महापौर चुनाव : कांग्रेस प्रवक्ता प्रीति शुक्ला ने विधिवत पेश की दावेदारी, टिकट से पहले प्रचार में जुटी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के सभी नगर निगमों में महापौर पद के लिए आरक्षण की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और राजधानी रायपुर में यह पद महिलाओं के लिए आरक्षित की गई है. इसके साथ ही रायपुर महापौर पद के लिए दावेदारों की होड़ बढ़ गई है. इस चुनावी माहौल में कांग्रेस पार्टी में महापौर पद के लिए कई महिला नेता अपनी दावेदारी पेश कर रही हैं, जिनमें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की पत्नियां और लंबे समय से पार्टी में सक्रिय महिला नेता भी शामिल हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ प्रदेश महिला कांग्रेस की महासचिव एवं प्रदेश प्रवक्ता प्रीति उपाध्याय शुक्ला ने भी रायपुर महापौर पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है.

प्रीति शुक्ला ने आज रायपुर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गिरीश दुबे को महापौर पद के लिए आवेदन देकर विधिवत अपनी दावेदारी प्रस्तुत कर दी है. इसके साथ ही प्रीति शुक्ला ने रायपुर नगर निगम क्षेत्र के विभिन्न वार्डों में सघन दौरे भी शुरू कर दिया है. इस दौरे के बीच वह जनता से मिलकर उनका आशीर्वाद ले रहीं हैं.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को विश्व हिन्दी दिवस की दी बधाई

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेश के नागरिकों को 10 जनवरी विश्व हिन्दी दिवस की बधाई दी है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि भाषा केवल संवाद का माध्यम नहीं है, बल्कि यह एक समाज की आत्मा होती है, जो उसकी पहचान और संस्कृति को प्रदर्शित करती है।राष्ट्रभाषा हिन्दी से पूरी दुनिया में हमारी पहचान कायम होती है। यह हमें एकता के सूत्र में पिरोए रखती है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम सबका दायित्व है कि अपनी राष्ट्रभाषा हिन्दी का सम्मान बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करें। बच्चों को राष्ट्रभाषा के गौरव की कहानियां और संस्मरण बताएं और हिन्दी के प्रति रूचि विकसित करें। हिन्दी को राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित-प्रसारित करें, जिससे हिन्दी अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में लोकप्रिय बन सके। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विश्व हिंदी दिवस लोगों को हिन्दी के महत्व के प्रति न सिर्फ जागरूक करता है बल्कि हमारी भाषा और संस्कृति से जुड़ने और उसे सहेजने का विशेष अवसर भी देता है।

पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड: SIT ने साझा की अब तक की जांच रिपोर्ट, आरोपी सुरेश ने हत्या से कुछ दिन पहले बैंक खाते से निकाली थी बड़ी रकम

बीजापुर-  पत्रकार मुकेश चंद्राकर हत्याकांड मामले में एसआईटी ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान यह सामने आया कि मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर ने वारदात से 4-5 दिन पहले अपने भाई रितेश चंद्राकर, सहयोगी महेंद्र रामटेके और दिनेश चंद्राकर के साथ मिलकर मुकेश की हत्या की साजिश रची थी। इसके बाद रितेश और महेंद्र रामटेके ने चट्टानपारा स्थित बाड़े में मुकेश की हत्या की और सेप्टिक टैंक में उसके शव को डालकर छिपा दिया। इस दौरान रितेश और सुरेश के भाई देवेंद्र ने उनकी मदद की थी। फिलहाल इस हत्याकांड के सभी आरोपी 15 दिन की न्यायिक रिमांड पर हैं।

बता दें कि आईपीएस मयंक गुर्जर के नेतृत्व में बनाई गई 11 सदस्यीय एसआईटी टीम इस हत्याकांड की जांच कर रही है। अब तक की जांच में टीम ने अपनी नियमित जांच के अलावा AI और OSINT Tools जैसी आधुनिक तकनीक का उपयोग करते हुए आरोपियों के खिलाफ महत्वपूर्ण साक्ष्य इकट्ठा किए हैं।

SIT की जांच में अब तक हुए ये खुलासे

गुमशुदगी रिपोर्ट और शुरुआती जांच

  • 2 जनवरी 2025 की शाम 8 बजे पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने अपने कुछ साथियों के साथ थाने आकर उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।

 

  • मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक बीजापुर और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने मुकेश की पतासाजी के लिए सायबर सेल और पुलिस अधिकारियों को जांच के निर्देश दिए।

 

  • जांच के दौरान पुलिस को अलग-अलग जगहों पर मुकेश के लोकेशन मिले, जिसपर उन्होंने मौके पर जाकर जांच की लेकिन उन्हें वहां कुछ नहीं मिला।

 

  • इस दौरान मुकेश के भाई युकेश ने G-mail पर अपडेट हुई मुकेश की लास्ट लोकेशन पुलिस से साझा की, जो चटूटानपारा स्थित सुरेश चंद्राकर का बैडमिंटन कोर्ट था।

 

  • पुलिस ने जब मौके पर पहुंचकर जांच की तो वहां 17 लेबर कमरे बने हुए थे, जिन पर ताले लगे थे। पुलिस ने जब ताले खुलवाने के लिए सुरेश से संपर्क किया तो उसने बीजापुर से बाहर होने की बात कही। इसके बाद जब वह वापस आया तब पुलिस ने उसके सामने सभी कमरों को खुलवाकर चेक किया, लेकिन वहां कुछ नहीं मिला। वहीं पास में मौजूद बने नए सेप्टिक टैंक के फ्लोरिंग के बारे में पूछने पर सुरेश ने बाथरूम के रेनोवेशन का कार्य जारी होना बताया। आगे की पूछताछ में सुरेश ने पुलिस को बताया कि बीते 2 साल से उनकी मुकेश से बात नहीं हुई है और इसके अलावा वह कुछ नहीं जानता है। इसके बाद पुलिस ने सभी संदेहियों और मुकेश चंद्राकर की CDR डिटेल निकलवाने के लिए सायबर सेल के माध्यम से प्रतिवेदन भेज दिया।

हत्या की अगली सुबह टोल प्लाजा के CCTV पर नजर आया रितेश

संदेह के आधार पर पुलिस रितेश से पूछताछ करने के लिए उसकी पतासाजी कर रही थी, इस दौरान हाईवे के अलग-अलग स्थानों में लगे टोल प्लाजा के CCTV फुटेज खंगालने पर पुलिस को 2 जनवरी की सुबह करीब 8 बजे कोण्डागांव टोल प्लाजा के CCTV फुटेज में रितेश की गाड़ी नजर आई, जब आगे ट्रैक किया गया तो रायपुर एयरपोर्ट की पार्किंग में शाम के समय रितेश की गाड़ी नजर आई। इसके बाद टीम ने एयरपोर्ट से उस समय की फ्लाईट से आने-जाने वालों की डिटेल ली। जांच में यह बात सामने आई कि रितेश ने 2 जनवरी को रायपुर से दिल्ली के लिए ऑनलाइन टिकट बुक की थी। यहीं से पुलिस का शक उस पर गहरा गया। इसके बाद पुलिस ने रितेश को रायपुर एयरपोर्ट से हिरासत में लेकर बीजापुर ले आई।

कॉल डिटेल में रितेश के खिलाफ मिले अहम साक्ष्य

इस बीच पत्रकार मुकेश और उसकी हत्या के संदेहियों की CDR डिटेल्स की जांच में यह बात सामने आई कि मुकेश ने आखिरी बार रितेश से ही फोन पर बात की थी। इस आधार पर पुलिस इस निष्कर्ष पर पहुंच चुकी थी कि रितेश का मुकेश की गुमशुदगी से प्रत्यक्ष रूप से कोई न कोई संबंध जरूर है।

जिला अस्पताल से रितेश के भाई दिनेश को किया गिरफ्तार

जांच के दौरान यह बात भी सामने आई कि वारदात के वक्त रितेश और सुरेश का भाई दिनेश भी मौके पर मौजूद था। यह जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने उसे कॉल किया लेकिन उसका नंबर लगातार बंद आ रहा था। इस बीच पुलिस को पता चला कि दिनेश जिला अस्पताल बीजापुर में अपना इलाज करवा रहा है। इसके बाद पुलिस ने डॉक्टर से अनुमति लेकर दिनेश से पूछताछ की, जिसमें पहले तो उसने गोल-मोल जवाब देकर पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की। जब पुलिस ने उसे CDR डिटेल्स और लोकेशन के आधार पर पूछताछ के आधार पर कड़ाई से पूछताछ की तो वह टूट गया और उसने बताया कि उसके भाई रितेश और साथी महेंद्र रामटेके ने मुकेश की लोहे की रॉड से मारकर हत्या की है। दिनेश ने पुलिस को बताया कि घटना में प्रयुक्त लोहे की रॉड, कपड़े और मोबाइल वगैरह ठिकाने लगाने में उसने आरोपियों की मदद की थी।

पुलिस ने सहयोगी रामटेके को किया गिरफ्तार

दिनेश के बयान के आधार पर पुलिस ने महेंद्र रामटेके की पतासाजी की और उसे बस स्टैंड से गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में उसने भी अपना जुर्म कबूल कर लिया। दिनेश और महेंद्र से पूछताछ में यह बात सामने आई कि पत्रकार मुकेश चंद्राकर मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर का भाई था और उसने उनके ही ठेका कार्य के खिलाफ न्यूज चलाई थी। इस बात से नाराज होकर सुरेश ने उसकी हत्या की साजिश रची थी, जिसे दिनेश और महेंद्र ने मिलकर बैडमिंटन कोर्ट के पास बने कमरे नंबर 11 में अंजाम दिया था। इसके बाद दिनेश ने पूर्व से सुनियोजित योजना के मुताबिक, साक्ष्य छुपाने और इनको फरार करने में मदद की। आरोपियों ने वारदात के वक्त सुरेश चंद्राकर को बाहर रखा ताकि उस पर किसी को संदेह न हो।

सेप्टिक टैंक में मिला मुकेश का शव

महेंद्र रामटेके की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने विधिवत तरीके से कार्रवाई करते हुए नगरपालिका के कर्मियों और एफएसएल टीम की मौजूदगी में बैडमिंटन कोर्ट के सेप्टिक टैंक की खुदाई की, जहां उन्हें मुकेश चंद्राकर का शव मिला। यह सूचना आसपास के लोगों को मिलने के बाद मौके पर भीड़ इकट्ठा हो गई, जिसके मद्देनजर मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया और मुकेश का शव सेप्टिक टैंक से निकालकर विधिवत् पंचनामा, घटनास्थल का फोरेंसिक निरीक्षण करने के बाद उसे मर्चुरी भेजा।

दिनेश, महेंद्र और रितेश से पूछताछ के बाद पुलिस ने घटना में प्रयुक्त वाहन, मिक्सर मशीन, भागने में उपयोग में लाए गए वाहन, घटना में प्रयुक्त आला जरब लोहे और अन्य भौतिक साक्ष्यों को बरामद किया। पकड़े जाने के डर से आरोपी पुलिस को गुमराह करने के लिए मुकेश के दो स्मार्टफोन को बिना स्विच ऑफ किए तुमनार नदी के पास लेकर गए और वहां पत्थरों से चकनाचूर कर पानी में फेंक दिया, जिसकी तलाश फिलहाल गोताखोरों द्वारा की जा रही है।

सुरेश को हैदराबाद से किया गया गिरफ्तार

दिनेश, महेंद्र और रितेश की गिरफ्तारी के बाद पुलिस मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर की तलाश में जुट गई। इस दौरान टीम को पता चला कि सुरेश बीजापुर से इनोवा वाहन से कहीं बाहर चला गया है। इसके बाद सुरेश की गिरफ्तारी के लिए चार अलग-अलग टीमें उसके पीछे भेजी गई। इन टीमों ने लगातार 48 घंटे तक सुरेश को ट्रैक किया और उसे 5 जनवरी की रात हैदराबाद से गिरफ्तार किया। पुलिस की पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया और बताया कि मुकेश ने अपने चैनल में उसके खिलाफ खबर लगाई थी, जिसके चलते उसके खिलाफ जांच बैठ गई। इसी का बदला लेने के लिए उसने इस वारदात को अंजाम दिया।

पुलिस को मिले घटना से जुडे़ अहम साक्ष्य

बता दें कि एसआईटी टीम द्वारा सभी गिरफ्तार आरोपियों को अलग-अलग रखकर लगातार दो दिन, दो रात तक उनके मोबाइल खंगालकर और CDR के आधार पर इंट्रोगेशन किया गया। जिससे बहुत से महत्वपूर्ण तथ्य घटना से संबंधित साक्ष्य मिले हैं, जिन्हें विवेचना में लिया गया है और पृथक से जांच की जा रही है। विवेचना के दौरान एसआईटी टीम ने घटनास्थल का दो बार रिक्रियेशन आरोपियों से करवाया। एफएसएल टीम, जगदलपुर से भी पृथक से रूम नंबर 11 और अन्य संबंधित स्थानों का सूक्ष्म निरीक्षण करवाया गया, जिसमें कुछ महत्वपूर्ण भौतिक साक्ष्य पुलिस को मिले हैं। घटनास्थल अब भी सील रखा गया है, हर पहलू की बारीकी से विवेचना की जा रही है। एसआईटी टीम ने सभी पूछताछ, तलाशी, जब्ती कार्रवाई की वीडियोग्राफी करवायी है और उन्हें विधिवत साक्ष्य में लिया है।

पुलिस ने 50 से अधिक संबंधित लोगों से की पूछताछ

जांच के दौरान पुलिस ने 50 से अधिक संबंधित लोगों से पूछताछ की है, जिससे कुछ अति महत्वपूर्ण साक्ष्य मिले हैं। उनका विधिवत संग्रहण केस डायरी में एसआईटी टीम द्वारा किया गया है। सभी आरोपियों के मोबाइल नंबरों में बहुत से डाटा डिलीट मिले हैं, जिनका लैब से परीक्षण कराया जा रहा है। घटनास्थल से जब्त साक्ष्य और आरोपियों द्वारा बरामद कराए गए आला जरब, कपड़े और अन्य साक्ष्यों का भी फोरेंसिक जांच कराने के लिए कार्रवाई की जा रही है। मामले में सभी चार आरोपियों को 15 दिन के लिए न्यायिक रिमांड पर भेजा गया है।

सुरेश चंद्राकर ने वारदात के पहले बैंक से निकाली थी बड़ी रकम

गौरतलब है सुरेश चंद्राकर और उससे जुड़े उसके संबंधियों की संपत्ति की विस्तृत जानकारी ली जा रही है। बैंकों से प्राप्त जानकारी के अनुसार, सुरेश ने अपने बैंक खाते से 27 दिसंबर 2024 को, यानी मुकेश की हत्या के चार दिन पहले एक बड़ी रकम निकाली है, जिसके संदर्भ में एसआईटी द्वारा विस्तृत जांच की जा रही है।

मामले की जांच के लिए AI टूल्स और अन्य राज्यों की पुलिस ने की मदद

पुलिस के मुताबिक, आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए महाराष्ट्र, तेलंगाना और उड़ीसा पुलिस की मदद ली गई थी। इसके अलावा, मामले की जांच में आधुनिक A.I. और OSINT टूल्स का उपयोग किया गया है। पुलिस ने आरोपियों से 4 फोर व्हीलर, मिक्सर मशीन और 100 से अधिक CDR जप्त किए हैं। एसआईटी टीम ने विधि अनुसार साक्ष्य संकलित कर हर पहलू की गहन जांच की है। राज्य और संभाग स्तरीय अधिकारियों द्वारा इस मामले की दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं।

महापौर प्रत्याशियों की लिस्ट 24-25 जनवरी तक, भाजपा ने निकाय चुनाव के लिए कसी कमर

रायपुर-  विधानसभा चुनाव की कामयाब ट्रिक बीजेपी नगरीय निकाय चुनाव में भी अपनाने जा रही है। भाजपा इस बार भी प्रत्याशियों की लिस्ट पहले जारी करने वाली है। आज भाजपा प्रदेश कार्यालय में भाजपा सांसद व विधायकों के साथ पार्टी के शीर्ष नेताओं की हुई बैठक में दो बड़े फैसले लिये गये हैं। बैठक में इस बात का निर्णय लिया गया है कि 24-25 जनवरी तक महापौर की लिस्ट फाइनल कर जारी कर दी जाये। इसे लेकर पार्टी ने अभी से ही तैयारी के निर्देश दिये हैं।

वहीं एक अन्य फैसले में इस बात का भी निर्णय लिया गया है कि आरक्षण के आधार पर ही प्रत्याशियों का चयन किया जाये। मसलन जो सीट जिस वर्ग के लिए आरक्षित हुआ है, वहां उसी वर्ग का प्रत्याशी खड़ा किया जाये। दरअसल एससी और एसटी वर्ग के लिए आरक्षित सीट में दूसरे वर्ग के प्रत्याशी नहीं दिये जाते थे, लेकिन मुश्किल सामान्य वर्ग की सीट के लिए होता था, जहां दूसरी जाति या वर्ग के प्रत्याशी के अलावे महिला को भी प्रत्याशी बना दिया जाता था। लेकिन बैठक में स्पष्ट कहा गया है कि सामान्य वर्ग की सीट में सिर्फ सामान्य वर्ग का ही प्रत्याशी होगा।

वहीं महापौर प्रत्याशी के चयन के लिए अभी से ही पार्टी को तैयारी करने का निर्देश दिया गया है। 24 या 25 जनवरी तक महापौर की लिस्ट फाइनल करने को कहा गया है। दरअसल विधानसभा चुनाव में पहले प्रत्याशी घोषित करने का फायदा भाजपा को मिला था, लिहाजा इस बार निकाय चुनाव में भी भाजपा इसी टैक्टिस को आजमा सकती है। ताकि, निकाय चुनाव में प्रत्याशी को तैयारी का भरपूर मौका मिल सके और कहीं अगर डैमेज की स्थिति दिख रही हो तो उसे कंट्रोल किया जा सके।

राजधानी में महापौर बनने छिड़ी जंग : पूर्व महापौर डॉ. किरणमयी का बड़ा बयान, कहा- पार्टी का झंडा उठाने वाली 25% भी नहीं पाती टिकट

रायपुर-  रायपुर नगर निगम में महिला महापौर पद के आरक्षण को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। कांग्रेस पार्टी में नेताओं की पत्नियों की दावेदारी को लेकर महिला कांग्रेस ने पीसीसी चीफ दीपक बैज को पत्र लिखकर विरोध जताया है। वहीं, अब राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष और कांग्रेस नेत्री किरणमई नायक ने इस मुद्दे पर बड़ा बयान दिया है।

कांग्रेस नेत्री किरणमई नायक ने कहा, “नेताओं की पत्नियों को इसलिए मौका दिया जाता है क्योंकि उनके पास पैसा होता है। पार्टी से टिकटधारी महिलाओं में सक्रिय राजनीति में झंडा उठाने वाली केवल 25% महिलाएं ही होती हैं। उनकी शुरुआत अक्सर पतियों के समर्थन से होती है।”

उन्होंने आगे कहा, “महिला आरक्षण की बात आती है तो यह समस्या हर बार सामने आती है। 2009 में जब मैंने चुनाव लड़ा था, तब भी यह मुद्दा उठाया गया था। पार्षद अपनी पत्नियों को चुनावी मैदान में उतारते हैं, और महापौर भी इसी प्रक्रिया का हिस्सा बन जाते हैं। महिलाओं को जब भी पद देने की बात आती है, तो उन्हें प्रोत्साहित करने के बजाय हतोत्साहित किया जाता है, यह कहकर कि चुनाव लड़ने के लिए पैसे की जरूरत है। यह किसी एक पार्टी की बात नहीं है।”

किरणमई नायक ने यह भी कहा, “जो महिलाएं राजनीति में अपना खुद का फैसला ले सकती हैं, उन्हें राजनीति में कम स्थान मिलता है। जो महिलाएं पार्टी को सेवा देती आई हैं और जिन्होंने पार्टी के लिए संघर्ष किया है, वही पार्टी के लिए समर्पित होती हैं। ऐसे ही महिलाओं को आरक्षण में टिकट मिलना चाहिए। मैं इस विचार का समर्थन करती हूं। सरकार योजनाएं बनाती है, लेकिन जमीनी स्तर पर जहां काम होना चाहिए, वहां प्रोग्रेसिव सोच की जरूरत है।”

किरणमई नायक का यह बयान महिलाओं को प्रोत्साहन देने और उनके लिए सही अवसर सुनिश्चित करने की आवश्यकता को उजागर करता है। अब यह देखना होगा कि पार्टी इस मुद्दे पर किस दिशा में आगे बढ़ती है और महिलाओं को वास्तविक अधिकार देने के लिए क्या कदम उठाती है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भगवान झूलेलाल की पूजा-अर्चना कर राज्य की खुशहाली और समृद्धि की कामना की

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय बिलासपुर के चकरभाठा में पूज्य सिंधु समाज द्वारा आयोजित चालिहा महोत्सव में शामिल हुए। उन्होंने भगवान झूलेलाल की पूजा-अर्चना कर छत्तीसगढ़ राज्य की सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। उन्होंने इस अवसर पर पूज्य सिंधु अमरनाथ आश्रम के संत श्री सांई लाल दास साहेब को नमन करते हुए उनका अभिनंदन किया। श्री साय ने कहा कि पूज्य संत लाल दास जी ने 40 दिन का उपवास रखा है,उससे प्रदेश में खुशहाली आएगी। तप, पूजा पाठ यही हम सबकी ताकत है। श्री साय ने कहा कि वरुण अवतार भगवान झूलेलाल जी का अवतरण भी 40 दिन के सामूहिक तप के बाद हुआ। साईं लाल दास साहेब उसी परम्परा को आगे बढ़ा रहे है। सिंधी समाज धर्म प्रेमी सेवा भावी समाज है। इस अवसर पर विधायक धरम लाल कौशिक, अमर अग्रवाल सहित श्रद्धालु और गणमान्य नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि सिंधी समाज के लोग शिक्षित, समृद्ध एवं सेवाभावी होते है। अधिकांश समय वे समाज सेवा के काम में लगे रहते हैं। अपने पुरूषार्थ के बल पर उन्होंने देश में अच्छा मुकाम हासिल किया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंधी समाज ने देश के विभाजन की विभीषिका को झेला है। अनेक कष्ट उठाने के बावजूद सिंधी समाज के लोगों ने हार नहीं मानी और अपनी जीवटता एवं आपसी सहयोग की बदौलत तरक्की के रास्ते पर आज भी निरंतर अग्रसर हैं।

विधायक धरमलाल कौशिक ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि चकरभाठा स्थित पूज्य सिंधु अमर धाम के चालिहा उत्सव में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं। उनका सेवा भाव देखने योग्य होता है। यहां आयोजित चिकित्सा शिविर में नामी-गिरामी चिकित्सक स्व-स्फूर्त रूप से अपनी सेवाएं देते हैं। अमित चिमनानी ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने कहा कि पूज्य संत लाल दास साहेब का तप छत्तीसगढ़ के लोगो के जीवन में खुशहाली लाएगा। इस अवसर पर संभागायुक्त महादेव कावरे, कलेक्टर अवनीश शरण, एसपी रजनेश सिंह, रामू रोहरा सहित बड़ी संख्या में सिंधी समाज के श्रद्धालु एवं गणमान्य नागरिक उत्सव में शामिल हुए।

8 घंटे की पूछताछ के बाद ED ऑफिस से बाहर निकले पूर्व मंत्री लखमा, कहा – जब तक लड़ना पड़े मैं लडूंगा मेरी कोई गलती नहीं

रायपुर-    छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2 हजार करोड़ के शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आज दूसरी बार पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा से पूछताछ की। राजधानी रायपुर क पचपेड़ी नाका पुजारी चैंबर स्थित ED के क्षेत्रीय कार्यालय में 8 घंटे की पूछताछ के बाद दोनों बाहर आ गए हैं। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा कि ईडी ने उनके साथ कोई दुर्व्यवहार नहीं किया है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि जैसे अन्य लोग ईडी द्वारा परेशान करने की बातें करते हैं, वैसा कुछ उनके साथ नहीं हुआ।

पूर्व मंत्री लखमा ने बताया कि पूछताछ के दौरान ईडी अधिकारियों ने उन्हें पानी भी पिलाया। उन्होंने यह भी बताया कि उनके मोबाईल को टैपिंग किया गया फिर सील किया गया, जिसकी वजह से उन्हें टाइम लग गया।

लखमा ने आरोप लगाते हुए कहा कि “सरकार मुझे बार-बार परेशान कर रही है। मुझे समझ नहीं आ रहा कि एक आदिवासी नेता को क्यों निशाना बनाया जा रहा है।” कवासी लखमा ने इसे राजनीतिक साजिश बताते हुए कहा कि “मैं बस्तर की आवाज़ विधानसभा में उठाता हूँ। इसीलिए मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। बस्तर के लोगों को दबाने की कोशिश हो रही है। दो नंबर की शराब अगर बन रही थी तो वह अधिकारी या संबंधित कंपनी की जिम्मेदारी है।”

खुद को बताया गांधीवादी

पूर्व मंत्री लखमा ने नगरीय निकाय और पंचायत चुनावों के दौरान ED की इस कार्रवाई को राजनीतिक प्रतिशोध का हिस्सा बताया। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें कानून पर पूरा भरोसा है और वे गांधीवादी विचारधारा का पालन करते हैं। “मैं सच के रास्ते पर चल रहा हूँ। सत्य परेशान हो सकता है, लेकिन पराजित नहीं। जब तक लड़ना पड़ेगा, मैं लड़ता रहूंगा।”

बुधवार 15 जनवरी को होगी अगली पूछताछ

पूर्व मंत्री लखमा ने बताया की ईडी ने उन्हें अगले बुधवार को फिर से बुलाया है। इस बार वे अपने वकील या ऑडिटर को साथ लेकर जाएंगे और कुछ दस्तावेज़ भी प्रस्तुत करेंगे।

खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल की अध्यक्षता में मंत्रि-मंडलीय उप समिति द्वारा धान के शत-प्रतिशत निराकरण के लिए किया मंथन

रायपुर-   खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल बघेल की अध्यक्षता में आज महानदी भवन मंत्रालय में मंत्रि-मंडलीय उप समिति की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में राज्य सरकार द्वारा अनुमानित 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान के शत-प्रतिशत निष्पादन के लिए मंथन किया गया। केन्द्रीय और राज्य पूल में 125 लाख मीट्रिक टन धान का निष्पादन हो सकेगा। लगभग अतिशेष 40 लाख मीट्रिक टन धान के नीलामी के लिए निविदा प्रक्रिया पर गहन रूप से विचार-विमर्श किया गया। धान खरीदी के पश्चात माह फरवरी के दूसरे सप्ताह में नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के निर्णय पर सहमति बनी है। अंतिम निर्णय मंत्रिपरिषद की बैठक में तय होगी। मंत्रिमंडलीय उप समिति के सदस्यों ने शत-प्रतिशत धान के निराकरण हेतु अपने-अपने सुझाव भी दिए।

गौरतलब है कि प्रदेश में इस खरीफ विपणन वर्ष में लगभग 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान का उपार्जन संभावित है। इस खरीफ विपणन वर्ष में भारत सरकार से प्राप्त केन्द्रीय पूल में चावल जमा लक्ष्य (70 लाख मीट्रिक टन) एवं नागरिक आपूर्ति निगम के राज्य पूल लक्ष्य में (14 लाख मीट्रिक टन) से लगभग 125 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण संभव होगा। वहीं लगभग 40 लाख मीट्रिक टन धान का निराकरण शेष रहेगा। जिसकी नीलामी कर निराकरण किया जाना है।

बैठक में धान खरीदी व्यवस्था, कस्टम मिलिंग के लिए धान का उठाव, किसानों के लिए पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था, टोकन की स्थिति सहित विभिन्न किसान हित से जुड़े मुद्दे की समीक्षा की गई। बैठक में धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए धान के उठाव में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।

बैठक में मंत्री-मंडलीय उप समिति के सदस्य कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम, वन एवं जलवायु परिवर्तन तथा सहकारिता मंत्री केदार कश्यप और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा 20 सूत्रीय कार्यान्वयन मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल शामिल हुए।

खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल की अध्यक्षता में हुई बैठक में अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ में पिछले वर्ष समर्थन मूल्य पर रिकॉर्ड 144.92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई थी। वर्तमान में राज्य में 2058 सहकारी समितियां तथा 2739 धान उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से आगामी खरीफ विपणन वर्ष में 160 से 165 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी का अनुमान लगाया गया है। चालू खरीफ विपणन वर्ष में 14 नवम्बर 2024 से शुरू हुए धान खरीदी महाअभियान के तहत अब तक 113 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में राज्य 21.54 लाख किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 25 हजार 549 करोड़ रूपए का भुगतान किया जा चुका है। धान खरीदी के साथ-साथ कस्टम मिलिंग के लिए तेजी के साथ धान का उठाव जारी है।

बैठक में खाद्य विभाग के अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा, सचिव अन्बलगन पी, कृषि विभाग की सचिव शहला निगार, वित्त विभाग के विशेष सचिव मुकेश बंसल, उद्योग विभाग के सचिव रजत कुमार, सहकारिता विभाग के आयुक्त कुलदीप शर्मा, खाद्य विभाग के संचालक जितेन्द्र कुमार शुक्ला, मार्कफेड के प्रबंध संचालक रमेश शर्मा, नागरिक आपूर्ति निगम के प्रबंध संचालक जे. महोबे, मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक एम.एस. सवन्नी, खाद्य विभाग के संयुक्त सचिव जी. एस. शिकरवार सहित संबंधित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

BJP कोर कमेटी की बैठक में चुनावी रणनीति पर चर्चा: उपमुख्यमंत्री अरुण साव बोले-

रायपुर-  छत्तीसगढ़ में नगरीय निकाय चुनाव को लेकर बीजेपी प्रदेश कार्यालय में आज भाजपा प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन और CM विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में BJP कोर कमेटी, मंत्रिमंडल व महामंत्रियों की बैठक संपन्न हुई। उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने मीडिया से चर्चा के दौरान बैठक से जुड़ी जानकारी साझा की वहीं विपक्ष से आरोपों का भी जवाब दिया।

उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि चुनाव को लेकर BJP कोर कमेटी, मंत्रिमंडल व महामंत्रियों की बैठक में विस्तृत चर्चा हुई। संगठन ने इस चुनाव को गंभीरता से लड़ने का निर्णय लिया है। जनता के बीच किन मुद्दों को लेकर जाना है, इस पर भी गहन विचार-विमर्श किया गया।

छत्तीसगढ़ से प्रयागराज के लिए सब्जी भेजने को लेकर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “धर्म के प्रति छत्तीसगढ़ में निष्ठा और आस्था है। प्रयागराज में होने वाला कुंभ सनातन धर्म के लिए बहुत बड़ा पर्व है। लाखों धर्म प्रेमी वहां जाते हैं। समाज मिलकर धर्म के कार्यों को आगे बढ़ाता है।” जब उनसे कुंभ में डुबकी लगाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “डुबकी लगाने पर विचार हो रहा है। कुंभ में धर्म प्रेमियों की आस्था है, तो निश्चित रूप से जाएंगे।”

मोवा ओवर ब्रिज डामरीकरण को लेकर कही ये बात

मोवा ओवर ब्रिज के डामरीकरण में भ्रष्टाचार के आरोपों पर उपमुख्यमंत्री ने कहा, “यह मामला मेरे संज्ञान में है। किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। काम का अवलोकन किया जाएगा, और यदि गड़बड़ी पाई गई तो कठोर कार्रवाई की जाएगी।”

मुंगेली में स्टील फैक्ट्री हादसे पर जताया दुःख

मुंगेली में स्टील फैक्ट्री में हुए हादसे पर उपमुख्यमंत्री ने दुःख जताते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया। उन्होंने कहा, “प्रशासन की पूरी टीम मौके पर है। राहत और बचाव कार्य जारी है। मैं कलेक्टर और एसपी के साथ लगातार संपर्क में हूं। घटना स्थल पर मशीन उठाने के लिए दो क्रेन लगाई गई हैं। जैसे ही मशीन हटेगी, स्थिति स्पष्ट होगी।”

छत्तीसगढ़ में अब शासकीय कर्मचारियों के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट हुआ अनिवार्य, मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश

रायपुर-  सड़क दुर्घटनाओं में बढ़ती मौतों और गंभीर चोटों के मामलों पर चिंता जताते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने शासकीय कर्मियों के लिए हेलमेट और सीट बेल्ट का उपयोग अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने सभी विभागों, संभागायुक्तों और कलेक्टरों को सख्त निर्देश जारी किए हैं।

बता दें कि मुख्य सचिव ने इस संबंध में पत्र में यह उल्लेख किया है कि हाल के दिनों में सड़क दुर्घटनाओं के कारण कई शासकीय कर्मियों की जान गई है या वे गंभीर रूप से घायल हुए हैं। उन्होंने मोटरयान (संशोधन) अधिनियम, 2019 का हवाला देते हुए कहा कि वाहन चलाते समय हेलमेट और सीट बेल्ट पहनना अनिवार्य है। साथ ही, संबंधित विभागों को यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी दी गई है कि ये निर्देश सभी शासकीय कर्मियों तक प्रभावी रूप से पहुंचें और इनका पालन हो। यह कदम सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने और शासकीय कर्मियों के जीवन की रक्षा के लिए उठाया गया है।

मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देश