इंदौर में लव जिहाद का बड़ा खुलासा: सोहेल ने सोनू बनकर 100 से ज्यादा लड़कियों को फंसाया

इंदौर:- हिंदू संगठन के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार दोपहर सोहेल खान नामक युवक को पकड़ा।मूलत: मनावर निवासी सोहेल पर लव जिहाद का आरोप लगाया है। सोहेल के फोन में हिंदू युवतियों से चैटिंग मिली है।आरोपित सस्ते दामों पर मोबाइल और एसेसरीज देने का प्रलोभन देता था।

असली नाम जान चौंक गई लड़की

पदाधिकारियों के मुताबिक सोहेल मारवाड़ी को खंडवा रोड़ स्थित एक कैफे से पकड़ा गया है। वह कॉलेज छात्रा के साथ आया था। युवती से पूछने पर कहा सोहेल ने उसे सोनू मारवाड़ी नाम बताया था। वास्तविकता बताने पर युवती भी चौक गई। मौके पर समाजजन को बुलाया और युवती को समझाइस दी।

फोन में 100 लड़कियों के नंबर, देता था झांसा

सोहेल का फोन चेक करने पर करीब 100 युवतियों के नंबर मिलें, जिसमें ज्यादातर कॉलेज छात्राएं थी। आरोपित उनसे चैटिंग करता था। सोनू नाम बताकर उन्हें फोन और एसेसरीज दिलवाने का झांसा देता था। पुलिस ने युवती से बात की लेकिन उसने रिपोर्ट करने से मना कर दिया। पुलिस सोहेल के विरुद्ध प्रतिबंधात्मक कार्रवाई कर रही है।

देश की धीमी ग्रोथ रेट पर सरकार गंभीर, रोजगार बढ़ाने के उपायों पर बजट में हो सकती है नई घोषणा


नई दिल्ली:- चालू वित्त वर्ष 2024-25 में धीमी विकास के अनुमान को देखते हुए आगामी वित्त वर्ष 2025-26 में रोजगार और खपत बढ़ाना सरकार की प्रमुखता होगी। रोजगार बढ़ाने के लिए सरकार मैन्यूफैक्चरिंग को और प्रोत्साहित करने के उपायों की घोषणा कर सकती है। 

वहीं खपत बढ़ाने के उद्देश्य से मनरेगा के तर्ज पर शहरी इलाकों के लिए किसी स्कीम की घोषणा हो सकती है।सरकार ने चालू वित्त वर्ष में विकास दर मात्र 6.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है जो चार साल में सबसे कम विकास दर होगी। पिछले तीन सालों से विकास की औसत दर आठ प्रतिशत रही है। जानकार चालू वित्त वर्ष में विकास दर कम रहने के लिए मुख्य रूप से पूंजीगत खर्च में कमी के साथ मैन्यूफैक्चरिंग के कमजोर प्रदर्शन को जिम्मेदार बता रहे हैं।

चार साल में इस वित्त वर्ष में सबसे कम रहा पूंजीगत खर्च

पिछले चार सालों के दौरान चालू वित्त वर्ष में केंद्र व राज्य दोनों का सबसे कम पूंजीगत खर्च रहा है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 17 बड़े राज्यों में सिर्फ पांच राज्यों ने पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में पूंजीगत व्यय के मद में अधिक खर्च किए हैं। चालू वित्त वर्ष के लिए बजट में पूंजीगत खर्च के मद में 11.11 लाख करोड़ का आवंटन किया गया था और नवंबर तक आवंटित राशि का 60 प्रतिशत भी खर्च नहीं हो सका है।

आगामी बजट में कौनसी स्कीम की हो सकती है घोषणा?

बैंक आफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सब्नविस के मुताबिक आगामी बजट में पूंजीगत खर्च के मद में आवंटन चालू वित्त वर्ष के आसपास ही रहेगा। लेकिन मैन्यूफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करने के लिए जिन रोजगारपरक सेक्टर को प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम में शामिल नहीं किया गया है, उन्हें आगामी बजट में पीएलआई स्कीम में शामिल करने की घोषणा हो सकती है।

मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए सरकार करेगी ये उपाय

जानकारों का कहना है कि मैन्यूफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए बजट में निर्यात पर विशेष फोकस किया जा सकता है। खासकर मौजूदा हालात में जिन सेक्टर में अमेरिका में निर्यात बढ़ाने की संभावना है, उन्हें भी प्रोत्साहित किया जा सकता है। इनमें लेदर उत्पाद, अपैरल, केमिकल्स जैसे कुछ सेक्टर शामिल हैं।जैविक उत्पाद के 147 अरब डॉलर के निर्यात बाजार में भारत की हिस्सेदारी तीन प्रतिशत से भी कम है। जैविक उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करने के लिए भी सरकार बजट में किसानों के लिए स्कीम ला सकती है।

सर्विस सेक्टर करेगा उम्दा प्रदर्शन

औद्योगिक संगठनों का कहना है कि शहरी इलाके में खपत की रफ्तार धीमी हो गई है। शहरी इलाके के खपत में बढ़ोतरी के लिए सरकार मनरेगा के तर्ज पर स्कीम की घोषणा कर सकती है। चालू वित्त वर्ष में 7.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ सबसे उम्दा प्रदर्शन सर्विस सेक्टर के रहने का अनुमान है जबकि गत वित्त वर्ष 2023-24 में सर्विस सेक्टर की बढ़ोतरी दर 7.6 प्रतिशत थी।

केंद्रीय कर्मचारियों को बड़ा तोहफा! महंगाई भत्ता 56 फीसदी तक पहुंच सकता है


नई दिल्ली:- साल 2025 की शुरुआत के साथ ही केंद्रीय कर्मचारियों के लिए एक और बड़ी खुशखबरी आ सकती है. महंगाई भत्ते (DA) में बढ़ोतरी की संभावना है. AICPI इंडेक्स के अक्टूबर 2024 तक के आंकड़े सामने आ गए हैं और इनके आधार पर DA 56 फीसदी तक पहुंच सकता है. मतलब कुल मिलाकर इसमें 3 फीसदी का उछाल देखने को मिल सकता है. हालांकि, नवंबर और दिसंबर 2024 के आंकड़ों का इंतजार है, लेकिन नया महंगाई भत्ता 1 जनवरी 2025 से लागू होने की उम्मीद है।

कैसे तय होता है DA?

महंगाई भत्ता AICPI (ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स) के आधार पर तय होता है. यह इंडेक्स हर महीने जारी होता है और 6 महीने (जुलाई-दिसंबर) के औसत के आधार पर महंगाई भत्ते में बढ़ोतरी की जाती है.

सितंबर 2024- 143.3 अंक

अक्टूबर 2024- 144.5 अंक

इन आंकड़ों के मुताबिक DA 55 फीसदी को पार कर गया है. नवंबर और दिसंबर के आंकड़े अभी आने बाकी हैं. नवंबर के आंकड़े 31 दिसंबर तक जारी हो जाने चाहिए थे, लेकिन इसमें देरी हो गई. अब दिसंबर के आंकड़े 31 जनवरी तक आएंगे. उम्मीद है कि नवंबर और दिसंबर के आंकड़े एक साथ जारी किए जा सकते हैं.

56 फीसदी DA का वेतन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

महंगाई भत्ते में हर 1 फीसदी की बढ़ोतरी का कर्मचारियों के मासिक वेतन पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है.

मूल वेतन- 18,000 रुपये

53 फीसदी DA- 9,540 रुपये

56 फीसदी DA- 10,080 रुपये

लाभ- 540 रुपये प्रति माह

इसरो को मिला नया प्रमुख: डॉ. वी. नारायणन 14 जनवरी को संभालेंगे कमान


नई दिल्ली:- रॉकेट वैज्ञानिक वी नारायणन को मंगलवार को अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया गया. वह एस सोमनाथ का स्थान लेंगे सोमनाथ का कार्यकाल अगले सप्ताह पूरा होगा. इस संबंध में एक आधिकारिक आदेश जारी कर दिया गया है.

डॉ. नारायणन को अगले अक्ष्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है. वह 14 जनवरी को पदभार संभालेंगे. डॉ. नारायणन वर्तमान में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर के निदेशक हैं. डॉ. नारायणन इसरो के बड़े वैज्ञानिक हैं. 

इसरो के साथ उनका लंबा करियर रहा है. उन्होंने करीब 4 दशकों तक इसरो में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को संभाला है. रॉकेट और अंतरिक्ष यान के क्षेत्र में उन्हें महारथ हासिल है. वह दो साल की अवधि के लिए या अगले आदेश तक इस पद पर रहेंगे.

बता दें कि अंतरिक्ष विभाग के सचिव भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष का प्रभार भी संभालते हैं. सोमनाथ ने 14 जनवरी, 2022 को तीन साल के कार्यकाल के लिए अंतरिक्ष विभाग के सचिव का पदभार संभाला था.

डॉ. नारायणन जीएसएलवी एमके 3 (GSLV Mk III) यान के सी-25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के परियोजना निदेशक थे. उनके नेतृत्व में, टीम ने जीएसएलवी एमके 3 के एक महत्वपूर्ण घटक सी-25 स्टेज को सफलतापूर्वक विकसित किया. नारायणन रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन विशेषज्ञ हैं. 

वह 1984 में इसरो में शामिल हुए और केंद्र के निदेशक बनने से पहले विभिन्न पदों पर कार्य किया.

शुरुआती चरण के दौरान साढ़े चार साल तक उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में साउंडिंग रॉकेट और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (एएसएलवी) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया. 

1989 में उन्होंने आईआईटी-खड़गपुर में प्रथम रैंक के साथ क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में एम.टेक पूरा किया और लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (एलपीएससी) में क्रायोजेनिक प्रोपल्शन क्षेत्र में शामिल हो गए।

आतिशी ने रमेश बिधूड़ी पर साधा निशाना, प्रेस कॉन्फ्रेंस में रो पड़ीं


नई दिल्ली: दिल्ली की राजनीति में सोमवार को एक भावुक पल देखने को मिला जब मुख्यमंत्री आतिशी भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के विवादित बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में रो पड़ीं. 

भाजपा द्वारा कालकाजी सीट से प्रत्याशी बनाए गए रमेश बिधूड़ी ने रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक कार्यक्रम में आतिशी और उनके परिवार को लेकर विवादित टिप्पणी की थी.

बिधूड़ी ने अपने बयान में कहा था कि आतिशी ने अपना बाप बदल लिया है. वे मार्लेना से सिंह बन गई हैं. इस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए आतिशी ने कहा कि मेरे पिता एक बुजुर्ग व्यक्ति हैं, जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी समाज के युवाओं को शिक्षित करने में लगा दी, लेकिन रमेश बिधूड़ी जैसे लोग चुनाव जीतने के लिए इस स्तर तक गिर जाएंगे, यह मैंने कभी नहीं सोचा था.

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आतिशी अपने आंसू रोक नहीं पाईं. उन्होंने कहा कि हमारे पिता जी ने हमेशा ईमानदारी और मेहनत से काम किया है. आज उन्हें गालियां दी जा रही हैं. यह मेरे और मेरे परिवार के लिए बेहद अपमानजनक है. क्या राजनीति इतनी गिर सकती है कि बुजुर्गों को गाली देकर वोट मांगा जाए? उन्होंने रमेश बिधूड़ी को चुनौती देते हुए कहा कि चुनाव में मुद्दों पर बात करें. कालकाजी के लोगों को बताएं कि आपने पिछले 10 सालों में उनके लिए क्या किया. अगर मैंने 100 सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं, तो आप बताएं कि आपने 1000 कैमरे लगवाए, लेकिन मेरे पिता पर इस तरह के घटिया बयान देकर आप क्या साबित करना चाहते हैं?

आम आदमी पार्टी का भाजपा पर हमला

वहीं, आम आदमी पार्टी ने रमेश बिधूड़ी के बयान को भाजपा की "स्तरहीन राजनीति" का उदाहरण बताया. पार्टी के नेताओं ने कहा कि यह बयान दिखाता है कि भाजपा के पास दिल्ली के विकास पर बोलने के लिए कुछ नहीं है. इसलिए वे व्यक्तिगत हमलों पर उतर आए हैं.

आतिशी और प्रियंका पर बयान देने से किया इंकार: वहीं, मुख्यमंत्री आतिशी और प्रियंका गांधी पर दिए विवादित बयान पर उन्होंने कहा कि जो बीत गया वो बात गई, उस पर अब मुझे कुछ नहीं कहना है नो कमेंट. एक रिपोर्ट का हवाला देखकर इस दौरान उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर कहा कि तय सीमा से उन्होंने 33 करोड रुपये अधिक पैसा अपने शीश महल में खर्च किया.

शीश महल पर 33 करोड़ अधिक खर्च का जिक्र: रमेश बिधूड़ी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि जब चुनाव आएगा तो इस तरीके की बात विपक्षी दल करते हैं और कर भी रहे हैं. कैग रिपोर्ट पर उन्होंने कहा कि जो आदमी कहता था घर नहीं लूंगा, बांग्ला नहीं लूंगा, उसने 33 करोड़ अधिक पैसा अपने शीश महल में खर्च किया है और यह बात कैग रिपोर्ट में सामने आई है. इस बार चुनाव में जनता इनका हिसाब करेगी।

दिल्ली के संगम विहार में फायरिंग, पुरानी रंजिश में युवक को मारी गोली, दो गिरफ्तार


नई दिल्ली:- दिल्ली के संगम विहार इलाके में रात एक युवक को गोली मार दी गई. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. बताया जा रहा है कि यह घटना पुरानी रंजिश का नतीजा है. पुलिस के मुताबिक, घायल युवक नासिर खान को गर्दन में गोली लगी है और उसकी हालत गंभीर है. उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया. 

घटना के संबंध में पुलिस ने बताया कि नासिर के पिता ने आरोप लगाया है कि लगभग 5-6 लोगों ने मिलकर उनके बेटे पर हमला किया और उसे गोली मार दी. पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों राहुल और सोहेल को गिरफ्तार कर लिया है. दोनों आरोपियों पर पहले भी कई मामले दर्ज हैं.

जानकारी के मुताबिक, जब दोनों आरोपी गोली मारकर फरार हो रहे थे तो स्थानीय लोगों ने पकड़कर उनकी जमकर पिटाई कर दी. इसके बाद उन्हें भी नजदीकी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. 

पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में पता चला कि दोनों आरोपियों और पीड़ित के बीच पुरानी रंजिश चल रही थी. इसी रंजिश के चलते आरोपियों ने नासिर पर हमला किया. पुलिस ने इस मामले में केस दर्ज कर लिया है और आगे की जांच जारी है.

आरोपियों की पूर्व अपराधिक गतिविधियां: दोनों आरोपियों पर पहले भी हत्या के प्रयास, हथियार रखने और मारपीट जैसे कई मामले दर्ज हैं. यह घटना एक बार फिर दिल्ली में बढ़ती हुई हिंसा की ओर इशारा करती है. 

पुलिस ने इस मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, घायल के परिजन ने कहा है कि यह जरूरी है कि पुलिस इस मामले की गहराई से जांच करे और दोषियों को कड़ी सजा दिलाए.

संगम विहार घटना पर अरविंद केजरीवाल ने गृह मंत्री को घेरासंगम विहार में हुई इस घटना के बाद अरविंद केजरीवाल ने भी X पर पोस्ट करते हुए अमित शाह को घेरा:

अमित शाह जी कृपया इसे रोकिए आप लोगों ने दिल्ली का क्या हाल कर दिया है कुछ तो कीजिए? प्रधानमंत्री जी अगर अमित शाह जी से नहीं हो पा रहा तो कोई काबिल गृहमंत्री दीजिए जो दिल्ली वालों को सुरक्षा दे सके।

आज का इतिहास: 2014 में आज ही के दिन कक्षा में स्थापित किया गया था भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-14


नयी दिल्ली : 5 जनवरी का इतिहास महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि 2014 में आज ही के दिन भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-14 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया था। 1850 में 5 जनवरी के दिन ही कैलिफोर्निया स्टॉक एक्सचेंज की शुरूआत हुई थी। 

2014 में आज ही के दिन भारतीय संचार उपग्रह जीसैट-14 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित किया गया था।

2009 में 5 जनवरी के दिन ही नेशनल कांफेंस के अध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर के ये मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।

2008 में आज ही के दिन यूरोपीय संघ (ईयू) ने पाकिस्तान में चुनाव पर्यवेक्षण अभियान पूर्णरूप से शुरू किया था।

2007 में 5 जनवरी के दिन ही तंजानिया की विदेश मंत्री आशा रोज मिगरो संयुक्त राष्ट्र की उपमहासचिव नियुक्त हुई थीं।

2006 में आज ही के दिन भारत और नेपाल ने पारगमन संधि की अवधि को 3 महीने के लिए बढ़ाया था।

2000 में 5 जनवरी के दिन ही अंतर्राष्ट्रीय फ़ुटबाल एवं सांख्यिकी महासंघ ने ‘पेले’ को शताब्दी का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया था।

1972 में आज ही के दिन बांग्लादेश के नेता शेख मुजीबुर रहमान को नजरबंद से आज़ाद कर दिया गया था।

1971 में 5 जनवरी के दिन ही पहला एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मेलबर्न में खेला गया था।

1970 में आज ही के दिन भारत में केन्द्रीय बिक्री कर अधिनियम अस्तित्व में आया था।

1952 में 5 जनवरी के दिन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री विंस्टन चर्चिल निर्वाचित होने के बाद अमेरिका के पहले आधिकारिक दौरे पर अमेरिका पहुंचे थे।

1914 में आज ही के दिन फोर्ड कंपनी के मालिक हेनरी फोर्ड ने अपनी कंपनी के कर्मचारियों का एक दिन का न्यूनतम वेतन तय किया था।

1905 में 5 जनवरी के दिन ही चार्ल्स पेरीन ने बृहस्पति ग्रह के सातवें उपग्रह इलारा के खोज की घोषणा की थी।

1900 में आज ही के दिन आयरलैंड के राष्ट्रवादी नेता जाॅन एडवर्ड रेडमोंड ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ विद्रोह किया था।

1850 में 5 जनवरी के दिन ही कैलिफोर्निया स्टॉक एक्सचेंज की शुरूआत हुई थी।

5 जनवरी को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति

1880 में 5 जनवरी के दिन ही भारत के प्रसिद्ध स्वतंत्रता सेनानी तथा पत्रकार बारीन्द्र कुमार घोष का जन्‍म हुआ था।

1934 में 5 जनवरी के दिन ही भारतीय जनता पार्टी के नेता मुरली मनोहर जोशी का जन्‍म हुआ था।

1941 में आज ही के दिन भारतीय खिलाड़ी मंसूर अली ख़ान पटौदी का जन्‍म हुआ था।

1955 में 5 जनवरी के दिन ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का जन्‍म हुआ था।

1986 में आज ही के दिन भारतीय अभिनेत्री दीपिका पादुकोण का जन्‍म हुआ था।

1967 में 5 जनवरी के दिन ही कवि, साहित्यकार अशोक कुमार शुक्ला का जन्‍म हुआ था।

1938 में आज ही के दिन स्पेन के राष्ट्रपति थे जॉन कार्लोस प्रथम का जन्‍म हुआ था।

1893 में आज ही के दिन भारतीय गुरु परमहंस योगानन्द जी का जन्‍म हुआ था।

5 जनवरी को हुए निधन

1890 में 5 जनवरी के दिन ही अधिवक्ता ज्ञानेन्द्र मोहन टैगोर का निधन हुआ था।

1952 में आज ही के दिन ब्रिटिश राजनेता लॉर्ड लिनलिथगो का निधन हुआ था।

1982 में 5 जनवरी के दिन ही हिन्दी फ़िल्म संगीतकार, गायक और निर्माता-निर्देशक सी. रामचन्द्र का निधन हुआ था।

1990 में आज ही के दिन भारतीय फ़िल्म निर्देशक तथा निर्माता रमेश बहल का निधन हुआ था।

तमिलनाडु: पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, 6 की मौत; रेस्क्यू ऑपरेशन जारी


चेन्नई : तमिलनाडु में विरुधुनगर जिले के सत्तूर इलाके से एक हादसे की खबर सामने आई है। विरुधुनगर में एक पटाखा बनाने वाली फैक्ट्री में विस्फोट हो गया। अग्निशमन एवं बचाव विभाग के अधिकारी ने इसकी जानकारी दी है। 

मिली जानकारी के मुताबिक फैक्ट्री से अब तक 6 शव बरामद हो चुके हैं। फिलहाल आगे की जांच जारी है और बचाव दल रेस्क्यू ऑपरेशन में लगा हुआ है।

मां दुर्गा के 9 शक्तिपीथ: जानें पौराणिक कथा और महत्व

नयी दिल्ली : मां दुर्गा की पूजा के लिए नवरात्रि के नौ दिन शुभ माने जाते हैं। इस दौरान मां शैलपुत्री से लेकर सिद्धिदात्री माता तक की पूजा की जाती है। दुर्गा नवमी के दिन हवन और विसर्जन के साथ समापन होता है।

देवी भागवत पुराण के अनुसार मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठ हैं। नवरात्रि के दौरान भारत में स्थापित शक्तिपीठों पर माता के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है। आइए जानते हैं मां दुर्गा के 9 शक्तिपीठों और उनसे जुड़ी पौराणिक कथा के बारे में।

शक्तिपीठ से जुड़ी कथा

माता शक्तिपीठ से जुड़ी कथा पुराणों में भी वर्णित है। पौराणिक कथा के अनुसार दक्ष प्रजापति की पुत्री सती के मृत शरीर को लेकर भगवान शिव ने पृथ्वी पर तांडव करना शुरू कर दिया। तब भगवान विष्णु ने शिवजी का क्रोध शांत करने के लिए सती के मृत शरीर को सुदर्शन चक्र से टुकड़े-टुकड़े कर दिया। इस क्रम में सती के शरीर के अंग और आभूषण जहां-जहां गिरे, वे स्थान शक्तिपीठ कहलाये।

माँ दुर्गा के प्रमुख 9 शक्तिपीठ

1. कालीघाट मंदिर कोलकाता - चार उंगलियाँ गिरीं

2. कोलापुर महालक्ष्मी मंदिर- त्रिनेत्र गिरा

3. अम्बाजी का मंदिर गुजरात- हृदय गिरा

4. नैना देवी मंदिर - नजरों का गिरना

5. कामाख्या देवी मंदिर- यहां गुप्तांग गिरा था

6. हरसिद्धि माता मंदिर उज्जैन यहां बायां हाथ और होंठ गिरे थे

7. ज्वाला देवी मंदिर सती की जीभ गिरी थी

8. कालीघाट में माता के बाएं पैर की अंगुली गिरी थी।

9. वाराणसी- उत्तर प्रदेश के काशी में मणिकर्णिक घाट पर विशालाक्षी की माता की मनके बाली गिरी थी।

राजस्थान में दुर्गा मां के 9 मंदिरों के दर्शन करा रहा है । शक्तिपीठों से लेकर अग्नि स्नान करने वाली देवी और चूहों की मां तक।

1. त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ मंदिर, बांसवाड़ा

दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल जिले बांसवाड़ा में 52 शक्तिपीठों में से एक सिद्ध माता श्री त्रिपुर सुंदरी का शक्तिपीठ मंदिर है। मान्यता है कि मंदिर में मांगी गई मन्नतें देवी पूरी करती हैं, यही कारण है कि आम लोगों से लेकर नेता तक मां के दरबार में पहुंचते हैं और हाजिरी लगाते हैं.

बांसवाड़ा जिले से 18 किमी दूर तलवाड़ा गांव में अरावली पर्वत श्रृंखलाओं के मध्य माता त्रिपुरा सुंदरी का भव्य मंदिर है। 

मुख्य मंदिर के दरवाजे चांदी के बने हैं। मां भगवती त्रिपुर सुंदरी की मूर्ति अष्टादश यानी 18 भुजाओं वाली है। मूर्ति में देवी दुर्गा के 9 रूपों की प्रतिकृतियां हैं। मां सिंह, मयूर और कमल आसन पर बैठे हैं। नवरात्रि के दौरान त्रिपुर सुंदरी मंदिर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है, जिससे मेले जैसा माहौल बन जाता है।

यहां तक ​​कि पीएम, सीएम भी शामिल होते हैं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी, पूर्व राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व सीएम हरिदेव जोशी, सीएम अशोक गहलोत, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे समेत कई अन्य नेता, सांसद, विधायक, मंत्री ने मंदिर में दर्शन किये. माता हैं बांसवाड़ा में चुनावी रैलियों की शुरुआत नेताओं द्वारा माता के मंदिर में दर्शन करने के बाद की जाती है.

गुजरात, मालवा और मारवाड़ के शासक त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ के उपासक थे

इस मंदिर के उत्तरी भाग में सम्राट कनिष्क के समय का एक शिवलिंग है। ऐसा माना जाता है कि यह स्थान कनिष्क-पूर्व काल से ही प्रसिद्ध रहा होगा। वहीं, कुछ विद्वान यहां देवी मां के शक्तिपीठ का अस्तित्व तीसरी शताब्दी से पहले का मानते हैं। उनका कहना है कि पहले यहां 'गढ़पोली' नामक ऐतिहासिक नगर था।

'गढ़पोली' का अर्थ है-दुर्गापुर. ऐसा माना जाता है कि गुजरात, मालवा और मारवाड़ के शासक त्रिपुर सुंदरी के उपासक थे।

चैत्र नवरात्रि 2023 राजस्थान प्रसिद्ध माता मंदिर त्रिपुर सुंदरी शक्तिपीठ

2. कैला देवी मंदिर, शक्तिपीठ, करौली

करौली जिले में कैला देवी मंदिर सौ साल पुराना मंदिर है। इस प्राचीन मंदिर में चांदी की चौकी पर सुनहरे छतरियों के नीचे दो मूर्तियाँ हैं। एक बाईं ओर है, उसका मुंह थोड़ा टेढ़ा है, यानी कैला मैया है, दूसरी दाईं ओर माता चामुंडा देवी की छवि है। कैला देवी की आठ भुजाएं हैं। यह मंदिर उत्तर भारत के प्रमुख शक्तिपीठ के रूप में प्रसिद्ध है। इस मंदिर से जुड़ी कई कहानियां यहां प्रचलित हैं।

मान्यता है कि कंस भगवान कृष्ण के पिता वासुदेव और देवकी को कैद करके जिस पुत्री योगमाया को मारना चाहता था, वह योगमाया कैला देवी के रूप में इस मंदिर में विराजमान है। मंदिर के पास स्थित कालीसिल नदी को चमत्कारी नदी भी कहा जाता है। कैला देवी मंदिर करौली जिले से 30 किमी और हिंडौन रेलवे स्टेशन से 56 किमी दूर है। नवरात्रि के दौरान यहां दूर-दूर से श्रद्धालु माता के मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं।

3. श्री करणी माता मंदिर, देशनोक, बीकानेर

पश्चिमी राजस्थान में बीकानेर के देशनोक में करणी माता का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में बड़ी संख्या में चूहे रहते हैं इसलिए इसे चूहे वाली माता का मंदिर या चूहे वाला मंदिर भी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इनमें से कुछ चूहे सफेद भी होते हैं। मंदिर में सफेद चूहों का दिखना बहुत शुभ माना जाता है। इसे देवी का चमत्कार ही माना जाता है कि इतने सारे चूहों की मौजूदगी के बावजूद आज तक यहां कोई बीमारी नहीं फैली है। नवरात्रि पर यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन और मनोकामना लेकर पहुंचते हैं। 

देशनोक करणी माता मंदिर संभवत: देश का एकमात्र मंदिर है जहां लगभग 20 हजार चूहे भी रहते हैं। सफेद चूहों को मां करणी का वाहक माना जाता है।

माँ करणी बीकानेर राजघराने की कुल देवी हैं

करणी माता बीकानेर राजघराने की देवी हैं। करणी माता के वर्तमान मंदिर का निर्माण बीकानेर रियासत के महाराजा गंगा सिंह ने करवाया था। चूहों के अलावा इस मंदिर के मुख्य आकर्षण हैं संगमरमर के मुख्य द्वार पर किया गया उत्कृष्ट काम, मुख्य द्वार पर बना बड़ा चांदी का दरवाजा, मां का स्वर्ण छत्र और चूहों के प्रसाद के लिए रखा गया चांदी का विशाल परात। भक्तों का मानना ​​है कि करणी देवी मां जगदंबा का अवतार थीं।

जिस स्थान पर यह भव्य मंदिर स्थित है, लगभग 650 वर्ष पूर्व माता ने एक गुफा में रहकर अपने आराध्य की आराधना की थी। यह गुफा आज भी मंदिर परिसर में स्थित है। जब माता की मृत्यु हो गई तो उनकी इच्छा के अनुसार उनकी मूर्ति इस गुफा में स्थापित की गई। 

कहा जाता है कि बीकानेर और जोधपुर राज्य की स्थापना मां करणी के आशीर्वाद से हुई थी। यह प्रसिद्ध मंदिर बीकानेर रेलवे स्टेशन से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। यहां सड़क और रेल मार्ग द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता है।

4. श्री शिला माता मंदिर, आमेर

जयपुर के राजपरिवार के कछवाहा वंश की आराध्य देवी शिला माता आजादी के बाद जयपुरवासियों की प्रमुख शक्तिपीठ है। इस मंदिर की महिमा बहुत है और इसे चमत्कारी भी कहा जाता है। यह तंत्र साधकों और साधकों के बीच भी प्रसिद्ध है। जयपुर की स्थापना से पहले यहां आमेर रियासत थी, जहां के प्रतापी शासक राजा मानसिंह प्रथम ने शिला माता के आशीर्वाद से मुगल शासक अकबर के प्रधान सेनापति के रूप में 80 से अधिक युद्ध जीते थे। 

आजादी से पहले आमेर महल परिसर में स्थित शिला माता मंदिर के दर्शन केवल राजपरिवार के सदस्य और प्रमुख सामंत ही कर पाते थे, अब प्रतिदिन सैकड़ों श्रद्धालु माता के दर्शन करते हैं।

नवरात्रि में माता के दर्शन के लिए लंबी कतारें लगती हैं और छठ के दिन मेला लगता है। जयपुर के प्राचीन प्रमुख मंदिरों में से एक इस शक्तिपीठ को पंद्रहवीं शताब्दी में आमेर के तत्कालीन शासक राजा मानसिंह प्रथम ने प्रतिस्थापित किया था। मंदिर का मुख्य द्वार चांदी से बना है। इस पर नवदुर्गा शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री अंकित हैं। काली, तारा, षोडशी, भुनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुरा, भैरवी, धूमावती, बगुलामुखी, मातंगी और कमला को दस महाविद्याओं के रूप में दर्शाया गया है। दरवाजे के ऊपर गणेश की लाल पत्थर की मूर्ति है। दरवाजे के सामने चांदी का नग्गर रखा जाता है। प्रवेश द्वार के पास दाहिनी ओर महालक्ष्मी और बायीं ओर महाकाली की नक्काशीदार आकृतियाँ हैं।

शिला के रूप में पाए जाने के कारण इन्हें शिलादेवी कहा गया

धार्मिक मान्यता है कि शिला माता की छवि एक चट्टान के रूप में मिली थी। 1580 ई. में आमेर के शासक राजा मानसिंह बंगाल के जसोर साम्राज्य पर अपनी विजय के बाद इस पत्थर को वहां से आमेर ले आये। यहां प्रमुख कलाकारों द्वारा महिषासुर को माता के रूप में उकेरा गया था। इस बारे में जयपुर में एक कहावत भी बहुत प्रचलित है- सांगानेर को बताओ पिता हनुमान जयपुर को, शिला देवी आमेर की राजा हैं।

5. श्री चामुंडा माता मंदिर, मेहरानगढ़, जोधपुर

जोधपुर में चामुंडा माता मंदिर शाही परिवार की ईष्ट देवी का मंदिर है। यह मेहरानगढ़ किले के दक्षिणी भाग में स्थित है। जोधपुर शहर के संस्थापक राव जोधा ने 1460 में मंडोर की पुरानी राजधानी से अपनी प्रिय देवी चामुंडा की एक मूर्ति खरीदी थी। उन्होंने मेहरानगढ़ किले में चामुंडा देवी की मूर्ति स्थापित की और तभी से चामुंडा यहां की देवी बन गईं। दशहरे के दौरान जोधपुर शहर के बाहर और अंदर के लोगों द्वारा पूजा की जाने वाली यह किला लोगों और भक्तों से भर जाता है।

देवी चामुंडा राजपूतों की प्रमुख देवी हैं

जोधपुर के मेहरानगढ़ किले में स्थित इस मंदिर का निर्माण राव जोधा ने उस समय करवाया था जब वह किले का निर्माण करा रहे थे। जिस पहाड़ी पर उन्होंने यह किला बनाने के लिए चुना, उसे हरमीत भट्ट ने अधिकृत किया था। जब उन्हें वहां से निकाला गया तो उन्होंने राजा को श्राप दिया कि उनके किले में हमेशा पानी की कमी रहेगी. संत ने इस श्राप से बचने और लोगों को इससे बचाने के लिए किले के अंदर चामुंडा माता का मंदिर बनवाया और तब से देवी चामुंडा राजपूतों की प्रमुख देवी रही हैं।

6. श्री जीण माता मंदिर, सीकर

शेखावाटी क्षेत्र के सीकर जिले में स्थित जीण माता मंदिर लोगों के बीच बहुत प्रसिद्ध मंदिर है। नवरात्रि के दौरान यहां बहुत बड़ा मेला लगता है। शेखावाटी क्षेत्र में सीकर-जयपुर मार्ग पर जीणमाता गांव में मां का अति प्राचीन मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र है। यह मंदिर न सिर्फ खूबसूरत जंगल के बीच बना है बल्कि तीन छोटी पहाड़ियों के बीच भी स्थित है। देश के प्राचीन शक्तिपीठों में से एक जैन माता मंदिर दक्षिणमुखी है। मंदिर की दीवारों पर तांत्रिकों की मूर्तियाँ हैं जिससे पता चलता है कि यह तांत्रिकों की साधना का केंद्र रहा होगा। मंदिर के अंदर जैन भगवती की अष्टकोणीय मूर्ति है। पर्वत के नीचे बने मंडप को गुफा कहा जाता है।

मान्यताओं के अनुसार जीण माता का जन्म राजस्थान के चुरू के घांघू गांव के एक शाही परिवार में हुआ था। उन्हें माँ शक्ति का अवतार माना जाता है और उनके बड़े भाई हर्ष को भगवान शिव का अवतार कहा जाता है। कथाओं के अनुसार एक बार दोनों भाई-बहनों के बीच विवाद हो गया और माता इसी स्थान पर आकर तपस्या करने लगीं।

अपनी बहन की हार से चिंतित भाई हर्ष भी उसके पीछे-पीछे यहां पहुंच गया और उसने अपनी बहन को समझाने की पूरी कोशिश की, लेकिन उसे निराशा हाथ लगी. जिसके बाद उन्होंने भी पास के एक स्थान पर तपस्या शुरू कर दी। इस स्थान पर अपरावली की पहाड़ियों के बीच हर्षनाथ का मंदिर है। जब मुगल बादशाह औरंगजेब की सेना ने शेखावाटी के मंदिरों को तोड़ना शुरू किया तो लोगों ने माता जीणमाता से प्रार्थना की।

माँ ने अपने चमत्कार से मधुमक्खियों की एक विशाल सेना औरंगजेब की सेना पर छोड़ दी। ऐसा माना जाता है कि जब औरंगजेब के सैनिक लहूलुहान होकर भाग गए तो औरंगजेब ने माता से माफी मांगी और मंदिर में अखंड दीपक के लिए तेल भेजने का वादा किया। जिसके बाद दीपक के लिए तेल की व्यवस्था दिल्ली और फिर जयपुर से की जाती रही। इस चमत्कार के बाद जिनमाता को भंवरों की देवी कहा जाने लगा।

7. अर्बुदा देवी मंदिर, शक्तिपीठ, माउंट आबू

अर्बुदा देवी मंदिर राजस्थान के माउंट आबू में स्थित है। अर्बुदा देवी मंदिर को अधर देवी शक्तिपीठ के नाम से जाना जाता है। यह मंदिर राजस्थान के माउंट आबू से 3 किमी दूर है। दूर पहाड़ी पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि यहां मन देवी पार्वती के होंठ गिरे थे, इसलिए यहां शक्तिपीठ स्थापित हुआ। यहां मां अर्बुदा देवी को माता कात्यायनी देवी के रूप में पूजा जाता है, क्योंकि अर्बुदा देवी को मां कात्यायनी का ही रूप कहा जाता है। यहां साल भर भक्तों की भीड़ लगी रहती है, लेकिन नवरात्रि के दौरान यहां भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ता है।

देवी और पादुका के दर्शन से मोक्ष की होती है प्राप्ति 

कहा जाता है कि यहां देवी के दर्शन मात्र से ही भक्तों को मोक्ष मिल जाता है। भक्त सैकड़ों मीटर का सफर तय करके और करीब 350 सीढ़ियां चढ़कर यहां मां के दर्शन के लिए आते हैं। यह मंदिर एक प्राकृतिक गुफा में स्थित है। गुफा के अंदर एक दीपक निरंतर जलता रहता है और उसकी रोशनी से भगवती के दर्शन होते हैं। मंदिर की स्थापना साढ़े 5 हजार साल पहले हुई थी। ऐसा माना जाता है कि माता के दर्शन मात्र से ही व्यक्ति को सभी दुखों से मुक्ति मिल जाती है और भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मंदिर में अर्बुदा देवी का चरण पादुका मंदिर भी स्थित है। उन्होंने माता की चरण पादुका के नीचे बासकली नामक राक्षस का वध किया। माँ कात्यायनी के बासकली वध की कथा पुराणों में मिलती है।

8. ईडाणा माता मंदिर, उदयपुर

राजस्थान के गौरवशाली मेवाड़ के सबसे प्रमुख शक्तिपीठों में से एक ईडाणा माता मंदिर में माता प्रसन्न होने पर स्वयं अग्नि स्नान करती हैं। यह मंदिर उदयपुर शहर से 60 किमी दूर कुराबड़-बम्बोरा मार्ग पर विशाल अरावली पहाड़ियों के बीच स्थित है। ईडाणा माता राजपूत समाज, भील ​​आदिवासी समाज सहित पूरे मेवाड़ की आराध्य माता हैं। माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण महाभारत काल में हुआ था। कई रहस्यों को समेटे इस मंदिर में नवरात्रि के दौरान भक्तों की भीड़ उमड़ती है।

मेरी मां रहस्यमय तरीके से खुद को अग्नि से स्नान कराती हैं

ईडाणा माता के अग्नि स्नान को देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं। अग्नि स्नान की एक झलक पाने के लिए भक्त घंटों इंतजार करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस समय भक्तों को देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। प्राचीन काल में यहां के राजा ईडाणा माता को अपनी देवी के रूप में पूजते रहे हैं। यहां दूर-दूर से श्रद्धालु और पर्यटक दर्शन के लिए आते हैं।

9. श्री कृष्णाई अन्नपूर्णा माताजी मंदिर, बारां

यह मंदिर बारां से लगभग 40 किमी दूर रामगढ़ की पहाड़ी पर है। प्रसिद्ध रामगढ़ क्रेटर का बड़ा क्रेटर भी इसके पास ही है, जो कभी उल्कापिंड गिरने से बना था। मंदिर के दर्शन के लिए 900 सीढ़ियाँ चढ़कर जाना होता है, जो घुमावदार हैं। जो जमीनी स्तर से 1000 फीट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी पर स्थित है। 

मान्यता है कि माता स्वयं एक गुफा से प्रकट हुई थीं। यहां मां दुर्गा कन्या रूप में हैं। नवरात्रि में कन्या पूजन या कंजके पूजन का बहुत महत्व माना जाता है। इस मंदिर का निर्माण जयपुर और कोटा रियासत के बीच हुए युद्ध के बाद हुआ था। नवरात्र पर लोग दूर-दूर से मंदिर में दर्शन के लिए आ रहे हैं।

जम्मू-कश्मीर: बांदीपोरा में सेना की गाड़ी खाई में गिरी, 2 जवान शहीद, 4 घायल


नयी दिल्ली : जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में एक बड़ा हादसा हो गया है. यहां सेना की गाड़ी खाई में पलट गई है. इस हादसे में 2 जवान शहीद हो गए हैं जबकि चार जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है. घायल जवानों को श्रीनगर रेफर किया गया है।

जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा में एक बड़ा हादसा हो गया है. यहां सेना की गाड़ी खाई में पलट गई है. इस हादसे में 2 जवान शहीद हो गए हैं जबकि चार जवानों की हालत गंभीर बताई जा रही है. घायल जवानों को श्रीनगर रेफर किया गया है।