*भदोही में दो सीज, दो की चल रही जांच, आठ पर लटकी तलवार* *जिले के विभिन्न स्थानों पर वर्तमान में 44 अल्ट्रासाउंड सेंटर हो रहे संचालित*
रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव
भदोही। स्वास्थ्य विभाग के मानकों पर खरे न उतरने वाले जिले के अल्ट्रासाउंड सेंटरों को सीज किया जायेगा। विभाग पहले ही दो अल्ट्रासाउंड सेंटर सीज कर चुका है। वहीं दो अन्य की जांच की जा रही है। इसके अलावा आठ संचालकों ने नवीनीकरण के आवेदन किया है। अगर यहां भी मानक की अनदेखी मिलती है तो जांच के बाद कमियां मिलने पर इन्हें भी बंद कराया जाएगा। जिले में कुल 44 अल्ट्रासाउंड सेंटर चल रहे हैं। वहीं आठ अल्ट्रासाउंड का पंजीकरण समाप्त हो चुका है। जिसके संचालकों ने विभाग में नवीनीकरण को लेकर आवेदन किया है। विभाग के अनुसार अल्ट्रासाउंड का नवीनीकरण के पहले उसकी बकायदा जांच की जा रही है।जांच में खरा न उतरने पर उनके लाइसेंस को निरस्त कर दिया जाता है। विभाग ने दो लाइसेंस पहले ही निरस्त कर दिये हैं। इसके अलावा गोपीगंज में अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालक ने लाइसेंस सरेंडर कर दिया है। इसके बाद से सेंटर बंद है। वहीं भदोही में जिलाधिकारी के निर्देश पर मशीन जब्त करके सेंटर बंद किया गया है। इसी तरह भदोही और कोईरौना सेंटर के प्रबंधक द्वारा बार-बार आदेशों का उल्लंघन किया जा रहा है। इसे लेकर विभागीय स्तर से जांच की जा रही है। अगर कार्यप्रणाली में सुधार नहीं आती है तो इसे भी बंद करने की कार्रवाई होगी। अल्ट्रासाउंड सेंटर को लेकर महकमा सख्त है। जिले में कई ऐसे सेंटर है, जो एक ही व्यक्ति के नाम पर दो सेंटर संचालित हो रहे हैं। इसके प्रबंधक अलग अलग है, लेकिन सोनोलॉजिस्ट एक ही है। सवाल यह है कि सोनोलॉजिस्ट एक ही समय कैसे दोनों सेंटरों पर मरीज का अल्ट्रासाउंड करता है। यानी किसी न किसी सेंटर पर अप्रशिक्षित मरीजों की रिपोर्ट तैयार करते हैं। ऐसे सेंटर ज्ञानपुर, गोपीगंज में संचालित है ।जिसे लेकर महकमा अनजान बना हुआ है। जिले में कुल 44 अल्ट्रासाउंड सेंटर क्रियाशील है। आठ सेंटर की वैधता तिथि सन 2024 में समाप्त हो गई है। हर तीन महीने में जांच हर तीन महीने में एक बार अल्ट्रासाउंड सेंटर की जांच की जाती है। टीम में अल्ट्रासाउंड के नोडल, एसडीएम और सीएचसी अधीक्षक होते हैं। इन्हीं के नेतृत्व में एक - एक सेंटर की जांच की जाती है। यह जांच औचक होती है। इसकी जानकारी विभागीय अधिकारी को भी नहीं होती है। इसकी रिपोर्ट डीएम का भेजी जाती है। अल्ट्रासाउंड के मानक सोनोलॉजिस्ट ही अल्ट्रासाउंड करें सेंटर पर सीसीटीवी कैमरा लगा होना चाहिए सोनालाॅजिस्ट रोजाना सेंटर पहुंचे और प्रसूता का अल्ट्रासाउंड करें सेंटर पर पंजीकरण नंबर होना अनिवार्य है । जांच में गड़बड़ी मिलने पर साल भर में दो अल्ट्रासाउंड सेंटर के लाइसेंस सरेंडर कर दिए गए हैं। दो प्रबंधक आदेशों का उलंघन किए हैं,इसे लेकर जांच चल रही है। वहीं जो नवीकरणीय को आवेदन है। उनकी भी जांच होगी। डॉ संतोष कुमार चक मुख्य चिकित्साधिकारी भदोही
Jan 06 2025, 17:37