बाबा रामदेव ने खोला आचार्य बालकृष्ण से दोस्ती का राज, बताया कैसे बनी जोड़ी

पतंजलि योगपीठ देश ही नहीं दुनियाभर में मशहूर है. इसे बुलंदियों पर पहुंचाने में रामदेव के साथ ही आचार्य बालकृष्ण का भी बड़ा हाथ है. दोनों ने इसके लिए कड़ी मेहनत की. ऐसे में ये सवाल भी जहन में आता है कि आखिर इन दोनों की जोड़ी कैसे बनी, कब इनकी मुलाकात हुई, कैसे उनकी दोस्ती हुई. टीवी9 भारतवर्ष के खास शो 5 एडिटर्स में पहुंचे बाबा रामदेव ने कई मुद्दों पर बात की. इनमें से एक सवाल बालकृष्ण और उनकी दोस्ती को लेकर भी किया गया. चलिए आपको बताते हैं क्या कहा बाबा ने.

स्वामी रामदेव और बालकृष्ण की जोड़ी कैसे बनी, जब बाबा से ये सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि साल 1985 से पहले वो दोनों एक दूसरे को जानते तक नहीं थे. बाबा ने बताया कि दोनों की मुलाकात साल 1990 में गुरुकुल में हुई थी. इसी दौरान दोनों के बीच गहरी दोस्ती हो गई. बाबा ने बताया कि उन्होंने बालकृष्ण पर 100 प्रतिशत विश्वास किया. बालकृष्ण उन्हें गुरु मानते हैं. हमने शेयर होल्डिंग उनको दी फिर उन्होंने पूरी शेयर होल्डिंग ट्रस्ट को दी.

पतंजलि को अर्श तक पहुंचाने में बालकृष्ण का अहम रोल

आज बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण की जोड़ी दुनियाभर में मशहूर है. पतंजलि को अर्श तक पहुंचाने में बालकृष्ण का अहम रोल है. बाबा ने बताया कि आज पतंजलि का टर्नओवर 50 हजार करोड़ है. इसे 100 हजार करोड़ का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि हम जो अर्जित कर रहे हैं, वो भारत माता को समर्पित है. बाबा ने कहा कि हमने योग से लोगों को स्वस्थ बनाया. रामदेव की वजह से लाखों लोगों की दवाइयां छूटी हैं. मैंने लोगों को आरोग्य दिया है. रामदेव ने कहा कि वो उद्योगपति नहीं योगपति हैं. अगर आप पुरुषार्थ करते हैं तो अर्थ आएगा ही.

‘मैं अब काले धन पर नहीं काले मन पर बात करता हूं’

वहीं जब बाबा से काला धन वापस आने जैसे पुराने दावों को लेकर सवाल किया गया तो रामदेव ने कहा कि मैं अब काले धन पर नहीं काले मन पर बात करता हूं. उनसे पूछा गया कि आपके पास (रामदेव) धन ज्यादा आ गया इसलिए काला धन पर नहीं बोल रहे हैं. तो बाबा ने कहा कि न वो किसी से डरते हैं और न किसी को डराते हैं.

उन्होंने कहा कि मैं अपने काम की परवाह करता हूं. 50 साल से रामदेव अपने धर्म से पीछे नहीं हटा. मैंने अच्छे मुद्दे उठाए थे. मैं लोगों को जागरूक कर सकता हूं. मुझे विवेकशील दिमाग दिया है. बाबा ने कहा कि कई बार मेरे विचार मेरे लिए बहुत बड़ी चुनौती बन जाते हैं.

मुकेश अंबानी की Jio का बड़ा धमाका, 49 रुपये में यूजर्स को मिलेगा अनलिमिटेड डेटा

मुकेश अंबानी की टेलीकॉम कंपनी Reliance Jio के पास एक ऐसा सस्ता रिचार्ज प्लान है जो Airtel और Vodafone Idea उर्फ Vi को टक्कर देता है. जियो के इस सस्ते प्लान की कीमत मात्र 49 रुपये है, इस प्लान के साथ आप लोगों को कौन-कौन से बेनिफिट्स मिलेंगे और ये प्लान कितने दिनों की वैलिडिटी के साथ आता है? आइए जानते हैं.

Jio 49 Plan Details

49 रुपये वाले रिलायंस जियो प्रीपेड प्लान के साथ कंपनी की तरफ से आप लोगों को 1 दिन की वैलिडिटी मिलेगी. डेटा की बात करें तो कंपनी की ऑफिशियल साइट के मुताबिक, ये प्लान अनलिमिटेड डेटा के साथ आता है. एक बात जो यहां गौर करने वाली है वह यह है कि ये प्लान आपको 25 जीबी की एफयूपी लिमिट के साथ मिलेगा.

Airtel 49 Plan Details

49 रुपये वाला एयरटेल रिचार्ज प्लान के साथ 1 दिन की वैलिडिटी और अनलिमिटेड डेटा का फायदा दिया जा रहा है. कंपनी की वेबसाइट पर दी गई जानकारी से इस बात का पता चला है कि अनलिमिटेड डेटा के साथ आने वाला ये प्लान 20 जीबी की एफयूपी लिमिट के साथ आता है.

Vi 49 Plan Details

वोडाफोन आइडिया के पास भी 49 रुपये वाला रिचार्ज प्लान है, ये प्लान भी आप लोगों को एक दिन की वैलिडिटी के साथ मिलेगा लेकिन इस प्लान में 20 जीबी हाई स्पीड डेटा ही दिया जा रहा है. एक बात जो यहां ध्यान देने वाली है वह यह है कि एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और रिलायंस जियो तीनों ही कंपनियों के ये रिचार्ज प्लान डेटा पैक हैं.

डेटा पैक होने की वजह से 49 रुपये वाला इन प्लान्स के साथ न ही अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग और न ही एसएमएस का फायदा दिया जाता है. वैसे तो जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया के पास और भी कई डेटा प्लान्स हैं जो कम कीमत में मिल जाएंगे लेकिन 49 रुपये वाले प्लान की बात हुई कुछ खास है. ऐसा इसलिए क्योंकि इतनी कम कीमत में कोई भी कंपनी अनलिमिटेड डेटा का फायदा नहीं देती है.

पीएम मोदी की बड़ी सौगात: आंध्र प्रदेश में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का किया शुभारंभ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को वर्चुअल तरीके से विशाखापत्तनम में 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं की आधारशिला रखी और उनका शुभारंभ किया. उन्होंने यहां रेलवे जोन और अनकापल्ली जिले के पुदीमदका में एनटीपीसी के एकीकृत हरित हाइड्रोजन हब की आधारशिला रखी. उन्होंने रेल और सड़क क्षेत्र की विभिन्न परियोजनाओं को भी राष्ट्र को समर्पित किया. इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू और उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण भी मौजूद थे.

2024 में लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद पीएम मोदी का यह राज्य का पहला दौरा था. आंध्र प्रदेश में टीडीपी, बीजेपी और जनसेना से मिलकर बने एनडीए गठबंधन ने केंद्र सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाई.

इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारा आंध्र प्रदेश संभावनाओं और अवसरों का राज्य है. जब ये आंध्र की possibility साकार होगी, तो आंध्र भी विकसित बनेगा और तभी भारत भी विकसित राष्ट्र बनेगा, इसलिए आंध्र का विकास, ये हमारा विजन है. आंध्र के लोगों की सेवा, ये हमारा संकल्प है.

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश अपने innovative nature के कारण IT और technology का इतना बड़ा हब है. अब समय है, आंध्र नई futuristic technologies का सेंटर बने.

2047 तक 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य

उन्होंने कहा कि आंध्र प्रदेश ने 2047 तक राज्य को 2.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है. इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए चंद्रबाबू नायडू की सरकार ने स्वर्ण आंध्र 2047 की शुरुआत की है. इसमें केंद्र की एनडीए सरकार राज्य को पूरा सहयोग देगी. इसलिए केंद्र सरकार करोड़ों रुपये की परियोजनाएं देने में आंध्र प्रदेश को प्राथमिकता दे रही है.

पीएम मोदी ने कहा कि हम समुद्र से जुड़ी opportunities के पूरे इस्तेमाल के लिए Blue Economy को Mission Mode में बढ़ावा दे रहे हैं. आंध्र के हमारे fisheries से जुड़े भाई-बहनों की इनकम और बिजनेस बढ़े… हम इस दिशा में पूरी संवेदनशीलता से काम कर रहे हैं. हमने fisherman को किसान क्रेडिट कार्ड जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई है। हम समुद्र में सुरक्षा के लिए भी अहम कदम उठा रहे हैं.

KRIS शहर की इस कारण रखी गई आधारशिला

उन्होंने कहा कि हमारी सरकार शहरीकरण को एक अवसर के रूप में देखती है. हम आंध्र प्रदेश को नए युग के शहरीकरण का एक उदाहरण बनाना चाहते हैं. इसी सपने को पूरा करने के लिए आज कृष्णापट्टनम औद्योगिक शहर (KRIS शहर) की आधारशिला रखी गई है.

उन्होंने कहा कि 2023 में नेशनल ग्रीन हाइड्रोजन मिशन की शुरुआत की गई. हमारा लक्ष्य 2030 तक 5 मिलियन मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करना है. इसके लिए शुरुआत में दो ग्रीन हाइड्रोजन हब शुरू किए जाएंगे. इनमें से एक हब विशाखापत्तनम में स्थापित किया जाएगा.

वाराणसी पुलिस का बड़ा फैसला: चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाने वाले बच्चों के माता-पिता के खिलाफ होगी एफआईआर, ड्रोन से होगी निगरानी

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में पुलिस ने चाइनीज मांझा पर रोक लगाने के लिए बड़ा फैसला लिया है. पुलिन ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए चाइनीज मांझा खरीदने वालों को बेचने वालों के जितना दोषी बताया है. चाइनीज मांझे पर पूर्ण प्रतिबंध लगाते हुए प्रशासन ने इसकी निगरानी ड्रोन से करने का फैसला लिया है

पुलिस चाइनीज मांझे की बिक्री करने वाले लोगों को चिंहित कर कार्रवाई करेगी. वहीं बिक्री करने वाले के बारे में अगर कोई पुलिस को कोई सूचना देता है तो उसका नाम गोपनीय रखा जाएगा.पुलिस चाइनीज मांझा बेचने वालों के साथ मांझा खरीदने वालों पर भी मुकदमा दर्ज करेगी. प्रशासन का कहना है कि जो लोग चाइनीज मांझा खरीद रहे हैं, उनकी मंशा ठीक नहीं है और उन्हें लोगों की जान की परवाह नहीं है. ऐसे में चाइनीज मांझा खरीदने वालों पर भी कार्रवाई की जाएगी. जिसके बाद ये माना जा रहा है कि जिले में चाइनीज मांझा के इस्तेमाल पर रोक लग सकती है.

ड्रोन से होगी निगरानी

चाइनीज मांझे से पतंग उड़ाने वालों की ड्रोन से पहचान करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. चाइनीज मांझे के उपयोग हेतु सभी माता-पिता तथा अभिभावकों को भी स्वतः देखने हेतु निर्देशित किया गया है. जिससे दोबारा कोई भी घटना ना हो. जिलाधिकारी ने कहा कि बच्चे चाइनीज मांझे से पतंग न उड़ाएं ये अभिभावक की जिम्मेदारी है. पुलिस ने कहा है कि अगर कोई नाबालिग चाइनीज मांझे का इस्तेमाल करता हुआ पाया जाता है तो उसके अभिभावकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

अभिभावकों के खिलाफ होगी कार्रवाई

पुलिस ने ये भी कहा है कि अगर कोई नाबालिग बच्चा चाइनीज मांझा का इस्तेमाल करता हुआ पाया जाता है तो उसके माता-पिता को संबंधित थाने बुलाकर कार्रवाई की जायेगी. वहीं वयस्कों के खिलाफ भी चाइनीज मांझे का प्रयोग करते हुए पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जायेगी. जिस क्षेत्र में घटना होती है उस क्षेत्र में चाइनीज मांझा बेचने वाले को चिन्हित करते हुए कार्रवाई की जाएगी.

सांवलिया सेठ का खुला खजाना: दानपात्र से 12 करोड़ 44 लाख 79 हजार रुपये की हुई गिनती

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ जिले में प्रसिद्ध श्री सांवलिया जी मंदिर में दानपात्र से निकली राशि की गिनती का काम बीते मंगलवार को पूरी तरह से संपन्न हो गया. इस प्रक्रिया में अब तक कुल 12 करोड़ 44 लाख 79 हजार रुपयों की गिनती की जा चुकी है. मंगलवार को इस प्रक्रिया में 4 करोड़ 68 लाख 10 हजार रुपयों की गिनती हुई.

काउंटिंग की शुरुआत 29 दिसंबर से हुई थी, जब मंदिर के भंडार खोले गए थे. हालांकि, भक्तों की भारी भीड़ के कारण गिनती में रुकावटें भी आईं और प्रक्रिया थोड़ी धीमी हो गई. काउंटिंग की प्रक्रिया मंगलवार सुबह 11 बजे राजभोग आरती के बाद शुरू हुई. इस पहले सोमवार को दूसरे राउंड में 4 करोड़ 76 लाख 69 हजार रुपयों की गिनती की गई थी.

अभी 2 और राउंड की काउंटिंग बची

अब तक इस प्रक्रिया के दो राउंड बाकी हैं, जिनमें मनी ऑर्डर, चेक और ऑनलाइन जमा राशि की गिनती की जानी है. इसके साथ ही सोने और चांदी का तोल भी बाकी है. अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले दो दिनों में पूरी काउंटिंग और तोल का काम खत्म हो जाएगा और फाइनल आकड़ा सबके सामने होगा.

गिनती में अधिकारी और कर्मचारियों की सक्रियता

काउंटिंग प्रक्रिया के दौरान मंदिर मंडल के अध्यक्ष भैरूलाल गुर्जर, मंदिर प्रभारी राजेंद्र शर्मा और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी रही. इस कार्य में मंदिर के कर्मचारी भी सक्रिय रूप से शामिल थे. श्री सांवलिया जी मंदिर का यह खजाना हर साल श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाए गए दान से जमा होता है, जिसे अब एक बड़ी राशि के रूप में गिना गया है.

श्रद्धालुओं की निगाहें और राशि का उपयोग

मंदिर में आने वाले भक्तों की संख्या बहुत अधिक है. इस प्रकार की भारी राशि की गिनती और जांच पर श्रद्धालुओं की नजरें लगी हुई हैं. अब यह देखा जाएगा कि मंदिर में किस प्रकार से यह राशि और दान का उपयोग होता है और श्रद्धालुओं को किस प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती हैं.

श्री सांवलिया जी मंदिर में हर साल भक्तों की भीड़ लगती है. इस साल भी भक्तों ने नए साल का स्वागत अपने आराध्य भगवान सांवलिया सेठ के दर्शन से किया. कोहरे और ठंड के बावजूद हजारों श्रद्धालु सुबह चार बजे से ही मंदिर में दर्शन के लिए लाइन में खड़े नजर आए. उनका उत्साह इस कदर था कि वे किसी भी कठिनाई की परवाह किए बिना सांवलिया सेठ के दर्शन करने पहुंचे.

दिल्ली विधानसभा चुनाव: BJP को बड़ा झटका, AAP में शामिल हुए मंदिर प्रकोष्ठ के कई संत, केजरीवाल ने दिया ये बयान

विधानसभा चुनाव से पहले दिल्ली में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को बड़ा झटका दिया है. दिल्ली बीजेपी के मंदिर प्रकोष्ठ के कई सदस्यों ने बुधवार को अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में ‘आप’ का दामन थाम लिया है. इस मौके पर केजरीवाल ने कहा, आज मैं खुद को बहुत सौभाग्यशाली समझता हूं कि हमारे मंच पर जगतगुरु, महामंडलेश्वर, इतने संत-महात्मा आए हुए हैं और हमारे सामने भी इतने सारे संत और पंडित बैठे हैं. आप सब लोगों का आज के इस कार्यक्रम में मैं तहे दिल से स्वागत करता हूं. किस काम के लिए किसे तय करना है… मैं मानता हूं कि ये ऊपर वाला ही तय करता है. हम तो केवल निमित्त मात्रा हैं.

अरविंद केजरीवाल ने कहा, दिल्ली से शिक्षा क्रांति की शुरुआत हुई, ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करता हूं कि इस शिक्षा क्रांति की शुरुआत करने के लिए उसने हमें चुना. दिल्ली से स्वास्थ्य क्रांति की शुरुआत हुई, दिल्ली से बिजली के क्षेत्र में इतने बड़े-बड़े सुधार हुए जो कि पूरे देश के लिए एक रास्ता दिखाने वाली बात है, हम ऊपर वाले का शुक्रिया अदा करते हैं कि अब सनातन धर्म के लिए इतना बड़ा काम किया जा रहा है.

आम आदमी पार्टी जो कहती है, वो करती है

दिल्ली के पूर्व सीएम ने कहा, सनातन धर्म के लिए जो लोग (पुजारी वर्ग, संत वर्ग) 24 घंटे काम करते हैं, जो लोगों और भगवान के बीच एक तरह से सेतु का काम करते हैं, उनकी सेवा करने का मौका हमें मिला और हमें इस बारे में निमित्त बनाया, इसके लिए मैं अपने आपको और आम आदमी पार्टी को सौभाग्यशाली समझता हूं.

उन्होंने कहा, अभी सभी लोगों ने बताया कि भारतीय जनता पार्टी का एक मंदिर प्रकोष्ठ है. उस प्रकोष्ठ में वो लोग समय-समय पर वादे करते रहे कि हम ये करेंगे, हम वो करेंगे, ऐसा करेंगे, वैसा करेंगे लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया. आम आदमी पार्टी जो कहती है, वो करती है. चाहे हम ऐलान करने में थोड़ी देरी कर दें लेकिन एक बार ऐलान कर देते हैं तो करते हैं.

आप लोगों का इसमें मार्गदर्शन रहेगा

केजरीवाल ने कहा, हमने जो कहा है उसे चुनाव के बाद लागू करेंगे. आप लोगों का इसमें मार्गदर्शन रहेगा. सभी संत और सनातन धर्म के सभी लोगों का इसमें मार्गदर्शन रहेगा. उसी के हिसाब से हम इसको आगे लेकर जाएंगे. जितने लोग आज इस कार्यक्रम में आए और जितने लोग ये कार्यक्रम देख रहे हैं, उन सब लोगों को मैं बहुत-बहुत बधाई देता हूं. मैं समझता हूं कि आम आदमी पार्टी के लिए यह बहुत बड़े सौभाग्य का पल है.

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025: जानें कैसे चेक करें वोटर लिस्ट में अपना नाम

दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीखों का ऐलान हो गया है, अगले महीने 5 फरवरी को चुनाव होंगे. दिल्ली में वोटिंग के बाद 8 फरवरी को राजनीतिक पार्टियों की किस्मत का फैसला होगा. आप भी अगर दिल्ली में रहते हैं तो चुनाव की तारीख नजदीक आने से पहले इस बात को जरूर चेक कर लें कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है भी या नहीं?

आइए आपको बताते हैं कि दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख नजदीक आने से पहले आप किस तरह से Voter List में अपना नाम चेक कर सकते हैं? Voter List में आप लोगों का नाम है या फिर नहीं? इस बात को जानने के लिए कहीं भी जाने की जरूरत नहीं, घर बैठे आसानी से इस बात का पता लगा पाएंगे. वोटर लिस्ट में नाम चेक करने से पहले EPIC Number अपने पास रखें, ये नंबर आपको वोटर आईडी कार्ड पर लिखा मिलेगा.

Voter List में ऐसे चेक करें नाम

गूगल पर Voters Service Portal लिखकर सर्च करें या electoralsearch.eci.gov.in पर जाएं. साइट पर आप लोगों को नाम चेक करने के लिए तीन विकल्प दिखेंगे. पहला विक्लप, Search by EPIC, दूसरा तरीका सर्च बाय डिटेल्स और तीसरा तरीका सर्च बाय मोबाइल.

Search by EPIC ऑप्शन में पहले भाषा चुनने के लिए कहा जाएगा, इसके बाद EPIC नंबर, अपना राज्य और कैप्चा भरकर सर्च ऑप्शन पर क्लिक कर दें. दूसरा, सर्च बाय डिटेल्स ऑप्शन में राज्य, भाषा, नाम, पिता/पति का नाम, डेट ऑफ बर्थ, उम्र, जिला और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र जैसी जरूरी जानकारी भरनी होगी. ये सभी जानकारी देने के बाद कैप्चा भरकर सर्च करें.

तीसरा तरीका, सर्च बाय मोबाइल ऑप्शन में नाम चेक करने के लिए ये तरीका खोजते हैं तो आपको भाषा, राज्य, मोबाइल नंबर और कैप्चा भरकर सर्च करना होगा. आपके नंबर पर ओटीपी आएगा, ओटीपी डालने के बाद जैसे ही आप सर्च दबाएंगे आपको इस बात की जानकारी मिल जाएगी कि आपका नाम वोटर लिस्ट में है या नहीं.

HMPV वायरस अलर्ट: बच्चों के अलावा इन लोगों को भी है ज्यादा खतरा

बीते कुछ दिनों से अब भारत में भी HMPV (ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस) के मामले बढ़ रहे हैं. भारत में HMPV के 8 मामले सामने आ चुके हैं. अभी तक अधिकतर केस केवल बच्चों में ही आए हैं. इस वायरस से बच्चों को खांसी- जुकाम और कुछ मामलों में सांस लेने में परेशानी की समस्या भी हो रही है. स्वास्थ्य मंत्रालय वायरस को लेकर सतर्क है. एचएमपीवी वायरस के मामले बच्चों में तो आ ही रहे हैं, लेकिन बच्चों के अलावा किन लोगों को इस वायरस से ज्यादा खतरा है. इस बारे में जानते हैं.

एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कोविड से मिली सीख को ध्यान में रखते हुए, यह जरूरी है कि HMPV वायरस को हल्के में न लिया जाए. इस वायरस के बारे में जानकारी, लक्षण, और बचाव के उपायों को जानना जरूरी है. ये जानने के लिए हमने यशोदा सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल, कौशाम्बी की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. छवि गुप्ता से चर्चा की है.

HMPV वायरस क्या है?

HMPV, या ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस, एक मौसमी वायरस है. यह श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है और इसके लक्षण सर्दी-जुकाम के समान होते हैं. हाल के दिनों में यह चीन में तेजी से फैल चुका है और अब भारत में भी इसके मामले बढ़ने लगे हैं.

HMPV वायरस से किसे है सबसे ज्यादा खतरा?

छोटे बच्चे: इनका इम्यून सिस्टम पूरी तरह से विकसित नहीं होता.

बुजुर्ग: उम्र के साथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है.

अस्थमा के मरीज: यह वायरस श्वसन तंत्र पर सीधा हमला करता है.

क्रॉनिक बीमारियों से ग्रस्त लोग: जैसे डायबिटीज या हृदय रोग के मरीज.

HMPV वायरस के लक्षण

लगातार खांसी

सांस लेने में कठिनाई

गले में खराश

थकान और कमजोरी

HMPV वायरस से बचाव कैसे करें

हाथ धोकर भोजन करें

मास्क पहनें

संक्रमित व्यक्तियों से दूरी बनाएं रखें.

संक्रमित वस्तुओं को छूने से बचें

ना करें लक्ष्णों को नजरअंदाज

HMPV वायरस कोरोना जैसा खतरनाक नहीं है, लेकिन इसके लक्षणों को नजरअंदाज करना हानिकारक हो सकता है. यह वायरस विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए अधिक जोखिमपूर्ण है. ऐसे में इन लोगों को अपनी सेहत का खास ध्यान रखने की जरूरत है.

मध्य प्रदेश: पूर्व विधायक के घर से 14 किलो सोना और 3.80 करोड़ नगद बरामद, टैक्स चोरी का मामला आया सामने

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में परिवहन विभाग के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा के ठिकानों से मिले करोड़ों के सोने ओर नकदी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ है, अब प्रदेश के सागर में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक के ठिकानों से 14 किलो सोना बरामद हुआ है. आयकर विभाग की टीम के छापे में 3 करोड़ 80 लाख रुपये की नगदी भी बरामद हुई है. करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी का मामला भी सामने आया है.

सागर जिले के बंडा के पूर्व भाजपा विधायक हरबंश सिंह राठौर के घर आयकर विभाग की कार्रवाई में करोड़ों का का जखीरा मिला है. टीम को जांच में 14 किलो सोना और 3.80 करोड़ नगद मिले हैं. 150 करोड़ की टैक्स चोरी भी पकड़ाई है. साथ ही जांच में 200 करोड़ से अधिक की संपत्ति का भी पता चला है.

150 करोड़ रुपये को टैक्स चोरी

सागर में बीडी और कंस्ट्रक्शन कारोबारी पूर्व पार्षद राजेश केसरवानी और बांडा से बीजेपी के पूर्व विधायक हरबंश सिंह राठौर के ठिकानों पर की गई आईटी की छापेमार कार्रवाई में करीब डेढ़ सौ करोड़ की टैक्स चोरी सामने आई है.आयकर विभाग की कार्रवाई में दोनों के ठिकानों से नगदी के साथ गोल्ड भी बरामद हुआ है. पूर्व पार्षद व कारोबारी राजेश केसरवानी के यहां से सात लग्जरी कारें भी जब्त हुई हैं. यह कारें किसी और के नाम पर हैं लेकिन इसका इस्तेमाल केसरवानी परिवार कर रहा था.

अभी भी चल रही छापामार कार्रवाई

आयकर विभाग की टीमों ने सागर जिले में पूर्व विधायक के ठिकानों पर रविवार को छापा मारा था. इस कार्रवाई में केसरवानी बंधु दो सूदखोर और कैंट बोर्ड में पदस्थ रहे अधिकारी फर्म को भी जांच में लिया था. पूर्व विधायक के ठिकानों पर आयकर की कार्रवाई खत्म हो गई, लेकिन केसरवानी बंधुओ के यहां अभी भी चल रही है. पूर्व विधायक का बीड़ी का भी कारोबार है.

विपक्ष हुआ हमलावर

राठौर परिवार दशकों से सागर संभाग का बड़ा बीड़ी कारोबारी रहा है. पूर्व विधायक हरवंश राठौर के पिता हरनाम सिंह राठौड़ मंत्री रहे हैं.

इसलिए यह राजनीति में भी काफी रसूख रखने वाला परिवार है. भाजपा के पूर्व विधायक के ठिकानों पर करोड़ों का जखीरा मिलने पर विपक्ष हमलावर है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया एक पर समाचार पत्र की खबर पोस्ट करते हुए लिखा – ‘मध्य प्रदेश में डाकू-लुटेरे तो खत्म हो गए, लेकिन BJP नेताओं ने उनकी कमी पूरी कर दी.’

कौन हैं वी नारायण जो चुने गए नए ISRO चीफ, एस सोमनाथ की लेंगे जगह

भारत के प्रतिष्ठित वैज्ञानिक और आंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉ एस सोमनाथन की जगह वी नारायणन लेगें. केंद्र सरकार की तरफ से की गई घोषणा के मुताबिक, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के सचिव के तौर पर वी नारायणन अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे. इस विषय पर मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति की ओर से आदेश दिया गया. वी नारायणन 14 जनवरी को पदभार ग्रहण करेंगे.

न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, वी नारायणन अगले दो सालों तक या अगली सूचना तक इस पद पर काम कर सकते हैं. मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने वी. नारायणन, निदेशक, वलियामाला को अंतरिक्ष विभाग के सचिव और अंतरिक्ष आयोग के सचिव के रूप में 14 जनवरी 2024 से दो साल की अवधि के लिए या अगले आदेशों तक इनमें से जो भी पहले हो, उस समय तक के लिए नियुक्ति को मंजूरी दी है. वर्तमान सचिव के एस सोमनाथन के कार्यकाल में ही चंद्रयान-3 को सफलता मिली थी.

इसरो के नए अध्यक्ष वी नारायणन कौन हैं?

वी नारायणन जाने-माने वैज्ञानिक हैं. इनके पास रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन में लंबा अनुभव है. लगभग चार दशकों के अनुभव के साथ वो इस जिम्मेदारी को निभाने में अपनी भूमिका निभाएंगे. वह रॉकेट और अंतरिक्षयान प्रणोदन(स्पेसक्राफ्ट प्रोपल्शन) विशेषज्ञ हैं. 19वीं सदी में इसरो में बतौर साइंटिस्ट शामिल हुए. द्रव प्रणोदन प्रणाली केंद्र (एलपीएससी) के निदेशक बनने से पहले कई बड़े पदों पर काम किया.

शुरुआती समय में उन्होंने विक्रम साराभाई अंतरिक्ष केंद्र (वीएसएससी) में साउंडिंग रॉकेट और संवर्धित उपग्रह प्रक्षेपण यान (एएसएलवी) और ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (पीएसएलवी) के ठोस प्रणोदन क्षेत्र में काम किया. वी नारायणन ने प्रक्रिया नियोजन, प्रक्रिया नियंत्रण और एब्लेटिव नोजल सिस्टम, कम्पोजिट मोटर केस और कम्पोजिट इग्नाइटर केस को बनाने में भी अहम भूमिका निभाई.

मौजूदा समय में नारायणन एलपीएससी के निदेशक हैं. ये इसरो के प्रमुख केंद्र में से एक है. इसका मुख्यालय तिरुवनंतपुरम के वलियमाला में स्थित है. इसकी एक यूनिट बेंगलुरु में अवस्थि है.

इसरो हाल ही में स्वदेशी रूप से निर्मित स्पेस डॉकिंग तकनीक स्पैडेक्स को लॉन्च करने के लिए चर्चा में रहा है. ये चंद्रयान 4 और गगनयान जैसे महत्वाकांक्षी मिशनों के लिए काफी अहम है. इसने भारत को उन देशों की सूची में शामिल कर दिया है जिनके पास यह तकनीक है. ऐसे दूसरे देश USA, रूस और चीन हैं. एलपीएससी के निदेशक के रूप में, केंद्र ने 45 लॉन्च वाहनों और 40 उपग्रहों के लिए 190 लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम और कंट्रोल पावर प्लांट वितरित किए हैं.

बीटेक, एमटेक और पीएचडी पूरी की

डॉ. नारायणन ने अपनी स्कूली शिक्षा और डीएमई प्रथम रैंक और मैकेनिकल इंजीनियरिंग में एएमआईई के साथ पूरी की है. उन्होंने क्रायोजेनिक इंजीनियरिंग में पहली रैंक के साथ एम.टेक और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में पीएचडी पूरी की.

डीएमई पूरा करने के तुरंत बाद, टीआई डायमंड चेन लिमिटेड, मद्रास रबर फैक्ट्री, बीएचईएल, त्रिची और बीएचईएल, रानीपेट में डेढ़ साल तक काम किया. वह 1984 में इसरो में शामिल हुए और जनवरी 2018 को एलपीएससी के निदेशक बनने से पहले विभिन्न क्षमताओं में कार्य किया.

चंद्रयान मिशन की सफलता में भी रहा योगदान

क्रायोजेनिक प्रोपल्शन सिस्टम के विकास ने भारत को इस क्षमता वाले छह देशों में से एक बना दिया और लॉन्च व्हीकल में आत्मनिर्भरता सुनिश्चित की. इसमें इनकी अमह भूमिका रही. जीएसएलवी एमके-III एम1/चंद्रयान-2 और एलवीएम3/चंद्रयान-3 मिशनों के लिए, उनकी टीम ने एलवीएम3 प्रणोदन प्रणालियों के लिए एल110 लिक्विड स्टेज और सी25 क्रायोजेनिक स्टेज विकसित किया, जिसका इस्तेमाल किया गया.

ये अंतरिक्ष यान को पृथ्वी से चंद्रमा की कक्षा में ले गया और विक्रम लैंडर की थ्रॉटलेबल प्रणोदन प्रणाली का उपयोग चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग के लिए किया गया. वे राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञ समिति के अध्यक्ष थे, जिसने चंद्रयान-2 की हार्ड लैंडिंग के कारणों को खोजा. साथ ही इनमें आवश्यक सुधारों की सिफारिश की. इसी वजह से अंततः चंद्रयान-3 की सफलता में भी इनका काफी योगदान रहा.