दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतरी अजित पवार की पार्टी, बीजेपी से अलग लड़ेगी चुनाव, इन 11 सीटों पर उतारे उम्मीदवार

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दिल्ली चुनाव से पहले अजित पवार की नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने भी बिगुल फूंक दिया है। महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ चुनाव लड़ने के बावजूद दिल्ली में एनडीए के घटक दल एनसीपी ने अलग चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसके साथ ही अजित पवार की पार्टी एनसीपी ने दिल्ली में होने जा रहे विधानसभा चुनाव को लेकर अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।

एनसीपी के राष्ट्रीय महासचिव और मुख्य राष्ट्रीय प्रवक्ता बृजमोहन श्रीवास्तव ने दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों में से 11 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया। उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की।एनसीपी के संसदीय बोर्ड की मंजूरी के बाद पहले चरण में 11 प्रत्याशियों के नाम की घोषणा की गई है।

प्रत्याशियों के नाम इस प्रकार हैः-

1.बुराड़ी से रतन त्यागी

2.बादली से मुलायम सिंह

3.मंगलोपुरी से खेम चंद

4.चांदनी चौक से खालिदुर्रहमान

5.बल्लीमारान से मोहम्मद हारून

6.छतरपुर से नरेंद्र तंवर

7.संगम विहार से कमर अहमद

8.ओखला से इमरान सैफी

9.लक्ष्मीनगर से नमाहा

10. सीमापुरी से राजेश लोहिया

11. गोकुलपुरी से जगदीश भगत

पिछले दिनों एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा था कि उनकी पार्टी पहले भी दिल्ली में चुनाव लड़ती रही है और इस बार भी चुनाव लड़ेगी। उन्होंने यह भी कहा था कि गठबंधन के लिए एनडीए से भी चर्चा की जाएगी। हालांकि जिस प्रकार एनसीपी ने अपने प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कि उससे जाहिर हो गया कि वह बीजेपी के साथ मिलकर यह चुनाव नहीं लड़ रही है।

बता दें कि दिल्ली में कुल 70 विधानसभा सीट हैं, जिसमे आम आदमी पार्टी ने सभी 70 विधानसभा सीटों पर अपनी उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है। वहीं कांग्रेस ने अपनी दो उम्मीदवारों की लिस्ट में 47 उम्मीदवारों का ऐलान अबतक किया है बाकी उम्मीदवारों का ऐलान होना अभी बाकी है। वही अवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मुस्तफाबाद से दिल्ली दंगे के आरोपी ताहिर हुसैन को चुनावी मैदान में उतारा है। इसके साथ ही एनसीपी ने दिल्ली विधान सभा चुनाव के लिए अपने 11 प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है।

जगजीत सिंह डल्लेवाल पर सुप्रीम कोर्ट की पंजाब सरकार को फटकार, 31 दिसंबर तक अस्पताल भेजने का दिया समय

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सुप्रीम कोर्ट ने अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल की सेहत को लेकर पंजाब सरकार को जमकर फटकार लगाई है। खनूरी बॉर्डर पर किसान नेता जगजीत डल्लेवाल के आमरण अनशन वाले मामले में सुप्रीम कोर्ट की बेंच सुनवाई की। अदालत ने डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताई और राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसान नेता को चिकित्सा सहायता दी जाए। कोर्ट ने डल्लेवाल को अस्पताल ले जाने के लिए पंजाब सरकार को 31 दिसंबर तक का समय दिया है।

न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की अवकाशकालीन पीठ ने इस मामले में सुनवाई करते हुए पंजाब सरकार को डल्लेवाल को चिकित्सकीय सहायता प्रदान करने के अपने पूर्व आदेशों का पालन ना करने पर फटकार लगाई। किसान नेता 26 नवंबर से ही अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे हैं। उनकी स्वास्थ्य स्थिति बिगड़ रही है। अदालत ने डल्लेवाल की बिगड़ती सेहत पर चिंता जताई और राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह यह सुनिश्चित करे कि किसान नेता को चिकित्सा सहायता दी जाए। हालांकि, अदालत जगजीत सिंह डल्लेवाल को अस्पताल में भर्ती करने के राज्य के प्रयासों से असंतुष्ट है। अदालत ने किसान नेता को अस्पताल में भर्ती कराने के लिए मनाने के लिए 31 दिसंबर का समय दिया है।

पंजाब सरकार ने कहा कि अगर दल्लेवाल को अस्पताल में स्थानांतरित किया गया तो किसान विरोध कर सकते हैं। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मांगों के लिए आंदोलन करना लोकतांत्रिक तरीका है लेकिन किसी को अस्पताल ले जाने से रोकने के लिए आंदोलन करना कभी नहीं सुना। यह आत्महत्या के लिए उकसाने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि पहले आप समस्याएं पैदा करते हैं और फिर कहते हैं कि आप कुछ नहीं कर सकते।

कोर्ट ने पंजाब सरकार की ओर से पेश वकील से कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे आप हलफनामे के जरिए किसानों की बातों का समर्थन कर रहे हैं। इसके अलावा कोर्ट ने ये भी कहा कि हमें उन किसानों की नीयत पर शक है, जो डल्लेवाल को चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने में बाधा डाल रहे हैं।

डल्लेवाल के स्वास्थ्य और जीवन की चिंता करते हुए अदालत ने पंजाब सरकार को उन्हें चिकित्सकीय सहायता सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। अदालत ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक के खिलाफ अवमानना याचिका पर नोटिस भी जारी किया है। न्यायालय ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार को डल्लेवाल को अस्पताल स्थानांतरित करने के उसके निर्देशों का पालन करना होगा।

दिल्ली एलजी ने 'महिला सम्मान योजना' की जांच के दिए आदेश, आप का बीजेपी पर पलटवार

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दिल्ली में महिला सम्मान योजना को लेकर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। इस योजना को लेकर अब आप की मुश्किलें बढ़ती दिखाई दे रही हैं। एलजी सचिवालय ने महिला सम्मान योजना के जांच के आदेश दिए हैं। एलजी सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव को इस संबंध में निर्देश दिए हैं। इस जांच में पता लगाया जाएगा कि किस आधार पर दिल्ली में रजिस्ट्रेशन का काम हो रहा है।

हाल ही में आम आदमी पार्टी ने महिला सम्मान योजना का ऐलान किया था. पार्टी की ये योजना विवादों में है। इस योजना के तहत महिलाओं को हर महीने 2100 रूपये दिए जाएंगे। इस योजना के लिए रजिस्ट्रेशन कार्यक्रम इस समय चल रहा है। अब उपराज्यपाल ने इसी योजना के संबंध में जांच के आदेश दे दिए हैं। उपराज्यपाल ने पूछा कि दिल्ली में महिला सम्मान योजना को लेकर जो रजिस्ट्रेशन का काम हो रहा है, वह किन नियमों के आधार पर हो रहा है। इस बात को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल ने जांच के आदेश दिए हैं। इस काम के लिए डिविजनल कमिश्नर को जांच का जिम्मा सौंपा गया है।

केजरीवाल ने बीजेपी पर बोला हमला

अरविंद केजरीवाल ने एलजी द्वारा 'महिला सम्‍मान योजना' की जांच करने के आदेश पर बीजेपी को घेरते हुए कई आरोप लगाए। प्रेस कॉन्‍फ्रेंस कर केजरीवाल ने कहा, बीजेपी वाले आपकी संजीवनी योजना और महिला सम्‍मान योजना को बंद करा देंगे। आपके मोहल्ला क्‍लीनिक बंद कर देंगे, स्कूलों का कबाड़ा कर देंगे। फ्री शिक्षा बंद कर देंगे। बीजेपी दिल्ली चुनाव सब कुछ बंद करने के लिए लड़ रही है। बीजेपी वाले महिला सम्मान योजना बंद करना चाहते हैं। ये नहीं चाहते कि महिलाओं का भला हो। ये सभी योजनाओं को बंद कर देगी।

रजिस्ट्रेशन कर लोगों को गुमराह करने के लगे आरोप

इससे पहले दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग और स्वास्थ्य विभाग ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की महिलाओं व बुजुर्गों से जुड़ी संजीवनी और मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजनाओं से दूरी बनाते हुए लोगों को सतर्क किया था। महिला एवं बाल विकास विभाग ने विज्ञापन जारी कर कहा कि ऐसी योजना नहीं हैं। रजिस्ट्रेशन कर लोगों को गुमराह किया जा रहा है। विज्ञापन जारी कर लोगों से आग्रह किया है कि अपनी जानकारी साझा करने से बचें। दिल्ली सरकार के महिला और स्वास्थ्य विभाग ने महिला सम्मान योजना और संजीवनी योजना को लेकर कहा है कि ये योजनाएं उनके पास अधिसूचित नहीं हैं। अधिसूचित होने पर दिल्ली सरकार स्वयं इसके लिए पोर्टल शुरू करेगी और पंजीकरण कराएगी।

पंचतत्व में विलीन हुए पूर्व पीएम मनमोहन सिंह, राजकीय सम्मान के साथ दी गई आखिरी विदाई

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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का अंतिम संस्‍कार पूरे राजकीय सम्‍मान के साथ कर दिया गया है, वह पंचतत्व में विलीन हो गए हैं। दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। मनमोहन सिंह की बेटी ने उन्हें मुखाग्नि दी। मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और पीएम नरेंद्र मोदी समेत कांग्रेस के सभी वरिष्‍ठ नेता भी मौजूद रहे।

निगम बोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को सलामी दी गई। पीएम मोदी ने निगम बोध घाट पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा अमित शाह, राजनाथ सिंह, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला, जेपी नड्डा, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे समेत कई नेताओं ने पूर्व पीएम को श्रद्धांजलि दी।

मनमोहन सिंह के पार्थिव शरीर को आज सुबह साढ़े आठ बजे के लगभग कांग्रेस मुख्‍यालय में अंतिम दर्शन के लिए लाया गया, जहां कांग्रेस अध्‍यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने उन्‍हें श्रद्धांजलि दी। मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा कांग्रेस मुख्‍यालय 24 अकबर रोड से निगमबोध घाट के लिए निकली। पार्थिव शरीर के साथ मुख्‍य वाहन में राहुल गांधी भी बैठे नजर आए। कांग्रेस मुख्यालय से निगमबोध घाट तक उनकी अंतिम यात्रा शुरू हुई, तो इस दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ता ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, मनमोहन आपका नाम रहेगा' और ‘मनमोहन सिंह अमर रहें' नारे लगाते रहे।

दुख की घड़ी में राजनीति से बचना चाहिए', डॉ. मनमोहन सिंह के स्मारक के मुद्दे पर कांग्रेस को बीजेपी की नसीहत

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के स्मारक के लिए स्थान आवंटन को लेकर देश में सियासी पारा बढ़ा हुआ है। कांग्रेस और सरकार आमने-सामने आ गई है। जहां, कांग्रेस पूर्व प्रधानमंत्री का अपमान करने का आरोप लगा रही है। वहीं भाजपा ने विपक्ष पर मामले में राजनीति करने का आरोप लगाया है। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह की समाधि को लेकर जारी घमासान के बीच बीजेपी ने कांग्रेस को राजनीति से बचने की नसीहत दी है।

भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह जी के निधन के बाद पूरा देश शोक में है। देश के आर्थिक विकास की आधारशिला रखने वाले व्यक्तित्वों को उचित सम्मान देने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। इसी के मद्देनजर कल कैबिनेट ने अपनी बैठक में निर्णय लिया कि मनमोहन सिंह जी की स्मृति में एक स्मारक और समाधि बनाई जाएगी। इस प्रक्रिया में जो भी समय लगेगा, यह बात कांग्रेस पार्टी को बता दी गई है।

सुधांशु त्रिवेदी ने आगे कहा कि सरकार ने स्मारक बनाने का फैसला लिया है। अब भूमि अधिग्रहण ट्रस्ट और भूमि हस्तांतरण की प्रक्रियाएं पूरी होने के बाद, इसमें जो भी समय लगेगा, जितना भी समय लगेगा, यह काम हो जाएगा। लेकिन, यह बहुत दुख की बात है कि कांग्रेस पार्टी जिसने कभी भी डॉ. मनमोहन सिंह को उनके जीवनकाल में सम्मान नहीं दिया। आज उनकी मृत्यु के बाद भी उनके सम्मान का राजनीतिकरण किया जा रहा है। कम से कम आज दुख की इस घड़ी में राजनीति से बचना चाहिए।

बता दें कि कांग्रेस की मांग है कि जिस जगह पर मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार हो, वहीं पर उनकी समाधि बनाई जाए। जब कि सरकार का कहना है कि उनका अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया जाएगा। समाधि और स्मारक स्थल के लिए भी जगह जल्द आवंटित कर दी जाएगी. जगह देने में हो रही देरी को लेकर कांग्रेस सरकार पर लगातार हमलावर है।

पहाड़ों पर बर्फबारी, हजारों सैलानी फंसे, सड़कों पर लगा लंबा जाम

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पहाड़ों पर खूब बर्फबारी हो रही है। कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश-उत्तराखंड तक बर्फ की चादर बिछ चुकी है। नए साल से पहले बड़ी संख्या में पर्यटक कश्मीर के अलग-अलग इलाकों में बर्फबारी का मजा लेने पहुंचे है। हिमाचल में शुक्रवार सुबह से रुक-रुक कर हिमपात व वर्षा का क्रम जारी रहा। रोहतांग, शिंकुला व बारालाचा दर्रे में दो-दो फीट हिमपात हुआ जबकि मनाली में ओले गिरे हैं। कुफरी व नारकंडा में करीब दो से तीन इंच, जबकि चौपाल के कई क्षेत्रों में चार से पांच इंच तक हिमपात दर्ज किया है। बर्फबारी के चलते भीषण जाम लग रहा है। हजारों की संख्या में लोग जाम में फंस गए हैं।

बर्फबारी के चलते सड़क पर फिसलन बढ़ गई है, जिसके चलते ऐतिहातन वाहनों की आवाज आई बंद कर दी गई है। पर्यटन नगरी मनाली के साथ लगते पलचान, सोलंगनाला और अटल टनल की ओर शाम से बर्फबारी भारी बर्फबारी हो रही है। इसके चलते सोलंगनाला की ओर घूमने गए सैलानियों के वाहन फंस गए हैं।

हिमपात के कारण अटल टनल रोहतांग पर्यटकों के लिए बंद कर दी है। लाहुल घाटी में हिमपात के कारण बस सेवा बंद हो गई है। कल्पा में तीन, कुफरी में दो, मनाली में पांच, शिमला, ऊना, नाहन व कांगड़ा में दो-दो, जुब्बड़हट्टी व डलहौजी में तीन-तीन मिलीमीटर वर्षा हुई है।

मौसम विभाग की ओर से आज बारिश और बर्फबारी को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। लाहौल और स्पीति, किन्नौर, शिमला मंडी, कांगड़ा और चंबा के कई हिस्सों में बर्फबारी, जबकि निचले हिस्सों में बारिश की संभावना जताई गई। वहीं बर्फबारी के बाद ठंड में भी इजाफा हुआ है। मौसम विभाग ने आगामी दो दिन के लिए पर्यटकों को जोखिम वाले व हिमस्खलन संभावित स्थानों का रुख न करने को कहा है। विभाग ने अगले 24 घंटे के दौरान कुल्लू, शिमला व मंडी में हिमपात, सोलन, ऊना व बिलासपुर में ओले पड़ने की संभावना जताई है।

मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा शुरू, पीएम मोदी भी जाएंगे निगम बोध घाट

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पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का आज राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। नई दिल्ली के निगमबोध घाट पर उन्हें अंतिम विदाई दी जाएगी। उनके पार्थिव शरीर को कांग्रेस मुख्यालय लाया गया। यहां उनके पार्थिव शरीर को अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। इसके बाद पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का पार्थिव शरीर कांग्रेस दफ्तर से निगम बोध घाट ले जाया जा रहा है। उनकी अंतिम यात्रा शुरू हो गई है। उनकी गाड़ी के पीछे सैकड़ों लोग उमड़ चुके है। बड़ी संख्या में लोग पार्थिव शरीर ले जा रही गाड़ियों के पीछे चल रहे हैं।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री निगम बोध घाट जाएंगे। सीडीएस और तीनों सेना के अध्यक्ष इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। इसके अलावा लोकसभा स्पीकर, रक्षा राज्य मंत्री, रक्षा सचिव, कैबिनेट सचिव, रक्षा सचिव, गृह सचिव भी शामिल होंगे।

मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार दिल्ली के निगम घाट पर किया जाएगा। घाट के आसपास के एरिया को दिल्ली पुलिस ने सुरक्षित कर लिया है। चप्पे-चप्पे पर पुलिस के जवान तैनात हैं। अंतिम संस्कार को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एडवाजरी जारी किया था। दिल्ली पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा निगम बोध घाट पर जायजा लेने पहुंचे हैं।

जब बाबा का निधन हुआ, कांग्रेस ने...,मनमोहन सिंह स्मारक विवाद के बीच छलका प्रणब मुखर्जी की बेटी का दर्द

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देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का आज अंतिम संस्कार किया जाएगा। मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया था।पूर्व पीएम के निधन के बाद कांग्रेस पार्टी की ओर से कांग्रेस मुख्यालय पर कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक हुई। इस बैठक में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि दी गई। इस बैठक के बाद पूर्व राष्ट्रपति और कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी का दर्द छलका है। शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कांग्रेस की आलोचना करते हुए एक पोस्ट किया, जिसमें उन्होंने लिखा कि उनके पिता और पूर्व राष्ट्रपति के निधन पर कांग्रेस ने एक शोक सभा आयोजित करने की जहमत भी नहीं उठाई थी।

शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल के जरिए एक पोस्ट करते हुए कहा कि जब बाबा (प्रणब मुखर्जी) का निधन हुआ तो कांग्रेस ने सीडब्ल्यूसी की शोक सभा बुलाने की भी जहमत नहीं उठाई। एक वरिष्ठ नेता ने मुझसे कहा कि चार राष्ट्रपतियों के साथ ऐसा नहीं हुआ है। यह बिल्कुल बकवास है जैसा कि मुझे बाद में बाबा की डायरियों से पता चला कि केआर नारायणन के निधन पर, सीडब्ल्यूसी की मीटिंग बुलाई गई थी और उसके लिए जो शोक संदेश था उसे बाबा द्वारा तैयार किया गया था।

सीआर केशवन के एक पोस्ट पर शर्मिष्ठा मुखर्जी ने रखी बात

शर्मिष्ठा मुखर्जी की ओर से यह बात बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सीआर केशवन के एक पोस्ट पर कही गई है। बीजेपी नेता ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का एक लेटर शेयर किया है। केशवन ने लिखा है कि यह सचमुच में विडंबना है कि कांग्रेस अध्यक्ष खरगे प्रधानमंत्री को पत्र लिख रहे हैं। खरगे ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों के स्मारक बनाने की परंपरा रही है। किसी को खड़गे जी को याद दिलाना चाहिए कि कैसे कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव जी के लिए दिल्ली में कभी स्मारक नहीं बनाया, जिनका 2004 में निधन हो गया था। उन्होंने आगे कहा कि 2004-2014 तक सत्ता में रहने के 10 वर्षों में कांग्रेस ने उनके लिए कभी कोई स्मारक नहीं बनाया। यह पीएम मोदी जी ही थे जिन्होंने 2015 में नरसिम्हा राव जी के लिए एक स्मारक स्थापित किया और 2024 में उन्हें मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया।

“कांग्रेस नहीं चाहती थी राव का अंतिम संस्कार दिल्ली में हो”

सीआर केशवन ने आगे लिखा है कि मनमोहन जी के मीडिया सलाहकार संजय बारू ने अपनी किताब में दावा किया कि कांग्रेस नहीं चाहती थी कि राव का अंतिम संस्कार दिल्ली में हो, बल्कि हैदराबाद में हो और राव के बच्चों को यह बात बताने के लिए उनसे संपर्क किया गया था। अंतिम संस्कार हैदराबाद में हुआ, राव का शव अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के मुख्यालय में भी नहीं रखा गया। सिद्धांतहीन कांग्रेस के ऐतिहासिक पापों को हमारा देश कभी नहीं भूलेगा और न ही माफ करेगा।

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का बनेगा स्मारक, सरकार ने मान ली कांग्रेस की बात

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पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के अंतिम सफर की तैयारियां शुरू हो गई हैं। मनमोहन की पार्थिव देह पीएम आवास से कांग्रेस मुख्यालय लाई गई है। यहां नेता और कार्यकर्ता उन्हें श्रद्धांजलि देंगे।अंतिम संस्कार दिल्ली के निगमबोध घाट पर होगा। निगमबोध घाट पर मनमोहन सिंह के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस ने नाराजगी जताई है। दरअसल, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी-शाह से मांग की थी कि मनमोहन सिंह का जहां अंतिम संस्कार हो, वहीं स्मारक बनाया जाए। हालांकि, गृह मंत्रालय ने देर रात बताया कि स्मारक की सही जगह तय करने में कुछ दिन लग सकते हैं।

गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि केंद्र सरकार राष्ट्रीय राजधानी में पूर्व पीएम का स्मारक बनाएगी। इस बारे में गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस अध्यक्ष खरगे और मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया है कि सरकार स्मारक के लिए जगह आवंटित करेगी। हालांकि इसमें कुछ वक्त लगेगा। गृहमंत्रालय ने कहा है कि स्मारक बनाने के लिए ट्रस्ट का गठन करना होगा और उसे जगह आवंटित करनी होगी।

कैबिनेट की बैठक के तुरंत बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने खरगे और मनमोहन सिंह के परिवार को सूचित किया कि सरकार स्मारक के लिए स्थान आवंटित करेगी। गृह मंत्रालय ने कहा कि ट्रस्ट का गठन किया जाना है और स्थान आवंटित किया जाना है। इस बीच मनमोहन सिंह का अंतिम संस्कार और अन्य औपचारिकताएं पूरी की जा सकती हैं।

इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री सिंह का अंतिम संस्कार ऐसे स्थान पर किया जाए जहां उनका एक स्मारक बन सके। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंत्येष्टि और स्मारक के लिए सरकार द्वारा स्थान नहीं ढूंढ पाना भारत के पहले सिख प्रधानमंत्री का जानबूझकर किया गया अपमान है। बता दे कि मनमोहन सिंह का बृहस्पतिवार को निधन हो गया था। वह 92 साल के थे।

चीन ने बनाया छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान, अमेरिका ही नहीं भारत की भी बढ़ी टेंशन

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चीन लगातार अपनी सैन्य शक्ति मजबूत करने में जुटा है। इस बीच चीन की विमान बनाने वाली दो कंपनियों ने गुरुवार को 24 घंटे से भी कम समय में स्टील्थ (राडार से छुपने वाले) लड़ाकू विमानों के प्रदर्शनकारी मॉडल दिखाए। इन दोनों फाइटर जेट के डिजाइन साधारण जेट के डिजाइन से बिल्कुल अलग हैं। इसे छठी पीढ़ी का फाइटर जेट बताया जा रहा है। इसको इस तरह डिजाइन किया गया है कि पारंपरिक रडार का उपयोग कर इसका पता लगाना लगभग असंभव होगा। चीन ने ऐसे समय में यह लड़ाकू विमान विकसित किया है जब दुनिया के किसी किसी देश के पास छठी पीढ़ी का लड़ाकू विमान नहीं है। अभी इस नए विमान के बारे में बहुत सारी जानकारी गोपनीय रखी गई है।

चीनी सेना आमतौर पर दिसंबर या जनवरी में अपनी नई तकनीक दिखाती है। गुरुवार को लगभग एक ही समय पर दो अलग-अलग मानव-युक्त स्टील्थ फाइटर जेट को उड़ान भरते हुए देखा गया। चेंगदू और शेनयांग कंपनियों के ये अलग-अलग डिजाइन अब तक के सबसे आधुनिक मानव-युक्त लड़ाकू विमानों में से एक हो सकते हैं।

एआई से लैस है यह विमान

रिपोर्ट के अनुसार, चीन की 6वीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को व्हाइट इंपरर (बैदी) उपनाम दिया गया है। इसकी सटीक क्षमताएं अभी गोपनीय है, लेकिन माना जा रहा है कि इसमें कई अत्याधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया गया है। यह विमान पहले से अधिक स्टील्थ है, जो दुश्मन के रडार को नाकाम कर सकती है। इसमें अगली पीढ़ी के एवियोनिक्स सिस्टम लगा हुआ है। इसके अलावा यह भी कहा जा रहा है कि चीन के 6वीं पीढ़ी के विमान में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया गया है, जो बड़ी मात्रा में डेटा को प्रॉसेस करने और वास्तविक समय में युद्ध के हालातों के अनुसार निर्णय लेने में सक्षम होगा

यूएवी के साथ मिलकर काम करेगा यह विमान

चीन के इस नए लड़ाकू विमान की सबसे बड़ी विशेषताओं में इसका मानव रहित हवाई वाहनों(यूएवी)के साथ मिलकर काम करने की क्षमता भी है। यह भविष्य के युद्ध में यूएवी या ड्रोन के साथ मिलकर अपनी घातक क्षमता का प्रदर्शन कर सकता है। इससे चीन को दुश्मन के इलाके में घुसने पर भी जनहानि का सामना नहीं करना होगा। इससे युद्ध में चीन को न सिर्फ सटीक सूचनाएं प्राप्त होंगी, बल्कि स्ट्राइक मिशन और डिफेंस के लिए अपने सैनिकों का इस्तेमाल भी नहीं करना होगा।

अभी पांचवीं पीढ़ी के विमान बनाने में जुटा भारत

ये विमान भारत के लिए बड़ी चुनौती बन सकते हैं। इसलिए भारत को भी इससे निपटने के लिए जल्द से जल्द तैयारी शुरू करनी ही होगी। भारत के पास अभी कोई स्टेल्थ फाइटर जेट नहीं है। मौजूदा वक्त में राफेल सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान हैं। इसको 4.5 पीढ़ी का लड़ाकू विमान बताया जाता है। भारत पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान विकसित करने पर काम कर रहा है। सुरक्षा पर कैबिनेट समिति ने पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान एडवांस्ड मीडियम काम्बैट एयरक्राफ्ट को डिजाइन और विकसित करने के लिए 15 हजार करोड़ रुपये की परियोजना को मंजूरी दी थी