जन सुराज ने अब पटना हाईकोर्ट में दायर की याचिका, BPSC की पुनर्परीक्षा कराने की मांग की
बीपीएससी के छात्रों की मांगों को लेकर जन सुराज पार्टी के नेता प्रशांत किशोर आमरण अनशन कर रहे हैं. उनका स्वास्थ्य बिगड़ने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. दूसरी ओर, जन सुराज पार्टी ने बीपीएससी को लेकर अपनी लड़ाई जारी रखी है और पुनर्परीक्षा की मांग को लेकर पटना हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. जन सुराज की ओर से अधिवक्ता प्रणव कुमार की ओर से पटना उच्च न्यायालय में रिट याचिका दायर की गयी है. यह रिट याचिका अनुच्छेद 226 के तहत दायर की गयी है. इसमें कहा गया है कि 70वीं BPSC परीक्षा को रद्द कर फिर से परीक्षा आयोजित की जाए.
जन सुराज पार्टी की ओर से कोर्ट से मांग की गई है कि जब तक फिर से परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, तब-तक परीक्षा का परिणाम नहीं घोषित किया जाए.
वहीं, जन सुराज पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज भारती ने सरकार के इस दावे को खारिज कर दिया कि प्रश्नपत्र लीक होने के सबूतों के अभाव में 13 दिसंबर की परीक्षा रद्द नहीं की जा सकती.
भारती ने कहा किबापू परीक्षा परिसर में शामिल उम्मीदवारों के लिए पहले ही दोबारा परीक्षा आयोजित की जा चुकी है, जिससे करीब 12,000 उम्मीदवार प्रभावित हुए हैं. अगर सब कुछ ठीक होता तो बीपीएससी दोबारा परीक्षा का आदेश नहीं देता. हालांकि, केवल चुनिंदा उम्मीदवारों की दोबारा परीक्षा लेना अनुचित है. यह मेडिकल दाखिले के लिए नीट जैसी परीक्षा नहीं है; इससे सरकारी नौकरी तय होती है.
प्रशांत किशोर की हालत में सुधार
इस बीच, जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की हालत में गुरुवार को सुधार हुआ. प्रशांत किशोर बीपीएससी अभ्यर्थियों के समर्थन में 2 जनवरी से भूख हड़ताल पर हैं और मंगलवार को तबीयत बिगड़ने के कारण उन्हें मेदांता अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
पार्टी के एक बयान के अनुसार, किशोर की हालत में सुधार के बाद उन्हें आईसीयू से आइसोलेशन वार्ड में ले जाया गया. पार्टी नेताओं ने दावा किया कि उनके स्वास्थ्य में सुधार के बावजूद किशोर (47) अभी भी निमोनिया और गुर्दे की पथरी से पीड़ित हैं.
चिराग पासवान ने आंदोलनरत छात्रों का किया समर्थन
दूसरी ओर, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने गुरुवार को बीपीएससी परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों का समर्थन किया.लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज की निंदा की और नीतीश कुमार सरकार से बातचीत के लिए दरवाजे खुले रखने की अपील की.
चिराग पासवास ने कहा कि वह छात्रों पर लाठीचार्ज के पक्ष में बिल्कुल नहीं हैं. छात्र जो भी कहें, उसे गंभीरता से सुना जाना चाहिए और उनकी वास्तविक मांगों को स्वीकार किया जाना चाहिए. छात्रों के लिए बातचीत का दरवाजा हमेशा खुला रहना चाहिए.
मंत्री की यह टिप्पणी पटना में बीपीएससी उम्मीदवारों के विरोध प्रदर्शन के बीच आई है, जो 13 दिसंबर की परीक्षा में कथित अनियमितताओं को लेकर नीतीश कुमार से मुलाकात की मांग कर रहे हैं.
Jan 09 2025, 21:27