भारतीय सेना के अध्यक्ष बताए LAC के हालात, कहा- स्थिति संवेदनशील, लेकिन स्थिर

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देश की सीमाओं और सुरक्षा को लेकर भारत की सेना प्रमुख ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जिसमें उन्होंने चीन, पाकिस्तान, म्यांमार सीमा और कश्मीर पर सुरक्षा के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में अवगत कराया है। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी की स्थिति संवेदनशील है, लेकिन स्थिर है। पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम जारी है। हम सीमा पर बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और क्षमता विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को एलएसी और एलओसी से लेकर मणिपुर के हालात के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में एलएसी की स्थिति संवेदनशील है, लेकिन स्थिर है। पूर्वी लद्दाख के देपसांग और डेमचोक में पारंपरिक क्षेत्रों में गश्त शुरू हो गई है। मैंने सभी सह-कमांडरों को जमीनी स्तर पर संवेदनशील मुद्दों को संभालने के लिए कहा है। ताकि इन्हें सैन्य स्तर पर ही हल किया जा सके। एलएसी पर हमारी तैनाती संतुलित और मजबूत है। हम किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं। उत्तरी सीमाओं के लिए फोकस क्षमता विकास कार्यक्रम ने युद्ध लड़ने की प्रणाली में तकनीक को सक्षम किया।

पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकी पाकिस्तानी मूल के

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा (एलओसी) को लेकर भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पिछले साल मारे गए 60 फीसदी आतंकी पाकिस्तानी मूल के थे। आज घाटी और जम्मू क्षेत्र में जो भी आतंकी बचे हैं, हमें लगता है कि लगभग 80 फीसदी या उससे अधिक पाकिस्तानी मूल के हैं। जम्मू-कश्मीर में स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है। नियंत्रण रेखा पर डीजीएमओ के बीच सहमति के बाद फरवरी 2021 से प्रभावी संघर्ष विराम जारी है। हालांकि आतंकी ढांचा बरकरार है।

म्यांमार सीमा पर भी की जा रही कड़ी निगरानी

हालिया दिनों में म्यांमार सीमा पर भी भारत विरोधी घटनाएं देखने मिली हैं। जिसको लेकर सेना प्रमुख ने बताया कि सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई है और बाड़ लगाने का काम किया जा रहा है।

कश्मीर की सुरक्षा पर भारतीय सेना

कश्मीर में जारी आतंकी गतिविधियों से निपटने के लिए सेना को आतंकवाद विरोधी अभियानों के लिए आपातकालीन खरीद के लिए भी मंजूरी दे दी गई है। सेना प्रमुख ने कहा कि हमने पुंछ-राजौरी क्षेत्रों में सैनिकों की बड़ी संख्या में तैनाती की है, उन्होंने कहा कि कश्मीर में स्थिति अंडर कंट्रोल है।

मणिपुर के हालात पर भी की बात

सेना प्रमुख ने हिंसा ग्रस्त मणिपुर की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर में स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है। मणिपुर में सुरक्षा बलों के प्रयास प्रयासों और सरकार की पहल से स्थिति नियंत्रण में आई है। हालांकि, हिंसा की कुछ घटनाएं जारी हैं। हम इस क्षेत्र में शांति स्थापित करने के लिए काम कर रहे हैं। विभिन्न गैर सरकारी संगठन और विभिन्न समुदाय के नेताओं से संपर्क कर रहे हैं ताकि एक तरह का सामंजस्य स्थापित किया जा सके। भारत-म्यांमार सीमा पर निगरानी बढ़ाई गई है, ताकि म्यांमार में अभी तक हो रही अशांति को रोका जा सके। जहां तक मानवीय सहायता और आपदा राहत का सवाल है, 2024 में हमने अपने क्यूआरटी और क्यूआर मेडिकल टीमों को अपग्रेड करने के लिए विशेष रूप से 17 करोड़ रुपये खर्च किए हैं।

पीएम मोदी ने किया जेड मोड़ टनल का उद्घाटन, जानें कितना होगा फायदा

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सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण जेड मोड़ सोनमर्ग सुरंग सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को समर्पित कर दिया। 2700 करोड़ रुपये की परियोजना का उद्घाटन करने के बाद, प्रधानमंत्री सुरंग का निरीक्षण करने और परियोजना अधिकारियों से बातचीत करने के लिए सुरंग के अंदर गए। उद्घाटन के समय केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी मौजूद थे।

मोदी ने निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के गांदेरबल जिले के सोनमर्ग में जेड-मोड़ सुरंग का उद्घाटन करने के बाद निर्माण श्रमिकों से भी मुलाकात की, जिन्होंने इस इंजीनियरिंग उपलब्धि में उनके योगदान को स्वीकार करते हुए कठोर परिस्थितियों में सावधानीपूर्वक काम किया है। पिछले साल सितंबर-अक्तूबर में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद पीएम मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर की यात्रा पर हैं।

हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे- उमर

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने टनल में आतंकवादी हमले में मारे गए सात लोगों का नाम लिया। उन्होंने कहा कि अगर मैं इनके नाम लिए बिना तकरीर शुरू करूं यह उनके लिए नाइंसाफी है। इन सबने इस टनल के निर्माण के लिए कुर्बानी दी, मैं ऐसी तंजीम से तालुक रखता हूं जिन्होंने 35 वर्षों में कुर्बानियां दी। पीएम साहब आपकी यहां मौजूदगी यह गवाही है जो लोग यहां शांति नहीं देखना चाहते उन्हें हम कामयाब नहीं होने देंगे। मेरी खुशकिस्मती है कि जब इसकी नींव का पत्थर रखा गया, तब भी मैं मुख्यमंत्री था और आज भी मैं हूं हम सोनमर्ग को विंटर डेस्टिनेशन के तौर पर प्रमोट करेंगे।

लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम

श्रीनगर-लेह राष्ट्रीय राजमार्ग पर बनी इस 6.5 किलोमीटर लंबी जेड-मोड़ सुरंग पूरे साल सड़क मार्ग से लद्दाख आवागमन की दिशा में एक बड़ा कदम होगा। इस सुरंग को बनाने का काम मई 2015 में शुरू हुआ था और पिछले साल इसका निर्माण पूरा हुआ है। इस सुरंग को लद्दाख में देश की रक्षा जरूरतों के लिहाज से भी काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह सुरंग केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख को देश के बाकी हिस्से से भी जोड़ती है।इस सुरंग के शुरू हो जाने के बाद गगनगीर और सोनमर्ग के बीच निर्बाध रूप से संपर्क सुनिश्चित होगा और गर्मियों में लद्दाख की यात्रा भी पहले की तुलना में काफी आसान हो जाएगी।

2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनी सुरंग

मध्य कश्मीर के गंदेरबल जिले में गगनगीर और सोनमर्ग के बीच दो-लेन वाली द्वि-दिशात्मक सड़क सुरंग 2,700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाई गई है। आपात स्थिति के लिए समानांतर 7.5 मीटर चौड़ा रास्ता भी है। समुद्र तल से 8,650 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह सुरंग भूस्खलन और हिमस्खलन मार्गों को दरकिनार करते हुए लेह के रास्ते श्रीनगर और सोनमर्ग के बीच सभी मौसम में संपर्क को बढ़ाएगी।

दिल्‍ली के दंगल में राहुल गांधी की एंट्री, सीलमपुर से आज फूंकेंगे चुनावी बिगुल

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दिल्ली में कांग्रेस अपनी खोई हुई सियासी जमीन को वापस पाने लकी कोशिश में है। कांग्रेस दिल्ली में बीजेपी और आम आदमी पार्टी के बीच कश्मकश में उलझी हुई है। दिल्ली विधानसभा के चुनाव को त्रिकोणीय मुकाबला बनाने के लिए पूरा जोर लगा रही है। राहुल गांधी और उनकी पार्टी अबतक दिल्‍ली विधानसभा चुनाव में सुस्‍त नजर आ रही थी। हालांकि आज लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी उत्‍तरी-पूर्वी दिल्‍ली के सीलमपुर इलाके में बड़ी रैली करने जा रहे हैं।

राहुल गांधी की दिल्ली में पहली जनसभा उस क्षेत्र में रखी गई है, जहां पर कांग्रेस के वोट बैंक का अपना सियासी आधार है और चुनावी मुकाबला सीधे आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार से है। ऐसे में दिल्ली के कांग्रेसी नेताओं को उम्मीद है कि राहुल गांधी अपनी पहली जनसभा में अरविंद केजरीवाल और उनकी पार्टी 10 साल के शासन की विफलताओं को लेकर आक्रामक रुख अपनाएंगे।

राहुल गांधी के प्रचार अभियान की रणनीति और भागीदारी की इसमें सबसे निर्णायक भूमिका रहेगी, क्योंकि पार्टी के राजनीतिक फैसलों में उनकी राय ही अंतिम मानी जाती है। कांग्रेस दिल्ली चुनाव में भले बीजेपी और आम आदमी पार्टी दोनों के खिलाफ लड़ रही है, लेकिन सत्ता पर केजरीवाल की पार्टी का कब्जा है। इसीलिए दिल्ली कांग्रेस के नेताओं और पार्टी के चुनावी रणनीतिकारों का दावा है कि राहुल गांधी न केवल बीजेपी बल्कि आम आदमी पार्टी के दस साल की विफलताओं पर हमला करने में कोई रियायत नहीं बरतेंगे।

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस के अब तक के आक्रामक तेवरों को पार्टी नेतृत्व ने अगले पायदान पर ले जाने का जज्बा दिखाया तो यह चुनाव बेहद रोचक मोड़ ले सकता है। दिल्ली के चुनावी मुकाबले में प्रासंगिक बने रहने के साथ ही कांग्रेस की चुनावी संभावनाओं के मद्देनजर राहुल गांधी की सीलमपुर में सोमवार को हो रही पहली जनसभा बेहद महत्वपूर्ण है।

बांग्लादेश ने भारतीय उच्चायुक्त को क्यों किया तलब, भारत के साथ नया विवाद

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भारत-बांग्लादेश के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा है। शेख हसीना के तख्तापल के बाद बांग्लादेश में नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मो. यूनुस की अंतरिम सरकार बनी। यूनुस के सत्ता आने के बाद से बांग्लादेश में भारत विरोधी लहर बनी हुई है। इस बीच रविवार को बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को तलब किया है, यह कदम दोनों देशों के बीच सीमा तनाव के बढ़ने के बीच उठाया गया है।

सरकारी समाचार एजेंसी 'बीएसएस' ने पहले अपनी खबर में बताया था कि प्रणय वर्मा को विदेश मंत्रालय ने सीमा पर बढ़ते तनाव पर चर्चा करने के लिए ''तलब'' किया था। विदेश मंत्रालय द्वारा जारी प्रेस वक्तव्य में हालांकि इस शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा, ''विदेश सचिव राजदूत मोहम्मद जशीम उद्दीन ने आज विदेश मंत्रालय स्थित अपने कार्यालय में भारत के उच्चायुक्त प्रणय वर्मा के समक्ष बांग्लादेश-भारत सीमा पर भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की हाल की गतिविधियों को लेकर बांग्लादेश सरकार की ओर से गहरी चिंता जताई।'' बीएसएस की खबर के अनुसार वर्मा लगभग तीन बजे (स्थानीय समयानुसार) विदेश मंत्रालय पहुंचे। विदेश सचिव के साथ उनकी मुलाकात लगभग 45 मिनट तक चली।

भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने बैठक के बाद मीडिया से कहा, ''मैंने विदेश सचिव से मुलाकात कर अपराध मुक्त सीमा सुनिश्चित करने, तस्करी, अपराधियों की आवाजाही और मानव तस्करी की चुनौतियों से प्रभावी तरीके से निपटने संबंधी भारत की प्रतिबद्धता पर चर्चा की।'' उन्होंने कहा, ''सुरक्षा के लिए सीमा पर बाड़ लगाने के संबंध में हमारे बीच आपसी सहमति है। इस संबंध में बीएसएफ और बीजीबी (सीमा सुरक्षा बल और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश) के बीच बातचीत जारी है। हम उम्मीद करते हैं कि आपसी सहमति को लागू किया जायेगा और अपराध से निपटने के लिए सहयोगपूर्ण दृष्टिकोण अपनाया जायेगा।''

बांग्लादेश-भारत सीमा पर बाड़े के निर्माण को लेकर दोनों देशों में विवाद उपजा है। भारत उस पार से लगातार हो रहे घुसपैठ को रोकने के लिए सीमा पर बाड़ का बना रहा है, लेकिन न केवल सीमा पर बने गांव बल्कि बांग्लादेशी सरकार की तरफ से तीखी प्रतिक्रिया आई है।

भारत-बांग्लादेश के रिश्तों में खटास साफ नजर आ रही है। रिश्तों की ये खटास शेख हसीना के सत्ता से बेदखल होने के बाद से उपजी है। पिछले साल 5 अगस्त को बांग्लादेश से पदस्थापित होने के बाद से पूर्व पीएम शेख हसीना भारत में रह रही हैं। उनके बाद बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार बनी। यूनुस के सत्ता आने के बाद से बांग्लादेश में भारत विरोधी लहर बनी हुई है।

यूके की महिला मंत्री के पीछे क्यों पड़ी बांग्लादेश की यूनुस सरकार, शेख हसीना से है कनेक्शन
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* भारत को अकड़ दिकान के बाद अब बांग्‍लादेश की मोहम्‍मद यूनुस सरकार ने ब्रिटेन की कीर स्टारमर सरकार पर निशाना साधा है। इसकी वजह हैं ब्रिटेन की श्रम मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक, जो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भतीजी हैं। बांग्‍लादेश ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्‍टार्मर से मांग की है कि वो ट्यूलिप सिद्दीक को हटाएं। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुश ने ब्रिटिश मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच की मांग की। उन्होंने दावा किया कि ट्यूलिप ने अपनी चाची और पूर्व बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान संपत्तियां हासिल की थी। मोहम्मद युनूस ने बांग्लादेश को संपत्तियां लौटाने की मांग की। एक साक्षात्कार में उन्होंने शेख हसीना के पीएम पद से हटने के बाद भी सिद्दीक और उनके परिवार द्वार संपत्तियों के इस्सेमाल पर निंदा की। साक्षात्कार में मोहम्मद युनूस ने कहा, "यह एक सीधी डकैती के बारे में है। इसके साथ ही उन्होंने पिछली सरकार पर फर्जी तरीके से धन का गबन करने का आरोप लगाया।" बता दें कि सिद्दीक ब्रिटेन लेबर कैबिनेट के सदस्य हैं, जो ट्रेजरी और सिटी मंत्री के आर्थिक सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं। यूनुस ने द संडे टाइम्स को बताया कि वह चाहते हैं कि ब्रिटेन का भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) शेख हसीना की भतीजी की संपत्तियों की जांच करे। हसीना की अवामी लीग के सहयोगियों द्वारा ब्रिटेन में खरीदी गई संपत्तियां बांग्लादेश को वापस कर दी जानी चाहिए। यूनुस ने अखबार से कहा, “अंतरिम सरकार की यही मंशा है। उन्हें कैसे वापस लाया जाए।” *शेख हसीना की भतीजी पर क्‍या है आरोप?* संडे टाइम्स ने खुलासा किया था कि दो बांग्लादेशी बिजनेसमैन ने साल 2005 में शेख हसीना की सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मोइन गनी को ब्रिटेन के हैम्पस्टेड में एक फ्लैट गिफ्ट किया था। गनी ने इसे 2009 में सिद्दीक की बहन अजमीना को गिफ्ट कर दिया। बाद में खुद यूके की मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक उसमें रहने लगी। उनके पास ब्रिटेन के किंग्स क्रॉस में एक फ्लैट भी है जो उन्हें 2004 में अब्दुल मोतालिफ ने दिया था। उनका संबंध भी शेख हसीना की आवामी लीग पार्टी से है। उन्‍होंने यह घर किराए पर दिया हुआ है। दावा किया गया कि सिद्दीक की मां रेहाना लंदन में 1.4 मिलियन पाउंड यानी 15 करोड़ रुपये के घर में रह रही थी। यह घर बांग्लादेश के एक बिजनेसमैन सलमान एफ रहमान के परिवार का था। वो भी हसीना सरकार में मंत्री रह चुके हैं। *शेख हसीना की भतीजी हैं सिद्दीक* बता दें कि ट्यूलिप सिद्दीक पूर्व बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना की भतीजी हैं और लेबर पार्टी की श्रम मंत्री है। सिद्दीक ट्रेजरी की आर्थिक सचिव हैं और वे ब्रिटेन में वित्तीय बाजारों में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियानों में शामिल रही हैं।
यूके की महिला मंत्री के पीछे क्यों पड़ी बांग्लादेश की यूनुस सरकार, शेख हसीना से है कनेक्शन

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भारत को अकड़ दिकान के बाद अब बांग्‍लादेश की मोहम्‍मद यूनुस सरकार ने ब्रिटेन की कीर स्टारमर सरकार पर निशाना साधा है। इसकी वजह हैं ब्रिटेन की श्रम मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक, जो बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की भतीजी हैं। बांग्‍लादेश ने ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्‍टार्मर से मांग की है कि वो ट्यूलिप सिद्दीक को हटाएं। बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुश ने ब्रिटिश मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक और उनके परिवार की संपत्तियों की जांच की मांग की। उन्होंने दावा किया कि ट्यूलिप ने अपनी चाची और पूर्व बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यकाल के दौरान संपत्तियां हासिल की थी। मोहम्मद युनूस ने बांग्लादेश को संपत्तियां लौटाने की मांग की।

एक साक्षात्कार में उन्होंने शेख हसीना के पीएम पद से हटने के बाद भी सिद्दीक और उनके परिवार द्वार संपत्तियों के इस्सेमाल पर निंदा की। साक्षात्कार में मोहम्मद युनूस ने कहा, "यह एक सीधी डकैती के बारे में है। इसके साथ ही उन्होंने पिछली सरकार पर फर्जी तरीके से धन का गबन करने का आरोप लगाया।" बता दें कि सिद्दीक ब्रिटेन लेबर कैबिनेट के सदस्य हैं, जो ट्रेजरी और सिटी मंत्री के आर्थिक सचिव के रूप में कार्य कर रहे हैं।

यूनुस ने द संडे टाइम्स को बताया कि वह चाहते हैं कि ब्रिटेन का भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) शेख हसीना की भतीजी की संपत्तियों की जांच करे। हसीना की अवामी लीग के सहयोगियों द्वारा ब्रिटेन में खरीदी गई संपत्तियां बांग्लादेश को वापस कर दी जानी चाहिए। यूनुस ने अखबार से कहा, “अंतरिम सरकार की यही मंशा है। उन्हें कैसे वापस लाया जाए।”

शेख हसीना की भतीजी पर क्‍या है आरोप?

संडे टाइम्स ने खुलासा किया था कि दो बांग्लादेशी बिजनेसमैन ने साल 2005 में शेख हसीना की सरकार का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील मोइन गनी को ब्रिटेन के हैम्पस्टेड में एक फ्लैट गिफ्ट किया था। गनी ने इसे 2009 में सिद्दीक की बहन अजमीना को गिफ्ट कर दिया। बाद में खुद यूके की मंत्री ट्यूलिप सिद्दीक उसमें रहने लगी। उनके पास ब्रिटेन के किंग्स क्रॉस में एक फ्लैट भी है जो उन्हें 2004 में अब्दुल मोतालिफ ने दिया था। उनका संबंध भी शेख हसीना की आवामी लीग पार्टी से है। उन्‍होंने यह घर किराए पर दिया हुआ है। दावा किया गया कि सिद्दीक की मां रेहाना लंदन में 1.4 मिलियन पाउंड यानी 15 करोड़ रुपये के घर में रह रही थी। यह घर बांग्लादेश के एक बिजनेसमैन सलमान एफ रहमान के परिवार का था। वो भी हसीना सरकार में मंत्री रह चुके हैं।

शेख हसीना की भतीजी हैं सिद्दीक

बता दें कि ट्यूलिप सिद्दीक पूर्व बांग्लादेशी पीएम शेख हसीना की भतीजी हैं और लेबर पार्टी की श्रम मंत्री है। सिद्दीक ट्रेजरी की आर्थिक सचिव हैं और वे ब्रिटेन में वित्तीय बाजारों में भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाए जाने वाले अभियानों में शामिल रही हैं।

महाकुंभ का शुभारंभ, संगम तट पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब, पीएम मोदी-सीएम योगी ने दी बधाई

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तीर्थराज प्रयागराज महाकुंभ की शुरुआत हो रही है। ऐसे में महाकुंभ के पहले दिन श्रद्धालुओं में संगम में डुबकी लगाने को लेकर खासा उत्साह देखा जा रहा है। पौष पूर्णिमा का आज स्नान है। सुबह से ही श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगा रहे हैं। अभी तक 50 लाख लोग डुबकी लगा चुके हैं। देश-विदेश से आए श्रद्धालु डुबकी लगा रहे हैं। बताया जा रहा है कि आज करीब 1 करोड़ श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाएंगे। महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा।

पीएम मोदी ने दी श्रदालुओं को शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पौष पूर्णिमा के मौके पर अपने आधिकारिक एक्स पर पोस्ट साझा कर लिखा कि पौष पूर्णिमा पर पवित्र स्नान के साथ ही आज से प्रयागराज की पुण्यभूमि पर महाकुंभ का शुभारंभ हो गया है। हमारी आस्था और संस्कृति से जुड़े इस दिव्य अवसर पर मैं सभी श्रद्धालुओं का हृदय से वंदन और अभिनंदन करता हूं। भारतीय आध्यात्मिक परंपरा का यह विराट उत्सव आप सभी के जीवन में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार करे, यही कामना है।

सीएम योगी ने दी पौष पूर्णिमा की बधाई

महाकुंभ शुरू होने पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पौष पूर्णिमा की बधाई दी है। एक्स पर सीएम योगी ने लिखा कि विश्व के विशालतम आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक समागम 'महाकुम्भ' का आज से तीर्थराज प्रयागराज में शुभारंभ हो रहा है। अनेकता में एकता की अनुभूति के लिए आस्था एवं आधुनिकता के संगम में साधना एवं पवित्र स्नान के लिए पधारे सभी पूज्य सन्तों, कल्पवासियों, श्रद्धालुओं का हार्दिक स्वागत है। मां गंगा आप सभी की मनोकामना पूर्ण करें। महाकुम्भ प्रयागराज के शुभारंभ एवं प्रथम स्नान की मंगलमय शुभकामनाएं। सनातन गर्व-महाकुम्भ पर्व।

प्रयागराज में महाकुंभ का सबसे बड़ा आकर्षण होता है अखाड़े और नागा संन्यासी। इन अखाड़ों में भी सबसे बड़ा आकर्षण होता है शाही स्नान, जिसे इस बार अमृत स्नान का नाम दिया गया है। कुंभ मेला प्रशासन की तरफ से सभी 13 अखाड़ों को अमृत स्नान संबंधी समय सूची जारी की गई है।

महाकुम्भ मेला 2025 में अखाड़ों के परम्परागत पूर्व से निर्धारित कम के अनुसार अमृत स्नान की तिथियों और उनके स्नान क्रम की सूचना अखाड़ों को मिल चुकी है। पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव महंत जमुना पुरी बताते हैं कि मकर संक्रान्ति यानी 14 जनवरी को श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी सबसे पहले अमृत स्नान करेगा, जिसके साथ श्री शम्भू पंचायती अटल अखाड़ा भी होगा। यह अखाड़ा 5.15 पर शिविर से प्रस्थान करेगा और 6.15 पर घाट पहुंचेगा. इसे 40 मिनट का समय स्नान के लिए दिया गया है। यह 6.55 पर घाट से वापस शिविर के लिए रवाना होगा और 7.55 पर शिविर पहुंचेगा।

अमृत स्नान में दूसरे स्थान पर श्री तपोनिधि पंचायती श्री निरंजनी अखाड़ा, एवं श्री पंचायती अखाड़ा आनन्द है। तीसरे स्थान पर तीन संन्यासी अखाड़े अमृत स्नान करेंगे।तीन बैरागी अखाड़ों में सबसे पहले अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अनी अखाडा 09.40 पर शिविर से चलेगा।

भारत-बांग्लादेश के बीच सीमा पर बढ़ी तनातनी, ढाका ने भारतीय उच्चायुक्त को किया तलब

डेस्क : भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्तों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेक हसीना के अपदस्थ होते ही दोनों देशों के रिश्ते तनावपूर्ण हो चुके हैं। अब पहली बार भारत और बांग्लादेश के बीच सीमा पर भी तनातनी देखी गई है। बांग्लादेशी घुसपैठियों को रोकने के लिए भारतीय सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने सुरक्षा को सख्त कर दिया है। इससे कोई भी बांग्लादेशी घुसपैठिया भारत में प्रवेश नहीं कर पा रहा है। बीएसएफ के अधिकारी हर बांग्लादेशी संदिग्ध से सीमा पर कड़ाई से पूछताछ कर रहे हैं। इससे बांग्लादेश की मोहम्मद यूनुस की सरकार बौखला गई है।

ताजा विवाद में सूचना है कि बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने रविवार को सीमा तनाव को लेकर भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा को ढाका में तलब किया। यह घटनाक्रम बांग्लादेश द्वारा यह आरोप लगाए जाने के कुछ घंटों बाद सामने आया है कि भारत द्विपक्षीय समझौते का उल्लंघन करते हुए भारत-बांग्लादेश सीमा पर पांच स्थानों पर बाड़ लगाने की कोशिश कर रहा है। वर्मा को अपराह्न लगभग तीन बजे मंत्रालय में प्रवेश करते देखा गया।

बांग्लादेशी घुसपैठियों को सीमा में घुसने से रोकने के लिए भारत ने बॉर्डर पर बाड़ लगाना शुरू कर दिया है। बांग्लादेश इससे बौखला गया है। भारतीय उच्चायुक्त की ढाका में बांग्लादेश की विदेश सचिव जशीम उद्दीन के साथ लगभग 45 मिनट तक इन्हीं मुद्दों पर बैठक चली। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से हालांकि चर्चा के संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया, लेकिन अधिकारियों ने पुष्टि की कि उच्चायुक्त को तलब किया गया है।

'वो दिन भी दूर नहीं जब भारत गरीबी से मुक्त होगा', विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग में बोले पीएम मोदी

डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत मंडपम में विकसित भारत यंग लीडर्स डायलॉग 2025 कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि वह दिन अब दूर नहीं है जब पूरा भारत गरीबी से मुक्त होगा। उन्होंने कहा, "...विकसित भारत की इस यात्रा में हमें हर रोज नए लक्ष्य बनाने हैं, उसे प्राप्त करना है। वो दिन दूर नहीं जब भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल करेगा। बीते 10 वर्षों में देश ने 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला। जिस रफ्तार से हम चल रहे हैं तो वो दिन भी दूर नहीं है जब पूरा भारत गरीबी से मुक्त होगा..."

उन्होंने कहा, "मैंने लाल किले से 1 लाख नए युवाओं को राजनीति में लाने की बात कही है। अपने सुझावों को लागू करने के लिए राजनीति भी बहुत शानदार माध्यम हो सकती है। मुझे विश्वास है आपमें से भी अनेकों नौजवान राजनीति में भी भागीदारी के लिए आगे आएंगे।"

उन्होंने कहा, "आज आपसे बात करते हुए मैं विकसित भारत की एक तस्वीर भी देख रहा हूं। विकसित भारत में हम क्या देखना चाहते हैं? कैसा भारत देखना चाहते हैं? विकसित भारत यानी जो आर्थिक, सामरिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त होगा। जहां अर्थव्यवस्था भी बुलंद होगी और पारिस्थितिकीय तंत्र भी समृद्ध होगी।

जहां अच्छी कमाई और अच्छी पढ़ाई करने के ज्यादा से ज्यादा अवसर होंगे... क्या हम केवल बोलने से ही विकसित हो जाएंगे?...जब हमारे हर फैसले की कसौटी एक ही होगी, विकसित भारत। जब हमारे हर कदम की दिशा एक ही होगी, विकसित भारत... तो दुनिया की कोई भी शक्ति हमें विकसित होने से नहीं रोक पाएगी...बहुत पहले लाल किले से मेरे दिल की एक आवाज निकली थी। मैंने कहा था, 'यही समय है-सही समय है'।"

बजट 2025 में हो सकती है कस्टम ड्यूटी के लिए माफी स्कीम की घोषणा, इस कारण बढ़ी उम्मीद

डेस्क: इस बार आम बजट में कई बड़े फैसले होने की उम्मीद है। इसकी वजह अर्थव्यवस्था की धीमी पड़ी रफ्तार को तेज करने के साथ प्राइवेट सेक्टर को बूस्ट कर मार्केट में नौकरी बढ़ाने की कवायद होगी। आपको बता दें कि 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी। प्राइस वॉटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के अनुसार, मुकदमेबाजी को कम करने के प्रयासों के तहत वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी आम बजट में कारोबारी सुगमता के उद्देश्य से कस्टम ड्यूटी के लिए माफी योजना की घोषणा कर सकती हैं। सरकार ने पहले भी एक्साइज ड्यूटी, सर्विस टैक्स और इनकम टैक्स के लिए माफी योजनाओं की घोषणा की थी, लेकिन सीमा शुल्क के लिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाया था। अनुमान है कि अकेले सीमा शुल्क से संबंधित 40,000 से अधिक मामले विभिन्न न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में लंबित हैं।

एक अन्य परामर्श कंपनी ईवाई इंडिया ने कहा कि कस्टम ड्यूटी से संबंधित मुकदमे विभिन्न मंचों पर लंबे समय से लंबित हैं और इन्हें सुलझाने के लिए करदाता और सरकार दोनों को काफी समय और प्रयास खर्च करने की आवश्यकता है। ईवाई इंडिया ने यह भी सुझाव दिया कि लंबित विवादों के निपटारे और समाधान के लिए सीमा कस्टम ड्यूटी के तहत एकमुश्त विवाद/मुकदमेबाजी समाधान/निपटान योजना शुरू की जानी चाहिए। डेलॉयट इंडिया के साझेदार महेश जयसिंह के अनुसार, सरकार को विवादों को सुलझाने के लिए लंबे समय से चल रहे मुकदमेबाजी को समाप्त करना चाहिए, न्यायिक प्रक्रिया के बोझ को कम करना चाहिए तथा तकनीकी प्रगति और अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम चलन के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए कानून को उन्नत करना चाहिए।

जयसिंह ने कहा कि सबका विश्वास की तर्ज पर माफी योजना एक स्वागतयोग्य कदम होगा। उद्योग वर्षों से कस्टम ड्यूटी के तहत लंबित मुकदमेबाजी के मामलों को हल करने के लिए ऐसी योजना का इंतजार कर रहा है। इससे विशेष रूप से छोटे व्यवसायों को पिछले विवादों से बचने और एक साफ सुथरी छवि के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

सहगल ने कहा कि सीमा शुल्क पर उद्योग की एक और महत्वपूर्ण इच्छा ‘मेक इन इंडिया’ पहल का समर्थन करने के लिए दरों को तर्कसंगत बनाने की होगी। उन्होंने कहा, आपके पास कई क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम आ रहे हैं। इसलिए दरों को तर्कसंगत बनाने से भारत में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।” इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उद्योग छूट की समीक्षा की उम्मीद कर रहा है।