पत्नी को तलाक दिए बिना की दूसरी शादी, एक एकड़ जमीन और हर महीने 3 हजार रुपए देगा पति, महिला आयोग ने सुनाया फैसला
रायपुर- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने आज रायपुर कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर 302 सुनवाई हुई. एक प्रकरण के दौरान आवेदिका ने बताया कि पति ने बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर लिया है, जिससे उनकी एक बच्ची भी है. अनावेदक (पति) द्वारा आवेदिका और बच्चों को काई भी भरण-पोषण नहीं दिया जा रहा है. इस मामले में महिला आयोग ने कहा, यह एक अपराधिक प्रकरण है और सजा पाने का पर्याप्त आधार है. आयोग की समझाइश पर पति ने प्रति माह 3 हजार रुपए और ससुर ने 1 एकड़ जमीन आवेदिका और उसके बच्चों को दिए जाने की सहमति दी.
एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि आवेदिका के पति ने किए गए कार्यों का बकाया भुगतान नहीं किया है. अनावेदिका के कार्यकाल के दौरान 70 हजार रुपए का भुगतान नहीं किया गया है. इस मामले में पूर्व में कार्यरत अधिकारी और उनके स्वयं के कार्यकाल का बकाया आवेदिका पक्ष को मिला और 28 हजार का भुगतान का बिल ट्रेजरी में जमा हुआ, जो आवेदिका को मिल जाएगा.
अनावेदिका ने लिखित प्रस्ताव दिया, जिसके अनुसार मार्च 2017 से नवंबर 2017 से 09 माह के दौरान आवेदिका के पति द्वारा कार्य नहीं किया गया है। इस पर आवेदिका के पति ने अपने 03 पूर्व सहकर्मियों का सहमति पत्र प्रस्तुत किया. सहकर्मियों द्वारा पत्र में हस्ताक्षर किया गया है, जिसके अनुसार आवेदिका का पति उस अवधि में कार्यरत था, जबकि उसी अवधि के लिए अनावेदिका ने भी इन्ही 03 गवाहों का दस्तावेज प्रस्तुत किया. इसके अनुसार आवेदिका के पति ने उसी अवधि में कोई कार्य नहीं किया है. इस मामले में महिला आयोग ने कहा, दोनों ही दस्तावेज एक ही तरह के गवाहों से बने हैं, जिन्हें मान्य नहीं किया जा सकता. आयोग ने निर्देशित किया कि समुचित दस्तावेज दोनों पक्ष आयोग में उपस्थित करें, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके.
अन्य प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि उसके बेटे ने 5 लाख रुपए लोन ले रखा है और उसे आज तक नहीं पटाया है. लोन नहीं पटने के कारण रिकवरी एजेंट के खिलाफ आवेदिका ने यह प्रकरण दर्ज कराया है. रिकवरी एजेंट द्वारा आवेदिका व उसके रिश्तेदारों को फोन करके परेशान किया जा रहा है, जिससे आवेदिका मानसिक रूप से परेशान है. आयोग ने समझाइश दी कि दोनों पक्ष आपस में सुलह का प्रयास करें, ताकि प्रकरण का निराकरण किया जा सके.
मां की संपत्ति पर सभी बच्चों का बराबर अधिकार
एक अन्य प्रकरण में आवेदिका ने अपने मां के नाम की जमीन की रजिस्ट्री अपने नाम से करा लिया. अनावेदक और आवेदिका 5 भाई-बहन हैं और मां के नाम की सम्पत्ति पर सभी का बराबर हक है. अनावेदक का कहना है कि मां की अन्य सम्पत्ति के 5 हिस्सेदार है, जिसका बंटवारा आयोग द्वारा कराए जाने पर सभी सुलहनामे से समझौते के लिए तैयार हैं. आयोग ने कहा कि अधिवक्ता के माध्यम से सुलहनामा बनाया जा सकता है, ताकि सभी के मध्य 5 हिस्सों में बंटवारा कराया जा सके और प्रकरण का निराकरण किया जा सके.
सोशल मीडिया में चरित्र हनन का प्रयास करने का मामला
एक प्रकरण में आवेदिका ने बताया कि अनावेदकों द्वारा सोशल मीडिया, व्हाट्सप के माध्यम से आवेदिका का चरित्र हनन का प्रयास संयुक्त व एकल रूप से किया जा रहा है. अनावेदक सुनवाई के दौरान अनुपस्थित रहे. इस पर आयोग ने अनावेदकों को अगली सुनवाई में थाना प्रभारी के माध्यम से प्रस्तुत किए जाने के निर्देश दिए, ताकि प्रकरण की सुनवाई की जा सके. आज की सुनवाई में महिला आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक, सदस्य सरला कोसरिया, लक्ष्मी वर्मा, ओजस्वी मंडावी एवं दिपिका शोरी मौजूद रहीं.

रायपुर- छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग ने आज रायपुर कार्यालय में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की. आयोग की अध्यक्ष डाॅ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर पर 302 सुनवाई हुई. एक प्रकरण के दौरान आवेदिका ने बताया कि पति ने बिना तलाक लिए दूसरा विवाह कर लिया है, जिससे उनकी एक बच्ची भी है. अनावेदक (पति) द्वारा आवेदिका और बच्चों को काई भी भरण-पोषण नहीं दिया जा रहा है. इस मामले में महिला आयोग ने कहा, यह एक अपराधिक प्रकरण है और सजा पाने का पर्याप्त आधार है. आयोग की समझाइश पर पति ने प्रति माह 3 हजार रुपए और ससुर ने 1 एकड़ जमीन आवेदिका और उसके बच्चों को दिए जाने की सहमति दी.
रायपुर- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मंशा और दूरदर्शी सोच के अनुरूप राज्य सरकार द्वारा स्वामित्व योजना को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए मजबूती से कदम उठाया गया है। स्वामित्व योजना ग्रामीण भारत को सशक्त बनाने की प्रभावी पहल है। संपत्ति का अधिकार केवल भूमि और अन्य संसाधनों के कानूनी स्वामित्व तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि यह व्यक्तियों और समुदायों को आत्मनिर्भरता, स्थिरता और सम्मानित जीवन जीने का आधार प्रदान करता है। यह अधिकार विशेष रूप से हमारे समाज के कमजोर और वंचित वर्गों के लिए आर्थिक, सामाजिक और व्यक्तिगत स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है, इसलिए भू-अभिलेखों को पारदर्शी और प्रभावी बनाना हमारी प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज महासमुंद में आयोजित स्वामित्व कार्ड वितरण सामरोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
बिलासपुर- छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने अनिवार्य सेवानिवृत्ति आदेश के निरस्त होने के बाद उनके विधिक वारिस अनुकम्पा नियुक्ति और अन्य आर्थिक लाभ प्राप्त करने का हकदार बताया है. इसके साथ ही याचिकाकर्ता को अनुकंपा नियुक्ति प्रदान किए जाने का गृह विभाग के सचिव को आदेश दिया है.
रायपुर- बॉलीवुड स्टार सैफ अली खान पर 15 से 16 जनवरी की दरमियानी रात हमलावर ने चाकू से 6 बार हमला किया था. हमलावर उनके घर में चोरी की नियत से घुसे थे और उन पर ताबड़तोड़ हमलाकर वहां से फरार होने में कामयाब हो गए थे.
रायपुर- छत्तीसगढ़ अधिकारी कर्मचारी फेडरेशन के प्रतिनिधियों ने उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से उनके निवास पर मुलाकात कर प्रदेश के शासकीय सेवकों एवं पेंशनरों की विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में महंगाई भत्ते को जुलाई 2024 से 3 प्रतिशत बढ़ाने सहित पांच सूत्रीय मांगें शामिल हैं. उपमुख्यमंत्री शर्मा ने मांगों पर सकारात्मक रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए.
रायपुर- छत्तीसगढ़ में युवाओं को रोजगार और कौशल विकास के क्षेत्र में नई संभावनाएं प्रदान करने के उद्देश्य से आज शहीद स्मारक ऑडिटोरियम, रायपुर में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा और वन एवं कौशल विकास मंत्री केदार कश्यप के मुख्य आतिथ्य में कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग के सचिव एस भारतीदासन ने सीएसआरबॉक्स फाउंडेशन, सीआईआई यंग इंडियंस और अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर संचालक तकनीकी शिक्षा और रोजगार ऋतुराज रघुवंशी, अपनाटेक प्राइवेट लिमिटेड के वाइस प्रेसिडेंट डॉ प्रीतसिंह, सीएसआरबॉक्स फाउंडेशन के वाइस प्रेसिडेंट मनो विराज सिंह, वाईस प्रेजिडेंट और सीआईआई यंग इंडियंस के चेयर पर्सन गौरव अग्रवाल के अलावा अन्य अधिकारी कर्मचारी और विभिन्न संस्थान के छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

कवर्धा- छत्तीसगढ़ शासन की ‘‘नई नक्सल आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति’’ और जिले में चलाये जा रहे नक्सल अभियान के कारण नक्सलियों के हिंसक और शोषणकारी विचारधारा से तंग आकर कई माओवादी विकासशील समाज की मुख्यधारा में लौटने का निर्णय ले रहे हैं. बस्तर क्षेत्र के साथ साथ कबीरधाम जिले में इसका व्यापक असर देखने को मिल रहा है. आज इसी पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर 10 लाख ईनामी नक्सली दंपत्ति रमेश और रोशनी ने भी आत्मसमर्पण कर दिया है, जो कुख्यात नक्सली कमांडर हिडमा के गांव पूवर्ती निवासी हैं. दोनों पर 5-5 लाख रुपए का ईनाम रखा गया था.
रायपुर- राज्य सरकार ने आईएएस के अधिकारियों का तबादला आदेश जारी किया है. सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, बलरामपुर सीईओ रेना जमील को वाणिज्य एवं उद्योग विभाग में उपसचिव बनाया गया है. वहीं अनुविभागीय अधिकारी नारायणपुर वासु जैन को सीईओ सक्ती बनाया गया है.
बिलासपुर- जिले से गतौरा स्थित एलेन कोल वाशरी में एक ट्रेलर चालाक की हाईटेंशन तार की चपेट में आने से मौत हो गई. हादसे में एक अन्य चालाक बुरी तरह से झुलस गया है, जिसका इलाज जारी है. घटना ने प्रबंधन की बड़ी लापरवाही उजागर की है.
Jan 18 2025, 20:00
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