महाकुंभ 2025: रुद्राक्ष बाबा की अनोखी साधना, शरीर पर धारण किए सवा लाख रुद्राक्ष, कहा- मिलती है अपार शांति
डेस्क: महाकुंभ में नागा साधुओं की एंट्री हो चुकी है। नागा जब 14 जनवरी को पहला अमृत स्नान करेंगे, उसके बाद महाकुंभ की औपचारिक शुरुआत हो जाएगी। महाकुंभ में नागा ही सबसे बड़ी पहेली हैं। इनकी साधना को लेकर बहुत से रहस्य हैं। इनके शाप को लेकर बहुत भय भी बना रहता है। इनके खानपान, सिद्धियों और तमाम बातों को लेकर खूब बातें होती हैं।
इस महाकुंभ में रुद्राक्ष बाबा खूब चर्चा में हैं। रुद्राक्ष बाबा लगातार फिर से अपने कंधे तक सवा लाख रुद्राक्ष धारण किए हुए हैं। यह नागा बाबा जूना अखाड़ा से हैं और इनका कहना है कि ये भगवान शिव के आराधक हैं और भगवान शिव के आंसुओं को अपने शरीर पर धारण किए हुए हैं। इससे काफी ज्यादा शांति मिलती है। इसके अलावा रुद्राक्ष बाबा का यह भी कहना है कि पहले जितने भी कुंभ में वह शामिल हुए हैं, उन कुंभ से बहुत ज्यादा अच्छी व्यवस्था इस बार के महाकुंभ में है।
महाकुंभ का क्रेज विदेशियों में भी दिखाई दे रहा है और वह बड़ी संख्या में यहां पर पहुंच रहे हैं। स्पेन के एक शख्स ने बताया कि वह महाकुंभ की शुरुआत का बेसब्री से इंतजार कर रहा है। 14 जनवरी को जब पहला अमृत स्नान होगा तो वह देखने लायक होगा। यहां का माहौल दिव्य लग रहा है और आध्यात्मिकता नजर आ रही है। इसके अलावा भी कई विदेशी महाकुंभ में पहुंचे हैं। अर्जेंटीना से महाकुंभ में 90 विदेशी पुरुष और महिला महाकुंभ में पहुंचे हैं जो 14 जनवरी को संगम में डुबकी लगाएंगे
गौरतलब है कि हिंदू धर्म में महाकुंभ का विशेष महत्व है। प्रयागराज में संगम किनारे महाकुंभ मेले का आयोजन हो रहा है। इस मेले में शामिल होने के लिए देश-दुनिया से लोग आ रहे हैं। महाकुंभ मेले में कई महान साधु-संतों का जमावड़ा लगता है, जिसे देखने के लिए लोगों के अंदर एक अलग ही उत्सुकता रहती है। महाकुंभ का आयोजन 12 साल बाद होता है।
Jan 12 2025, 10:44