चीन को क्यों सताने लगी भारत के साथ संबंध सुधारने की चिंता? जयशंकर के बयान के बाद बदले सुर
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हाल के दिनों में वैश्विक समीकरणों में तेजी से बदलाव आया है। यूक्रेन युद्ध के मुद्दे पर रूस और अमेरिका के बीच बढ़ी नजदीकियों के बाद दुनिया के समीकरण तेजी से बदल रहे हैं। इस बीच चीन ने भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि दोनों देशों को साझा सफलता हासिल करने के लिए मिलकर काम करने पर ध्यान देने की जरूरत है। वांग ने शुक्रवार को नई दिल्ली से रिश्ते के सवाल पर कहा कि दोनों देशों को एक-दूसरे का समर्थन करना चाहिए, ना कि एक-दूसरे को कमजोर करने की कोशिश करनी चाहिए।
शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए वांग यी ने कहा, "इस साल चीन-भारत राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ है। ऐसे में चीन भारत के साथ मिलकर पिछले अनुभवों को समेटने, आगे का रास्ता बनाने और चीन-भारत संबंधों को मजबूत और स्थिर विकास के रास्ते पर आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।"
वांग यी ने कहा, "पिछले एक साल में चीन-भारत संबंधों में सकारात्मक प्रगति हुई है। पिछले अक्टूबर में कज़ान में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच सफल बैठक ने द्विपक्षीय संबंधों के सुधार और विकास के लिए रणनीतिक मार्गदर्शन प्रदान किया। दोनों पक्षों ने हमारे नेताओं की महत्वपूर्ण आम समझ का ईमानदारी से पालन किया है। सभी स्तरों पर आदान-प्रदान और व्यावहारिक सहयोग को मजबूत किया है और कई सकारात्मक परिणाम हासिल किए हैं।"
भारत और चीन को "एक दूसरे का सबसे बड़ा पड़ोसी" बताते हुए, वांग यी ने कहा-दोनों को ऐसे साझेदार होने चाहिए जो एक दूसरे की सफलता में योगदान दें। ड्रैगन और हाथी का एक सहयोगात्मक कदम दो दोनों पक्षों के लिए एकमात्र सही विकल्प है।"उन्होंने कहा कि चीन और भारत के पास दोनों देशों के विकास और पुनरोद्धार में तेजी लाने का साझा कार्य है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को एक-दूसरे का समर्थन करने के लिए हर कारण मौजूद है।
वांग ने इस बात पर भी जोर दिया कि चीन और भारत को ग्लोबल साउथ के विकास को बढ़ावा देने के लिए एक साथ आना चाहिए और दोनों देशों के बीच सीमा विवाद ही उनके द्विपक्षीय संबंधों को निर्धारित करने वाला एकमात्र कारक नहीं होना चाहिए। वांग ने कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे के खिलाफ सावधानी बरतने के बजाय मिलकर सहयोग करना चाहिए।
चीनी विदेश मंत्री का ये बयान ऐसे समय आया है जब ब्रिटेन दौरे पर गए जयशंकर ने लंदन के चैथम हाउस में एक पैनल चर्चा में चीन से रिश्ते पर बोलते हुए कहा कि एक स्थिर संतुलन बनाया जाने की जरूरत है। हम एक स्थिर रिश्ता चाहते हैं। भारतीय विदेश मंत्री ने कहा कि भारत चीन के साथ स्थिर संबंध चाहता है, जिसमें नई दिल्ली के हितों का सम्मान किया जाए। यही हमारे रिश्ते में मुख्य चुनौती है।
बता दें कि अमेरिका जहां रूस से दोस्ती बढ़ाकर चीन को अलग-थलग करना चाहता है तो वहीं भारत को भी अपने साथ लेकर चीन पर दबाव को बढ़ाना चाह रहा है। मगर चीन भी अमेरिका से कम नहीं है, वह उसके इस मर्म को समझ गया है। लिहाजा चीन ने भी अब अपना पाला बदलते हुए सबसे बड़ा ऐलान कर दिया है। चीन ने भारत के साथ मजबूत रिश्ते बनाने की इच्छा व्यक्त की है।
Mar 07 2025, 16:06