अब गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों का इलाज एवं उपचार जिला यक्ष्मा केंद्र पूर्णिया से हो रहा संभव
सम्पूर्ण उपचार के लिए नहीं जाना पड़ता भागलपुर -जिला यक्ष्मा केंद्र में नियुक्त किए गए हैं टीबी विशेषज्ञ चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दिनेश कुमार -गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए जीएमसीएच पूर्णिया में किया जाता है 13 प्रकार की जांच -ग्रसित मरीजों को जिला और प्रखंड स्तर पर उपलब्ध कराई जाती है आवश्यक दवाइयां -वर्तमान में बिहार में 01 लाख 50 हजार जबकि पूर्णिया जिले में 03 हजार 129 मरीज टीबी ग्रसित, नजदीकी अस्पताल से किया जा रहा सबका उपचार -ग्रसित मरीजों को सहयोग राशि के लिए उपलब्ध कराई जाती है 1000 रुपये प्रति माह पूर्णिया, 19 जनवरी टीबी ग्रसित मरीजों को स्थानीय स्तर पर आवश्यक जांच और सम्पूर्ण इलाज के लिए जिला स्वास्थ्य विभाग सम्पूर्ण प्रयासरत है। टीबी ग्रसित मरीजों को जिला में बेहतर इलाज सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जिला यक्ष्मा केंद्र में विशेष रूप से टीबी विशेषज्ञ चिकित्सक प्रतिनियुक्त किए गए हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक द्वारा अस्पताल में कार्यरत होने से गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों को टीबी का उपचार आसान हो गया है। अब टीबी से ग्रसित गंभीर मरीजों को विशेष जांच और उपचार के लिए भागलपुर जाने की जरूरत नहीं है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिला यक्ष्मा केंद्र में टीबी विशेषज्ञ चिकित्सा अधिकारी के रूप में डॉ दिनेश कुमार को नियुक्त किया गया है। डॉ दिनेश कुमार द्वारा गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए सम्बंधित मरीजों को उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है जिससे टीबी ग्रसित मरीजों को बहुत लाभ मिल रहा है। लक्षण दिखाई देने पर कराएं टीबी ग्रसित होने की जाँच : सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि दो सप्ताह से अधिक दिनों तक खांसी होना, शाम को बुखार आना, वजन में कमी होना, रात में पसीना आना और थूक के बलगम में खून का होना टीबी ग्रसित होने के लक्षण हैं। ऐसा लक्षण दिखाई देने पर संबंधित व्यक्ति को नजदीकी अस्पताल से जांच कराना सुनिश्चित करना चाहिए। जांच के रिपोर्ट के अनुसार संबंधित मरीज को सामान्य या गंभीर टीबी से ग्रसित पाए जाने पर आवश्यक उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। पहले सामान्य टीबी ग्रसित मरीजों की जांच और उपचार जिला यक्ष्मा केंद्र, पूर्णिया में तथा गंभीर टीबी ग्रसित मरीज (एमडीआर) की जांच के लिए भागलपुर रेफर किया जाता था। नवंबर 2024 से जिला यक्ष्मा केन्द्र पूर्णिया में टीबी विशेषज्ञ चिकित्सिक नियुक्त किया गया है जिससे कि अब टीबी ग्रसित मरीजों को विशेष इलाज के लिए भागलपुर जाने की जरूरत नहीं होती है। ग्रसित मरीजों को यक्ष्मा केंद्र में ही जांच करते हुए उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है जिसका ग्रसित मरीज द्वारा घर पर रहकर लाभ उठाया जा सकता है। सिविल सर्जन डॉ प्रमोद कुमार कनौजिया ने बताया कि टीबी विशेषज्ञ चिकित्सक जिला में उपलब्ध होने से जिले में टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान और उपचार में इजाफा हो रहा है। दिसंबर 2024 में पूर्णिया जिले में 448 टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान करते हुए उपचार उपलब्ध कराई गई। टीबी विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ दिनेश कुमार द्वारा 448 टीबी ग्रसित मरीजों में 15 गंभीर टीबी ग्रसित मरीज की पहचान की गई है जिन्हें आवश्यक दवाई उपलब्ध कराते हुए नियमित रूप से जांच और उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। गंभीर टीबी ग्रसित मरीजों की पहचान के लिए जीएमसीएच पूर्णिया में किया जाता है 13 प्रकार की जांच : डीपीएस राजेश शर्मा ने बताया कि लक्षण दिखाई देने पर प्रखंड स्वास्थ्य केंद्र में टीबी ग्रसित मरीजों की जांच सुनिश्चित किया जाता है। जांच के बाद संबंधित मरीजों को प्रखंड में ही उपचार हेतु आवश्यक दवाई उपलब्ध कराई जाती है। लक्षण के अनुसार संबंधित मरीजों के गंभीर टीबी ग्रसित होने की स्तिथि में संबंधित मरीजों को विशेष जांच के लिए पूर्णिया जीएमसीएच भेजा जाता है। जीएमसीएच में संभावित टीबी ग्रसित मरीजों के 13 प्रकार की जांच की जाती है जिससे ग्रसित मरीजों के टीबी संक्रमण की स्थिति और उपयुक्त दवाई से होने वाले लाभ का मूल्यांकन करते हुए उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। टीबी ग्रसित पाए जाने पर संबंधित मरीजों को जिला यक्ष्मा केन्द्र द्वारा कार्ड बनाते हुए दवा उपलब्ध कराई जाती है। संबंधित कार्ड से ग्रसित मरीजों द्वारा प्रखंड स्वास्थ्य केंद्रों से भी टीबी उपचार के लिए आवश्यक दवाई सुविधा का लाभ उठाया जाता है। नियमित जांच और दवाई का उपयोग करने से ग्रसित मरीजों को टीबी बीमारी से सुरक्षित करते हुए स्वास्थ्य किया जाता है। पूर्णिया जिले में 03 हजार 129 मरीज टीबी ग्रसित : जिला संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (सीडीओ) डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि वर्तमान समय में पूरे बिहार में 01 लाख 50 हजार 111 मरीज टीबी बीमारी से ग्रसित पाए गए हैं। पूर्णिया जिले टीबी ग्रसित मरीजों की संख्या 03 हजार 129 हैं। सभी टीबी ग्रसित मरीजों को टीबी संक्रमण से सुरक्षित करने के लिए स्वास्थ्य केंद्रों से आवश्यक दवाई नियमित रूप से उपलब्ध कराई जा रही है। समय समय पर टीबी ग्रसित मरीजों का फॉलोअप करते हुए प्रखंड स्वास्थ्य केन्द्र से जांच सुनिश्चित किया जाता है। इस दौरान टीबी ग्रसित मरीजों का प्रखंड अस्पताल से स्पुटम एकत्रित करते हुए विशेष कल्चर जांच के लिए भागलपुर भेजा जाता है। कल्चर रिपोर्ट के अनुसार संक्रमित मरीजों के टीबी स्थिति की जानकारी लेते हुए उन्हें उपचार सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। ग्रसित मरीजों को सहयोग राशि के लिए उपलब्ध कराई जाती है 1000 रुपये प्रति माह : सीडीओ डॉ कृष्ण मोहन दास ने बताया कि टीबी ग्रसित मरीजों द्वारा नजदीकी अस्पताल से नियमित दवा सुविधा का लाभ उठाने पर संबंधित मरीजों को स्वास्थ्य विभाग द्वारा निक्षय पोषण योजना अंतर्गत 1000 रुपये प्रति माह की पोषण सहायता राशि उपलब्ध कराई जाती है। नियमित दवा उपयोग करने पर ग्रसित मरीजों को तीन महीने के अंतराल पर सहयोग राशि लाभार्थियों के बैंक खाते में ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई जाती है जिससे कि ग्रसित मरीजों द्वारा नियमित रूप से पोषण सुविधा का लाभ उठाते हुए टीबी संक्रमण से बहुत जल्द सुरक्षित किया जा सके।
Jan 19 2025, 18:41