यूक्रेन के चेर्नोबिल न्यूक्लियर प्लांट पर रूस का हमला, ड्रोन अटैक का वीडियो आया सामने
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रूस और यूक्रेन के बीच जंग रुकने का नाम नहीं ले रही है, पिछले कई महीने से ये जंग चल रही है और इसमें अब तक लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। हालांकि, रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग को खत्म कराने की वैश्विक स्तर पर कोशिशें जारी है। इसी बीच अब यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लादिमीर जेलेंस्की ने दावा किया है कि रूस ने यूक्रेन के न्यूक्लियर प्लांट पर हमला कर दिया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह हमला चेर्नोबिल प्लांट के पूर्व चौथे पावर यूनिट के शेल्टर पर हुआ, जिससे वहां आग लग गई। हालांकि, यूक्रेनी अधिकारियों ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया है और अब तक रेडिएशन स्तर में कोई इजाफा दर्ज नहीं किया गया है।
जेलेंस्की ने कहा कि रूसी ड्रोन ने प्लांट के रेडिएशन शेल्टर को निशाना बनाया। यह शेल्टर पहले से ही नष्ट हो चुके रिएक्टर को ढंकने के लिए बनाया गया था। जेलेंस्की ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने एक पोस्ट में कहा, एक उच्च विस्फोटक वारहेड के साथ एक रूसी हमलावर ड्रोन ने नष्ट हो चुके चौथे पावर यूनिट पर रेडिएशन से दुनिया की रक्षा करने वाले शेल्टर पर हमला किया।
जेलेंस्की ने बताया कि यूनिट को कवर करने वाला कंक्रीट शेल्टर क्षतिग्रस्त हो गया है, आग भी बुझा दी गई है।उन्होंने आगे कहा कि हमले के बाद रेडिएशन का लेवल नहीं बढ़ा है और लगातार निगरानी की जा रही है। उन्होंने कहा कि चेरनोबिल का यह सुरक्षात्मक आवरण यूक्रेन ने यूरोप, अमेरिका और अन्य देशों के साथ मिलकर बनाया था, जो सच्ची वैश्विक सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध हैं। उनके अनुसार, रूस एकमात्र ऐसा देश है जो इस प्रकार के स्थलों पर हमला करने, परमाणु संयंत्रों पर कब्जा करने और युद्ध को अंजाम देने में संकोच नहीं करता, जिससे यह पूरी दुनिया के लिए एक आतंकवादी खतरा बन गया है।
इंटरनेशनल एटॉमिक एनर्जी एजेंसी (आईएईए) ने भी इस हमले की पुष्टि की। आईएईए ने कहा कि फायर सेफ्टी टीम कुछ ही मिनटों में घटनास्थल पर पहुंच गई थी। एजेंसी ने यह भी बताया कि हमले में कोई हताहत नहीं हुआ है और संयंत्र के अंदर और बाहर रेडिएशन का स्तर सामान्य बना हुआ है। आईएईए के निदेशक राफेल मारियानो ग्रॉसी ने चेतावनी देते हुए कहा कि ‘ऐसे हमलों के बीच किसी तरह की लापरवाही की कोई गुंजाइश नहीं है।’ उन्होंने यह भी कहा कि एजेंसी ‘हाई अलर्ट’ पर बनी हुई है।
बता दें कि चेर्नोबिल को दुनिया की सबसे बड़ी नागरिक परमाणु आपदा के लिए जाना जाता है। 1986 में इसके चार रिएक्टरों में से एक में विस्फोट हुआ था। इस दुर्घटना के बाद रेडियोएक्टिव रेडिएशन यूरोप के बड़े हिस्से में फैल गया था, जिससे लाखों लोगों की जान को खतरा हुआ था। उस रिएक्टर को अब तक प्रोटेक्टिव शेल्टर से घेर दिया गया है, ताकि विकिरण को रोका जा सके।
Feb 14 2025, 16:13