डीडीयू और भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के बीच एमओयू, भोजपुरी भाषा और संस्कृति के संवर्धन के लिए संगठित प्रयास

गोरखपुर। भोजपुरी भाषा और संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय और भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इस ऐतिहासिक अवसर पर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन और भाई के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने समझौते को औपचारिक रूप दिया।

इस समझौते के तहत दोनों संस्थान संयुक्त रूप से भोजपुरी भाषा, साहित्य, लोकसंस्कृति एवं परंपराओं के अध्ययन, अनुसंधान और प्रसार के लिए कार्य करेंगे। इस सहयोग से विद्यार्थियों को भोजपुरी भाषा को गहराई से समझने और इसके साहित्य एवं सांस्कृतिक मूल्यों से जुड़ने का अवसर मिलेगा।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा,

“भोजपुरी केवल एक भाषा नहीं, बल्कि हमारी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय सदैव अपनी लोकसंस्कृति और भाषाई विरासत के संरक्षण के लिए प्रयासरत रहा है। भाई द्वारा भोजपुरी भाषा और संस्कृति के प्रचार-प्रसार के लिए किए जा रहे उल्लेखनीय कार्यों को देखते हुए यह एमओयू किया गया है। यह साझेदारी भोजपुरी भाषा और साहित्य के अकादमिक अध्ययन को नई दिशा देगी तथा विद्यार्थियों के लिए शोध और रोजगार के नए अवसर खोलेगी।”

भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने विश्वविद्यालय प्रशासन को धन्यवाद देते हुए कहा,

“गोरखपुर विश्वविद्यालय ने जिस विश्वास के साथ यह समझौता किया है, भाई उस पर पूरी तरह खरा उतरने का प्रयास करेगा। हमारा उद्देश्य नई पीढ़ी को भोजपुरी भाषा और लोकसंस्कृति से जोड़ना तथा इसके प्रचार-प्रसार को वैश्विक स्तर तक ले जाना है।”

अंग्रेजी विभागाध्यक्ष प्रो. अजय शुक्ला ने कहा कि गत दिनों विश्वविद्यालय और भाई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित अंतरराष्ट्रीय भोजपुरी संगोष्ठी को व्यापक सराहना मिली थी। उसी को ध्यान में रखते हुए यह समझौता किया गया है, जिससे भोजपुरी भाषा और साहित्य को अधिक गति मिलेगी और इसका प्रभाव अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक सशक्त होगा।

इस अवसर पर भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया (भाई) की ओर से कुलपति प्रो. पूनम टंडन को अंगवस्त्र एवं स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में प्रो. अनुभूति दूबे, भाई के संरक्षक डॉ. सुरेश, क्षेत्रीय संयोजक शिवेंद्र पांडेय, कोषाध्यक्ष राकेश मोहन और हृदया त्रिपाठी सहित विश्वविद्यालय के कई प्राध्यापक एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।

इस एमओयू के माध्यम से भोजपुरी भाषा के संरक्षण और संवर्धन के लिए एक नवीन शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक पहल की गई है, जो विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को अपनी लोकसंस्कृति से जुड़ने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगी।

*स्वामी विवेकानन्द जी की शिक्षा व विचारों के प्रचार प्रसार में पुस्तक मेला का आयोजन*

दिनांक 19 फरवरी 2025 को राष्ट्रीय सेवा योजना, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय गोरखपुर की कबीर इकाई के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयं सेवकों ने गोरखपुर विश्वविद्यालय परिसर में विवेकानन्द केंद्र द्वारा संचालित सचल बुक स्टाल के माध्यम से संबंधित पुस्तकों के प्रचार प्रसार एवं विश्वविद्यालय परिसर में लगे पुस्तक मेला में सहयोग प्रदान किया। इस अवसर पर राष्ट्रीय सेवा योजना के कबीर इकाई के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गिरिजेश कुमार यादव, डॉ. राम कीर्ति सिंह व डॉ. अमित कुमार त्रिपाठी व स्वयं सेवक उपस्थित रहे ।

सर्वाइकल कैंसर: इसकी रोकथाम, जोखिम और प्रारंभिक पहचान" विषय पर एक स्वास्थ्य वार्ता हुई आयोजित

गोरखपुर। महात्मा गांधी पी जी कॉलेज, गोरखपुर और रोट्रेक्ट क्लब एमजीपीजी के संयुक्त तत्वावधान में " सर्वाइकल कैंसर: इसकी रोकथाम, जोखिम और प्रारंभिक पहचान" विषय पर एक स्वास्थ्य वार्ता आयोजित की गई। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण से हुई । सत्र में मुख्य अतिथि बिरला आईवीएफ एंड फर्टिलिटी सेंटर की डॉ. आकृति गुप्ता ने सर्वाइकल कैंसर के कारणों, इससे होने वाले जोखिमों तथा समय पर पहचान और उपचार के महत्व पर विस्तृत जानकारी दी।

उन्होने बताया कि सर्वाइकल कैंसर एचपीवी नामक वायरस से संक्रमण के कारण होता है । समय-समय पर स्क्रीनिंग व स्वास्थ्य जांच के द्वारा इसका इलाज कराया जा सकता है ।आज के आधुनिक समय में वैक्सीन भी उपलब्ध है । वैक्सीन के दो या तीन डोज लेकर के इससे आप अपने आप को पूरी तरीके से बचा सकते हैं।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो अनिल कुमार सिंह ने छात्र-छात्राओं को स्वास्थ्य के प्रति जागरुक करते हुए बताया कि अच्छा स्वास्थ्य ही असली धन है अतः आप सभी को अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए, स्वस्थ रहेंगे तभी आप जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। कार्यक्रम संचालन सिद्धि पांडे ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम की संयोजक डॉ मधुलिका श्रीवास्तव द्वारा किया गया । कार्यक्रम में वनस्पति विज्ञान विभागाध्यक्ष के प्रो. अवनीश, डॉ. अनीता, डॉ. छमता, डॉ. प्रज्ञा, शुभम तथा रोटेरियन भास्कर उपस्थित रहे।

राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला का सातवां दिवस सफलतापूर्वक सम्पन्न

गोरखपुर । राजकीय बौद्ध संग्रहालय, गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उ0प्र0) द्वारा दिनांक 18 फरवरी 2025 दिन मंगलवार को भारतीय संस्कृति अभिरूचि पाठ्यक्रम के अन्तर्गत सात दिवसीय राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला का सातवां दिवस सम्पन्न हुआ, जिसका शुभारंभ मंचासीन अतिथियों द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। व्याख्यान श्रृंखला में आज प्रथम सत्र में ‘‘बौद्ध धम्म के विकास में सम्राट अशोक की भूमिका एवं योगदान‘‘ विषय पर विषय विशेषज्ञ-भिक्खु चन्दिमा थेरो, संस्थापक अध्यक्ष, बुद्धा धम्मा लर्निंग सेन्टर, सारनाथ, वाराणसी एवं दूसरे सत्र में ‘‘भारतीय संस्कृति‘‘ विषय पर विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर (डाॅ0) राजवन्त राव, संकाय अध्यक्ष, कला संकाय, दी0द0उ0गो0वि0वि0गोरखपुर द्वारा व्याख्यान दिया गया। कार्यक्रम का संचालन श्रीमती रीता श्रीवास्तव, दूरदर्शन एवं आकाशवाणी कलाकार द्वारा की गयी। व्याख्यान कार्यक्रम के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि डाॅ0 मंगलेश श्रीवास्तव, महापौर नगर निगम, गोरखपुर द्वारा पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र का वितरण भी किया गया।

बौद्ध संग्रहालय द्वारा आयोजित उक्त राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला में कुल 178 प्रतिभागी पंजीकृत थे, जिनमें से चयनित 89 प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण-पत्र से सम्मानित किया गया। प्रथम पुरस्कार रीता श्रीवास्तव को, द्वितीय पुरस्कार दीक्षा गुप्ता को, तृतीय पुरस्कार बसन्त लाल को तथा सान्त्वना पुरस्कार ़़ऋद्धि शर्मा व अनिमेष कुमार चतुर्वेदी को प्राप्त हुआ। विशेष सहयोग के लिए उदयशील, वैभव सिंह एवं रजनीकान्त मौर्य को प्रदान किया गया।

मुख्य अतिथि डाॅ0 मंगलेश श्रीवास्तव, महापौर नगर निगम, गोरखपुर ने अपने सम्बोधन में कहा कि डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर जी जिस भी कार्य की जिम्मेवारी लेते है। उसे बखूबी निभाते हैं। संग्रहालय द्वारा निरन्तर भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता सहित कला, इतिहास एवं पुरातात्विक संग्रहों के संरक्षण के सतत प्रयासरत है। जिसका सारा श्रेय डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर वर्तमान उप निदेशक बौद्ध संग्रहालय एवं उनकी सहयोगी टीम को जाता है।

पहले सत्र में ‘‘बौद्ध धम्म के विकास में सम्राट अशोक की भूमिका एवं योगदान‘‘ विषय पर बोलते हुए मुख्य विषय विशेषज्ञ- भिक्खु चन्दिमा थेरो, संस्थापक अध्यक्ष, बुद्धा धम्मा लर्निंग सेन्टर, सारनाथ, वाराणसी ने कहा कि सम्राट अशोक एक महाराजा होते हुए भी उन्होंने अपने पुत्र एवं पुत्री को बौद्ध धम्म के प्रचार-प्रसार के लिए श्रीलंका भेजने के साथ-साथ एशिया के विभिन्न देशों में बुद्ध के धम्म का प्रसार किया। उन्होंने जन कल्याण के साथ-साथ पशु-पक्षियों आदि के लिए कुएं, सड़कों के किनारे पेड़ तथा चिकित्सा आदि की सुविधा प्रदान की। अशोक जैसे शासक जो सोते, जागते हर वक्त जनता के दुख को दूर करने के लिए आजीवन समर्पित रहे। उन्होंने भगवान बुद्ध के हजारों उपदेशों के तहत कई हजार बौद्ध स्तूप, शिलालेख एवं स्तम्भ पूरे देश में निर्मित कराकर बौद्ध धम्म की ऐतिहासिकता को स्वर्णित अक्षरों में अंकित कर दिया।

दूसरे सत्र में ‘‘भारतीय संस्कृति‘‘ विषय पर विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर (डाॅ0) राजवन्त राव, संकाय अध्यक्ष, कला संकाय, दी0द0उ0गो0विश्वविद्यालय, गोरखपुर ने कहा कि कोई भी संस्कृति संवाद से समृद्ध होती है। जब संवाद टूटता है तो संस्कृति छिन्न भिन्न हो जाती है। भारतीय संस्कृति अनेकता में एकता की संस्कृति को दर्शाती है। जोकि समन्वयवादी है। भारतीय संस्कृति एक सौम्य एवं अनाक्रामक संस्कृति है, जिसमें भगवान बुद्ध की विचारधारा एवं संदेशों का समन्वय है। आज के व्याख्यान के मुख्य वक्ताओं को संग्रहालय की ओर से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित भी किया गया। साथ ही कार्यक्रम की सफलता के लिए संग्रहालय के उप निदेशक डाॅ0 यशवन्त सिंह राठौर ने सभी प्रतिभागियों, अभिभावकों, मीडिया बन्धुओं को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

एमजी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम का हुआ शुभारंभ

गोरखपुर। महात्मा गांधी पीजी कॉलेज में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के सप्त दिवसीय विशेष शिविर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। जिसमे मुख्य अतिथि के रूप में डॉ मंजू मिश्रा, प्राचार्य, बापू पी जी कॉलेज, पीपीगंज एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ सत्यपाल सिंह, संयोजक, राष्ट्रीय सेवा योजना, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय उपस्थित रहें। मुख्य अतिथि डॉ अंजू मिश्रा जी ने बेटी बचाओ एवं बेटी पढ़ाओ, भ्रूण हत्या पे बच्चों को जागरूक किया। तत्पश्चात डॉ सत्यपाल सिंह ने राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़े हुए राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय कार्यक्रम के बारे में स्वयं सेवकों को जागरूक किया और उसके महत्व को बताया।

कार्यक्रम में मोटिवेशनल स्पीकर डी एन श्रीवास्तव ने व्यक्तित्व विकास पर स्वयं सेवकों से चर्चा की I यह कार्यक्रम महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में किया गया I कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्राचार्य प्रो.अनिल कुमार सिंह ने कहा कि सकारात्मक सोच रखे, आप जैसा सोचेंगे वैसे बन जायेंगे। कार्यक्रम का संचालन डॉ आराधना सिंह ने किया I स्वागत गीत श्रेया एवं प्रियंका द्वारा तथा राष्ट्रीय सेवा योजना का इतिहास एवं लक्ष्य गीत हर्षित तिवारी द्वारा प्रस्तुत किया गया।कार्यक्रम में स्वयंसेवक व स्वयं सेविकाओं ने उत्साह के साथ प्रतिभाग किया I कार्यक्रम अधिकारी डॉ अनिल कुमार मिश्रा ने सभी अतिथिगण एवं शिक्षक गण का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से गणित विभाग के डॉ रविंद्र नाथ शुक्ल, प्राणी विज्ञान विभाग के डॉ संतोष त्रिपाठी, वनस्पति विज्ञान विभाग के डॉ शोभित श्रीवास्तव, डॉ विकास यादव आदि मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

उर्दू विभाग में पुरातन छात्र सम्मेलन का हुआ आयोजन

गोरखपुर। दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के उर्दू विभाग में हीरक जयंती के अवसर पर एक भव्य पुरातन छात्र सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस अवसर पर शहर के कई अहम साहित्यकार और लेखक उपस्थित रहे। विभाग के अध्यक्ष प्रो. एम. आर रहमान ने मेहमानों को गुलदस्ता देते हुए उन का स्वागत किया। एम आर रहमान ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि आयोजन में उपस्थित तमाम मेहमानों का विभाग से गहरा रिश्ता रहा है। हम अपने सभी अतिथियों का हृदय से अभिनंदन करते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता शहर के बुज़ुर्ग शायर अनवर जिया ने की जबकि डॉ मु. अशरफ़ मुख्य अतिथि के तौर पर शरीक हुए। और डॉ ज़ाकिर हुसैन और महबूब सईद हारिस विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। सभी ने अपनी पुरानी स्मृतियों और खूबसूरत यादों को एक दूसरे से साझा किया।

अनवर जिया ने अपने अध्यक्षीय वक्तव्यमें कहा कि इस यूनिवर्सिटी को देख कर फख्र का एहसास होता है। हम ने यहां से ज़िंदगी का सबक हासिल किया है। इस अवसर पर अपने गुरु जनों को याद करके भावुक हो रहा हूं। सीने में सैकड़ों यादें रोशनी की तरह झिलमिला रही हैं। उर्दू विभाग की तरक्की और खुश हाली के लिए मनोकामना करता हूं।

मुख्य अतिथि डॉ मु. अशरफ़ ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि उर्दू विभाग देश भर में अपनी विशिष्ट पहचान रखता है। इस ने उर्दू के साहित्यिक पटल पर एक समृद्ध परंपरा कायम की है। मैं इस आयोजन का हिस्सा बनने पर गौरवान्वित महसूस कर रहा हूं। महबूब सईद हारिस ने कहा कि हम इस कैंपस की यादों को अपने दिल में बसा कर रखते हैं। मुझे इस मौक़े पर फैज़ अहमद फ़ैज़ का शेर याद आ रहा है। तुम्हारी याद के जब ज़ख्म भरने लगते हैं/किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते है।

देवरिया से आए हुए साहित्यकार एवं आलोचक डॉ ज़ाकिर हुसैन ने कहा कि हीरक जयंती का ये सिलसिला स्वागत योग्य है। उर्दू विभाग से हमारा जज़्बाती रिश्ता रहा है। हम ने यहां से बहुत कुछ सीखा है। व्यक्तिगत तौर पर मैं विभाग का आभारी हूँ। मेरी दुआएं विभाग के साथ हैं। उर्दू विभाग में आयोजित इस एलुमनाई मीट मे जहीर अंजुम, डॉ सलमा बानो, डॉ तरन्नुम हसन, और डॉ जेबा वगैरह ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए पुरानी यादों को ताज़ा किया।

इस खास मौके पर डॉ ज़ाकिर हुसैन की पुस्तक "उर्दू सहाफत का आग़ाज़-ओ-एरतेका" का विमोचन हुआ। 16 फरवरी को उर्दू विभाग में आयोजित तमसीली मुशायरे में उत्कृष्ट प्रस्तुति देने वाले तीन छात्रों को सम्मानित किया गया। एम. ए. के छात्र मुहम्मद राफे को प्रथम, बी.ए. की छात्रा सिमरन अंसारी को द्वितीय और एम. ए. की संजू वर्मा को तृतीय पुरस्कार से नवाजा गया।

इस कार्यक्रम का संचालन विभाग के सहायक आचार्य डॉ साजिद हुसैन अंसारी ने किया। और धन्यवाद ज्ञापन डॉ महबूब हसन ने दिया। इस सम्मेलन में बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

*सब के दिलों में आज भी जीवित हैं वीर बहादुर सिंह की मधुर स्मृतियां-विनय कुमार सिंह*

खजनी गोरखपुर।।

पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह की 91वीं जयंती पर आज हरनहीं में स्थित विनय सिंह सोनू के पैतृक निवास पर संगीतमय रामचरितमानस सुंदरकांड पाठ का सामूहिक आयोजन किया गया। साथ ही स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह के चित्र पर फूल माला चढ़ा कर सभी आगंतुकों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

इस अवसर पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए विनय कुमार सिंह सोनू ने कहा कि मेरे पिता तूल्य स्वर्गीय वीर बहादुर सिंह को आज भी लोग विकास पुरुष के रूप में याद करते हैं, वह इस जमीन से जुड़े एक बेहद सरल और संवेदनशील व्यक्ति थे। उन्होंने अपने जीवन काल में उत्तर प्रदेश के सिंचाई मंत्री, परिवहन मंत्री एवं भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद पर रहकर देश और प्रदेश की सेवा की तथा राजनीति में अपने आदर्श व्यक्तित्व का परचम लहराया। उन्होंने प्रदेश और गोरखपुर जिले के सर्वांगीण विकास का संकल्प लिया था। वह एक ऐसे जन नेता थे जिनकी स्मृतियां चिर काल तक जन जन के हृदय में जीवित रहेंगी।

इस अवसर पर भाजपा नेता रत्नेश पांडेय ने कहा कि गोरखपुर के विकास में वीर बहादुर सिंह का अमूल्य योगदान रहा।

जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में भाजपा के खजनी मंडल अध्यक्ष अवध बिहारी मिश्रा जगदंबा शुक्ला,डाॅक्टर बीएस सिंह,डॉक्टर एखलाक, पंकज आदि ने भी संबोधित किया, साथ ही दर्जनों जरूरतमंद लोगों को कंबल वितरित किए गए।

संचालन भाजपा नेता बालकिशुन पासवान ने किया मौके पर महदेवा मंडल अध्यक्ष दुर्गेश पटवा,भरोहियां शिव मंदिर के महंत शिवनाथ शरण दास,बहुरीपार के महंतरा मलाल दास जिला पंचायत सदस्य श्याम सिंह, राजेंद्र राय, सुमित सिंह, रामगति, रूद्र कुमार त्रिपाठी, विरेन्द्र प्रताप सिंह सोनू आदि सभी उपस्थित जनों ने उनके चित्र पर पुष्पार्चन कर उन्हें श्रद्धा पूर्वक नमन किया और केक काट कर जयंती मनाते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी।

*कृष्ण जन्म कथा सुन झूम उठे श्रोता, भव्य जन्मोत्सव मनाया*

खजनी गोरखपुर।।मंदरांचल पर्वत और वासुकी नाग की मथानी बना कर असुरों और देवताओं ने मिल कर क्षीरसागर का मंथन किया था। जिसमें से हलाहल विष, कामधेनु, उच्चै: श्रवा, ऐरावत, कौस्तुभ मणि, कल्पवृक्ष, रंभा अप्सरा, देवी लक्ष्मी, वारुणी, पारिजात पुष्प, चंद्रमा, पांचजन्य शंख, धन्वन्तरि और अमृत जैसे 14 रत्न निकले।

रूद्रपुर गांव में चल रही श्रीमद् भागवत महापुराण कथा के तीसरे दिन रविवार को कर्मयोगी भगवान श्री कृष्ण का जन्मोत्सव बडे़ ही हर्षोल्लास के साथ धूम-धाम से मनाया गया। कथा व्यास ने देवकी वसुदेव विवाह आकाशवाणी और कंस के कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म की कथा का विस्तार सहित वर्णन करते हुए बताया कि भगवान के गर्भ में आते ही माता देवकी के चेहरे का तेज बढ़ गया। देवताओं ने भगवान की स्तुति की, भगवान कृष्ण जन्मोत्सव में नन्हें बालक ने भगवान कृष्ण का रूप धारण कर उपस्थित श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। सभी ने कृष्ण जन्म उत्सव का आनंद लिया। इससे पूर्व भगवान चतुर्भुज रूप में कंस के कारागार में प्रकट हुए देवकी और वसुदेव की बेड़ियां खुल गईं।

अयोध्या हनुमान गढ़ी के महंत ज्ञानदास के शिष्य कथा व्यास भागवताचार्य पंडित ब्रह्मांस दास ब्रह्मचारी ने उपस्थित श्रोताओं से कहा कि संसार से रिश्ते जोड़ने पर ही दु:ख मिलता है भगवान सत् चित् आनन्द स्वरूप हैं उनसे रिश्ता जोड़ने पर सभी दु:खों से छुटकारा और वास्तविक संपुर्ण सुख प्राप्त होता है।

इस अवसर पर मुख्य यजमान प्रेम शंकर मिश्र पूर्व ग्रामप्रधान असमावती मिश्रा डॉक्टर उदय प्रकाश मिश्र, यतिन मिश्र, गिरिवर मिश्र, जनार्दन दुबे, दूधनाथ दुबे, अमर, आकाश, शुभम, हर्ष, गणेश शंकर मिश्र सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु श्रोता और गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

*दो महीने से गायब युवक का शव गांव की पोखरी में मिला,कस्बे में सड़क पर जाम लगा कर परिजनों ने की कार्रवाई की मांग*

खजनी गोरखपुर।।थाना क्षेत्र के पड़ियापार गांव में एक युवक बीते 17 दिसंबर 24 को रात लगभग 8 बजे अपने घर से गांव के ही दो व्यक्तियों के बुलाने पर गया था। परिवार के लोगों ने युवक की हत्या कर शव को पोखरी में फेंकने का आरोप लगाया था। दो महीने बाद आज 17 फरवरी 2025 को लगभग 4.30 बजे युवक का शव उसी पोखरी में बरामद हुआ।

लंबे अरसे से पुलिस के अधिकारियों और जन प्रतिनिधियों के पास युवक की तलाश की मांग को लेकर चक्कर लगा रहे परिवारजनों और निकट संबंधियों के सब्र का बांध फूट पड़ा। आज शाम खजनी कस्बे के मुख्य चौराहे पहुंचकर आक्रोशित स्वजनों ने सड़क पर लेट कर रास्ता जाम करने लगे। कस्बे में हंगामा देख कर स्थानीय पुलिस के हांथ पांव फूल गए। थाने के दर्जनों पुलिसकर्मियों ने मौके पर पहुंचकर आक्रोशित लोगों को समझाने बुझाने का प्रयास शुरू कर दिया। किंतु मृतक के पुत्रों उनके सहयोगी साथियों और परिवार की महिलाओं ने कुछ भी सुनने मानने से इंकार करते हुए पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगाते हुए आरोपितों के विरुद्ध कोई कार्रवाई न करने का आरोप लगाते रहे। इस बीच मौके पर पहुंचे क्षेत्राधिकारी उदय प्रताप सिंह तहसीलदार नरेंद्र कुमार और थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर अर्चना सिंह ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को समझा बुझाकर सड़क से उठाया कस्बे में यातायात व्यवस्था सामान्य कराते हुए। पीड़ित परिवार के लोगों को सांत्वना देते हुए कार्रवाई शुरू की। तत्परता दिखाते हुए पुलिस ने गांव के दो संदिग्ध लोगों को थाने में ले आ कर से पूछताछ भी शुरू कर दी।

इस दौरान मृतक मोहन निषाद की पत्नी रीना देवी ने थाने में तहरीर देकर बताया कि गांव के दो व्यक्ति दो महीने पहले 17 दिसंबर 24 को उनके पति मोहन को रात 8 बजे घर से बुलाकर ले गए थे। बीते दो महीने से मोहन निषाद का कहीं कोई पता नहीं चल रहा था। परिवार के लोग मोहन की तलाश में हर संभावित स्थानों पर करते हुए निराश हो गए थे।

आज अपराह्न 4.30 बजे पोखरी में शव मिलने पर गांव के लोगों ने उन्हें सूचना दी थी। मौके पर पहुंची मृतक की पत्नी और बच्चों ने कपड़े और शव‌ देख कर उसकी शिनाख्त कर ली। युवक के शव को कब्जे में लेकर पंचायत नामे के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए जिले पर भेज दिया।

बता दें कि बीते 17 दिसंबर 24 को युवक के गांव की पोखरी में डूबने की सूचना पर पहुंची पुलिस उसकी तलाश में घंटों तक हलकान हुई थी।उस दौरान सबेरे लगभग 9 बजे थाने में पुलिस को सूचना दी गई कि पड़ियापार गांव के निवासी मोहन पुत्र रामप्रीत उम्र लगभग 40 वर्ष गांव के पोखरी में डूब गए हैं। मौके पर पहुंचे तत्कालीन थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा ने देखा तो पोखरी जलकुंभियों से भरी मिली और किनारे पर सिर्फ घुटनों तक पानी था। घटना की सूचना एसडीआरएफ को दी गई किंतु जलकुंभी के कारण पोखरी में प्रवेश करना मुश्किल था। आखिरकार दो दिनों तक जलकुंभी की सफाई के लिए मजदूरों को लगा कर सफाई और तलाश की गई थी। साथ ही पुलिस ने युवक के गायब होने की सूचना पर खजनी थाने में गुमशुदगी दर्ज कर ली थी, किंतु कुछ दिनों बाद उसकी तलाश और जांच पड़ताल शिथिल पड़ गई थी। मृतक मोहन निषाद पुत्र रामप्रीत मेहनत मजदूरी का काम करके परिवार का भरण-पोषण करता था। आज शाम मृतक के पिता रामप्रीत पुत्र रामदुलारे मां तथा पत्नी रीना देवी पुत्र सूरज, शिवानंद, कृष्णा और बेटी सीता गांव और पट्टीदारी के लोगों के साथ खजनी कस्बे में थाने के सामने पहुंच कर विरोध प्रदर्शन करने लगे।

जातक कथाओं के माध्यम से छात्रों ने सीखा व्यवसाय प्रबंधन

गोरखपुर। राजकीय बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर (संस्कृति विभाग, उत्तर प्रदेश) के तत्वाधान में आयोजित राष्ट्रीय व्याख्यान श्रृंखला के अंतर्गत आज दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के व्यवसाय प्रशासन विभाग में 'सम्यक प्रबंधन और जातक अट्ठकथाएँ' विषय पर विभागाध्यक्ष व्यवसाय प्रशासन प्रो. श्रीवर्धन पाठक की अध्यक्षता में एक दिवसीय व्याख्यान आयोजित किया गया।

कार्यक्रम का संचालन कर रही विभाग की अध्यापिका डॉ सुरुचि श्रीवास्तव ने अतिथि वक्ता का परिचय दिया तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे विभागाध्यक्ष प्रो पाठक ने उद्बोधन के मुख्य वक्ता डॉ जसवीर सिंह चवाला (अध्यक्ष, वॉक चंडीगढ़) को स्मृति चिन्ह भेंट कर उनका औपचारिक स्वागत किया तथा व्याख्यान के महत्व को रेखांकित किया।

डॉ जसवीर सिंह चवाला ने बड़े ही रोचक ढंग से जातक कथाओं के माध्यम से छात्रों को मैनेजमेंट के गुर सिखाए तथा उन्हें मैनेजमेंट सीखने के लिए भारतीय किताबें विशेष कर भगवान बुद्ध के जीवन से संबंधित जातक कथाओं को पढ़ने के लिए प्रेरित किया। डॉ चावला ने अपने उद्बोधन में छात्रों को बहुत सी कहानियां द्वारा सम्यक व्यापार के उद्धरण दिये।

उद्बोधन के अंत में समन्वयक व्यवसाय प्रशासन विभाग प्रोफेसर मनीष कुमार श्रीवास्तव ने अतिथि वक्ता को धन्यवाद ज्ञापित किया। विभाग मे आयोजित कार्यशाला में एमबीए के छात्र - छात्राओं के अतिरिक्त सेवानिवृत प्रो सुशील तिवारी, डॉ कुलदीपक शुक्ला, डॉ इरफान अंसारी, डॉ शेफाली, डॉ कृतिका, श्रीमती तोजस्वी दुबे, डॉ राहुल पाल, डॉ आनन्दवर्धन, डॉ सुशील आदि लोग उपस्थित रहे।