हैं, राते होती है। समय-समय पर मौसम करवट लेते हैं। अक्सर मन में ये सवाल उठते हैं, ये सब कैसे मुमकिन होता है। हम इंसानों में अधिकांश इसे ईश्वर का शक्ति मानते हैं। बड़ी संख्या में ऐसे भी लोग हैं जो “भगवान” की मौजूदगी को नहीं मानते। उनके अनुसार सब विज्ञान है। हालांकि, वैज्ञानिकों के लिए भी यह हमेशा जिज्ञासा का विषय रहा है कि कि क्या हमारे ब्रम्हांड में भगवान जैसी कोई चीज है भी या नहीं। हार्वर्ड खगोल भौतिक विज्ञानी और एयरोस्पेस इंजीनियर डॉ. विली सून ने क्रांतिकारी खुलासा किया है। सून ने दावा किया है कि एक गणितीय सूत्र भगवान के अस्तित्व का अंतिम प्रमाण हो सकता है।

विली सून ने ईश्वर के अस्तित्व को साबित करने के लिए एक नया मैथमेटिकल फॉर्म्युला पेश किया है, जो विज्ञान और आध्यात्मिकता को जोड़ने की कोशिश करता है। उन्होंने 'फाइन ट्यूनिंग आर्गुमेंट' पर जोर दिया है और कहा है कि ब्रह्मांड के नियम इतने सटीक और व्यवस्थित हैं, तभी यहां जीवन संभव हो पाया। गुरुत्वाकर्षण की शक्ति से लेकर पदार्थ और ऊर्जा के सटीक अनुपात तक, ब्रह्मांड जीवन का समर्थन करने के लिए सटीक रूप से ट्यून किया गया लगता है।

डॉक्टर विली सून हाल ही में 'टकर कार्ल्सन नेटवर्क' पॉडकास्ट पर दिखाई दिए। इस दौरान उन्होंने कुछ फॉर्मूले पेश किए और सुझाव दिया कि ब्रह्मांड का रहस्य मात्र तारों में ही नहीं, लेकिन गणित के कुछ बुनियादों में भी लिखे हो सकते हैं। अपनी थ्योरी में उन्होंने 'फाइन ट्यूनिंग आर्ग्यूमेंट' को मुख्य केंद्र बनाया है, जो सुझाव देता है कि ब्रम्हांड के फिजिकल लॉ सटीक रूप से जीवन को समर्थन देने के लिए संतुलित किए गए हैं। यह संयोग तो नहीं हो सकता है।

प्रसिद्ध खगोल भौतिकीविद् और एयरोस्पेस इंजिनियर डॉ. सून ने प्रसिद्ध वैज्ञानिक पॉल डिराक के कार्यों का हवाला दिया, जिन्होंने एक गणितीय समीकरण के जरिए प्रतिपदार्थ (एंटीमैटर) के अस्तित्व की भविष्यवाणी की थी, जिसने भी वैज्ञानिकों को हैरान कर दिया था। इसी तरह डॉ. सून का भी मानना है कि कुछ गणितीय समीकरण भले ही पहले समझ से बाहर लगें, लेकिन वे ब्रह्मांड की गहरी सचाई को प्रकट कर सकते हैं।

कैंब्रिज के गणितज्ञ पॉल डिराक की ओर से प्रस्तावित किया गया था कि कैसे कुछ कॉस्मिक एलाइन बिल्कुल अद्भुत सटीकता के साथ एक-दूसरे से मेल खाते हैं। इस घटना ने वैज्ञानिकों को चौंकाया। डिराक ने अनुमान लगाया है कि यूनिवर्स के फिजिकल लॉ के परफेक्ट बैलेंस को गणित के थ्योरी में महान सुंदरता और शक्ति के संदर्भ में परिभाषित किया जा सकता है। इसे समझने के लिए व्यक्ति को हाई इंटेलिजेंस की आवश्यकता पड़ेगी।

ललित मोदी ने भारतीय पासपोर्ट जमा करने के लिए दिया आवेदन, भगोड़े की भारत वापसी मुश्किल

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पूर्व उद्योगपति और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के पूर्व अध्यक्ष ललित मोदी की भारत वापसी अब बेहद मुश्किल हो गई है। ललित मोदी ने अपना भारतीय पासपोर्ट सरेंडर करने के लिए आवेदन किया है। दरअसल, ललित मोदी ने प्रशांत महासागर में मौजूद एक टापू देश वनुआतु की नागरिकता हासिल कर ली है।इसका मतलब है कि ललित मोदी को स्वदेश लाना अब और मुश्किल हो गया है। इसको लेकर विदेश मंत्रालय का भी रिएक्शन सामने आया है।

रणधीर जायसवाल ने बताया कि, ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट छोड़ने के लिए आवेदन किया है। इस आवेदन को नियमों और प्रक्रियाओं के तहत जांचा जाएगा। हमें यह भी पता लगा है कि उन्होंने वानुअतु की नागरिकता प्राप्त कर ली है। कानून के तहत हम उनके ख़िलाफ़ मामला आगे भी जारी रखेंगे।

ललित मोदी के वकील महमूद आब्दी ने भी इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि उन्होंने दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र वानुअतु की नागरिकता ली है। महमूद आब्दी ने दावा किया कि किसी भी भारतीय एजेंसी ने भारत की किसी भी कोर्ट में ललित मोदी के खिलाफ शिकायत या चार्जशीट दायर नहीं की है। उन्होंने कहा कि भारत की किसी भी कोर्ट ने ललित मोदी के ख़िलाफ आरोप भी तय नहीं किए हैं।

ललित मोदी पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के उपाध्यक्ष पद पर रहते हुए बिडिंग में गड़बड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के साथ-साथ विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के प्रावधानों का उल्लंघन करने का आरोप लगा था। ललित मोदी ने सिर्फ एक बार मुंबई में आयकर और ईडी के अधिकारियों के साथ पूछताछ में हिस्सा लिया था। मई 2010 में वह देश छोड़कर यूके भाग गए थे।

कैबिनेट मीटिंग में ट्रंप के सामने भिड़े दो मंत्री, मस्क-रुबियो में जमकर हुई तकरार

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दूसरी बार सत्ता संभालने के बाद कई सख्त फैसले लिए जा रहे हैं। इनमें से कई फैसलों का अमेरिका में विरोध भी हो रहा है। ट्रंप प्रशासन का एक ऐसा ही फैसला स्टाफ कटौती का है। जिसकी आलोचना अमेरिकी राजकर्मियों के संगठन के साथ-साथ अन्य लोग भी कर चुके। अब इसी फैसले के कारण अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में विदेश मंत्री मार्को रुबियो और सरकारी दक्षता विभाग (डीओजीई) के प्रमुख एलन मस्क के बीच नोकझोंक की खबर सामने आ रही है।

व्हाइट हाउस में हुई कैबिनेट बैठक में उस समय तनावपूर्ण माहौल बन गया जब ट्रंप के दो मंत्री आपस में एक बात को लेकर भिड़ गए। डीओजीई विभाग के प्रमुख एलन मस्क और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो के बीच तीखी बहस हो गई। न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक यह विवाद स्टेट डिपार्टमेंट में की गई स्टाफ कटौती को लेकर हुआ। खास बात है कि इस बैठक की अध्यक्षता राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ही कर रहे थे।

न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, तनाव कई हफ़्तों से चल रहा था, मगर कैबिनेट की बैठक में यह फूट पड़ा। रुबियो और मस्क के आक्रामक लागत-कटौती उपायों से लंबे समय से निराश थे। तभी बैठक के दौरान जब मस्क ने उन पर अपने विभाग का आकार कम करने में विफल रहने का आरोप लगाया, तो उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया दी।

बैठक के दौरान मस्क ने कहा, आपने किसी को भी नहीं निकाला है। आपका विदेश विभाग अभी भी फूला हुआ है। मस्क के तीखे सवाल को सुनते ही रुबियो भड़क उठे। उन्होंने जवाब दिया कि मस्क को 1,500 विदेश विभाग के अधिकारियों की याद दिला दी जिन्होंने बायआउट किया था। मगर मस्क प्रभावित नहीं हुए। दोनों के बीच जैसे ही बहस बढ़ी, ट्रंप, जो पहले हाथ पर हाथ धरे देख रहे थे, आखिरकार उनको हस्तक्षेप करना पड़ा।

दरअसल, हाल के दिनों में अमेरिका में बड़े पैमाने पर सरकारी एजेंसियों में कर्मचारियों की छटनी की गई है। ट्रंप और उनके सलाहकार ने हजारों लोगों को नौकरी से निकाल दिया है. ऐसा अमेरिकी नौकरशाही में कटौती के अभियान के तहत हुआ है। अलग-अलग विभागों के कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। सत्ता में आने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक के बाद एक कड़े और बड़े फैसले ले रहे हैं। नौकरी में कटौती को लेकर ट्रंप का कहना है कि फेडरल गवर्नमेंट में बहुत से स्टाफ हैं। उन्होंने हाल में कहा था कि सरकार पर 36 लाख करोड़ डॉलर का कर्ज है। पिछले साल करोड़ों डॉलर का घाटा हुआ था इसलिए इसमें सुधार की जरूरत है।

चीन ने जापान को धमकायाःदिलाई हिरोशिमा-नागासाकी की याद, एटम बम गिराने की दी धमकी

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दुनिया के दो युद्ध पहले से ही जारी है। इस बीच चीन की अकड़ बढ़ती ही जा रही है। ताइवान से बढ़ते तनाव के बीच चीन ने जापान को बड़ी धमकी दी है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने जापान पर एटम हमले की धमकी दी है। ही नहीं, ड्रैगन ने जापान का पुराना जख्म भी कुरेदने की कोशिश भी की है। चीनी विदेश मंत्री ने जापान को हिरोशिमा और नागासाकी की तबाही की याद दिलाई है।

ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी टैरिफ पर बात करते हुए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि जापान जल्द ही हिरोशिमा-नागासाकी पर हुए परमाणु हमले के 80 साल पूरे करने वाला है। हम इस पर संवेदना जाहिर कर रहे हैं। लेकिन समय रहते जापान नहीं सुधरा तो हम 'हिरोशिमा-नागासाकी' से ज्यादा दर्द दे सकते हैं।

चीन के विदेश मंत्री ने कहा कि ताइवान हमारा हिस्सा है। टोक्यो के शह पर उसके लोग उड़ रहे हैं। जापान जानबूझकर चीन में अस्थिरता पैदा करना चाह रहा है।दरअसल, चीन को लगता है कि जापान ताइवान का समर्थन करके उसे कमजोर करने में लगा हुआ है।

ये पहली बार नहीं है जब चीन ने जापान को धमकी दी है।पिछले दिनों चीन ने जापान को डराने के लिए उसके सीमा में फाइटर जेट और जंगी जहाज भेज दिया, जिसके बाद जापान के अधिकारी हरकत में आ गए। जापान ने चीन पर उकसावे का आरोप लगाया।