भगदड़ नहीं थी…महाकुंभ में हुए हादसे पर कुंभ मेला SSP ने बताया ये कारण

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित हो रहे महाकुंभ में मौनी अमावस्या के मौके पर भगदड़ मच गई. हादसे में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया है. वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ हालात पर नजर बनाए हुए हैं. लेकिन इन सबके बीच कुंभ मेला के SSP राजेश द्विवेदी का चौंकाने वाला बयान सामने आया है. उन्होंने कहा है कि कोई भगदड़ नहीं हुई थी. सिर्फ भीड़भाड़ थी जिसके कारण कुछ श्रद्धालु घायल हो गए. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है.

राजेश द्विवेदी ने कहा, कोई भगदड़ नहीं हुई थी. सिर्फ भीड़भाड़ थी जिसके कारण कुछ श्रद्धालु घायल हो गए. स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है. किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें. उन्होंने आगे कहा कि कई घाट विकसित किए गए हैं और लोग आसानी से उन घाटों में डुबकी लगा रहे हैं. मेरे पास हताहतों या घायलों की संख्या नहीं है.

हादसे पर DIG ने क्या कहा?

वहीं, महाकुंभ के DIG वैभव कृष्ण ने कहा कि 10 करोड़ से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद के कारण हादसा हुआ. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन सभी अखाड़ों को उनके पारंपरिक जुलूसों में मदद करेगा. स्थिति नियंत्रण में है. आज सुबह की घटना के कारणों पर गौर करें तो यह 10 करोड़ से अधिक भक्तों के आने की उम्मीद की वजह से हुआ.

सीएम योगी की बैठक

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना के बाद लखनऊ में एक उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि बैरिकेड्स फांदकर आने की कोशिश में कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं. मुख्यमंत्री ने राजधानी लखनऊ में प्रदेश के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, गृह विभाग के प्रमुख सचिव तथा अपर पुलिस महानिदेशक (कानून-व्यवस्था) एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की.

आदित्यनाथ ने कहा, प्रातः काल से ही श्रद्धालुजन स्नान कर सकें, इसके लिए यहां पर हम लोगों की उच्च स्तरीय बैठक चल रही है. उन्होंने बताया, प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ है. रात में एक से दो बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर जहां से अमृत स्नान की दृष्टि से बैरिकेड्स लगाए गए थे, उन बैरिकेड्स को फांदकर आने में कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हुए हैं. उन्हें तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उपचार की व्यवस्था की गई है. उनमें से कुछ श्रद्धालु गंभीर रूप से घायल हैं.

कितने लोग करेंगे स्नान

प्रदेश सरकार के मुताबिक, मौनी अमावस्या के लिए आठ से 10 करोड़ लोगों के स्नान करने की संभावना है. अमृत स्नान (पूर्व में शाही स्नान) महाकुंभ मेले का सबसे पवित्र और सबसे बड़ा स्नान पर्व होता है जिसमें दुनियाभर से लाखों की संख्या में श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने के लिए आते हैं. अमृत स्नान का मुख्य आकर्षण विभिन्न अखाड़ों के साधुओं का स्नान होता है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ हादसे पर जताया दुख, घायलों के जल्द ठीक होने की कामना की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे पर दुख जताया है. पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर हादसे को लेकर अपनी व्यथा व्यक्त की है. उन्होंने लिखा है यह हादसा अत्यंत दुखद है. यहां जिन श्रद्धालुओं ने अपने-अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पोस्ट में लिखा है मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं. उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है. इस सिलसिले में मैंने मुख्यमंत्री योगी जी से खुद बातचीत की है. मैं लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हूं.

प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इसमें जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। इसके साथ ही मैं सभी घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है।

पीएम ने सीएम योगी को 4 बार फोन किया

हादसे के कुछ देर बाद ही प्रधानमंत्री मोदी ने एक-एक करके अभी तक सीएम योगी आदित्यनाथ को चार बार फोन किया है. पीएम मोदी ने फोन पर सीएम योगी से सुरक्षा व्यवस्था के साथ-साथ सभी घायलों के बारे में जानकारी ली. वहीं सीएम योगी ने घायलों के समुचित इलाज की बात कही है. हादसे के बाद सीएम योगी ने तुरंत पुलिस प्रशासन को फोन करके अलर्ट कर दिया. और कहा कि लोग सुरक्षा के साथ गंगा के किसी भी घाट पर स्नान करें. अफवाहों पर ध्यान न दें.

पीएम ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी की बात

दूसरी तरफपीएम मोदी ने श्रद्धालुओं के आने-जाने के इंतजाम को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से भी विस्तार से बात की है. वहीं रेल मंत्री ने भी प्रधानमंत्री को रेल व्यवस्थाओं की पूरी जानकारी दी. रेल मंत्री ने आश्वस्त किया कि श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए ट्रेनों की संख्या बढ़ाई गई है. यात्रियों को कोई परेशानी न हो, इसका पूरा इंतजाम किया गया है.

बीती रात करीब 1-2 बजे के बीच हुआ हादसा

आपको बता दें कि रात के करीब एक से दो बजे के बीच प्रयागराज महाकुंभ में अचानक बेतहाशा भीड़ बढ़ने से धक्का-मुक्की की स्थिति हो गई. इसी दौरान भगदड़ मच गई. इस भगदड़ में कुछ लोगों की मौत के साथ साथ कई के जख्मी होने की खबर है. कई लोग अपने परिवार से बिछड़ गये. महाकुंभ में श्रद्धालु देश के कोने-कोने से आए हुए हैं. आज मौनी अमावस्या होने और शाही स्नान दोनों होने की वजह से श्रद्धालु काफी संख्या में आ गए थे. 13 तारीख से शुरू हुए महाकुंभ में अब तक 20 करोड़ श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं. बुधवार को 10 करोड़ लोगों के आने का अनुमान है.

प्रयागराज ही नहीं, अयोध्या-बनारस का भी ऐसा हाल… गंगा-सरयू में डुबकी लगाने उमड़ी भीड़

महाकुंभ में मौनी अमावस्या के चलते प्रयागराज (Prayagraj Mauni Amavasya) में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है. लेकिन इसका असर सिर्फ प्रयागराज में ही नहीं बल्कि कई अन्य तीर्थ स्थलों पर भी देखने को मिल रहा है. लोगों से अपील की जा रही है कि वो अभी इन तीर्थस्थलों पर न आएं. अयोध्या, काशी और कई अन्य जगहों पर श्रद्धालुओं का रेला देखने को मिला. अयोध्या की सरयू नदी और बनारस (Ayodhya-Varanasi) के घाट पर भी लोग आस्था की डुबकी लगाने पहुंचे रहे हैं.

प्रयागराज से अयोध्या 168 किलोमीटर दूर अयोध्या है. इसलिए कई श्रद्धालु संगम में शाही स्नान के बाद राम नगरी अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. यहां सरयू नदी है. कुछ श्रद्धालु ऐसे हैं जो मौनी अमावस्या पर प्रयागराज तो नहीं जा पा रहे, लेकिन उसकी जगह यहां सरयू नदी में ही आस्था की डुबकी लगा रहे हैं. सुबह 3 बजे से ही यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचने शुरू हो गए थे.

ऐसा ही हाल कुछ काशी यानी बनारस का भी है. प्रयागराज से वाराणसी सिर्फ 136 किलोमीटर दूर है. दूर-दराज से महाकुंभ आए श्रद्धालु बनारस और अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. बनारस वासी और उसके आस-पास के लोग मौनी अमावस्या पर यहीं घाट (गंगा नदी) पर डुबकी लगाकर स्नान कर रहे हैं. मौनी अमावस्या की धार्मिक मान्यता है कि आज के दिन कहा जाता है कि धरती पर पितरों का वास भी होता है. ऐसी स्थिति में पितरों के निमित्त दान पुण्य का भी विधान है. शायद यही वजह है कि मौनी अमावस्या के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु गंगा जैसे पवित्र नदी में पहुंचकर आस्था की डुबकी लगाते हैं.

क्या कहा राम मंदिर ट्रस्ट ने

ऐसे में श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने आस-पड़ोस के श्रद्धालुओं को सलाह दी है कि वो 15 दिन बाद ही अयोध्या आएं. चंपत राय ने कहा- महाकुंभ और मौनी अमावस्या के चलते बहुत बड़ी संख्या में प्रयागराज से भक्तजन अयोध्या भी पहुंच रहे हैं. ट्रेन एवं सड़क दोनों प्रकार से भक्तजन प्रयाग से अयोध्या आ रहे हैं. पिछले चार दिनों से अयोध्या में दर्शनार्थियों की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है.

15-20 दिन बाद आएं अयोध्या

उन्होंने आगे कहा- अयोध्या धाम की आबादी एवं आकार को देखते हुए यह कहा जा सकता है कि इतनी अधिक संख्या में भक्तों को एक दिन में रामलला के दर्शन कराना बहुत कठिन है और भक्तों को परेशानी का कारण बन रहा है. परिणाम स्वरूप किसी भी प्रकार की अनहोनी को रोकने के लिए आवश्यक हो गया है कि भक्तों को अधिक पैदल चलाना पड़ रहा है. अतः निवेदन है कि पास पड़ोस के भक्तजन 15-20 दिन के पश्चात दर्शन करने अयोध्या पधारें. ताकि बहुत दूर से आने वाले भक्त आसानी से रामलला के दर्शन कर सकें. इससे सभी को सुविधा होगी. बसंत पंचमी के बाद फरवरी महीने में काफी राहत रहेगी. मौसम भी अच्छा हो जाएगा. मेरे इस निवेदन पर अवश्य विचार करें.

महाकुंभ में भगदड़ के समय क्या-क्या हुआ, चश्मदीदों ने बताई आंखोंदेखी

मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान महा कुंभ का सबसे महत्वपूर्ण अनुष्ठान माना जाता है. यह दिन इसलिए भी खास है क्योंकि 144 साल बाद दुर्लभ ‘त्रिवेणी योग’ का संयोग बना है. इस कारण करीब 10 करोड़ श्रद्धालुओं के कुंभ में शामिल होने का अनुमान जताया गया है. भक्ति के रस में डूबे श्रद्धालु देश-दुनिया से संगम नगरी प्रयागराज (Prayagraj) में अमृत स्नान के लिए पहुंच रहे हैं. सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. लेकिन देर रात संगम नगरी में अचानक से भगदड़ (Stampede In Mahakumbh) मच गई. इस कारण कई श्रद्धालु घायल हो गए. 20 की मौत की आशंका जताई हई है. श्रद्धालुओं ने भगदड़ की आंखोंदेखी बताई है.

जब भगदड़ मची तो हर तरफ-चीख पुकार मच गई थी. लोग जान बचाने के लिए इधर उधर भाग रहे थे. पुलिस-प्रशासन ने किसी तरह स्थिति पर नियंत्रण पाया. घायलों को अस्पताल पहुंचाया. घटना के बाद मंजर का बेहद दर्दनाक दिखा. चारों तरफ श्रद्धालुओं का बिखरा सामान, जूते-चप्पल और कपड़े तितर-बितर पड़े हुए दिखे. किसी का सामान खो गया तो किसी का अपना लापता हो गया.

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भगदड़ तब मची जब स्नान के बाद भीड़ को बाहर निकलने का रास्ता नहीं मिला. कुछ लोग रास्ते में पड़े लोहे के कूड़ेदानों से टकरा गए, जिससे वे गिर पड़े और उनके साथ अन्य लोग भी गिरते चले गए. तो वहीं, अन्य श्रद्धालुओं का कहना है कि भीड़ में कुछ महिलाओं का दम घुटने लगा. इसके बाद वो एक दूसरे पर वह गिरने लगीं. इसी वजह से बैरिकेडिंग टूटी और देखते ही देखते भगदड़ मच गई.

एक महिला ने बताया कि सांस फूल रही है, मैं दब गई थी. बहुत दिक्कत हो रही है. वहीं एक एंबुलेंस के ड्र्राइवर ने बताया कि वो 20 चक्कर अस्पताल के लगा चुका है और अकेले आज करीब 35 मरीजों को अस्पताल पहुंचा चुका है.

‘नहीं दिखे लोहे के कूड़ेदान, उसी से लोग गिरे’

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, इस भगदड़ के चश्मदीद विवेक मिश्रा ने बताया- मैं भी उस वक्त वहीं था जब भगदड़ मची. भीड़ को यह समझ नहीं आ रहा था कि स्नान के बाद कहां जाना है. जगह-जगह रखे लोहे के कूड़ेदान भी श्रद्धालुओं को दिखाई नहीं दे रहे थे, जिससे कई लोग गिर गए और उनके बैग व अन्य सामान इधर-उधर बिखर गए. मैं खुद भी गिर पड़ा और मेरे पैर में चोट लगी. मेरे माता-पिता भी गिर गए थे, जिनकी मैंने मदद की. मैंने एक अन्य महिला को भी उठाया. लेकिन तभी भीड़ में कुछ युवक घबराने लगे और एक-दूसरे को धक्का देने लगे, जिससे भगदड़ मच गई.

एक प्रत्यक्षदर्शी की मानें तो, प्रशासन मैनेज नहीं कर पाया. हम बिहार के नालंदा से 50-60 लोग आए हैं. हमारे साथ बच्चे और बुजुर्ग भी थे. भगदड़ में इतनी धक्का-मुक्की हुई कि सभी लोग एक दूसरे से बिछड़ गए.

बाहर निकलने का रास्ता था जाम

एक अन्य श्रद्धालु की मानें तो, भगदड़ इसलिए मची क्योंकि बाहर निकलने का रास्ता पूरी तरह जाम था. उन्होंने कहा, ‘हम चार लोग थे, हमारे कुछ साथी पहले ही नंदनी द्वार पहुंच चुके थे. हम पीछे रह गए और अचानक रास्ता पूरी तरह ब्लॉक हो गया. आगे लोग गिर रहे थे और पीछे से भी भीड़ बढ़ती जा रही थी. इससे भगदड़ की स्थिति बन गई.

‘हम 14 लोग बिछड़ गए’

बलिया से संगम नगरी पहुंचे एक श्रद्धालु ने बताया- हम 14 लोग महाकुंभ के लिए आए हैं. रात को जब हम मेले के लिए जा रहे थे तो अचानक इतनी भीड़ हो गई कि लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे. हम 14 लोग साथ में ही चल रहे थे. भगदड़ में कौन कहां चला गया, किसी को समझ ही नहीं आया.

दम घुट रहा था लोगों का

एक शख्स ने कहा- प्रशासन ने संगम के लिए एक ही रास्ता कर दिया था. इसलिए ये हादसा हुआ. अचानक कुछ महिलाएं गिरी. हम लोगों ने उनकी मदद की. लेकिन तब तक दूसरी ओर भी भगदड़ मच चुकी थी. संगम की ओर आने और जाने का एक ही रास्ता था. लोग इधर उधर भागने की कोशिश कर रहे थे. हालत खराब हो रही थी. दम भी घुट रहा था. लेकिन उस वक्त बस हमें जान बचाने की लगी थी कि किसी तरह हम सुरक्षित जगह पहुंच सकें.

पुलिस फोर्स पीछे हट गई थी’

एक श्रद्धालु ने बताया कि रात डेढ़ बजे के करीब भगदड़ मची. लोग सो रहे थे, और दूसरी और से भीड़ आई और भगदड़ मच गई. बैरिकेडिंग पर पुलिस फोर्स तैनात थी, लेकिन भीड़ को देखकर वो पीछे हट गए. इसके बाद भगदड़ मच गई. चीख पुकार शुरू हो गया. फिर घायलों को ले जाने के लिए एंबुलेंस मौके पर पहुंची. एक अन्य महिला श्रद्धालु ने भी कहा- भगदड़ के बाद मेरा सारा सामान खो गया है. मोबाइल तक टूट गया है. समझ नहीं आ रहा कि आगे क्या करना है. पिछले कई घंटे से हम एक ही जगह पर हैं. भगदड़ के वक्त लोग एक दूसरे पर चढ़ते और कूदते चले गए. पुलिस फोर्स भी पीछे हट गई थी

मलेशिया, बाली और लंदन से भी महंगी महाकुंभ की फ्लाइट, 5000 के टिकट की कीमत हुई 50 हजार

महाकुंभ में मौनी अमावस्या (Mauni Amavasya Mahakumbh) के दिन देर रात भगदड़ मच गई. इस घटना में 20 लोगों की मौत की आशंका है. इस महापर्व पर आज के दिन यानि बुधवार को 10 करोड़ लोगों के पहुंचने का अनुमान है. प्रयागराज में लगातार श्रद्धालुओं का हूजूम उमड़ रहा है. लोग बसों, ट्रेनों और फ्लाइट (Prayagraj Flight Price) से महाकुंभ के लिए पहुंच रहे हैं. ऐसे में आपको यह जानकर हैरानी होगी कि प्रयागराज के लिए फ्लाइट के दाम 10 गुना बढ़ गए हैं.

जो टिकट पांच हजार रुपये की होती है, वो महाकुंभ में अब 30 से 50 हजार रुपये तक मिल रही है. दिलचस्प बात यह है कि इन दिनों दिल्ली से लंदन का टिकट मात्र 30,000-37,000 रुपये में मिल सकता है, जबकि बाली (इंडोनेशिया) का टिकट 27,000 रुपये तक उपलब्ध है. इसके अलावा मलेशिया के लिए 10 से 15 हजार रुपये तक एयर टिकट मिलता है. यानि विदेश घूमना इस समय ज्यादा सस्ता पड़ रहा है.

132 उड़ानें हो रहीं संचालित

ऐसे में, कई यात्रियों ने नागरिक उड्डयन महानिदेशालय में (DGCA) प्रयागराज तक की फ्लाइट्स के किराए में भारी बढ़ोतरी की शिकायत की है. इसे लेकर 27 जनवरी को DGCA ने एयरलाइन कंपनियों से महाकुंभ के लिए हवाई किराया नहीं बढ़ाने को कहा. इस समय देशभर के विभिन्न शहरों से प्रयागराज के लिए 132 उड़ानें संचालित हो रही हैं. स्पाइसजेट फरवरी 2025 से दिल्ली, चेन्नई, गुवाहाटी, बेंगलुरु, अहमदाबाद, मुंबई, जयपुर और हैदराबाद से प्रयागराज के लिए नई उड़ानें शुरू करने की तैयारी कर रही है. इससे बढ़ती मांग को पूरा करने में मदद मिलेगी और किराये में कमी आने की संभावना है. महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं को राहत देने के लिए सरकार और एयरलाइंस मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि यात्रा आसान और सुलभ हो सके.

किस जगह से कितना किराया?

आप अगर दिल्ली, बेंगलुरु या चेन्नूई जैसे शहरों से लंदन, बाली, मलेशिया, दुबई, मालदीव और थाईलैंड जाना चाहते हैं तो यह महाकुंभ जाने की फ्लाइट टिकट से सस्ता पड़ेगा. इस समय दिल्ली-प्रयागराज का किराया 50 हजार रुपये. मुंबई-प्रयागराज का किराया 60 हजार रुपये, जयपुर-प्रयागराज का किराया 26 हजार रुपये, हैदराबाद-प्रयागराज का किराया 54 हजार रुपये, बेंगलुरु-प्रयागराज का किराया 70 हजार रुपये, कोलकाता-प्रयागराज का किराया 27 हजार रुपये, अहमदाबाद-प्रयागराज का किराया 54 रुपये, भुवनेश्वर-प्रयागराज का किराया 49 हजार रुपये और रायपुर-प्रयागराज का किराया 48 हजार रुपये है.

दिल्ली के बुराड़ी में बड़ा हादसा: चार मंजिला मकान गिरा, कई लोगों के दबे होने की आशंका,रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

राजधानी दिल्ली के बुराड़ी इलाके में बड़ा हादसा हुआ है. सोमवार रात अचानक से एक मकान भरभराकर गिर पड़ा. आसपास के लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस और फायर बिग्रेड को दी. सूचना मिलते ही आनन-फानन में फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियों घटनास्थल पर पहुंच गईं. हादसे में कुछ लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. फिलहाल पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं.

सूचना के मुताबिक, बुराड़ी के कौशिक एन्क्लेव में यह चार मंजिला बिल्डिंग थी, जो गिरी है. बताया जा रहा है कि सोमवार रात जब अचानक मकान गिरा तो वहां पर चहल-पहल थी. गनीमत रही कि लोग थोड़ा दूरी पर थे, जिससे बाल-बाल बच गए. इन्हीं लोगों ने हादसे की सूचना पुलिस और फायर ब्रिगेड को दी. सूचना मिलते ही आनन-फानन में फायर ब्रिगेड की चार गाड़ियां मौके पर पहुंच गईं और रेस्क्यू ऑपेरशन में जुट गईं.

स्थानीय लोग भी रेस्क्यू ऑपरेशन में कर रहे मदद

पुलिस की एक टीम भी स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी है. मकान के मलबे में कुछ लोगों के दबे होने की आशंका जताई जा रही है. इस वजह से मलबा तेजी से हटाया जा रहा है. JCB मशीनों को भी मंगाया गया है, ताकि मलबे को तेजी से हटाया जा सके. वहीं पुलिस अधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं. मामले की गंभीरता को देखते हुए आसपास के थानों की पुलिस फोर्स को वहां पर तैनात कर दिया गया है.

गजब: बिहार के किसानों को बड़ा झटका! सरकारी रिकार्ड में उनकी जमीन हिंद महासागर में दर्शाई गई, जानें क्या है पूरा मामला?

बिहार में आरा जिले के हजारों किसानों की जमीन हिंद महासागर में है. चौंक गए ना, कुछ यही स्थिति आरा जिले के किसानों की भी है. वह हैरान हैं और परेशान भी. दरअसल सरकारी रिकार्ड में उनके खेतों की लोकेशन 1200 किमी दूर हिंद महासागर में दर्शाई गई है. इससे राज्य में आरा जिले के हजारों की किसानों की नींद उड़ गई है. दरअसल यह समस्या जिले में हो रहे डिजिटल क्रॉप सर्वे के दौरान अक्षांश और देशांतर लिखने में गड़बड़ी की वजह से हुई है. सर्वे कर रहे कर्मचारियों की इस एक गड़बड़ी की वजह से किसानों के माथे पर पसीना आ गया है.

जानकारी के मुताबिक जिले में भूमि संरक्षण विभाग की ओर से डिजिटल सर्वे कराया जा रहा है और इसका डाटा विभाग की वेबसाइट पर अपलोड किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि इस दौरान कर्मचारियों ने अक्षांश और देशांतर लिखने में गड़बड़ी कर दी. इसकी वजह से किसानों की जमीन मूल स्थान के बजाय हिंद महासागर में नजर आ रही है. लगातार सामने आ रही शिकायतों को देखते हुए अब कृषि विभाग और राजस्व विभाग आमने सामने आ गए हैं और दोनों विभागों के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है.

जल्दबाजी में कर्मचारियों ने की बड़ी गड़बड़ी

कृषि विभाग ने इस गलती के लिए राजस्व विभाग को जिम्मेदार बताया है. बताया कि इस गलती में सुधार के लिए जमीन का लेखा-जोखा राजस्व विभाग को वापस भेजा जा रहा है. बताया जा रहा है कि जमीन सर्वे के साथ-साथ ही डिजिटल क्रॉप सर्वे भी कराया जा रहा है. इसका उद्देश्य किसानों की जमीन के बारे में वैज्ञानिक डाटा इकट्ठा करना है. कृषि विभाग को इस महीने की 31 तारीख तक 10 लाख प्लॉट की डिटेल सर्वे रिपोर्ट तैयार करना है.

किसानों को भुगतना पड़ रहा खामियाजा

इस हड़बड़ी में कर्मचारियों ने गड़बड़ी कर दी है. इसका खामियाजा किसानों को भुगतना पड़ रहा है. जिला कृषि अधिकारी शत्रुघ्न साहू के मुताबिक यह सर्वे ऐप के माध्यम से हो रहा है. इसमें कई प्लॉट सही जगह पर नहीं दिखाई दे रहे हैं. जिन प्लॉटों में गड़बड़ी सामने आई है, उसे दुरुस्त करने के लिए डिटेल राजस्व विभाग को भेजा गया है. जल्द ही इस समस्या का समाधान कर लिया जाएगा.

पुणे में रहस्यमयी GBS बीमारी से दहशत, एक की मौत, 16 वेंटिलेटर पर, स्वास्थ्य विभाग ने की ये अपील

महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) नाम की रहस्यमयी बीमारी से दहशत का माहौल है. इस बीमारी का केंद्र पुणे और उसके आसपास के शहर बने हुए हैं. पुणे में एक हफ्ते के भीतर ही जीबीएसने 100 से ज्यादा लोगों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है. लगातार मरीजों की संख्या में इजाफा हो रहा है. संक्रमित 16 मरीज वेंटिलेटर पर हैं. सोलापुर में GBS से एक मरीज की मौत की भी खबर सामने आई है.

बीते 26 जनवरी तक पुणे जिले में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के कुल 101 मामले दर्ज किए गए हैं. इन मामलों में से 81 पुणे नगर निगम (पीएमसी) से, 14 पिंपरी चिंचवाड़ से और 6 जिले के अन्य भागों से सामने आए हैं. प्रभावित व्यक्तियों में 68 पुरुष और 33 महिलाएं शामिल हैं, इनमें 16 मरीज वर्तमान में वेंटिलेटर पर हैं. वहीं राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने सोलापुर में एक व्यक्ति की मौत की पुष्टि की है, जो गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से पीड़ित था. मृतक पुणे में काम करता था और अपने गृह जिले सोलापुर गया था.

दुर्लभ और गंभीर बीमारी है GBS

गुइलेन-बैरे सिंड्रोम एक दुर्लभ, लेकिन गंभीर बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली अपनी ही तंत्रिकाओं पर हमला करती है. इससे कमजोरी, सुन्नता या पक्षाघात हो सकता है. इस स्थिति से पीड़ित अधिकांश लोगों को अस्पताल में इलाज की जरूरत होती है. ऐसे में राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने क्षेत्र में जीबीएस के प्रसार को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की है.

स्वास्थ्य विभाग ने जारी किए दिशा-निर्देश

स्वास्थ्य विभाग ने जिले के निवासियों के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए हैं, जिसमें पानी की गुणवत्ता बनाए रखने और ताजा, साफ भोजन खाने पर जोर दिया गया है. विभाग ने नागरिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं और कोई भी लक्षण दिखने पर सरकारी अस्पताल जाएं. सरकार ने मरीजों के लिए मुफ्त इलाज का ऐलान भी किया है.

GBS बीमारी के लक्षण

इस बीच बताया जा रहा है कि पुणे के विभिन्न भागों से पानी के नमूने रासायनिक और जैविक विश्लेषण के लिए भेजे गए हैं. गुलेन बैरी सिंड्रोम के लक्षणों की बात करें तो स्वास्थ्य विभाग के अनुसार जीबीएस के सामान्य लक्षणों में हाथ या पैर में अचानक कमजोरी, लकवा, चलने में परेशानी या अचानक कमजोरी और दस्त शामिल हैं. इसके चलते मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.

किन्नर बनने के लिए करवाया ऑपरेशन, हार्ट अटैक से हो गई मौत

जोधपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. परिवार का आरोप है कि किन्नरों ने अपनी संगत में रखकर उनके बेटे को बहलाया-फुसलाया और उसे किन्नर बनने के लिए ऑपरेशन करवाने को राजी कर लिया. किन्नर बनाने के लिए जब ऑपरेशन किया गया तो उसे हार्ट अटैक आ गया और उसकी मौत हो गई. परिजनों ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा पूरी तरह से एडल्ट नहीं हो पाया था और इतने बड़े ऑपरेशन के लिए तैयार नहीं था इसी वजह से उसकी मौत हुई है. अब परिवार ने बेटे के साथ रहने वाले किन्नरों के ऊपर आरोप लगाया है और मुकदमा दर्ज करवाया है.

परिवार का आरोप है कि 19 साल का उनका बेटा ध्रुव पिछले कुछ समय से किन्नरों के संपर्क में था. ध्रुव कई दिनों से माता-पिता को किन्नर बनने और ऑपरेशन करवाने के लिए मनाने का प्रयास कर रहा था. परिवार उसे बार-बार समझा रहा था और किन्नरों से दूर रहने के लिए कह रहा था. ध्रुव की माता का कहना है कि करीब 4 से 5 महीने पहले यह जानकारी मिली कि ध्रुव किन्नरों के संपर्क में है. ऐसे में उसे बार-बार समझाया लेकिन ध्रुव नहीं माना.

माता-पिता ने परेशान होकर सोचा कि किन्नरों के साथ उठने बैठने से कोई समस्या नहीं होगी. ध्रुव जिन दो किन्नरों के संपर्क में था वह उसे बहाल फुसला कर दिल्ली ले गए और उसका ऑपरेशन करवा दिया. पहला ऑपरेशन सफल नहीं रहा. ऐसे में किन्नर बनने के लिए साथि किन्नर उसे दूसरा ऑपरेशन करवाने के लिए फिर से दिल्ली ले गए. वहां पर डॉक्टरों ने दूसरा ऑपरेशन करने के लिए मना कर दिया.

डॉक्टर ने चेताया, फिर भी करवाया ऑपरेशन

डॉक्टर्स ने कहा कि उसे जान का खतरा हो सकता है. इतना सुनने के बाद भी किन्नरों ने ध्रुव का दूसरा लिंग परिवर्तन कराने का ऑपरेशन करवा दिया. इसी से उसे हार्ट अटैक आ गया और उसकी ऑपरेशन के दौरान मौत हो गई. अब घटना सामने आने के बाद ध्रुव के परिवार ने किन्नरों के खिलाफ जोधपुर के मंडोर थाना में शिकायत दर्ज करवाई है.

लिंग परिवर्तन करवाने के ऑपरेशन के लिए 21 वर्ष की आयु तक परिजनों की सहमति होना आवश्यक है. ऐसे में वह लगातार अपने परिवार को न केवल धमका रहा था बल्कि भावनात्मक तरीके से भी उन्हें हां करने के लिए मना रहा था. 2 दिन पूर्व जिन किन्नरों के साथ वह रह रहा था वे उसे गुपचुप दिल्ली ले गए लेकिन परिवार की सहमति के बिना ही ध्रुव का ऑपरेशन करवा दिया गया. पुलिस ने शव को महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया. जहां शव का मेडिकल बोर्ड द्वारा पोस्टमार्टम किया जाएगा.

मोर्चरी के बाहर परिजनों ने किया हंगामा

मोर्चरी के बाहर ध्रुव के परिजन और समाज के लोग धरने पर बैठ गए. उनका आरोप है कि गलत तरीके से ध्रुव का ऑपरेशन करवाया गया. इसके अलावा ट्रांसजेंडर के लिए काम करने वाली संस्थान संभाली ट्रस्ट के कार्यकर्ताओं का कहना है कि डेढ़ साल से ध्रुव किन्नरों के साथ काम कर रहा था. उसने करीब 5 से 7 लाख रुपए कमाए थे. उसके पास बहुत सारा सोना भी था. वह उनके परिजनों को दिया जाए. मोर्चरी के बाहर माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है पुलिस इस पूरे मामले में जांच कर रही है.

कोलकाता रेप और मर्डर केस: पीड़िता के परिवार ने कहा- संजय रॉय की सजा से हमें दिक्कत नहीं

कोलकाता रेप एंड मर्डर केस में दोषी संजय रॉय के लिए फांसी की मांग की गई है. वहीं, पीड़िता के माता-पिता की तरफ से अलग ही गुहार लगाई गई है. परिवार ने आवेदन दिया है कि उन्हें संजय रॉय की सजा से दिक्कत नहीं है. इस मामले में अन्य के खिलाफ जल्दी चार्जशीट दाखिल की जाए. इसका मतलब ये है कि पीड़िता के परिवार को संजय रॉय को फांसी की सजा नहीं चाहिए.

कलकत्ता हाई कोर्ट ने सोमवार को दो अपीलों को स्वीकार करने पर अपना आदेश सुरक्षित रखा. इसमें एक अपील पश्चिम बंगाल सरकार और दूसरी सीबीआई की है. इस अपील में ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई जिसमें संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है.

कोर्ट में राज्य सरकार और सीबीआई ने क्या कहा?

जस्टिस देबांगसु बसाक की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने राज्य सरकार और सीबीआई दोनों को सुना. दोनों ने हाई कोर्ट में कहा कि अपराध के एकमात्र दोषी संजय रॉय को आजीवन कारावास की सजा सुनाने वाला सियालदह कोर्ट का आदेश अपर्याप्त है. सीबीआई और राज्य सरकार दोनों ने दोषी के लिए फांसी की मांग की है.

कोर्ट में सीबीआई ने किया ये दावा

सीबीआई ने कोर्ट में दावा किया कि केवल उसे ही सजा की अपर्याप्तता के आधार पर हाई कोर्ट के सामने अपील करने का अधिकार है, क्योंकि वो मामले की जांच और अभियोजन एजेंसी है. राज्य सरकार ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी के अलावा वो भी ट्रायल कोर्ट द्वारा दी गई सजा की अपर्याप्तता का दावा करते हुए अपील कर सकती है.

बीते दिन पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम ने गंभीर आरोप लगाया था. उन्होंने रविवार को कहा था, पीड़िता के माता-पिता, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को बदनाम कर राजनीति कर रहे हैं. इससे एक दिन पहले टीएमसी नेता कुणाल घोष ने आरोप लगाया था कि पीड़िता के माता-पिता का इस्तेमाल उन ताकतों द्वारा किया जा रहा है जो सीएम ममता बनर्जी सरकार को बदनाम करना चाहते हैं.