महाकुंभ क्षेत्र से उतरने लगी अखाड़ों की धर्मध्वजा, अब संत अपने-अपने स्थानों को रवाना
विश्वनाथ प्रताप सिंह
महाकुंभ वसंत पंचमी का तीसरा अमृत स्नान होने के साथ ही महाकुम्भ क्षेत्र से अखाड़ों की धर्मध्वजा उतरने लगी है। मंगलवार को निर्मल और नया उदासीन अखाड़े की धर्मध्वजा उतारी गई। मेला क्षेत्र में स्थापित गुरु ग्रंथ साहिब को कल्याणी देवी स्थित पक्की संगत ले जाया गया। इसी के साथ अखाड़ों के संत अपने अपने स्थानों को रवाना होने लगे। काफी संत कनखल हरिद्वार स्थित मुख्यालय की ओर कूच कर गए तो कई लोग दिल्ली, पंजाब आदि की तरफ रवाना हुए।नया उदासीन अखाड़े की धर्मध्वजा भी उतारी गई। वहीं बड़ा उदासीन अखाड़े की धर्मध्वजा सात फरवरी को उतरेगी और आठ को संत यहां से कीडगंज मुख्यालय जाएंगे। कुछ दिनों तक रमता पंच कीडगंज में ही विश्राम करेगा और उसके बाद आगे की यात्रा पर निकलेंगे।अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए संगम पर की गई बैरिकेडिंग भी अब उखाड़ी जा रही है। यह बैरिकेडिंग अखाड़ों के स्नान के वक्त आम श्रद्धालुओं को वहां तक जाने से रोकने के लिए लगाई गई थी।अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने मौनी अमावस्या के दिन हुई घटना के बाद श्रद्धालुओं की मुस्लिम समाज की ओर से की गई सेवा की सराहना की है। कहा कि कोरोना काल में भी देश में इसी तरह भाई चारे का संदेश दिया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि परिषद ने उन कट्टर मुस्लिमों का विरोध किया था जो अपने कृत्यों से सनाधन धर्म को बदनाम करना चाहते हैं। कहा कि मैं यही चाहूंगा कि प्रयागराज से अच्छा संदेश पाकिस्तान और बांग्लादेश सहित पूरे विश्व में जाए।अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने महाकुम्भ हादसे में मारे गए लोगों के शव गंगा में फेंके जाने के बयान की निंदा करते हुए कहा कि जया बच्चन को डिप्रेशन हो रहा है, उन्हें इसका इलाज कराना चाहिए, मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें ताकि वे ऐसे बयान न दें क्योंकि बच्चन परिवार से सभी प्रेम रखते हैं। उन्होंने सवाल किया कि क्या जया बच्चन के पास कोई प्रमाण है, क्या कोई वीडियो देखा है। उन्हें हिन्दू और सनातन विरोधी बातें नहीं बोलनी चाहिए।
Feb 16 2025, 16:30