अमेरिका की राह पर ब्रिटेनः अवैध प्रवासियों पर सख्ती, भारतीय रेस्टोरेंट को बनाया निशाना
#uk_strict_action_against_illegal_immigration_targeted_indian_restaurant

* अमेरिकाने नए राष्ट्रपति ने देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों पर सख्ती शुरू कर दी है। अमेरिका में अवैध रूप से रह रह लोगों को ढूंढ-ढूंढकर उन्हें डिपोर्ट किया डा रहा है। इसी क्रम में हाल ही में अमेरिका से 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को भी वापस स्वदेश भेजा गया है। अमेरिका के बाद अब लंदन में भी भारतीयों के खिलाफ कोई मुहिम शुरू हो गई है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन पर सख़्त कार्रवाई के बाद यूके की लेबर सरकार ने देश में अवैध रूप से काम करने वालों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू कर दी है। ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों पर देश-व्यापी कार्रवाई में भारतीय रेस्त्रां, नेल बार, सुविधा स्टोर और कार वॉश भी शामिल रहे। गृह मंत्री यवेटे कूपर ने कहा, उनके मंत्रालय की आव्रजन प्रवर्तन टीमों ने जनवरी में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया। गत वर्ष जनवरी के बजाय गिरफ्तारियां बढ़कर 609 हो गईं, और पिछले वर्ष की तुलना में इस कार्रवाई में 73 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। गृह मंत्रालय ने कहा, पिछले महीने की गतिविधि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रेस्तरां, टेकअवे और कैफे के साथ-साथ भोजन, पेय और तंबाकू उद्योग था। उत्तरी इंग्लैंड के हंबरसाइड में एक भारतीय रेस्तरां में सात गिरफ्तारियां हुईं और चार को हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा, आव्रजन नियमों का सम्मान किया जाना चाहिए और उन्हें लागू किया जाना चाहिए। कूपर ने कहा, नियोक्ता लंबे समय से अवैध प्रवासियों का शोषण कर रहे थे। ब्रिटेन की सत्ता में लेबर पार्टी के आने के बाद से अब तक 19 हजार अवैध प्रवासियों और अपराधियों को देश से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। ब्रिटिश होम मिनिस्टर वेटे कूपर ने कहा, हमारी सरकार आने के बाद से अब तक 19 हजार लोगों को डिपोर्ट किया गया है।
दिल्ली को फिर मिलेगी महिला मुख्यमंत्री? ये नाम चर्चा में
#delhi_get_woman_cm

* 27 साल बाद विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के बाद अब दिल्ली में सरकार के गठन को लेकर बीजेपी में विचार विमर्श चल रहा है। हालांकि, ये लगभग तय है कि प्रधानमंत्री के दिल्ली लौटने के बाद ही मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों के नामों को फाइनल किया जाएगा। हाल के वर्षों में पार्टी नेतृत्व में ऐसे मामलों में चौंकाने वाले फैसले लिए हैं इसलिए पार्टी के सीनियर लीडर भी ये बताने की स्थिति में नहीं हैं कि दिल्ली के मुख्मंत्री के लिए किसका नाम फाइनल होगा। इससे पहले चर्चाओं का बाजार गर्म है। मुख्यमंत्री के नाम के लिए परवेश सिंह राणा, विजेंद्र गुप्ता समेत कई दिग्गज नेताओं का नाम चल रहा है। इस बीच कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि बीजेपी सबको चौंकाते हुए किसी महिला को दिल्ली की कमान सौंप सकती है। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने संकेत दिया कि पार्टी अपने सभी विकल्पों पर सावधानी से विचार कर रही है। राजनीतिक रूप से सबसे अच्छा काम करने वाले के आधार पर, पूर्वांचल पृष्ठभूमि, एक सिख नेता या एक महिला के उम्मीदवार पर विचार किया जा रहा है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा के पिछले चुनावों से पता चलता है कि पार्टी नेतृत्व कोई बड़ी घोषणा करने से पहले अपने फैसले को फिलहाल गुप्त रखना चाहती है। ऐसे में लोगों के बीच ये उत्सुकता है कि आखिर सीएम कौन होगा। बता दें कि बीजेपी ने ही दिल्ली को पहली महिला सीएम सुषमा स्वराज के रूप में दिया था। इसके बाद कांग्रेस ने शीला दीक्षित को और फिर आम आदमी पार्टी ने आतिशी को कमान सौंपी। अब दिल्ली के नए मुख्यमंत्री के तौर पर इन महिला विधायकों का नाम चल रहा है। मुख्यमंत्री पद के लिए भाजपा के संभावित महिला चेहरों की लिस्ट में ये नाम शामिल हैः *रेखा गुप्ता-* रेखा गुप्ताा, जो शालीमार बाग सीट से विधायक चुनी गई हैं उन्हें इस लिस्ट में सबसे आगे देखा जा रहा है। वह भाजपा की महिला शाखा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं। *शिखा रॉय-* शिखा रॉय ने ग्रेटर कैलाश सीट से जीत दर्ज की है और सीएम रेस में एक और मजबूत दावेदार हैं, जिन्होंने आप के सौरभ भारद्वाज को हराया है। *पूनम शर्मा-* पूनम शर्मा ने वजीरपुर सीट से जीत दर्ज की। उन्होंने आप के राजेश गुप्ता को हराया। पूनम शर्मा को 54 हजार 721 वोट मिले। बीजेपी नेता ने आप के राजेश गुप्ता को 11 हजार 425 वोटों से मात दी। *नीलम पहलवान-* नजफगढ़ विधायक नीलम पहलवान भी इस लिस्ट में हैं। जिन्होंने 1,01,708 वोटों के साथ बड़ी जीत हासिल की। नीलम के सामने आप के तरुण कुमार थे। सबसे बड़ी जीत दर्ज करने वाले उम्मीदवारों में भी उसका नाम है। *इन सबके अलावा दो और नामों की चर्चा हो रही हैः-* *स्मृति ईरानी-* पूर्व केंद्रीय मंत्री, 2024 के लोकसभा चुनाव में अमेठी से कांग्रेस के किशोरी लाल से हार गईं, लेकिन एक सीएम की लिस्ट में मजबूत दावेदार बनी हुई हैं। *बांसुरी स्वराज-* दिवंगत सुषमा स्वराज की बेटी, नई दिल्ली लोकसभा सीट से चुनाव जीतीं हैं। *मौजूदा विधायकों में से ही चुना जाएगा सीएम* वहीं चर्चा ये भी है कि इस बार मुख्यमंत्री, मौजूदा विधायकों में से ही चुना जाएगा। इसकी वजह ये है कि अगर किसी सांसद को सीएम बनाया जाता है तो दिल्ली में दो उपचुनाव कराने होंगे। एक मुख्यमंत्री बनने वाले के लिए किसी विधायक से इस्तीफा दिलाना होगा और फिर जिस सांसद को मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, उसकी जगह लोकसभा के सदस्य के लिए उपचुनाव कराना होगा। यही वजह है कि शायद पार्टी नेतृत्व मौजूदा विधायकों में से ही किसी को मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी सौंपे।
अमेरिका की राह पर ब्रिटेनः अवैध प्रवासियों पर सख्ती, भारतीय रेस्टोरेंट को बनाया निशाना*
#uk_strict_action_against_illegal_immigration_targeted_indian_restaurant
अमेरिकाने नए राष्ट्रपति ने देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों पर सख्ती शुरू कर दी है। अमेरिका में अवैध रूप से रह रह लोगों को ढूंढ-ढूंढकर उन्हें डिपोर्ट किया डा रहा है। इसी क्रम में हाल ही में अमेरिका से 104 अवैध भारतीय प्रवासियों को भी वापस स्वदेश भेजा गया है। अमेरिका के बाद अब लंदन में भी भारतीयों के खिलाफ कोई मुहिम शुरू हो गई है।अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की आव्रजन पर सख़्त कार्रवाई के बाद यूके की लेबर सरकार ने देश में अवैध रूप से काम करने वालों पर बड़े पैमाने पर छापेमारी शुरू कर दी है। ब्रिटेन में अवैध प्रवासियों पर देश-व्यापी कार्रवाई में भारतीय रेस्त्रां, नेल बार, सुविधा स्टोर और कार वॉश भी शामिल रहे। गृह मंत्री यवेटे कूपर ने कहा, उनके मंत्रालय की आव्रजन प्रवर्तन टीमों ने जनवरी में रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन किया। गत वर्ष जनवरी के बजाय गिरफ्तारियां बढ़कर 609 हो गईं, और पिछले वर्ष की तुलना में इस कार्रवाई में 73 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई है। गृह मंत्रालय ने कहा, पिछले महीने की गतिविधि का एक महत्वपूर्ण हिस्सा रेस्तरां, टेकअवे और कैफे के साथ-साथ भोजन, पेय और तंबाकू उद्योग था। उत्तरी इंग्लैंड के हंबरसाइड में एक भारतीय रेस्तरां में सात गिरफ्तारियां हुईं और चार को हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा, आव्रजन नियमों का सम्मान किया जाना चाहिए और उन्हें लागू किया जाना चाहिए। कूपर ने कहा, नियोक्ता लंबे समय से अवैध प्रवासियों का शोषण कर रहे थे। ब्रिटेन की सत्ता में लेबर पार्टी के आने के बाद से अब तक 19 हजार अवैध प्रवासियों और अपराधियों को देश से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। ब्रिटिश होम मिनिस्टर वेटे कूपर ने कहा, हमारी सरकार आने के बाद से अब तक 19 हजार लोगों को डिपोर्ट किया गया है।
पेरिस मे पीएम मोदी की डिनर डिप्लोमैसीः अमेरिका से पहले फ्रांस का दौरा कितना अहम?*
#pm_modi_france_visit_meet_us_vice_president_jd_vance
वैश्विक मंच पर फ्रांस और अमेरिका भारत के दो सबसे अहम रणनीतिक साझीदार देश हैं। बहुत कम होता है कि भारतीय प्रधानमंत्री एक साथ इन दोनों देशों की यात्रा पर गए हों। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को इन दोनों देशों की यात्रा के पहले चरण में पेरिस पहुंचे। मंगलवार को पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ एआई एक्शन समिति की तीसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले सोमवार को पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया, जब वे एलिसी पैलेस में रात्रिभोज के लिए पेरिस पहुंचे। मोदी के आगमन पर मैक्रों ने उनका स्वागत किया और चर्चा शुरू करने से पहले दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से खुलकर बातचीत की। उनकी मुलाकात भारत और फ्रांस के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाती है, जिसमें प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी जिसमें दोनों देशों के रिश्तों से जुड़े कुछ अहम समझौतों को अंतिम रूप दिया जाएगा। दोनों नेताओं के बीच फ्रांस से नए युद्धक विमानों की खरीद और फ्रांस के सहयोग से भारत में छोटे परमाणु ऊर्जा रिएक्टर लगाने को लेकर वार्ता काफी अहम मानी जा रही है। *हथियारों को लेकर हो सकती है अहम डील* वहीं, समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक फ्रांस मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। रॉयटर्स ने एक शीर्ष भारतीय अधिकारी के हवाले से इस संभावित डील के बारे में जानकारी दी है। यह पहली बार होगा जब भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता नई दिल्ली से हथियार खरीदेगा। इस संभावित डील को भारतीय रक्षा उद्योग के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में मिसाइलों और रणनीतिक प्रणालियों के महानिदेशक उम्मालनेनी राजा बाबू ने रॉयटर्स से कहा, 'फ्रांस पिनाका के लिए सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है।'राजा बाबू ने कहा कि 'अभी तक कोई सौदा नहीं हुआ है, लेकिन बातचीत जारी है।' रिपोर्ट में एक अन्य अनाम अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि 90 किलोमीटर तक रेंज वाली घरेलू रूप से निर्मित पिनाका रॉकेट सिस्टम को लगभग 3 महीने पहले भारत में एक फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल को दिखाया गया था और इसे संतोषजनक पाया गया। *जेडी वैंस से मुलाकात क्यों खास?* वहीं, मैक्रों की ओर से आयोजित रात्रि भोज में पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वैंस से भी मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने जेडी वैंस से हाथ मिलाया और कहा, आपको बधाई, आपकी ग्रेट, ग्रेट विक्ट्री पर। इसपर जेडी वैंस ने हंसते हुए हां में जवाब दिया। पीएम मोदी भारत और अमेरिका के रिश्तों को ट्रंप प्रशासन के दौरान सुधारना चाहते हैं। ऐसे में वैंस से यह मुलाकात बेहद जररूरी थी। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने सभी स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया है। यह एक ऐसा फैसला है, जिसका असर भारत पर पड़ेगा। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारतीय इस्पात निर्माताओं के लिए बड़े झटके की चेतावनी दी है, जिनपर पहले से ही दबाव है। इस्पात की कम कीमतों और आयात में गिरावट हुई है। पीएम मोदी यात्रा के दौरान टैरिफ में कटौती और ऊर्जा और रक्षा आयात में वृद्धि का प्रस्ताव रख सकते हैं।
पेरिस मे पीएम मोदी की डिनर डिप्लोमैसीः अमेरिका से पहले फ्रांस का दौरा कितना अहम?*
#pm_modi_france_visit_meet_us_vice_president_jd_vance
वैश्विक मंच पर फ्रांस और अमेरिका भारत के दो सबसे अहम रणनीतिक साझीदार देश हैं। बहुत कम होता है कि भारतीय प्रधानमंत्री एक साथ इन दोनों देशों की यात्रा पर गए हों। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को इन दोनों देशों की यात्रा के पहले चरण में पेरिस पहुंचे। मंगलवार को पीएम मोदी फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों के साथ एआई एक्शन समिति की तीसरी बैठक की सह-अध्यक्षता करेंगे। इससे पहले सोमवार को पेरिस में फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गर्मजोशी से स्वागत किया, जब वे एलिसी पैलेस में रात्रिभोज के लिए पेरिस पहुंचे। मोदी के आगमन पर मैक्रों ने उनका स्वागत किया और चर्चा शुरू करने से पहले दोनों नेताओं ने एक-दूसरे से खुलकर बातचीत की। उनकी मुलाकात भारत और फ्रांस के बीच मजबूत संबंधों को दर्शाती है, जिसमें प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होने की उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी और मैक्रों के बीच द्विपक्षीय वार्ता होगी जिसमें दोनों देशों के रिश्तों से जुड़े कुछ अहम समझौतों को अंतिम रूप दिया जाएगा। दोनों नेताओं के बीच फ्रांस से नए युद्धक विमानों की खरीद और फ्रांस के सहयोग से भारत में छोटे परमाणु ऊर्जा रिएक्टर लगाने को लेकर वार्ता काफी अहम मानी जा रही है। *हथियारों को लेकर हो सकती है अहम डील* वहीं, समाचार एजेंसी रॉयटर्स की खबर के मुताबिक फ्रांस मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर सिस्टम खरीदने के लिए बातचीत कर रहा है। रॉयटर्स ने एक शीर्ष भारतीय अधिकारी के हवाले से इस संभावित डील के बारे में जानकारी दी है। यह पहली बार होगा जब भारत का दूसरा सबसे बड़ा हथियार आपूर्तिकर्ता नई दिल्ली से हथियार खरीदेगा। इस संभावित डील को भारतीय रक्षा उद्योग के लिए मील का पत्थर माना जा रहा है। भारत के रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) में मिसाइलों और रणनीतिक प्रणालियों के महानिदेशक उम्मालनेनी राजा बाबू ने रॉयटर्स से कहा, 'फ्रांस पिनाका के लिए सक्रिय रूप से बातचीत कर रहा है।'राजा बाबू ने कहा कि 'अभी तक कोई सौदा नहीं हुआ है, लेकिन बातचीत जारी है।' रिपोर्ट में एक अन्य अनाम अधिकारी के हवाले से बताया गया है कि 90 किलोमीटर तक रेंज वाली घरेलू रूप से निर्मित पिनाका रॉकेट सिस्टम को लगभग 3 महीने पहले भारत में एक फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल को दिखाया गया था और इसे संतोषजनक पाया गया। *जेडी वैंस से मुलाकात क्यों खास?* वहीं, मैक्रों की ओर से आयोजित रात्रि भोज में पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वैंस से भी मुलाकात की। इस दौरान पीएम मोदी ने जेडी वैंस से हाथ मिलाया और कहा, आपको बधाई, आपकी ग्रेट, ग्रेट विक्ट्री पर। इसपर जेडी वैंस ने हंसते हुए हां में जवाब दिया। पीएम मोदी भारत और अमेरिका के रिश्तों को ट्रंप प्रशासन के दौरान सुधारना चाहते हैं। ऐसे में वैंस से यह मुलाकात बेहद जररूरी थी। पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा से पहले डोनाल्ड ट्रंप ने सभी स्टील और एल्युमीनियम आयात पर 25 फीसदी टैरिफ का ऐलान किया है। यह एक ऐसा फैसला है, जिसका असर भारत पर पड़ेगा। ग्लोबल रेटिंग एजेंसी मूडीज ने भारतीय इस्पात निर्माताओं के लिए बड़े झटके की चेतावनी दी है, जिनपर पहले से ही दबाव है। इस्पात की कम कीमतों और आयात में गिरावट हुई है। पीएम मोदी यात्रा के दौरान टैरिफ में कटौती और ऊर्जा और रक्षा आयात में वृद्धि का प्रस्ताव रख सकते हैं।
पीएम मोदी का फ्रांस में हुआ जोरदार स्वागत, राष्ट्रपति मैक्रों ने गर्मजोशी से लगाया गले*
#pm_modi_france_visit प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर सोमवार को फ्रांस पहुंचे। यहां वे फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों के साथ 'एआई एक्शन समिट' की सह-अध्यक्षता करेंगे। इस दौरान वे उनके साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे।पेरिस में एआई शिखर सम्मेलन की सह-अध्यक्षता से पहले एक स्वागत रात्रिभोज में फ्रांसीसी राष्ट्रपति मैक्रों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गले लगाकर स्वागत किया। दरअसल फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेरिस के एलिसी पैलेस में डिनर का आयोजन किया था, जिसमें पीएम मोदी शामिल हुए। यहां गर्मजोशी से उनका स्वागत किया गया. इस दौरान पीएम मोदी ने अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ मुलाकात की। फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर एक वीडियो शेयर किया। इस वीडियो में पीएम मोदी एक बड़े हॉल में जाते हैं, जहां पहले से जेडी वैंस मौजूद थे। मैक्रों अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वैंस से मिले और उन्होंने फिर पीएम मोदी की ओर इशारा किया। इसके बाद पीएम मोदी ने जेडी वैंस से हाथ मिलाया और कहा, ‘आपको बधाई, आपकी ग्रेट, ग्रेट विक्ट्री पर।’ इसपर जेडी वैंस ने हंसते हुए हां में जवाब दिया। *पीएम मोदी के लिए मैक्रों का ट्वीट* इससे पहले फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ट्वीट किया, 'पेरिस में आपका स्वागत है, मेरे मित्र नरेंद्र मोदी! आपसे मिलकर खुशी हुई, प्रिय जेडी वेंस! एआई एक्शन समिट में हमारे सभी साझेदारों का स्वागत है। चलिए काम पर लग जाएं!' वहीं, प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी ने पेरिस में राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अमेरिका के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस के साथ बातचीत की। *भारतीय समुदाय ने गर्मजोशी से स्वागत किया* पेरिस पहुंचने के बाद पीएम मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में अपने आगमन की तस्वीरों के साथ कहा, 'थोड़ी देर पहले पेरिस पहुंचा हूं। यहां विभिन्न कार्यक्रमों की प्रतीक्षा कर रहा हूं, जो एआई, प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे भविष्य के क्षेत्रों पर केंद्रित होंगे।' प्रधानमंत्री के होटल पहुंचने पर भारतीय समुदाय ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी ने पोस्ट में कहा, 'पेरिस में एक यादगार स्वागत! ठंड के मौसम के बावजूद भारतीय समुदाय ने आज शाम अपना स्नेह दिखाया। हम अपने प्रवासी समुदाय के प्रति आभारी हैं और उनकी उपलब्धियों पर गर्व करते हैं!'
दिल्ली की 1700 कॉलोनियां होंगी वैध, सरकार बनन के बाद बीजेपी निभाएगी अपना वादा?
#bjp_won_delhi_did_1700_unauthorised_colony_will_regularise

दिल्ली में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को हैरान कर दिया, लगातार पिछले तीन चुनावों से जीत हासिल करती आ रही आम आदमी पार्टी को बुरी तरह शिकस्त का सामना करना पड़ा है। साथ ही लंबे अरसे से राजधानी में सत्ता की तलाश में लगी भारतीय जनता पार्टी ने शानदार तरीके से वापसी की है। बीजेपी की जीत के साथ दिल्ली में रहनेवाले लाखों लोगों की उम्मीदों को नए पंख लग गए हैं। लोग सरकार बदलने के बाद उम्मीद कर रहे हैं कि पिछली सरकार में जिन परेशानियों से उन्हें दो-चार होना पड़ा था, उससे छुटकारा मिल जाएगा। इन्हीं लोगों में राजधानी की करीब 1700 अवैध कॉलोनियों में रहने वालों लोग भी शामिल हैं।

दरअसल, बीजेपी ने चुनाव के दौरान वादा किया ता कि अगर उनकी सरकार बनती है तो 1700 अनधिकृत कॉलोनियों को मालिकाना हक देंगे। बीजेपी ने अपने घोषणापत्र में 1700 अवैध कॉलोनियों को रेग्युलराइज करने का वादा किया है। सरकार इन लोगों को अपने घर का पूरा मालिकाना अधिकार देगी। ताकि वे उन्हें दिल्ली के शहरी विभाग के नियमों के हिसाब से बना सकें या री-कंस्ट्रक्ट कर सकें।

बीजेपी के घोषणापत्र के मुताबिक इन कॉलोनियों को रेग्युलराइज करके यहां पर सड़क, सीवेज, ड्रेनेज, पानी और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं पहुंचाई जानी है। इतना ही नहीं, बीजेपी ने दिल्ली में एक ‘कॉलोनी अपग्रेडेशन कमीशन’ बनाने का भी ऐलान किया है। ये कमीशन इन अवैध कॉलोनियों में कम्युनिटी सेंटर, सड़क, ड्रेनेज सिस्टम, कचरा का संग्रह, सीवेज सिस्टम जैसी सुविधाओं को डेवलप करने का काम करेगी। केंद्र सरकार की ‘जल जीवन मिशन’ योजना के माध्यम से बीजेपी ने इन कॉलोनियों ने हर घर में नल से जल पहुंचाने का भी वादा किया है।
शिवसेना ने सामना के संपादकीय में फिर कांग्रेस पर निशाना साधा, दिल्ली में “आप” की हार का फोड़ा ठीकरा
#delhi_elections_result_congress_targeted_in_shiv_sena_saamna
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जीत और आम आदमी पार्टी की हार के बाद इंडिया गठबंधन के नेता नतीजों को लेकर बयानबाजी कर रहे हैं। कुछ नेताओं ने आम आदमी पार्टी की हार का कारण कांग्रेस और 'आप' का अलग-अलग चुनाव लड़ना बताया है। इसकी शुरुआत शनिवार को मतगणना के शुरुआती रुझानों के साथ हुई। जम्मू और कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्लाह ने तंज कसते हुए एक्स पर एक पोस्ट किया। इसके बाद इंडिया गंठबंधन के कई और नेताओं ने एक के बाद एक बयान दिए। इन नेताओं का कहना है कि अगर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक साथ बीजेपी के ख़िलाफ लड़ती तो नतीजे कुछ और हो सकते थे। अब दिल्ली में हुई आम आदमी पार्टी की हार पर अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच दरार का फायदा बीजेपी ने उठाया है।

दिल्ली में आम आदमी पार्टी की हार की हार के बाद शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में कांग्रेस पर जमकर हमला बोल गया है। संपादकीय में लिखा कि कांग्रेस हमेशा की तरह दिल्ली में कद्दू भी नहीं फोड़ पाई। संपादकीय में कांग्रेस से पूछा गया कि क्या कांग्रेस पार्टी में कोई छिपी हुई ताकतें हैं, जो हमेशा राहुल गांधी की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना चाहती हैं? अगर कांग्रेस नेता यह कह रहे हैं कि आप को जिताना कांग्रेस की जिम्मेदारी नहीं है तो यह गलती है और एक तरह का अहंकार है तो क्या मोदी-शाह की तानाशाही को जिताने की जिम्मेदारी आपस में लड़ने वालों की है?

'सामना' के संपादकीय में लिखा गया, दिल्ली में आप और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे का नुकसान करने के लिए लड़ाई लड़ी, जिससे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री के लिए चीजें आसान हो गईं। अगर यह जारी रहा तो गठबंधन क्यों करें? बस अपने दिल की इच्छा के अनुसार लड़ो! बता दें कि दिल्ली चुनाव के प्रचार के दौरान आप और कांग्रेस दोनों ने एक-दूसरे पर कई हमले किए थे।

'सामना' के संपादकीय में दावा किया गया कि यदि विपक्षी दल दिल्ली चुनाव परिणामों से सीख लेने में विफल रहे, तो इससे मोदी और शाह के अधीन निरंकुश शासन को ही मजबूती मिलेगी। ‘सामना’ में लिखा कि उमर अब्दुल्ला की तरफ से व्यक्त किया गया गुस्सा व्यावहारिक है। वह ठीक ही कहते हैं कि आपस में जी भर के लड़ो और एक-दूसरे को खत्म करो। कांग्रेस को आप की हार का कारण बताते हुए कहा गया है कि दिल्ली 14 सीटों पर आप की हार में कांग्रेस का हाथ रहा है। हरियाणा में भी यही हुआ था। सामना में पू्छा गया कि आप से लड़ने के बाद आखिर कांग्रेस के हाथ क्या लगा?
“कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत”, बिहार में चुनाव से पहले अपनों की सलाह
#delhi_chunav_result_congress_mp_tariq_anwar_question_party_leadership

पीएम मोदी की अगुवाई वाली बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने के लिए विपक्षी दलों ने पूरे जोश के साथ इंडिया गठबंधन का गठन किया था। विपक्ष के एक साथ आने का सियासी लाभ भी 2024 के लोकसभा चुनाव में मिला। इंडिया गठबंधन भले ही सत्ता में वापसी न कर सका हो, लेकिन बीजेपी को अपने दम पर बहुमत का आंकड़ा नहीं छूने दिया। नरेंद्र मोदी को सरकार बनाने के लिए सहयोगी दलों की बैसाखी का सहारा लेना पड़ा था, लेकिन उसके बाद हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज सारा हिसाब बराबर कर लिया है। लोकसभा चुनाव के बाद कई राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजों के बाद गठबंधन के साथियों ने कांग्रेस की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए। अब दिल्ली में हुई शर्मनामक शिकस्त के बाद पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर ने कांग्रेस नेतृत्व पर बड़ा सवाल किया है।

बिहार के कटिहार से लोकसभा सांसद तारिक अनवर ने एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस नेतृत्व से पार्टी की रणनीति, भविष्य की योजना समेत कई बातें स्पष्ट करने का तल्ख सवाल किया है। तारिक अनवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “कांग्रेस को अपनी राजनीतिक रणनीति को स्पष्ट करने की जरूरत है। उसे यह तय करना होगा कि वह गठबंधन की राजनीति करेगी या अकेले चलेगी।” पूर्व कांग्रेस महासचिव अनवर ने कहा, ‘‘साथ ही, पार्टी के संगठन में आमूलचूल परिवर्तन करना भी जरूरी हो गया है।’’ तारिक अनवर ने कांग्रेस पार्टी को टैग करते हुए यह बात कही है

बिहार के सांसद की पीड़ा यूं ही नहीं है। अगले कुछ महीने में बिहार में चुनाव हैं और उन्होंने गठबंधन राजनीति पर जो कहा है, उसके मायने हैं। दरअसल, दिल्ली में कांग्रेस ने विधानसभा का चुनाव अकेले लड़ा था। राष्ट्रीय राजधानी में पार्टी का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा है क्योंकि कांग्रेस अपना खाता भी नहीं खोल सकी। यहां पार्टी को केवल 6 फीसदी से अधिक वोट मिले। ऐसी संभावना है कि दिल्ली में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन का असर बिहार में देखने को मिल सकता है।

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने भी दिल्ली में बीजेपी की जीत के लिए अपनी ही पार्टी पर ठीकरा फोड़ा है। उनका कहना है कि यदि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने गठबंधन में यह चुनाव लड़ा होता तो नतीजा ऐसा नहीं होता। अल्वी ने कांग्रेस हाईकमान को सहयोगियों के सम्मान की नसीहत देते हुए यह भी कहा कि बीजेपी की जीत से मुसलमानों के बीच काफी चिंता है।
“14 करोड़ लोगों को नहीं मिल रहा हक, जनगणना में पहली बार इतनी देरी” सोनिया ने संसद में उठाए सवाल
#sonia_gandhi_demands_govt_to_conduct_population_census_at_earliest

कांग्रेस की पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और राज्यसभा सांसद सोनिया गांधी ने राज्यसभा के शून्यकाल के दौरान जाति जनगणना को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को घेरा। सोनिया गांधी ने जल्द से जल्द जाति जनगणना कराने की मांग उठाई। सोनिया गंधी ने कहा कि देश में करीब 14 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत मिलने वाले लाभ से वंचित हो रहे हैं। राज्यसभा में अपने पहले शून्यकाल संबोधन में सोनिया गांधी ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लाभार्थियों की पहचान 2011 की जनगणना के आधार पर की जा रही है, जबकि देश की जनसंख्या अब काफी बढ़ चुकी है। 

सोनिया गांधी ने कहा कि आजाद भारत के इतिहास में पहली बार दस-वर्षीय जनगणना चार साल से ज्यादा की देरी से हो रही है। इसे 2021 में किया जाना था लेकिन अभी तक सरकार ने कोई जानकारी नहीं दी है कि इसे कब पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि बजट आवंटन को देखते हुए ऐसा लगता है कि इस साल भी जनगणना नहीं होगी। इस वजह से लगभग 14 करोड़ योग्य भारतीय अपने अधिकारों से वंचित रह रहे हैं।

सोनिया गांधी ने बताया कि, यूपीए सरकार के दौरान इस कानून को लाया गया था जिसका मुख्य उद्देश्य नागरिकों को खाद्यान्न और पोषण मिल सके ये सुनिश्चित करना था। कांग्रेस सांसद ने बताया कि 2013 में यूपीए सरकार के ज़रिए शुरू किया गया यह कानून देश के 140 करोड़ लोगों को भोजन और पोषण सुरक्षा देने के लिए लाया गया था। कोरोना महामारी के दौरान इस कानून ने करोड़ों गरीब परिवारों को भुखमरी से बचाने में मदद की।

कांग्रेस नेता ने बताया कि गांवों में 75% और शहरों में 50% आबादी को सस्ते अनाज का लाभ देने वाला यह कानून 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर आधारित है। उस समय, कुल लाभार्थियों की संख्या 81.35 करोड़ थी, लेकिन आज 14 करोड़ और लोग इसके हकदार हैं, जो लाभ से वंचित हो रहे हैं।  सोनिया ने आगे कहा कि इस योजना के तहत लाभार्थियों का कोटा अभी भी 2011 की जनगणना की बुनियाद पर तय किया जा रहा है, जबकि यह जनगणना अब 10 साल से भी पुरानी हो चुकी है।

उन्होंने सरकार से जल्द से जल्द जनगणना पूरी करने और सभी पात्र लोगों को एनएफएसए के तहत उचित लाभ देने की अपील की। सोनिया गांधी ने जोर देकर कहा, 'खाद्य सुरक्षा कोई विशेषाधिकार नहीं, बल्कि एक मौलिक अधिकार है।' बता दें कि सरकार प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत 1 जनवरी 2024 से अगले 5 साल तक मुफ्त अनाज वितरण की योजना जारी रखेगी।