आज बर्थ डे स्पेशल : 'पंजाब केसरी' लाला लाजपत राय की जयंती आज,जाने उनके जीवन से जुड़े कुछ रोचक तथ्य


नयी दिल्ली : इतिहास के पन्नो को पलट के देखेंगे को पाएंगे हर दिन अपने आप में महत्व रखता है. इसी कड़ी में 28 जनवरी साल 1865 में 'पंजाब केसरी' के नाम से मशहूर स्वतंत्रता सेनानी लाला लाजपत राय का जन्म हुआ था. लालाजी कम उम्र में ही आजादी के संघर्ष में शामिल हो गए थे. 

30 अक्टूबर 1928 को साइमन कमीशन के विरोध की लालजी अगुवाई कर रहे थे. इस दौरान अंग्रेज अधिकारीयों ने विरोध कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज कर दी.. इस लाठीचार्ज में लालजी बुरी तरह घायल हो गए. इसी चोट की वजह से 17 नवंबर 1928 को उनका निधन हो गया. अपने ऊपर हुए आत्मघाती हमले के दौरान लालजी ने कहा था कि 'मेरे शरीर पर पड़ी एक-एक लाठी ब्रिटिश साम्राज्य के ताबूत की आखिरी कील साबित होगी', और असल में ऐसा हुआ भी.

लाला लाजपत राय कौन थे?

लाला लाजपत राय लाल-बाल-पाल तिकड़ी (लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक और बिपिन चंद्र पाल) के नेता थे, जिन्होंने स्वराज की वकालत की और भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में सबसे आगे थे. 1928 में, लाला लाजपत राय ने ब्रिटिश संसदीय समूह साइमन कमीशन के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया. विरोध के दौरान, उन पर बेरहमी से लाठीचार्ज किया गया, जिससे वे गंभीर रूप से घायल हो गए और अंततः 17 नवंबर, 1928 को उनकी मृत्यु हो गई.

लाला लाजपत राय जयंती का महत्व

लाला लाजपत राय की जयंती महान नेता के बलिदान को याद करने और उनके योगदान का सम्मान करने का एक शानदार अवसर है. उनके आदर्श आज भी पीढ़ियों को प्रेरित करते हैं. लाला लाजपत राय देश के स्वतंत्रता संग्राम, सामाजिक सुधार और शिक्षा में अपने महान योगदान के लिए भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. राय भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में एक प्रमुख व्यक्ति थे, जिन्होंने स्वदेशी आंदोलन, असहयोग आंदोलन और ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ अन्य संघर्षों में सक्रिय रूप से भाग लिया. कई संस्थानों, सड़कों और स्थलों का नाम उनके नाम पर रखा गया है, जैसे कि दिल्ली में लाजपत नगर और हरियाणा के हिसार में लाला लाजपत राय पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय.

संजय पाठक पर सहारा घोटाले का आरोप,1,000 करोड़ की जमीन 90 करोड़ में बेची गई


भोपाल, जबलपुर और कटनी में सहारा समूह की 310 एकड़ जमीन को औने-पौने दाम में बेचने के पहले समूह की तरफ से 10 से अधिक सब्सिडियरी कंपनियां बनाई गई थीं। इन्हें जमीन भेजने के लिए अधिकृत किया गया था।

भाजपा विधायक संजय पाठक के स्वजन की हिस्सेदारी वाली दो कंपनियों को जमीन की रजिस्ट्री इन्हीं कंपनियों ने कराई थी। एक- एक रजिस्ट्री में विक्रेता के तौर पर 10 से अधिक कंपनियों के नाम हैं। अब आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) इन कंपनियों की भूमिका की जांच कर रहा है। इस मामले में जल्द ही एफआइआर भी हो सकती है।

ईओडब्ल्यू कर रहा जांच

ईओडब्ल्यू यह पता कर रहा है कि बिक्री से प्राप्त राशि किन खातों में जमा कराई गई। इसके बाद राशि कहां गई। कंपनियों को जमीन के विक्रय के लिए किसने अधिकृत किया था। जमीन बिक्री के लिए एक करोड़ रुपये ब्रोकरेज शुल्क की राशि किन खातों में गई। यह राशि किन-किन खातों में घूमी।

कलेक्टर गाइडलाइन में नहीं बढ़े जमीन के रेट

सहारा समूह की बेची गई कुल 310 एकड़ जमीन में से 110 एकड़ भोपाल में मक्सी गांव में है। सूत्रों ने बताया कि इस क्षेत्र की जमीन के रेट कलेक्टर गाइड लाइन में कई वर्ष से नहीं बढ़े हैं। यह भी बड़ा सवाल है।एक पूर्व मुख्य सचिव व अन्य अधिकारियों के दबाव के चलते जमीन के रेट नहीं बढ़ने की बात सामने आ रही है।इसका लाभ जमीन खरीदने वाले को मिला।

हजार करोड़ की जमीन 90 करोड़ रुपये में बेची गई

दूसरा, यह आवासीय जमीन थी जिसे कृषि भूमि बताकर बेचा गया। वर्तमान मूल्य के हिसाब से बेची गई 310 एकड़ जमीन की कीमत लगभग एक हजार करोड़ रुपये थी, जिसे 90 करोड़ रुपये में बेचा गया। इस तरह स्टांप और पंजीयन शुल्क के रूप में शासन को 90 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

सहारा सिटी बनाने के लिए खरीदी गई थी भूमि

सहारा इंडिया रियल स्टेट कार्पोरेशन लिमिटेड और सहारा हाउसिंग कार्पोरेशन इंवेस्टमेंट समूह द्वारा विभिन्न शहरों में निवेशकों से धन जुटाकर सहारा सिटी बनाने के उद्देश्य से भूमि खरीदी गई थी।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देशानुसार इस जमीन की बिक्री से मिली राशि सेबी के खाते में जमा कराना था, जिससे निवेशकों को राशि लौटाई जा सके, पर राशि सहारा इंडिया रियल स्टेट लिमिटेड, सहारा हाउसिंग इंवेस्टमेंट कार्पोरेशन एवं निजी शैल कंपनियों के खातों में जमा कराई गई।

धनबाद: बरोरा चिटाही मार्ग के मुख्य सड़क में दरार !


धनबाद: बाघमारा: बरोरा से रामराज मंदिर चिटाही जाने वाले मुख्य मार्ग में सड़क कई मीटर तक फट गया है। जिससे लगातार गैस रिसाव भी हो रहा है, साथ ही रोड में दरार दिन ब दिन बढ़ते जा रहा है।इसी रास्ते से डुमरा, मांद्रा, माथाबांध, बरोरा तथा आस पास के ग्रामीण एवं श्रद्धालु रामराज मंदिर एवं कतरास धनबाद जाने के लिए इस सड़क उपयोग करते है।

 लेकिन इस ओर बीसीसीएल क्षेत्र संख्या-1 के पदाधिकारी के अनदेखी एवं उदासीन रवैये के वजह से कभी भी इस सड़क पर दुर्घटना घट सकती है। अभी कुछ दिन बाद ही रामराज मंदिर में यज्ञ होना है, इस सड़क का उपयोग लाखों लोग करेंगे।

 जनहित में अविलम्ब इस सड़क को बीसीसीएल या जिला प्रशासन दुरुस्त करें ताकि जान माल का नुकसान नहीं हो सके.

आगजनी की घटना में झुलसे 6 लोगों का धनबाद के एसएनएमएमसीएच में चल रहा इलाज


धनबाद :गिरिडीह के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के शीतलपुर में आगजनी की घटना में उमेश दास के परिवार के एक महिला की मौत हो गई है और आग की जद में आने से 6 लोग गंभीर रूप से झुलस गए हैं. झुलसे लोगों का धनबाद एसएनएमएमसी अस्पताल में इलाज चल रहा है.

 झुलसे लोगों में एक महिला और एक पुरुष की हालत गंभीर है. दोनों को रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया है.

खिड़की से पेट्रोल फेंक कर लगा दी आग

इस संबंध में अस्पताल में इलाजरत उमेश दास ने बताया कि सभी रात में सोए हुए थे. इस दौरान पानी गिरने की आवाज आई. देखने पर मालूम हुआ कि वह पानी नहीं, बल्कि पेट्रोल था. घर के नीचे चारों ओर भारी मात्रा में पेट्रोल फैला हुआ था. बाहर से घर का दरवाजा बंद था. इसलिए कोई भी बहार नहीं निकल सका. इस क्रम में किसी ने खिड़की से माचिस जलाकर घर में फेंक दिया. जिससे पूरे घर में आग लग गई. देखते ही देखते आग ने विकराल रूप ले लिया. फिर अचानक से ब्लास्ट हुआ. ब्लास्ट के बाद घर की छत ऊपर की ओर क्षतिग्रस्त हो गई. दीवार की ईंट टूटकर नीचे गिर गई.

एक महिला की मौत, तीन की स्थिति गंभीर

ब्लास्ट और आग लगने के बाद ग्रामीणों मौके पर पहुंचे और किसी तरह घर के अंदर फंसे लोगों को बाहर निकाला. इस हादसे में उमेश दास की सास बेदानी देवी की मौत हो गई है. जबकि उमेश की पत्नी सबिता देवी, छोटा बेटा सन्नी और ससुर टुकून रविदास बुरी तरह झुलस गए. सबिता देवी और टुकून रविदास को रांची के रिम्स रेफर कर दिया गया है. सन्नी की भी स्थिति ठीक नहीं है. वहीं बड़ा बेटा संदीप कुमार और बेटी लक्ष्मी कुमारी का इलाज धनबाद एसएनएमएमसीएच में चल रहा है.

पीड़ित ने अस्पताल में दिया बयान

आगजनी की घटना में उमेश दास भी बुरी तरह झुलस गए हैं.उमेश दास ने बताया कि उनके सास और ससुर कोलकाता में रहते हैं. शुक्रवार को ही दोनों उनके घर पहुंचे थे. घटना में सास बेदानी की मौत हो गई है. जबकि ससुर टुकून की स्थिति नाजुक है. उन्होंने बताया कि हमारा किसी के साथ कोई विवाद या दुश्मनी नहीं है.।

आदित्यपुर थाना के टोल प्लाजा के निकट एक युवक का शव मिलने से क्षेत्र में सनसनी, हादसा या हत्या जाँचकर रही पुलिस जांच


जमशेदपुर: सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना अंतर्गत, टोल प्लाजा के निकट एक युवक का शव मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है। मृतक की पहचान सलडीह बस्ती निवासी रतन गोराई के रूप में हुई है। सूचना मिलते ही आदित्यपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मृतक के शव को कब्जे में लेकर जांच में जुट गई है। 

बताया जा रहा है कि मृतक कल शाम से ही गायब था। मृतक की पत्नी ने थाने में इसकी सूचना भी दी थी। बताया जाता है कि मृतक किसी कंपनी में काम करता था किन्तु उस दिन रात में काम के पश्चात वह घर ही नहीं लौटा। यह हत्या है या हादसा पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

दुनिया फिर एक तूफानी चक्रवात इओविन से प्रभावित,इस तूफान के कारण झारखंड में भी बढेगा ठंड का असर

झा. डेस्क 

एक बार फिर से झारखंड सहित कई राज्यों में ठंड कंपकंपाने वाली है। तूफान इओविन की वजह से देश में भी असर देखने को मिलेगा। हालांकि इससे बहुत ज्यादा प्रभाव झारखंड के मौसम में नहीं पड़ेगा, लेकिन देश के कुछ हिस्सों में इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिल सकता है। 

ब्रिटिश द्वीपों और विशेष रूप से आयरलैंड और स्कॉटलैंड में तेज और भीषण हवाएं चली हैं।

24 घंटों में तूफान के केंद्र में हवा का दबाव 50 मिलीबार कम हो गया, जिससे यह और भी खतरनाक हो गया। जब चक्रवाती तूफान घड़ी की सुइयों के विपरीत दिशा में घूमता है तो और भी खतनाक हो गया है। मौसम विभाग का अनुमान है कि भीषण चक्रवाती तूफान की वजह से खुले स्थानों पर 80-90 मील प्रति घंटे और अधिकतम 100 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल सकती हैं।

चक्रवाती तूफान इओविन को भारी बारिश ने और भी खतरनाक बना दिया है. बारिश के कारण तूफान विस्फोटक रूप से विकसित हो रहा है। तूफान एओविन को इसकी तबाही वाले स्वरूप के कारण ‘बॉम्ब साइक्लोन’ कहा जा रहा है। इस तूफान ने ब्रिटेन और उसके आसपास के हिस्सों को भारी नुकसान पहुंचाया है।

जानिये क्यों है खतरनाक ये साइक्लोन

तूफान एओविन की वजह से ब्रिटिश द्वीपों और विशेष रूप से आयरलैंड और स्कॉटलैंड में तेज और भीषण हवाएं चली हैं. चौबीस जनवरी की आधी रात तक 24 घंटों में तूफान के केंद्र में हवा का दबाव 50 मिलीबार कम हो गया. यह “विस्फोटक चक्रवात” की परिभाषा में आवश्यक से दोगुना से भी अधिक है, दूसरे शब्दों में, चक्रवाती तूफान (घड़ी की सुइयों के विपरीत दिशा में घूमना) का विकास जो तेज और गंभीर दोनों है, बम फटने की तरह है. नतीजतन, इओविन को “बम चक्रवात” कहा जा सकता है।

भीषण तबाही मचा सकता है चक्रवात

दुनिया के इस हिस्से में सर्दियों के तूफानों का बम चक्रवात की स्थिति तक पहुंचना कोई असामान्य बात नहीं है. हालांकि, हाल के वर्षों में बहुत कम तूफानों ने ही तूफान इओविन के मुकाबले दबाव को गहरा किया है. इससे लोगों को यह पता चलता है कि सबसे ज्यादा खुले स्थानों पर 80-90 मील प्रति घंटे और अधिकतम 100 मील प्रति घंटे की रफ़्तार से हवाएं चल सकती हैं. आयरलैंड के पश्चिमी तट पर मेस हेड में आज सुबह 114 मील प्रति घंटे की रिकॉर्ड-तोड़ हवाएं चलने की सूचना मिली है.

इसी तरह के भीषण तूफानों ने व्यापक क्षति पहुंचाई है और लोगों की जान ली है. जैसे कि 1987 का भीषण ‘ग्रेट स्टॉर्म’.

दुमका : झांकी ने मन मोहा, परेड में एनसीसी बालिका +2 तो झांकी में महिला बाल विकास विभाग अव्वल, सीएम ने किया सम्मानित

दुमका : गणतंत्र दिवस पर रविवार को दुमका के पुलिस लाइन मैदान में विभिन्न विभागों द्वारा निकाली गयी झांकी और परेड आकर्षण का केंद्र रही। सीएम हेमंत सोरेन ने उत्कृष्ट झांकी निकालने वाले विभागों और परेड में शामिल प्लाटून को पुरस्कृत भी किया।

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर समारोह में जिले के स्वतंत्रता सेनानी दिवंगत पतरू राय की आश्रित पत्नी परवतिया देवी को सम्मानित किया। उन्होंने परेड में हिस्सा लेने वाली एनसीसी +2 (बालिका) दुमका को प्रथम , आईआरबी- 01 जामताड़ा महिला प्लाटून को द्वितीय और गृह रक्षा वाहिनी दुमका को तृतीय पुरस्कार से नवाजा। इसके अलावा मुख्यमंत्री ने फर्स्ट इन कमांड, परीक्ष्यमान सहायक पुलिस अधीक्षक दुमका डॉ. मोहम्मद सैयद मुस्तफा हाशमी एवं सेकंड इन कमांड, परीक्ष्यमान सहायक पुलिस उपाधीक्षक दुमका आकाश भारद्वाज और राष्ट्रगान में संत टेरेसा उच्च विद्यालय दुमका और बैंड में हजारीबाग पुलिस अकादमी को सम्मानित किया। 

इन विभागों की झांकियों को मिला पुरस्कार 

प्रथम पुरस्कार- महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग

द्वितीय पुरस्कार- वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, जिला ग्रामीण विकास शाखा, दुमका

तृतीय पुरस्कार- पुलिस विभाग दुमका

मुख्यमंत्री के हाथों इन कर्मियों को मिला प्रशस्ति पत्र

मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर विभिन्न विभागों में उत्कृष्ट कार्य करने वाले कर्मियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया। जिसमें रानी सोरेन, स्वाती राज, राजू बांद्रा, मेघा बेसरा, पवन कुमार मिश्रा, बासुकीनाथ चतुर्वेदी, अर्पिता प्रसाद, बसंती हेंब्रम शामिल है।

इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने पुलिस लाइन मैदान स्थित शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित कर अमर वीर शहीदों को विनम्र श्रद्धांजलि दी। फिर सीएम श्री सोरेन ने गणतंत्र दिवस के अवसर पर पुलिस लाइन में आयोजित समारोह में तिरंगा फहराया एवं सलामी दी। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने परेड का निरीक्षण कर राज्य की जनता को संबोधित किया। मौके पर विधायक बसंत सोरेन, विधायक आलोक कुमार सोरेन, विधायक डॉ० लुईस मरांडी, पूर्व मंत्री बादल पत्रलेख, जिला परिषद अध्यक्ष जॉयस बेसरा, संताल परगना के आयुक्त लालचंद दादेल, आईजी क्रांति कुमार, डीआईजी अंबर लकड़ा, उपायुक्त आंजनेयुलु दोड्डे, पुलिस अधीक्षक पीतांबर सिंह खेरवार सहित अन्य वरीय पदाधिकारी एवं कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

लोहरदगा के बलदेव साहु कालेज स्टेडियम में मंत्री नेहा शिल्पी तिर्की ने किया झंडोत्तोलन

 लोहरदगा के बलदेव साहु कालेज स्टेडियम में झारखंड सरकार की मंत्री नेहा शिल्पी तिर्की ने झंडोत्तोलन किया। इस मौके मंत्री ने झांकी का भी अवलोकन किया। मंत्री ने खेल शिक्षा और विभिन्न क्षेत्रों में बेहतर कार्य करने वालों को सम्मानित किया।

मंत्री ने कहा की हमें गर्व है कि हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। हम स्वतंत्रता सेनानियों के आभारी हैं जिन्होंने अपने प्राणों की आहुति दे कर हमें आजादी दिलाई है।

उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार राज्य का विकास कर रही हैं। मंईयां सम्मान योजना के तहत राज्य की महिलाओं को सशक्त बनाने का काम सरकार कर रही है। राज्य में कल्याणकारी योजनाओं को लागू करने का काम किया जा रहा है। खेती में पारम्परिक चीजों से लोग अलग होते जा रहे हैं। उच्च उत्पादकों के क्षेत्र में ध्यान दिया जाए। कृषि और पशुपालन के क्षेत्र में हमें खुश को सशक्त करना है।

इस अवसर पर डीसी, एसपी सहित जिले के तमाम पदाधिकारी मौजूद थे।

76 वें गणतंत्र दिवस पर PVUN पतरातू टाउनशिप के सीईओ आर.के. सिंह ने झंडारोहण किया, प्लांट के कार्यों एवं उपलब्धियां को बताया


रिपोर्टर जयंत कुमार 

रांची : 76वें गणतंत्र दिवस आज पतरातू के PVUN टाउनशिप में बड़े जोश और उत्साह के साथ मनाया गया। मुख्य कार्यक्रम में PVUN के सीईओ आर.के. सिंह ने राष्ट्रीय ध्वज फहराया। उन्होंने अपने संबोधन में PVUN प्लांट के द्वारा किए जा रहे कार्यों के साथ साथ आस-पास के गांवों में CSR गतिविधियों और आगामी योजनाओं की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला।  

गणतंत्र दिवस के इस कार्यक्रम में DAV स्कूल के बच्चों, CISF और DGR परेड का निरीक्षण किया और सलामी दी। वही इस अवसर पर सांस्कृतिक प्रस्तुतियो का भी आयोजन किया गया। जिसमें बाल भवन और सृजन के बच्चों ने अद्भुत नृत्य प्रस्तुत किए। कस्तूरबा गांधी स्कूल की छात्राओं ने उत्कृष्ट बैंड ड्रिल का प्रदर्शन किया, जबकि DAV स्कूल के छात्रों ने परेड में भाग लिया। बेहतर प्रदर्शन के लिए कस्तूरबा गांधी स्कूल की छात्राओं को तीरंदाजी के उपकरण भी प्रदान किए गए।  

76 में गणतंत्र दिवस के अवसर पर यहां कई लोगों को सम्मानित भी किया गया। जिसमें CEO मेरिटोरियस अवार्ड, स्पर्श ई-वॉइस और अन्य उपलब्धियों के लिए व्यक्तियों को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में PVUN के वरिष्ठ अधिकारियों, जिनमें देवदीप बोस (जीएम, ओएंडएम), अनुपम मुखर्जी (जीएम, प्रोजेक्ट्स), मनीष खेतरपाल (जीएम, एफएम एंड मेंटेनेंस), और जियाउर रहमान (एचओएचआर) शामिल थे। स्वर्णरेखा महिला समिति की अध्यक्ष रीता सिंह ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर CEO PVUNL द्वारा 10 बैटरी ऑपरेटेड ट्री साइकिल भी दिव्यांग जनों को दिया गया।  

राष्ट्रीय ध्वज फहराने का कार्यक्रम O&M बिल्डिंग, प्रोजेक्ट ऑफिस बिल्डिंग और PVUNL अस्पताल में भी आयोजित किया गया। सभी अधिकारी, कर्मचारी और उनके परिवार इस देशभक्ति के पर्व में सक्रिय रूप से शामिल हुए और कार्यक्रम को सफल बनाया।

इस बार झारखंड के झोली में नही आया एक भी बीरता पदक,केवल सराहनीय सेवा पदक से ही करना पड़ेगा संतोष


झा.डेस्क

गणतंत्र दिवस पर उलेखनीय कार्य करने वाले पुलिस बल और सुरक्षा सेवा में लगे लोगों को राष्ट्रपति द्वारा पदक देकर सम्मानित किया जाता है। लेकिन इस बार पहली बार है जब 26 जनवरी पर राष्ट्रपति के हाथों झारखंड की झोली में न वीरता पदक आया है और न हीं विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक ही मिला है। इस बार केवल सराहनीय सेवा पदक ही मिला है। सराहनीय सेवा पदक के लिए राज्य के 12 पुलिस अधिकारियों-जवानों के नामों का चयन हुआ है।

गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति के हाथों यह पदक मिलेगा। उक्त पदक से 15 अगस्त या अगले वर्ष गणतंत्र दिवस पर मोरहाबादी मैदान में संबंधित अधिकारियों को अलंकृत किया जाएगा

इस बार वीरता के लिए पुलिस पदक भी देश में सिर्फ 78 अधिकारियों-जवानों को मिला है। इनमें छत्तीसगढ़, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, जम्मू कश्मीर, असम राइफल्स, बीएसएफ, सीआरपीएफ व एसएसबी के जवान अधिकारी शामिल हैं।

इन्हें मिलेगा सराहनीय सेवा पदक

डा. माइकल राज एस (आइजी, बोकारो), 

ए. विजयालक्ष्मी (आइजी प्रशिक्षण), 

नीरज कुमार (डीएसपी),

 मोहम्मद इकबाल (हवलदार),

 बिंद्रे मुंडरी (हवलदार), 

अरविंद कुमार पालित(एएसआइ), 

बशिष्ट कुंवर (एएसआइ), 

संजीव कुमार झा (एएसआइ),

 विजय कुमार (एएसआइ),

 मानती खलखो (सिपाही), 

प्रभा देवी (सिपाही) व अरुण कुमार (इंस्पेक्टर)।

मोहम्मद इकबाल (हवलदार)।

केंद्र की तरफ से 942 नामों की घोषणा

बता दें कि केंद्र सरकार ने शनिवार को गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर वीरता और सेवा पदक के लिए पुलिस, अग्निशमन, होम गार्ड और नागरिक सुरक्षा (एचजी एंड सीडी) और सुधारात्मक सेवाओं के 942 कर्मियों के नामों की घोषणा की।

942 कर्मियों में से पांच को मरणोपरांत वीरता पदक से सम्मानित किया गया है। इनमें जम्मू-कश्मीर पुलिस से पुलिस उपाधीक्षक हिमायूं मुजम्मिल, सीमा सुरक्षा बल से हेड कांस्टेबल गिरजेश कुमार उदय, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल से कांस्टेबल सुनील कुमार पांडे, सशस्त्र सीमा बल से हेड कांस्टेबल रवि शर्मा और चयन ग्रेड फायरमैन शामिल हैं।

कुल 942 वीरता और सेवा पदकों में से 95 वीरता पदक हैं, 101 विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम) हैं, और 746 सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम) हैं।

101 जवानों को विशिष्ट सेवा पदक

101 जवानों को विशिष्ट सेवा (पीएसएम) के लिए राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया जाएगा। इनमें से 85 पुलिस कर्मियों को, पांच अग्निशमन सेवा कर्मियों को, सात नागरिक सुरक्षा और होमगार्ड सेवा को और चार सुधारात्मक सेवा पुरस्कार दिए गए हैं।

इसके अलावा जिन कर्मियों को 746 सराहनीय सेवा पदक (एमएसएम) दिए गए, उनमें से 634 पुलिस सेवा,

 37 अग्निशमन सेवा, 

39 नागरिक सुरक्षा और गृह रक्षक सेवा तथा 

36 सुधारात्मक सेवा को दिए जाएंगे।

इन्हें मिलेगा सराहनीय सेवा पदक

आईजी ए. विजयालक्ष्मी।

डॉ. माईकेलराज एस.।

बिंद्रे मुंडरी।

अरविंद कुमार पालित।

वशिष्ठ कुंवर।

संजीव कुमार झा।

विजय कुमार।

मानती खलखो।

डॉ. एसपी नीरज कुमार।