मातृभाषा दिवस : प्रेस क्लब में असम से पहुंचे छत्तीसगढ़ीभाषी, महतारी अस्मिता पर हुई चर्चा…
रायपुर- विश्व मातृभाषा दिवस के मौके पर रायपुर प्रेस क्लब में संगोष्ठी का आयोजन हुआ. इस आयोजन में विशेष रूप से बतौर मेहमान असम से 5 छत्तीसगढ़ीभाषी प्रतिनिधि शामिल हुए.
छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच की ओर से आयोजित संगोष्ठी में महतारी अस्मिता, भाषा, संस्कृति पर लंबी चर्चा हुई. असमिया प्रातिनिधि कैलाश साहू ने बताया कि असम में लाखों प्रवासी छत्तीसगढ़िया निवासरत हैं. आज भी सभी के घरों में छत्तीसगढ़ी भाषा का उपयोग हो रहा है. छत्तीसगढ़ी संस्कृति, रीति-रिवाज-परंपरा को सहेज कर रखा गया है. जरूरी है कि हम अपनी महतारी अस्मिता को बचाकर रखें. हमारी भाषा ही हमारी असल पहचान है. भाषा को बचाने के लिए उसमें पढ़ाई-लिखाई और काम-काज जरूरी है. असम में सबकुछ असमिया में ही होता है. रायपुर प्रेस क्लब में हमें बुलाकर जो सम्मान दिया गया है उसके लिए मैं सभी का आभार जताता हूं.
संस्कृति विशेषज्ञ अशोक तिवारी ने कहा महतारी भाषा ही किसी भी भाषा की मूल भाषा है. छत्तीसगढ़ राज्य की मूल और आधार भाषा छत्तीसगढ़ी है. राज्य की आधिकारिक भाषा भी है. बावजूद इसके इसमें पढ़ाई-लिखाई स्कूली स्तर पर न होना दुःखद है.
संगोष्ठी को वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी, बाबूलाल शर्मा, संस्कृति विशेषज्ञ राकेश तिवारी, शिक्षक डॉ. नरसिंग यादव, गार्गी पाण्डेय, डॉ. प्रीति सतपथी, अंशुमान शर्मा, समरेंद्र शर्मा, डॉ. वैभव बेमेतरिहा, प्रफुल्ल ठाकुर, तृप्ति सोनी, मिनेश साहू, ईश्वर साहू, ऋतुराज साहू ने भी संबोधित किया.
Feb 22 2025, 07:58