कर्नाटक के बेलगावी में आज कांग्रेस का दो दिवसीय महाधिवेशन, जानें दिल्ली से दूर हो रही ये बैठक क्यों है खास?
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कर्नाटक के बेलगावी में आज से कांग्रेस का दो दिन चलने वाला अधिवेशन शुरू हो रहा है। ये अधिवेशन 1924 में हुए कांग्रेस के 39वें अधिवेशन के 100 साल पूरे होने के मौके पर रखा गया है। बेलगावी में ही 100 साल पहले महात्मा गांधी ने कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता की थी। कांग्रेस का यह ऐतिहासिक अधिवेशन 26 और 27 दिसंबर 1924 को किया गया था। महात्मा गांधी के ज़रिए कांग्रेस अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालने की 100वीं सालगिरह के मौके पर पार्टी वर्किंग कमेटी की एक खास मीटिंग बुलाई है।
कर्नाटक के बेलगावी में दो दिवसीय बैठक में कांग्रेस भाजपा को कई सारी मुद्दों पर घेरने की रणनीति तैयार करने वाली है। इसमें प्रमुख तौर पर आंबेडकर मुद्दे को लेकर भाजपा को घेरने की रणनीति शामिल है।कांग्रेस के महासचिव संगठन केसी वेणुगोपाल ने 24 दिसंबर को कहा था कि बेलगावी में होने जा रही बैठक में डॉ. आंबेडकर के अपमान का मुद्दा जोर-शोर से उठेगा।कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने कहा था कि कांग्रेस गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बीआर आंबेडकर के अपमान के खिलाफ आंबेडकर सम्मान सप्ताह मना रही है। इस मुद्दे का एक ही समाधान है कि गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाए और उन्हें अपनी टिप्पणी के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को बेलगावी में जोरदार तरीके से उठाया जाएगा और भविष्य में इसे आगे बढ़ाने के तरीकों पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में दो प्रस्ताव पारित किए जाएंगे।
कांग्रेस देश में 'नव सत्याग्रह' की शुरुआत करेगी
आज से हो रहे अधिवेशन में कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे, लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी, वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी, सोनिया गांधी समेत लगभग 150 हस्तियों को आमंत्रित किया गया है। कांग्रेस महासविच केसी वेणुगोपाल ने कहा कि इस अधिवेशन में कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक होगी। इसके साथ ही कांग्रेस देश में 'नव सत्याग्रह' की शुरुआत करेगी।
बेलगावी अधिवेशन का भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अहम स्थान
1924 में बेलगावी में हुए अधिवेशन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में एक अहम लम्हे के तौर पर देखा जाता है।इस अधिवेशन के दौरान गांधीजी ने चरखे पर सूत कातने की अपील की और असहयोग का भी ऐलान किया, जो स्वतंत्रता-पूर्व भारत में एक बड़ा आंदोलन बन गया। उस ऐतिहासिक अधिवेशन के मुख्य आयोजक गंगाधर राव देशपांडे थे, जिन्हें कर्नाटक का खादी भगीरथ कहा जाता था। वे बेलगावी में स्वतंत्रता संग्राम के अग्रदूत थे। बेलगावी को उस समय बेलगाम के नाम से जाना जाता था। ऐसा कहा जाता है कि इस अधिवेशन में 70,000 से ज्यादा लोग इकट्ठा हुए थे, जो आजादी से पहले के भारत के लिए इतनी बड़ी संख्या थी कि उस समय तक कभी इकट्ठा नहीं हुई थी। बेलगावी के तिलकवाड़ी में यह अधिवेशन आयोजित किया गया था। इस अधिवेशन की वजह से, विजयनगर साम्राज्य के नाम पर इस इलाके का नाम विजयनगर रखा गया। अधिवेशन में हिस्सा लेने वालों को पानी की आपूर्ति करने के लिए वहां एक कुआं भी खोदा गया था, जिसका नाम पंपा सरोवर रखा गया, जो विजयनगर राजवंश की राजधानी हम्पी की एक ऐतिहासिक जगह है।
Dec 26 2024, 10:42