शादी में AI का जादू! हर फंक्शन में शामिल हुए दिवंगत पिता, लोगों की आंखों से छलके आंसू

इन दिनों हर जगह AI की चर्चा हो रही है. कहीं इसका सकारात्मक उपयोग हो रहा है तो कहीं इसका नकारात्मक उपयोग हो रहा है. ऐसे ही एक मामला दक्षिण भारत में एक बेटे की शादी में दिवंगत पिता की उपस्थिति से जुड़ा मामला सामने आया है. ऐसे में जिन लोगों ने यह वीडियो देखा वो सभी आश्चर्यचकित होकर कह उठे हैं, “वाह, क्या हो रहा है.”

दक्षिण भारत में एक विवाह समारोह के दौरान एक वीडियो चलाया गया,जिसमें दूल्हे के दिवंगत पिता को स्वर्ग से उतरते हुए दिखाया गया. इसके अलावा वो अपनी पत्नी और बेटों से मिलते और समारोह में शामिल होकर भोजन करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं इसके बाद उन्हें फिर स्वर्ग जाते हुए दिखाया गया. वीडियो को देख सभी लोग हैरान रह गए.

बेटे की शादी के हर अवसर पर रहे उपस्थित

लोगों से मिली जानकारी के मुताबिक बेटे की शादी से पहले ही उसके पिता किसी कारणवश इस दुनिया से चले गए. ऐसे में वीडियो इस तरह से बनाया गया है कि पिता स्वर्ग से आता है और अपने बेटे की शादी के हर अवसर पर उपस्थित रहता है. वीडियो में शख्स अपनी पत्नी और बच्चों के साथ भोजन का आनंद लेते हुए दिखाया गया है. वीडियो देखकर वहां बैठे सभी लोगों की आंखें भर आईं.

क्या है Artificial Intelligence?

AI यानी Artificial Intelligence को हिंदी में कृत्रिम बुद्धिमत्ता कहते हैं. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस कंप्यूटर साइंस की एक एडवांस शाखा है. इसमें एक मशीन को कंप्यूटर प्रोग्रामिंग के जरिए इतना बुद्धिमान बनाने की कोशिश की जाती है, जिससे वो इंसानों की तरह सोच-समझ सके और फैसले ले सके. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का जनक अमेरिका के कंप्यूटर साइंटिस्ट जॉन मैकार्थी को माना जाता है. मैकार्थी ने 1956 में डार्टमाउथ कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया था, जिसमें उन्होंने पहली बार AI के कॉन्सेप्ट और संभावनाओं पर चर्चा की थी.

तो RSS के खिलाफ ना बोलूं… राहुल गांधी के B टीम बाले बयान पर क्या बोल गए दिग्विजय सिंह

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने शनिवार को पार्टी की गुजरात इकाई के कुछ नेताओं को चेतावनी दी, जिन पर उन्होंने आरोप लगाया कि वे भाजपा के लिए अंदर से गुप्त रूप से काम कर रहे हैं. गांधी ने कहा कि भाजपा शासित राज्य में पार्टी को साफ करने के लिए अगर जरूरत पड़ी तो कांग्रेस 40 नेताओं को बर्खास्त करने के लिए तैयार है, जहां कांग्रेस दशकों से सत्ता में नहीं है. राहुल गांधी के इस बयान को लेकर काफी चर्चा हो रही है. बीजेपी इस बयान पर तंज कस रही है और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के आला नेता दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी के बयान को लेकर एक्स पर टिप्पणी की है.

दिग्विजय सिंह ने लिखा कि वह राहुल गांधी को उनके बयान के लिए बधाई देते हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें याद है जब वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री थे और गुजरात में चुनाव प्रचार करने के लिए गए थे.

उन्होंने कहा कि उन्हें याद है कि उस समय उन्हें निर्देश दिया गया था कि वह आरएसएस के खिलाफ कुछ नहीं बोलें. क्योंकि यदि वह आरएसएस के खिलाफ बोलते हैं, तो इससे हिंदू नाराज हो जाएंगे.

आरएसएस धर्म के नाम से हिंदुओं को गुमराह कर रहा: दिग्विजय

उन्होंने कहा कि आरएसएस केवल धर्म के नाम से हिंदुओं को गुमराह कर रहा है और उनका शोषण कर रहा है. हिंदुओं के धर्मगुरु शंकराचार्य की हजारों वर्षों की एक स्थापित परंपरा है.

उन्होंने कहा कि वह पहले से आज भी कायम है. उन्होंने कहा कि उनमें से कौन से शंकराचार्य हैं जो आज भाजपा और आरएसएस के सपोर्टर है. उन्होंने कहा कि भाजपा शोषक तत्वों का ग्रुप है. इसका एक मात्र उद्देश्यलोगों को धर्म के नाम पर लूट कर सत्ता हासिल करना है.

राहुल गांधी के बयान पर भाजपा ने कसा तंज

दूसरी ओर, राहुल गांधी के बयान के बाद भाजपा ने उन पर हमला बोला है. भाजपा ने कहा कि राहुल गांधी ने गुजरात में अपनी ही पार्टी को “ट्रोल” किया है, जो उन्हें भाजपा की “सबसे बड़ी संपत्ति” बनाता है.

भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी पर कटाक्ष करते हुए उन्हें “भाजपा की सबसे बड़ी संपत्ति” बताया है. उन्होंने कहा कि उन्होंने खुद को और अपनी पार्टी को ट्रोल किया है. उन्होंने खुद को आईना दिखाने की कोशिश की. कितनी ईमानदार प्रतिक्रिया…

उन्होंने कहा किराहुल गांधी ने माना कि वे गुजरात में जीतने में असमर्थ हैं, रास्ता दिखाने में असमर्थ हैं… राहुल गांधी कहते हैं कि कुछ कांग्रेस कार्यकर्ता रेस के घोड़ों की तरह हैं जिन्हें शादियों में नचाया जाता है, और कुछ शादी के घोड़ों की तरह हैं जिन्हें प्रतियोगिताओं में दौड़ाया जाता है. क्या आपकी पार्टी के कार्यकर्ता जानवर हैं?

नीतीश सरकार के खिलाफ तेजस्वी यादव का धरना, बोले- अब कोई ऑफर स्वीकार नहीं, सीधे चुनाव होगा

आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने बिहार की राजधानी पटना में आज आरक्षण के मुद्दे पर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया. तेजस्वी ने हांथों में पोस्टर पकड़े हुए दिखाई दिए. पोस्टर पर बड़े-बड़े अक्षरों में लिखा था कि 16 प्रतिशत आरक्षण की चोरी करना बंद करो. वहीं एक सवाल पूछे जाने पर तेजस्वी यादव ने कहा कि अब कोई ऑफर स्वीकार नहीं है.

दरअसल, ये सवाल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को महागठबंधन में शामिल किए जाने को लेकर था. इस ऑफर वाले सवाल को सुनते ही तेजस्वी भड़क गए. मीडिया के सवाल पर भड़कते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि अब सीधे चुनाव होगा. कोई ऑफर नहीं मिला है अब केवल चुनाव होगा. लालू जी और मैं ऑथराइज्ड हूं. आरक्षण के मुद्दे पर सदन से सड़क तक और कोर्ट से मीडिया के डिबेट तक RJD लड़ाई लड़ेगी.

16 प्रतिशत आरक्षण का सीधा नुकसान हो रहा

8 मार्च को तेजस्वी यादव ने कहा था कि हमारी सरकार की ओर से बिहार में बढ़ायी गई

जमानत मिलने के बावजूद क्यों कैद हैं 24,879 कैदी, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार में सबसे ज्यादा


देश की अलग-अलग जेलों में 24,000 से ज्यादा ऐसे कैदी मौजूद हैं, जो जमानत मिलने के बाद भी जेल में बंद हैं. इसका खुलासा इंडिया जस्टिस और नालसा सुप्रीम कोर्ट की रिपोर्ट से हुआ है. रिपोर्ट के मुताबिक कुल कैदी 24,879 हैं. इनमें 50 प्रतिशत से ज्यादा उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार से हैं. इस मामले को लेकर मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता एस.के.झा ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग और बिहार राज्य मानवाधिकार आयोग में दो अलग-अलग याचिका दाखिल की हैं.

मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने बताया कि जमानत मिलने के बाद भी जेल में बंद रहना मानवाधिकार का उल्लंघन है. उन्होंने बताया कि माननीय सुप्रीम कोर्ट ऑफ इंडिया ने पहले ही इस बात को कहा था कि जमानत शर्तें पूरी न करने के बावजूद ऐसे बंदियों को रिहा किया जा सकता है, जिन्होंने पूरी सजा का एक तिहाई समय जेल में काटा हो. इसके लिए लोअर कोर्ट जाना होगा.

इन अपराधों में लागू नहीं होता आदेश

सुप्रीम कोर्ट की ओर से यह भी कहा गया था कि जमानत शर्ते पूरी न करने के बावजूद पूरी सजा का एक तिहाई समय जेल में काटने वालों को जमानत देने का आदेश दुष्कर्म और हत्या जैसी अपराधों में नहीं लागू होता. जमानत के बावजूद जेल में बंद होने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा-479 के तहत भी इसे लेकर प्रावधान किए गए हैं.

जमानत मिलने के बाद भी जेल में बंद

हालांकि जानकारी न होने से यह प्रभावी नहीं है. मानवाधिकार अधिवक्ता एस.के.झा ने आयोग से अविलंब हस्तक्षेप की मांग की है और उच्चस्तरीय जांच कर कार्रवाई करने का आग्रह किया है. इस मामले का खुलासा होने के बाद पूरे देश में हलचल मच गई है. ऐसा कई बार देखा जाता है कि लोगों को जेल से जमानत मिलने के बाद भी वह जेल की सलाखों के पीछे ही रह जाते हैं.

अलग-अलग राज्यों के कैदियों की संख्या

उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में ऐसे लोग जेल में बंद हैं, जिनके जमानतदार मौजूद नहीं है. आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 6158 कैदी, मध्य प्रदेश के 4290 कैदी, महाराष्ट्र में 1661 कैदी, केरल में 1124 कैदी, पंजाब और हरियाणा में 922 कैदी, असम में 892 कैदी, तमिलनाडु में 830 कैदी ऐसे ही हैं, जिनके जमानतदार मौजूद नहीं हैं और इस वजह से वह जेल में बंद हैं. बिहार के 3345 कैदी जमानत मिलने के बावजूद जेल में बंद हैं.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर जल्द पूरा होगा सबसे लंबी सुरंग का काम, इतनी है लंबाई

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर भारत की सबसे लंबी सुरंग का काम पूरा होने वाला है. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे पर तैयार की जा रही सबसे लंबी सुरंग जोकि राजस्थान में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व (एमएचटीआर) से गुजरेगी उसका काम लगभग पूरा होने वाला है. अधिकारियों ने सुरंग का निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

यह 8 लेन वाली सुरंग है, देश में यह पहली टनल है जिसमें दो समानांतर ट्यूब हैं, जिनमें से प्रत्येक में चार लेन हैं. हालांकि, भविष्य में सुरंग में 8 से 12 लेन तक तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है. यह सुरंग 4.9 किमी तक फैली है. इस सुरंग में 3.3 किमी का अंडरग्राउंड सेक्शन है. जबकि बाकी के 1.6 किमी का निर्माण कट-एंड-कवर तरीके का इस्तेमाल करके किया जा रहा है. शुक्रवार को इंजीनियर्स ने ट्यूब 1 के निर्माण के पूरे होने का जश्न मनाया. ट्यूब 1 कोटा को चेचट से जोड़ेगा.

ट्यूब-1 की खुदाई हुई पूरी

भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) (National Highways Authority of India) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पुष्टि की कि ट्यूब-1 की पूरी खुदाई हो चुकी है, लेकिन ट्यूब-2 (चेचट से कोटा) में सिर्फ 60 मीटर की खुदाई अभी बाकी है. उन्होंने आगे कहा, यह काम एक महीने के अंदर पूरा होने की उम्मीद है. खुदाई के बाद, कुछ सेक्शन में सुरंग की चौड़ाई और ऊंचाई को बढ़ाने के लिए और भी मोडिफिकेशन किए जाएंगे.

सुरक्षा के क्या होंगे इंतजाम

टनल में सुरक्षा के लिए भी कई इंतजाम किए गए हैं. जिनमें शामिल हैं: – एआई-आधारित मॉनिटरिंग – लाईटिंग और सेंसर – प्रदूषण कंट्रोल सिस्टम – पर्यवेक्षी नियंत्रण और डेटा अधिग्रहण (स्काडा) अधिकारियों ने सुरंग का निर्माण दिसंबर 2025 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा है.

दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 1,350 किलोमीटर का एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेसवे है, जिसे 8-लेन एक्सप्रेसवे के रूप में डिज़ाइन किया गया है. हालांकि, इसको भविष्य में 12 लेन तक बढ़ाने की संभावना जताई गई है. राजस्थान में, निर्माणाधीन 373 किलोमीटर की लंबाई में से 327 किलोमीटर पहले से ही चालू है.

एनएचएआई के एक अधिकारी के मुताबिक, “ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर का निर्माण ज्यादातर हिस्सों पर पूरा हो चुका है. हालांकि, जब तक इंटरचेंज का निर्माण नहीं हो जाता, इन खंडों को यातायात के लिए नहीं खोला जा सकता है.”

दिल्ली में महिलाओं के खाते में नहीं आए 2500 रुपये, आतिशी ने मोदी सरकार पर साधा निशाना

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष की नेता और पूर्व सीएम आतिशी ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की महिलाओं से वादा किया था कि 8 मार्च को 2500 रुपये की पहली किस्त दी जाएगी. न केवल उन्होंने महिलाओं को पैसे नहीं दिए, बल्कि योजना के पैरामीटर भी जारी नहीं किए. पीएम मोदी ने महिलाओं को आश्वासन दिया था कि अपने फोन नंबर को अकाउंट से जोड़ लीजिए, ताकि जब 2500 आप सभी के अकाउंट में भेजे जाएं तो उसका मैसेज भी आप तक तुरंत पहुंच जाए, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ.

यहां तक उन्होंने यह भी नहीं बताया कि रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया कैसे और कब होगी? उन्होंने कल चार सदस्यीय समिति बनाई और सभी जानते हैं कि जब किसी चीज को दरकिनार करने की जरूरत होती है, तो उस पर विचार करने के लिए एक समिति बनाई जाती है. पीएम मोदी की गारंटी एक ‘जुमला’ निकली

मोदी जी का वादा झूठा निकला

सीएम आतिशी ने कहा कि पीएम मोदी का वादा झूठा निकला है. ये पूरी तरह से साफ है कि मोदी जी ने दिल्ली की महिलाओं को धोखा दे दिया है. इसके बाद दिल्ली ही नहीं पूरे देश भर में लोग मोदी की गारंटी पर भरोसा नहीं करने वाले हैं. एक सवाल के जवाब में आतिशी ने कहा कि मोदी जी 10 साल से ज्यादा से देश के प्रधानमंत्री हैं, क्या उन्हें ये एक बात नहीं पता थी कि सरकारी काम में समय लगता है.

इससे तो यही लगता है कि क्या उन्होंने जानबूझकर दिल्ली की महिलाओं और यहां की जनता को धोखा दिया है. क्या जानते हुए कि वो एक महीने में इस गारंटी को पूरा नहीं कर पाएंगे, उन्होंने झूठा वादा किया. दिल्ली की महिलाएं सवाल पूछ रही हैं कि मोदी सरकार ने कैबिनेट में कुछ तो किया है, लेकिन हमारे अकाउंट में पैसे कब तक आएंगे?

हिंदुओं के मंदिरों को क्यों गिराया करता था औरंगजेब? इतिहासकार इरफान हबीब ने बताया

औरंगजेब को लेकर इतिहासकार इरफान हबीब ने बड़ी बातें कही हैं. उन्होंने कहा कि औरंगजेब का बड़ा लंबा जमाना था जब वह बादशाह रहे. तकरीबन 1658 से 1707 तक औरंगजेब का शासन काल रहा. उसने जिन मंदिरों को गिराया वह पहले कभी नहीं हुआ करता था. जो मंदिरों को गिराने वाली बात है. इससे पहले ऐसा किसी मुगल बादशाह ने नहीं किया था.

इरफान हबीब ने कहा कि औरंगजेब ने करीब 1668 से यह सब शुरू किया और कई मंदिर गिराए. वैसे औरंगजेब के शासनकाल के दौरान कई मंदिर सही सलामत भी रहे लेकिन यह भी सच है कि औरंगजेब ने कई मंदिरों को तोड़ा. औरंगजेब ने जिन मंदिरों को गिराएं, उनमें मथुरा, वृंदावन, काशी बनारत के कई मंदिर शामिल हैं. इन तीन जगहों पर मंदिर गिराए जाने के साक्ष्य हमारे पास सनद भी हैं.

औरंगजेब ने कई मंदिरों को तोड़ा

उन्होंने कहा कि औरंगजेब के जमाने में गिराए गए मंदिरों की गवाही के तौर पर तत्कालीन अफसर के बयान भी मौजूद हैं. औरंगजेब मंदिर को इसलिए भी गिराया करता था क्योंकि वो समझता था कि इससे बड़ा सवाब मिलेगा और अल्लाह मियां बहुत खुश होंगे. औरंगजेब ने मथुरा, वृंदावन, बनारस के अलावा और भी कई जगहों पर मंदिर गिराए. कुल मिलाकर औरंगजेब ने कितने मंदिर गिराए थे, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता.

औरंगजेब के जमाने में जो हिंदुस्तान से बाहर के लोग आया करते थे, वह कहते थे कि हिंदुस्तान बड़ा अजीब मुल्क है. हर धर्म के लोग यहां रहते हैं, जो अपने-अपने धर्म की पूजा करते हैं, जिनके मंदिर और मस्जिद यहां मौजूद हैं. क्योंकि बाहर दूसरे मजहब की इजाजत नहीं हुआ करती थी. खासकर यूरोप में तो बिल्कुल किसी दूसरे मजहब की इजाजत नहीं थी. तो उस समय यह भी था और औरंगजेब के शासनकाल के दौरान ही हिंदू राजपूत अफसर भी हुआ करते थे. औरंगजेब के समय यह सब भी था.

औरंगजेब मुगल साम्राज्य का छठा शासक था

औरंगजेब 1618-1707 मुगल साम्राज्य के छठा और अंतिम प्रभावशाली शासक था. उसने 1658 से 1707 तक भारत पर शासन किया. औरंगजेब को उनकी सख्त इस्लामी नीतियों, विस्तारवादी नीति और कठोर प्रशासन के लिए जाना जाता है. उन्होंने अपने पिता शाहजहां को हटाकर गद्दी हासिल की थी. उनके शासनकाल में मुगल साम्राज्य सबसे बड़ा और शक्तिशाली हुआ, लेकिन धार्मिक नीतियों के कारण उन्हें कई विद्रोहों का सामना करना पड़ा. उन्होंने जजिया कर (गैर-मुस्लिमों पर टैक्स) दोबारा लागू किया और कई मंदिरों को तोड़ा, जिससे हिंदू जनता में असंतोष बढ़ा. औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगल साम्राज्य का पतन शुरू हो गया. उनके कठोर शासन और धार्मिक नीतियों के कारण उन्हें काफी विवादित शासक के रूप में देखा जाता है.

कोलकाता रेप केस: पीएम मोदी से मिलना चाहती हैं पीड़िता की मां

पश्चिम बंगाल में आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जिस डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना हुई थी, उनकी मां ने कहा कि वो पति के साथ पीएम मोदी से मुलाकात करना चाहती हैं. अपनी बेटी को न्याय दिलाने के लिए वो प्रधानमंत्री से मिलना चाहती हैं. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर बेटी को याद करते हुए दुखी मां ने राज्य की महिलाओं की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है.

उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री से मिलना चाहूंगी. उनसे बेटी के हत्या के मामले में उनकी सहायता चाहूंगी. हमारी मृतक डॉक्टर के लिए न्याय की हमारी अपील पर विचार करने को लेकर उनसे मदद मागूंगी.

पिछले साल 9 अगस्त को कोलकाता के सरकारी अस्पताल में 31 साल की जूनियर डॉक्टर के साथ रेप की वारदात हुई और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई. इस घटना के बाद पूरे देश के लोगों में आक्रोश फैल गया. एक मां ने आंखों में बेटी के सपने को लेकर कहा कि हमारी बेटी ने बड़े सपने देखे थे. हमने कभी नहीं सोचा था कि उसे ऐसी मौत मरनी पड़ेगी. उसे हमसे दूर गए हुए सात महीने हो गए हैं, लेकिन उसे अभी तक न्याय नहीं मिल पाया. हमारे पास उसकी मौत का भी सर्टिफिकेट भी नहीं है.

उन्होंने कहा कि अगर एक महिला डॉक्टर अपने वर्कप्लेस पर सुरक्षित नहीं है, तो सुरक्षा कहां है? मां की प्रधानमंत्री से मिलने की इच्छा पर प्रतिक्रिया देते हुए बीजेपी विधायक अग्निमित्र पॉल ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगने की एक प्रक्रिया होती है. मुझे यकीन है कि हमारे प्रधानमंत्री उनसे मुलाकात करेंगे और उनकी अपील भी सुनेंगे.

हमारी नेता ममता बनर्जी ने पहले कदम उठाया

तृणमूल कांग्रेस की नेता और राज्य की वित्त मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि इस देश में किसी को भी प्रधानमंत्री से मिलने का समय मांगने और उनसे मिलने का अधिकार है. लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हमारी नेता ममता बनर्जी ने ही पहला कदम उठाया था और अपराधी को गिरफ्तार किया गया था. यहां तक ​​कि जांच एजेंसी भी अपने जांच में आए पहुलओं से अलग नहीं हो सकती.

राज्य की एक जिला अदालत ने 20 जनवरी को रेप और हत्या के मामले में दोषी कोलकाता पुलिस के नागरिक स्वयंसेवक संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने संजय के लिए मृत्युदंड की मांग करते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में अपील दायर की थी.

हाई कोर्ट ने 7 फरवरी को केंद्रीय जांच एजेंसी की इसी तरह की याचिका को स्वीकार करते हुए संजय को दी गई निचली अदालत की आजीवन कारावास की सजा को चुनौती देने वाली राज्य सरकार की अपील को स्वीकार करने से मना कर दिया था.

ये 5 गैजेट और ऐप्स हर Women की करेंगे इफाजत

विमेन्स की सेफ्टी के लिए गैजेट्स से लेकर ट्रैकिंग ऐप तक, ये सब बहुत जरूरी है. मार्केट में ऐसे कई गैजेट्स और ऐप्स मिलते हैं जो विमेन्स ही नहीं किसी के भी फोन में होना बेहद जरूरी है. डेली लाइफ में सेफ्टी, आजादी और मन की शांति के लिए ये ऐप्स और गैजेट जरूर रखें.

अपने स्मार्टफोन में Himmat Plus App और 112 India App जरूर इंस्टॉल करें. ये दोनों ऐप आपको गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर दोनों पर मिल जाएंगे.

Himmat Plus App

हिम्मत प्लस मोबाइल ऐप में SOS बटन दिया गया है. जिसे दबाते ही दिल्ली पुलिस के कंट्रोल रूम में आपकी लोकेशन शेयर हो जाती है. आप किसी भई कोने में क्यों ना हों. एक क्लिक में आपकी लोकेशन डायरेक्ट कंट्रोल रूम पहुंच जाती है. इसके बाद आपकी लोकेशन को सबसे नजदीकी पुलिस स्टेशन में शेयर कर दिया जाता है. इससे पुलिस जितना जल्दी हो सके आपके पास पहुंचती है.

112 India App

112 India ऐप में भी एक SOS बटन दिया गया है. इसका इस्तेमाल आप तब कर सकते हैं जब आप सड़क पर चलते हुए सेफ फील नहीं कर रहे होते हैं. अगर कोई आपका पीछा कर रहा हो तो ये ऐप आपकी हेल्प कर सकता है. ये बटन दबाते ही आपकी लोकेशन रिस्पॉन्स टीम के पास सेंड हो जाती है.

EVEREADY Siren Flashlight with Alarm

ये टॉर्च अलार्म के साथ आती है. इमरजेंसी सिचुएशन में आप इस टॉर्च का इस्तेमाल कर सकते हैं. बटन दबाते ही इसका अलार्म इतना तेज बजता है कि आसपास के एरिया में शोर हो जाता है. इससे कोई भी आपकी मदद के लिए आ सकता है. ये टॉर्च आपको अमेजन और फ्लिपकार्ट पर 219 रुपये में मिल रही है.

पेपर स्प्रे

आप अपने पर्स में एक छोटा सा पेपर स्प्रे भी खरीद कर रख सकते हैं. ये आपके लिए फायदेमंद साबित होगा. जरूरत पड़ने पर आप इसका इस्तेमाल भी कर सकते हैं. ये किसी की भी आखों में स्प्रे करने से कुछ देर के लिए आखों की रोशनी चली जाती है.

Emergency Alarm in Keychain

ये अलार्म आपको अमेजन पर 511 रुपये में मिल रहा है. इस आप किसी और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते हैं. अगर आप चाहें तो और भी स्मार्ट और एडवांस टेक्नोलॉजी वाले अलार्म खरीद सकते हैं.

गाजीपुर के मस्जिदों की अनोखी पहल, बिना दहेज की शादी का दिया जा रहा संदेश; लेकिन कैसे

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में समाज सुधार की एक अनूठी पहल शुरू की गई है. दिलदारनगर कमसार क्षेत्र में कुछ समाजसेवी हर जुमे को मस्जिदों में विशेष जागरूकता अभियान चला रहे हैं. समाजसेवी नमाज के बाद मस्जिदों के बाहर बैनर-पोस्टर हाथों में लेकर खड़े रहते हैं. इन पोस्टरों के माध्यम से वो बिना बारात और बिना दहेज के सादगीपूर्ण निकाह का संदेश दे रहे हैं. उनका मुख्य उद्देश्य शादी-विवाह में होने वाली अनावश्यक खर्च को रोकना है.

इस अभियान में शिक्षा को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया जा रहा है. साथ ही समाज में एकता बढ़ाने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जा रहा है. यह पहल समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो रही है. तख्तियों पर लिखे गए विशेष संदेश समाज में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. इन संदेशों में बिना बारात और बिना दहेज के सादगीपूर्ण निकाह की अपील की गई है.

दहेज के खिलाफ जागरुकता

नमाजियों के लिए यह संदेश प्रेरणा का स्रोत बन रहे हैं. जब वे मस्जिद से बाहर निकलते हैं, तो इन संदेशों को पढ़कर इस पहल की सराहना करते हैं. यह जागरूकता फैलाने का एक प्रभावी माध्यम साबित हो रहा है. इस अभियान का मुख्य उद्देश्य शादी में होने वाले फिजूल खर्च को कम करना है. इसमें लोगों को सलाह दी जाती है कि वे बचे हुए पैसों का उपयोग अपने बच्चों की शिक्षा पर करें. यह प्रयास बिना किसी शोर-शराबे के चुपचाप समाज में बदलाव ला रहा है.

सोशल मीडिया का भी इस्तेमाल

गाजीपुर का कमसारो बार का इलाका जिसमें मुस्लिम बहुल दर्जनों गांव शामिल है और यहां पर इस्लाह मुआशरा का कार्यक्रम आजादी के पहले से चलाया जा रहा है. जिसका समय-समय पर लोग अनुसरण करते हैं और इन इलाकों में बिना दहेज और बिना बारात के शादियों पर लगातार जोर देते हैं. ताकि गरीब बेटियों की भी शादी आसानी पूर्वक हो जाए. ऐसे में अब इन लोगों के द्वारा जो पहल की जा रही है. इससे भी आने वाले समय में एक बड़ी उम्मीद उन परिवारों को दिख रही है जो दहेज के अभाव में अपनी बेटियों की शादी नहीं करा पाते हैं. वहीं इन लोगों के प्रयास को लोग और आगे बढ़ाने के लिए सोशल मीडिया का भी सहारा ले रहे हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता को और आगे तक बढ़ाने में लगे हुए हैं.