तिरुपति मंदिर में भगदड़ में 6 की मौत, 40 घायल; सरकार ने किया 25 लाख रुपये मुआवजे का ऐलान

आंध्र प्रदेश के तिरुपति मंदिर में बुधवार देर रात भयावह तस्वीर सामने आई. एकादशी के मौके पर दर्शन करने के लिए इकट्ठा हुए श्रद्धालु लंबे समय से लाइन में लग कर टोकन लेने का इंतजार कर रहे थे. हर श्रद्धालु अपने परिवार के लिए जल्दी से टोकन लेकर दर्शन करना चाहता था, इसी के चलते जैसे ही पुलिस ने तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार टिकट काउंटर खोला, सभी लोग एक साथ दौड़ पड़े और भगदड़ मच गई.

इस भगदड़ में अब तक 6 लोगों की मौत हो गई है और लगभग 40 से ज्यादा लोग गंभीर रूप से घायल हो गए हैं और उनको अस्पताल में भर्ती किया गया है. सरकार ने तिरुपति घटना के पीड़ित परिवारों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने का ऐलान किया है. मंत्री सत्य प्रसाद ने पीड़ित परिवारों को मुआवजा देने का ऐलान किया है. साथ ही भगदड़ की घटना पर मामले दर्ज कर लिए गए हैं और जांच की जा रही है. पुलिस ने बीएनएस की धारा 194 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. साथ ही सीएम चंद्रबाबू नायडू पीड़ित परिवारों से खुद मुलाकात भी करेंगे.

कैसे हुआ हादसा?

एकादशी दर्शन के लिए तिरुपति मंदिर में दर्शन करने के लिए हजारों की तादाद में लोग जुटे थे. दर्शन करने के लिए सभी के पास टोकन होना जरूरी था, बिना टोकन के वो दर्शन नहीं कर सकते थे. बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग सभी इस भीड़ में शामिल थे. टोकन देने के लिए 91 काउंटर बनाए गए थे. एक पीड़ित परिवार ने बताया कि वो सुबह 11 बजे से कतार में खड़े हो कर टोकन मिलने का इंतजार कर रहे थे. इसी बीच जैसे ही पुलिस ने तिरुमाला श्रीवारी वैकुंठ द्वार का टिकट काउंटर हजारों लोग एक साथ टोकन लेने के लिए दौड़ पड़े और कई लोग एक दूसरे के ऊपर चढ़ गए.

अब तक हुई 6 लोगों की मौत में एक महिला की पहचान की गई. मृत महिला का नाम मल्लिका बताया जा रहा है. महिला के पति ने बताया कि कैसे उनकी पत्नी इस भयावह घटना का शिकार हो गई. महिला के पति ने कहा, जब मैं और मेरी पत्नी बाकी लोगों के साथ वैकुंठ द्वार दर्शन काउंटर से टिकट हासिल करने के की कोशिश कर रहे थे तभी भगदड़ मच गई और इस भगदड़ में हालात इतने खराब हो गए कि मेरी पत्नी की मौत हो गई. मैंने अपने रिश्तेदारों को इस बात की जानकारी दे दी है और वो सब यहां पहुंच रहे हैं.

कौन जिम्मेदार?

इस घटना का कौन जिम्मेदार है? यह सवाल सबसे पहले मन में आता है, लेकिन इस के जवाब के लिए जांच की जा रही है. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) (Tirumala Tirupati Devasthanams) ने इस हादसे के बाद कई जानकारियां सामने रखी है. टीटीडी बोर्ड मेंबर भानु प्रकाश रेड्डी ने कहा, मंदिर में एकादशी दर्शन के लिए टोकन दिए जा रहे थे, हम ने 91 काउंटर खोले थे. भगदड़ मचना बहुत दुखद है. मैं सभी श्रद्धालुओं से माफी मांगता हूं. टीटीडी के चेयरमेन बी.आर. नायडू ने कहा कि यह भगदड़ ज्यादा भीड़ इकट्ठी होने की वजह से मची थी.

प्रयागराज: महाकुंभ के दौरान पांच दिन तक नहीं चलेगी कोई गाड़ी, चलना होगा पैदल

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में आयोजित होने जा रहे महाकुंभ में अब बस कुछ ही दिन बाकी हैं. 13 जनवरी से महाकुंभ की शुरुआत होगी, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु पहुंचेंगे. उनकी सुरक्षा के लिए प्रशासन ने कई इंतजाम किए हैं. इसमें ट्रैफिक व्यवस्था सबसे अहम है. प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान पांच दिनों नो व्हीकल जोन रहेगा यानी पांच दिन प्रयागराज में कोई गाड़ी मेला क्षेत्र में नहीं चलेगी.

दूसरे शहर से आने वाली गाड़ियों को भी शहर के बाहर ही पार्किंग एरिया में ही रोक दिया जाएगा. इसके बाद पार्किंग एरिया से आगे श्रद्धालुओं को शटल सर्विस की बसों से मेले में पहुंचने में मदद मिलेगी. नो व्हीकल जोन एरिया 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के स्नान के वक्त 5 दिनों तक शहर में लागू रहेगा. ये पांच दिन 27 जनवरी से 31 जनवरी तक होंगे, जब मेला क्षेत्र में कोई भी गाड़ी नहीं जाएगी.

24 सैटेलाइट पार्किंग एरिया

प्रयागराज के एडीजी भानु भास्कर ने जानकारी देते हुए बताया कि मौनी अमावस्या के साथ-साथ और भी चार स्नान पर्वों के दौरान भी 3 दिन प्रयागराज में मेला क्षेत्र के अंदर नो व्हीकल जोन रहेगा. यातायात व्यवस्था के बारे में बात करते हुए भानु भास्कर ने आगे बताया कि मेला क्षेत्र के आसपास 24 सैटेलाइट पार्किंग बनाई गई हैं, जिसमें सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. इस ढंग से व्यवस्था की गई है कि जिधर से भी श्रद्धालु शहर में प्रवेश करेंगे. उसी ओर बनाए गए स्नान घाट पर स्नान कर पाएंगे

ज्यादा पैदल चलना पड़ेगा

आमतौर पर स्नान के लिए श्रद्धालुओं को करीब एक से डेढ़ किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. वहीं इस पर्व के दौरान स्नान के लिए सभी श्रद्धालुओं को 3 से 4 किलोमीटर पैदल चलना पड़ेगा. यही नहीं स्नान के दौरान एक दिन पहले और एक दिन बाद में यहां से कोई ट्रेन भी नहीं चलेगी. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए लगाई गईं शटल सर्विस की सभी बसें सिविल लाइंस बस अड्डे से निकलेंगी. ऐसे में अगर कोई इमरजेंसी होती है तो उसके लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनाए गए हैं, जिससे की एंबुलेंस को सुरक्षित निकाला जा सकेगा.

गूगल मैप्स का इस्तेमाल करना असम पुलिस को पड़ा भारी, नागालैंड के लोगों ने बना लिया बंधक

गूगल मैप्स का इस्तेमाल कई लोग करते हैं. यह हमारी सुविधा के लिए बनाया गया है. लेकिन कई बार इसका इस्तेमाल करना भारी भी पड़ जाता है. ऐसा ही एक मामला अब असम से सामने आया है. यहां असम पुलिस एक अपराधी का गूगल मैप्स के जरिए पीछा कर रही थी. लेकिन गलती से वो नागालैंड पहुंच गए. उनमें से सिर्फ तीन लोगों ने पुलिस की वर्दी पहनी थी. बाकी सादी वर्दी में थे. नागालैंड के लोगों को लगा कि शायद उनके इलाके में अपराधी घुस आए हैं. इसलिए लोगों ने पुलिस वालों पर हमला कर दिया और रात भर बंधक बनाकर रखा.

दरअसल, असम पुलिस की 16-सदस्यीय एक टीम छापेमारी के दौरान ‘गूगल मैप्स’ के जरिये अनजाने में नागालैंड के मोकोकचुंग जिले में पहुंच गई थी. जिसके बाद स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों को अपराधी समझकर उनपर हमला कर दिया और उन्हें रात भर बंधक बनाकर रखा.

नागालैंड की सीमा में चली गई पुलिस

असम पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, यह घटना मंगलवार रात को उस समय हुई जब जोरहाट जिला पुलिस की एक टीम एक आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही थी. पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘यह चाय के बागान वाला इलाका था, जिसे गूगल मैप पर असम में दिखाया गया था. हालांकि, यह वास्तव में नागालैंड के अंदर था. GPS पर भ्रम और भ्रामक मार्गदर्शन के कारण अपराधी की तलाश में टीम नगालैंड की सीमा में चली गई.’ उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों ने असम पुलिस की टीम के कर्मियों को अत्याधुनिक हथियार लेकर आया बदमाश समझा और उन्हें हिरासत में ले लिया.

सादे कपड़ों में थे पुलिसकर्मी

पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘पुलिस टीम के 16 कर्मियों में से केवल तीन वर्दी में थे और बाकी सभी सादे कपड़ों में थे. इससे स्थानीय लोगों में भी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई. उन्होंने टीम पर हमला भी किया और हमारा एक कर्मी घायल हो गया.’

नागालैंड में प्रतिकूल स्थिति की सूचना मिलने पर जोरहाट पुलिस ने तुरंत मोकोकचुंग के पुलिस अधीक्षक से संपर्क किया, जिन्होंने असम पुलिस कर्मियों को बचाने के लिए एक टीम मौके पर भेजी. स्थानीय लोगों को तब एहसास हुआ कि यह असम से आई असली पुलिस टीम थी और उन्होंने घायल व्यक्ति सहित पांच सदस्यों को छोड़ दिया. हालांकि, उन्होंने शेष 11 लोगों को रात भर बंधक बनाए रखा. सुबह उन्हें रिहा कर दिया गया और बाद में वे जोरहाट पहुंच गए.

महाकुंभ मेले के लिए रेलवे की बड़ी तैयारी: 40 विशेष ट्रेनें चलाई जाएंगी

13 जनवरी से शुरू होने वाले महाकुंभ मेले की तैयारियों को लेकर सरकार जोरो-शोरों से लगी हुई है. महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालु के आने-जाने, खाने-पीने, रहने और अन्य सभी तरह की सुविधाओं के लिए सरकार ने अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली है. रेलवे मंत्रालय ने भी महाकुंभ में आने वाले यात्रियों के लिए 40 विशेष ट्रेनें चलाने की तैयारियां कर ली हैं. इन 40 ट्रेनों में से ज्यादातर ट्रेनों में अब भी सीटें मौजूद हैं, वहीं, कुछ ट्रेनों में वेटिंग चल रही है.

13 जनवरी से शुरू होकर 26 फरवरी तक चलने वाले महाकुंभ मेले को लेकर तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई है. इस बार के महाकुंभ मेले में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद जताई जा रही है. इन लोगों को बेहतर सुविधा मुहैया कराने के लिए राज्य और केंद्र सरकार निरंतर प्रयासरत है. रेलवे ने महाकुंभ में आने वाले यात्रियों का ख्याल रखते हुए 40 विशेष ट्रेन चलाने का ऐलान किया हैं.

मध्य प्रदेश के 35 से ज्यादा स्टेशनों पर रुकेगी ट्रेन

इनमें से ज्यादा ट्रेनों में सीटें उपलब्ध है. वहीं, कुछ ट्रेनों में वेटिंग चल रही है. ये ट्रेनें भोपाल और जबलपुर मंडल के 35 से ज्यादा स्टेशनों से होकर गुजरेगी, जिससे मध्य प्रदेश से महाकुंभ में आने वाले यात्रियों का सफर आसान होगा. ट्रेनों के बारे में जानकारी देते हुए सीनियर DCM सौरभ कटारिया ने बताया कि प्रदेश के लाखों लोग इस बारे महाकुंभ मेले में शामिल होने के लिए प्रयागराज पहुंचेंगे.

चलाई जा रही 40 ट्रेनें

रेल मंत्रालय की ओर चलाई जाने वाली 40 ट्रेनों में 14 से ज्यादा ट्रेनों में स्लीपर, थर्ड एसी और सेकंड एसी में सीटें उपलब्ध हैं. सरकार महाकुंभ में आने वाले लोगों यात्रियों के लिए हर तरह की सुविधा के मुहैया कराने की कोशिश कर रही है. आईये जानते है कौन-कौन सी ट्रेनें लोगों की सुविधा के लिए चलाई जा रही है.

09372 बलिया-डॉ. अंबेडकर नगर महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन

09371 डॉ. अंबेडकर नगर-बलिया महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन (04-04 ट्रिप) चलेगी.

09017 वापी-गया महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन (10-10 ट्रिप)

09031 उधना-बलिया महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन (2-2 ट्रिप)

09032 बलिया-उधना महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन

07081 गुंटूर-आजमगढ़ महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन (1-1 ट्रिप)

09029 विश्वामित्री-बलिया महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन (1-1 ट्रिप)

रानी कमलापति-बनारस-रानी कमलापति कुंभ मेला एक्सप्रेस स्पेशल ट्रेन (12 ट्रिप)

09371 डॉ. अंबेडकर नगर-बलिया महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन (4-4 ट्रिप)

09030 बलिया-विश्वामित्री महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन

07082 आजमगढ़-विजयवाड़ा महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन

09019 वलसाड-दानापुर महाकुंभ मेला विशेष ट्रेन (8-8 ट्रिप)

फेसबुक पर हुई दोस्ती ,जम्मू कश्मीर की महिला ने उत्तर प्रदेश के युवक से रचाई शादी, पति ने लगाया धोखाधड़ी का आरोप

जम्मू कश्मीर की एक महिला ने फेसबुक पर दोस्ती हुई उत्तर प्रदेश के युवक से शादी रचा ली. महिला शादीशुदा है और वह युवक से शादी करने के लिए श्रीनगर से यूपी के रायबरेली आ गई. जब इसकी जानकारी महिला के पति को हुई तो, उसने इसकी शिकायत पुलिस से की. उसने बताया कि युवक ने उसकी पत्नी को सोशल मीडिया के जरिए गुमराह किया और उसे भगा ले गया. उसका आरोप है की उसकी पत्नी घर से सोना और नकदी लेकर फरार हुई है.

महिला ने पुलिस को बताया है की वह अपने प्रेमी के साथ ही रहेगी. पुलिस मामले की जांच कर रही है. महिला की पहली शादी 2017 में हुई थी. वह मूल रूप से जम्मू कश्मीर के श्रीनगर की रहने वाली है. उसकी शादी मोहाली के युवक से हुई थी. उसके बाद महिला की दोस्ती फेसबुक के जरिए रायबरेली के युवक से हुई. वह दिसंबर 2024 में अपनी कार से 1000 किलोमीटर का सफर तय कर रायबरेली आ गई.

पहले पति को छोड़ा, फेसबुक पर हुआ UP के युवक से प्यार

श्रीनगर की रहने वाली अबिरल की शादी 2017 में मोहाली जिले के ढकोली थाना इलाके के पाइन होम्स निवासी विनोद से हुई थी. दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी की थी. उसके कुछ दिन बाद दोनों में कलह होने लगी. धीरे-धीरे दोनों के बीच रिश्ते बिगड़ने लगे. इस बीच अबिरल का अपने पति विनोद से मन हटने लगा. इसी बीच उसकी फेसबुक पर उत्तर प्रदेश के रायबरेली जिले के डीह निवासी डॉक्टर फैजान से दोस्ती हो गई.कुछ ही दिनों में दोनों की दोस्ती प्यारा में बदल गई.

रायबरेली में किया निकाह

इस बीच अबिरल ने अपने पति का साथ छोड़ दिया. वह अपनी कार से श्रीनगर से रायबरेली के लिए निकल गई और वहां जाकर डॉक्टर फैजान से मिली. सोमवार को दोनों का निकाह हो गया. इसकी जानकारी जब अबिरल के पति विनोद को हुई तो वह मंगलवार को रायबरेली के डीह थाने पहुंचा. उसने पुलिस को बताया कि डॉक्टर फैजान ने सोशल मीडिया के जरिए उसकी पत्नी को गुमराह कर उससे शादी कर ली. उसका आरोप है कि अबिरल अपने साथ पांच लाख रुपये कीमत का सोना, दो लाख रुपये नकद और एक मोबाइल लेकर फरार हो गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

बाबा रामदेव ने खोला आचार्य बालकृष्ण से दोस्ती का राज, बताया कैसे बनी जोड़ी

पतंजलि योगपीठ देश ही नहीं दुनियाभर में मशहूर है. इसे बुलंदियों पर पहुंचाने में रामदेव के साथ ही आचार्य बालकृष्ण का भी बड़ा हाथ है. दोनों ने इसके लिए कड़ी मेहनत की. ऐसे में ये सवाल भी जहन में आता है कि आखिर इन दोनों की जोड़ी कैसे बनी, कब इनकी मुलाकात हुई, कैसे उनकी दोस्ती हुई. टीवी9 भारतवर्ष के खास शो 5 एडिटर्स में पहुंचे बाबा रामदेव ने कई मुद्दों पर बात की. इनमें से एक सवाल बालकृष्ण और उनकी दोस्ती को लेकर भी किया गया. चलिए आपको बताते हैं क्या कहा बाबा ने.

स्वामी रामदेव और बालकृष्ण की जोड़ी कैसे बनी, जब बाबा से ये सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि साल 1985 से पहले वो दोनों एक दूसरे को जानते तक नहीं थे. बाबा ने बताया कि दोनों की मुलाकात साल 1990 में गुरुकुल में हुई थी. इसी दौरान दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई. बाबा ने बताया कि उन्होंने बालकृष्ण पर 100 प्रतिशत विश्वास किया. बालकृष्ण उन्हें गुरु मानते हैं. हमने शेयर होल्डिंग उनको दी फिर उन्होंने पूरी शेयर होल्डिंग ट्रस्ट को दी.

पतंजलि को अर्श तक पहुंचाने में बालकृष्ण का अहम रोल

आज बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की जोड़ी दुनियाभर में मशहूर है. पतंजलि को अर्श तक पहुंचाने में बालकृष्ण का अहम रोल है. बाबा ने बताया कि आज पतंजलि का टर्नओवर 50 हजार करोड़ है. इसे 100 हजार करोड़ का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि हम जो अर्जित कर रहे हैं, वो भारत माता को समर्पित है. बाबा ने कहा कि हमने योग से लोगों को स्वस्थ बनाया. रामदेव की वजह से लाखों लोगों की दवाइयां छूटी हैं. मैंने लोगों को आरोग्य दिया है. रामदेव ने कहा कि वो उद्योगपति नहीं योगपति हैं. अगर आप पुरुषार्थ करते हैं तो अर्थ आएगा ही.

‘मैं अब काले धन पर नहीं काले मन पर बात करता हूं’

वहीं जब बाबा से काला धन वापस आने जैसे पुराने दावों को लेकर सवाल किया गया तो रामदेव ने कहा कि मैं अब काले धन पर नहीं काले मन पर बात करता हूं. उनसे पूछा गया कि आपके पास (रामदेव) धन ज्यादा आ गया इसलिए काला धन पर नहीं बोल रहे हैं. तो बाबा ने कहा कि न वो किसी से डरते हैं और न किसी को डराते हैं.

उन्होंने कहा कि मैं अपने काम की परवाह करता हूं. 50 साल से रामदेव अपने धर्म से पीछे नहीं हटा. मैंने अच्छे मुद्दे उठाए थे. मैं लोगों को जागरूक कर सकता हूं. मुझे विवेकशील दिमाग दिया है. बाबा ने कहा कि कई बार मेरे विचार मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाते हैं.

मुकेश अंबानी की Jio का बड़ा धमाका, 49 रुपये में यूजर्स को मिलेगा अनलिमिटेड डेटा

मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio के पास एक ऐसा सस्ता रिचार्ज प्लान है जो Airtel और Vodafone Idea उर्फ Vi को टक्कर देता है. जियो के इस सस्ते प्लान की कीमत मात्र 49 रुपये है, इस प्लान के साथ आप लोगों को कौन-कौन से बेनिफिट्स मिलेंगे और ये प्लान कितने दिनों की वैलिडिटी के साथ आता है? आइए जानते हैं.

Jio 49 Plan Details

49 रुपये वाले रिलायंस जियो प्रीपेड प्लान के साथ कंपनी की तरफ से आप लोगों को 1 दिन की वैलिडिटी मिलेगी. डेटा की बात करें तो कंपनी की ऑफिशियल साइट के मुताबिक, ये प्लान अनलिमिटेड डेटा के साथ आता है. एक बात जो यहां गौर करने वाली है वह यह है कि ये प्लान आपको 25 जीबी की एफयूपी लिमिट के साथ मिलेगा.

Airtel 49 Plan Details

49 रुपये वाला एयरटेल रिचार्ज प्लान के साथ 1 दिन की वैलिडिटी और अनलिमिटेड डेटा का फायदा दिया जा रहा है. कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी से इस बात का पता चला है कि अनलिमिटेड डेटा के साथ आने वाला ये प्लान 20 जीबी की एफयूपी लिमिट के साथ आता है.

Vi 49 Plan Details

वोडाफोन आइडिया के पास भी 49 रुपये वाला रिचार्ज प्लान है, ये प्लान भी आप लोगों को एक दिन की वैलिडिटी के साथ मिलेगा लेकिन इस प्लान में 20 जीबी हाई स्पीड डेटा ही दिया जा रहा है. एक बात जो यहां ध्यान देने वाली है वह यह है कि एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो तीनों ही कंपनियों के ये रिचार्ज प्लान डेटा पैक हैं.

डेटा पैक होने की वजह से 49 रुपये वाला इन प्लान्स के साथ न ही अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और न ही एसएमएस का फायदा दिया जाता है. वैसे तो जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के पास और भी कई डेटा प्लान्स हैं जो कम कीमत में मिल जाएंगे लेकिन 49 रुपये वाले प्लान की बात हुई कुछ खास है. ऐसा इसलिए क्योंकि इतनी कम कीमत में कोई भी कंपनी अनलिमिटेड डेटा का फायदा नहीं देती है.

पीएम मोदी की बड़ी सौगात: आंध्र प्रदेश में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का किया शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वर्चुअल तरीके से विशाखापत्तनम में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उनका शुभारंभ किया. उन्होंने यहां रेलवे जोन और अनकापल्ली जिले के पुदीमदका में एनटीपीसी के एकीकृत हरित हाइड्रोजन हब की आधारशिला रखी. उन्होंने रेल और सड़क क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया. इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी मौजूद थे.

2024 में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पीएम मोदी का यह राज्य का पहला दौरा था. आंध्र प्रदेश में टीडीपी, बीजेपी और जनसेना से मिलकर बने एनडीए गठबंधन ने केंद्र सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई.

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारा आंध्र प्रदेश संभावनाओं और अवसरों का राज्य है. जब ये आंध्र की possibility साकार होगी, तो आंध्र भी विकसित बनेगा और तभी भारत भी विकसित राष्ट्र बनेगा, इसलिए आंध्र का विकास, ये हमारा विजन है. आंध्र के लोगों की सेवा, ये हमारा संकल्प है.

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश अपने innovative nature के कारण IT और technology का इतना बड़ा हब है. अब समय है, आंध्र नई futuristic technologies का सेंटर बने.

2047 तक 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश ने 2047 तक राज्य को 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने स्वर्ण आंध्र 2047 की शुरुआत की है. इसमें केंद्र की एनडीए सरकार राज्य को पूरा सहयोग देगी. इसलिए केंद्र सरकार करोड़ों रुपये की परियोजनाएं देने में आंध्र प्रदेश को प्राथमिकता दे रही है.

पीएम मोदी ने कहा कि हम समुद्र से जुड़ी opportunities के पूरे इस्तेमाल के लिए Blue Economy को Mission Mode में बढ़ावा दे रहे हैं. आंध्र के हमारे fisheries से जुड़े भाई-बहनों की इनकम और बिजनेस बढ़े… हम इस दिशा में पूरी संवेदनशीलता से काम कर रहे हैं. हमने fisherman को किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई है। हम समुद्र में सुरक्षा के लिए भी अहम कदम उठा रहे हैं.

KRIS शहर की इस कारण रखी गई आधारशिला

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शहरीकरण को एक अवसर के रूप में देखती है. हम आंध्र प्रदेश को नए युग के शहरीकरण का एक उदाहरण बनाना चाहते हैं. इसी सपने को पूरा करने के लिए आज कृष्णापट्टनम औद्योगिक शहर (KRIS शहर) की आधारशिला रखी गई है.

उन्होंने कहा कि 2023 में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की गई. हमारा लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है. इसके लिए शुरुआत में दो ग्रीन हाइड्रोजन हब शुरू किए जाएंगे. इनमें से एक हब विशाखापत्तनम में स्थापित किया जाएगा.

वाराणसी पुलिस का बड़ा फैसला: चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाने वाले बच्चों के माता-पिता के खिलाफ होगी एफआईआर, ड्रोन से होगी निगरानी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पुलिस ने चाइनीज मांझा पर रोक लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. पुलिन ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए चाइनीज मांझा खरीदने वालों को बेचने वालों के जितना दोषी बताया है. चाइनीज मांझे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुए प्रशासन ने इसकी निगरानी ड्रोन से करने का फैसला लिया है

पुलिस चाइनीज मांझे की बिक्री करने वाले लोगों को चिंहित कर कार्रवाई करेगी. वहीं बिक्री करने वाले के बारे में अगर कोई पुलिस को कोई सूचना देता है तो उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा.पुलिस चाइनीज मांझा बेचने वालों के साथ मांझा खरीदने वालों पर भी मुकदमा दर्ज करेगी. प्रशासन का कहना है कि जो लोग चाइनीज मांझा खरीद रहे हैं, उनकी मंशा ठीक नहीं है और उन्हें लोगों की जान की परवाह नहीं है. ऐसे में चाइनीज मांझा खरीदने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद ये माना जा रहा है कि जिले में चाइनीज मांझा के इस्तेमाल पर रोक लग सकती है.

ड्रोन से होगी निगरानी

चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाने वालों की ड्रोन से पहचान करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. चाइनीज मांझे के उपयोग हेतु सभी माता-पिता तथा अभिभावकों को भी स्वतः देखने हेतु निर्देशित किया गया है. जिससे दोबारा कोई भी घटना ना हो. जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चे चाइनीज मांझे से पतंग न उड़ाएं ये अभिभावक की जिम्मेदारी है. पुलिस ने कहा है कि अगर कोई नाबालिग चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करता हुआ पाया जाता है तो उसके अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

अभिभावकों के खिलाफ होगी कार्रवाई

पुलिस ने ये भी कहा है कि अगर कोई नाबालिग बच्चा चाइनीज मांझा का इस्तेमाल करता हुआ पाया जाता है तो उसके माता-पिता को संबंधित थाने बुलाकर कार्रवाई की जायेगी. वहीं वयस्कों के खिलाफ भी चाइनीज मांझे का प्रयोग करते हुए पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. जिस क्षेत्र में घटना होती है उस क्षेत्र में चाइनीज मांझा बेचने वाले को चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जाएगी.

सांवलिया सेठ का खुला खजाना: दानपात्र से 12 करोड़ 44 लाख 79 हजार रुपये की हुई गिनती

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में प्रसिद्ध श्री सांवलिया जी मंदिर में दानपात्र से निकली राशि की गिनती का काम बीते मंगलवार को पूरी तरह से संपन्न हो गया. इस प्रक्रिया में अब तक कुल 12 करोड़ 44 लाख 79 हजार रुपयों की गिनती की जा चुकी है. मंगलवार को इस प्रक्रिया में 4 करोड़ 68 लाख 10 हजार रुपयों की गिनती हुई.

काउंटिंग की शुरुआत 29 दिसंबर से हुई थी, जब मंदिर के भंडार खोले गए थे. हालांकि, भक्तों की भारी भीड़ के कारण गिनती में रुकावटें भी आईं और प्रक्रिया थोड़ी धीमी हो गई. काउंटिंग की प्रक्रिया मंगलवार सुबह 11 बजे राजभोग आरती के बाद शुरू हुई. इस पहले सोमवार को दूसरे राउंड में 4 करोड़ 76 लाख 69 हजार रुपयों की गिनती की गई थी.

अभी 2 और राउंड की काउंटिंग बची

अब तक इस प्रक्रिया के दो राउंड बाकी हैं, जिनमें मनी ऑर्डर, चेक और ऑनलाइन जमा राशि की गिनती की जानी है. इसके साथ ही सोने और चांदी का तोल भी बाकी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले दो दिनों में पूरी काउंटिंग और तोल का काम खत्म हो जाएगा और फाइनल आकड़ा सबके सामने होगा.

गिनती में अधिकारी और कर्मचारियों की सक्रियता

काउंटिंग प्रक्रिया के दौरान मंदिर मंडल के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर, मंदिर प्रभारी राजेंद्र शर्मा और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी रही. इस कार्य में मंदिर के कर्मचारी भी सक्रिय रूप से शामिल थे. श्री सांवलिया जी मंदिर का यह खजाना हर साल श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए दान से जमा होता है, जिसे अब एक बड़ी राशि के रूप में गिना गया है.

श्रद्धालुओं की निगाहें और राशि का उपयोग

मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या बहुत अधिक है. इस प्रकार की भारी राशि की गिनती और जांच पर श्रद्धालुओं की नजरें लगी हुई हैं. अब यह देखा जाएगा कि मंदिर में किस प्रकार से यह राशि और दान का उपयोग होता है और श्रद्धालुओं को किस प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती हैं.

श्री सांवलिया जी मंदिर में हर साल भक्तों की भीड़ लगती है. इस साल भी भक्तों ने नए साल का स्वागत अपने आराध्य भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन से किया. कोहरे और ठंड के बावजूद हजारों श्रद्धालु सुबह चार बजे से ही मंदिर में दर्शन के लिए लाइन में खड़े नजर आए. उनका उत्साह इस कदर था कि वे किसी भी कठिनाई की परवाह किए बिना सांवलिया सेठ के दर्शन करने पहुंचे.