सेवानिवृत्त जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार को दी गई विदाई।


सेवानिवृत्त जिला कल्याण पदाधिकरी सुभाष कुमार को शुक्रवार को समाहरणालय सभागार में भावभीनी विदाई दी गई। समाहरणालय में आयोजित विदाई समारोह में उपायुक्त नैंसी सहाय, डीडीसी इश्तियाक अहमद सहित कई पदाधिकारियों ने सेवानिवृत्त जिला कल्याण पदाधिकारी श्री सुभाष कुमार को उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए विदाई दी।

 इस अवसर पर उपायुक्त श्रीमती नैंसी सहाय ने कहा कि मैं जिला कल्याण पदाधिकारी को और उनके परिवार के उज्ज्वल भविष्य की कामना करती हूँ। इन्होंने दो साल से ज्यादा समय से हज़ारीबाग में अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी निष्ठा व लगन से किया है। चुनाव के समय भी इनका दायित्य बहुत ही महत्वपूर्ण रहा है। 

इनका कार्य कल्याण विभाग के दायित्वों के अनुरूप बड़ा चैलेजिंग रहता है जिसे इन्होंने बखूबी निभाया है। वंही डीडीसी इश्तियाक अहमद ने जिला कल्याण पदाधिकारी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इन्होंने पहले भी मेरे साथ काम किया है। बडी शालीनता के साथ समन्वय बनाते हुए अपने काम को करते हैं। कार्यालय और कार्यालय के बाहर भी इनका व्यवहार अच्छा रहता है। कार्यक्रम में कई पदाधिकारियों ने भी जिला कल्याण पदाधिकारी सुभाष कुमार के साथ किये कार्यो के अनुभव को साझा किया। 

इस अवसर पर उपायुक्त नैंसी सहाय के अलावे, डीडीसी इश्तियाक अहमद, डीपीओ पंकज तिवारी, सदर एसडीओ राजकिशोर प्रसाद सहित कई पदाधिकारी व कर्मी उपस्थित रहे।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को लगातार देश का 8वा बजट पेश करेंगी, जाने रांची की जनता की कितनी है अपेक्षाएं


झारखंड चैंबर के अध्यक्ष ने केंद्रीय बजट को लेकर दी प्रतिक्रिया, झारखंड को मिलना चाहिए विशेष पैकेज

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को वित्तीय वर्ष 2025-26 का केंद्रीय बजट पेश करेंगी। इस वर्ष निर्मला सीतारमण लगातार 8वां बजट पेश करने का रिकॉर्ड बनाएंगी। उम्मीद है कि आम बजट में कमजोर पड़ती आर्थिक वृद्धि को सहारा देने तथा महंगाई और स्थिर वेतन वृद्धि से जूझ रहे मध्यम वर्ग को राहत देने के उपाय किए जाएंगे। इसके साथ ही सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई द्वारा अलग-अलग समयावधि में पेश किए गए 10 बजटों के रिकॉर्ड के करीब पहुंच जाएंगी। 

वर्ष 2025-26 के बजट में झारखंड के लिए ज्यादा से ज्यादा प्रावधान करने की लगातार मांग हो रही है। व्यवसायियों के शीर्ष संगठन चैंबर ऑफ कॉमर्स ने झारखंड के लिए विशेष पैकेज के साथ ही सोलर प्लांट लगाने जैसे कई सुझाव दिए हैं ताकि रोजगार के साथ-साथ राज्य का तेजी से विकास हो सके।

इस बार के बजट से हर सेक्टर की बड़ी उम्मीदें टिकी हुई हैं, इस बजट की घोषणाओं से भविष्य में राष्ट्र किन दिशाओं में आगे बढ़ेगा, उसकी मंशा एवं दिशा अवश्य स्पष्ट होगी। टैक्सपेयर्स भी इस बार वित्तमंत्री से इनकम टैक्स में राहत देने की उम्मीद कर रहा है। मिडिल-क्लास और वेतनभोगियों को भी राहत की उम्मीद है। आम आदमी बढ़ती महंगाई, बेरोज़गारी और घटती खपत के बीच कुछ राहत की उम्मीद लगा रहा है। पूरे देश में डीजल और पेट्रोल को एक करने की बात भी कर रहे है। वित्त मंत्री से उम्मीद की जा रही है कि वे आयकर और GST स्लैब में बदलाव करेंगी, जिससे वेतनभोगियों एवं करदाताओं को राहत मिलेगी।

संभावना है कि इस बजट में समावेशी विकास, वंचितों को वरीयता, बुनियादी ढांचे में निवेश, क्षमता विस्तार, हरित विकास, महिलाओं एवं युवाओं की भागीदारी, मोदी की गारंटियों पर बल दिया जायेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, डिजिटल और सामाजिक विकास की दृष्टि से देश को आत्मनिर्भर बनाने की रफ्तार को भी गति दी जायेगी। यह बजट देश को न केवल विकसित देशों में बल्कि इसकी अर्थव्यवस्था को विश्व स्तर पर तीसरे स्थान दिलाने के संकल्प को बल देने में सहायक बनेगा।

झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग के आदेश के अनुसार अब शिक्षकों को लेना होगा 50 घंटे का प्रशिक्षण


झा. डेस्क 

झारखंड के सरकारी शिक्षकों के लिए सरकार की ओर से नया आदेश पारित किया गया है.अब राज्य में सभी शिक्षकों के लिए 50 घंटे का अनिवार्य प्रशिक्षण लागू हो गया है। मुख्य सचिव अलका तिवारी के निर्देश पर स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने प्रशिक्षण का माड्यूल तैयार किया है।

प्रशिक्षण का कैलेंडर तैयार किया गया

विभाग द्वारा प्रशिक्षण का कैलेंडर भी तैयार किया गया है। विभागीय सचिव उमाशंकर सिंह ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों और जिला शिक्षा अधीक्षकों को पत्र भेजकर प्रशिक्षण माड्यूल तथा कैलेंडर के अनुसार, शिक्षकों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करने को कहा है।

संथाल परगना से शुरु होगी प्रशिक्षण

माड्यूल के तहत शिक्षकों का प्रशिक्षण एक फरवरी से संताल परगना प्रमंडल के जिलों से शुरू होगा। 50 घंटे के अनिवार्य प्रशिक्षण में 24 घंटे का ऑनलाइन प्रशिक्षण जे गुरुजी ऐप के माध्यम से होगा।

जे गुरुजी ऐप पर मिलेगा प्रमाणपत्र

प्रशिक्षण खत्म होने के बाद शिक्षकों का आवश्यकता आधारित मूल्यांकन भी होगा ताकि आवश्यकता पड़ने पर शिक्षकों को विशेष प्रशिक्षण भी प्रदान किया जा सके। प्रशिक्षण पूरा करने के बाद शिक्षकों को प्रमाणपत्र भी जे गुरुजी ऐप के माध्यम से ऑनलाइन मिलेगा।

बड़कागांव प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मॉडल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का विधायक रोशन लाल ने किया शिलान्यास

बड़कागांव: प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मॉडल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण डीएमएफटी फंड से 4.95 करोड़ की लागत से बनना है। जिसके लिए शिलान्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शिलान्यास कार्यक्रम के पूर्व ग्रामीणों ने विधायक को ढोल नगाड़े व फूल माला पहनकर स्वागत किया। 

तत्पश्चात नारियल फोड़ कर शिलान्यास किया। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में सभा का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता भाजपा पश्चिमी मंडल अध्यक्ष आदित्य साहू सोनी व संचालन भाजपा नेता किशोर राणा ने किया। 

शिलान्यास समारोह में बड़कागांव विधायक रोशन लाल चौधरी ने कहा कि बड़कागांव प्रखंड सहित आसपास के लोगों को बड़कागांव में बेहतर इलाज नहीं हो पता था और उन्हें हजारीबाग या अन्य शहर रेफर कर दिया जाता था। 

इस कमी को पूरा करने के लिए बड़कागांव में मॉडल समुदाय स्वास्थ्य केंद्र भवन का निर्माण कराया जा रहा है जिससे बड़कागांव प्रखंड सहित आसपास के ग्रामीणों को अब बेहतर चिकित्सा सुविधा बड़कागांव में ही उपलब्ध हो जाएगा और उन्हें शहरों की ओर जाना नहीं पड़ेगा। 

 मौके पर मुख्य रूप से जिला परिषद सदस्य याशमीन निशा, चिकित्सा प्रभारी डॉ. अविनाश कुमार, मुखिया संघ प्रखंड अध्यक्ष रंजीत कुमार, केंद्रीय सदस्य संदीप कुशवाहा, पूर्व जीप सदस्य टुकेश्वर प्रसाद, उपेंद्र कुमार, गिरेंद्र प्रसाद,दमोदर प्रसाद मेहता,संवेदक कुलदीप कुशवाहा सहित दर्जनों की संख्या में महिला पुरुष उपस्थित थे।

हजारीबाग में हाथियों का आतंक, एक व्यक्ति को पटककर मार डाला

हजारीबाग जिले के सदर प्रखंड में हाथियों के झुंड ने एक किसान को पटककर मार डाला। यह घटना बहेरी पंचायत के चानों गांव में रात करीब 12:30 बजे हुई। ग्रामीणों ने तुरंत इसकी सूचना मुफस्सिल थाना को दी। मुफस्सिल थाना प्रभारी ने अपनी तत्परता दिखाते हुए घटनास्थल पर पहुंचकर पूरे मामले को देखा। मृतक की पहचान 56 वर्षीय छोटू महतो के रूप में हुई है।

 पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज हजारीबाग अस्पताल भेज दिया है। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम भी अपनी तात्पर्य दिखाते हुए गांव पहुंची है और पूरे मामले को देखा और समझने का प्रयास किया।

 वन विभाग के और से मृतक के पत्नी को आर्थिक सहयोग के रूप में 25000 हजार दिया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने बतलाए कि जो भी मुआवजा से संबंधित प्रावधान होगा। वह पूरा दिया जाएगा। वन विभाग के अधिकारियों ने आश्वासन दिया गया जल्द से जल्द मुआवजा दिया जाएगा।

अपने घर में सो रहे थे छोटू महतो , हाथियों ने कर दिया हमला

बहेरी पंचायत के मुखिया पवन कुमार यादव और स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि छोटू महतो अपने घर में रहते थे , क्योंकि वह पर रह कर सीजनल खेती करते थे। 

गुरुवार की रात भी वह अपनी पत्नी के साथ खेत में बने घर में ठहरे हुए थे। रात करीब 12:30 बजे हाथियों का झुंड छोटू महतो के खेत में घुस आया और घर को तोड़ दिया। छोटू महतो घर से निकलने का प्रयास किया तो दो हाथी ने उन्हें सूंड से पकड़कर घर से 60 से 70 मीटर दूर ले जाकर जमीन पर पटक दिया, जिससे उनकी मौत मौके पर ही हो गयी। वहीं, उनकी पत्नी ने चौकी नीचे छिपकर अपनी जान बचाई। और वहां से निकली।

गांव में दहशत

मुखिया और स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि हाथियों का झुंड पिछले एक हफ्ते से गांव में आतंक मचा रहा है। कई बार वन विभाग को सूचना दी गई, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई। किसानों की फसल को भी भारी नुकसान हुआ है। ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथियों को भगाने और किसानों को मुआवजा देने की मांग की है। छोटू महतो के परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है। जैसे इसकी सूचना गांव वालों का पहुंचा तो गांव वालों ने बतलाया कि छोटू महतो मिलनसार व्यक्ति था। उनके जाने से हम लोग को काफी दुख हो रहा है। अंतिम संस्कार चानो शमशान घाट पर किया गया।

वरीय पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार सरस्वती पूजा को मद्देनजर रखते हुए शांति समिति की हुई बैठक

धनबाद- वरीय पुलिस अधीक्षक के निर्देशानुसार गोविंदपुर थाना पतिसर में पुलिस उपाधीक्षक मुख्यालय (1) शंकर कामती महोदय द्वारा आगामी सरस्वती पूजा त्यौहार को मद्देनजर रखते हुए शांति समिति की बैठक आयोजित की गई!

पुलिस उपाधीक्षक द्वारा क्षेत्र के सभी सरस्वती पूजा समिति को मूर्ति विसर्जन के लिए मुख्य दिशा निर्देश दिया गया तथा डीजे बजाने पर प्रतिबंध लगाते हुए अश्लील व भड़काऊ गानों पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाने की बात कही गई, निर्देश का उल्लंघन करने वाले पूजा समिति के सदस्यों के विरुद्ध कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी!

डीएसपी ने कहा कि सरस्वती पूजा शांति, बुद्धि व विवेक का त्यौहार है जिसकारण समाज के सभी वर्ग और धर्म के लोग सरस्वती पूजा को लेकर विशेष आस्था व श्रद्धा का भाव रखते हैँ, ऐसे में जरूरी है कि इस पवित्र त्यौहार की गरिमा को कायम रखा जाये!

शांति समिति की बैठक के उपरांत डीएसपी ने गोविंदपुर थाना में पदस्थ सभी पुलिस पदाधिकारियों के साथ लंबित कांडों की समीक्षा की। बैठक के दौरान महोदय ने सभी दर्ज कांड के अनुसन्धान में तेजी लाने के साथ सभी मामलों के त्वरित निष्पादन हेतु दिशा निर्देश भी दिया। महिला व बाल सुरक्षा को लेकर सभी पुलिस पदाधिकारियों को अति गंभीर रहने को कहा गया!

इसके साथ ही सभी पुलिस पदाधिकारियों को अपने गश्ति एवं ड्यूटी के दौरान क्षेत्र में भ्रमणशील रहते हुए चोरी, छिनतई, मोटर साइकिल चोरी तथा अवैध शराब बिक्री, मादक पदार्थों की बिक्री एवं तस्करी के विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश भी दिया!

यातायात नियम अपनाए, आइए सुरक्षित झारखंड बनाए" थीम पर राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा सेमिनार का आयोजन

रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : राज्य परिवहन विभाग के तत्वावधान में राष्ट्रीय सड़क सुरक्षा माह के तहत 1 जनवरी से राज्य के अलग-अलग जगह संस्थान एवं स्कूलों में सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाई गई। आज इसका समापन समारोह में राज्य परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ, विभागीय सचिव सहित कई अधिकारी मौजूद रहे। सड़क सुरक्षा नियमों के प्रति आमजनों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम आयोजित किया गया।

मौके पर परिवहन विभाग के सचिव कृपानंद झा ने झारखंड में होनेवाले सड़क दुघर्टना में कमी होने की बात पर जोर दी। वही उन्होंने कहा पिछले कई सालों में झारखंड के साथ देश के सड़कों की हालत में भी सुधार आया है। 

इस सेमिनार में ड्राइविंग लाइसेंस पर भी जोड़ देते हुए ड्राइविंग लाइसेंस लेने वालों को जागरूक करने और जानकारी देने की बात कही गई। अभी ज्यादातर देखा गया है कि सड़क पर पैदल चलने वाले और दो पहिया वाहन का सड़क दुर्घटना जाता होता जिसे लेकर सुझाव दिया गया कि ग्रामीण और पंचायत स्तर पर जागरूक करने की आवश्यकता है।झारखंड में प्रतिदिन एक्सीडेंट 12 होते हैं। वही इस सेमिनार में एक परवाह पर जोर दिया गया जहां ज्यादातर देखा गया है कि सड़क दुर्घटना में मृत्यु दर की संख्या से ज्यादा अपेक्षा घायल व्यक्ति की जान बचाने की है।

परिवहन मंत्री दीपक बिरुआ ने कहा कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियमों के पालन करने संबंधित बातों को बच्चों के सिलेबस में शामिल किया जाएगा। साथ ही एमवीआई जल्दबाजी में किसी को लाइसेंस न दें। इस बात का ख्याल रखा जाए। क्योंकि ऐसा होने पर सड़क दुर्घटना में बढ़ोतरी होती है।

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना: झारखंड के सबसे बड़े फर्जीवाड़े के तार कैसे जुड़े बंगाल से

धनबाद : बोकारो डीसी ने जब जांच शुरू कराई, तो झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना में एक बहुत बड़े फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ है. जांच मुकाम तक पहुंचते-पहुंचते कई सरकारी कर्मचारी भी लपेटे में आ सकते है. झारखंड का अबतक का यह सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा बताया जाता है. साथ ही बोकारो के इस फर्जीवाड़े के तार बंगाल से जुड़ गए है. एक ही बैंक खाता का नंबर दर्ज कर अलग-अलग नाम से अलग-अलग प्रखंडों से कुल 95 बार आवेदन किए गए है. 

बात इतनी ही नहीं है, सत्यापन के क्रम में बोकारो जिले में कुल 11,200 डुप्लीकेट आवेदन प्राप्त हुए है. जिनकी जांच चल रही है. इस योजना के लिए एक तरफ अंचल और प्रखंड कार्यालयों में महिलाओं की भीड़ जुट रही है, तो दूसरी ओर जांच जब तेज हो रही है, तो एक से एक खुलासे सामने आ रहे है. हो सकता है कि बोकारो में पकड़े गए इस फर्जीवाडे के बाद पूरे झारखंड में नए ढंग से जांच की प्रक्रिया शुरू की जाए और तरह-तरह के फर्जीवाड़े सामने आये.

बोकारो में पकड़ाया है चौंकानेवाला मामला 

बता दें कि राज्य सरकार की महत्वकांक्षी योजना झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) के भौतिक सत्यापन में बोकारो में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. उपायुक्त विजया जाधव के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा विभाग द्वारा योजना के लाभुकों का भौतिक सत्यापन के क्रम में एक ही बैंक खाता का नंबर दर्ज कर अलग–अलग नाम से अलग– अलग प्रखंडों से कुल 95 बार आवेदन किये गए है. जिसमें चास प्रखंड–चास नगर निगम क्षेत्र से कुल 67 बार एवं गोमिया प्रखंड से 28 बार आवेदन किये गए है. जांच क्रम में यह पता चला है कि इंडसइंड बैंक में ही ऐसे ज्यादतर बैंक खाते खुले है. यह सभी आवेदन पलामू जिले के डालटेनगंज के मेदनीनगर स्थित सीएससी वीएलई सुमीत कुमार के आइडी सं. 542316220013 से किये गए है. 

बैंक खाता संख्या

 100253387047 का 95 बार हुआ है उपयोग 

 

सत्यापन क्रम में यह स्पष्ट हुआ है कि बैंक खाता संख्या 100253387047, जिसके खाता धारक का नाम यूसुफ है, पता-पतागोड़ा, बड़ाखांती, उत्तरदिनाजपुर, राज्य- पश्चिम बंगाल है. इस खाता का इस्तेमाल कुल 95 बार अलग–अलग नाम से योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किये गए है. इस दौरान दर्ज राशन कार्ड का संख्या भी फर्जी अंकित है. जिला आपूर्ति पदाधिकारी ने जांच के क्रम में इसकी पुष्टि की है. वहीं, सभी नामों के उप नाम में किस्कू, हांसदा और मुर्मू शब्द जोड़ा गया है. 21 नवंबर 2024 को एक ही साथ कई बार आवेदन किये गए है. उपायुक्त ने खाता धारक के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया है. स्वीकृति के क्रम में कई आवेदनों को बीडीओ/सीओ स्तर से स्वीकृत भी किया गया है. लेकिन, उपायुक्त के निर्देश पर सामाजिक सुरक्षा द्वारा एक से ज्यादा बार इंट्री एक ही खाता का संविक्षा के बाद राशि हस्तांतरित करने की स्वीकृति पर रोक लगाएं जाने के कारण राशि का हस्तांतरण खातों में नहीं किया गया है. उधर, झारखंड मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना (जेएमएमएसवाई) सत्यापन क्रम में जिले में ऐसे कुल 11,200 डुप्लीकेट आवेदन प्राप्त हुए है. जिसका पुनः एक बार आंगनबाड़ी कर्मियों से भौतिक सत्यापन कराया जा रहा है. जिसके बाद संबंधितों को चिन्हित कर उचित कार्रवाई की जाएगी.

अगस्त 2024 से शुरू हुई इस योजना में लाभुकों की संख्या में लगातार बढ़ रही

 

बता दें कि अगस्त 2024 से शुरू हुई इस योजना में  लाभुकों की संख्या में लगातार बढ़ रही है. 6 जनवरी को मंईयां सम्मान योजना के लाभुकों 56, 61,791 थी. जो अब बढ़कर 58, 0 9,799 हो गई है. जनवरी के अंत तक लाभुकों की संख्या 59 लाख से अधिक होने का अनुमान है. सूत्रों के अनुसार सम्मान योजना के लिए अब तक 67, 84, 154 आवेदन जमा हुए है. यह अलग बात है कि मंईयां सम्मान योजना के आवेदन के सत्यापन के क्रम में कई तरह की गड़बड़ियां सामने आ रही है.राज्य सरकार ने 5225 करोड रुपए झारखंड के 24 जिलों के बीच आवंटित किया था. सूत्रों के अनुसार 5225 करोड रुपए चालू वित्तीय वर्ष के चार माह की अवधि के लिए आवंटित हुई है. जानकारी के अनुसार लाभुकों की संख्या को देखते हुए सबसे अधिक राशि गिरिडीह जिले को आवंटित हुई थी. रांची दूसरे स्थान पर थी. सबसे कम राशि सिमडेगा जिले को आवंटित हुई थी. धनबाद को 353.76 करोड़ की राशि का आवंटन हुआ था. सबसे अधिक राशि गिरिडीह को 423.61 करोड़, रांची को 419.93 करोड़, सिमडेगा को 83.58 करोड़ का आवंटन हुआ था. चुनाव के पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने घोषणा की थी कि दिसंबर महीने से सम्मान योजना की राशि 1000 से बढ़ाकर ढाई हजार कर दी जाएगी. उसके बाद यह राशि बढ़ाकर 2500 कर दी गई है.

महाकुंभ के हादसे में धनबाद के आधा दर्जन लोगों की बची जान…

धनबाद: प्रयागराज में लगे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दिन बुधवार को धनबाद के आधा दर्जन लोगों ने भगदड़ में किसी तरह से अपनी जान बचायी और बिना स्नान किये ही संगम से दूर चले गये. घटना से सभी लोग घबरा गये और अब प्रयागराज से सकुशल वापस अपने घर धनबाद लौटने की तैयारी कर रहे हैं. घटना के बाद उन्होंने अपनी पूरी पीड़ा बतायी.

बैरिकेडिंग के कारण मची भगदड़ :

धनबाद के रहने वाले संजय कुमार मंडल ने बताया कि वह अपनी पत्नी प्रियंका मंडल, रिश्तेदार दिलीप मंडल और अजीत मंडल व दोनों की पत्नियों के साथ मौनी अमावस्या के मौके पर संगम महाकुंभ में स्नान करने गये हुए थे. सभी लोग बुधवार की सुबह स्नान करने पहुंचे और उस दौरान स्नान के लिए ठीक-ठाक स्थिति थी, लेकिन उसके बाद बैरिकेडिंग कर दी गयी और देखते ही देखते भीड़ इकट्ठा हो गयी और उसके बाद वहां भगदड़ मच गयी. इसमें उनके और उनकी पत्नी के ऊपर कई लोग गिर पड़े. उनकी आंखों के सामने कुछ लोगों की मौत हो गयी. वह अपनी पत्नी व अन्य परिजनों के साथ किसी तरह से उठे और चप्पल व अपना पूरा सामान वहीं छोड़ कर भाग खड़े हुए. संजय ने भावुक होते हुए कहा कि भगवान ने आज मुझे और मेरी पत्नी के अलावा सभी रिश्तेदारों की जान बचा ली. मैं संगम में बिना डुबकी लगाये ही भीड़ से किसी तरह बाहर निकला. उसके बाद अपने साथ गये लोगों की तलाश की और सभी लोगों को सुरक्षित पाकर राहत की सांस ली.

भगवान ने मेरे इकलौते पुत्र को बचा लिया : शोभा

घटना के बाद संजय ने अपनी मां शोभा देवी और बहन दीपाली मंडल को फोन पर पूरी घटना की जानकारी दी. उनकी मां शोभा देवी ने बताया कि भगवान से आज मेरे इकलौते पुत्र को बचा लिया. जबकि दीपाली ने बताया कि सोमवार को भाई अपने अन्य रिश्तेदार के साथ ट्रेन से प्रयागराज गये थे. मंगलवार को दोपहर वहां पहुंच गये और उसके बाद उन लोगों ने सोचा की मौनी अमावस्या को संगम में स्नान करेंगे, लेकिन उसके साथ घटना हो गयी और किसी तरह से जान बची है. अब भाई अपने सभी सगे संबंधियों के साथ प्रयागराज के एक होटल में ठहरे हुए हैं और गुरुवार को वहां से वापस धनबाद के लिए रवाना होंगे…

27 साल बाद लापता पति कुंभ मेले में मिले, परंतु पहचान से किया इनकार


धनबाद:- यह एक दिलचस्प और भावनात्मक कहानी है जिसमें एक पत्नी ने अपने 27 साल से लापता पति को कुंभ मेले में 'अघोरी साधु' के रूप में पाया। झारखंड के एक परिवार ने बुधवार को दावा किया कि उन्हें प्रयागराज में आयोजित कुंभ मेले में उनका खोया हुआ परिजन मिल गया है। परिवार का कहना है कि 27 वर्षों बाद अब उनकी तलाश समाप्त हो गई है, क्योंकि गंगासागर यादव, जो 1998 में अचानक लापता हो गए थे, अब ‘अघोरी साधु’ बनकर बाबा राजकुमार के नाम से प्रसिद्ध हो गए हैं।

1998 में पटना यात्रा के बाद गंगासागर हुए थे लापता

गंगासागर यादव 1998 में पटना की यात्रा पर गए थे, उसके बाद से उनका कोई सुराग नहीं मिला। उनके परिवार ने हर संभव प्रयास किया, लेकिन वे किसी भी तरह से गंगासागर का पता नहीं लगा पाए। इस दौरान, गंगासागर की पत्नी धनवा देवी ने अपने दो बेटों, कमलेश और विमलेश, को अकेले ही पाल पोसकर बड़ा किया। परिवार इस बात से पूरी तरह निराश हो चुका था कि कभी गंगासागर वापस लौटेंगे।

कुंभ मेले में रिश्तेदार ने लिया तस्वीर, पहचान हुई

कुंभ मेले में गए परिवार के एक रिश्तेदार ने वहां एक अघोरी साधु से मुलाकात की, जो गंगासागर यादव से बेहद मिलता-जुलता दिख रहा था। उसने उस साधु की तस्वीर ली और परिवार को भेजी। इस तस्वीर को देखने के बाद, मुरली यादव, गंगासागर के छोटे भाई, और अन्य परिवार के सदस्य अपने परिवार के साथ कुंभ मेला पहुंचे।

बाबा राजकुमार से हुआ सामना, परंतु उन्होंने पूर्व पहचान से इनकार किया

जब परिवार कुंभ मेले में पहुंचे, तो उनका सामना बाबा राजकुमार से हुआ, जिन्होंने गंगासागर यादव के रूप में अपनी पूर्व पहचान स्वीकार करने से इनकार कर दिया। बाबा राजकुमार ने दावा किया कि वह वाराणसी के एक साधु हैं और उन्होंने अपनी पूर्व पहचान या किसी भी रिश्ते से इंकार किया।

हालांकि, परिवार का कहना है कि बाबा राजकुमार गंगासागर यादव से पूरी तरह मेल खाते हैं, और उनके माथे और घुटने पर वही चोट के निशान थे जो गंगासागर यादव के थे।

डीएनए परीक्षण की मांग

परिवार अपने दावे पर अड़ा हुआ है और उन्होंने कहा कि यदि आवश्यक हुआ तो वह डीएनए परीक्षण करवा सकते हैं। मुरली यादव ने कहा, “हम कुंभ मेले के अंत तक इंतजार करेंगे और यदि आवश्यक हुआ तो डीएनए परीक्षण पर जोर देंगे। यदि परीक्षण में परिणाम मेल नहीं खाते, तो हम बाबा राजकुमार से माफी मांगेंगे।”

परिवार की इस भावनात्मक खोज में एक नई उम्मीद जगी है, लेकिन यह भी देखना होगा कि जांच के परिणाम क्या होंगे और क्या यह सच्चाई साबित होती है या नहीं।