जिला स्तरीय रोजगार सृजन मेला 2025 का हुआ आयोजन।

हज़ारीबाग: दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना से ग्रामीण क्षेत्रों में गरीबी उन्मूलन और रोजगार सृजन के माध्यम से ग्रामीणों को आर्थिक विकास की बढ़ावा मिल रही है। ग्रामीण क्षेत्रों में कौशल विकास के माध्यम से स्वरोजगार को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

 यह बातें उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने जिला स्तरीय रोजगार सृजन मेला 2025 के अवसर पर कही।

चतुर्थ जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में ग्रामीण विकास विभाग झारखंड सरकार, जेएसएलपीएस के द्वारा शनिवार को स्थानीय पैराडाइज रिजॉर्ट में जिला स्तरीय रोजगार सृजन मेला 2025 का आयोजन किया गया। जिला स्तरीय रोजगार सृजन मेला 2025 का शुभारंभ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय, डीडीसी श्री इश्तियाक अहमद, जेएसएलपीएस पलाश के मुख्य परिचालन पदाधिकारी श्री विष्णु परिदा व अन्य पदाधिकारियों ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया। 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना के माध्यम से 18 से 35 वर्ष तक के युवाओं को रोजगार से जोड़ा जा रहा है। प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके युवाओं को उनके प्रशिक्षण के अनुसार अलग-अलग कंपनियों में काम करने का अवसर मिलता है। उपायुक्त ने रोजगार सृजन मेला 2025 में आए सभी युवाओं से कहा कि अच्छे से समझबूझकर अपने स्किल के अनुसार ही रोजगार का चयन करें। 

उन्होंने जेएसएलपीएस के पदाधिकारियों से कहा कि युवाओं को प्रशिक्षण बेहतर तरीके से दिया जाए ताकि वह अपने गांव में रहकर ही स्वरोजगार कर जीवन यापन कर सके। जरूरतमंद लोगों को चिन्हित करते हुए उन्हें प्रशिक्षण देकर रोजगार उपलब्ध करवाई जाए।

जेएसएलपीएस पलाश के मुख्य परिचालन पदाधिकारी श्री विष्णु परिदा ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि जेएसएलपीएस, ग्रामीण विकास विभाग की एक संस्था के रूप में लगभग 12 सालों से कार्य कर रही है। जेएसएलपीएस प्रत्येक गांव में समूह बनाकर कार्य करती है। 

अभी तक लगभग 29 हजार गांव के लगभग 32 लाख दीदियों को जोड़ा जा चुका है। कौशल विकास योजना में अभी तक लगभग 70 हजार लोगों को ट्रेनिंग दिया जा चुका है।

जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री दिव्यदीप सिंह ने कहा कि जेएसएलपीएस बेरोजगार युवाओं को विभिन्न उद्योगों में रोजगार योग्य कौशल प्रदान करके उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करती है। जेएसएलपीएस गरीबी से जूझ रहे परिवारों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने का कार्य करती है। ग्रामीण महिलाओं को भी आजीविका का साधन देने का काम करती है। 

जिला स्तरीय रोजगार सृजन मेला में श्रीमती नैंसी सहाय ने ऑन द स्पॉट सुजीत यादव, आकाश कुमार यादव और निशांत कुमार पासवान को ऑफर लेटर प्रदान की। उपायुक्त ने उत्कृष्ट कार्य करने पर तीन जेआरपी रिंकी कुमारी, गायत्री देवी और पूनम देवी को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम में केरेडारी के निक्की कुमारी और कटकमदाग के स्नेहा कुमारी ने अपने अनुभव को मंच के माध्यम से साझा की। जिला स्तरीय रोजगार सृजन मेला में लगभग 25 कंपनियों ने अपने स्टॉल लगाए थे। कार्यक्रम में लगभग 1820 आवेदकों ने अपना रजिस्ट्रेशन कराया। कार्यक्रम में 719 आवेदक शार्टलिस्ट किए गए जिनमें 369 आवेदकों का चयन कर उन्हें रोजगार से जोड़ा गया।  

कार्यक्रम में उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय के अलावे डीडीसी श्री इश्तियाक अहमद, जेएसएलपीएस के मुख्य परिचालन पदाधिकारी श्री विष्णु परीदा, डीपीओ श्री पंकज तिवारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती शिप्रा सिंहा, सामाजिक सुरक्षा के सहायक निदेशक निवेदिता राय, जेएसएलपीएस के जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री दिव्यदीप सिंह सहित कई अन्य पदाधिकारी, विभिन्न कॉलेज से आए छात्र एवं छात्राएं, ग्रामीण क्षेत्र के सखी मंडल की महिलाएं एवं बेरोजगार युवक, युवतियां आदि उपस्थित रहे।

किसानों को सस्ता और आसान ऋण उपलब्ध कराने के लिए सरकार की नई पहल

संशोधित ब्याज सहायता योजना के तहत ऋण सीमा बढ़ाकर 3 लाख से 5 लाख की गई

हज़ारीबाग: केंद्रीय बजट 2025-26 में भारत के अन्नदाता पर विशेष ध्यान केंद्रित किया गया है, जिससे सरकार की कृषि विकास और उत्पादकता को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है। कृषि को दस प्रमुख विकासात्मक क्षेत्रों में शामिल किया गया है, जो भारत की आर्थिक प्रगति को गति देने वाला एक महत्वपूर्ण इंजन है।

केंद्रीय बजट 2025-26 घोषणाओं के कार्यान्वयन पर चर्चा करने के लिए 01 मार्च, 2025 को “कृषि और ग्रामीण समृद्धि पर बजट के बाद वेबिनार” ;(Post-Budget Webinar on Agriculture & Rural Prosperity) आयोजित किया गया। 

उद्घाटन भाषण माननीय प्रधान मंत्री द्वारा दिया गया और कृषि और किसान कल्याण विभाग (DoA&FW) के विभिन्न विभागों के सचिवों की अध्यक्षता में किया गया।

प्रतिभागियों में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ-साथ आरबीआई (RBI), नाबार्ड (NABARD), अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक (एससीबी-SCB), क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (आरआरबी-RRB), राज्य सहकारी और जिला केंद्रीय सहकारी बैंक (एसटीसीबी और डीसीसीबी- StCB and DCCB), राज्य स्तरीय बैंकर्स समितियां (एसएलबीसी- SLBC), कृषि विकास केंद्र (केवीके-KVK) और देश के कोने-कोने से आए किसान शामिल थे।

जैसा कि आर्थिक सर्वेक्षण 2024 में भी बताया गया है, 31.3.2024 तक 7.75 करोड़ किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी-KCC) खाते हैं। अल्पकालिक ऋण जरूरतों को पूरा करके केसीसी योजना ने कृषि उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केसीसी-संशोधित ब्याज अनुदान योजना (केसीसी-एमआईएसएस KCC-MISS) किसानों को 4 प्रतिशत की प्रभावी रियायती ब्याज दर पर ऋण दे रही है।

किफायती ऋण तक आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने जमानत-मुक्त KCC ऋण को ₹1.6 लाख से बढ़ाकर ₹2 लाख कर दिया है। 

एक बड़े कदम के रूप में, केंद्रीय बजट 2025-26 ने संशोधित ब्याज सहायता योजना (MISS) के तहत ऋण सीमा को ₹3 लाख से बढ़ाकर ₹5 लाख कर दिया है। इस कदम से छोटे और सीमांत किसानों पर वित्तीय तनाव कम होने के साथ-साथ कृषि में अधिक निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इससे फसल उत्पादन, बागवानी, पशुपालन और मत्स्य पालन के लिए किसानों की बढ़ी हुई कार्यशील पूंजी आवश्यकताओं को पूरा करने में काफी मदद मिलेगी।

सरकार ने पिछले दशकों में MISS के माध्यम से किसानों को 1.44 लाख करोड़ रुपये प्रदान किए हैं। इन पहलों के माध्यम से, सरकार का लक्ष्य 2023-24 में कृषि अल्पकालिक ऋण को 9.81 लाख करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2029-30 तक 20 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाना है। इन उपायों के ज़रिए सरकार न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में ऋण की सुलभता बढ़ा रही है, बल्कि किसानों को वित्तीय स्वतंत्रता भी दे रही है। जैसे-जैसे यह पहल पूरे देश में लागू होगी, इसमें भारत में कृषि ऋण को फिर से परिभाषित करने की क्षमता है, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि समय पर और किफ़ायती ऋण उन लोगों तक पहुंचे जिन्हें इसकी सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।

100 दिवसीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मीडिया वर्कशॉप का आयोजन


हज़ारीबाग़ :जिला स्वास्थ्य समिति हज़ारीबाग के तत्वाधान में शुक्रवार को सिविल सर्जन सभागार में 100 दिवसीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत मीडिया वर्कशॉप का आयोजन किया गया। मीडिया वर्कशॉप के माध्यम से जिले के पत्रकारों को टीबी मुक्त भारत अभियान में उनके दायित्व एवं कर्तव्यों से उन्हें अवगत कराया गया। कार्यक्रम में उपस्थित पत्रकारों को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह ने कहा कि भारत सरकार राष्ट्रीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम चलाकर भारत को टीबी मुक्त करना चाहती है।

इसी उद्देश्य के तहत झारखंड के चार जिले में 100 दिवसीय यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम चलाई जा रही है। जिले में यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नए मरीजों को चिन्हित करते हुए उनका ईलाज किया जा रहा है। टीबी मुक्त भारत अभियान को पूर्ण करने में मीडिया की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण है। टीबी मुक्त अभियान को सफल बनाने के लिए मीडिया का सहयोग जरुरी है। मीडिया को अपने अखबारों व चैनलों में टीबी की बीमारी से संबंधित सामाग्रियों, जागरूकता कार्यक्रमों, टीबी का लक्षण, उपचार आदि का प्रचार प्रसार करके अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी है।

उन्होंने टीबी के लक्षणों के बारे में बताया कि अधिक पसीना आना, भूख न लगना, बुखार, वजन घटना, खांशी होना, खांशी में बलगम के साथ खून आना, छाती में दर्द ,सांस आने में दिक्कत, जल्दी थक जाना आदि टीबी के लक्षण हैं। लंबे समय तक यदि यह सभी लक्षण दिखाई देते हैं तो जांच करानी चाहिए। यदि सही समय रहते इसकी जांच कर ली जाए तो इससे पूर्णतया बचा जा सकता है। जिनमें रोग प्रतिरोधक क्षमता ठीक रहती है उनमें टीबी होने की गुंजाईश कम रहती है।

इसलिए दवाइयों के साथ-साथ अच्छे खान-पान का होना बेहद जरूरी है। टीबी एक संक्रामक रोग है। ये अपने चपेट में कई लोगों को ले लेती है। टीबी के दवा लेने से मरीज को सप्ताह से 10 दिन में ठीक होने का असर दिखाई देने लगता है। टीबी का ईलाज मुफ्त किया जाता है। इलाज हेतु दवा सदर अस्पताल हजारीबाग, जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों तथा सभी प्रखंडों में मुफ्त उपलब्ध है। कार्यक्रम के अंत में सिविल सर्जन ने उपस्थित सभी मीडिया बंधुओं को यक्ष्मा उन्मूलन में लोगों के बीच जागरूकता लाने और यक्ष्मा उन्मूलन में सहयोग करने की शपथ दिलाई।

वर्कशॉप में सिविल सर्जन डॉ. एसपी सिंह के अलावे डॉ. आरके जायसवाल, डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट (टीबी प्रोग्राम), डॉ. साफिन रिहान सहित कई पत्रकार व अस्पताल कर्मी उपस्थित रहे।

भारतीय रिज़र्व बैंक का वित्तीय साक्षरता अभियान, हजारीबाग में कार्यक्रम आयोजित

भारतीय रिज़र्व बैंक, देश के केंद्रीय बैंक के रूप में देश की वित्तीय और मौद्रिक व्यवस्था को विनियमित करने के साथ साथ वित्तीय शिक्षण, वित्तीय समावेशन व वित्तीय जनजागरण के प्रसार जैसी बुनियादी जिम्मेदारियों के लिए भी प्रतिबद्ध है।

भारतीय रिज़र्व बैंक, राँची कार्यालय ने बैंक के 90वें वर्ष के उपलक्ष्य में पूरे वर्ष भर के लिए कई नवोन्मेषी कार्यक्रमों और अभिनव पहलों की परिकल्पना की है। इसके अंतर्गत राँची कार्यालय ने राज्य के 90 विद्यालयों एवं महाविद्यालयो में वित्तीय शिक्षण व समावेशन संबंधित जागरूकता कार्यक्रम करने का निश्चय किया है, जिसमें विशेष योग्यता वाले बच्चों के स्कूल भी शामिल रहेंगे। इस अभियान की शुभारंभ दिनांक 20 अगस्त 2024 को जमशेदपुर जिला से हुआ।

इसी क्रम में, भारतीय रिजर्व बैंक, राँची कार्यालय ने दिनांक 27 फरवरी 2025 को कस्तूरबा गाँधी बालिका विद्यालय, चरही एवं सीएम स्कूल ऑफ एक्सेलेंस बालिका विद्यालय, हजारीबाग में वित्तीय जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।

कार्यक्रम में श्री प्रेम रंजन प्रसाद सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, राँची कार्यालय ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और छात्रों में वित्तीय साक्षरता के प्रसार के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने वर्तमान परिदृश्य में डिजिटल बैंकिंग में सतर्कता और वित्तीय जन-जागरूकता के महत्व पर छात्रों को जागरूक किया। 

वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम के दौरान छात्रों के लिए प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी किया गया, जिसके विजेताओं को आकर्षक पुरस्कार प्राप्त हुए ।वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम के साथ ही रिज़र्व बैंक, राँची द्वारा के विशेष अभियान ‘ हरा भरा सुंदर संसार ’ के अंतर्गत विद्यालय परिसरों में पौधों का रोपण भी किया गया और वित्तीय जागरूकता एवं पर्यावरण संरक्षण संबंधित संदेशयुक्त पटल लगाये गये ।

इसके साथ ही भारतीय रिज़र्व बैंक, राँची क्षेत्रीय कार्यालय ने वित्तीय साक्षरता सप्ताह 2025 जिसका मुख्य विषय ‘वित्तीय समझदारी - समृद्ध नारी’ है, के दौरान गृहणियों, कामकाजी महिलाओं और महिला उद्यमियों को लक्षित करते हुए अनेक बहुस्तरीय कार्यक्रमों की योजना बनायी है जिसके अंतर्गत आज आरसेटी, हजारीबाग में स्वयं सहायता समूह की सदस्यों के लिये भी वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम का आयोजन किया। 

कार्यक्रम में श्री प्रेम रंजन प्रसाद सिंह, क्षेत्रीय निदेशक, भारतीय रिज़र्व बैंक, राँची कार्यालय ने प्रतिभागियों को संबोधित किया और चर्चा करते हुए कहा कि समाज में महिलाओं की बहुमुखी भूमिका को ध्यान में रखते हुए उनके लिए वित्तीय साक्षरता को प्राथमिकता देना महत्त्वपूर्ण है । 

इन कार्यक्रमों में जोखिम विविधीकरण, जिम्मेदारीपूर्वक उधार लेना, अच्छा ऋणों ( क्रेडिट स्कोर ) बनाये रखना और घरेलू बजट बनाना जैसे विषय शामिल होंगे; जो गृहणियों, कामकाजी महिलाओं और महिला उद्यमियों पर विशेष रूप से केन्द्रित होंगे।

अफीम की खेती पर पुलिस की लगातार कारवाई, चार एकड़ भूमि पर लगे पोस्ता की फसल को किया गया नष्ट।


हजारीबाग जिला के चौपारण थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम गरमोरवा के बेलवा जंगल और कस्बा तारी जंगल में अवैध रूप से लगाए गए लगभग 4 एकड़ अवैध अफीम की खेती को थाना प्रभारी,चौपारण अपने पुलिस पदाधिकारी तथा सशस्त्र बलों एवं वन विभाग की टीम के साथ अभियान चलाकर नष्ट किया।

इस संदर्भ में अवैध अफीम की खेती करने वाले लोगों को चिन्हित कर अग्रतर कार्रवाई की जा रही है।

खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए एकदिवसीय जागरूकता सह लाइसेंस रजिस्ट्रेशन कैंप का किया गया आयोजन।


हजारीबाग:- स्वास्थ्य, चिकित्सा- शिक्षा एवं परिवार कल्याण विभाग, झारखण्ड सरकार, रांची के निर्देशानुसार अभिहित अधिकारी सह अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, हजारीबाग डाॅ० शशि जायसवाल के मार्गदर्शन में खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी प्रकाश चन्द्र गुग्गी के द्वारा बरही प्रखण्ड कार्यालय परिसर में स्ट्रीट फूड वेंडर, ठेला- खोमचा एवं अन्य खाद्य प्रतिष्ठानों के लिए एकदिवसीय जागरूकता सह लाइसेंस/रजिस्ट्रेशन कैंप का आयोजन किया गया।

कैंप में कुल 42 रजिस्ट्रेशन निर्गत किया गया तथा उनको ठेला-खोमचा या परिसर में व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ साथ उपयोग में आने वाले बर्तन, सफाई में उपयोग होने वाले कपडे के साथ ठेला-खोमचा एवं परिसर की सफाई रखने का निर्देश दिया गया। 

खाद्य सामग्री खरीदते समय पैकेट पर निर्माण तिथि, उपयोग की अंतिम तिथि तथा FSSAI लाइसेंस नंबर अनिवार्य रूप से देखने का निर्देश दिया गया। भोजन बनाते समय टोपी व मास्क अनिवार्य रूप से पहनने का भी निर्देश दिया गया। मौके पर प्रखण्ड विकास पदाधिकारी श्री जयपाल महतो के द्वारा खाद्य विक्रेताओं को रजिस्ट्रेशन वितरण किया गया। इस कार्य के लिए श्री विकाश शर्मा एवं श्री सुरज कुमार, डाटा इण्ट्री ऑपरेटर का सहयोग रहा।

हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल का अनिश्चितकालीन धरना समाप्त, प्रशासन ने दिया कार्रवाई का आश्वासन


हजारीबाग:- हजारीबाग सांसद मनीष जायसवाल गोला के सोसोकलां में बच्चियों पर पत्थराव मामले को लेकर मुखर हो गए हैं। 15 दिन के अल्टीमेटम के पूरा होने पर उन्होंने अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया।

धरना के दौरान सांसद ने प्रशासन पर आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया। चार घंटे के बाद जिला प्रशासन के वार्ता के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया। 

प्रशासन ने एक महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल करने और दोषियों को गिरफ्तार करने का भरोसा दिया। गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी ने भी इस आंदोलन में समर्थन दिया। सांसद ने कहा कि अगर न्याय नहीं मिला तो पुनः उग्र आंदोलन किया जाएगा।

उपायुक्त ने समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की समीक्षा की।


उपायुक्त नैंसी सहाय की अध्यक्षता में गुरुवार को समाहरणालय सभागार में समाज कल्याण विभाग की समीक्षात्मक बैठक आयोजित की गई। बैठक में उपायुक्त ने समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत संचालित योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की। उपायुक्त ने बैठक में सावित्रीबाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना, आंगनबाड़ी केंद्र भवन की भौतिक स्थिति, पोषण अभियान अंतर्गत पोषण ट्रैकर ऐप में लाभुकों का आधार सत्यापन, टी.एच.आर. के वास्तविक लाभुक एवं पोषण ट्रैकर ऐप में प्रविष्टि में अंतर, आंगनबाड़ी केंद्रों में टी.एच.आर. वितरण की स्थिति, आंगनबाड़ी सेविका/ सहायिका की रिक्ति की स्थिति, राज्य विधवा पुनर्विवाह प्रोत्साहन योजना की स्थिति, आंगनबाड़ी सेविका/सहायिकाओं के मानदेय/अतिरिक्त मानदेय भुगतान की स्थिति, पोषाहार मद में प्राप्त आवंटन एवं व्यय की स्थिति, मिशन वात्सल्य योजना आदि के प्रगति की समीक्षा की।

बैठक में उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं को केंद्र व राज्य सरकार द्वारा संचालित योजनाओं में बेहतर व प्रशंसनीय कार्य करने पर बधाई दी। तत्पश्चात उपायुक्त ने सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं को समय-समय पर सेंटर विजिट करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सेंटर विजिट कर वहां कि व्यवस्था,रखरखाव, शौचालय, पानी, बिजली आदि की स्थिति का रिपोर्ट करना सुनिश्चित करें।

आंगनबाड़ी केंद्रों में विशेषकर शौचालय और पानी कार्यात्मक है कि नहीं इसे रिपोर्ट में मेंशन अवश्य करें। उन्होंने कहा कि बहुत सारे आंगनबाड़ी केंद्रों का मॉडलाइजेशन किया गया है और अभी भी आंगनबाड़ी केंद्रों में काफी मेहनत करने की जरूरत है। आने वाले समय में कई नए आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण कराया जाना है। उन्होंने लाभुकों का आधार सत्यापन ससमय कर लेने हेतु सभी को निर्देशित किया।

बैठक में जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती शिप्रा सिंहा ने कहा कि महिला पर्यवेक्षिकाओं को सेंटर चिन्हित करके कार्य करने की आवश्यकता है। सेंटर चिन्हित कर कार्य करने में काफी सुविधा व सहूलियत होगी। उन्होंने कहा कि अप्रैल माह से आंगनबाड़ी केंद्रों में टी.एच.आर. का वितरण फेस ऑथेंटिकेशन से किया जाएगा। फेस ऑथेंटिकेशन का प्रशिक्षण महिला पर्यवेक्षिकाओं को दिया जा चुका है। सेविकाओं का प्रशिक्षण मार्च के प्रथम सप्ताह तक पूर्ण कर ली जाएगी। स्पॉन्सरशिप योजना के तहत इस वित्तीय वर्ष में 192 नए बच्चे को लाभान्वित किया गया है।

बैठक में उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय के अलावे जिला योजना पदाधिकारी श्री पंकज तिवारी, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी श्रीमती शिप्रा सिंहा, सभी बाल विकास परियोजना पदाधिकारी एवं महिला पर्यवेक्षिका सहित कई अन्य कर्मी उपस्थित रहे।

हजारीबाग में महाशिवरात्रि की धूम, शिव बारात निकली, मंदिरों में उमड़ी भीड़

हजारीबाग: महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर हजारीबाग में श्रद्धा और भक्ति का अनोखा संगम देखने को मिला। सुबह से ही शिवालयों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। महिला और पुरुष श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जल, दूध, बेलपत्र और धतूरा अर्पित कर भगवान शिव की पूजा-अर्चना की। हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय हो गया।

हज़ारीबाग़ शहर में भव्य शिव बारात निकाली गई, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल हुए। छऊ नृत्य, आकर्षक झांकियां और शिव तांडव की प्रस्तुति ने बारात की शोभा बढ़ा दी। भक्तों ने अबीर-गुलाल उड़ाकर और ढोल-नगाड़ों की धुन पर नाचते-गाते शिवभक्ति का आनंद लिया।

हज़ारीबाग़ शहर के मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहा। शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए श्रद्धालु लंबी कतारों में खड़े नजर आए।

शहर में निकलने वाली शिव बारात के दौरान सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। पुलिस प्रशासन की कड़ी निगरानी के बीच आयोजन शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ। हजारीबाग में महाशिवरात्रि का यह भव्य आयोजन भक्तों के लिए आस्था और उल्लास से भरा रहा।

बाल श्रम के रोकथाम हेतु ज़िला स्तरीय टास्क फ़ोर्स की बैठक।


बाल श्रम ज़िला स्तरीय टास्क फ़ोर्स की बैठक आज दिनांक 25.05.2025 को अपर समाहर्ता श्री संतोष सिंह के अध्यक्षता में की गई। बैठक में बाल श्रम से संबंधित विभिन्न बिंदुओं पर चर्चा की गई।

इस दौरान श्रम अधीक्षक अनिल कुमार रंजन ने बताया कि वर्तमान् वित्तिय वर्ष में अब तक 14 बाल श्रमिक इस ज़िले से विमुक्त कराये गये हैं। सभी नियोजक पर बाल श्रम आधिनियम के अंर्तगत एफ़आइआर की गई है,एवम् सभी नियोजक से 20 हज़ार रुपए की दर से राशि की वसूली की गई है। विमुक्त चौदह बच्चों में ग्यारह बच्चे ज़िले के बाहर एवं अन्य राज्य से हैं,शेष तीन हज़ारीबाग़ ज़िला से हैं। विमुक्त बच्चों के परिवार को सरकार के विभिन्न योजनाओं से जोड़ा गया है।

जिला में बाल श्रमिको को विमुक्त कराने के लिए धावा दल क्रियाशील है। धावा दल में श्रम अधीक्षक,श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी,ज़िला बाल सरंक्षण पदाधिकारी,बाल कल्याण समिति,अनुमण्डल पुलिस पदाधिकारी,चाइल्ड हेल्प लाइन के अलावा कई एनजीओ भी शामिल हैं।

साथ इस कार्य हेतु नियमित अंतराल पर बाल श्रम के विरुद्ध अभियान चलाया जाता है।

बैठक में अपर समाहर्ता ने निर्देश देते हुए कहा कि समय समय पर यह जारी रखने की ज़रूरत है। विशेष कर कोनार पुल के आस पास विभिन्न होटल,रेस्तराँ,ढाबों एवं पुराना समाहरणालय के आस पास छापेमारी कर बाल श्रम के विरूद्ध अभियान चलाने को कहा। चाइल्ड हेल्प लाइन के लिए जारी टोल फ्री नंबर 1098 का व्यापक रूप से प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया।

चाइल्ड लाईन को प्राप्त शिक़ायत का पंजी में संधारित करने का भी निदेश चाइल्ड लाइन को दिया। बैठक में अपर समाहर्ता के अलावा श्रम अधीक्षक, डीसीपीओ संजय प्रसाद , अनुमंडल कार्यालय से कार्यपालक दण्डाधिकारी,सपोर्ट एनजीओ से भवानी शंकर गुप्ता,जन शिक्षण संस्थान के निदेशक रवीश कुमार सीडब्लूसी से मुन्ना कुमार एवं श्रम कार्यालय से रवि एवं सूरज उपस्थित थे।