बर्फीली हवाओं से कांपा यूपी, पूर्वांचल में तीन की मौत

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

कड़ाके की सर्दी से यूपी को राहत नहीं मिल पा रही। बीते 24 घंटों में में प्रदेश के क‌ई जिलों में लोग ठिठुरते रहे। दिनभर 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पछुआ हवा चली। ठंड से वाराणसी, आजमगढ़ और बलिया में एक - एक लोगों की मौत हुई। लखनऊ सबसे ठंड यहां जहां दिन का तापमान भी 13.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। मौसम विभाग के अनुसार, फिलहाल राहत मिलने की उम्मीद नहीं है। कोहरे की प्ररत प्रदेश के अधिसंख्य जिलों में छाई हुई है। पहाड़ों पर बर्फबारी हुई है और पछुआ उसी ओर से रही है। ऐसे में मैदानी इलाकों में गलन बढ़ती जा रही है। दिन का तापमान नीचे आने से मुसीबतें और बढ़ रही है। शुक्रवार और शनिवार को हल्की बारिश के आसार हैं। मौसम विभाग ने 72 घंटे में कड़ाके की सर्दी का अलर्ट जारी किया है। 11-12 जनवरी को वेस्ट यूपी में बारिश के आसार हैं।

सबसे ठंडा बलिया में न्यूनतम पारा 8 डिग्री

पूर्वांचल में सबसे ठंडा बलिया रहा। यहां न्यूनतम तापमान आठ डिग्री रिकॉर्ड किया गया। म‌ऊ, चंदौली, गाजीपुर और भदोही में नौ, सोनभद्र में 9.6 जौनपुर और आजमगढ़ में 10 और वाराणसी में 13 डिग्री न्यूनतम पारा रहा।

देश का हाल : घने कोहरे ठंड से बेहाल उत्तर भारत

कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, ओडिशा, में बहुत घना कोहरा छाया रहा। हिमाचल, उत्तराखंड, चंडीगढ़, बिहार, बंगाल के गंगा के मैदानी इलाकों और झारखंड के इलाकों में घना कोहरा रहा। कश्मीर में अधिकांश जगह रात में पारा बढ़ा, जबकि तमिलनाडु के ऊटी में शून्य डिग्री पारा रहा।

अभी शीतलहर से राहत की संभावना नहीं - मौसम वैज्ञानिक

मौसम वैज्ञानिक डॉ सुनील पांडेय ने बताया - अगर मौसम कुछ साफ और बर्फीली तेज हवाएं चली तो सर्दी और कहर बरपाएगी। धुंध और कोहरा बना रहेगा। फिलहाल शीतलहर से राहत की संभावना नहीं है।

अतुल सुभाष की मां को नहीं मिली पोते की कस्टडी, सुप्रीम कोर्ट ने की ये अहम टिप्पणी

#atul_subhash_mother_not_get_custody_of_her_grandson_court_rejected_petition

पत्नी पर प्रताड़ना का आरोप लगाकर आत्महत्या करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष की मां को उनके नाबालिग बेटे की कस्टडी देने से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। कोर्ट ने सुनवी के दौरान अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि वह बच्चे के लिए अजनबी हैं। मंगलवार को सुनवाई करते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि बच्चे की मां जीवित हैं, वहीं सुभाष की मां यानी बच्चे की दादी ‘उसके लिए अजनबी’ है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हमने बच्चे की दादी की हैबियस कार्पस पिटीशन को इसलिए सुनवाई के लिए मंजूर किया था क्योंकि उस अर्जी में आशंका जाहिर की गई थी कि बच्चा कहां है, इसकी जानकारी नहीं मिल पा रही है। अब पता चल गया है कि बच्चा अपनी मां के पास है। दरअसल सुनवाई के दौरान अतुल की पत्नी निहिता सिंघानिया की ओर से कोर्ट को बताया गया कि बच्चा अभी उसके पास है।

सुप्रीम कोर्ट की दो जजों की बेंच में शामिल एक जज ने अतुल सुभाष की मां से कहा, अगर आप बच्चे की कस्टडी चाहती हैं, तो एक अलग प्रक्रिया है। कोर्ट ने उनसे कहा, हम यह नहीं कहना चाहते, लेकिन आप बच्चे के लिए अजनबी हैं। अगर आप चाहें तो बच्चे से मिल लें। अदालत ने अतुल सुभाष की मां से यह भी आग्रह किया कि जब तक अदालत में उसका अपराध साबित नहीं हो जाता, तब तक वह अपनी बहू को दोषी न कहें।

सुनवाई के दौरान बच्चे की मां निकिता सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि बच्चा अब मां के पास है। इस केस में मां को ज़मानत मिलने के बाद उन्होंने आज सुबह बच्चे की कस्टड़ी हासिल कर ली है। जब वो जेल में थी, उस वक्त बच्चा फरीदाबाद के बोर्डिंग स्कूल में था। अब चूंकि ज़मानत की शर्तों के मुताबिक उन्हें बैंगलुरू में जांच अधिकारी के सामने पेश होना पड़ता है। इसलिए वो बच्चे को अपने साथ बैंगलुरू ले जाएगी।

अतुल सुभाष की मां अंजू देवी की ओर से पेश वकील ने बच्चे की कस्टडी, उसकी दादी को सौंपने की मांग की। वकील ने कहा कि बच्चे की उम्र 4 साल है। मां उसकी सही तरीके से देखभाल नहीं कर पाएगी। नियमों के मुताबिक 6 साल से कम उम्र के बच्चे को बोर्डिंग स्कूल में दाखिल नहीं किया जा सकता। इसके बावजूद बच्चा करीब डेढ़ साल से बोर्डिंग स्कूल में है।

इससे पहले बेंगलुरु की एक अदालत ने शनिवार को इंजीनियर अतुल सुभाष की पत्नी निकिता सिंघानिया और उनकी मां को जमानत दे दी। निशा सिंघानिया और भाई अनुराग सिंघानिया पर आत्महत्या के लिए उकसाने के मामले में मुकदमा दर्ज किया गया है।

34 वर्षीय अतुल सुभाष ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु में अपनी पत्नी और उसके परिवार पर उत्पीड़न का आरोप लगाते हुए आत्महत्या कर ली थी। सुभाष ने आरोप लगाया था कि उसके ससुराल वालों ने तलाक के लिए उस पर तीन करोड़ रुपये देने का दबाव बनाया था। उसके 40 पन्नों के सुसाइड नोट और डेढ़ घंटे के वीडियो के आधार पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ मामला दर्ज किया, उन्हें गिरफ्तार किया और उत्तर प्रदेश से बेंगलुरु ले आई थी।

ट्रूडो के इस्तीफे के बाद कौन होगा अगला पीएम? दौड़ में भारतवंशी अनीता आनंद

#who_is_anita_anand_in_race_of_next_canada_pm 

जस्टिन ट्रूडो राजनीतिक अंदरूनी कलह और अनिश्चित आर्थिक संभावनाओं के बीच नाराज मतदाताओं के सामने झुक गए। कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। वो करीब एक दशक से इस पद पर बने हुए थे। इस फैसले के बाद पूरी दुनिया के सियासी हलकों में इसकी खूब चर्चा हो रही है। अब उनके बाद कनाडा का अगला पीएम कौन होगा, इसे लेकर जमकर अटकलबाजियां हो रही है। पीएम पद की रेस में कनाडा मूल के नेताओं के साथ ही भारतीय मूल की कनाडाई राजनेता अनीता आनंद का नाम भी शामिल है।

कनाडा में पीएम पद की रेस में भारतवंशी सांसद अनीता आनंद का भी चर्चा में है। अनीता आनंद ट्रूडो मंत्रिमंडल में शामिल हैं। वह कनाडा की रक्षा मंत्री रह चुकी हैं। साथ ही मौजूदा समय में परिवहन और आंतरिक व्यापार मंत्री हैं। अनीता के अलावा इस रेस में पियरे पोलीवरे, क्रिस्टिया फ्रीलैंड, और मार्क कार्नी जैसे बड़े नेता भी शामिल हैं।

अनीता इंदिरा आनंद का जन्म केंटविले, नोवा स्कोटिया में हुआ था। उनके माता-पिता (दोनों का देहांत हो चुका है) इंडियन फिजिशियन थे। उनके पिता तमिलनाडु से और उनकी मां पंजाब से थीं। आनंद की दो बहनें हैं – गीता आनंद, टोरंटो में एक वकील हैं, और सोनिया आनंद, मैकमास्टर यूनिवर्सिटी में एक फिजिशियन और रिसर्चर हैं। आनंद 1985 में ओंटारियो चली गईं। उन्होंने और उनके पति जॉन ने अपने चार बच्चों का पालन-पोषण ओकविले में किया। आनंद ने अपने करियर के दौरान अब तक कई पदों पर काम किया है। 

अनीता आनंद पहली बार 2019 में ओकविले के लिए संसद सदस्य के रूप में चुनी गई थीं। उन्होंने 2019 से 2021 तक सार्वजनिक सेवा और खरीद मंत्री के रूप में कार्य किया और ट्रेजरी बोर्ड के अध्यक्ष और राष्ट्रीय रक्षा मंत्री के रूप में भी काम किया।

राजनीति के अलावा अनीता आनंद की पहचान एक विद्वान, वकील और रिसर्चर की रही है। वह टोरंटो यूनिवर्सिटी में कानून की प्रोफेसर रही हैं जहां उन्होंने इनवेस्ट प्रोटक्शन और कॉर्पोरेट गर्वनेंस में जेआर किंबर चेयर का पद संभाला था। आनंद ने एसोसिएट डीन के रूप में कार्य किया है और मैसी कॉलेज के गवर्निंग बोर्ड की सदस्य भी रही हैं। वह कैपिटल मार्केट्स इंस्टीट्यूट, रोटमैन स्कूल ऑफ मैनेजमेंट में नीति और अनुसंधान की निदेशक रही हैं। उन्होंने येल लॉ स्कूल, क्वीन्स यूनिवर्सिटी और वेस्टर्न यूनिवर्सिटी में भी कानून पढ़ाया है। अनीता आनंद ने क्वीन्स यूनिवर्सिटी से राजनीतिक अध्ययन में बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स), ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से न्यायशास्त्र में बैचलर ऑफ आर्ट्स (ऑनर्स), डलहौजी यूनिवर्सिटी से बैचलर ऑफ लॉ और टोरंटो यूनिवर्सिटी से मास्टर ऑफ लॉ की डिग्री हासिल की है।

क्या तब भारत-कनाडा के संबंध सुधरेंगे?

अनीता आनंद अपने शानदार लीडरशिप, विकास के कार्य और जनसेवा के लिए खूब चर्चित रही हैं। माना जा रहा है कि यदि अनीता आनंद कनाडाई पीएम के पद पर आसीन होती हैं तो भारत और कनाडा के रिश्तों में मधुरता आएगी। जस्टिन रूडो के दौर में भारत और कनाडा के बीच के रिश्तों में खटास देखा गया था। इस दौर में दोनों देशों के बीच का संबंध अपने निचले स्तर पर जा पहुंचा था। निज्जर मामले के बाद ट्रूडो सरकार की तरफ से जमकर भारत विरोधी बयानबाज़ियां हुई थीं। भारत की सरकार की तरफ़ से ट्रूडो प्रशासन पर खलिस्तानी आतंकियों और समर्थकों को शरण देने के आरोप लगाए गए थे।

पीएम मोदी से मिलीं प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा,जान‍िए क्‍यों बोलीं-थैंक्‍यू

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पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उन्‍होंने सोशल मीडिया पर पीएम मोदी के साथ तस्वीर शेयर करते हुए पीएम मोदी की जमकर तारीफ की। साथ ही ये जानकारी भी शेयर की कि केन्द्र सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय प्रणब मुखर्जी का स्मारक बनाने का फैसला किया है।

पीएम से मुलाकात के बाद शर्मिष्ठा मुखर्जी ने एक्‍स पर लिखा, मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उनकी और उनकी सरकार का तहे द‍िल से शुक्रिया क‍ि उन्‍होंने मेरे बाबा (प्रणब मुखर्जी) के ल‍िए स्‍मारक बनाने का फैसला ल‍िया है। यह इसल‍िए भी खास है क्‍योंक‍ि न तो हमारी तरफ से और न ही क‍िसी और ने बाबा का मेमोर‍ियल बनाने के ल‍िए सरकार से कोई मांग की थी। प्रधानमंत्री के इस दयालु भाव से मैं बहुत प्रभाव‍ित हूं।

शर्मिष्ठा ने आगे लिखा, बाबा कहा करते थे राजकीय सम्मान कभी मांगा नहीं जाना चाहिए, बल्कि दिया जाना चाह‍िए। मैं बहुत आभारी हूं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बाबा की याद में ऐसा किया। इससे बाबा पर कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे अब कहां हैं, प्रशंसा या आलोचना से परे हैं। लेकिन उनकी बेटी यानी मेरे ल‍िए यह इतना बड़ा काम है, जिसकी खुशी मैं अपने शब्‍दों में बयां नहीं कर सकती।

इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन के बाद कांग्रेस की ओर से स्मारक बनाए जाने की मांग पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस को जमकर खरी-खरी सुनाई थी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार को पत्र लिखकर मांग की है कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए दिल्ली में जमीन आवंटित की जाए। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस की इस मांग को लेकर उसकी आलोचना की। शमिष्ठा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट लिखकर दावा किया है कि जब 2020 में उनके पिता और देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हुआ तो कांग्रेस नेतृत्व ने कांग्रेस कार्य समिति द्वारा शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई।

अमित शाह ने लॉन्च किया ‘भारतपोल’पोर्टल, जानें कैसे करेगा काम?

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अब विदेश में छिपने वाले भारत के दुश्मनों की खैर नहीं। विदेश में छिपे मोस्ट वॉन्टेड अपराधियों पर नकेस कसने के लिए भारत सरकार ने इंटरपोल की तर्ज पर अपना एक प्लेटफॉर्म बनाया है। इसके जरिए, भारत सरकार विदेश में बैठे वॉन्टेड अपराधियों की धरपकड़ के लिए दूसरे देशों की पुलिस से मदद मांग सकेगी। इस सिस्टम से इंटरपोल को सूचना देना और मदद मांगना आसान हो जाएगा।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आज मंगलवार को सीबीआई की ओर से तैयार किए गए पोर्टल भारतपोल की शुरुआत कर दी। भारतपोल पोर्टल के लॉन्च पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि 'भारतपोल' का लॉन्च देश की अंतरराष्ट्रीय जांच को एक नए युग में ले जाने वाली शुरुआत है। 'भारतपोल' की मदद से देश की हर जांच एजेंसी, हर राज्य की पुलिस खुद को बहुत सरलता से इंटरपोल के साथ जोड़ पाएगी और जांच को गति दे पाएगी। अमित शाह ने भारतपोल पोर्टल की तारीफ करते हुए कहा कि सीबीआई ही इंटरपोल के साथ काम करने वाली एकमात्र एजेंसी थी,लेकिन भारतपोल के लॉन्च के साथ, हर भारतीय एजेंसी और सभी राज्यों की पुलिस आसानी से इंटरपोल से जुड़ पाएगी। हम अंतराल को पाट सकेंगे और अपराध को नियंत्रित करने के लिए कुशलतापूर्वक काम कर सकेंगे।

'भारतपोल' के 5 प्रमुख मॉड्यूल

अमित शाह ने कहा, 'कनेक्ट, नोटिस, रेफरेंस, ब्रॉडकास्ट और रिसोर्स, ये पांच 'भारतपोल' के प्रमुख मॉड्यूल होंगे, जिनके माध्यम से हमारे देश की सभी लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियां एक प्लेटफॉर्म पर आ जाएंगी।

कनेक्ट- देश में इंटरपोल के लिए राष्ट्रीय केंद्रीय ब्यूरो के रूप में सीबीआई को इंटरपोल संपर्क अधिकारियों तथा यूनिट अधिकारियों को शामिल करके देश के सभी कानून प्रवर्तन प्राधिकरणों के साथ एक ही मंच पर जोड़ता है।

नोटि- किसी भी मामले में इंटरपोल को नोटिस भेजने के लिए तेजी से अनुरोध किया जा सकेगा, साथ ही यह सुरक्षित और संरचित भी रहेगा। ये दुनियाभर की सभी कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए वैश्विक सूचनाओं का मंच है।

रेफरेंस- इंटरपोल चैनलों के जरिए 195 देशों से आपराधिक मामलों और विदेश में जांच के लिए भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को त्वरित अंतरराष्ट्रीय मदद की सुविधा प्रदान करता है।

ब्रॉडकास्ट- मदद के लिए 195 विदेशी देशों से अनुरोध या उनके द्वारा साझा की गई आपराधिक खुफिया जानकारी को कार्रवाई या भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों को जानकारी के लिए प्रेषित किया जा सकता है।

रिसोर्स- प्रासंगिक दस्तावेजों और क्षमता निर्माण संसाधनों तक पहुंच प्रदान करेगा. जांच एजेंसियों की कामयाबी की कहानियों और नए घटनाक्रम को प्रदर्शित करने के लिए भारतपोल एक अहम विंडो के रूप में काम करेगी।

कैसे काम करेगा भारतपोल?

अब तक अगर किसी भारतीय राज्य की पुलिस या किसी अन्य जांच एजेंसी को विदेश में छिपे किसी अपराधी को भारत लाना होता था,तो उन्हें सीबीआई से संपर्क करना पड़ता था। यह संपर्क आमतौर पर ईमेल या फिर पारंपरिक पत्राचार के माध्यम से होता था। इस प्रक्रिया में सूचनाओं के लीक होने का खतरा भी बना रहता था, लेकिन अब भारतपोल के आने से इस प्रक्रिया में क्रांति आ गई है। भारतपोल के माध्यम से देश के सभी राज्यों के पुलिस प्रमुख और अन्य जांच एजेंसियां सीधे इस पोर्टल से जुड़ सकेंगी। इसका मतलब है कि अब उन्हें सीबीआई के माध्यम से जाने की जरूरत नहीं होगी। अभी के सूरत-ए-हाल के हिसाब से ये वॉन्टेड भारत में आतंकवाद या अन्य किसी भी तरह का क्राइम करके देश छोड़कर विदेशों में छिप जाते हैं या फिर विदेशी धरती से भारत में आतंकवाद और अन्य किसी तरह के क्राइम में शामिल रहते हैं।

जेल में बंद आसाराम को सुप्रीम कोर्ट ने दी राहत, मेडिकल के आधार पर मिली जमानत

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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को आसाराम को नाबालिग से बलात्कार के मामले में जमानत दे दी है। कोर्ट ने आसाराम को मेडिकल के आधार जमानत दी है। बता दें कि 2013 में रेप केस में आसाराम को उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी। तभी से आसाराम जेल में बंद है। सुप्रीम कोर्ट ने मेडिकल ग्राउंड पर 31 मार्च तक अंतरिम जमानत दी है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अंतरिम जमानत पर रिहा होने के बाद आसाराम सबूतों से छेड़छाड़ करने की कोशिश नहीं करेगा। आसाराम को अपने अनुयायियों से मिलने की इजाजत नहीं है। न्यायमूर्ति एम एम सुंदरेश और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने आसाराम को रिहाई के बाद अपने अनुयायियों से नहीं मिलने का निर्देश दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि 86 वर्षीय आसाराम हृदय रोग के अलावा उम्र संबंधी विभिन्न स्वास्थ्य समस्याओं से पीड़ित है। वह केवल चिकित्सा आधार पर इस मुद्दे की जांच करेगा।

आसाराम को 2013 में अपने जोधपुर आश्रम में 16 वर्षीय लड़की से दुष्कर्म करने का दोषी ठहराया गया था। 2018 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले उसने कई बार स्वास्थ्य के आधार पर सजा निलंबित करने की याचिका दायर की थी, लेकिन याचिका को पहले हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था। शीर्ष अदालत ने 2023 में गांधीनगर अदालत द्वारा दी गई आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने की आसाराम की याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा था। आसाराम वर्तमान में बलात्कार के एक अन्य मामले में राजस्थान की जोधपुर जेल में बंद है।

अगस्त में सात दिन के लिए आया था जेल से बाहर

इससे पहले अगस्त में आसाराम को दिल संबंधी बीमारी का इलाज कराने के लिए जोधपुर की सेंट्रल जेल से बाहर लाया गया था। हाईकोर्ट ने 13 अगस्त को आसाराम को पुलिस हिरासत में महाराष्ट्र के एक आयुर्वेदिक अस्पताल में सात दिनों तक इलाज कराने की अनुमति दी थी। साथ ही पैरोल देते समय हाईकोर्ट ने कुछ शर्तें रखी थीं, जिसमें यह भी शामिल था कि उसके साथ चार पुलिसकर्मी यात्रा करेंगे, उन्हें अपने साथ दो परिचारक रखने की भी अनुमति थी। उसे पुणे में एक निजी कॉटेज में रखा जाएगा और इलाज का पूरा खर्च और आने-जाने के साथ-साथ पुलिस व्यवस्था में होने वाला खर्च भी उसे ही वहन करना होगा।

दो मामलों में दोषी करार

सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के बाद भी आसाराम जेल से बाहर नहीं आ पाएंगे। उन्‍हें एक नहीं बल्कि दो मामलों में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। ऐसे में जबतक दोनों मामलों में कोर्ट जमानत नहीं देती उन्‍हें सलाखों के पीछे ही रहना होगा। आसाराम को 2 मामलों में सजा मिली थी। जोधपुर कोर्ट में दाखिल केस के मुताबिक आसाराम को जोधपुर पुलिस ने इंदौर के आश्रम से साल 2013 में अरेस्‍ट किया गया था। इसके बाद से आसाराम जेल में बंद था। पांच साल चली लंबी सुनवाई के बाद 25 अप्रैल 2018 को कोर्ट ने आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

इसके अलावा दूसरा मामला गुजरात के गांधीनगर कोर्ट का है। आसाराम के खिलाफ गुजरात के गांधीनगर में आश्रम की एक महिला ने रेप का मामला दर्ज करवाया था। कोर्ट ने 31 जनवरी 2023 को इस मामले में आसाराम को उम्र कैद की सजा सुनाई थी।

वो बिना सबूत शक की नई दुनिया रौनक करते हैं', ईवीएम से छेड़छाड़ के आरोपों पर चुनाव आयुक्त का शायराना जवाब

#cecrajivkumarsaidonmanipulationto_evm

दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख का एलान हो गया है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मंगवार को दिल्ली चुनाव की तारीख की घोषणा की। दिल्ली विधानसभा चुनावों की तारीखों के एलान के बीच मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने वोटर लिस्ट में नाम काटने, जोड़ने, ईवीएम में छेड़छाड़ से लेकर वोटिंग प्रतिशत में बढ़ोतरी पर जवाब दिया।प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजीव कुमार काफी एग्रेसिव नजर आए, साथ ही सवालों का जवाब देते समय शायराना भी दिखे।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने आरोपों का जवाब शायरी में दिया। उन्होंने शायराना अंदाज में कुछ यूं कहा:

सब सवाल अहमियत रखते हैं जवाब तो बनता है

आदतन कलमबंद जवाब देते रहे,

आज तो रू-ब-रू भी बनता है

क्या पता हम कल हो न हो, आज जवाब तो बनता है

कर न सके इकरार तो कोई बात नहीं,

मेरी वफा का उनको ऐतबार तो है

शिकायत भले ही उनकी मजबूरी हो,

मगर सुनना, सहना और सुलझाना हमारी आदत है

ईवीएम पर सवाल उठाने वालों को सीईसी राजीव कुमार का जवाब

ईवीएम पर उठ रहे सवालों का जवाब देते हुए चीफ इलेक्शन कमिश्नर ने कहा कि चुनाव से 7-8 दिन पहले ईवीएम तैयार की जाती है। हर दल को वोटर लिस्ट के बारे में जानकारी दी जाती है। एजेंट के सामने ईवीएम में चुनाव चिन्ह डाले जाते हैं। एजेंट के सामने ही ईवीएम सील की जाती है। कोर्ट ने भी कहा कि ईवीएम हैक नहीं की जा सकती। ईवीएम की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी है। राजीव कुमार ने आगे कहा कि ईवीएम में अवैध वोट डालने की संभावना नहीं है। ईवीएम फुलप्रूफ डिवाइस है। इसे मतदान के बाद सील कर दिया जाता है और इसमें वायरस नहीं जा सकता।

शाम 5 बजे के बाद वोट फीसदी बढ़ने के बारे में क्या बोले

मुख्य चुनाव आयुक्त ने पत्रकारों से बात करते हुए यह भी कहा कि आखिर शाम 5 बजे के बाद कहां वोट फीसदी बढ़े, हमें भी जानकारी दी जाए। हम उसकी तहकीकात करेंगे। राजीव कुमार ने कहा कि अब चुनाव में अक्सर ये सवाल उठाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वोटर टर्न आउट पर भी सवाल उठ रहे हैं। वोटर्स में मिस मैच हो गया, पहले तो ये कहा गया। यहां तक कि गिनती में ज्यादा-कमी दिखाई गई और काउंटिंग स्लो कर दिया गया, ये भी सवाल उठाया गया। राजीव कुमार ने कहा कि इन सबका आज स्पष्टीकरण जरूरी है। उन्होंने कहा कि देश भर में करीब 10.5 लाख बूथ हैं। हर बूथ पर 4 से 5 पोलिंग ऑफिसर्स होते हैं। अगर इनको जोड़ें तो करीब 45-50 लाख लोग हो जाते हैं। ये सभी लोग उसी राज्य के होते हैं, वहीं के होते हैं और अलग-अलग स्किल के होते हैं। उन्होंने कहा कि जिस तरह के सवाल उठाये जा रहे हैं उससे लगता है इतने सारे लोग कोई गड़बड़ी करने के लिए वहां बैठे होते हैं। लेकिन ऐसा संभव नहीं। वहां सभी दलों के प्रतिनिधि होते हैं।

वोटर लिस्ट पर क्या बोले सीईसी

राजीव कुमार ने कहा कि वोटर की संख्या को लेकर सवाल उठाए गए। उन्होंने कहा कि वोटर लिस्ट पूरी प्रक्रिया से तैयार कराई जाती है। किसी का भी वोट बिना प्रक्रिया के नहीं कटवाया जा सकता है। सीईसी ने कहा कि चुनाव में पारदर्शिता हमारी प्राथमिकता है। ईवीएम फुलप्रूफ डिवाइस है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस बात को माना है। कोर्ट ने यह कहा है कि ईवीएम हैक नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि वोटिंग के बाद ईवीएम सील हो जाती है। यह सील पोलिंग एजेंट के सामने लगाई जाती है। ईवीएम में वायरस नहीं आ सकता है। उन्होंने कहा कि ईवीएम की बैटरी भी सील कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि ईवीएम में अवैध वोट की आशंका नहीं है।

दिल्ली में 5 फरवरी को वोटिंग, मतों की गिनती 8 को

#delhichunavdate_2025

दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर चुनावों का एलान हो गया है। दिल्ली में एक चरण में पांच फरवरी को मतदान होगा। आठ फरवरी को मतगणना होगी।इलेक्शन कमीशन के मुखिया चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शेड्यूल जारी किया। चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने तारीखों की घोषणा के साथ आयोग पर लगे कई तरह के आरोपों पर भी जवाब दिया।

'दिल्ली चुनाव का पूरा कार्यक्रम'

दिल्ली में वोटिंग कब- 5 फरवरी

दिल्ली चुनाव का रिजल्ट कब- 8 फरवरी

अधिसूचना जारी कब होगी- 10 जनवरी

'उम्मीद है दिल्ली दिल से वोट करेगी'

चुनाव की तारीखों का ऐलान करते हुए मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार नेउम्मीद जताई कि आने वाले समय में लोकतंत्र मजबूत होता रहेगा। 2024 दुनिया भर में चुनाव का साल रहा। लोकसभा में रिकॉर्ड मतदान हुआ। नया साल दिल्ली के चुनावों से शुरू हो रहा है। कहा कि हमें उम्मीद है दिल्ली दिल से वोट करेगी।

'13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ'

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि 13 हजार से ज्यादा पोलिंग बूथ हैं। दिल्ली में कुल एक करोड़ 55,24,858 मतदाता हैं। इसमें पुरुष मतदाता 85,49,645 हैं, जबकि 71,73,952 महिला मतदाता हैं। दिल्ली में दो लाख फर्स्ट वोटर हैं।

ब्रिक्स में शामिल हुआ दुनिया का सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश, पाकिस्तान के सपनों पर फिरा पानी

#indonesiabecomefullmemberof_brics

दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं के औपचारिक समूह ब्रिक्स में देशों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अब ब्रिक्स में एक और देश शामिल हो गया है। दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया ब्रिक्स का पूर्ण सदस्य बन गया है। इंडोनेशिया सोमवार को ब्रिक्स समूह का दसवां पूर्ण सदस्य बन गया। इसका ऐलान 2025 तक ब्रिक्स की अध्यक्षता करने वाले ब्राजील ने किया है।

ब्राजील ने की घोषणा

ब्रिक्स के मौजूदा अध्यक्ष ब्राजील ने मंगलवार को इस बात का ऐलान किया कि इंडोनेशिया ब्रिक्स समूह का पूरी तरह से सदस्य बन गया है। ब्राजील के आधिकारिक बयान में कहा गया है, ब्राजील सरकार ब्रिक्स में इंडोनेशिया के प्रवेश का स्वागत करती है। ब्राजील ने कहा कि 2023 में जोहान्सबर्ग शिखर सम्मेलन में ब्लॉक के सदस्यों ने इंडोनेशिया की उम्मीदवारी का समर्थन किया था। जिसके बाद इंडोनेशिया को समूह में शामिल करने का फैसला लिया गया।

पाकिस्तान को लगा झटका

इंडोनेशिया का ब्रिक्स में आना पाकिस्तान के लिए झटके की तरह है। दरअसल पाकिस्तान नहीं चाहता था कि दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम आबादी वाला देश इंडोनेशिया इस ग्रुप में आए। इसके उलट पाकिस्तान खुद ब्रिक्स में आने की जुगत में लगा था। इसके लिए वह चीन को भी रिझा रहा था। साल 2023 में पाकिस्तान ने ब्रिक्स की सदस्यता के लिए आवेदन किया था। पाकिस्तान को उम्मीद थी कि ब्रिक्स के सदस्य उसकी सदस्यता को मंजूरी देंगे। लेकिन उसे अब निराशा हाथ लगी है। ब्रिक्स का दरवाजा उसके लिए नहीं खुला और इंडोनेशिया को एंट्री मिल गई।

पाकिस्तान के लिए क्यों मुश्किल है सदस्यता?

ब्रिक्स की सदस्यता आम सहमति से मिलती है। यानी अगर सभी सदस्य न चाहें तो कोई भी देश ब्रिक्स में शामिल नहीं हो सकता है। जाहिर तौर पर भारत ने इंडोनेशिया की सदस्यता का समर्थन किया। भारत इसमें शामिल है जो पाकिस्तान के लिए हमेशा चिंता की बात रही है। पाकिस्तानी मीडिया हर बार यह कहता रहा है कि भारत उसकी सदस्यता ब्लॉक कर रहा है।

कई देश चाहते हैं ब्रिक्स की सदस्यता

साल 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर इस ग्रुप की स्थापना की थी। साल 2010 में दक्षिण अफ्रीका इसमें शामिल हुआ था। पिछले साल इस समूह में मिस्र, ईरान, इथियोपिया और यूएई को शामिल किया गया था। सऊदी अरब को भी इसमें शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है, लेकिन अभी तक वह इसमें शामिल नहीं हुआ है। तुर्की, अजरबैजान और मलेशिया ने औपचारिक रूप से सदस्यता के लिए आवेदन किया है। कुछ और देश भी इसमें रुचि दिखा रहे हैं।

ब्रिक्स को अमेरिका एक पश्चिम विरोधी गुट के तौर पर देखता है। ऐसा इसलिए क्योंकि हाल के वर्षों में रूस और चीन डॉलर का विकल्प खोजने में लगे हैं। वह ब्रिक्स की करेंसी बनाना चाहते हैं।

भारत पर लगे परमाणु प्रतिबंध हटाएगा अमेरिका, 26 साल बाद क्यों पड़ा ढीला?

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बाइडेन सरकार के अंतिम दिनों में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन भारत दौरे पर हैं। इस बीच अमेरिका के साथ भारत के बढ़ते रिश्तों को लेकर एक अच्छी खबर है। भारत दौरे पर आए अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने ऐलान किया कि पोखरण परीक्षण के बाद जो पाबंदियां लगी थीं, उन्हें हटाया जाएगा। इसका उद्देश्य भारत के साथ ऊर्जा संबंधों को मजबूत करना और 20 साल पुराने ऐतिहासिक परमाणु समझौते को नई रफ्तार देना है। सुलिवन ने यह घोषणा विदेश मंत्री एस. जयशंकर और एनएसए अजित डोभाल के साथ अलग-अलग वार्ता के कुछ घंटों बाद की।

अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने भारत-अमेरिका परमाणु समझौते में आ रही परेशानियों को दूर करने की बात कही है। उन्होंने कहा, क़रीब बीस साल पहले पूर्व राष्ट्रपति बुश और भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने असैनिक परमाणु समझौते की एक दूरदर्शी सोच की नींव रखी थी, जिसे हमें अब पूरी तरह हक़ीकत बनाना है। उन्होंने कहा, हम प्रदूषण रहित ऊर्जा तकनीक पर काम कर रहे हैं, ताकि हम ऑर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के विकास को सक्षम बना सकें और भारत और अमेरिका की ऊर्जा कंपनियों को उनकी नई तकनीक के विस्तार में मदद कर सकें। सुलिवन ने कहा, मैं आज यह घोषणा कर सकता हूं कि अमेरिका अब लंबे समय से मौजूद उन रुकावटों को हटाने में लगा हुआ है जिसने भारत के बड़े परमाणु ऊर्जा प्रतिष्ठानों और अमेरिकी कंपनियों के बीच परमाणु सहयोग को रोक रखा है।

अमेरिकी वाणिज्य विभाग ने 1998 के परमाणु परीक्षणों के बाद कई भारतीय संस्थानों पर प्रतिबंध लगाए थे। भारत ने 11 और 13 मई 1998 को राजस्थान के पोखरण में परमाणु परीक्षण किए। इस परीक्षण को ऑपरेशन शक्ति के नाम से जाना गया था। हालांकि इसके बाद कई देशों ने भारत पर आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए। अमेरिका अमेरिका ने तब 200 से अधिक भारतीय संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा दिए।

हालांकि, समय के साथ कई प्रतिबंध हटा लिए गए, 2010 में दोनों देशों के बीच परमाणु सहयोग को लेकर समझौता भी हुआ था। लेकिन अभी भी भारत के कुछ रिएक्टर, परमाणु ऊर्जा संयंत्र और परमाणु ऊर्जा विभाग की इकाइयां इस सूची में हैं।

अब सुलिवन के बयान से संकेत मिलता है कि इन प्रतिबंधों को हटाने पर गंभीरता से काम हो रहा है। सुलिवन की यह यात्रा अमेरिका और भारत के बीच रणनीतिक सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित है। यह सहयोग खासतौर पर रक्षा, अंतरिक्ष और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसे क्षेत्रों में बढ़ रहा है।

भारत अपनी ऊर्जा की बड़े पैमाने पर आपूर्ति परमाणु बिजली घरों के जरिए करता है। 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश द्वारा हस्ताक्षरित एक समझौते के तहत अमेरिका को भारत को असैन्य परमाणु प्रौद्योगिकी बेचने की अनुमति दी गई थी। लेकिन इसकी शर्तें ऐसी थीं कि इसमें अड़चन आती रही, ये लागू नहीं हो सका। जिन नियमों के कारण इस समझौते में अड़चन आ रही थी, अब अमेरिका उन्हें हटाने की बात कर रहा है।

राजनीतिक और कूटनीतिक संदर्भ

यह दौरा बाइडेन प्रशासन के आखिरी बड़े भारत दौरे के रूप में देखा जा रहा है। सुलिवन ने बताया कि भारत-अमेरिका साझेदारी की अमेरिका की क्षेत्रीय और वैश्विक प्राथमिकताओं में केंद्रीय भूमिका है।

परमाणु व्यापार प्रतिबंध हटने से भारत के ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी प्रगति हो सकती है। 2019 में दोनों देशों ने भारत में छह अमेरिकी परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने पर सहमति जताई थी। यह परियोजना अब तेज हो सकती है। भारत में ऊर्जा की बढ़ती मांग को देखते हुए, अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों के जरिए परमाणु ऊर्जा का दोहन महत्वपूर्ण है।

भारत के परमाणु ऊर्जा क्षेत्र अभी तक कड़े कानूनों और बाधाओं से जूझ रहे हैं। उन्हें इस कदम से नई दिशा मिल सकती है। इससे न सिर्फ ऊर्जा क्षेत्र में सहयोग बढ़ेगा, बल्कि तकनीक, रक्षा और वैश्विक सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भी रिश्ते मजबूत होंगे।

क्यों नरम पड़ा अमेरिका?

दरअसल परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में भारत लगातार बेहतर कर रहा है। अमेरिका को अच्छी तरह मालूम है कि भारत के साथ मिलकर काम करने पर उसको फायदा होगा। क्योंकि अब ऊर्जा से लेकर अंतरिक्ष तक के कई सेक्टर ऐसे हैं, जहां दोनों देशों को एक दूसरे की जरूरत है। अमेरिकी और भारतीय कंपनियों को अगली पीढ़ी की सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों के निर्माण के लिए मिलकर काम करते देखेंगे। साथ ही अमेरिकी और भारतीय अंतरिक्ष यात्री मिलकर अत्याधुनिक अनुसंधान और अंतरिक्ष अन्वेषण करेंगे। फिर अमेरिका भारत में बड़ा निवेश कर रहा है। उसी तरह भारत ने अमेरिकी निवेश में भूमिका निभाई है। पिछले दो दशकों में दोनों देश करीब आए हैं। कुछ अनुमानों के अनुसार अमेरिका में भारतीय निवेश ने 4,00,000 नौकरियां पैदा की हैं।