मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से भारतीय ओलंपिक संघ की अध्यक्ष पी. टी. उषा ने की भेंट

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से आज नई दिल्ली में भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) की अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद पी. टी. उषा ने सौजन्य भेंट की। इस महत्वपूर्ण मुलाकात में छत्तीसगढ़ में खेलों के विकास, युवा खिलाड़ियों के प्रशिक्षण, खेल अधोसंरचना के सुदृढ़ीकरण और ओलंपिक स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए राज्य की तैयारियों को लेकर व्यापक चर्चा हुई।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य में खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार खिलाड़ियों के सर्वांगीण विकास के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को 3 करोड़ रुपये, रजत पदक विजेता को 2 करोड़ रुपये और कांस्य पदक विजेता को 1 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि देने की घोषणा की गई है।

आईओए का विशेषज्ञ दल देगा खिलाड़ियों को उच्चस्तरीय प्रशिक्षण

बैठक के दौरान पी. टी. उषा ने छत्तीसगढ़ में खिलाड़ियों के मार्गदर्शन के लिए भारतीय ओलंपिक संघ (IOA) द्वारा एक विशेष प्रतिनिधिमंडल भेजने की बात कही। उन्होंने कहा कि इस दल में विभिन्न खेलों के अनुभवी कोच और विशेषज्ञ शामिल होंगे, जो स्थानीय खिलाड़ियों को ओलंपिक स्तर की प्रतिस्पर्धाओं के लिए प्रशिक्षित करेंगे और उनकी खेल तकनीकों को निखारने में सहायता करेंगे।उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि छत्तीसगढ़ में खेल प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है, और यदि उन्हें सही मार्गदर्शन और संसाधन मिले तो वे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल मंचों पर उत्कृष्ट प्रदर्शन कर सकते हैं। श्रीमती उषा ने राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार के प्रयासों की सराहना की और इसे भारत के खेल प्रोत्साहन मॉडल के लिए एक अनुकरणीय उदाहरण बताया।

बस्तर ओलंपिक और अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन जैसे आयोजन खेल प्रतिभाओं को देंगे नई उड़ान

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं में खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने और छिपी हुई प्रतिभाओं को निखारने के लिए विशेष खेल आयोजनों का सफलतापूर्वक संचालन कर रही है। उन्होंने कहा कि हाल ही में ‘बस्तर ओलंपिक’ का आयोजन किया गया, जिसमें 1.65 लाख से अधिक युवाओं ने भाग लिया। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय खेल प्रतिभाओं को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना था। उन्होंने बताया कि 2 मार्च 2025 को ‘अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन’ का आयोजन किया जाएगा, जिसमें 5000 से अधिक युवा प्रतिभागी भाग लेंगे। इस प्रतिष्ठित मैराथन को तीन श्रेणियों – 21 किलोमीटर, 10 किलोमीटर और 5 किलोमीटर में आयोजित किया जाएगा। इस तरह के आयोजनों के माध्यम से सरकार युवाओं को खेलों की ओर प्रेरित कर रही है और राज्य को एक मजबूत खेल हब के रूप में विकसित करने के लिए प्रतिबद्ध है। छत्तीसगढ़ सरकार और भारतीय ओलंपिक संघ के बीच यह साझेदारी राज्य में खेलों के विकास को नया आयाम देगी।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज नई दिल्ली में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो के अध्यक्ष डॉ वी नारायणन ने की मुलाक़ात

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से आज नई दिल्ली में भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के चेयरमैन वी. नारायणन ने भेंट कर छत्तीसगढ़ में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के उपयोग से कृषि एवं अन्य क्षेत्रों में नवाचारों को बढ़ावा देने पर गहन चर्चा की। इस महत्वपूर्ण बैठक में छत्तीसगढ़ में सैटेलाइट आधारित सर्वेक्षण, भू-मानचित्रण (geo-mapping), प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और स्मार्ट एग्रीकल्चर को बढ़ावा देने जैसे विषयों पर विशेष जोर दिया गया।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ में कृषि, जल संसाधन, पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में तकनीकी नवाचारों का महत्वपूर्ण योगदान हो सकता है। इसरो के सहयोग से हम इन क्षेत्रों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण से कार्य करेंगे, जिससे किसानों को अधिक सटीक जानकारी मिले और राज्य के विकास को गति मिले।

इसरो का विशेषज्ञ दल करेगा छत्तीसगढ़ का दौरा

बैठक में बताया गया कि इसरो का एक विशेषज्ञ दल जल्द ही छत्तीसगढ़ का दौरा करेगा और राज्य में सैटेलाइट इमेजरी, जीआईएस (GIS) तकनीक और डेटा विश्लेषण के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों का विस्तृत अध्ययन करेगा। इसके तहत राज्य में मृदा स्वास्थ्य विश्लेषण, जल स्रोतों का सटीक आकलन, बाढ़ और सूखे की भविष्यवाणी, और कृषि उत्पादन बढ़ाने के लिए डेटा-संचालित निर्णय लेने की प्रणाली विकसित की जाएगी।

छत्तीसगढ़ को मिलेगा अत्याधुनिक स्पेस टेक्नोलॉजी का लाभ

इसरो की विशेषज्ञता और आधुनिक तकनीकों के उपयोग से छत्तीसगढ़ को कृषि, आपदा प्रबंधन, स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर प्लानिंग, पर्यावरण एवं वन संरक्षण सहित अन्य क्षेत्रों मे व्यापक लाभ होगा। कृषि क्षेत्र में सैटेलाइट डेटा के उपयोग से बेहतर फसल पूर्वानुमान, मिट्टी की गुणवत्ता सुधार, और जल संसाधनों का प्रभावी प्रबंधन, बाढ़, सूखा और वनाग्नि जैसी प्राकृतिक आपदाओं की पूर्व-चेतावनी प्रणाली को सशक्त बनाना, नगर नियोजन, परिवहन व्यवस्था, और पर्यावरणीय संतुलन के लिए अत्याधुनिक स्पेस डेटा के उपयोग सहित वन क्षेत्रों की निगरानी और अवैध कटाई की रोकथाम के लिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग में सुविधा होगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इसरो और छत्तीसगढ़ सरकार के बीच साझेदारी से राज्य में तकनीकी प्रगति को नई ऊंचाइयां मिलेंगी। इस पहल के तहत छत्तीसगढ़ अनुसंधान संस्थानों को भी जोड़ा जाएगा, जिससे युवा वैज्ञानिकों को नवाचारों में योगदान देने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के नए युग में इसरो का सहयोग राज्य को भविष्य की तकनीकों से सशक्त बनाएगा, जिससे कृषि, पर्यावरण, जल प्रबंधन और आपदा न्यूनीकरण जैसे क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव आएंगे।

राजधानी में डायरिया का बढ़ा खतरा: पीने के पानी की टंकी में मिल रहा सीवरेज का गंदा पानी

रायपुर-  राजधानी रायपुर के लाभांडी क्षेत्र में दूषित पानी की समस्या एक बार फिर से गंभीर हो गई है. पीएम आवास कॉलोनी के संकल्प सोसाइटी में गंदा पानी पीने से दो लोग डायरिया और टाइफाइड से ग्रसित हो गए हैं, जबकि कई लोगों को स्किन इंफेक्शन होने की शिकायत है. इस घटना ने नगर निगम की लापरवाही को एक बार फिर उजागर कर दिया है.

बता दें कि एक साल पहले लाभांडी क्षेत्र में दूषित पानी पीने से सैकड़ों लोग बीमार हुए थे, लेकिन एक साल बीत जाने के बाद भी निगम के ठोस कदम न उठाने से फिर वही हालात बनते नजर आ रहे हैं.

टूटी पाइपलाइन से सीवरेज पानी की मिलावट

सोसाइटी के रहवासियों के अनुसार, सोसाइटी की अंडरग्राउंड पाइपलाइनें जगह-जगह से फटी हुई हैं, जिससे सीवरेज का गंदा पानी टंकी में मिल रहा है. उसी टंकी का दूषित पानी उपयोग करने से लोग बीमार हो रहे हैं. लोगों ने स्किन से संबंधित समस्या होने की बात कही है. इसके अलावा दो डायरिया और टाइफाइड के मरीज मिले हैं. स्थानीय लोगों ने बताया कि एक साल पहले भी इस क्षेत्र में दूषित पानी की वजह से सैकड़ों लोग बीमार पड़े थे, लेकिन निगम की ओर से कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई.

क्या कहते हैं अधिकारी

हालांकि इस मामले में अधिकारी कुछ और ही बयान देते हुए नजर आ रहे हैं. जोन कमिश्नर संतोष पांडेय ने मरीजों की पुष्टि करने से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि 1.58 करोड़ रुपये की लागत से नई नाली बनाने का प्रस्ताव 1.5 साल पहले संचालनालय भेजा गया था, लेकिन अप्रूवल न मिलने के कारण निर्माण कार्य रुका हुआ है. फिलहाल, लोगों को वाटर फ़िल्टर के जरिए पीने का पानी उपलब्ध कराया जा रहा है और जिस बोर से पानी सप्लाई किया जाता है, उसका सैंपल जांच के लिए भेज दिया गया है.

स्वास्थ्य विभाग की ओर से स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. तृप्ति पाणिग्रही ने बताया कि जानकारी मिलने के बाद से ही विभाग की टीम क्षेत्र में सर्वे कर रही है. अब तक डायरिया का एक ही मरीज मिला है.


डायरिया के लक्षण और बचाव


लक्षण

पेट दर्द, मरोड़ और सूजन

सिरदर्द और बुखार

उल्टी और मतली

बचाव के उपाय

पानी में नींबू, नमक और चीनी मिलाकर पीते रहें

पका केला खाने से डायरिया में राहत मिलेगी

अधिक आराम करें और मसालेदार भोजन से बचें

अदरक का सेवन करें और पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं

इन परिस्थितियों में कोई भी समस्या होने पर नजदीकी डॉक्टर से परामर्श लें.

राजिम कुंभ कल्प : मेले में पहुंचा 12 साल का नागा बाबा, कठिन परीक्षा के बाद नागा साधु बनने होते हैं पात्र

गरियाबंद- राजिम कुंभ कल्प में विभिन्न क्षेत्रों से नागा साधु संत पहुंचे हुए हैं। इन नागा संतों के बीच एक 12 साल का नागा बाबा श्रद्धालुओं के लिए कौतूहल का विषय बना हुआ है। नागा बाबा का नाम देवागिरी महाराज है, जो जूना अखाड़ा के 13 मणि जगरामा परिवार में शामिल हुआ है। कक्षा छटवीं तक पढ़ा नरसिंगपुर जिले का रहने वाला ये बाल नागा धर्म की रक्षा और ईश्वर प्राप्ति के लिए नागा बनना स्वीकार किया है। अभी उनकी प्रारंभिक स्थिति है। कुछ बरसों की कठिन परीक्षा और परीक्षण के बाद उन्हें विधिवत नागा पद्धति से दीक्षित किया जाएगा। तब वे पूर्ण रूप से नागा साधु बनने के लिए पात्र होंगे।

 

कुंभ मेले में पहुंचे लोगों में यह चर्चा बनी हुई है कि इतनी छोटी सी उम्र में नागा साधुओं के कठोर नियम और विधान को ये नन्हा बालक नागा साधु कैसे कर पाएगा? वैसे नागा साधुओं की बात करें तो इसकी प्रक्रिया आसान नहीं होती है। नागा बनने के लिए पहले अखाड़े में सेवा देनी पड़ती है। इस दौरान अखाड़ा, आवेदक का इतिहास और पारिवारिक पृष्ठभूमि के बारे में जानकारी इकट्ठा करता है।

 

आवेदक का गृहस्थ आश्रम से कोई संबंध नहीं होना चाहिए। फिर किसी कुंभ मेले में उसे दीक्षा दी जाती है, जिसमें दीक्षा लेने वालों को पिंडदान करना होता है। दीक्षा प्रक्रिया के बाद उसे नए नाम के साथ अखाड़े में प्रवेश मिलता है।

24 घंटे काम करने वाला IT हब बनेगा रायपुर : नए अधिनियम से ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और रोजगार को मिलेगा बढ़ावा, प्रदेश के राजस्व में होगी वृद्धि

रायपुर- छत्तीसगढ़ में साय सरकार ने सातों दिन 24 घंटे दुकान खोलने का निर्णय लिया है. नए दुकान एवं स्थापना अधिनियम लागू करने के फैसले का व्यापारियों एवं आम नागरिकों ने स्वागत किया है. इस फैसले से तेजी से रोजगार बढ़ेंगे, क्योंकि दुकान बंद करने की अब कोई समय सीमा नहीं है. सरकार का यह निर्णय ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए बेहद प्रभावी है. इससे रायपुर को बेंगलुरु और पुणे जैसे 24 घंटे काम करने वाले आईटी हब बनाने में भी मदद मिलेगी.

सरकार का यह निर्णय शराब दुकानों पर लागू नहीं होगा. नए नियमों से छोटे दुकानदारों को राहत मिलेगी. पंजीयन प्रक्रिया सरल होगी और कर्मचारियों के अधिकारों का बेहतर संरक्षण किया जा सकेगा. पहले से पंजीकृत दुकानों को 6 महीने के भीतर श्रम पहचान संख्या प्राप्त करने के लिए आवेदन करना होगा, लेकिन इसके लिए उन्हें कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं देना होगा. यदि 6 महीने बाद आवेदन किया जाता है तो नियमानुसार शुल्क देना अनिवार्य होगा.


राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत करने सरकार तत्पर

सातों दिन 24 घंटे दुकान खोलने के निर्णय पर सरकार ने साफ किया है कि वह व्यापारी वर्ग के हितों की चिंता के साथ राज्य की आर्थिक स्थिति मजबूत करने के लिए तत्पर है. दुकानदारों को सातों दिन 24 घंटे दुकान खोलने की सुविधा दी गई है. हालांकि दुकानें सातों दिन 24 घंटे खोलें या नहीं, ये निर्णय दुकानदरों पर निर्भर करेगा. सरकार के इस निर्णय से रोजगार में भी वृद्धि होने की पूरी संभावना है. पुरानी व्यवस्था में दुकानों को सप्ताह में एक दिन बंद रखना अनिवार्य था. अब दुकानें 24 घंटे और पूरे सप्ताह खुली रह सकती है. बशर्ते कर्मचारियों को साप्ताहिक अवकाश दिया जाए एवं 8 घंटे से अधिक किसी कर्मचारी से कार्य नहीं कराना होगा. इसके साथ ही दुकानदारों को श्रम कल्याण से संबंधित सभी निर्णयों का पूर्ववत पालन करना अनिवार्य होगा.

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: SIT जल्द पेश करेगी चार्जशीट, हो सकते हैं बड़े खुलासे

बीजापुर- छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड की जांच अब अपने अंतिम चरण में है। SIT (विशेष जांच टीम) जल्द ही इस मामले में चार्जशीट पेश करने की तैयारी कर रही है। पुलिस के अनुसार, जांच के दौरान कई अहम सुराग हाथ लगे हैं, जिससे इस हत्याकांड से जुड़े कुछ और बड़े खुलासे होने की संभावना है।

गौरतलब है कि 1 जनवरी 2025 की रात ठेकेदार सुरेश चंद्राकर समेत चार आरोपियों ने मिलकर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की बेरहमी से हत्या कर दी थी। हत्या के बाद शव को ठिकाने लगाने के लिए उसे सेप्टिक टैंक में फेंक दिया गया था। जब अगले दिन तक मुकेश का कोई पता नहीं चला, तो बीजापुर के पत्रकारों ने कोतवाली में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए जांच शुरू की और 2 जनवरी की शाम आरोपी ठेकेदार के घर के सेप्टिक टैंक से मुकेश का शव बरामद किया। महज 24 घंटे के भीतर चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया था।

मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च स्तरीय 11 सदस्यीय SIT गठित की गई, जिसने घटना के हर पहलू की गहन जांच की। पुलिस ने पहले ही प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया था कि जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं। अब करीब दो महीने बाद SIT ने अपनी जांच लगभग पूरी कर ली है और चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पुलिस का कहना है कि चार्जशीट के साथ कुछ और अहम खुलासे भी सामने आ सकते हैं, जिससे इस जघन्य हत्याकांड की साजिश से पर्दा उठेगा।

लोकतंत्र के महापर्व में भागीदार बने केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, गृह ग्राम में किया सपरिवार मतदान…

लोरमी-  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का आज मतदान संपन्न हुआ. इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू भी अपने गृह ग्राम डिंडौरी में परिवार सहित मतदान करते हुए लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बने. 

लोरमी इलाके में पांच जिला पंचायत सदस्य 25 जनपद सदस्य सहित 147 सरपंचों के लिए आज मतदान हुआ. मतदान के लिए 439 मतदान केंद्र बनाए गए थे, जहां पर सुबह 7 से ग्रामीणों मतदाताओं की कतार लगनी शुरू हो गई थी. दोपहर 3 बजे मतदान समाप्ति के बाद अब शाम तक मतगणना होना है.

मतदान के लिए पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने पत्रकारों से चर्चा में दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने पर कहा कि दिल्ली में घोटाले की सरकार का अब अंत हुआ है, अब वहां भाजपा के नेतृत्व में आज सरकार का गठन हो रहा है. अब तेजी से विकास का काम होगा.

 

बता दे राज्यमंत्री तोखन साहू डिंडौरी गांव से ही सबसे पहले चोटी इकाई पंच के रूप में चुने गए थे, जिसके बाद विधायक और अब सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं.

एटीआर में लगी लंबी कतारें

वही इसको लेकर जिले के अंतिम छोर के गांव यानी अचानकमार टाइगर रिजर्व इलाके में लोग लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया. ग्रामीण क्षेत्र की जागरूक महिलाएं भी वोट डालने में पीछे नहीं हैं. वोट देने के बाद ग्रामीण मतदाताओं का कहना था कि जो भी जनप्रतिनिधि चुन जाएं, वे क्षेत्र के विकास में अपनी बेहतर भागीदारी दें.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : छत्तीसगढ़ में पति-पत्नी चुने गए सरपंच, जानिए कहां का है मामला…

गरियाबंद-  जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के बाद आए एक परिणाम ने सबको चौंका दिया है। आप भी जानकर हैरान होंगे कि साथ-साथ रहने वाले पति-पत्नी दोनों अलग-अलग पंचायत के मुखिया बन गए हैं। यह मामला मैनपुर ब्लॉक का है, जहां ग्राम पंचायत मुड़ागांव में हलमंत ध्रुवा सरपंच बने तो वहीं उनकी पत्नी ललिता ध्रुवा पड़ोसी गांव दाबरीगुड़ा की सरपंच चुनी गई है. दरअसल हलमंत की जमीन जायदाद उसके पुश्तैनी गांव मुड़ागांव पंचायत में है, जबकि इस गांव से लगे दाबरीगुड़ा पत्नी ललिता का मायका है, जहां पिछले 25 साल से हलमंत घर बनाकर पत्नी के साथ रह रहा है।

पंचायत की राजनीति में तगड़ी पैठ

पंचायत की राजनीति लंबे समय से करते आ रहे हलमंत ने दोनों पंचायत में अपना कनेक्शन जोड़ रखा है। पति-पत्नी की अलग अलग नागरिकता पर गांव में किसी को आपत्ति भी नहीं है, ना ही निर्वाचन आयोग द्वारा नाम कांट छांट में लगाए कर्मियों को कोई गड़बड़ी नजर नहीं आई। इसके चलते इस बार पति-पत्नी को सरपंच बनने का ऐतिहासिक मौका मिल गया है। प्रदेश ही नहीं देश का यह पहला विकासखंड होगा, जहां एक साथ रहने वाले पति-पत्नी को दो अलग-अलग पंचायतों की जनता ने कमान खुशी खुशी सौंप दिया है.

पहली पत्नी भी दो बार रह चुकी थी सरपंच

हलमंत ध्रुवा की एक और पत्नी थी सुशीला देवी, जिनका निधन 4 माह पहले हुआ है। सुशीला मुड़ागांव से दो बार सरपंच चुनी थी। एक बार की जिला पंचायत सदस्य भी रही। लघु वनोपज संस्था में भी निर्वाचित होती आई थी। लघुवनोपज संस्था की राष्ट्रीय समिति की सदस्य भी रही। बीमारी के चलते 4 माह पहले सुशीला देवी का निधन हो।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : ड्यूटी में लापरवाही पड़ी भारी, गिरी निलंबन की गाज…

जशपुर-  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लापरवाही बरतना पटवारी और शिक्षकों को भारी पड़ गया. कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

निलंबन की पहली कार्रवाई जशपुर जिला के कांसाबेल विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रधान पाठक जुनास खलखो के खिलाफ हुई है. प्रधान पाठक की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी पीठासीन अधिकारी के तौर पर लगाई गई थी. लेकिन सामग्री वितरण के दौरान खलखो नशे की हालत में पाए गए. कार्य में लापरवाही बरतने पर निलंबित करते हुए कांसाबेल विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय नियत किया गया.

इसी तरह जशपुर जिला के फरसाबहार तहसील में पदस्थ पटवारी विजय कुमार श्रीवास्तव को ड्यूटी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाता सूची की मावर्ड कॉपी तैयार करने के लिए लगाई गई थी. लेकिन सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना अनधिकृत रूप से लगातार 70 दिन तक कार्य से अनुपस्थित रहने पर निलंबित करते हुए फरसाबहार एसडीएम कार्यालय नियत किया गया है.

इसी कड़ी में फरसाबहार विकास खण्ड में पदस्थ व्याख्याता गणेश कुमार मण्डल की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पीठासीन अधिकारी के तौर पर ड्यूटी लगाई थी. सामग्री वितरण के दौरान व्याख्याता नशे की हालत में पाए गए. डॉक्टरी मुलाहिजा के बाद ड्यूटी कर पाने की स्थिति नहीं देखते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की गई. इस पर तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए कांसाबेल विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय नियत किया गया.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : वोटर्स को भड़काने का आरोप, दो गुटों में झड़प, मतदान प्रभावित

अंबिकापुर-  छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का मतदान जारी है. इस बीच सरगुजा जिले में वोटिंग के दौरान हंगामे की खबर सामने आई है. सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो के ग्राम कोटछाल सलियापारा में प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच जबरदस्त झड़प हो गई है. हंगामे के कारण मतदान प्रभावित हो गया और मतदान प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोकनी पड़ी. मौके पर तैनात चुनाव ड्यूटी के अधिकारी और कर्मचारी स्थिति को संभालने में जुटे हुए हैं. वे दोनों पक्षों को समझाने और शांति बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्रामीण मतदाताओं को भड़काने का आरोप लगाकर दो अलग-अलग गुट आपस में भिड़ गए. दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद मामला बढ़ गया और स्थिति तनावपूर्ण हो गई. हंगामे के कारण वोटिंग प्रभावित हुई है. चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारी-कर्मचारी के साथ पुलिस अधिकारी भी स्थिति को संभालने में जुटे हुए हैं.

बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में आज 43 विकासखंडों में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान हुआ. इस चरण में कुल 46,83,736 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मतगणना 21 फरवरी को होगी. पहले चरण के चुनाव में 53 विकासखंडों में मतदान हुआ था, जिसमें 81.38 प्रतिशत औसत मतदान दर्ज किया गया था.