लोकतंत्र के महापर्व में भागीदार बने केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू, गृह ग्राम में किया सपरिवार मतदान…

लोरमी-  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का आज मतदान संपन्न हुआ. इस अवसर पर केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू भी अपने गृह ग्राम डिंडौरी में परिवार सहित मतदान करते हुए लोकतंत्र के महापर्व का हिस्सा बने. 

लोरमी इलाके में पांच जिला पंचायत सदस्य 25 जनपद सदस्य सहित 147 सरपंचों के लिए आज मतदान हुआ. मतदान के लिए 439 मतदान केंद्र बनाए गए थे, जहां पर सुबह 7 से ग्रामीणों मतदाताओं की कतार लगनी शुरू हो गई थी. दोपहर 3 बजे मतदान समाप्ति के बाद अब शाम तक मतगणना होना है.

मतदान के लिए पहुंचे केंद्रीय राज्य मंत्री तोखन साहू ने पत्रकारों से चर्चा में दिल्ली में भाजपा की सरकार बनने पर कहा कि दिल्ली में घोटाले की सरकार का अब अंत हुआ है, अब वहां भाजपा के नेतृत्व में आज सरकार का गठन हो रहा है. अब तेजी से विकास का काम होगा.

 

बता दे राज्यमंत्री तोखन साहू डिंडौरी गांव से ही सबसे पहले चोटी इकाई पंच के रूप में चुने गए थे, जिसके बाद विधायक और अब सांसद एवं केंद्रीय राज्यमंत्री के रूप में अपनी सेवा दे रहे हैं.

एटीआर में लगी लंबी कतारें

वही इसको लेकर जिले के अंतिम छोर के गांव यानी अचानकमार टाइगर रिजर्व इलाके में लोग लंबी-लंबी कतारों में खड़े होकर अपनी बारी का इंतजार करते हुए अपने मताधिकार का प्रयोग किया. ग्रामीण क्षेत्र की जागरूक महिलाएं भी वोट डालने में पीछे नहीं हैं. वोट देने के बाद ग्रामीण मतदाताओं का कहना था कि जो भी जनप्रतिनिधि चुन जाएं, वे क्षेत्र के विकास में अपनी बेहतर भागीदारी दें.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : छत्तीसगढ़ में पति-पत्नी चुने गए सरपंच, जानिए कहां का है मामला…

गरियाबंद-  जिले में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के मतदान के बाद आए एक परिणाम ने सबको चौंका दिया है। आप भी जानकर हैरान होंगे कि साथ-साथ रहने वाले पति-पत्नी दोनों अलग-अलग पंचायत के मुखिया बन गए हैं। यह मामला मैनपुर ब्लॉक का है, जहां ग्राम पंचायत मुड़ागांव में हलमंत ध्रुवा सरपंच बने तो वहीं उनकी पत्नी ललिता ध्रुवा पड़ोसी गांव दाबरीगुड़ा की सरपंच चुनी गई है. दरअसल हलमंत की जमीन जायदाद उसके पुश्तैनी गांव मुड़ागांव पंचायत में है, जबकि इस गांव से लगे दाबरीगुड़ा पत्नी ललिता का मायका है, जहां पिछले 25 साल से हलमंत घर बनाकर पत्नी के साथ रह रहा है।

पंचायत की राजनीति में तगड़ी पैठ

पंचायत की राजनीति लंबे समय से करते आ रहे हलमंत ने दोनों पंचायत में अपना कनेक्शन जोड़ रखा है। पति-पत्नी की अलग अलग नागरिकता पर गांव में किसी को आपत्ति भी नहीं है, ना ही निर्वाचन आयोग द्वारा नाम कांट छांट में लगाए कर्मियों को कोई गड़बड़ी नजर नहीं आई। इसके चलते इस बार पति-पत्नी को सरपंच बनने का ऐतिहासिक मौका मिल गया है। प्रदेश ही नहीं देश का यह पहला विकासखंड होगा, जहां एक साथ रहने वाले पति-पत्नी को दो अलग-अलग पंचायतों की जनता ने कमान खुशी खुशी सौंप दिया है.

पहली पत्नी भी दो बार रह चुकी थी सरपंच

हलमंत ध्रुवा की एक और पत्नी थी सुशीला देवी, जिनका निधन 4 माह पहले हुआ है। सुशीला मुड़ागांव से दो बार सरपंच चुनी थी। एक बार की जिला पंचायत सदस्य भी रही। लघु वनोपज संस्था में भी निर्वाचित होती आई थी। लघुवनोपज संस्था की राष्ट्रीय समिति की सदस्य भी रही। बीमारी के चलते 4 माह पहले सुशीला देवी का निधन हो।

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : ड्यूटी में लापरवाही पड़ी भारी, गिरी निलंबन की गाज…

जशपुर-  त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में लापरवाही बरतना पटवारी और शिक्षकों को भारी पड़ गया. कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी ने कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है.

निलंबन की पहली कार्रवाई जशपुर जिला के कांसाबेल विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी प्रधान पाठक जुनास खलखो के खिलाफ हुई है. प्रधान पाठक की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में ड्यूटी पीठासीन अधिकारी के तौर पर लगाई गई थी. लेकिन सामग्री वितरण के दौरान खलखो नशे की हालत में पाए गए. कार्य में लापरवाही बरतने पर निलंबित करते हुए कांसाबेल विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय नियत किया गया.

इसी तरह जशपुर जिला के फरसाबहार तहसील में पदस्थ पटवारी विजय कुमार श्रीवास्तव को ड्यूटी त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में मतदाता सूची की मावर्ड कॉपी तैयार करने के लिए लगाई गई थी. लेकिन सक्षम अधिकारी के अनुमति के बिना अनधिकृत रूप से लगातार 70 दिन तक कार्य से अनुपस्थित रहने पर निलंबित करते हुए फरसाबहार एसडीएम कार्यालय नियत किया गया है.

इसी कड़ी में फरसाबहार विकास खण्ड में पदस्थ व्याख्याता गणेश कुमार मण्डल की त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में पीठासीन अधिकारी के तौर पर ड्यूटी लगाई थी. सामग्री वितरण के दौरान व्याख्याता नशे की हालत में पाए गए. डॉक्टरी मुलाहिजा के बाद ड्यूटी कर पाने की स्थिति नहीं देखते हुए कार्रवाई की अनुशंसा की गई. इस पर तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए कांसाबेल विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय नियत किया गया.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : वोटर्स को भड़काने का आरोप, दो गुटों में झड़प, मतदान प्रभावित

अंबिकापुर-  छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का मतदान जारी है. इस बीच सरगुजा जिले में वोटिंग के दौरान हंगामे की खबर सामने आई है. सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो के ग्राम कोटछाल सलियापारा में प्रत्याशियों के समर्थकों के बीच जबरदस्त झड़प हो गई है. हंगामे के कारण मतदान प्रभावित हो गया और मतदान प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोकनी पड़ी. मौके पर तैनात चुनाव ड्यूटी के अधिकारी और कर्मचारी स्थिति को संभालने में जुटे हुए हैं. वे दोनों पक्षों को समझाने और शांति बहाल करने का प्रयास कर रहे हैं.

प्राप्त जानकारी के अनुसार, ग्रामीण मतदाताओं को भड़काने का आरोप लगाकर दो अलग-अलग गुट आपस में भिड़ गए. दोनों पक्षों के बीच तीखी नोकझोंक के बाद मामला बढ़ गया और स्थिति तनावपूर्ण हो गई. हंगामे के कारण वोटिंग प्रभावित हुई है. चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारी-कर्मचारी के साथ पुलिस अधिकारी भी स्थिति को संभालने में जुटे हुए हैं.

बता दें कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में आज 43 विकासखंडों में सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक मतदान हुआ. इस चरण में कुल 46,83,736 मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग किया. मतगणना 21 फरवरी को होगी. पहले चरण के चुनाव में 53 विकासखंडों में मतदान हुआ था, जिसमें 81.38 प्रतिशत औसत मतदान दर्ज किया गया था.

देवेंद्र यादव की जमानत को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बताया ‘सत्य की जीत और सरकारी षड्यंत्र की हार’

रायपुर- बलौदाबाजार आगजनी मामले में आरोपी बनाए गए भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने को पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्य की जीत और सरकारी षड्यंत्र की हार करार दिया है.

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने एक्स पर किए अपने पोस्ट में लिखा कि सर्वोच्च न्यायालय ने आज सरकारी षड्यंत्र में जेल में बंद भिलाई विधायक देवेंद्र यादव को जमानत दे दी है. यह सत्य की जीत है. यह सरकारी षड्यंत्र की हार है. आने वाले समय में यह साबित हो जाएगा कि सरकार ने उन्हें गलत तरीके से महीनों जेल में रखा…

बता दें कि बलौदाबाजार आगजनी मामले में पुलिस ने 17 अगस्त को भिलाई स्थित निवास से देवेंद्र यादव को गिरफ्तार किया था. मामले में अब जाकर सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली है. अदालत से कागजात आने के बाद उन्हें रायपुर केंद्रीय जेल से रिहा किया जाएगा.

USAID से छत्तीसगढ़ के एनजीओ को मिली मदद पर सीएम साय का बड़ा आरोप, कहा- सहायता राशि का धर्मांतरण में किया उपयोग

रायपुर- अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनते ही सबसे पहला काम USAID को बंद करने का किया. अब अमेरिकी करदाताओं की रकम का किस तरह से मनमाने तरीके से इस्तेमाल किया गया, इसका खुलासा हो रहा है. छत्तीसगढ़ का भी नाता अब इस विवाद से जुड़ गया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के एनजीओ को USAID के जरिए मिली मदद का इस्तेमाल धर्मांन्तरण के लिए करने का आरोप लगाया है. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है, व्यक्ति स्वेच्छा से कोई भी धर्म मान सकता है, लेकिन आज कहीं अशिक्षा का, कहीं गरीबी, तो कहीं चंगाई का, तो कहीं लोक-परलोक के माध्यम से किसी को जबर्दस्ती धर्म परिवर्तन कराते हैं, जो कतई उचित नहीं है, ये बिल्कुल नहीं होना चाहिए.

लेकिन आज कई एजेंसियां इस तरह का काम कर रही हैं, जो हेल्थ-एजुकेशन के नाम पर पैसा विदेशों से प्राप्त करते हैं, लेकिन उसकी आड़ में यहां पर लोगों के बीच भ्रम फैलाकर, प्रलोभन देकर, चंगाई के माध्यम से धर्म परिवर्तन कराते हैं, जो कतई उचित नहीं है. इसकी सही-सही जांच होनी चाहिए, कि जिस मकसद के लिए इन एनजीओ को रकम दी जा रही है, उसके लिए रकम का इस्तेमाल हो रहा है कि नहीं.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : कांकेर में अब तक 54.75% मतदान, कुरुद में 54.26 फीसदी वोटिंग

भानुप्रतापपुर- छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण का मतदान जारी है. कांकेर जिले के दुर्गूकोंदल विकासखंड के वटिनटोला ऐसा गांव है, जहां मतदाता आजादी के बाद पहली बार अपने गांव में ही मतदान कर रहे. इसके पहले ग्रामीण दूसरी ग्राम पंचायत में मतदान के लिए जाते थे.

वर्ष 2014 में वटिनटोला में ही मतदान केंद्र खोला गया था, परंतु नक्सली खौफ के चलते इसे अति संवेदनशील क्षेत्र माना जाता था. इसके कारण यहां के मतदान केंद्र को दूसरे सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाता रहा. आजादी के बाद इस साल पहली बार मतदान केंद्र को गांव में ही रखा गया, जिससे मतदान को लेकर यहां के ग्रामीणों में भारी उत्साह है.

बुजुर्गों ने बताया कि पहले मतदान के लिए हमें कभी दुर्गूकोंदल कभी पाउरखेड़ा तो कभी कोदापाखा जैसे मतदान केंद्र तक पैदल लंबी दूरी तय करनी पड़ती थी. इसमें समय के साथ-साथ परेशानी भी होती थी. अब हमारे गांव में ही मतदान केंद्र होने से हमें बहुत बड़ी सुविधा मिल गई है.

जानिए कहां कितना वोट पड़े

बता दें त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के दूसरे चरण में कांकेर जिले के भानुप्रतापपुर और दुर्गूकोंदल विकासखंड में मतदान जारी है. दोपहर 1 बजे तक भानुप्रतापपुर में 51.59 प्रतिशत और दुर्गूकोंदल में 58 प्रतिशत कुल 54.75 प्रतिशत मतदान हो चुका है. वहीं धमतरी जिले के कुरूद में 1 बजे तक 54.26 फीसदी मतदान हो चुका है. जिले के 108 ग्राम पंचायतों में मतदान जारी है. अब तक 52.99 प्रतिशत पुरुष और 55.33 प्रतिशत महिला मतदाताओं ने वोट किया है. जनपद पंचायत छिंदगढ़ (सुकमा) में 1 बजे तक 47.77% मतदान हो चुका है.

झीरम में लोकतंत्र के प्रति बढ़ा विश्वास, ग्राम सरकार चुनने ग्रामीणों में दिख रहा जबरदस्त उत्साह…

बस्तर- छत्तीसगढ़ में आज ग्राम सरकार के लिए दूसरे चरण का मतदान जारी है. इस बीच कोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र एलेंगनार से 6 किलोमीटर दूर झीरम में भी ग्रामीण बढ़-चढ़ कर हिस्सा ले रहे हैं. बुलेट पर बैलेट भारी पड़ रहा है. युवाओं से लेकर बूढ़ों तक सभी में काफी उत्साह नजर आ रहा है. लोगों का लोकतंत्र के प्रति विश्वास बढ़ रहा है. कड़ी सुरक्षा के बीच ग्रामीण दुर्गम रास्तों से उतरकर मतदान करने पहुंच रहे हैं.

आपका बता दें, साल 2013 में झीरम में एक बड़ी नक्सल घटना हुई थी, जिसमें कांग्रेसी नेताओं समेत 33 लोगों की निर्मम हत्या कर दी गई थी. झीरम में कभी माओवाद दहशत हुआ करता था. दरभा का झीरम गांव बस्तर और सुकमा जिले के सीमावर्ती इलाके में बसा हुआ है. निर्वाचन आयोग ने झीरम में 2 पोलिंग बूथ बनाए हैं, जहां झीरम और एलेंगनार के मतदाता वोट देते हैं. 

निर्भयता से कर रहे मतदान

ग्राम सरकार के मतदान केंद्र नम्बर 132 और 133 में कुल 706 वोटर्स हैं. जो सुबह से ही वोटिंग करने के लिए मतदान केंद्र के बाहर लाइन में लगे हुए हैं. इस बूथ में वोटिंग करने के लिए एलेंगनार गांव के मतदाताओं को करीब 6-7 किलोमीटर का पैदल सफर तय करना पड़ता है. ये ग्रामीण खड़ी पहाड़ी से उतरकर वोट देने पहुंचे हैं. हालांकि सरकार इस गांव तक सड़क बनाने के काम कर रही है, लेकिन सड़क वर्षों से अधूरा होने के कारण ग्रामीणों को काफी जद्दोजहद करना पड़ रहा है. 

पूर्व सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान: कहा- “मैं छत्तीसगढ़ नहीं छोड़ रहा, किसी को खुश होने की जरूरत नहीं”

रायपुर- कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब के नए प्रभारी बनाए जाने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिल्ली से लौटते ही बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय स्तर पर नई जिम्मेदारी मिलने के बावजूद वे छत्तीसगढ़ की राजनीति में सक्रिय रहेंगे। बघेल ने भाजपा नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा, “किसी को खुश होने की जरूरत नहीं है। मैं छत्तीसगढ़ नहीं छोड़ रहा हूं।”

रायपुर एयरपोर्ट पर पत्रकारों से चर्चा के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा नेताओं की उन चर्चाओं को खारिज किया, जिनमें कहा जा रहा था कि राष्ट्रीय महासचिव बनाए जाने के बाद वे प्रदेश की राजनीति से दूरी बना लेंगे। उन्होंने साफ कहा कि राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी पार्टी ने दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे अपने राज्य को छोड़ देंगे।

खड़गे के बयान का किया समर्थन

मीडिया से बातचीत में बघेल ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पार्टी नेतृत्व जिसे भी किसी राज्य का प्रभार देता है, उसकी सफलता या असफलता की जिम्मेदारी तय होनी चाहिए। बघेल ने कहा, “इसमें कुछ भी गलत नहीं है। अगर किसी को कोई जिम्मेदारी दी जाती है, तो उसका आकलन भी होना चाहिए।”


चुनावी हार के बाद कांग्रेस में मंथन जारी

छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के अंदर आत्ममंथन जारी है। भूपेश बघेल की राष्ट्रीय महासचिव और पंजाब के नए प्रभारी के रूप में नियुक्ति को पार्टी में बड़े बदलाव के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। हालांकि, बघेल का यह साफ कहना कि वे छत्तीसगढ़ में सक्रिय रहेंगे, यह दर्शाता है कि वे राज्य की राजनीति में अपनी भूमिका बरकरार रखना चाहते हैं।

18 करोड़ का स्ट्रीट लाइट घोटाला: हाईकोर्ट ने सरकार से मांगा शपथपत्र, अगली सुनवाई 18 मार्च को

बिलासपुर- बस्तर और सुकमा जिले में ग्रामीण विद्युतीकरण के नाम पर करोड़ों का स्ट्रीट लाइट घोटाला किया गया है. मामले में हाईकोर्ट के स्व-संज्ञान के बाद चल रही जनहित याचिका में सुनवाई जारी है. बुधवार को हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने बताया कि जांच समिति गठित हो चुकी है जो अपना काम कर रही है. इस पर मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र कुमार अग्रवाल की खंडपीठ ने शासन से शपथपत्र में जवाब मांगा है और मामले की अगली सुनवाई 18 मार्च को रखी है.

बस्तर और सुकमा जिले के 190 गांवों में लगा दी गई 18 करोड़ रुपये की 3500 से ज्यादा सोलर रट्रीट लाइट नियमों को दरकिनार कर लगा दी गई. इस खबर पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया था. पूर्व में हुई सुनवाई में बताया गया कि पूरी निविदा प्रक्रिया क्रेडा के माध्यम से होनी चाहिए थी, जो वर्तमान मामले में नहीं की गई है. राज्य के अधिकारियों को पूरी जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसकी अनदेखी की है. अतिरिक्त महाधिवक्ता राज कुमार गुप्ता ने बताया था कि जब उपरोक्त तथ्य अधिकारियों के संज्ञान में आया, तो दिनांक 09.04.2024 को आयुक्त, आदिवासी विकास, रायपुर द्वारा जांच का आदेश दिया गया. जांच भी पूरी हो चुकी है और रिपोर्ट भी संबंधित अधिकारी को प्रस्तुत कर दी गई है.

बुधवार को चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की डीबी में हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने बताया कि जांच समिति गठित हो गई है. जल्द ही वास्तविक रिपोर्ट सामने आ जाएगी. इस पर कोर्ट ने कहा कि आप शासन की ओर से शपथपत्र में विस्तृत जानकारी पेश करें.