जेएसएससी सीजीएल पर आज की सुनवाई पूरी, झारखंड हाईकोर्ट में जानें इस मामले पर क्या हुआ ?


डेस्क: जेएसएससी सीजीएल परीक्षा पर झारखंड हाईकोर्ट में बुधवार को सुनवाई हुई. सरकार की ओर से झारखंड के महाधिवक्ता राजीव रंजन कोर्ट में उपस्थित हुए. उन्होंने सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि सीआईडी शिकायतों की जांच कर रही है. परीक्षार्थियों और अन्य शिकायतकर्ताओं ने जो प्रमाण दिए हैं, सीआईडी की टीम ने उसे जांच के लिए फॉरेंसिक साइंस लैब में भेजा है. जांच रिपोर्ट आने में अभी समय लगेगा. इसलिए 4 सप्ताह का समय दिया जाए. झारखंड सरकार के वकील का पक्ष सुनने के बाद जज ने मामले की सुनवाई 26 मार्च तक स्थगित कर दी. अगली सुनवाई 26 मार्च को होगी.

चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस दीपक रोशन की खंडपीठ ने प्रकाश कुमार व अन्य की याचिका पर सुनवाई की. झारखंड सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन और झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) की ओर से संजय पिपरवार ने अपना पक्ष रखा. जब तक मामले की सुनवाई पूरी नहीं हो जाती, तब तक परीक्षा के परिणाम पर रोक जारी रहेगी. 17 दिसंबर 2024 को हुई पिछली सुनवाई में हाईकोर्ट ने परीक्षा परिणाम जारी करने पर रोक लगा दी थी.

बुधवार को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई में महाधिवक्ता ने कहा कि सीआईडी ने साक्ष्यों को फॉरेंसिक साइंस लैब में भेजा है. उसकी जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वह कोर्ट में विस्तृत जांच रिपोर्ट सबमिट कर पाएंगे. डिटेल रिपोर्ट देने के लिए उन्होंने 4 सप्ताह का कोर्ट से समय मांगा. महाधिवक्ता की अपील को चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली बेंच ने स्वीकार कर लिया और सुनवाई की अगली तारीख 26 मार्च 2025 मुकर्रर कर दी.

जेएसएससी सीजीएल परीक्षा 21 और 22 सितंबर 2024 को हुई थी. परीक्षा से पहले पेपर लीक करने का आरोप जेएसएससी पर लगा था. प्रकाश कुमार और अन्य ने आरोप लगाया था कि जेएसएससी-सीजीएल परीक्षा में धांधली हुई है. याचिकाकर्ताओं ने परीक्षा को रद्द करने और पूरे मामले की सीबीआई जांच कराने की अपील की है. 17 दिसंबर को हुई सुनवाई में कोर्ट ने परीक्षा का रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी थी. कहा था कि जब तक कोर्ट की ओर से कोई आदेश पारित नहीं हो जाता, तब तक रिजल्ट जारी नहीं करें.

गया पुल के नए अंडरपास निर्माण की अंतिम बाधा होगी दूर

धनबाद : गया पुल के नए अंडरपास की अंतिम बाधा इसी महीने दूर होगी। पथ निर्माण विभाग मुख्यालय रांची एक साल से लटके टेंडर को फाइनल करने की तैयारी कर रहा है। रेट की वजह से अंडरपास का टेंडर फाइनल नहीं हो पा रहा है।

पथ निर्माण विभाग ने टेंडर में भाग लेने वाली छत्तीसगढ़ की कंपनी शीला कंस्ट्रक्शन से वार्ता करके उसे दस प्रतिशत अधिक दर पर काम करने का प्रस्ताव दिया है, जबकि कंपनी ने 20 प्रतिशत अधिक दर पर टेंडर डाला है। कंपनी ने दस प्रतिशत अधिक रेट पर काम करने में लगभग अपनी सहमति दे दी है। 

कंपनी अगर इस प्रस्ताव पर राजी नहीं होती है तो इसे कैबिनेट में ले जाने की तैयारी विभाग ने कर ली है। हर स्थिति में इस महीने गया पुल का टेंडर फाइनल कर दिया जाएगा।

गया पुल में नए अंडरपास की योजना पिछले तीन वर्षों से फाइलों में लटक रही है। टेंडर होने के बावजूद रेट को लेकर यह योजना अटक गई है। पथ निर्माण विभाग ने 25 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला था। टेंडर में शामिल शीला कंस्ट्रक्शन कंपनी ने शेड्यूल रेट से 20 प्रतिशत अधिक रेट कोट कर टेंडर डाला है। 

नियम के अनुसार 20 प्रतिशत अधिक दर पर टेंडर आवंटन के लिए विभाग को कैबिनेट से मंजूरी लेनी होगी। गया पुल में नए अंडरपास के सिविल वर्क में 24 करोड़ 76 लाख रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं इस योजना के लिए रेलवे की 2200 वर्गफीट जमीन का अधिग्रहण भी किया जाएगा। इसके एवज में पथ निर्माण विभाग छह करोड़ रुपए का भुगतान रेलवे को करेगा। अब इस आरयूबी निर्माण में कुल 30 करोड़ 50 लाख 43 हजार 700 रुपये खर्च होंगे।

12.5 मीटर चौड़ा और 40 मीटर लंबा होगा नया अंडरपास

गया पुल में बनने वाला नया अंडरपास 12.5 मीटर चौड़ा और 40 मीटर लंबा होगा। राइट्स कंपनी ने अपनी फिजिबिलिटी रिपोर्ट में बताया है कि यह 7.5 मीटर चौड़ा टू लेन होगा। नए अंडरपास में 1.5 मीटर चौड़ा फुटपाथ और 1.1 मीटर ऊंची रेलिंग भी रहेगी। नए आरयूबी को पुराने आरयूबी से 15 मीटर दूर बनाया जाएगा। इसके लिए एप्रोच रोड भी होगा। 

एप्रोच रोड के लिए श्रमिक चौक की चौड़ाई कम की जाएगी। श्रमिक चौक से सीधे नए आरयूबी तक नया एप्रोच रोड बनाया जाएगा।

छत्तीसगढ़ की कंपनी को दर वार्ता के लिए आमंत्रित किया गया था। विभाग के प्रस्ताव पर अगर कंपनी तैयार हो जाती है तो उसे काम आवंटित किया जाएगा, ऐसा नहीं होने पर कैबिनेट में यह प्रस्ताव लाकर इसका बजट बढ़ेगा।

ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल ने अभियान चलाकर 14 नक्सली को मार गिराया

केंद्रीय गृह मंत्री ने की इस उपलब्धि के लिए CISF की तारीफ़

 

झारखंड उड़ीसा और छत्तीसगढ़ में नक्सली कमांड सम्हालने वाला करोड़ रूपये के इनामी नक्सली मारा गया.जिससे नक्सली को बड़ा झटका लगा है. जानकारी के अनुसार ओडिशा सीमा पर 14 नक्सली ढेर, हो गया. इस उपलब्धि के लिए गृहमंत्री शाह ने जमकर सुरक्षाबलों की तारीफ.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), विशेष अभियान समूह (एसओजी) ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस के संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को मार गिराया गया, जो ‘‘नक्सलवाद पर एक और बड़ा प्रहार’’ है. शाह ने कहा कि ‘नक्सल मुक्त भारत’ के संकल्प और सुरक्षा बलों के संयुक्त प्रयासों से नक्सलवाद आज अंतिम सांस ले रहा है.

शाह ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘नक्सलवाद को एक और करारा झटका. हमारे सुरक्षा बलों ने ‘नक्सल मुक्त भारत’ के निर्माण की दिशा में बड़ी सफलता हासिल की है। सीआरपीएफ, एसओजी ओडिशा और छत्तीसगढ़ पुलिस ने ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर एक संयुक्त अभियान में 14 नक्सलियों को मार गिराया. एक अधिकारी ने कहा कि छत्तीसगढ़-ओडिशा सीमा पर मैनपुर थाना क्षेत्र के अंतर्गत जंगल में सोमवार देर रात और मंगलवार की सुबह हुई ताजा गोलीबारी में माओवादियों को मार गिराया गया.

जवाहर नवोदय में दाखिले के लिए हुए खुलासे ने हर कोई हैरान, इसके पीछे पुरे गैंग आशंका, पुलिस कर रही जाँच

धनबाद : जवाहर नवोदय में दाखिले के लिए हुए खुलासे ने हर किसी को हैरान कर दिया है। मामले में 5 लोगों पर एफआईआर पर दर्ज तो हो गयी है, लेकिन इस खुलासे ने पूरी परीक्षा प्रक्रिया को ही सवालों में खड़ा कर दिया है। लिहाजा पूरे प्रकरण की विस्तार से जांच की मांग होने लगी है। परीक्षा पर्यवेक्षिका दीपा सिन्हा ने मामले की शिकायत टुंडी पुलिस में दर्ज कराई है।

थाना प्रभारी उमा शंकर के अनुसार, दोनों फर्जी परीक्षार्थी, जिनकी जगह वे परीक्षा दे रहे थे उन दो छात्रों और एक शिक्षक समेत कुल पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। लेकिन आशंका है कि इसमें सिर्फ एक दो लोग शामिल नहीं है, बल्कि पूरा गैंग काम करता है। लिहाजा अब उस कड़ी की तलाश भी शुरू हो गयी है।

जानकार बताते हैं कि इस तरह की धांधली पहले से होती रही है। 30-50 हजार रुपये में दाखिले का पूरा ठेका चलता है, जिसमें 5 से 10 हजार रुपये छात्रों को दी जाती है, जबकि बाकी की रकम सेटर की तरफ से अलग-अलग लोगों को बांटा जाता था। जानकारी ये भी है कि इसमें नवोदय के बच्चों को ही परीक्षा में बैठाया जाता था।

आपको बता दें कि प्रोजेक्ट कन्या उच्च विद्यालय टुंडी में जवाहर नवोदय विद्यालय की प्रवेश परीक्षा के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा गया। जहां दो छात्र दूसरों की जगह परीक्षा देते हुए रंगे हाथों पकड़े गए। पकड़े गए दोनों छात्र बिहार के बक्सर जिले के इतारी के रहने वाले हैं, जो वर्तमान में नवोदय विद्यालय बेनागड़िया में पढ़ रहे हैं.

जानकारी के मुताबिक सुधांशु प्रधान और हिमांशु प्रधान नाम के छात्रों ने समीर कुमार और नीतीश कुमार की जगह परीक्षा देने का प्रयास किया। मजिस्ट्रेट को इन छात्रों की उम्र अन्य परीक्षार्थियों से अधिक लगने पर संदेह हुआ। जांच में पता चला कि उनके गांव के एक शिक्षक ‘उदय सर’ ने इस पूरी साजिश को अंजाम दिया। शिक्षक ने न केवल स्कूल से छुट्टी दिलवाई बल्कि एडमिट कार्ड में हेरफेर कर इन्हें परीक्षा दिलवाने लाया। साफ है कि ऐसे गिरोह में शिक्षक भी शामिल होते हैं।

हालांकि यह पहला मामला नहीं है। पिछले वर्ष भी टुंडी के कुछ स्कूलों में मोटी रकम लेकर नवोदय विद्यालय की परीक्षा में फर्जी तरीके से छात्रों को बैठाने का मामला सामने आया था, लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई थी। सिर्फ जवाहर नवोदय ही नहीं, स्कूली बच्चों की प्रतिष्ठित परीक्षा भी इस खुलासे के बाद सवालों में है।

झारखंड में लोगों को आदिवासी संस्कृति से रू-ब-रू कराने के लिए हेमंत सरकार बड़ा प्लान,जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

रांची : झारखंड में लोगों को आदिवासी संस्कृति से रू-ब-रू कराने के लिए हेमंत सरकार बड़ा पहल करने जा रही है. इसके तहत जल्द ही ट्राइबल टूरिज्म शुरू होगा. पहला ट्राइबल टूरिज्म तमाड़ के अड़की से उलिहातू होते हुए विकसित किया जायेगा.

 यहां पर्यटक भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली के साथ आदिवासियों के रहन-सहन और खान-पान को जान सकेंगे. ये बातें पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कही है.

झारखंड की पहचान खनन से नही अब टूरिज्म से होगी

मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू नेपाल हाउस स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले भी कह चुके हैं, ‘अब राज्य की पहचान खनन से नहीं, बल्कि पर्यटन से होनी चाहिए.’ मंत्री ने बताया कि राज्य में ‘माइंस टूरिज्म’ भी विकसित किया जायेगा. यहां सीसीएल, बीसीसीएल की कई कोयला खदाने हैं, जहां पर्यटक ‘ओपन कास्ट माइंस’ देख सकेंगे.

हर टूरिस्ट स्पॉट के 25 किमी में बनेगा रेस्ट प्वॉइंट

झारखंड में टूरिज्म और धार्मिक स्थलों का सर्किट भी बनाया जा रहा है, जहां हर 25 किमी पर एक रेस्ट प्वॉइंट बनेगा, जिसमें मूलभूत सुविधाएं और अलावा खान-पान की व्यवस्था होगी. राज्य के फॉरेस्ट लैंड, वाटर फॉल और अन्य दर्शनीय स्थलों पर पर्यटन से जुड़ी सुविधाएं व संरचनाएं भी विकसित की जा रही है.

नेतरहाट के कोयल व्यू प्वॉइंट पर ग्लास टावर बनाया जायेगा

मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा है कि पलामू का ऐतिहासिक किला खस्ताहाल है. इसके संरक्षण के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआइ) को पत्र लिखा जायेगा. वहीं, हजारीबाग के मेगालिथ को भी विकसित किया जायेगा. दशम फॉल, जोन्हा फॉल, नेतरहाट स्थित मैगनोलिया प्वाइंट व पतरातू वैली के सेल्फी प्वाइंट पर ग्लास ब्रिज बनाये जायेंगे. वहीं, नेतरहाट के कोयल व्यू प्वाइंट पर ग्लास टावर का निर्माण किया जायेगा. मसानजोर, गेतलसूद, पतरातू, चांडिल, तेनुघाट, तिलैया डैम में पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम हो रहा है.

पर्यटन को उधोग के रूप में विकसीत करने के लिए प्रतिनिधि मंडल गया विदेश

झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटन उद्योग के नये व्यापारिक दृष्टिकोण को समझने के लिए झारखंड की एक टीम सोमवार को दिल्ली होते हुए स्पेन के लिए रवाना हुई. विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, सचिव मनोज कुमार, निदेशक अंजलि यादव और उपनिदेशक राजीव कुमार सिंह शामिल हैं. सभी स्पेन की राजधानी मैड्रिड में 22 से 26 जनवरी तक चलनेवाले इंटरनेशनल टूरिज्म ट्रेड फेयर (फितूर) के 45वें वैश्विक पर्यटन बाजार में हिस्सा लेंगे. गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर मंत्री 24-25 जनवरी को रांची लौट आयेंगे, जबकि सचिव और अन्य अधिकारी 28 जनवरी को रांची लौटेंगे.

झारखंड में लोगों को आदिवासी संस्कृति से रू-ब-रू कराने के लिए हेमंत सरकार बड़ा प्लान,जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर

रांची : झारखंड में लोगों को आदिवासी संस्कृति से रू-ब-रू कराने के लिए हेमंत सरकार बड़ा पहल करने जा रही है. इसके तहत जल्द ही ट्राइबल टूरिज्म शुरू होगा. पहला ट्राइबल टूरिज्म तमाड़ के अड़की से उलिहातू होते हुए विकसित किया जायेगा.

 यहां पर्यटक भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली के साथ आदिवासियों के रहन-सहन और खान-पान को जान सकेंगे. ये बातें पर्यटन मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कही है.

झारखंड की पहचान खनन से नही अब टूरिज्म से होगी

मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू नेपाल हाउस स्थित अपने कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पहले भी कह चुके हैं, ‘अब राज्य की पहचान खनन से नहीं, बल्कि पर्यटन से होनी चाहिए.’ मंत्री ने बताया कि राज्य में ‘माइंस टूरिज्म’ भी विकसित किया जायेगा. यहां सीसीएल, बीसीसीएल की कई कोयला खदाने हैं, जहां पर्यटक ‘ओपन कास्ट माइंस’ देख सकेंगे.

हर टूरिस्ट स्पॉट के 25 किमी में बनेगा रेस्ट प्वॉइंट

झारखंड में टूरिज्म और धार्मिक स्थलों का सर्किट भी बनाया जा रहा है, जहां हर 25 किमी पर एक रेस्ट प्वॉइंट बनेगा, जिसमें मूलभूत सुविधाएं और अलावा खान-पान की व्यवस्था होगी. राज्य के फॉरेस्ट लैंड, वाटर फॉल और अन्य दर्शनीय स्थलों पर पर्यटन से जुड़ी सुविधाएं व संरचनाएं भी विकसित की जा रही है.

नेतरहाट के कोयल व्यू प्वॉइंट पर ग्लास टावर बनाया जायेगा

मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा है कि पलामू का ऐतिहासिक किला खस्ताहाल है. इसके संरक्षण के लिए आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआइ) को पत्र लिखा जायेगा. वहीं, हजारीबाग के मेगालिथ को भी विकसित किया जायेगा. दशम फॉल, जोन्हा फॉल, नेतरहाट स्थित मैगनोलिया प्वाइंट व पतरातू वैली के सेल्फी प्वाइंट पर ग्लास ब्रिज बनाये जायेंगे. वहीं, नेतरहाट के कोयल व्यू प्वाइंट पर ग्लास टावर का निर्माण किया जायेगा. मसानजोर, गेतलसूद, पतरातू, चांडिल, तेनुघाट, तिलैया डैम में पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराने की दिशा में भी काम हो रहा है.

पर्यटन को उधोग के रूप में विकसीत करने के लिए प्रतिनिधि मंडल गया विदेश

झारखंड में पर्यटन को बढ़ावा देने और पर्यटन उद्योग के नये व्यापारिक दृष्टिकोण को समझने के लिए झारखंड की एक टीम सोमवार को दिल्ली होते हुए स्पेन के लिए रवाना हुई. विभाग के मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू, सचिव मनोज कुमार, निदेशक अंजलि यादव और उपनिदेशक राजीव कुमार सिंह शामिल हैं. सभी स्पेन की राजधानी मैड्रिड में 22 से 26 जनवरी तक चलनेवाले इंटरनेशनल टूरिज्म ट्रेड फेयर (फितूर) के 45वें वैश्विक पर्यटन बाजार में हिस्सा लेंगे. गणतंत्र दिवस समारोह के मद्देनजर मंत्री 24-25 जनवरी को रांची लौट आयेंगे, जबकि सचिव और अन्य अधिकारी 28 जनवरी को रांची लौटेंगे.

आज 4 बजे से होगी झारखंड कैबिनेट की बैठक,कई प्रस्ताव को मिलेगी मंजूरी


  

रांची : झारखंड सरकार की कैबिनेट बैठक मंगलवार शाम 4:00 बजे से प्रोजेक्ट भवन में होगी. कैबिनेट बैठक में इस बार राज्यकर्मियों के लिए ‘मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना’ का संशोधित प्रस्ताव लाया जा रहा है. इस प्रस्ताव में विधायक, सेवानिवृत्त कर्मियों को बीमा का लाभ कितना और कैसे मिलेगा, इससे संबंधित पूरी नियमावली आ रही है. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने राज्यकर्मियों को पांच लाख रुपये तक के स्वास्थ्य बीमा योजना देने का फैसला पूर्व की कैबिनेट में किया था. पर इसमें कुछ त्रुटियां रह गयी थी, जिसे संशोधित करके पेश किया जा रहा है.

बीमा योजना से इलाज की सुविधा

बीमा योजना से झारखंड सरकार के डेढ़ लाख पेंशनर और उनके परिजनों (फैमिली पेंशनर) को तय प्रीमियम पर इलाज की सुविधा मिलेगी. इससे पहले स्वास्थ्य बीमा योजना में राज्यकर्मियों के साथ पेंशनरों और उनके परिजनों के लिए भी स्वास्थ्य बीमा योजना लागू है. लेकिन, उसमें पेंशनरों को उतनी सुविधाएं नहीं है, जितनी कर्मचारियों के लिए हैं. अब उसमें संशोधन कर सरकार चिकित्सा सुविधा में बढ़ोतरी कर रही है.

टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस से सरकार का करार

इसके लिए झारखंड सरकार और टाटा एआइजी जनरल इंश्योरेंस कंपनी के साथ पांच लाख रुपये की चिकित्सा सुविधा देने का करार हुआ है. बताया गया कि पांच लाख से अधिक का इलाज होने पर बफर स्टॉक से भुगतान योजना के लिए राज्य आकस्मिकता निधि से 150 करोड़ रुपये लिये जायेंगे. इनमें 100 करोड़ उस वित्तीय वर्ष में योजना के क्रियान्वयन पर खर्च होना है. वहीं, 50 करोड़ रुपये राज्य आरोग्य सोसाइटी की ट्रस्ट (बफर स्टॉक) में रखना है. इलाज पर पांच लाख से अधिक खर्च होने पर इसी बफर स्टॉक से भुगतान किया जायेगा.

दो लाख कर्मी करा चुके हैं निबंधन

अब तक स्वास्थ्य बीमा योजना में करीब दो लाख राज्यकर्मियों और पेंशनरों ने बीमा का लाभ लेने के लिए निबंधन कराया है. इसमें कर्मियों को सालाना एकमुश्त 6000 रुपये प्रीमियम देना होगा.

हेमंत कैबिनेट की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह ने अपने क्षेत्र के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल का किया निरीक्षण

झा. डेस्क 

हेमंत कैबिनेट की ग्रामीण विकास मंत्री दीपिका पांडेय सिंह अपने विधानसभा क्षेत्र महागामा में प्रखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सह रेफरल अस्पताल के औचक निरीक्षण में पहुंची. इस दौरान अस्पताल की स्वास्थ्य सेवाओं, रखरखाव की व्यवस्था और उसमें खामियों को देखकर भड़क उठी.

मंत्री ने मौके पर मौजूद प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अर्चना मिश्रा, डॉ. अनुज कुमार सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को कड़ी फटकार लगाई। वहीं निरीक्षण के दौरान मातृत्व वार्ड में लोगों ने असुविधाओं की शिकायत की। निरीक्षण को दौरान मंत्री दीपिका पांडेय ने मरीजों और उनके स्वजनों से बातचीत की।

दीपिका पांडेय ने अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही और डॉक्टरों के गैर जिम्मेदाराना रवैये पर गहरी नाराजगी जताई।

बोकारो जिला की दीपक देवी अपनी लगन और जज्बा से विधुत ऊर्जा में हुई आत्मनिर्भर,इसके लिए उन्हें मिलेगा राष्ट्रपति अवार्ड

झारखंड डेस्क

बोकारो: उपनगर चीरा चास की रहने वाली 58 साल की दीपक देवी को उसकी साकारात्मक सोच और दृढ़ संकल्प की बदौलत अपनी अलग पहचान मिली है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता की अद्भुत मिशाल पेश की है। उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत अद्भुत मिशाल पेश की है।

बिजली बनाकर दीपक देवी ने किया कमाल

उन्होंने प्रधानमंत्री सूर्य घर बिजली योजना के तहत सौर ऊर्जा उत्पादन के जरिए बिजली की कमी और उसके आर्थिक बोझ का हल निकाल अब वह अपनी बिजली की जरूरतें पूरा कर रही है, बल्कि उससे अतिरिक्त आय भी अर्जित कर रही है। 

उनके इस प्रेरणादायी कार्य सराहने के लिए आगामी गणतंत्र दिवस पर राष्ट्रपति की ओर से उसे सम्मानित भी किया जाएगा।

  

राष्ट्रपति भवन से निमंत्रण मिलने के बाद परिवार में खुशी की लहर साफ देखी जा सकती है। दीपक ने बताया कि शुरुआत में इस योजना को धरातल पर उतारने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ा, यही कारण था कि दीपक देवी को अपनी योजना को धरातल पर उतारने में तीन साल लग गए।

घरेलू खर्च में कटौती कर शुरू किया प्रयास

इस प्रोजेक्ट के लिए उन्हें 90 हजार खर्च करने की जरूरत थी। पति सेवानिवृत्त सीसीएलकर्मी प्रमोद ने उन्हें सुझाव दिया कि इतनी राशि खर्च करने से बढ़िया है कि बिजली विभाग को ही भुगतान किया जाय, लेकिन अपनी लग्न की पक्की दृढ़ इक्षाशक्ति वाली दीपक देवी ने उनके सुझाव को अनसुना करते हुए अपनी मिशन में लगी रही। धीरे-धीरे घरेलू खर्चों में बचत करते करते ढाई साल के लिए उन्होंने जरूरत की रकम जमा कर ली।

फिर सीसीएल में कार्यरत अपने बेटे की मदद से सूर्य घर योजना के लिए आवेदन जमा किया। बेटे ने आवेदन जमा कराने के बाद अधिकृत वेंडर का पता खोज निकला।

बिजली में आत्मनिर्भर हैं दीपक

टाटा पॉवर के अधिकृत वेंडर से नवंबर 2024 में उन्होंने सोलर पैनल लगवाया, इसके बाद वह बिजली के मामले में आत्मनिर्भर हो गई।

दीपक की मेहनत और इक्षाशक्ति को देखते हुए बिजली विभाग ने अतिरिक्त बिजली खरीदने का भरोसा दिया है। चास प्रमंडल के विद्युत अधीक्षक अभियंता शैलेन्द्र भूषण तिवारी ने बताया कि दीपक की पूरी जानकारी मुख्यालय की ओर से मांगी गई थी, सरकार 3.80 की दर से प्रति यूनिट बिजली खरीदेगी।

25 यूनिट तक बिजली बना रही हैं दीपक

दीपक देवी ने बताया कि अबतक उन्होंने 500-500 वॉट के 6 पैनल लगवाए हैं, जिससे 20 से 25 यूनिट बिजली बनती है, खर्च के बाद 15 से 20 यूनिट बिजली सरकार खरीदेगी।

इस कार्य के लिए सरकार से उन्हें 78 हजार की सब्सिडी भी मिली है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस योजना के लिए वह आसपास की महिलाओं को प्रेरित भी कर रही है।

दीपक देवी ने बताया कि पिछले 10 जनवरी को उनके मोबाइल पर राष्ट्रपति भवन से आमंत्रण का मैसेज मिला तो उन्हें यकीन ही नहीं हुआ। इसके बाद उन्हें पोस्ट ऑफिस से भी फोन आया फिर पोस्टमैन ने घर आकर उन्हें आमंत्रणपत्र दिया तब जाकर उन्हें यकीन हुआ। वह कहती है कि योजना पर्यावरण संरक्षण के लिए वरदान है।

दिल्ली चुनाव के बाद भाजपा झारखंड में प्रतिपक्ष के नेता करेगी तय,बाबूलाल के नाम पर लग सकता है मुहर


झारखंड डेस्क 

रांची: झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार तो बन गई विधानसभा का विशेष सत्र भी हो गया, लेकिन अब तक विपक्षी पार्टी भाजपा ने नेता प्रतिपक्ष नहीं चुना. अगले महिने यानी फरवरी में झारखंड विधानसभा में बजट सत्र की शुरुआत होने वाली है ऐसे में सभी के मन में कौतुहल है कि बजट सत्र तक भी भाजपा अपना नेता प्रतिपक्ष चुन पाएगी या नहीं.

झामुमो कई बार इस मामले में भाजपा पर तंज भी कस चुकी है. पार्टी प्रवक्ता डॉ तनुज खत्री ने कुछ दिनों पहले भाजपा पर हमला बोला था. उन्होंने अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर बीजेपी पर तंज कसते हुए लिखा है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी झारखंड में अपना विधानसभा का नेता सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद बनाएगी. अहंकार कहां से कहां ले जाता है. इसलिए अहंकार नहीं पालना है दोस्त, चाहे आप कोई भी हो.

वहीं झामुमो साहिबगंज ने भी अपने ट्वीट में एक अखबार का कतरन शेयर करते हुए कहा था कि आपको अभी तक समझ नही आ रहा कि झारखंड की जनता ने आपको सिरे से नकार दिया है. फिर भी आप ले देकर कूटनीति वाली राजनीति कर रहे हैं. यह अबुआ सरकार जो कहती है वो करती है. पहले अपने पार्टी का नेता प्रतिपक्ष ढूंढ लो. फिर बात करना भाई.

बाबूलाल मरांडी का नाम आगे

अब भाजपा नेता प्रतिपक्ष के चुनाव को लेकर सीरियस मूड में नजर आ रही है. माना जा रहा है दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा झारखंड में नेता प्रतिपक्ष का चुनाव कर सकती है. नेता प्रतिपक्ष के नाम पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी का नाम अब तक सबसे आगे है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इनके नाम की घोषणा भी जल्द ही की जा सकती है। इसके साथ ही विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक और सचेतक कौन होगा यह भी साफ हो जाएगा। हाल के दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ बाबूलाल मरांडी की बैठक भी हो चुकी है। वैसे नेता प्रतिपक्ष की दौड़ में रांची विधायक सीपी सिंह भी हैं, पर मरांडी का नाम अभी आगे है।

सूत्रों के मुताबिक संभावना है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के बाद विधायक दल के नेता चयन के लिए पर्यवेक्षक नियुक्त होगा। पर्यवेक्षक ही रांची आकर नेता प्रतिपक्ष के नाम को अंतिम रूप देगा। बताया जा रहा है कि गढ़वा विधायक सत्येंद्र तिवारी, हटिया विधायक नवीन जायसवाल या कोडरमा विधायक नीरा यादव में से किसी एक को विधानसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक और किसी एक को सचेतक बनाया जा सकता है।

नेता प्रतिपक्ष, सचेतक और प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा के सोशल इंजीनियरिंग की परीक्षा होगी। बाबूलाल मरांडी को नेता प्रतिपक्ष बनाए जाने के बाद पार्टी ओबीसी और सामान्य जाति के नेताओं को शेष पदों के लिए नियुक्त करेगी।

कई विधायकों की खलेगी कमी

सरकार गठन के बाद विधानसभा का विशेष सत्र बिना नेता प्रतिपक्ष के बीता। पिछली सरकार में भी नेता प्रतिपक्ष का पद लंबे समय तक खाली रहा। जिस वजह से चर्चाएं भी होती रही। पर इस बार ऐसा नहीं होगा। चूंकि प्रतिपक्ष की संख्या कम है। सदन में अनंत ओझा, बिरंची नारायण, अमर कुमार बाउरी, रणधीर सिंह जैसे मुखर नेताओं की गैरमौजूदगी भी है।

ऐसे में भाजपा के पास बाबूलाल मरांडी जैसे सीनियर लीडर का बेहतर विकल्प है। वहीं भाजपा सदन के भीतर ओबीसी और सामान्य जातियों को भी जगह देने का प्रयास पार्टी करेगी। अगर नीरा यादव को सचेतक बनाया जाता है तो इससे महिलाओं को भी प्रतिनिधित्व मिलेगा। वहीं भाजपा सदन के भीतर सामाजिक समीकरण भी साधे रखेगी।