चमोली हादसे में 4 मजदूरों की मौत, सेना ने बचाईं 50 जिंदगियां, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

उत्तराखंड के चमोली जिले के माणा गांव में बीआरओ कैंप पर ग्लेशियर टूटने से चार मजदूर की मौत हो गई, जबकि राहत और बचाव कार्य में जुटीं भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सेना की टीमों ने 55 में से 50 मजदूरों को बाहर निकाल लिया. भारतीय सेना के पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने चार लोगों की मौत की पुष्टि की. हालांकि अभी भी सेना और एनडीआरएफ की टीमें बचाव और राहत कार्य में जुटी हुई हैं. दूसरी ओर, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रभावित क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया और अधिकारियों को बचाव अभियान में तेजी लाने का निर्देश दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धामी से बात की और उन्हें पूर्ण समर्थन का आश्वासन दिया.

दूसरी ओर, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने बचाव अभियान के लिए चार टीमें भेजी हैं, जबकि चार और टीमें स्टैंडबाय पर हैं. खराब मौसम के बावजूद बाकी लोगों को बचाने के प्रयास जारी हैं. अब तक 55 में से 50 मजदूरों को सुरक्षित बचा लिया गया है और भारतीय सेना ने 14 नागरिकों को भी बचाया है.

सेना के अनुसार, शुक्रवार सुबह 5:30 से 6 बजे के बीच माणा और बद्रीनाथ के बीच सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के कैंप पर हिमस्खलन हुआ, जिसमें 55 मजदूर ग्लेशियर धसकने से दब गए थे.

शुक्रवार को बर्फबारी से काम हुआ था बाधित

शुक्रवार को बारिश और बर्फबारी के कारण बचाव कार्य बाधित हुआ और रात होने के कारण अभियान स्थगित कर दिया गया. शनिवार को मौसम साफ होने पर हेलीकॉप्टर अभियान में शामिल हो गए.

दूसरी ओर, मध्य कमान के जीओसी-इन-सी लेफ्टिनेंट जनरल अनिंद्य सेनगुप्ता और उत्तर भारत क्षेत्र के जीओसी लेफ्टिनेंट जनरल डीजी मिश्रा ने चल रहे खोज और बचाव कार्यों की निगरानी, ​​समीक्षा और समन्वय के लिए माना में हिमस्खलन स्थल का दौरा किया. जीवित बचे लोगों का पता लगाने के लिए विशेष रेको रडार, यूएवी, क्वाडकॉप्टर, हिमस्खलन बचाव कुत्ते आदि को सेवा में लगाया गया है.

बचाव कार्य में जुटे सेना के जवान

दूसरी ओर,आवश्यक उपकरण, संसाधन और घायलों को निकालने के लिए हेलीकॉप्टर भी लगातार काम कर रहे हैं. आर्मी कमांडर ने आश्वासन दिया कि विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से भारतीय सेना तेजी से बचाव प्रयासों को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक संसाधनों से पूरी तरह सुसज्जित है.

मौके पर मौजूद भारतीय सेना के डॉक्टरों ने गंभीर रूप से जरूरतमंद लोगों के लिए जीवन रक्षक सर्जरी की है, जबकि जोशीमठ हेलीपैड से हेलीकॉप्टर संचालन भारतीय सेना विमानन और वायु सेना के आठ हेलीकॉप्टरों का उपयोग किया जा रहा है. अब तक कुल 19 लोगों को माना से जोशीमठ तक पहुंचाया गया है. भारतीय सेना की मध्य कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ, उत्तर भारत क्षेत्र के जनरल ऑफिसर कमांडिंग और सीमा सड़क के महानिदेशक समेत उच्च पदस्थ अधिकारी इस अभियान की निगरानी और समन्वय के लिए मौजूद हैं.

वहीं, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एन के जोशी ने बताया कि माना स्थित सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवानों ने सुबह बचाव अभियान तेजी से चला रहे हैं.

मेडिकल कॉलेज की लिफ्ट से आ रही थी बदबू, खुलते ही निकला मरीज का शव; दो दिन से था लापता

छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में डिमरापाल मेडिकल कॉलेज की बंद पड़ी लिफ्ट से एक मरीज की लाश मिलने का मामला सामने आया है. परिजनों पिछले आठ दिनों से मृतक की तलाश कर रहे थे, लेकिन उन्हें इस बात का बिल्कुल भी अंदेशा नहीं था आखिरी में मरीज की लाश मिलेगी. घटना के बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. पुलिस का कहना है कि उन्होंने मामले की जांच शुरू कर दी है.

परपा थाना क्षेत्र के डिमरापाल मेडिकल कॉलेज में बंद पड़ी लिफ्ट में एक मरीज की लाश मिली है. मानसिक रूप से परेशान प्रकाश इजागिरी (4) नाम के मरीज को उसके परिजनों ने 16 फरवरी को अस्पताल में भर्ती कराया था, जो कि बीजापुर जिले के नैमेड इलाके का रहने वाला था. इलाज के दौरान 4 दिन बाद प्रकाश बिना किसी को बताए कहीं चला गया. प्रकाश के गायब होने की जानकारी होते ही परिवार के लोग काफी परेशान हो गए. अस्पताल प्रशासन और परिजनों ने प्रकाश को ढूंढ़ने की बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें कुछ भी पता नहीं चला.

लिफ्ट में मिली मरीज की लाश

इस दौरान कुछ लोगों ने गौर किया कि पिछले दो दिनों से अस्पताल में बंद पड़ी लिफ्ट से बदबू आ रही थी. मामले की जानकारी अस्पताल प्रबंधन ने लिफ्ट खुलवाई. लिफ्ट के खुलते ही सभी की आंखें फटी की फटी रह गईं. अंदर प्रकाश नाम के मरीज की लाश पड़ी हुई थी, जिसमें से बहुत ही बदबू आ रही थी. मामले की जानकारी होते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. बताया जा रहा है कि मरीज पिछले दो दिनों से मरीज लापता था.

मौत बनी पहेली

पुलिस मामले की जांच में जुट गई है कि आखिरी प्रकाश की मौत हो गई हुई. वह लिफ्ट के अंदर क्या करने के लिए गया था? जैसे अनेक सवालों के जवाब पुलिस के सामने चुनौती बने हुए है. पुलिस का कहना है कि जल्द ही मामले को सुलझा लेगी.

बिहार के सीएम नीतीश कुमार का 74वां जन्मदिन आज, पीएम मोदी और अमित शाह ने दी बधाई

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का आज जन्मदिन है। वह 74 साल के हो गए हैं। नीतीश कुमार का जन्म 1 मार्च 1951 को बख्तियारपुर में हुआ था। उनके जन्मदिन के मौके पर नेताओं ने बधाई देना शुरू कर दिया है।। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी सीएम नीतीश कुमार को बधाई दी है।

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद अपना जन्मदिन मनाने से परहेज करते हैं, लेकिन उनके कार्यकर्ता काफी उत्साहित रहते हैं। हर बार केके काटकर उनका जन्मदिन मनाते हैं। जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) कार्यालय में कई पोस्टर भी लगाए जाते हैं।

पीएम मोदी ने नीतीश कुमार को दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स हैंडल पर बधाई देते हुए कहा कि बिहार के यशस्वी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को उनके जन्मदिन पर ढेरों शुभकामनाएं। उनके नेतृत्व में राज्य विकास के नए पथ पर अग्रसर हुआ है। ईश्वर उन्हें स्वस्थ एवं सुदीर्घ जीवन प्रदान करे।

अमित शाह ने दी बधाई

केंद्रीय गृह मंत्री बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं। आपके नेतृत्व में बिहार में NDA जनकल्याण और सुशासन का पर्याय बना है। आपके उत्तम स्वास्थ्य एवं दीर्घायु की मंगलकामना करता हूं।

विधानसभा में सीएम नीतीश को मिली जन्मदिन की अग्रिम बधाई

वहीं, विधानसभा में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उनके जन्मदिन की अग्रिम की बधाई दी गई। एक मार्च को मुख्यमंत्री का जन्मदिन है।विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि एक मार्च को सदन की बैठक नहीं है। इसलिए वह आज ही मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई देते हैं।

इसके बाद पूरे सदन ने मेज थपथपा कर मुख्यमंत्री को जन्मदिन की बधाई दी। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री को अपनी सीट से ही अभिवादन कर उन्हें जन्मदिन की बधाई दी।

बिहार के इन तीन जिलों में अगले तीन घंटे में वज्रपात के साथ बारिश का अलर्ट

बिहार में मौसम का उतार-चढ़ाव जारी है. राज्य के कई इलाकों में शनिवार को बादल छाए रह सकते हैं, जबकि कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश की संभावना है. मौसम विज्ञान केंद्र (IMD) के अनुसार, एक मार्च को विशेष रूप से उत्तर-पूर्व, दक्षिण-मध्य और दक्षिण-पूर्व बिहार में बारिश हो सकती है. इसके साथ ही तापमान में हल्की बढ़ोतरी दर्ज की जा सकती है. वहीं अगले एक से तीन घंटे में पटना, सिवान, सारण और भोजपुर जिले में मेघ गर्जन वज्रपात के साथ बारिश का अलर्ट मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया है.

इन जिलों में बारिश और तेज हवाओं का अलर्ट

IMD पटना के मुताबिक,नवादा, गया, औरंगाबाद, रोहतास, भभुआ, मधुबनी, सीतामढ़ी, पूर्वी चंपारण और पश्चिमी चंपारण में तेज हवा और वज्रपात के साथ बारिश हो सकती है. इन इलाकों में 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का अनुमान है. मौसम विभाग ने इन जिलों के लिए चेतावनी जारी की है, ताकि स्थानीय प्रशासन सतर्क रहे.

तापमान में उतार-चढ़ाव जारी

पिछले 24 घंटों में बिहार के कई हिस्सों में दिन के तापमान में हल्का इजाफा हुआ है. शुक्रवार को राज्य का सबसे अधिक तापमान 30.9 डिग्री सेल्सियस औरंगाबाद में दर्ज किया गया. वहीं, खगड़िया, बांका, मुंगेर, गया, शेखपुरा, जमुई और बक्सर में भी अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक रहा.

कैसा रहेगा आगे का मौसम?

मौसम विभाग के अनुसार, अगले 5 मार्च तक मौसम में हल्का उतार-चढ़ाव जारी रहेगा. पछुआ हवा औसतन 3 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलेगी. अधिकतम तापमान 30 डिग्री सेल्सियस, जबकि न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है.

शाह करेंगे आज मणिपुर पर बैठक, राष्ट्रपति शासन के बाद पहली मीटिंग

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद गृहमंत्री अमित शाह ने आज यानी शनिवार को पहली बैठक बुलाई है. ये समीक्षा बैठक सुबह 11 बजे नॉर्थ ब्लॉक गृहमंत्रालय में होगी. अमित शाह मणिपुर की सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करेंगे. गृहमंत्री के साथ बैठक में मणिपुर के राज्यपाल अजय कुमार भल्ला, मणिपुर सरकार के अधिकारी, सेना के अधिकारी,अर्धसैनिक बल के शीर्ष अधिकारी भी शामिल होंगे.

मणिपुर में मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफा देने के बाद 13 फरवरी को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था. मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने पार्टी के कुछ विधायकों के विद्रोह के बाद इस्तीफा दे दिया था. राज्य में पिछले 2 साल से दो जातियों के बीच हिंसा देखी जा रही है. अब तक मणिपुर में साल 1951 के बाद से 11 बार राष्ट्रपति शासन लग चुका है. राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद से अब पहली बार अमित शाह रिव्यू मीटिंग करने वाले हैं और इस बैठक में आगे की रणनीति को लेकर चर्चा होगी.

कौन-कौन होगा शामिल?

मामले की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू होने के बाद शीर्ष 4 अधिकारियों के साथ नई दिल्ली में गृह मंत्री की यह पहली बैठक होगी. मीटिंग की जानकारी रखने वाले एक अधिकारी ने कहा, राज्यपाल अजय भल्ला, सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, डीजीपी राजीव सिंह और मुख्य सचिव पीके सिंह आज नई दिल्ली के लिए रवाना हुए हैं. बैठक दोपहर में निर्धारित है. हम इस बात का भी इंतजार कर रहे हैं कि मीटिंग का नतीजा क्या होगा और उसके बाद क्या निर्णय लिए जाएंगे.

लोगों से हथियार सरेंडर करने की अपील

हिंसा के दौरान पहाड़ियों और घाटी दोनों में भीड़ ने लगभग 6500 बंदूकें और 600000 गोला-बारूद लूट लिए थे. इसी के बाद यह बैठक इसलिए भी जरूरी है क्योंकि यह ऐसे समय में हो रही है जब मणिपुर में सेना और केंद्रीय खुफिया एजेंसियों सहित सभी बल लूटे गए हथियारों को वापस लाने के लिए काम कर रहे हैं. साथ ही हथियार सरेंडर करने के लिए केंद्रीय एजेंसियां ​​कुकी और मैतेई दोनों समूहों के साथ काम कर रही हैं.

लोगों को हथियार वापस करने के लिए राज्यपाल भल्ला ने सात दिन की माफी योजना शुरू की थी. इसी के तहत 650 हथियार और गोला-बारूद लोगों ने सरेंडर किए हैं. पुलिस शस्त्रागारों से लूटे गए 6500 हथियारों में से, सेना अब तक सिर्फ 2500 के आसपास ही बरामद कर पाई है.राज्यपाल भल्ला ने शुक्रवार को हथियार सरेंडर करने की समय सीमा 6 मार्च तक बढ़ा दी है और लोगों को आश्वासन दिया कि समय सीमा से पहले लूटे गए हथियार वापस करने पर कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी.

दो जातियों के बीच भड़की थी हिंसा

3 मई, 2024 को पूरे मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के लगभग 22 महीने बाद भी सामान्य स्थिति बहाल नहीं हो पाई है. 13 फरवरी, 2024 को राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया गया था, कुछ दिनों बाद मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने पार्टी के कुछ विधायकों के विद्रोह के बाद इस्तीफा दे दिया था. एन बीरेन सिंह के इस्तीफे से एक महीने पहले, केंद्र ने पूर्व गृह सचिव अजय कुमार भल्ला को राज्यपाल नियुक्त किया था

बिहार में प्राकृतिक गैस का भंडार मिलने की संभावना, गंगा तट पर खुदाई शुरू

जिले के गंगानदी के तटवर्ती इलाके में धरती के भूगर्भ से प्राकृतिक संसाधनों को दोहन करने के उद्देश्य से खुदाई शुरू कर दी गई है। जिस स्थान पर खुदाई हो रही है, वह पूर्व में गंगानदी का बहाव क्षेत्र था।

वर्तमान में गंगा नदी की दूरी तीन किलोमीटर हैं। उपग्रहीय डेटा के विश्लेषण में यहां प्राकृतिक तेल एवं गैस के बड़े भंडार का पता चला था। इसके बाद तीन साल पहले सतही खुदाई कर मिट्टी के नमूने लिए गए थे।

भारत सरकार द्वारा कराई जा रही खुदाई

पूर्व में खुदाई के दौरान भूगर्भ से प्राप्त तरत पदार्थ व मिट्टी के लिए गए नमूनों को तेल एवं प्राकृतिक गैस के कुएं की खुदाई करने वाली कंपनी हैदराबाद के अल्फा जियो के प्रयोगशाला में जांच की गई थी। जिसके आधार प्राकृतिक गैस तथा पेट्रोलियम उत्पाद की खोज के लिए भारत सरकार द्वारा खुदाई कराई जा रही है।

क्षेत्र के विकास के लिए अहम

यदि संकेत के आधार पर हो रही खुदाई में प्राकृतिक संसाधन प्राप्त हो जाता है तो क्षेत्र का नाम भी माइनिंग क्षेत्र में जुड़ जाएगा। जिसके साथ ही क्षेत्र के विकास में अहम भूमिका भी निभाएगा। हालांकि, ये बातें फिलहाल धरती के भूगर्भ में है।

सतह से तीन से छह किलोमीटर नीचे तक होगी खुदाई

कंपनी के क्रॉप अधिकारी द्वारा बताया गया कि यह कार्य धरती से तीन से छह किलोमीटर नीचे तक खुदाई कर उसकी जांच की जाएगी। खुदाई के दौरान भूगर्भ में प्रत्येक बीस मीटर पर हल्का डाइनामाइट लगाकर हल्के विस्फोट कर निचले स्तर पर ड्रिलर को पहुंचाया जा रहा है।

विस्फोटक के बाद धरती पर जो हलचल होती है, उसके डेटा को करीब में लगे एक विशेष यंत्र द्वारा संग्रह किया जाता है।

गंगानदी के बेसिन में यह खुदाई लोगों के लिए कौतुहल का विषय बना हुआ है। अचानक से चिन्हित प्लॉट पर जाकर खड़ी फसल के बीच खुदाई करने को लेकर पहले तो जमीन मालिक से संपर्क किया गया।

जमीन मालिक को बताया गया है कि खुदाई से उसकी फसल की जितना नुकसान होगा उसकी भरपाई की जाएगी। जिसके बाद उक्त प्लॉट में खुदाई का कार्य शुरू कराया गया।

बर्ड फ्लू का खतरा मध्य प्रदेश में बढ़ा, छिंदवाड़ा में बिल्लियों में पाया गया वायरस,स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप

मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा में H5N1 (हाईली पैथोजेनिक एवियन इन्फ्लूएंजा) 3 पालतू बिल्लियों और एक जीवित पक्षी में पाया गया. 31 जनवरी 2025 को छिंदवाड़ा, मध्य प्रदेश में 3 पालतू बिल्लियों और एक जीवित पक्षी बाजार में H5N1 का मामला सामने आया. इसके बाद, स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं.

राज्य को एवियन इन्फ्लूएंजा के नियंत्रण और रोकथाम के लिए योजना के मुताबिक काम शुरू करने को कहा गया. बाजार में सभी पक्षियों को मारा गया और बाजार को 21 दिनों के लिए बंद कर दिया गया, जब तक वहां की सफाई का प्रमाण पत्र नहीं मिल गया.

65 नमूने इकट्ठा किए गए

विभाग द्वारा तय की गई योजना के अनुसार सभी जरूरी कदम उठाए गए. भारत सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा बनाई गई योजना के मुताबिक भी सभी जरूरी कदम उठाए गए. 10 फरवरी 2025 को, पक्षी बाजार में काम करने वाले पशु चिकित्सकों और अन्य लोगों के 65 नमूने इकट्ठा किए गए और पुणे के NIV भेजे गए. सभी नमूने इन्फ्लूएंजा के लिए नेगेटिव पाए गए.

बर्ड फ्लू कितना खतरनाक

बता दें कि बर्ड फ्लू एक प्रकार का इन्फ्लुएंजा है. इन्फ्लुएंजा एक एच5एन1 प्रकार का वायरस है. पानी के फव्वारे से शुरू हुआ वायरस मुर्गी पालन में सबसे तेजी से फैला. इसके प्रभाव में घरेलू पोल्ट्री फॉर्म आ जाते हैं. अगर यह वायरस किसी पक्षी में फैलता है तो उसके मरने की गति तेज हो जाती है. हालांकि यह वायरस इंसान से इंसान में नहीं फैलता है. लेकिन पक्षियों से इंसानों में फैल सकता है.

JDU को किससे खतरा, निशांत को पावर सेंटर बनाने के पीछे किसका दिमाग, क्या यही है एकमात्र विकल्प?

ताउम्र परिवारवाद के खिलाफ आवाज उठाने वाले नीतीश कुमार के लिए उनकी पार्टी को बचाए रखना आसान नहीं है. नीतीश अचेत अवस्था में हैं, ये तो विरोधी डंके की चोट पर कह रहे हैं. मगर, उनकी राजनीति अब अंतिम पारी में पहुंच चुकी है, इसकी चिंता जेडीयू नेताओं से कहीं ज्यादा उन लोगों को सता रही है जो नीतीश कुमार के समाज का हिस्सा हैं. इसलिए नीतीश के शुभचिंतक और परिजन कैमरे पर पिछले कुछ महीनों से नीतीश के लाल निशांत की राजनीति में प्रवेश को लेकर गुहार करते देखे गए हैं.

निशांत को पावर सेंटर के रूप में लाना क्यों जरूरी है?

नीतीश के पेट में दांत है, ऐसा लालू प्रसाद यादव कई साल पहले कह चुके हैं. इसलिए नीतीश कुमार भले ही बड़ी संख्या की हैसियत रखने वाले जाति से ना हों लेकिन उन तमाम लोगों के नेता जरूर बन गए हैं, जो लालू प्रसाद के शासन काल में प्रताड़ित होते रहे हैं. जाहिर है कि नीतीश ने बड़ी ही होशियारी से ओबीसी से ईबीसी (आर्थिक रूप से पिछड़ा वर्ग) को अलग किया. वहीं दलितों में महादलित बनाकर अपने लिए बड़ा वोट बैंक तैयार कर लिया. इतना ही नहीं महिलाओं को पंचायत स्तर से लेकर जीविका समूह में भागीदारी देकर आधी आबादी को अपना मुरीद बना लिया.

इसलिए नीतीश पिछले 20 सालों से प्रासंगिक हैं और सत्ता की चाबी दबंगई से अपने पास रखे हुए हैं. जाहिर है नीतीश का राजनीतिक खेल अब अंतिम दौर में है. इसलिए वारिश की तलाश लंबे समय से होती आ रही है. इस कवायद में कभी कुर्मी समाज से आने वाले आरसीपी सिंह तो कभी वीआरएस लेकर बिहार में जेडीयू के लिए सेवा देने वाले मनीष वर्मा खासे चर्चा में रहे. मगर, दोनों नौकरशाह जेडीयू की कमान संभालने से पहले ही सीन से हट गए. पार्टी में अब क्राइसिस साफ दिख रही है.

वहीं जेडीयू के बड़े नेताओं में कोई भी जे़डीयू की विरासत को संभालने का दम नहीं रखता है, ये साफ दिख रहा है. कहा जाता है कि खुद नीतीश ने सेकेंड लाइन तैयार नहीं होने दी. इसलिए शरद यादव, ललन सिंह या फिर कुशवाहा समाज के उपेंद्र कुशवाहा को जेडीयू में दो बार शामिल होकर भी असलियत का अहसास हो चला है.जाहिर है 13 से 14 फीसदी वोट को नीतीश के बाद कौन संभालेगा? इसकी चिंता पिछले दो सालों से खूब चल रही है. यही वजह है कि अंतिम विकल्प के रूप में निशांत का नाम पार्टी कैडर और नेता के अलावा परिवार के शुभचिंतक आगे बढ़कर लेने लगे हैं.

निशांत पर दांव खेलने की मजबूरी क्या है?

कुर्मी समाज के लोग नीतीश का ताज निशांत के अलावा किसी और को देने के पक्ष में नहीं हैं. इसलिए नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित परिजन पिछले कुछ महीनों से निशांत को राजनीति में आने को लेकर मनाने में जुटे थे. वैसे राजनीति में अपनी इच्छा पूरी करने के लिए समर्थकों से कहलवाने की एक रस्म रही है, जो राजनेता जितनी सहूलियत से ऐसा करता है, वो उतना ही त्यागी और बलिदानी के रूप में देखा जाता है.

सवाल ये है कि नीतीश ने अब तक सेकेंड लाइन क्यों नहीं तैयार की. वहीं, कभी तेजस्वी तो कभी उपेंद्र कुशवाहा या फिर आरसीपी और मनीष वर्मा को सब्जबाग दिखाने वाले नीतीश क्या इसी दिन के इंतजार में थे. जाहिर है 20 साल से बिहार की सत्ता पर काबिज रहने वाले नीतीश ने पार्टी को इस कगार पर ला खड़ा कर दिया है कि जहां पार्टी को बचाने के लिए उनके सुपुत्र को संकटमोचक के रूप में उतरने की मांग तेज हो गई है.

निशांत की राजनीतिक महत्वाकांक्षा अब मीडिया की नजरों में कोलाहल मार रही है. इसलिए निशांत के परिजन और जेडीयू के समर्थकों में उत्साह का संचार हो रहा है. जाहिर है क्राइसिस को दूर करने वाले के रूप में निशांत का चेहरा आगे है, जिसे जेडीयू का कोर वोटर जोर-जोर से पुकार रहा है. बीजेपी ने भले ही नीतीश के स्वास्थ्य को देखते हुए लंबी प्लानिंग कर रखी हो लेकिन नेतृत्व नीतीश का होगा इस बात से बीजेपी नेता इनकार नहीं कर पा रहे हैं. अब जेडीयू को भविष्य मिल गया है. इसलिए 13 से 14 फीसदी वोट कोई हड़प लेगा, इसकी संभावना कम होती दिख रही है.

नीतीश कब होंगे रिटायर और निशांत कब लेंगे एंट्री?

नीतीश के नेतृत्व में अगला चुनाव लड़ा जाएगा. वहीं, निशांत कभी पार्टी के औपचारिक स्ट्रक्चर में शामिल हो जाएंगे. जाहिर है नीतीश जो चाहेंगे वही होगा. इसलिए जेडीयू में निशांत को आगे कर जेडीयू अपने वोट बैंक को बचाने का भरपूर प्रयास करेगी, ये तय माना जा रहा है. बकौल निशांत उनके पिता नीतीश स्वस्थ हैं. इसलिए अगले पांच साल तक सीएम रह सकते हैं. इस बीच निशांत अपनी पार्टी को मजबूत करने का आह्वान कार्यकर्ताओं से करते हैं.

निशांत पार्टी की हैसियत तीन नंबर से ऊपर देखना चाह रहे हैं .ताकि नीतीश किसी भी सूरत में एकनाथ शिंदे की हालत में पहुंचने से बचें. नीतीश की तरह निशांत भी लालू प्रसाद परिवार से बेहतर रिश्ते रखने के हिमायती दिख रहे हैं लेकिन साल 2005 से पहले के बिहार की परिस्थितियों को गिनाकर निशांत अपने भविष्य की राजनीतिक दिशा को लेकर इशारा कर रहे हैं.

फिलहाल निशांत अपने पिता को अगले पांच साल तक सीएम बनाने की बात कर रहे हैं. वहीं पिता की छाया में राजनीतिक रूप से परिपक्व होकर निशांत जेडीयू की कमान संभालेंगे, ऐसा प्रतीत हो रहा है. जेडीयू का भविष्य अब तैयार है और अपनी बारी का इंतजार कर रहा है…निशांत ऐसा मैसेज देने में कामयाब दिख रहे हैं.

WhatsApp कॉलिंग फीचर में करेगा बड़ा अपडेट, ये होगा फायदा

वॉट्सऐप अपने यूजर्स के लिए नए फीचर्स लेकर आता रहता है. ये फीचर्स यूजर के एक्सपीरिंयस को बेहतर बना देते हैं. प्लेटफॉर्म ने पर्सनल और ग्रुप कॉल्स पर ज्यादा कंट्रोलेबल बनाने के लिए नया फीचर शुरू किया है. जिसमें कॉल मेनू में आपको बदलाव नजर आएंगे. फिलहाल ये फीचर वॉट्सऐप बीटा वर्जन 2.25.5.8 पर शुरू किया गया है. जल्द ही इसे सभी के लिए ऑफिशियली शुरू किया जाएगा.

वॉट्सऐप का कॉल लिंक फीचर और कॉल मेनू

वॉट्सऐप ने अपने पिछले अपडेट में कॉल लिंक शॉर्टकट शुरू किया था. इसके जरिए आप डायरेक्ट चैट से वॉयस या वीडियो कॉल लिंक बना सकते थे. यही नहीं इसके अलावा शेयर भी कर सकते थे. अच्छी बात ये है कि अब प्लेटफॉर्म ने इस फीचर को और भी ज्यादा एडवांस बनाने का फैसला किया है. अब प्लेटफॉर्म पर कॉलिंग इंटरफेस और भी बेहतर हो जाएगा.

नए फीचर से क्या होगा फायदा?

जैसा कि कई बार चैटिंग के दौरान कॉलिंग फीचर वहीं पर अवेलेबल होने के वजह से गलती से किसी को भी कॉल या वीडियो कॉल लग जाती है. जिसके बाद कई बार शर्मिंदगी भी होती है. लेकिन वॉट्सऐप इस परेशानी को ठीक करने का जुगाड़ करदिया है. WhatsApp एक यूनिफाइड कॉल मेनू लेकर आ रहा है. इसमें कॉल से पहले कन्फर्मेशन स्टेप आया करेगा. नए सिस्टम में कॉल लगाने से पहले आपसे पूछा जाएगा. जिसमें आप सलेक्ट कर सकेंगे कि वॉयस कॉल करनी है या वीडियो कॉल करनी है.

ग्रुप कॉलिंग में क्या बदलाव आएगा?

नए कॉल मेनू के साथ ग्रुप कॉलिंग भी आसान हो जाएगा. नए अपडेट में कॉल मेनू कॉल लिंक जेनरेट करने के लिए एक शॉर्टकट लाएगा. इससे आपको कॉल टैब खोलने की जरूरत नहीं पड़ेगी. ये फीचर मल्टीपल लोगों को कॉल में ऐड करना आसान बना देगा. फिलहाल ये फीचर अभी टेस्टिंग फेज में हैं, प्लेटफॉर्म जल्द ही इन्हें सभी के लिए शुरू कर सकता है.

हिमस्खलन में जख्मी लोगों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता… CM पुष्कर सिंह धामी

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चमोली जिले के माणा गांव के पास हुए हिमस्खलन की जानकारी लेते हुए राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की. मुख्यमंत्री ने राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र, आईटी पार्क देहरादून पहुंचकर अधिकारियों के साथ बैठक की और रेस्क्यू अभियान में तेजी लाने के निर्देश दिए.

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को घटनास्थल पर त्वरित पहुंच सुनिश्चित करने को कहा और समीप के हेलीपैड को शीघ्र सक्रिय करने के निर्देश दिए, ताकि राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी लाई जा सके. उन्होंने ड्रोन एवं हेलीकॉप्टर की मदद से निगरानी और रेस्क्यू अभियान को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया.

हिमस्खलन प्रभावितों की सुरक्षा पहली प्राथमिकता

मुख्यमंत्री धामी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि आईटीबीपी, सेना, जिला प्रशासन, वायुसेना और अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. खराब मौसम और कम विजिबिलिटी के कारण हेलीकॉप्टर का संचालन फिलहाल संभव नहीं है, लेकिन स्नो एक्सपर्ट्स की सेवाएं ली जा रही हैं. आईटीबीपी की विशेष टीमें लगातार कार्य कर रही हैं.

उन्होंने कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता हिमस्खलन में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालना है. प्रभावित लोगों के परिजनों के लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किया गया है.

राज्य और केंद्र सरकार में समन्वय

मुख्यमंत्री धामी ने बताया कि राज्य सरकार लगातार केंद्र सरकार से संपर्क में है और प्रधानमंत्री कार्यालय, गृह मंत्री एवं रक्षा मंत्री से भी बातचीत हो रही है. उन्होंने आश्वासन दिया कि रेस्क्यू अभियान में यदि किसी अतिरिक्त एजेंसी की आवश्यकता होगी, तो उनकी मदद तुरंत ली जाएगी.

अब तक 10 लोगों को आईटीबीपी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लगातार बर्फबारी के कारण मार्ग अवरुद्ध हो रहे हैं लेकिन मौसम में सुधार के साथ रेस्क्यू कार्य और तेज किया जाएगा. सभी राहत दलों के बीच समन्वय सुनिश्चित किया गया है और माणा हेलीपैड को भी सक्रिय किया जा रहा है. एम्स ऋषिकेश, श्रीनगर मेडिकल कॉलेज और गोपेश्वर जिला अस्पताल को भी तैयार रखा गया है.

मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी से ली पूरी जानकारी

मुख्यमंत्री ने वर्चुअल माध्यम से चमोली के जिलाधिकारी श्री संदीप तिवारी से घटना की विस्तृत जानकारी ली. जिलाधिकारी ने बताया कि हिमस्खलन बद्रीनाथ धाम से 6 किमी आगे हुआ, जहां सीमा सड़क संगठन के अंतर्गत बर्फ हटाने वाले मजदूर मौजूद थे. तुरंत आईटीबीपी, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें राहत कार्यों में जुट गईं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार हर प्रभावित व्यक्ति की सुरक्षा और सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है. सभी एजेंसियां युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हुई हैं, और जल्द ही सभी फंसे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया जाएगा.