सोनभद्र में सड़क का रोना पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने खोली पोल, 10 साल से जर्जर मार्ग पर सियासत का खेल
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विकास कुमार अग्रहरी
सोनभद्र की सड़कें इन दिनों सुर्खियों में हैं, लेकिन अच्छे कारणों से नहीं। कनछ-बसुहारी मार्ग की बदहाली ने पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अनिल यादव को सरकार पर निशाना साधने का मौका दे दिया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि 60 किलोमीटर लंबा यह मार्ग, जो सोनभद्र को बिहार से जोड़ता है, भाजपा सरकार की उपेक्षा का शिकार हो गया है।
सड़क की बदहाली, जनता की परेशानी:
यादव के मुताबिक, सड़क की जर्जर हालत के कारण दोपहिया और चार पहिया वाहन चालकों के साथ-साथ राहगीरों और छात्रों को भी भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थियों को हो रही है।
सड़क का सियासी इतिहास:
इस सड़क की नींव समाजवादी सरकार के कार्यकाल में रखी गई थी, जब तत्कालीन लोक कल्याण मंत्री शिवपाल यादव ने इसके निर्माण के लिए बजट दिया था। लेकिन यादव का आरोप है कि भाजपा सरकार ने पिछले 10 सालों में न तो कोई बजट दिया और न ही केंद्र या राज्य सरकार से एनओसी मिली, जिसके चलते सड़क की हालत खस्ता हो गई है।
सड़क का महत्व:
यह मार्ग सैकड़ों गांवों को जोड़ता है और इस पर सबसे अधिक यातायात होता है। इस मार्ग पर चांची-नकतवार पुल भी है, जो जर्जर हो चुका है। इसके अलावा, बालू और अन्य खनिजों का परिवहन भी इसी मार्ग से होता है, जिससे सरकार को राजस्व मिलता है।
ग्रामीणों का आक्रोश:
ग्रामीणों का कहना है कि सड़क को टूटे हुए 10 साल से ज्यादा हो गए हैं और उन्होंने कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से शिकायत की है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई है। सड़क में गहरे गड्ढे दुर्घटनाओं का कारण बन रहे हैं।
यादव का आरोप:
यादव ने कहा कि भाजपा सरकार इस सड़क के निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं दिखा रही है, जिससे पता चलता है कि उसका विकास से कोई लेना-देना नहीं है।
सड़क का भविष्य:
अब देखना यह है कि सरकार इस सड़क की बदहाली पर क्या कदम उठाती है और जनता को इस परेशानी से कब निजात मिलती है।
Feb 25 2025, 19:59